Students prefer Malhar Hindi Book Class 7 Solutions Chapter 3 फूल और काँटा कविता के प्रश्न उत्तर Question Answer that are written in simple and clear language.
NCERT Class 7th Hindi Chapter 3 फूल और काँटा Question Answer
फूल और काँटा Class 7 Question Answer
कक्षा 7 हिंदी पाठ 3 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi फूल और काँटा Question Answer
पाठ से प्रश्न – अभ्यास
(पृष्ठ 30-36 )
आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गईं गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।
मेरी समझ से
(क) कविता के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन – सा है? उसके सामने तारा ( * ) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न 1.
कविता में काँटे के बारे में कौन-सा वाक्य सत्य है?
- काँटा अपने आस-पास की सुगंध को नष्ट करता है।
- काँटा तितलियों और भौंरों को आकर्षित करता है।
- काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है।
- काँटा पौधे को हानि पहुँचाता है।
उत्तर :
काँटा उँगलियों को छेदता है और वस्त्र फाड़ देता है।
इस उत्तर का चयन मैंने इसलिए किया क्योंकि काँटा जब भी किसी के संपर्क में आता है तो उसे नुकसान ही पहुँचाता है। जैसे उँगलियों को छेद देता है और कपड़े फाड़ देता है।
प्रश्न 2.
कविता में फूल और काँटे में समानताओं और विभिन्नताओं का उल्लेख किया गया है। निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य इन्हें सही रूप में व्यक्त करता है?
- फूल सुंदरता का प्रतीक है और काँटा कठोरता का।
- फूल और काँटे के बारे में लोगों के विचार समान होते हैं।
- फूल और काँटे एक ही पौधे पर उगते हैं, लेकिन उनके स्वभाव भिन्न होते हैं।
- फूल और काँटे को समान देखभाल मिलती है फिर भी उनके रंग-ढंग अलग होते हैं।
उत्तर :
फूल और काँटे को समान देखभाल मिलती है फिर भी उनके रंग-ढंग अलग-अलग होते हैं।
मैंने इस उत्तर का चयन किया क्योंकि एक पौधे पर फूल और काँटे की समान देखभाल होती है फिर भी दोनों के तौर-तरीके बिल्कुल अलग-अलग रहते हैं। फूल अपनी सुंदरता और सुगंध से सबको अपनी और आकर्षित करता है और काँटे के संपर्क में जो भी आता है तो वह उसकी उँगलियाँ छेद देता है या उसके कपड़े फाड़ देता है।
प्रश्न 3.
कविता के आधार पर कौन-सा निष्कर्ष उपयुक्त है ?
- व्यक्ति का कुल ही उसके सम्मान का आधार होता है।
- व्यक्ति के कार्यों के कारण ही लोग उसका सम्मान करते हैं।
- कुल की प्रतिष्ठा हमेशा व्यक्ति के गुणों से बड़ी होती है।
- यदि व्यक्ति अच्छे कार्य करता है तो उसके कुल को प्रसिद्धि मिलती है।
उत्तर :
व्यक्ति के कार्यों के कारण ही लोग उसका सम्मान करते हैं।
इस उत्तर को इसलिए चयनित किया क्योंकि कोई व्यक्ति किसी भी ऊँचे कुल में जन्म क्यों न ले, उसके द्वारा किए गए कार्य ही उसे सम्मानित बनाते हैं, उसका ऊँचे कुल में जन्म लेना नहीं ।
प्रश्न 4.
