Teachers guide students to use Class 6 SST NCERT Solutions and Class 6 Social Science Chapter 10 Question Answer in Hindi Medium आधारभूत लोकतंत्र भाग 1 शासन for quick learning.
Class 6th SST Chapter 10 Question Answer in Hindi Medium
Social Science Class 6 Chapter 10 Question Answer in Hindi
कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान पाठ 10 के प्रश्न उत्तर in Hindi आधारभूत लोकतंत्र भाग 1 शासन
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (पृष्ठ 149 )
प्रश्न 1.
‘शासन’ का अर्थ क्या है?
उत्तर:
‘शासन’ का मतलब है किसी विशेष प्रणाली या संगठन के भीतर निर्णय लेने और उन निर्णयों को लागू करने की प्रक्रिया । यह किसी देश, राज्य, समुदाय या किसी संगठन की गतिविधियों, नीतियों और कार्यों का प्रबंधन और नियंत्रण करने का कार्य है। शासन का उद्देश्य समाज या संगठन के विकास, व्यवस्था और शांति को बनाए रखना होता है। इसे सरकार या प्रशासन द्वारा संचालित किया जाता है।
प्रश्न 2.
हमें सरकार की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
सरकार की आवश्यकता समाज में व्यवस्था बनाए रखने, कानूनों का पालन सुनिश्चित करने, लोगों के अधिकारों की रक्षा करने, और सामाजिक-आर्थिक | विकास को बढ़ावा देने के लिए होती है। सरकार देश की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी प्रदान करती हैं, जिससे नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सकें।
प्रश्न 3.
‘लोकतंत्र’ का अर्थ क्या है? यह क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
‘लोकतंत्र’ एक ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार होता है। इसमें सरकार जनता की इच्छा और मतदान के माध्यम से चुनी जाती है। लोकतंत्र महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार प्रदान करता है। यह सत्ता के केंद्रीकरण को रोकता है और सरकारी निर्णयों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करता है।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ 150)
प्रश्न 1.
पृष्ठ 151 पर चित्र 10.1 ( पाठ्यपुस्तक) में दिए गए दो चित्रों के बारे में बताइए। आप उनमें क्या अंतर पाते हैं?
उत्तर:
चित्र में दो चित्र शहरी स्थान ( शहर) में एक व्यस्त सड़क पर यातायात दृश्य का वर्णन करते हैं। हालाँकि, दोनों तस्वीरें प्रकृति में विपरीत हैं, जिसमें चित्र 1 वाहनों के सुचारु प्रवाह को दर्शाता है और चित्र 2 बिना किसी नियम और विनियम के पूर्ण ब्रेकडाउन, अराजकता को दर्शाता है।
यह दृश्य एक व्यस्त सड़क का है, जहाँ वाहनों का प्रवाह सुव्यवस्थित और शांतिपूर्वक चल रहा है। सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की कतारें हैं, लेकिन सभी वाहन एक समान गति से चल रहे हैं और एक- दूसरे से उचित दूरी बनाए रखते हुए रास्ते पर चल रहे हैं । ट्रैफिक सिग्नल और संकेत स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं, और लोग उनका पालन करते हुए, निर्धारित लेन में चलते हैं। सड़क पर ट्रैफिक पुलिस भी तैनात है, जो वाहनों को नियंत्रित करने में मदद कर रही है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम हो गया है। सड़क का यह दृश्य एक आदर्श यातायात व्यवस्था का प्रतीक है, जहाँ सब कुछ व्यवस्थित और नियंत्रित है।
अब वही सड़क एक विपरीत परिप्रेक्ष्य में दिखाई देती है, जहाँ पूरी स्थिति अराजक और अस्त-व्यस्त है | यातायात पूरी तरह से अव्यवस्थित है, और सभी वाहन एक-दूसरे से टकराने के कगार पर हैं। सिग्नल और सड़क के नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जिससे गाड़ियाँ इधर-उधर दौड़ रही हैं। कई लोग अपनी गाड़ियों को गलत लेन में चला रहे हैं, जिससे और भी ज्यादा भीड़-भाड़ हो रही है। कुछ वाहन रुक गए हैं, जबकि अन्य अपनी राह पर आगे बढ़ने के प्रयास में हैं, लेकिन पूरी सड़क पर एक असहज खींचतान है। ट्रैफिक पुलिस का भी कोई प्रभाव नहीं दिखता, और लोग खुद ही अपने तरीके से सड़क पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। इस दृश्य में यातायात का पूर्ण ब्रेकडाउन और अराजकता स्पष्ट है जिससे न केवल यात्रा करना कठिन हो जाता है, बल्कि दुर्घटनाओं का जोखिम भी बहुत बढ़ जाता है।
प्रश्न 2.
