Understanding the question and answering patterns through Class 11 Geography NCERT Solutions in Hindi Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography NCERT Solutions Chapter 1 in Hindi भूगोल एक विषय के रूप में
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
1. निम्नलिखित में से किस विद्वान ने भूगोल (Geography) शब्द (Term) का प्रयोग किया?
(क) हेरोडटस
(ख) गैलिलियो
(ग) इरेटास्थेनीज
(घ) अरस्तू।
उत्तर:
(ग) इरेटास्थेनीज
2. निम्नलिखित में से किस लक्षण को भौतिक लक्षण कहा जा सकता है ?
(क) पत्तन
(ख) मैदान
(ग) सड़क
(घ) जल उद्यान।
उत्तर:
(ख) मैदान
3. स्तम्भ I एवं II के अन्तर्गत लिखे गये विषयों को पढ़िए।
स्तम्भ (क) प्राकृतिक / सामाजिक विज्ञान | स्तम्भ (ख) भूगोल की शाखाएँ |
1. मौसम विज्ञान | (अ) जनसंख्या भूगोल |
2. जनांकिकी | (ब) मृदा भूगोल |
3. समाजशास्त्र | (स) जलवायु विज्ञान |
4. मृदा विज्ञान | (द) सामाजिक भूगोल |
सही मेल को चिह्नांकित कीजिए –
(क) 1. ब, 2. स, 3. अ, 4. द
(ख) 1. द, 2. ब, 3. स, 4. अ
(ग) 1. अ, 2. द, 3. ब, 4. स
(घ) 1. स, 2. अ, 3. द, 4. ब
उत्तर:
(घ) 1. स, 2. अ, 3. द, 4. ब
4. निम्नलिखित में से कौनसा प्रश्न कार्य-कारण सम्बन्ध से जुड़ा हुआ है ?
(क) क्यों
(ख) क्या
(ग) कहाँ
(घ) कब।
उत्तर:
(क) क्यों
5. निम्नलिखित में से कौनसा विषय कालिक संश्लेषण करता है?
(क) समाजशास्त्र
(ख) मानवशास्त्र
(ग) इतिहास
(घ) भूगोल।
उत्तर:
(ग) इतिहास
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 1.
आप विद्यालय जाते समय किन महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक लक्षणों का पर्यवेक्षण करते हैं? क्या वे सभी समान हैं अथवा असमान? उन्हें भूगोल के अध्ययन में सम्मिलित करना चाहिए अथवा नहीं? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर:
विद्यालय जाते समय हम विभिन्न सांस्कृतिक लक्षणों, जैसे— सड़क, रेलमार्ग, बंदरगाह, बाजार, खेत, बागान आदि का पर्यवेक्षण करते हैं। ये सभी असमान होते हैं एवं इनमें समय के साथ और परिवर्तन होते रहते हैं। चूंकि पृथ्वी तल पर व्याप्त विभिन्नताओं का अध्ययन भूगोल का मुख्य विषय है, इसलिए इन्हें भूगोल के अध्ययन में सम्मिलित करना आवश्यक है।
प्रश्न 2.
आपने एक टेनिस गेंद, क्रिकेट गेंद, सन्तरा एवं लौकी को देखा होगा। इनमें से कौनसी वस्तु की आकृति पृथ्वी की आकृति से मिलती-जुलती है? आपने इस विशेष वस्तु को पृथ्वी की आकृति को वर्णित करने के लिए क्यों चुना है?
उत्तर:
उपर्युक्त वस्तुओं में से सन्तरा की आकृति पृथ्वी की आकृति से मिलती-जुलती है क्योंकि सन्तरे का फल पृथ्वी के समान ही दोनों सिरों पर चपटा होता है।
प्रश्न 3.
क्या आप अपने विद्यालय में वन महोत्सव समारोह का आयोजन करते हैं? हम इतना पौधारोपण क्यों करते हैं? वृक्ष किस प्रकार पारिस्थैतिक सन्तुलन बनाए रखते हैं?
उत्तर:
हमारे विद्यालय में प्रतिवर्ष वन महोत्सव समारोह का आयोजन किया जाता है। अविवेकपूर्ण एवं प्राकृतिक कारणों से वन ह्रास के कारण वृक्षों की कमी को पूरा करने के लिए पौधारोपण किया जाता है। वृक्षों से हमें ऑक्सीजन, नम जलवायु तथा शीतलता प्राप्त होती है। ये वन्य प्राणियों के आवास स्थल होते हैं अतः ये पारिस्थैतिक सन्तुलन को बनाये रखते हैं।
प्रश्न 4.