कविता के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-स-सा कथन ‘बड़प्पन’ के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
- धन-दौलत और ताकत से व्यक्ति के बड़प्पन का पता चलता है।
- कुल के बड़प्पन की प्रशंसा व्यक्ति की कमियों को ढक देती है।
- बड़प्पन व्यक्ति के गुणों, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है।
- कुल का नाम व्यक्ति में बड़प्पन की पहचान का मुख्य आधार है।
उत्तर :
बड़प्पन व्यक्ति के गुणों, स्वभाव और कर्मों से पहचाना जाता है।
यह उत्तर चुनने का कारण यह है कि किसी व्यक्ति के बड़े होने से उसमें बड़प्पन नहीं आता । व्यक्ति के गुण, उसका स्वभाव और उसके कार्य ही उसे समाज में बड़प्पन दिलाते हैं। बड़प्पन का वास्तविक अर्थ है बिना स्वार्थ के दूसरों के प्रति समर्पित होना ।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग या एक से अधिक उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तर :
विद्यार्थी आपस में चर्चा करें।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “मेह उन पर है बरसता एक सा,
एक सी उन पर हवायें हैं बही।
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उनके एक से होते नहीं । ‘
उत्तर :
इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि एक ही पौधे पर लगे हुए फूल और काँटे पर समान रूप से बादल वर्षा रूप में जल बरसाते हैं | हवाएँ समान रूप से उन पर बहती हैं लेकिन फिर भी दोनों की प्रवृत्ति अलग-अलग होती है। फूल अपने सौंदर्य और सुगंध से सबको अपनी ओर आकर्षित करते हैं और काँटों के संपर्क में जो भी आता है वह घायल हो जाता है या उसके वस्त्र फट जाते हैं।
(ख) “किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में हो बड़प्पन की कसर । ”
उत्तर :
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि यह कहना चाहते हैं कि ऊँचे कुल में जन्म लेना ही काफी नहीं होता । हमें काम भी उसी प्रकार से अच्छे ही करने चाहिए। किसी के बड़प्पन की पहचान उसके किए गए कार्यों, गुणों और भावनाओं से होती हैं।
मिलकर करें मिलान
प्रश्न 1.
इस कविता में ‘फूल’ और ‘काँटा’ के उदाहरण द्वारा लोगों के स्वभावों के अंतर और समानताओं की ओर संकेत किया गया है। दूसरे शब्दों में, ‘फूल’ और ‘काँटा’ प्रतीक के रूप में प्रयोग किए गए हैं। अपने साथियों के साथ मिलकर चर्चा कीजिए कि फूल और काँटा किस-किस के प्रतीक हो सकते हैं। इन्हें उपयुक्त प्रतीकों से जोड़िए-
उत्तर :
फूल-दया, अच्छाई, सुख, सुंदरता, कोमलता, आनंद, परोपकार, प्रेम, प्रसन्नता। काँटा – स्वार्थ, बुराई, कठोरता, पीड़ा, दुख।
सोच-विचार के लिए
प्रश्न 1.
कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) कविता में ऐसी कौन-कौन सी समानताओं का उल्लेख किया गया है जो सभी पौधों पर समान रूप से लागू होती हैं?
उत्तर :
एक पौधे का बीज से अंकुरित होना, चाँद का उस पर अपनी चाँदनी बिखेरना, बादलों का वर्षा रूप में जल प्रदान करना, हवाओं का उस पर बहना आदि विशेषताएँ ऐसी हैं, जो सभी पौधों पर समान रूप से लागू होती हैं।
(ख) आपको फूल और काँटे के स्वभाव में मुख्य रूप से कौन-सा अंतर दिखाई दिया ?
उत्तर :
फूल और काँटे के स्वभाव में मुख्य रूप से यह अंतर दिखाई देता है कि फूल तितलियों को गोद में लेता है, भँवरों को अपना रसपान करवाता है और अपनी सुंदरता और सुगंध से लोगों का मन मोह लेता है जबकि काँटा तितलियों के पर काट देता है, भँवरों के साँवले शरीर को चीर देता है और लोगों के कपड़े फाड़ देता है एवं उनकी उँगलियाँ भी घायल कर देता है।
(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
इस कविता में यह दर्शाया गया है कि हमें अपने कुल में जन्म लेने का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि मनुष्य का वंश नहीं बल्कि उसके कर्म उसे संसार में प्रसिद्धि दिलाते हैं। ठीक उसी तरह जैसे इस कविता में फूल और काँटे एक ही पौधे पर लगते हैं लेकिन दोनों के स्वभाव में बहुत अंतर होता है। फूलों को देखकर सब प्रसन्नचित्त होते हैं जबकि काँटों से कोई खुश नहीं होता ।
(घ) “किस तरह कुल की बड़ाई काम दे, जो किसी में बड़प्पन की कसर।” उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर :
किस तरह कुल की बड़ाई काम दे जो किसी में हो बड़प्पन की कसर । यह पंक्ति दर्शाती है कि केवल कुल (वंश या परिवार) की प्रतिष्ठा से किसी व्यक्ति का बड़प्पन सिद्ध नहीं होता। यदि किसी व्यक्ति में स्वभाव, कर्म या गुणों में श्रेष्ठता की कमी है, तो उसका कुल कितना भी ऊँचा क्यों न हो, वह सम्मान पाने योग्य नहीं होता । उदाहरण के लिए—
मान लीजिए कोई व्यक्ति एक बहुत प्रसिद्ध और सम्मानित राजा के वंशज है, लेकिन वह खुद आलसी, अहंकारी और दूसरों के प्रति असम्मानित व्यवहार करता है । वहीं, दूसरी ओर एक सामान्य किसान का बेटा परिश्रमी, ईमानदार और सबकी मदद करने वाला है। तो ऐसे में कौन ज्यादा सम्मान का पात्र होगा?