नियमों पर हमारी चर्चा से आप इसे कैसे जोड़कर देखते हैं?
उत्तर:
हमारी चर्चा में नियमों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर विचार करते हुए, इन दोनों चित्रों को जोड़कर देखा जा सकता है।
चित्र 1 में जब यातायात सुचारु रूप से चल रहा है, तो यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि नियमों का पालन और व्यवस्थित नियंत्रण कितना महत्त्वपूर्ण है। ट्रैफिक सिग्नल, संकेत और पुलिस की उपस्थिति से यह सुनिश्चित होता है कि सभी वाहन उचित दिशा और गति से चलें, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है और सड़क पर व्यवस्था बनी रहती है। यह उदाहरण यह दर्शाता है कि किसी भी समाज या व्यवस्था सफलता के लिए नियमों का पालन करना आवश्यक है। जब सभी लोग नियमों का पालन करते हैं, तो न केवल उनका व्यक्तिगत अनुभव अच्छा होता है, बल्कि समाज भी समृद्ध और सुरक्षित रहता है।
चित्र 2 में अराजकता और नियमों का उल्लंघन दिखाया गया है। यहाँ सड़क पर कोई स्पष्ट नियंत्रण नहीं है और लोग बिना किसी दिशा या विवेक के अपनी राह पर चल रहे हैं। यह दृश्य यह साबित करता है कि जब नियमों का उल्लंघन होता है या यदि कोई नियंत्रण नहीं होता, तो अराजकता, संघर्ष और दुर्घटनाएँ होती हैं। यह दिखाता है कि बिना नियमों और विनियमों के, समाज और व्यवस्था का संचालन संभव नहीं है।इस प्रकार, दोनों चित्र यह सिद्ध करते हैं कि जीवन में सफलता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए नियमों का पालन और उनका उचित नियंत्रण बेहद जरूरी है।
प्रश्न 3.
आपके विद्यालय में कौन-कौन से नियम है ? उन्हें किसने बनाया?
उत्तर:
मेरे विद्यालय में कुछ मुख्य नियम निम्नलिखित
- समय पर विद्यालय आना और जाना: छात्रों को विद्यालय के निर्धारित समय पर आना और छुट्टी के बाद समय पर घर जाना होता है।
- वर्दी पहनना: विद्यालय में छात्रों को निर्धारित विद्यालय वर्दी पहनकर आना आवश्यक होता है।
- शांतिपूर्वक व्यवहार : छात्रों को विद्यालय में शांतिपूर्वक और अनुशासनपूर्वक व्यवहार करना चाहिए।
- कक्षा में ध्यान केंद्रित करना: छात्रों को कक्षा में अपने अध्यापक की बातों पर ध्यान देना चाहिए और कक्षा की गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।
- नकल करना मना है: परीक्षा और अन्य गतिविधियों में नकल करना निषेध है।
- सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना : विद्यालय में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में छात्रों को भाग लेना चाहिए।
- साफ-सफाई का ध्यान रखनाः विद्यालय परिसर और कक्षा को साफ रखना सभी छात्रों की जिम्मेदारी है। ये नियम विद्यालय प्रशासन द्वारा बनाए जाते हैं, जिनमें प्रधानाचार्य, शिक्षक और अन्य विद्यालय अधिकारी शामिल होते हैं। ये नियम विद्यालय के माहौल को सकारात्मक और अनुशासित बनाने के लिए होते हैं, ताकि छात्रों का समग्र विकास हो सके।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ सं. 153)
प्रश्न 1.
