Students prefer Class 7 Hindi Extra Question Answer Malhar Chapter 3 फूल और काँटा Extra Questions and Answers that are written in simple and clear language.
Class 7 Hindi फूल और काँटा Extra Question Answer
Class 7 Hindi Chapter 3 Extra Question Answer फूल और काँटा
NCERT Class 7 Hindi Chapter 3 Extra Questions अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
फूल और काँटा कहाँ जन्म लेते हैं?
उत्तर :
फूल और काँटा एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 2.
काँटे की क्या विशेषता होती है?
उत्तर :
काँटा उँगलियों में चुभकर उनमें छेद कर देता है। तितलियों के पर काट देता है और भँवरे के शरीर को घायल कर देता है।
प्रश्न 3.
फूल की क्या विशेषता होती है?
उत्तर :
फूल तितली को अपनी गोद में बिठाकर प्यार देता है। भँवरों को अनूठा रस पिलाता है। अपनी सुगंध और रंग से लोगों के मन को प्रसन्न करता है। इसे देवता के शीश पर भी चढ़ाया जाता है।
प्रश्न 4.
फूल और काँटा किसका प्रतीक है?
उत्तर :
फूल खुशी और प्रसन्नता का प्रतीक है। जबकि काँटा दुख का प्रतीक है। फूल सबके मन को खुशी प्रदान करता है जबकि काँटा सबके मन को दुख और तकलीफ देता है।
प्रश्न 5.
फूल और काँटे को कौन-कौन सी समान परिस्थितियाँ प्राप्त होती है?
उत्तर :
फूल और काँटा दोनों एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं। इन्हें एक ही पौधा पालता है। रात में चाँद भी समान रूप से दोनों पर प्रकाश डालता है। वर्षा तथा हवाएँ भी दोनों को समान रूप में प्राप्त होती है।
प्रश्न 6.
फूल और काँटे के बीच क्या अंतर है?
उत्तर :
फूल कोमलता और सुंदरता का प्रतीक है, जबकि काँटा कठोरता और चुभन का प्रतीक है।
प्रश्न 7.
मेघ और हवाएँ फूल और काँटे के साथ कैसा व्यवहार करती हैं?
उत्तर :
मेघ और हवाएँ फूल और काँटे के साथ समान व्यवहार करती हैं। जैसे- जब मेघ बरसते हैं तो दोनों पर एक-सा बरसते हैं। हवाएँ भी दोनों पर एक समान रूप में बहती हैं।
प्रश्न 8.
फूल तितली व भौंरों के साथ कैसा व्यवहार करता है?
उत्तर :
फूल तितलियों को अपनी गोद में बिठाता है और भौंरों को अपना रस चूसने देता है। इस प्रकार वह दोनों के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करता है।
प्रश्न 9.
फूल अपनी सुंदरता से किन्हें आकर्षित – करते हैं?
उत्तर :
फूल अपनी सुंदरता से तितलियों, भौंरों और मनुष्यों को आकर्षित करते हैं। वे अपनी सुगंध से सभी का मन प्रसन्न कर देते हैं।
प्रश्न 10.
फूल और काँटे के स्वभाव में अंतर क्यों है?
उत्तर :
फूल और काँटा एक ही पौधे पर जन्म लेते हैं लेकिन उनके स्वभाव में अंतर होता है। फूल कोमल, सुंदर और जीवन में सकारात्मकता लाने वाला होता है, जबकि काँटा कठोर, नकारात्मक और हानि पहुँचाने वाला होता है।
प्रश्न 11.
फूल का संदेश समाज के लिए क्या है?
उत्तर :
फूल का संदेश है कि हमें अपने स्वभाव को कोमल और सेवाभाव वाला रखना चाहिए, ताकि हम समाज में प्रेम और सौहार्द फैलाएँ।
प्रश्न 12.
काँटा किस प्रकार खटकता है?
उत्तर :
काँटा अपनी चुभन और कठोरता के कारण सबकी आँखों में खटकता है, वह किसी को भी शारीरिक या मानसिक रूप से चोट पहुँचा सकता है।
प्रश्न 13.
कवि ने समान परिस्थिति में जन्म लेने पर भी स्वभाव में भिन्नता क्यों बताई ?
उत्तर :
कवि यह दिखाना चाहते हैं कि महानता केवल परिस्थिति या कुल से नहीं आती, बल्कि व्यक्ति के आंतरिक गुणों से आती है।
फूल और काँटा Class 7 Hindi Extra Questions Answer लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
फूल और काँटे में स्वभावगत क्या अंतर हैं ?
उत्तर :
फूल और काँटे में निम्नलिखित स्वभावगत अंतर हैं-
1. फूल सुगंध देता है और काँटा नहीं ।
2. फूल सबको खुशी देता है और काँटा दुख देता है।
3. फूल तितलियों को गोद में लेता है, भँवरों को रस पिलाता है और लोगों के मन मोह लेता है जबकि काँटा लोगों की उँगलियाँ छेद देता है । तितलियों के पर काट देता है और भँवरों के साँवले शरीर को चीर देता है।
4. अपने अच्छे स्वभाव के कारण फूल देवताओं के सिर पर शोभा प्राप्त करता है, जबकि अपने बुरे स्वभाव के कारण काँटा सबको बुरा लगता है।
प्रश्न 2.