ज़रूर किसान का बेटा, क्योंकि उसमें बड़प्पन के वास्तविक गुण हैं। राजा का वंशज सिर्फ अपने कुल की बड़ाई कर सकता है, लेकिन बिना अच्छे कर्मों के उसका कुल भी काम नहीं आएगा। अतः कह सकते हैं कि बड़प्पन व्यक्ति के अपने गुणों से आता है, न कि केवल उसके कुल या ख़ानदान से ।
(ङ) “ है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा सोहता सुर शीश पर । ” लोग कैसे स्वभाव के व्यक्तियों की प्रशंसा करते हैं और कैसे स्वभाव वाले व्यक्तियों से दूर रहना पसंद करते हैं?
उत्तर :
“ है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा सोहता सुर शीश पर । ” – यह गहरी प्रतीकात्मकता लिए प्रयुक्त है। इसमें दो प्रकार के स्वभावों की तुलना की गई है।
इस पंक्ति में एक ही वस्तु के दो रूपों की तुलना है।
पहली जो आँख में खटकता है, यानी असहज कर देने वाला, कष्टदायक, परेशान करने वाला। दूसरा – जो देवताओं के सिर पर शोभायमान होता है, जैसे- कोई सुंदर फूल, रत्न, मोती या गहना – जो सम्मान और शोभा का प्रतीक है। लोग विनम्र, सहयोगी, मधुरभाषी और दयालु स्वभाव वाले लोगों की प्रशंसा करते हैं क्योंकि उनका व्यवहार सौम्य होता है, वे दूसरों की मदद करते हैं और सभी के साथ प्रेमपूर्वक रहते हैं। ऐसे लोग समाज में सम्मानित होते हैं, उनकी सभी प्रशंसा करते हैं और उन्हें अपने साथ रखना चाहते हैं। वे ईश्वर के शीश पर चढ़ने वाले फूल के समान सम्मानित होते हैं।
दूसरी ओर कुछ ऐसे स्वभाव वाले लोग होते हैं जिनसे सब दूर रहना चाहते हैं। ऐसे लोग अहंकारी, कटु बोलने वाले, स्वार्थी या झगड़ालू होते हैं। इनकी उपस्थिति सभी को असहज कर देती है, ये हर समय विवाद या नकारात्मकता फैलाते हैं। ऐसे लोग ‘आँख में खटकने वाले काँटे’ के समान होते हैं – यानी उनसे सब लोग बचना चाहते हैं, दूरी बनाना चाहते हैं।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—
(क) कल्पना कीजिए कि चाँदनी, हवा और मेघ केवल एक पौधे पर बरसते हैं। बाकी पौधे इन सबके बिना कैसे दिखेंगे और उनके जीवन पर इसका क्या प्रभाव होगा?
उत्तर :
अगर किसी एक पौधे पर चाँदनी, हवा और मेघ बरसते हैं तो वह पौधा सुंदर रूप में पल्लवित होगा और बाकी पौधे इन सब के बिना पनप ही नहीं पाएँगे और यदि पनप भी गए तो कुछ समय बाद मुरझा जाएँगे ।
(ख) यदि सभी पौधे एक जैसे होते तो दुनिया कैसी लगती ?
उत्तर :
यदि सभी पौधे एक जैसे होते तो दुनिया बहुत ही नीरस लगती। हर जगह एक ही तरह के फूल होते तो लोग उनकी तरफ़ आकर्षित ही न होते। अलग-अलग तरह के फूल विभिन्न जीवों को भोजन प्रदान करते हैं, जो संभव न हो पाता। पौधों द्वारा हमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ प्राप्त होते हैं जो शायद सीमित हो जाते। विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधों से कई प्रकार की औषधियाँ एवं इत्र बनाए जाते हैं, हम उनसे भी वंचित रह जाते।
(ग) यदि काँटे न होते और हर पौधा केवल फूलों से भरा होता तो क्या होता ?