क्या आप पृष्ठ 152 पर चित्र 10.2 पाठ्यपुस्तक) में दिए गए दस चित्रों में दर्शाए लोक सेवाओं के प्रकार अथवा अन्य कार्यकलापों की पहचान कर सकते हैं?
उत्तर:
प्रश्न 2.
आपके विचार से इन कार्यकलापों में सरकार की क्या भूमिका होती है ?
उत्तर:
इन सभी सार्वजनिक विकास और बुनियादी ढाँचा सेवाओं में सरकार की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि ये सभी सेवाएँ समाज की भलाई और नागरिकों की सुरक्षा, सुख-शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। यहाँ पर प्रत्येक सेवा में सरकार की भूमिका को देखा जा सकता है-
1. सार्वजनिक विकास और बुनियादी ढाँचा सेवाएँ: अपने अध्यापक की सहायता से करें।
2. परिवहन सेवा: सरकार परिवहन सेवाओं के संचालन और प्रबंधन की जिम्मेदारी लेती है. जिसमें सड़क, रेल, वायु और जल परिवहन शामिल होते हैं। यह सुनिश्चित करती है कि यात्रियों को सुरक्षित, समयबद्ध और सस्ती यात्रा सेवाएँ उपलब्ध हो सके।
3. सुरक्षा और संरक्षा सेवाएँ: सरकार पुलिस, सैन्य और आपातकालीन सेवाओं के माध्यम से नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करती है। यह समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों की रोकथाम और नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है।
4. स्वास्थ्य सेवाएँ: सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को प्रबंधित करती है, जैसे- अस्पताल, क्लिनिक, टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य सुविधाएँ। यह सुनिश्चित करती है कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हों।
5. आपदा प्रबंधन और राहत सेवाएँ: आपदाओं के दौरान सरकार राहत कार्यों, बचाव सेवाओं और पुनर्वास योजनाओं का संचालन करती है। यह नागरिकों को संकट के समय में मदद और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में सहारा देती है।
6. सड़क यातायात सुरक्षा ( यातायात – पुलिस ): सरकार यातायात नियमों को लागू करने, सड़कों पर सुरक्षा बनाए रखने और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए यातायात पुलिस और अन्य अधिकारियों का प्रबंधन करती है। यह सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करती है।
7. न्यायिक सेवाएँ : सरकार न्याय व्यवस्था का संचालन करती है, जिसमें न्यायालयों और न्यायधीशों की नियुक्ति, न्याय का वितरण और नागरिकों को न्यायिक अधिकार प्रदान करना शामिल है।
8. शैक्षिक सेवाएँ: सरकार शिक्षा प्रणाली का निर्माण और संचालन करती है. जिसमें सरकारी स्कूल, विश्वविद्यालय और स्कॉलरशिप जैसी योजनाओं का प्रबंधन किया जाता है। यह सुनिश्चित करती है कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकें।
9. डाक सेवाएँ: सरकार डाक सेवाओं का संचालन करती है, जिसमें पत्राचार, पार्सल सेवा और अन्य डाक सेवाएँ शामिल होती हैं। यह दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों से संपर्क स्थापित करने और वस्तुएँ भेजने का कार्य करती हैं।
10. बैंकिंग सेवाएँ: सरकार केंद्रीय बैंक (जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक) के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं का संचालन करती है. जिसमें वित्तीय नीतियों का निर्माण, मुद्रा सर्कुलेशन और वित्तीय प्रणाली की निगरानी शामिल होती है।
इन सभी सेवाओं में सरकार की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक को आवश्यक सेवाएँ मिले, समाज में अनुशासन और व्यवस्था बनी रहे, और विकास के समान अवसर सभी को मिल सकें। सरकार इन सेवाओं को प्रदान करने और इन्हें सुचारु रूप से चलाने के लिए आवश्यक बजट, नीति और नियम बनाती है।
प्रश्न 3.
क्या आप अपने दैनिक जीवन के ऐसे अन्य पहलुओं पर भी विचार कर सकते हैं जहाँ सरकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है?
