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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 2 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 19 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 12 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 45 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
‘I’ : अपठित गद्यांश
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
सत्संग से हमारा अभिप्राय उत्तम प्रकृति के व्यक्तियों की संगति से है । मानव मन में श्रेष्ठ एवं गर्हित भावनाएँ मिश्रित रूप से विद्यमान रहती हैं। कुछ व्यक्ति सहज सुलभ सद्गुणों की उपेक्षा करके कुमार्ग का अनुगमन करते हैं। उनकी संगति प्रत्येक के लिए भयंकर सिद्ध होती है। वे न केवल अपना ही विनाश करते हैं, अपितु अपने साथ रहने तथा वार्तालाप करने वालों के जीवन और चरित्र को भी पतन अथवा विनाश के गर्त की ओर उन्मुख करते हैं। अतः ऐसे व्यक्तियों की संगति से सदैव बचना चाहिए। विश्व में प्रायः ऐसे मनुष्य ही अधिक हैं जो उत्कृष्ट और निकृष्ट दोनों प्रकार की मनोवृत्तियों से युक्त होते हैं। उनका साथ यदि किसी के लिए लाभप्रद नहीं होता तो हानिकारक भी नहीं होता। इसके अतिरिक्त तृतीय प्रकार के मनुष्य वे हैं जो गर्हित भावनाओं का दमन करके केवल उत्कृष्ट गुणों का विकास करते हैं। ऐसे व्यक्ति निश्चय ही महान् प्रतिभा सम्पन्न होते हैं। उनकी संगति प्रत्येक व्यक्ति में उत्कृष्ट गुणों का संचार करती है। उन्हीं की संगति को सत्संग के नाम से पुकारा जाता है।
(1) सत्संग से लेखक का क्या अभिप्राय है?
(क) उत्तम प्रकृति की संगति
(ख) निम्न प्रकृति की संगति
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) उत्तम प्रकृति की संगति
व्याख्या- उत्तम प्रकृति की संगति को लेखक ने सत्संग कहा है क्योंकि इसके द्वारा व्यक्ति में सद्गुणों का विकास होता है जो उसे उन्नति के मार्ग पर ले जाते हैं।
(2) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए ।
कथन (A): मानव मन में श्रेष्ठ भावनाएँ विद्यमान रहती हैं।
कारण (R): मानव मन में गर्हित भावनाएँ विद्यमान रहती हैं। विकल्प :
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत हैं
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं ।
(घ) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं ।
व्याख्या- मानव मन में श्रेष्ठ एवं गर्हित भावनाएँ मिश्रित रूप से विद्यमान रहती हैं। यह व्यक्ति पर निर्भर होता है कि वे किन भावनाओं को अपनाए।
(3) कुमार्ग का अनुगमन करने वालों की संगति भयंकर क्यों सिद्ध होती है ?
(क) चरित्र का पतन
(ख) विनाश
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) चरित्र का पतन
व्याख्या- कुमार्ग अनुगमन करने वाले न केवल अपना विनाश करते हैं, अपितु साथ रहने तथा वार्तालाप करने वालों के जीवन और चरित्र को भी पतन अथवा विनाश के गर्त की ओर उन्मुख करते हैं।
(4) महान् प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति किसे कहते हैं?