उत्तर :
यदि काँटे न होते और हर पौधा फूलों से भरा होता, तो जीवन में सुंदरता तो होती, पर संघर्ष और सावधानी की सीख नहीं मिलती। काँटे हमें दर्द सहना, सावधानी बरतना और सच्ची सुंदरता को पहचानना सिखाते हैं। वास्तव में फूल और काँटे अर्थात जीवन में आने वाले सुख और दुख ही दोनों मिलकर हमारे जीवन को पूर्ण बनाते हैं।
(घ) कल्पना कीजिए कि एक तितली काँटे से मित्रता करना चाहती है, उनके बीच कैसा संवाद होगा?
उत्तर :
तितली और काँटे के मध्य संवाद-
- तितली – काँटे भैया ! कैसे हो?
- काँटा-अच्छा हूँ, तितली बहन !
- तितली – तो इतने उदास क्यों दिख रहे हो?
- काँटा – सोच रहा हूँ कि फूलों से तो तुम्हारी गहरी मित्रता है, क्या मुझसे मित्रता करने का तुम्हारा मन नहीं करता?
- तितली – काँटे भैया ! ऐसा मत कहो। तुमने तो मेरे मन की बात छीन ली। बहुत बार तुमसे मित्रता करना चाहती हूँ।
- काँटा – तो फिर पीछे क्यों हट जाती हो ?
- तितली – तुमसे मित्रता तो करना चाहती हूँ, पर डर जाती हूँ।
- काँटा- क्यों, डर जाती हो तितली ?
- तितली – तुम इतने नुकीले और चुभन वाले हो कि तुम्हारे पास आते ही मेरे पंख छलनी – छलनी हो जाएँगे।
- काँटा – तितली बहन, ऐसे मत कहो । मानता हूँ कि मैं नुकीला हूँ लेकिन किसी का बुरा नहीं चाहता हूँ। फूल के साथ रहता हूँ, फूल भी तो इतना नाज़ुक होता है; क्या कभी मैं उसे भेदता हूँ। माना दिखने में कठोर हूँ लेकिन मैं दिल से बहुत नरम हूँ।
- तितली- अरे काँटे ! भैया इतना मन पर मत लो – अब मैं जब भी फूलों के पास आऊँगी तो दूर से ही सही, तुमसे बात ज़रूर करूँगी। आज से तुम्हारी और मेरी मित्रता पक्की ।
- काँटा-‘धन्यवाद’ तितली बहन ।
(ङ) कल्पना कीजिए कि आपको किसी काँटे, फूल या दोनों के गुणों के साथ जीवन जीने का अवसर मिलता है। आप किसके गुणों को अपनाना चाहेंगे? कारण सहित बताइए ।
उत्तर :
अगर मुझे किसी काँटे, फूल या दोनों के गुणों वाले के साथ जीवन जीने का अवसर मिलता है तो मैं दोनों के गुणों वाले जीवन को अपनाना चाहूँगा क्योंकि फूल स्नेह, सुंदरता, विनम्रता और सकारात्मकता के प्रतीक हैं। वे खुशबू फैलाते हैं और दूसरों को प्रसन्न करते हैं। दूसरी ओर काँटे संघर्ष, आत्मरक्षा, सहनशीलता और दृढ़ता के प्रतीक हैं। वे सिखाते हैं कि खुद को मुश्किलों से कैसे बचाना है और कठिनाइयों का सामना कैसे करना है। दोनों के गुणों को अपनाने से जीवन में संतुलन बना रहेगा । जहाँ एक ओर हम कोमल और प्रेममय बने रहते हैं, वहीं दूसरी ओर हमें मज़बूत और आत्मनिर्भर भी बनना आना चाहिए।
शब्द से जुड़े शब्द
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘बड़प्पन’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए—
उत्तर :
बड़प्पन
‘बड़प्पन’ शब्द ‘बड़ा’ और ‘पन’ से मिलकर बना है। इसका अर्थ होता है – बड़ाई, श्रेष्ठ या बड़ा होने का भाव, महत्व, गौरव। इसका उपयोग मुख्य रूप से व्यक्तित्व, गुण और चरित्र की ऊँचाई या महानता बताने के लिए किया जाता है, जैसे- उनकी सादगी और बड़प्पन ने सबका मन जीत लिया।
नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं जो किसी भाव को व्यक्त करते हैं। इनमें से जो शब्द ‘बड़प्पन’ के भाव व्यक्त करते हैं, उन पर एक गोला बनाइए, जो बड़प्पन का भाव व्यक्त नहीं करते हैं, उनके नीचे रेखा खींचिए।
प्रश्न 1.
