NCERT Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer परीक्षा
परीक्षा Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सरदार सुजानसिंह को परमात्मा की कब याद आई ?
उत्तर :
जब सरदार सुजानसिंह बूढ़े हुए तो उन्हें परमात्मा की याद आई।
प्रश्न 2.
राजा साहब दीवान का क्यों आदर करते थे?
उत्तर :
राजा साहब अपने दीवान का आदर उनकी अनुभवशीलता तथा नीतिकुशलता के कारण करते थे।
प्रश्न 3.
एक दिन फैशनवालों को क्या सूझी ?
उत्तर :
एक दिन फैशनवालों को सूझी कि आपस में हॉकी का खेल हो जाए।
प्रश्न 4.
देगगढ़ में कैसे खेल खेले जाते थे?
उत्तर :
देवगढ़ में पढ़े-लिखे भलेमानुस लोग शतरंज और ताश जैसे गंभीर खेल खेलते थे, जबकि दौड़ – कूद के खेल बच्चों के खेल समझे जाते थे।
परीक्षा Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
किसान परेशान क्यों था?
उत्तर :
किसान की अनाज से भरी गाड़ी एक नाले में फँस गई थी। नाले में कीचड़ था तथा उसकी चढ़ाई ऊँची थी। लाख कोशिश करने पर भी किसान के बैल चढ़ाई को पा नहीं कर पा रहे थे। इससे किसान बहुत दुखी तथा परेशान था।
प्रश्न 2.
नाले के निकट से कौन लोग निकल रहे थे?
उत्तर :
कई खिलाड़ी हाथों में डंडे लिए घूमते-घामते नाले के पास से गुज़र रहे थे। किसान ने उनकी तरफ़ सहमी आँखों से देखा, पर किसी से मदद माँगने का साहस न हुआ। खिलाड़ियों ने भी किसान को देखा, किंतु उन्होंने उसकी कोई मदद नहीं की।
प्रश्न 3.
किसान को दुखी देखकर लँगड़ाते युवक पर क्या प्रतिक्रया हुई ?
उत्तर :
खेल के दौरान चोट लग जाने के कारण युवक लंगड़ाकर चल रहा था। उसकी निगाह किसान की गाड़ी पर पड़ी तो वह ठिठक गया। किसान की सूरत देखते ही सब बाते ज्ञात हो गईं। उसने डंडा एक किनारे रख दिया। कोट उतार डाला और किसान के पास जाकर बोला – ” मैं तुम्हारी गाड़ी निकाल दूँ?”
प्रश्न 4.
युवक को किसान की तरफ़ देखकर क्या संदेह हुआ?
उत्तर :
युवक ने किसान की तरफ गौर से देखा । उसके मन में एक संदेह हुआ, कहीं ये सुजानसिंह तो नहीं हैं? आवाज़ मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही । किसान ने भी उसकी तरफ़ तीव्र दृष्टि से देखा शायद उसके दिल के संदेह को भाँप गया । मुस्कराकर बोला – ” गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है…।”
परीक्षा Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
दीवान के पद के उम्मीदवारों में कौन-कौन सा परिवर्तन देखा गया ?
उत्तर :
सरदार सुजानसिंह ने इन महानुभावों के आदर-सत्कार का बड़ा अच्छा प्रबंध कर दिया था। हर एक मनुष्य अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था। मिस्टर ‘अ’ नौ बजे दिन तक सोया करते थे, आजकल वे बगीचे में टहलते हुए ऊषा के दर्शन करते थे। मिस्टर ‘द’, ‘स’ और ‘ज’ से उनके घरों पर, नौकरों की नाक में दम था, लेकिन ये सज्जन आजकल ‘आप’ और ‘जनाब’ के बगैर नौकरों से बातचीत नहीं करते थे। मिस्टर ‘ल’ को किताब से घृणा थी, परंतु आजकल वे बड़े-बड़े ग्रंथ देखने-पढ़ने में डूबे रहते थे। जिससे बात कीजिए, वह नम्रता और सदाचार का देवता बना मालूम देता था। लोग समझते थे कि एक महीने का झंझट है, किसी तरह काट लें, कहीं कार्य सिद्ध हो गया तो कौन पूछता है ?
प्रश्न 2.