(क) उत्कृष्ट गुणों वाले
(ख) गर्हित भावनाओं का दमन करने वाले ।
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) उत्कृष्ट गुणों वाले
व्याख्या- वे व्यक्ति जो गर्हित भावनाओं का दमन करके केवल उत्कृष्ट गुणों का विकास करते हैं, ‘महान् प्रतिभा-सम्पन्न’ व्यक्ति कहलाते हैं।
(5) सत्संग का संधि विच्छेद है-
(क) सत् + संग
(ख) सत्सं + ग
(ग) स + त्संग
(घ) सत्स + गं
उत्तर:
(क) सत् + संग
2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
बातचीत का भी एक विशेष प्रकार का आनन्द होता है। जिनको इस आनन्द को भोगने की आदत पड़ जाती है, वे इसके लिए अपना खाना-पीना तक छोड़ देते हैं, अपना नुकसान कर बैठते हैं, लेकिन बातचीत से प्राप्त आनन्द को नहीं छोड़ते। जिनके केवल पत्र-व्यवहार हैं, कभी एक बार भी साक्षात्कार नहीं हुआ, उन्हें अपने प्रेमी से बात करने की अत्यधिक लालसा होती है। अपने मन के भावों को दूसरों के सम्मुख प्रकट करने का और दूसरों के अभिप्राय को स्वयं ग्रहण करने का एकमात्र साधन शब्द ही है।
बेन जॉनसन का यह कथन उचित प्रतीत होता है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है । बातचीत की सीमा दो से लेकर वहाँ तक रखी जा सकती है जितनों की जमात, मीटिंग या सभा न समझ ली जाए। एडिसन का मत है कि असल बातचीत सिर्फ दो में हो सकती है। जब दो से तीन हुए तब वह दो की बात कोसों दूर चली जाती है। चार से अधिक की बातचीत केवल राम रमौवल कहलाती है, इसलिए जब दो आदमी परस्पर बैठे बातें कर रहे हों, और तीसरा वहाँ आ जाए तो उसे मूर्ख और अज्ञानी समझते हैं। इस बातचीत के अनेक भेद हैं। दो बुड्ढों की बातचीत प्राय: ज़माने की शिकायत पर हुआ करती है। नौजवानों की बातचीत का विषय जोश, उत्साह, नई उमंग, नया हौंसला आदि होता है।
(1) बातचीत की आदत के कारण लोग कैसा व्यवहार करते हैं?
(क) लोग खाना-पीना तक छोड़ देते हैं
(ख) लोग परेशानी में भी जी लेते हैं
(ग) अपना नुकसान कर बैठते हैं
(घ) बातचीत में पड़कर सब कुछ भूल जाते हैं।
उत्तर:
(क) लोग खाना-पीना तक छोड़ देते हैं
(2) असली बातचीत लेखक किसे कहता है ?
(क) जो तीन लोगों के बीच होती है
(ख) जो दो लोगों के बीच होती है
(ग) जो चार लोगों के बीच होती है।
(घ) उपर्युक्त किसी को नहीं ।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त किसी को नहीं ।
व्याख्या- जो बातचीत दो लोगों के बीच होती है उसे लेखक असली बातचीत कहता है ।
(3) बूढ़े लोगों की बातचीत किस विषय पर होती है ?
(क) अपने बच्चों के बारे में
(ख) दोस्तों के बारे में
(ग) परिवार के बारे में
(घ) ज़माने की शिकायत पर ।
उत्तर:
(घ) ज़माने की शिकायत पर ।
व्याख्या- दो बुड्ढों की बातचीत प्राय: ज़माने की शिकायत पर हुआ करती है।
(4) चतुराई शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय अलग करें-
(क) चतुरा + ई
(ख) चतुर + आई
(ग) चतुरा + आई
(घ) चतुर + ई
उत्तर:
(ख) चतुर + आई
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए ।
कथन (A) : दो लोगों की बातचीत के बीच में बोलने वाले को मूर्ख कहते हैं ।
कारण (R) : दो लोगों की बातचीत के बीच में बोलने वाला ज्ञानी होता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनो सही हैं ।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
‘II’ : व्यावहारिक व्याकरण
3. निम्नलिखित ‘शब्द और पद’ पर आधारित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) ‘राधा नाच रही है’ में ‘राधा’ है-
(क) वर्ण
(ख) पद
(ग) शब्द
(घ) वाक्य
उत्तर:
(ख) पद
व्याख्या- राधा नाच रही है में राधा ‘पद’ है ।
(2) ‘रवि, मोहन, तुम’ क्या हैं?