उत्तर :
कविता की रचना
“फूल लेकर तितलियों को गोद में,
भौंर को अपना अनूठा रस पिला ।
निज सुगंधों औ निराले रंग से,
है सदा देता कली का जी खिला । ”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्द पर ध्यान दीजिए। क्या आपने इस शब्द को पहले कहीं पढ़ा है? यह शब्द है – ‘ और ‘ । कविता मे ‘र’ वर्ण नहीं लिखा गया है। कई बार बोलते हुए हम शब्द की अंतिम ध्वनि उच्चरित नहीं करते हैं। कवि भी कविता की लय के अनुसार ऐसा प्रयोग करते हैं । इस कविता में ऐसी अनेक विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे- ‘प्यार में डूबी तितलियों’ के स्थान पर ‘प्यार – डूबी तितलियों’ का प्रयोग किया गया है। हर दूसरी पंक्ति का अंतिम शब्द मिलती-जुलती ध्वनि वाला यानि ‘तुकांत’ है आदि।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर इन विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर :
कविता में अंकित विभिन्न विशेषताएँ-
1. ‘जन्म’ शब्द के स्थान पर ‘जनम’ शब्द का प्रयोग ।
2. एक ही सी चाँदनी है डालता – पंक्ति में एक सी चाँदनी है डालता न लिखकर एक ही सी- का प्रयोग काव्य पंक्ति के शब्दों को बल दे रहा है। ऐसा ही ‘पर सदा ही उन पर हवायें हैं बही’ – पंक्ति में भी ‘ही’ निपात शब्द का प्रयोग किया गया है।
3. भौंर का है बेध देता श्याम तन -काव्य पंक्ति में ‘भौंरे’ के स्थान पर भौंर शब्द का प्रयोग किया गया है।
4. कविता में प्रयुक्त तुकांत शब्द-
पालता – डालता
बल – तन
बही – वही
पिला-खिला
(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ झलकती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए। आप कविता की पंक्तियों में एक से अधिक विशेषताएँ भी ढूँढ़ सकते हैं।
कविता की विशेषताएँ | कविता की पंक्तियाँ |
1. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले दो शब्द एक ही पंक्ति में साथ-साथ आए हैं। | 1. किस तरह कुल की बड़ाई काम दे |
2. मुहावरे का प्रयोग किया गया है। | 2. भौंर को अपना अनूठा रस पिला |
3. प्रश्न पूछा गया है। | 3. फाड़ देता है किसी का वर बसन |
4. प्राकृतिक वस्तुओं, जैसे- पेड़-पौधों में मानवीय कार्यों और भावनाओं का वर्णन किया गया है। | 4. है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सुर शीश पर |
5. एक-दूसरे के विपरीत अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। | 5. है सदा देता कली जी की खिला |
6. फूल लेकर तितलियों को गोद में |
उत्तर :
कविता की विशेषताएँ | कविता की पंक्तियाँ |
1. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले दो शब्द एक ही पंक्ति में साथ-साथ आए हैं। | 2. भौंर को अपना अनूठा रस पिला |
2. मुहावरे का प्रयोग किया गया है। | 4. है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सुर शीश पर |
3. प्रश्न पूछा गया है। | 1. किस तरह कुल की बड़ाई काम दे |
4. प्राकृतिक वस्तुओं, जैसे- पेड़-पौधों में मानवीय कार्यों और भावनाओं का वर्णन किया गया है। | 2. भौंर को अपना अनूठा रस पिला 5. है सदा देता कली जी की खिला 6. फूल लेकर तितलियों को गोद में |
5. एक-दूसरे के विपरीत अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। | 4. है खटकता एक सब की आँख में, दूसरा है सोहता सुर शीश पर |
कविता का सौंदर्य
(क) आगे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं, उन पर घेरा बनाइए ।
प्रश्न 1.
हैं जनम लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता ।
___ में उन पर चमकता ___ भी,
एक ही सी चाँदनी है डालता ।
उत्तर :
हैं जनम लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता ।
(रात) में उन पर चमकता (चाँद भी,
(रात, रात्रि, रजनी, निशा, शशि,
चंद्रमा, चाँद, राकेश, इंदु )
एक ही सी चाँदनी है डालता ।
2. ___ उन पर है बरसता एक सा,
एक सी उन पर ___ हैं बही।
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उनके एक से होते नहीं ।
उत्तर :
(मेघ) उन पर है बरसता एक सा,
(मेह, बादल, मेघ, जलद )
एक सी उन पर (हवायें हैं बही।
(वायु, पवन, समीर, मारुत, बयारें, हवायें)
पर सदा ही यह दिखाता है हमें,
ढंग उनके एक से होते नहीं ।
(ख) अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि कौन-सा शब्द रिक्त स्थानों मे सबसे अधिक साथियों को जँच रहा है और क्यों ?