किसान अपनी बैलगाड़ी के साथ किस तरह की आफ़त में फँस गया था?
उत्तर :
अँधेरा हो गया था। इस मैदान से ज़रा दूर हटकर एक नाला था। उस पर कोई पुल न था । पथिकों को नाले में से चलकर आना पड़ता था। खेल अभी बंद ही हुआ था और खिलाड़ी लोग बैठे दम ले रहे थे कि एक किसान अनाज से भरी हुई गाड़ी लिए हुए उस नाले में आया। लेकिन कुछ तो नाले में कीचड़ था और कुछ उसकी चढ़ाई इतनी ऊँची थी कि गाड़ी ऊपर न चढ़ सकती थी। वह कभी बैलों को ललकारता, कभी पहियों को हाथ से ढकेलता, लेकिन बोझ अधिक था और बैल कमज़ोर । गाड़ी ऊपर को न चढ़ती और चढ़ती भी तो कुछ दूर चढ़कर फिर खिसककर नीचे पहुँच जाती। किसान बार- बार ज़ोर लगाता और बार-बार झुंझलाकर बैलों को मारता, लेकिन गाड़ी उभरने का नाम न लेती। बेचारा इधर-उधर निराश होकर ताकता मगर वहाँ कोई सहायक नज़र नं आता। गाड़ी को अकेले छोड़कर कहीं जा भी नहीं सकता। बड़ी आपत्ति में फँसा हुआ था। इसी बीच में खिलाड़ी हाथों में डंडे लिए घूमते-घामते उधर से निकले। किसान ने उनकी तरफ सहमी हुई आँखों से देखा ; परंतु किसी से मदद माँगने का साहस न हुआ। खिलाड़ियों ने भी उसको देखा मगर बंद आँखों से, जिनमें सहानुभूति न थी। उनमें स्वार्थ था, मद था, मगर उदारता और वात्सल्य का नाम भी न था ।
प्रश्न 3.
अंत में सरदार सुजानसिंह ने क्या घोषणा की?
उत्तर :
अंत मे सरदार सुजानसिंह ने खड़े होकर कहा, “मेरे दीवानी के उम्मीदवार महाशयो ! मैंने आप लोगों को जो कष्ट दिया है, उसके लिए मुझे क्षमा कीजिए। इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल । हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे और इस रियासत के सौभाग्य से हमें ऐसा पुरुष मिल गया। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं, उन तक हमारी पहुँच नहीं । मैं रियासत के पंडित जानकीनाथ को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ।’
परीक्षा Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Question Answer बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनिए-
(क) किन लोगों ने अपने घरों पर नौकरों की नाक में दम कर रखा था?
(i) मिस्टर ‘द’
(ii) मिस्टर ‘स’
(iii) मिस्टर ‘ज’
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपर्युक्त सभी
(ख) किस खेल का प्रस्ताव खिलाड़ियों ने प्रस्तुत किया?
(i) क्रिकेट
(ii) हॉकी
(iii) फुटबॉल
(iv) वॉलीबॉल
उत्तर :
(ii) हॉकी
(ग) कॉलम – 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कॉलम – 1 | कॉलम – 2 |
1. देवगढ़ के महाराज | (i) दीवान |
2. सरदार सुजानसिंह | (ii) नया दीवान |
3. जानकीनाथ | (iii) दीनबंधु |
उत्तर :
कॉलम – 1 | कॉलम – 2 |
1. देवगढ़ के महाराज | (iii) दीनबंधु |
2. सरदार सुजानसिंह | (i) दीवान |
3. जानकीनाथ | (ii) नया दीवान |
(ख) किसान की गाड़ी किस चीज़ से लदी हुई थी ?
(i) लकड़ी
(iii) अनाज
(ii) कोयला
(iv) बाँस
उत्तर :
(iii) अनाज
(ग) महानुभावों के आदर-सत्कार का अच्छा प्रबंध किसने किया था?
(i) देवगढ़ के राजा ने
(ii) सरदार सुजानसिंह ने
(iii) देगगढ़ की प्रजा ने
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) सरदार सुजानसिंह ने
परीक्षा Class 6 Hindi Chapter 10 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
निम्नांकित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए या चुनिए-
प्रश्न 1.