आपने हाथी, हिरण, केंचुए, वृक्ष एवं घास को देखा है। वे कहाँ रहते एवं बढ़ते हैं? उस मण्डल को क्या नाम दिया गया है? क्या आप इस मण्डल के कुछ लक्षणों का वर्णन कर सकते हैं?
उत्तर:
हाथी, हिरण, केंचुए, वृक्ष व घास जैवमण्डल में रहते हैं एवं बढ़ते हैं। जैवमण्डल सभी प्रकार के जीवों एवं प्राणियों का निवास स्थान है। जैवमण्डल, स्थलमण्डल, वायुमण्डल तथा जलमण्डल के मध्य एक संकीर्ण पट्टी के रूप में स्थित होता है।
प्रश्न 5.
आपको अपने निवास से विद्यालय जाने में कितना समय लगता है? यदि विद्यालय आपके घर की सड़क के उस पार होता तो आप विद्यालय पहुँचने में कितना समय लेते ? आने-जाने के समय पर आपके घर एवं विद्यालय के बीच की दूरी का क्या प्रभाव पड़ता है? क्या आप समय को स्थान या इसके विपरीत स्थान को समय में परिवर्तित कर सकते हैं?
उत्तर:
हमें निवास से विद्यालय जाने में 15 या 20 मिनट का समय लगता है। यदि विद्यालय घर की सड़क के उस पार होता तो 10 से 12 मिनट का समय लगता। दूरी कम होने पर समय कम तथा अधिक दूरी होने पर अधिक समय लगता है। समय को स्थान एवं स्थान को समय में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 1.
आप अपने परिस्थान ( Surrounding) का अवलोकन करने पर पाते हैं कि प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक दोनों तथ्यों में भिन्नता पाई जाती है। सभी वृक्ष एक ही प्रकार के नहीं होते। सभी पशु एवं पक्षी जिन्हें आप देखते हैं भिन्न-भिन्न होते हैं। ये सभी भिन्न तत्त्व धरातल पर पाये जाते हैं। क्या अब आप यह तर्क दे सकते हैं कि भूगोल प्रादेशिक / क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन है?
उत्तर:
मानव जिस परिक्षेत्र में निवास करता है, वह उसका परिस्थान (Surrounding)कहलाता है। प्रत्येक परिक्षेत्र में भौतिक एवं सांस्कृतिक दोनों प्रकार के भूदृश्य दिखाई देते हैं। भौतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक तत्त्वों में भिन्नता मिलना – पृथ्वी मानव एवं अन्य छोटे-बड़े सभी प्रकार के प्राणियों का आवास स्थल है। सम्पूर्ण पृथ्वी की सतह एकसमान नहीं है। इसके भौतिक स्वरूप में भिन्नता पाई जाती है। पर्वत, पहाड़ियाँ, घाटियाँ, मैदान, पठार, समुद्र, झील, वन व उजाड़ तथा वीरान क्षेत्र इसके भौतिक स्वरूप हैं। पृथ्वी पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक तत्त्वों में भी भिन्नता पाई जाती है जो कि सांस्कृतिक विकास की पूर्ण अवधि में मानव द्वारा रचित एवं निर्मित गाँवों, शहरों, सड़कों, रेलों, पत्तनों, बाजारों एवं मानव जनित अन्य अनेक तत्त्वों के रूप में विद्यमान है।
प्रादेशिक भूगोल की अध्ययन सामग्री:
पृथ्वी पर विद्यमान विभिन्न प्रदेश एवं क्षेत्र विशेष में प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण में भिन्नता दिखलाई देती है। इसमें अनेक तत्त्वों में समानता तथा अनेक में असमानता पाई जाती है। इस भिन्नता के कारण पशु-पक्षी, वनस्पति, आवास, खान-पान, रहन-सहन आदि भिन्न प्रकार के होते हैं। इन सभी का अध्ययन प्रादेशिक भूगोल के अन्तर्गत किया जाता है। भौतिक पर्यावरण और सांस्कृतिक लक्षणों के मध्य के सम्बन्धों को भूगोल के द्वारा विशेष रूप से प्रादेशिक भूगोल के माध्यम से आसानीपूर्वक समझा जा सकता है। प्रादेशिक भूगोल में क्षेत्र विशेष के धरातल, जलवायु, वनस्पति आदि का अध्ययन किया जाता है।
धरातल पर तथ्यों की विभिन्नता के साथ-साथ विभिन्नता के कारकों का अध्ययन करना:
