हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Class 6 Summary Notes in Hindi Chapter 12
प्रस्तुत पाठ एक यात्रा – वृत्तांत है। इसके लेखक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी हैं। इस पाठ में इन्होंने अपनी मॉरिशस यात्रा का बहुत ही रोचक एवं ज्ञानपरक वर्णन किया है। इनकी यात्रा 15 जुलाई को दिल्ली से शुरू हुई थी। बंबई (मुंबई) होते हुए ये 17 जुलाई को नैरोबी (केन्या) पहुँचे थे। अतः ये अफ्रीकी शेरों को देखने के लिए नेशनल पार्क घूमने के लिए निकल गए। वस्तुत: यह एक ऐसा जंगल था, जिसमें घास अधिक किंतु वृक्ष कम थे । यहाँ इन्हें शेरों को देखने के लिए मीलों की यात्रा करनी पड़ी। अंतत: एक जगह पर सात-आठ शेर आराम करते हुए दिखे। उन्हें देखने की जितनी तीव्र लालसा हमें थी, उससे कहीं अधिक उपेक्षा का भाव शेरों में हम पर्यटकों के प्रति दिखा। उनकी हममें कोई दिलचस्पी नहीं थी। कुछ देर बाद एक शेर हिरनों का शिकार करने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन हिरन भागने के बजाय एक-दूसरे को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गोल घेरे में खड़े हो गए। उनके झुंड में रहने पर शेर उनका शिकार नहीं करते हैं। यह समझ और एक-दूसरे के प्रति उनका समर्पण लेखक के लिए अविस्मरणीय था ।
इसके बाद लेखक जहाज़ से मॉरिशस पहुँचे। मॉरिशस द्वीप भूमध्य रेखा से 20° दक्षिण में समुद्र की गोद में स्थित है। मॉरिशस में 67 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं। यहाँ की राजधानी की गलियों के नाम कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद और बंबई हैं। मॉरिशस में बनारस भी है और गोकुल भी । यहाँ आए हुए अधिकतर भारतीय उत्तर प्रदेश या बिहार के हैं। इनकी भाषा भोजपुरी है, जिसमें फ्रेंच भाषा के संज्ञा पद घुले-मिले हैं। मॉरिशस एक कृषि प्रधान देश है। ऊख की पैदावार अधिक होने की वजह से चीनी यहाँ का प्रमुख उद्योग है। यहाँ के सौंदर्य और भारतीय संस्कृति को देखकर लेखक ने इसे ‘हिंद महासागर का खूबसूरत सितारा’ की संज्ञा दी है। यहाँ के भारतीयों में अपने धर्म के प्रति अटूट निष्ठा है। इन्हें क्रिस्तान बनाने के लिए कई तरह के अत्याचार किए गए, लेकिन ये डटे रहे और अंततः इस द्वीप को इन्होंने एक छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला। इस पर सभी भारतीयों को गर्व करना चहिए।
लेखक बताते हैं कि यहाँ के प्रत्येक गाँव में शिवालय है। प्रत्येक प्रमुख गाँव में रामचरितमानस का पाठ होता है। मॉरिशस का परी तलाब एक तीर्थ और पिकनिक स्थान दोनों है । शिवरात्रि के अवसर पर सभी हिंदू श्वेत वस्त्र पहनकर कंधों पर काँवर लिए परी तालाब से जल लेकर शिवालय में जल चढ़ाते हैं । उस दिन सभी वयस्क लोग उजली धोती, उजली कमीज़ और उजली गांधी टोपी पहनते हैं। शिवरात्रि यहाँ का एक प्रमुख त्योहार है।
शब्दार्थ- पृष्ठ संख्या- 128 : सर्वत्र चारों तरफ । पर्यटक- भ्रमण करने वाला । तुर्रा – विलक्षण, अनोखा ।
पृष्ठ संख्या- 129: बदतर – अत्यधिक बुरा | चौकन्ना – सजग । प्रवृत्ति- मन का झुकाव । तुच्छातितुच्छ – एकदम गया – गुज़रा, अत्यंत निकृष्ट । निरापद – निर्विघ्न, सुरक्षित ।
पृष्ठ संख्या- 130: द्वीप – चारों ओर समुद्र से घिरा भू-भाग । खानदान – कुल, घराना। रिवाज़ – परंपरा ।
पृष्ठ संख्या- 131: प्राणवती – जीवन से भरपूर । चिरायु – लंबी उम्र वाला ।
पृष्ठ संख्या-132: सुरम्य – अत्यंत मनोरम, बहुत सुंदर । सर्वश्रेष्ठ – सबसे अच्छा। श्वेत-सफेद ।