जब रियासत देवगढ़ के दीवान सरदार सुजानसिंह बूढ़े हुए तो परमात्मा की याद आई। जाकर महाराज से विनय की कि दीनबंधु ! दास ने श्रीमान की सेवा चालीस साल तक की, अब मेरी अवस्था भी ढल गई, राज-काज सँभालने की शक्ति नहीं रही। कहीं भूल चूक हो जाय तो बुढ़ापे में दाग लगे। सारी जिंदगी की नेकनामी मिट्टी में मिल जाए । राजा साहब अपने अनुभवशील नीतिकुशल दीवान का बड़ा आदर करते थे। बहुत समझाया, लेकिन जब दीवान साहब ने माने तो हारकर उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली; पर शर्त यह लगा दी कि रियासत के लिए नया दीवान आप ही को खोजना पड़ेगा।
(क) सरदार सुजानसिंह कहाँ के दीवान थे ?
(i) रामगढ़ रियासत के
(ii) नवगढ़ रियासत के
(iii) प्रेमगढ़ रियासत के
(iv) देवगढ़ रियासत के
उत्तर :
(iv) देवगढ़ रियासत के
(ख) दीवान जी ने महाराज से क्या विनती की?
(i) अपनी प्रोन्नति की
(ii) अपनी सेवा – निवृत्ति की
(iii) पारितोषिक की
(iv) अपने पुत्र की नियुक्ति की
उत्तर :
(ii) अपनी सेवा – निवृत्ति की
(ग) दीवान ने रियासत की सेवा कितने दिनों तक की थी?
(i) चालीस साल
(ii) पैंतालीस साल
(iii) पचास साल
(iv) पचपन साल
उत्तर :
(i) चालीस साल
(घ) राजा साहब अपने दीवान का आदर करते थे, क्योंकि-
(i) दीवान अनुभवशील थे
(ii) दीवान नीतिकुशल थे
(iii) (i) एवं (ii) दोनों
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) (i) एवं (ii) दोनों
(ङ) राजा साहब ने दीवान साहब को कौन-सा उत्तरदायित्व सौंपा ?
(i) राज्य की प्रजा को समझाने का
(ii) सेना को संगठित करने का
(iii) राजदरबार आयोजित करने का
(iv) नए दीवान के चयन का
उत्तर :
(iv) नए दीवान के चयन का
प्रश्न 2.
दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की ज़रूरत है। जो सज्जन अपने को इस पद के योग्य समझें, वे वर्तमान सरदार सुजानसिंह की सेवा में उपस्थित हों। यह ज़रूरी नहीं है कि वे ग्रेजुएट हों, मगर हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक है, मंदाग्नि के मरीज को यहाँ तक कष्ट उठाने की कोई ज़रूरत नहीं । एक महीने तक उम्मीदवारों के रहन-सहन, आचार-विचार की देखभाल की जाएगी। विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जाएगा। जो महाशय इस परीक्षा में पूरे उतरेंगे, वे इस उच्च पद पर सुशोभित होंगे।
(क) दूसरे दिन समाचार-पत्रों में किसका विज्ञापन निकला?
उत्तर :
दूसरे दिन प्रसिद्ध समाचार-पत्रों में दीवान के पद हेतु विज्ञापन निकला।
(ख) उम्मीदवारों को किसकी सेवा में उपस्थित होने को कहा गया ?
उत्तर :
वांछित योग्यता वाले उम्मीदवारों को वर्तमान सरदार सुजानसिंह की सेवा में उपस्थित होने के लिए कहा गया।
(ग) पात्रता के लिए क्या मानदंड रखे गए ?
उत्तर :
दीवान के पद हेतु ग्रेजुएशन की अनिवार्यता नहीं थी, किंतु उम्मीदवार के लिए हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक माना गया। अपच ( मंदाग्नि) के रोगियों को इस पद हेतु पात्र नहीं माना गया।
(घ) एक महीने तक क्या किया जाएगा?
उत्तर :
विज्ञापन में यह उल्लेख किया गया कि एक महीने तक उम्मीदवारों के रहन-सहन, आचार-विचार की देखभाल की जाएगी।
(ङ) निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए
(i) सयोग्य
(ii) उपस्थित
उत्तर :
(i) अयोग्य
(ii) अनुपस्थित
प्रश्न 3.