धरातल पर विद्यमान क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल ही उस क्षेत्र विशेष की वनस्पति तथा जीव-जन्तु होते हैं। भूगोल में उन सभी तथ्यों का अध्ययन किया जाता है जो कि क्षेत्रीय सन्दर्भ में भिन्न होते हैं। भूगोलवेत्ता केवल धरातल पर तथ्यों की विभिन्नता का अध्ययन ही नहीं करते अपितु उन कारकों का भी अध्ययन करते हैं जो कि इन विभिन्नताओं के कारण होते हैं। यथा फसल का स्वरूप एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में भिन्न होता है लेकिन यह भिन्नता एक तथ्य के रूप में मिट्टी, जलवायु, बाजार में माँग, किसानों की खर्च करने की क्षमता, तकनीकी निवेश की उपलब्धता आदि में भिन्नता से सम्बन्धित होती है।
इस प्रकार भूगोल पृथ्वी तल के क्षेत्रों एवं स्थानों की भिन्नता का और स्थानिक सम्बन्धों का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। धरातल पर सर्वत्र क्षेत्रीय / प्रादेशिक विभिन्नता देखने को मिलती है। यह विभिन्नता भौतिक तत्त्वों के साथ-साथ मानव के जीवन, रहन-सहन एवं उनके निवास क्षेत्रों में भी देखने को मिलती है। भूगोल में इन सभी का अध्ययन किया जाता है। अतएव भूगोल को क्षेत्रीय / प्रादेशिक विभिन्नताओं का अध्ययन करने वाला विषय माना गया है।
प्रश्न 2.
आप पहले ही भूगोल, इतिहास, नागरिकशास्त्र एवं अर्थशास्त्र का सामाजिक विज्ञान के घटक के रूप में अध्ययन कर चुके हैं। इन विषयों के समाकलन का प्रयास उनके अन्तरापृष्ठ ( Interface) पर प्रकाश डालते हुए कीजिए।
उत्तर:
भूगोल का प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध:
भूगोल एक संश्लेषणात्मक विषय है जो कि क्षेत्रीय संश्लेषण का प्रयास करता है तथा इतिहास कालिक संश्लेषण का प्रयास करता है। इसके उपागम की प्रकृति समग्रात्मक होती है। यह इस तथ्य को स्वीकार करता है कि विश्व एक परस्पर निर्भर तन्त्र है। आज वर्तमान विश्व से एक वैश्विक ग्राम का प्रतिबोधन होता है। भूगोल का एक संश्लेषणात्मक विषय के रूप में अनेक प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध है।
भूगोल का समाकलन विषय के रूप में इतिहास, नागरिकशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं अन्य प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध है। भूगोल ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित करता है क्योंकि स्थानिक दूरी स्वयं विश्व के इतिहास की दिशा को परिवर्तित करने का एक प्रभावशाली कारक है। इसी प्रकार राजनीतिशास्त्र से राजनीतिक भूगोल तथा अर्थशास्त्र से आर्थिक भूगोल निकटता से जुड़ा हुआ है।
सामाजिक विज्ञान के सभी विषय यथा समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनांकिकी, सामाजिक यथार्थता का अध्ययन करते हैं। भूगोल की सभी शाखाएँ – सामाजिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल, आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, अधिवास भूगोल आदि विषयों में घनिष्ठता से जुड़े हैं क्योंकि इनमें से प्रत्येक में स्थानिक विशेषताएँ मिलती हैं।
राजनीति शास्त्र का मूल उद्देश्य राज्य, क्षेत्र, जनसंख्या, प्रभुसत्ता का विश्लेषण करना है जबकि राजनीतिक भूगोल एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तथा उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है। अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था की मूल विशेषताओं जैसे उत्पादन, वितरण, विनिमय एवं उपभोग का विवेचन करता है। इन विशेषताओं में से प्रत्येक का स्थानिक पक्ष होता है अतः यहाँ आर्थिक भूगोल की भूमिका आती है। इसी प्रकार जनसंख्या भूगोल जनांकिकी से निकटता से जुड़ा हुआ है। उक्त विवेचन से स्पष्ट है कि भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है। इस प्रकार भूगोल की सभी शाखाएँ प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध रखती हैं।