उत्तर:
जी हाँ, हमारे दैनिक जीवन के कई पहलुओं में सरकार की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। यहाँ कुछ प्रमुख उदाहरण हैं-
1. जल आपूर्ति और स्वच्छता: सरकार सार्वजनिक जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाओं का संचालन करती है । यह सुनिश्चित करती है कि हर नागरिक को सुरक्षित और स्वच्छ पानी उपलब्ध हो और कचरे की सही तरीके से निपटान व्यवस्था हो ।
2. कृषि और खाद्य सुरक्षा: सरकार कृषि नीतियाँ बनाती है और किसानों के लिए सहायता प्रदान करती है, जैसे कि सब्सिडी. कृषि ऋण, और बीमा योजनाएँ। यह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पादों की आपूर्ति और मूल्य स्थिरता पर भी ध्यान देती है।
3. वातावरण और पारिस्थितिकी संरक्षण:
सरकार पर्यावरण की रक्षा करने के लिए नीतियाँ बनाती है, जैसे कि वनों की रक्षा, प्रदूषण नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन के उपाय। यह प्रकृति के संरक्षण के लिए नियम और कानून बनाती है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी एक सुरक्षित पर्यावरण में रह सकें।
4. सामाजिक सुरक्षा और कल्याण: सरकार वृद्धावस्था पेंशन, विकलांगता लाभ, बेरोजगारी भत्ता, और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करती है कि समाज के कमजोर वर्गों को समर्थन मिले।
5. आवास और शहरी विकास: सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास योजनाएँ और अवसंरचना विकास कार्यक्रम चलाती है। यह किफायती आवास परियोजनाएँ, सड़कों का निर्माण, पार्क, स्कूल, और अस्पताल जैसी सुविधाएँ प्रदान करती है, ताकि नागरिकों को बेहतर जीवनयापन की सुविधाएँ मिल सकें।
6. वाणिज्य और उद्योगः सरकार उद्योगों के लिए व्यापार नीतियाँ बनाती है, जो निवेश. उत्पादन और निर्यात को प्रोत्साहित करती हैं। यह छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन देने के लिए योजनाएँ लागू करती है और बड़े उद्योगों के लिए उचित नियमन करती है।
7. सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई: सरकार देश की सुरक्षा के लिए सेना और खुफिया एजेंसियों का संचालन करती है। यह आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा और अन्य सुरक्षा संकटों से निपटने के लिए नीतियाँ और उपाय लागू करती है।
8. उपभोक्ता अधिकार और संरक्षण: सरकार उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए नियम और कानून बनाती है, जैसे कि उपभोक्ता न्यायालय, धोखाधड़ी रोकने के उपाय और उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण | यह सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण वस्त्र, और उत्पाद मिलें।
9. संचार और सूचना : सरकार डिजिटल बुनियादी ढाँचे का निर्माण करती है, जैसे कि इंटरनेट की सुविधा, और राष्ट्रीय समाचार चैनल और रेडियो सेवाओं का संचालन करती है। यह नागरिकों को आवश्यक सूचना और सेवाएँ प्रदान करने में मदद करती है।
इन सभी पहलुओं में सरकार का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और संसाधन मिले, और नागरिकों का जीवन बेहतर, सुरक्षित और समृद्ध हो । सरकार इन सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए नीतियाँ बनाती है, नियम लागू करती है और उनके कार्यान्वयन की निगरानी करती है।
आइए पता लगाएँ ( पृष्ठ 154 )
प्रश्न 1.
दिए गए साइबर अपराधियों के मामले में सरकार के तीनों अंग किस प्रकार कार्य करते हैं, वर्णन कीजिए। वे हस्तक्षेप कैसे करते हैं?
उत्तर:
साइबर अपराधों के मामले में सरकार के तीनों अंग-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका- एक साथ मिलकर काम करते हैं ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके, उन्हें दंडित किया जा सके और समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके। कुल मिलाकर, सरकार के तीनों अंग इस प्रकार कार्य करते हैं-
विधायिका नए कानून बनाती है और उन्हें अपडेट करती है।
कार्यपालिका उन कानूनों को लागू करती है और अपराधियों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार करती है ।
न्यायपालिका यह निर्णय करती है कि क्या अपराधी दोषी हैं और उनके खिलाफ क्या दंड दिया जाए, साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि सरकार के निर्णय और कानून नागरिकों के हित में है।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ 155)
प्रश्न 1.