उत्तर :
पहला पद्यांश रात और चाँद शब्द लगाने पर अधिक मुखरित हो रहा है, क्योंकि दो पंक्तियाँ मिलकर यह अर्थ देती है कि रात को चाँद के चमकने पर फूल और काँटे पर समान रूप से चाँदनी की छटा बिखरती है।
विशेषण
” भौंर का है बेध देता श्याम तन । ”
‘श्याम तन’ का अर्थ है – काला शरीर । यहाँ ‘श्याम’ शब्द भँवरे के ‘शरीर’ की विशेषता बता रहा है, अर्थात् ‘श्याम’ ‘विशेषण’ है। ‘तन’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है अर्थात् ‘तन’ ‘विशेष्य’ शब्द है।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए-
पंक्ति | विशेषण | विशेष्य |
1. भौंर का है बेध देता श्याम तन | श्याम | तन |
2. फाड़ देता है किसी का वर बसन | ||
3. भौंर को अपना अनूठा रस पिला | ||
4. निज सुगंधों औ निराले ढंग से |
उत्तर :
पंक्ति | विशेषण | विशेष्य |
1. भौंर का है बेध देता श्याम तन | श्याम | तन |
2. फाड़ देता है किसी का वर बसन | वर | वसन |
3. भौंर को अपना अनूठा रस पिला | अनूठा | रस |
4. निज सुगंधों औ निराले ढंग से | निराले | ढंग |
(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए-
1. फूल _______ _______
2. काँटा _______ _______
3. मेह _______ _______
4. चाँद _______ _______
5. रात _______ _______
उत्तर :
विशेषण | ||
1. फूल | सुंदर | सुगंधित |
2. काँटा | नुकीला | कठोर / छोटा |
3. मेह | काले | घने |
4. चाँद | शीतल | चमकदार |
5. रात | अंधेरी | गहरी |
पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास
(पृष्ठ 36-40)
आपकी बात
(क) यदि आपको फूल और काँटे में से किसी एक को चुनना हो तो आप किसे चुनेंगे और क्यों?
उत्तर :
यदि मुझे काँटे और फूल में से किसी एक को चुनना हो, तो मैं फूल चुनना पसंद करूँगा क्योंकि फूल सुगंध, सुंदरता और शांति के प्रतीक होते हैं। वे दूसरों को खुश करते हैं, वातावरण को सुंदर बनाते हैं और प्रेम तथा करुणा का संदेश देते हैं। लेकिन दूसरी ओर काँटों का भी अपना महत्व है। वे रक्षा करते हैं, और जीवन की कठिनाइयों को सहने के प्रतीक होते हैं। वे हमें मज़बूत बनाते हैं इसलिए कभी-कभी काँटे चुनना भी जीवन की सच्चाई को अपनाने जैसा होता है।
(ख) कविता में बताया गया है कि फूल अपनी सुगंध और व्यवहार से चारों ओर प्रसन्नता और आनंद फैला देता है। आप अपने मित्रों या परिवार के जीवन में प्रसन्नता और आनंद लाने के लिए क्या-क्या करते हैं और क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर :
मैं अपने मित्रों और परिवार के जीवन में प्रसन्नता और आनंद लाने के लिए कई छोटे-छोटे लेकिन प्रभावशाली कार्य करने का प्रयास करता/करती हूँ। जैसे- समय देनाः परिवार और मित्रों के साथ समय बिताना, उनकी बातों को ध्यान से सुनना ।
कठिन समय में सहायक बनना: जब किसी को कठिन समय में मेरी आवश्यकता होती है तो बिना कहे आगे बढ़कर मदद करता/करती हूँ ।
सकारात्मक रहना: मैं मित्रों और परिवार वालों के साथ हँसी-मज़ाक करके उनके तनावपूर्ण जीवन को हल्का बनाए रखता/रखती हूँ। इसके साथ ही कभी – कभी घूमने जाने हेतु पिकनिक का आयोजन भी करता / करती हूँ और सबसे बड़ी बात यह है कि मैं यह सोचता / सोचती हूँ कि उन्हें मेरी ओर से किसी को किसी प्रकार का दुख न पहुँचे।