इस विज्ञापन ने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया। ऐसा ऊँचा पद और किसी प्रकार की कैद नहीं? केवल नसीब का खेल है। सैकड़ों आदमी अपना-अपना भाग्य परखने के लिए चल खड़े हुए। देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे। प्रत्येक रेलगाड़ी से उम्मीदवारों का एक मेला-सा उतरता । कोई पंजाब से चला आता था, कोई मद्रास से, कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ । रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे। लेकिन सबसे विशेष संख्या ग्रेजुएटों की थी, क्योंकि सनद की कैद न होने पर भी सनद से परदा तो ढका रहता है।
(क) किसने सारे मुल्क में तहलका मचा दिया?
(i) राजा साहब ने
(ii) दीवान साहब ने
(iii) देवगढ़ ने
(iv) विज्ञापन ने
उत्तर :
(iv) विज्ञापन ने
(ख) अलग-अलग भाग्य परखने कौन चल पड़े?
(i) राजा-महाराजा
(ii) मंत्रीगण
(iii) सैनिक
(iv) सैकड़ों आदमी
उत्तर :
(iv) सैकड़ों आदमी
(ग) दीवान के पद हेतु उम्मीदवारों का मेला किससे उतरता था?
(i) मोटरगाड़ी से
(ii) रेलगाड़ी से
(iii) बैलगाड़ी, से
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(ii) रेलगाड़ी से
(घ) क्या-क्या देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे?
(i) रंगीन एमामे और चोगे
(ii) अंगरखे
(iii) कंटोप
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपर्युक्त सभी
(ङ) उम्मीदवारों में सबसे विशेष संख्या किसकी थी?
(i) मैट्रिक उत्तीर्णों की
(ii) ग्रेजुएटों की
(iii) पोस्ट ग्रेजुएटों की
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) मैट्रिक उत्तीर्णों की
प्रश्न 4.
सरदार सुजानसिंह ने इन महानुभावों के आदर-सत्कार का बड़ा अच्छा प्रबंध कर दिया था। हर एक मनुष्य अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था। मिस्टर ‘अ’ नौ बजे दिन तक सोया करते थे, आजकल वे बगीचे में टहलते हुए ऊषा के दर्शन करते थे। मिस्टर ‘द’, ‘स’ और ‘ज’ से उनके घरों पर नौकरों की नाक में दम था, लेकिन ये सज्जन आजकल ‘आप’ और ‘जनाब’ के बगैर नौकरों से बातचीत नहीं करते थे। मिस्टर ‘ल’ को किताब से घृणा थी, परंतु आजकल वे बड़े-बड़े ग्रंथ देखने-पढ़ने में डूबे रहते थे। जिससे बात कीजिए, वह नम्रता और सदाचार का देवता बना मालूम देता था। लोग समझते थे कि एक महीने का झंझट है, किसी तरह काट लें, कहीं कार्य सिद्ध हो गया तो कौन पूछता है? लेकिन मनुष्यों का वह बूढ़ा जौहरी आड़ में बैठा हुआ देख रहा था कि इन बगुलों में हंस कहाँ छिपा हुआ है।
(क) हर एक मनुष्य क्या दिखावे की कोशिश करता था?
उत्तर :
हर एक मनुष्य अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था।
(ख) मिस्टर ‘अ’ की दिनचर्या में क्या परिवर्तन आया था?
उत्तर :
मिस्टर ‘अ’ नौ बजे दिन तक सोया करते थे, किंतु आजकल वे बगीचे में टहलते हुए ऊषा के दर्शन करते थे।
(ग) मिस्टर ‘द’, ‘स’ और ‘ज’ क्या प्रदर्शित कर रहे थे ?
उत्तर :
मिस्टर ‘द’, ‘स’ और ‘ज’ से उनके नौकर परेशान रहते थे, लेकिन ये लोग अब ‘आप’ और ‘जनाब ‘ के बगैर नौकरों से बातचीत नहीं करते थे ।
(घ) किताब से घृणा किसे थी?
उत्तर :
मिस्टर ‘ल’ को किताब से घृणा थी।
(ङ) लोग छद्म आचार-व्यवहार क्यों कर रहे थे?
उत्तर :
लोग नकली आचार-व्यवहार का प्रदर्शन दीवान के पद के लिए कर रहे थे ।
प्रश्न 5.