(क) शब्द
(ख) पद
(ग) वाक्य
(घ) वर्ण
उत्तर:
(क) शब्द
4. निम्नलिखित ‘अनुस्वार तथा अनुनासिक’ पर आधारित तीन बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्ही दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) अनुस्वार चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) कुंज
(ख) भाँति
(ग) अंत्यत
(घ) मँडली
उत्तर:
(क) कुंज
व्याख्या- अनुस्वार चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द कुंज है।
(2) अनुनासिक चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) छाँव
(ख) महँगाई
(ग) झँकार
(घ) अँधकार
उत्तर:
(क) छाँव
(3) अनुस्वार चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) दण्ड
(ख) दन्ड
(ग) दंड
(घ) दडं
उत्तर:
(ग) दंड
5. निम्नलिखित ‘ उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘परिवर्तन’ में उचित उपसर्ग है-
(क) परी
(ख) परि
(ग) पर
(घ) पर्
उत्तर:
(ख) परि
व्याख्या- ‘परिवर्तन’ में उचित उपसर्ग परि है।
(2) ‘अधखुला’ में उचित उपसर्ग है-
(क) अ
(ख) अधि
(ग) अध्
(घ) अध
उत्तर:
(घ) अध
(3) ‘छिड़काव ‘ में उचित प्रत्यय है-
(क) अव
(ख) कव
(ग) आव
(घ) काव
उत्तर:
(ग) आव
(4) ‘सम्पादकीय’ में उचित प्रत्यय है-
(क) कीय
(ख) ईय
(ग) इय
(घ) य
उत्तर:
(ख) ईय
(5) ‘न्यून’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग और मूल शब्द है-
(क) न + यून
(ख) नी + यून
(ग) नि + ऊन
(घ) न् + उन
उत्तर:
(ग) नि + ऊन
6. निर्देशानुसार ‘स्वर संधि’ पर आधारित चार बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 3 = 3)
(1) ‘एकैक’ में कौन-सी सन्धि है-
(क) वृद्धि सन्धि
(ख) दीर्घ सन्धि
(ग) गुण सन्धि
(घ) अयादि सन्धि
उत्तर:
(क) वृद्धि सन्धि
व्याख्या- एकैक में वृद्धि संधि है। जब अ, आ के बाद ए, ए या ओ, स्वर आएँ तो दोनों के स्थान पर क्रमशः ‘ए’ और ‘औ’ हो जाता है।
(2) देवालय में कौन-सी सन्धि है
(क) दीर्घ सन्धि
(ख) गुण सन्धि
(ग) वृद्धि सन्धि
(घ) यण सन्धि
उत्तर:
(क) दीर्घ सन्धि
(3) परोपकार में कौन-सी सन्धि है ?
(क) गुण सन्धि
(ख) दीर्घ सन्धि
(ग) वृद्धि सन्धि
(घ) यण सन्धि
उत्तर:
(क) गुण सन्धि
व्याख्या- ‘पर + उपकार’ यह गुण संधि का उदाहरण है।
(4) ‘पावक’ में कौन-सी सन्धि है ?
(क) अयादि सन्धि
(ख) दीर्घ सन्धि
(ग) गुण सन्धि
(घ) वृद्धि सन्धि
उत्तर:
(क) अयादि सन्धि
7. निर्देशानुसार ‘विराम चिह्न’ पर आधारित चार बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) जब किसी बात को कहते हुए बीच में हल्का-सा विराम लेना हो पर वाक्य को खत्म न करा हो, वहाँ कौन-से चिराम चिह्न का प्रयोग होगा ?
(क) अर्द्ध-विराम
(ख) योजना – विराम
(ग) अल्प-विराम
(घ) निर्देशक – चिह्न
उत्तर:
(क) अर्द्ध-विराम
व्याख्या – इस विराम-चिह्न का नाम अर्द्ध-विराम है।
(2) = चिह्न प्रयुक्त होता है ?