‘किस…. बड़प्पन की कसर’ काव्य पंक्ति का अर्थ लिखिए।
उत्तर :
इन पंक्तियों में कवि ने मनुष्य के गुणों के बारे में बताया है कि मानव कितने भी बड़े कुल में जन्म क्यों न ले लेकिन उसकी महानता / बड़प्पन केवल उसके गुणों से होता है। उसके कुल से नहीं । अर्थात किसी भी व्यक्ति की ऊँचे कुल में जन्म लेने की महानता तब तक नहीं होती जब तक उसमें गुणों की कमी होती है।
प्रश्न 3.
फूल के गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
फूल कोमल, सुगंधित और सुंदर होता है। वह तितलियों को गोद में स्थान देता है, भौंरे को अपना रस पिलाता है और अपनी रंग-बिरंगी छटा से लोगों के मन को प्रसन्न करता है। फूल अपनी मधुरता से समाज में सुख और प्रेम फैलाता है, इसलिए उसे देवताओं के सिर पर स्थान मिलता है।
प्रश्न 4.
कुल की बड़ाई कब काम नहीं देती?
उत्तर :
कुल की बड़ाई तब काम नहीं देती जब खुद व्यक्ति में बड़प्पन की कसर यानी कमी होती है। जैसे- फूल और काँटे समान परिवेश में रहते हुए भी समान आदर नहीं पाते, वे अपने गुणों के कारण ही लोगों में प्रेम व घृणा के पात्र बनते हैं। ऐसे ही अच्छे कुल में जन्म लेकर भी मनुष्य यदि अच्छे कर्म न करें तो वह समाज में आदरणीय स्थान नहीं पा सकता।
प्रश्न 5.
कविता की सीख अपने शब्दों में बताइए ।
उत्तर :
इस कविता में हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने ऊँचे कुल में जन्म लेने का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि मनुष्य का वंश नहीं बल्कि उसके कर्म उसे संसार में प्रसिद्धि दिलाते हैं। ठीक उसी तरह जैसे इस कविता में फूल और काँटे एक ही पौधे पर लगते हैं लेकिन दोनों के स्वभाव में बहुत अंतर होता है।
फूल और काँटा Extra Questions दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
फूल और काँटे में से हमारा आदर्श कौन होना चाहिए? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर :
कवि के अनुसार यद्यपि फूल और काँटे के पालन-पोषण में समानता है लेकिन दोनों के स्वभाव व व्यवहार में बहुत अंतर होता है। जैसे- एक तरफ़ काँटा किसी की भी उँगली में चुभ जाता है, किसी के कपड़े में फँसकर उसे फाड़ देता है, फूलों पर बैठनेवाली तितलियों के पर भी काँटा फाड़ देता है और भौंरों के काले शरीर को भी अपने नोक से घायल कर देता है। इसी कारण वह सबकी आँख में हमेशा खटकता रहता है। दूसरी तरफ़ फूल है जो कि तितलियों व भौंरों को अपना रस चूसने देता है, अपनी सुगंध और निराले रंग से हमारे मन की कली को खिला देता है। फलस्वरूप फूल अपने सदाचरण से हमेशा देवताओं के सिर पर सुशोभित होता है । फूल में सभी गुण अच्छे हैं इसलिए हम मनुष्यों का आदर्श भी फूल ही होना चाहिए ताकि हम भी फूल के अच्छे गुण अपना सकें और उसकी तरह ही अपनी अच्छाई से अपना नाम भी रोशन कर सकें।
Class 7 Hindi Chapter 3 Extra Questions and Answers आपकी सोच
प्रश्न 1.
आपके अनुसार मनुष्य फूल की तरह बनने के लिए कौन-कौन से गुण अपनाने चाहिए?
उत्तर :
मेरे अनुसार मनुष्य को फूल की तरह कोमलता, नम्रता, सहिष्णुता और सेवा की भावना अपनानी चाहिए। उसे दूसरों को प्रसन्न करने वाला, सहयोग देने वाला और सुंदर विचारों वाला बनना चाहिए। यदि हम फूल जैसे गुणों को जीवन में उतारें, तो समाज में प्रेम, शांति और आनंद बना रहेगा।
प्रश्न 2.
यदि आप फूल होते, तो समाज के लिए क्या करते?
उत्तर :
यदि मैं फूल होता, तो अपनी सुगंध से लोगों के मन को प्रसन्न करता । मैं तितलियों, भौंरों और सभी जीवों को स्वागतपूर्वक अपने रस से तृप्त करता और लोगों को यही संदेश देता कि सेवा, प्रेम और विनम्रता ही सच्चा सौंदर्य है।