कक्षा की एक गतिविधि के रूप में क्या आप किसी ऐसी स्थिति की कल्पना कर सकते हैं जहाँ शासन के तीनों अंगों की शक्तियाँ किसी एक ही समूह के नियंत्रण में आ जाएँ, ऐसे में किस प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न होगी? क्या आप वास्तविक जीवन में सुनी हुई किसी ऐसी परिस्थिति का वर्णन | कर सकते हैं?
उत्तर:
यदि शासन के तीनों अंगों (कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका) की शक्तियाँ एक ही समूह के नियंत्रण में आ जाएँ, तो इससे बहुत सारी अव्यवस्थाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ होगा, क्योंकि यह शक्ति के अत्यधिक केंद्रीकरण को जन्म देगा, जिससे तानाशाही और निरंकुश शासन का खतरा बढ़ सकता है।
इस स्थिति में सरकार किसी भी प्रकार की आलोचना को दबा सकती है, न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पाएगी, और विधायिका केवल उसी समूह के हितों को बढ़ावा देगी, जो सत्ता में है। ऐसे में भ्रष्टाचार, अधिकारों का हनन और असमानता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
वास्तविक जीवन में, कुछ देशों में ऐसा देखा गया है जहाँ सत्ता के तीनों अंग एक ही व्यक्ति या समूह के नियंत्रण में थे, जिससे लोकतंत्र की प्रक्रियाएँ कमजोर पड़ीं। उदाहरण के तौर पर, रूस में व्लादिमीर पुतिन की सरकार के दौरान कई बार यह आरोप लगे कि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका तीनों को एक ही व्यक्ति या उनके समर्थकों के हाथों में समाहित कर लिया गया है, जिससे राजनीतिक और कानूनी स्वतंत्रता पर खतरा बढ़ा।
इस प्रकार की व्यवस्था न केवल लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि समाज में अव्यवस्था, असंतोष और संघर्ष को भी बढ़ावा देती है।
आइए पता लगाएँ ( पृष्ठ 157)
प्रश्न 1.
चित्र 10.5 ( पाठ्यपुस्तक) में दी गई सारणी को देखिए। उन कार्यों और दायित्वों पर प्रकाश डालिए जो आपके जीवन को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
दी गई सारणी में विभिन्न सरकारी कार्यों और दायित्वों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर वर्गीकृत किया गया है। इन कार्यों और दायित्वों का आपके जीवन पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण कार्यों और दायित्वों का उल्लेख किया गया है जो सीधे तौर पर आपके जीवन को प्रभावित करते हैं-
1. शिक्षा : यह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। शिक्षा प्रणाली का सुधार और गुणवत्ता सीधे तौर पर आपके जीवन के विकास और भविष्य पर असर डालते हैं। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों की नीतियाँ, पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली और शिक्षक भर्ती राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर तय होती हैं।
2. स्वास्थ्य: राज्य स्तर पर जन स्वास्थ्य की नीतियाँ, जैसे अस्पतालों का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएँ, टीकाकरण अभियान आदि, आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य नीति, जैसे महामारी नियंत्रण और चिकित्सा अनुसंधान, आपके जीवन में बड़ा प्रभाव डालती हैं।
3. कृषि और सिंचाई : यह कार्य क्षेत्र विशेष रूप से किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण है। राज्य सरकार कृषि योजनाओं और सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से किसानों की मदद करती है, जो कृषि उत्पादकता और जल संकट को प्रभावित करती हैं।
4. कानून और व्यवस्था: राज्य सरकार पुलिस कानून व्यवस्था का प्रबंधन करती है, जो आपके सुरक्षा और न्यायिक अधिकारों से जुड़ी है। यदि यह व्यवस्था सुचारु रूप से काम करती है, तो यह समाज में शांति और सुरक्षा बनाए रखती है।
5. स्थानीय सरकार: यह आपकी स्थानीय निकायों, जैसे- नगरपालिका, पंचायतों द्वारा चलाए जाने वाले कार्यों को संदर्भित करता है। स्थानीय विकास कार्य, सड़क निर्माण, जल आपूर्ति, सफाई आदि की जिम्मेदारी इन संस्थाओं की होती हैं और यह आपके रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित करती हैं।
इन कार्यों और दायित्वों का ध्यान रखना और ये सुनिश्चित करना कि सरकार इन मुद्दों को सही तरीके से लागू करे, आपके जीवन की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाता है।
प्रश्न 2.