अँधेरा हो गया था। इस मैदान से ज़रा दूर हटकर एक नाला था। उस पर कोई पुल न था । पथिकों को नाले में से चलकर आना पड़ता था। खेल अभी बंद ही हुआ था. और खिलाड़ी लोग बैठे दम ले रहे थे कि एक किसान अनाज से भरी हुई गाड़ी लिए हुए उस नाले में आया। लेकिन कुछ तो नाले में कीचड़ था और कुछ उसकी चढ़ाई इतनी ऊँची थी कि गाड़ी ऊपर न चढ़ सकती थी । वह कभी बैलों को ललकारता, कभी पहियों को हाथ से ढकेलता, लेकिन बोझ अधिक था और बैल कमज़ोर । गाड़ी ऊपर को न चढ़ती और चढ़ती भी तो कुछ दूर चढ़कर फिर खिसककर नीचे पहुँच जाती। किसान बार- बार ज़ोर लगाता और बार-बार झुंझलाकर बैलों को मारता, लेकिन गाड़ी उभरने का नाम न लेती। बेचारा इधर-उधर निराश होकर ताकता मगर वहाँ कोई सहायक नज़र न आता। गाड़ी को अकेले छोड़कर कहीं जा भी नहीं सकता। बड़ी आपत्ति में फँसा हुआ था। इसी बीच में खिलाड़ी हाथों में डंडे लिए घूमते-घामते उधर से निकले।
(क) मैदान से जरा दूर हटकर क्या था ?
(i) नाला
(ii) पुल
(iii) गाँव
(iv) स्टेशन
उत्तर :
(i) नाला
(ख) नाले में कौन आया ?
(i) खिलाड़ी
(ii) बाघ
(iii) महिला
(iv) किसान
उत्तर :
(iv) किसान
(ग) किसान की बैलगाड़ी ऊपर क्यों नहीं चढ़ पा रही थी?
(i) नाले में कीचड़ के कारण
(ii) नाले की ऊँचाई अधिक होने के कारण
(iii) बैलों के कमज़ोर होने के कारण
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(iv) उपर्युक्त सभी
(घ) किसान बार- बार झुंझलाकर किसे मार रहा था ?
(i) बैलों को
(ii) पहियों को
(iii) अपने सिर को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) बैलों को
(ङ) हाथों में डंडे लिए निकले ? घूमते-घामते उधर से कौन
(i) मज़दूर
(ii) राहगीर
(iii) खिलाड़ी
(iv) छात्र
उत्तर :
(iii) खिलाड़ी
प्रश्न 6.
लेकिन उसी समूह में एक ऐसा मनुष्य था, जिसके हृदय में दया थी और साहस था। आज हॉकी खेलते हुए उसके पैरों में चोट लग गई थी। लँगड़ाता हुआ धीरे-धीरे चला आता था। अकस्मात उसकी निगाह गाड़ी पर पड़ी। ठिठक गया। उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गईं। डंडा एक किनारे रख दिया। कोट उतार डाला और किसान के पास जाकर बोला, “मैं तुम्हारी गाड़ी निकाल दूँ?”
किसान ने देखा एक गठे हुए बदन का लंबा आदमी सामने खड़ा है। झुककर बोला, “हुजूर, मैं आपसे कैसे कहूँ?” युवक ने कहा, “ मालूम होता है, तुम यहाँ बड़ी देर से फँसे हो। अच्छा, तुम गाड़ी पर जाकर बैलों को साधो, मैं पहियों को ढकेलता हूँ, अभी गाड़ी ऊपर चढ़ जाती है ।
(क) दयालु और साहसी व्यक्ति कौन था ?
(ख) उस व्यक्ति को कैसे चोट लग गई थी ?
(ग) युवक की निगाह किस पर गई ?
(घ) युवक का हुलिया कैसा था?