(ग) ‘फूल’ और ‘काँटे’ एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न हैं फिर भी साथ-साथ पाए जाते हैं। अपने आस – पास से ऐसे अन्य उदाहरण दीजिए ।
(संकेत – वस्तुएँ, जैसे- नमक और चीनी ; स्वभाव, जैसे – शांत और क्रोधी; स्वाद, जैसे- खट्टा-मीठा; रंग, जैसे-काला-सफेद; अनुभव, जैसे – सुख-दुख आदि)
उत्तर :
फूल और काँटे एक दूसरे के भिन्न हैं लेकिन साथ-साथ रहते हैं, इसी तरह हमारे आसपास भी ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहाँ विपरीत प्रकृति की चीजें एक साथ होती हैं। कुछ और उदाहरण इस प्रकार हैं—
सूरज और बादल: सूरज गर्मी देता है, जबकि बादल ठंडकता और छाँव लेकिन दोनों एक ही आकाश में साथ रहते हैं।
मिठास और कड़वाहट : जीवन में कभी-कभी मीठे अनुभव होते हैं, कभी कड़वे – लेकिन दोनों साथ-साथ चलते हैं और हमें संतुलन सिखाते हैं।
भाई-बहनः अक्सर स्वभाव में अंतर होते हैं – कोई गुस्सैल, कोई शांत-लेकिन साथ में रहकर प्रेम और समझदारी का उदाहरण देते हैं।
छाया और धूपः एक ही जगह पर हमें धूप भी मिलती है और छाया भी ये दोनों विपरीत होते हुए भी साथ होते हैं। माता-पिता की डाँट और प्यार : कभी-कभी वे डांटते हैं, कभी प्यार करते हैं- दोनों एक साथ हमारे भले के लिए होते हैं।
इन उदाहरणों से यह सीखने को मिलता है कि जीवन में विपरीत परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना ही सच्ची समझदारी है।
(घ) “छेद कर काँटा किसी की उँगलियाँ, फाड़ देता है किसी का वर बसन ।” आप अपने आस-पास की किसी समस्या का वर्णन कीजिए जिसे आप ‘काँटे’ के समान महसूस करते हैं। उस समस्या का समाधान भी सुझाइए |
उत्तर :
जिस प्रकार काँटा किसी की उँगली में चुभ सकता है, किसी के कपड़े को फाड़ सकता है अर्थात हमेशा दुख ही देता है। उसी तरह हमारे आसपास भी कुछ ऐसी समस्याएँ होती हैं जो लोगों को पीड़ा पहुँचाती हैं। जैसे (काँटे के समान) : स्कूल के पास कूड़े का ढेर यह बदबू फैलाता है, बीमारियाँ फैला सकता है, और बच्चों को परेशान करता है।
समाधान (काँटे को हटाने का प्रयास) : स्थानीय नगर निगम में शिकायत लिखवाई जाए, पास-पड़ोस के लोगों को प्रेरित किया जाए कि वे कचरा सही जगह पर डालें। स्कूल में बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाए। स्वयंसेवी सफ़ाई अभियान चलाया जाए। यह एक छोटा-सा कदम बड़ा बदलाव ला सकता है – काँटे जैसी समस्या भी फूल जैसा समाधान पा सकती है।
सृजन
(क) इस कविता के बारे में एक चित्र बनाइए । आप चित्र में जहाँ चाहें, अपने मनोनीत रंग भर सकते हैं। आप बिना रंगों या केवल उपलब्ध रंगों की सहायता से भी चित्र बना सकते हैं। चित्र बिलकुल मौलिक लगे इसकी चिंता करने की भी आवश्यकता नहीं है। आप अपनी कल्पना को जैसे मन करे, वैसे साकार कर सकते हैं। आप इस प्रकार भी बना सकते हैं।
उत्तर :
अपनी बौद्धिकता एवं रंगों के साथ एक सुंदर सा चित्र बनाइए ।
(ख) मान लीजिए कि फूल और काँटे के बीच बातचीत हो रही है। उनकी बातचीत या संवाद अपनी कल्पना से लिखिए।
- संवाद का विषय निम्नलिखित हो सकता है-
- उनके गुणों और विशेषताओं पर चर्चा |
- यह समझाना कि उनका जीवन में क्या योगदान है।
उदाहरण
- फूल – मैं दूसरों के जीवन में सुगंध और सुख फैलाने आया हूँ।
- काँटा और मैं संघर्ष की याद दिलाने और सुरक्षा देने के लिए हूँ।