दो अथवा तीन वयस्क लोगों से सरकार के साथ उनके कार्य संबंधित संपर्कों अथवा अनुभवों के बारे में पूछिए – यह संपर्क किन स्तरों पर और किन उद्देश्यों से हुए?
उत्तर:
यहाँ दो या तीन वयस्क लोगों से सरकार के साथ उनके कार्य संबंधित संपर्कों या अनुभवों के बारे में पूछने के उदाहरण दिए गए हैं-
व्यक्ति 1: शिक्षक
संपर्क स्तर: राज्य और राष्ट्रीय स्तर
उद्देश्य : शिक्षक को सरकार के साथ संपर्क स्कूल और कॉलेज स्तर पर होता है । उन्होंने राज्य शिक्षा विभाग से अपनी पदोन्नति के बारे में संपर्क किया और राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री से भी अपने स्कूल के लिए बजट और सहायता प्राप्त करने के लिए बात की।
व्यक्ति 2: किसान
संपर्क स्तर: राज्य और स्थानीय स्तर
उद्देश्यः किसान को राज्य सरकार से कृषि सब्सिडी, सिंचाई परियोजनाओं और फसलों के लिए बीमा योजनाओं के लिए संपर्क होता है।
स्थानीय स्तर पर वह पंचायत से अपने गाँव के विकास कार्यों, जैसे- पानी की आपूर्ति और सड़कों की मरम्मत के बारे में संपर्क करते हैं।
• व्यक्ति 3: व्यवसायी
संपर्क स्तर: राष्ट्रीय और राज्य स्तर
उद्देश्यः व्यवसायी को सरकार के साथ कर नीति, व्यापार लाइसेंस, और स्थानीय व्यापार नियमों के बारे में संपर्क करना पड़ता है। उन्होंने राज्य सरकार से अपने उद्योग के लिए लाइसेंस प्राप्त किया और राष्ट्रीय स्तर पर टैक्सेशन और व्यापार नियमों में बदलाव के लिए संपर्क किया।
इन अनुभवों से यह स्पष्ट होता है कि नागरिकों के सरकार से विभिन्न स्तरों और उद्देश्यों के तहत संपर्क होते हैं, जैसे- शिक्षा, कृषि और व्यापार के क्षेत्रों में। यह संपर्क सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने सेवाओं का लाभ उठाने, या प्रशासनिक कार्यों के बारे में संवाद करने के लिए होते हैं।
एन.सी.ई.आर.टी. प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएँ ( पृष्ठ 161 )
प्रश्न 1.
स्वयं परखिए लोकतंत्र का क्या अर्थ है ? प्रत्यक्ष लोकतंत्र और प्रतिनिधि लोकतंत्र के बीच क्या अंतर है?
उत्तर:
लोकतंत्र का अर्थः लोकतंत्र वह शासन व्यवस्था है जिसमें सत्ता जनता के पास होती है। इसमें लोग चुनावों के माध्यम से अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं, जो उनके हितों का ध्यान रखते हुए सरकार चलाते हैं।
प्रत्यक्ष लोकतंत्र: इसमें लोग सीधे तौर पर फैसले लेते हैं और सरकार बनाने में भागीदारी करते हैं। उदाहरण के तौर पर, स्विट्जरलैंड में यह व्यवस्था है जहाँ लोग जनमत संग्रह के माध्यम से कानूनों पर निर्णय लेते हैं।
प्रतिनिधि लोकतंत्र : इसमें लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं जो संसद में बैठकर उनके लिए कानून बनाते हैं और शासन करते हैं। भारत में यह प्रणाली लागू है, जहाँ नागरिक अपने नेताओं को चुनकर सरकार चलाने का कार्य सौंपते हैं।
प्रश्न 2.