(ङ) दिए गए शब्दों का अर्थ लिखकर वाक्य बनाइए
(i) समूह
(ii) अकस्मात
उत्तर :
(क) दयालु और साहसी व्यक्ति खिलाड़ियों के समूह का एक नौजवान था ।
(ख) उस व्यक्ति को हॉकी खेलते हुए पैरों में चोट लग गई थी।
(ग) युवक की निगाह किसान की गाड़ी पर गई ।
(घ) युवक गठे हुए बदन का लंबा आदमी था ।
(ङ) (i) समूह : बच्चे समूह में सस्वर गीत गा रहे थे।
(ii) अकस्मात : ऑफ़िस के काम से पिता जी को अकस्मात मुंबई जाना पड़ा।
प्रश्न 7.
किसान गाड़ी पर जा बैठा। युवक ने पहिये को ज़ोर लगाकर उकसाया। कीचड़ बहुत ज्यादा था। वह घुटने तक ज़मीन में गड़ गया, लेकिन हिम्मत न हारी। उसने फिर ज़ोर किया, उधर किसान ने बैलों को ललकारा। बैलों को सहारा मिला, हिम्मत बँध गई, उन्होंने कंधे झुकाकर एक बार ज़ोर किया तो गाड़ी नाले के ऊपर थी। किसान युवक के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। बोला, “महाराज, आपने आज मुझे उबार लिया, नहीं तो सारी रात मुझे यहाँ बैठना पड़ता।”
युवक ने हँसकर कहा, अब मुझे कुछ इनाम देते हो?” किसान ने गंभीर भाव से कहा, “नारायण चाहेंगे तो दीवानी आपको ही मिलेगी । ”
(क) किसने पहिये को ज़ोर लगाकर उकसाया ?
(i) किसान ने
(ii) नवयुवक ने
(iii) पथिक ने
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(ii) नवयुवक ने
(ख) युवक घुटने तक ज़मीन में क्यों गड़ गया ?
(i) गड्ढा के कारण
(ii) कीचड़ के कारण
(iii) पैर में चोट लगने के कारण
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) कीचड़ के कारण
(ग) बैलों को किसने ललकारा ?
(i) किसान ने
(ii) युवक ने
(iii) किसान और युवक दोनों ने
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) किसान ने
(घ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनिए-
कथन (A) : बैलों को सहारा मिला, हिम्मत बँध गई। कारण (R) : उन्होंने कंधे झुकाकर एक बार ज़ोर दिया तो गाड़ी नाले के ऊपर थी।
(i) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iv) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) उसकी सही व्याख्या करता है।
उत्तर :
(iv) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) उसकी सही व्याख्या करता है।
(ङ) निम्नलिखित में से कौन-सा किसान का पर्यायवाचीनहीं है?
(i) कर्मचारी
(ii) कृषक
(iii) हलधर
(iv) खेतिहर
उत्तर :
(i) कर्मचारी
प्रश्न 8.
जब सरदार सुजानसिंह ने खड़े होकर कहा, “मेरे दीवानी के उम्मीदवार महाशयो ! मैंने आप लोगों को जो कष्ट दिया है, उसके लिए मुझे क्षमा कीजिए। इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल । हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे और इस रियासत के सौभाग्य से हमें ऐसा पुरुष मिल गया। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हुए हैं, उन तक हमारी पहुँच नहीं । मैं रियासत के पंडित जानकीनाथ को दीवानी पाने पर बधाई देता हूँ। ”
(क) सरदार सुजानसिंह ने खड़े होकर क्या कहा ?
उत्तर :
सरदार सुजानसिंह ने खड़े होकर कहा कि दीवानी के पद के लिए दया और आत्मबल वाले उम्मीदवार की आवश्यकता थी, जो सौभाग्य से जानकीनाथ के रूप में हमें मिल गया है।
(ख) दीवानी के पद के लिए कौन-सी अर्हता योग्यता अनिवार्य थी ?
उत्तर :
दीवानी के पद के लिए दया, आत्मबल तथा उदार हृदय वाले व्यक्ति की तलाश थी।
(ग) सुजानसिंह किसके गुणों की प्रशंसा कर रहे थे?
उत्तर :
सुजानसिंह पंडित जानकीनाथ के गुणों की प्रशंसा कर रहे थे।
(घ) संसार में किस तरह के लोग कम हैं?
उत्तर :
उदार हृदय और आपत्ति को वीरता के साथ सामना करने वाले लोगों की संख्या संसार में कम है।
(ङ) निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए
(i) उदार
(ii) सौभाग्य
उत्तर :
(i) अनुदार
(ii) दुर्भाग्य