उत्तर :
फूल और काँटे के मध्य संवाद
- फूल: मैं तो हर किसी को खुशबू देता हूँ, कोमलता और सुंदरता का प्रतीक हूँ। सब मुझे प्यार करते हैं।
- काँटा: सच है, मैं नुकीला और कठोर हूँ, लेकिन याद रखना मैं ही तुम्हारी रक्षा करता हूँ ।
- फूल: तुम सही कहते हो भाई । मैं सुंदर हूँ, लेकिन नाजुक भी । तुम्हारी कठोरता ही मुझे सुरक्षित रखती है।
- काँटा: हम दोनों मिलकर ही इस पौधे को पूरा बनाते हैं। तुम सौंदर्य हो, और मैं सुरक्षा । जीवन में दोनों की ज़रूरत है। फूल: बिलकुल ! सौंदर्य और सुरक्षा का यही संगम ही सच्ची संतुलित प्रकृति है।
- काँटा: हर सुंदरता के पीछे एक त्याग छुपा होता है। मैं उसी त्याग का प्रतीक हूँ, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
- फूल: सच कहा तुमने, काँटे। हम दोनों मिलकर ही प्रकृति का संतुलन हैं।
सौंदर्य और सुरक्षा, भावना और विवेक ।
वाद-विवाद
विभिन्न समूह बनाकर कक्षा में एक वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन कीजिए। इसके लिए विषय है- ‘जीवन में फूल और काँटे, दोनों की आवश्यकता होती है’।
कक्षा में वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन करने के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं-
1. आपकी कक्षा में पहले से सात – आठ समूह बने होंगे। आधे समूह ‘फूल’ के पक्ष में तर्क देंगे। आधे समूह ‘काँटे’ के पक्ष में तर्क देंगे।
2. एक समूह निर्णायक मंडल की भूमिका निभाएगा। निर्णायक मंडल का काम होगा- तर्कों को ध्यान से सुनना ।
प्रस्तुति शैली और तर्कों की गहराई के आधार पर अंकों का निर्धारण करना ।
3. प्रत्येक समूह को तैयारी के लिए 15 मिनट का समय मिलेगा ताकि वे अपने तर्क तैयार कर सकें। सभी समूह अपने-अपने तर्क मिलकर सोचेंगे और लिखेंगे।
4. प्रत्येक समूह को अपने पक्ष में बोलने के लिए तीन-चार मिनट का समय मिलेगा। दूसरा समूह पहले समूह के तर्कों पर एक-दो मिनट में उत्तर देगा या उनसे प्रश्न पूछेगा ।
5. सभी प्रतिभागियों को एक-दूसरे की बात ध्यान से सुननी होगी। बीच में टोकने की अनुमति किसी को नहीं होगी।
6. सभी समूहों का क्रम तय किया जाएगा। वाद-विवाद के लिए क्रम इस प्रकार हो सकता है-और इसी क्रम से आगे बढ़े।
समूह 1 (फूल के पक्ष में)
समूह 2 (काँटे के पक्ष में)
समूह 3 (फूल के पक्ष में)
समूह 4 (काँटे के पक्ष में )
7. जो समूह निर्णायक मंडल का कार्य कर रहा है, वह वाद-विवाद के अंतराल में तर्क, भाषा कौशल और प्रस्तुति शैली के आधार पर अंकों का निर्धारण करेगा।
8. निर्णायक मंडल अंकों के आधार पर विजेता समूह का निर्णय करेगा।
9. समूहों के प्रयासों के लिए तालियाँ बजाएँ और उनकी प्रशंसा करें। संभव हो तो विजेगा समूह को कोई पुरस्कार या प्रमाणपत्र दिया जा सकता है।
10. विद्यार्थी वाद-विवाद गतिविधि के अनुभवों पर एक अनुच्छेद भी लिख सकते हैं।
उत्तर :
वाद-विवाद
यह एक मौखिक प्रस्तुति है । इसे विद्यार्थी कक्षा में समूह के रूप में बँटकर शिक्षक / शिक्षिका की मदद से करेंगे।
आज की पहेली
नीचे कुछ ऐसे पेड़-पौधों के चित्र दिए गए हैं जिनमें फूल और काँटे साथ-साथ पाए जाते हैं। चित्रों को सही नामों के साथ रेखा खींचकर जोड़िए-
उत्तर :
खोजबीन के लिए
रंग-बिरंगे फूलों से
फूलों की घाटी में- कविता