सरकार के तीन अंग कौन-से हैं? उनकी क्या अलग-अलग भूमिकाएँ हैं?
उत्तर:
कार्यपालिका: यह अंग सरकार को चलाता है। इसमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री आदि आते हैं। कार्यपालिका का मुख्य कार्य सरकार की नीतियों को लागू करना और कानूनों को प्रशासनिक रूप से क्रियान्वित करना है।
विधायिका : यह अंग कानून बनाता है। इसमें संसद ( लोकसभा और राज्यसभा) और राज्य विधानसभाएँ शामिल होती हैं। विधायिका का मुख्य कार्य कानून बनाना और सरकार की नीतियों पर निगरानी रखना है।
न्यायपालिका: यह अंग न्यायिक कार्य करता है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और निचली अदालतें शामिल होती हैं। न्यायपालिका का कार्य कानूनों का पालन सुनिश्चित करना और विवादों का समाधान करना है ।
प्रश्न 3.
भारत के परिप्रेक्ष्य में हमें त्रिस्तरीय सरकार की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
भारत में त्रिस्तरीय सरकार (केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार) की आवश्यकता इसलिए है, ताकि प्रत्येक स्तर पर शासन व्यवस्था और प्रशासन की भूमिका स्पष्ट हो सके। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि-
केंद्रीय सरकार राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्धारण और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का समाधान करती है।
राज्य सरकार राज्य के भीतर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सरकारी योजनाओं को लागू करती है।
जैसे- सड़क, जल आपूर्ति, स्वच्छता आदि को सुनिश्चित स्थानीय सरकार नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं, करती है।
इस प्रणाली से हर स्तर पर शासन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता आती है, जिससे प्रत्येक नागरिक की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
प्रश्न 4.
परियोजना- 2019 की कोविड महामारी के दौरान लगा लॉकडाउन आपको याद होगा । उससमय उठाए गए सभी कदमों की सूची बनाइए । उस स्थिति को संभालने में सरकार के कौन-कौन से स्तर सम्मिलित थे? उसमें सरकार के प्रत्येक अंग की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
लॉकडाउन से पहले और बाद में उठाए गए कदमः
• राष्ट्रीय स्तर पर कोविड- 19 महामारी के फैलने के कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन लागू किया। पूरे देश में यात्रा प्रतिबंध, दुकानों और व्यवसायों को बंद किया गया, और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई।
• स्वास्थ्य के उपाय: चिकित्सा टीमों को तैयार किया गया, कोविड के लिए अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की गई, मास्क और सैनिटाइज़र का वितरण किया गया और जाँच केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई।
• आर्थिक उपाय: सरकार ने गरीबों और श्रमिकों के लिए वित्तीय सहायता योजनाएँ शुरू कीं, जैसे- मुफ्त अनाज वितरण और डायरेक्ट केश ट्रांसफर |
सरकार के स्तर और उनकी भूमिकाएँ:
• केंद्रीय सरकारः लॉकडाउन की घोषणा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, आर्थिक सहायता पैकेज का ऐलान, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को बंद करना, और जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
• राज्य सरकार: राज्य सरकारों ने लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित किया, श्रमिकों की समस्या हल की, स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कीं, और राज्य स्तर पर राहत कार्य शुरू किए।
• स्थानीय सरकार: नगरपालिकाओं और पंचायतों ने सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की, स्वच्छता अभियान चलाए, और नागरिकों को मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरण वितरित किए।
सरकार के प्रत्येक अंग की भूमिकाः
• कार्यपालिकाः लॉकडाउन के आदेश लागू करना, राहत पैकेज लागू करना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना ।
• विधायिकाः सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करना, आपातकालीन सहायता विधियों को मंजूरी देना।
• न्यायपालिकाः महामारी से संबंधित मामलों में न्यायिक निर्णय लेना, जैसे- क्वारंटाइन नियमों पर फैसला करना, और नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण करना।
इस प्रकार, महामारी के दौरान सरकार के सभी तीन अंगों का सक्रिय योगदान था और यह सुनिश्चित किया गया कि हर स्तर पर नागरिकों की जरूरतें पूरी हों ।