(क) तुल्यता
(ख) विराम
(ग) लाघव
(घ) संयोजक
उत्तर:
(क) तुल्यता
(3) विराम चिह्न प्रयुक्त होता है-
(क) विवरण
(ख) लाघव
(ग) संयोजक
(घ) तुल्यता
उत्तर:
(ग) संयोजक
(4) विराम का अर्थ है-
(क) चलना
(ख) ठहरना
(ग) बिछुड़ना
(घ) स्वर
उत्तर:
(घ) स्वर
8. निर्देशानुसार ‘अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद’ पर आधारित तीन बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) ‘तुम यहाँ आओ’ वाक्य में उद्देश्य बताइए-
(क) यहाँ
(ख) आओ
(ग) यहाँ आओ
(घ) तुम
उत्तर:
(घ) तुम
व्याख्या- ‘तुम वाक्य का उद्देश्य है । अतः विकल्प (घ) सही है ।
(2) ‘मन से लगातार कोशिश करो ताकि कभी नहीं हारो’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) इच्छावाचक
(ख) संकेतवाचक
(ग) नकारात्मक वाक्य
(घ) आज्ञावाचक
उत्तर:
(ख) संकेतवाचक
(3) कॉलम – 1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
Img 1
विकल्प :
(क) 1- (i), 2-(ii), 3- (iii)
(ख) 1 – (ii), 2- (iii), 3- (i)
(ग) 1- (iii), 2- (ii), 3- (i)
(घ) 1- (iii), 2- (i), 3- (ii)
उत्तर:
(ख) 1 – (ii), 2- (iii), 3- (i)
9. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय ।
उदधि बढ़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय ।।
बिगरी बात नै नहीं, लाख करौ किन कोय ।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय ।।
(1) रहीम ने किस जल को उपयोगी कहा है?
(क) नदी के जल को
(ख) कीचड़ के जल को
(ग) कुएँ के जल को
(घ) सरोवर के जल को
उत्तर:
(ख) कीचड़ के जल को
व्याख्या – रहीम ने कीचड़ के जल को धन्य व उपयोगी कहा है क्योंकि उस जल से छोटे-छोटे जीव-जन्तु भी तृप्त हो जाते हैं।
(2) समुद्र का जल व्यर्थ क्यों है?
(क) उसमें ज्वार-भाटा आता है
(ख) वह खारा होता है ।
(ग) वह विशाल जल राशि का भण्डार होता है
(घ) सामान्यतः वह आबादी से दूर होता है।
उत्तर:
(ख) वह खारा होता है ।
(3) सही कथन वाला वाक्य है-
(क) बिगड़ी बात सहजता से बन सकती है।
(ख) बिगड़ी बात बनकर भी टूट जाती है।
(ग) जब एक बार बात बिगड़ जाती है तो लाख प्रयत्न करने पर भी नहीं बनती।
(घ) बातें बिगड़कर बनती भी हैं, टूटी भी रहती हैं ।
उत्तर:
(ग) जब एक बार बात बिगड़ जाती है तो लाख प्रयत्न करने पर भी नहीं बनती।
व्याख्या – जिस प्रकार दूध को मथने से मक्खन नहीं निकलता उसी प्रकार बिगड़ी बात बनाना बहुत कठिन होता है । अत: हमें सोच-समझकर व्यवहार करना चाहिए ।
(4) किसको मथने से मक्खन नहीं निकलता ?
(क) फटा दूध
(ख) ताजा दूध
(ग) खट्टा दही
(घ) मलाई युक्त दूध
उत्तर:
(क) फटा दूध
(5) कवि का ‘पंक’ से क्या तात्पर्य है?
(क) कीचड़
(ख) गुलाब
(ग) मोर
(घ) पंखा
उत्तर:
(क) कीचड़
10. निम्नलिखित दो प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) रैदास ने भगवान और भक्त की तुलना किससे की है ?
(क) चंदन – पानी
(ख) घनश्याम – मोर
(ग) चाँद-चकोर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
(2) ‘आठिलै है ‘ से क्या आशय है?
(क) उपहास करना
(ख) उपहार देना
(ग) अट्ठारह
(घ) उठ जाना
उत्तर:
(घ) उठ जाना
व्याख्या- ‘आठिलैहै’ का अर्थ उपहास करना है।
11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
बाज़ार में, फुटपाथ पर कुछ खरबूजे डलिया में और कुछ ज़मीन पर बिक्री के लिए जान पड़ते थे । खरबूजों के समीप एक अधेड़ उम्र की औरत बैठी रो रही थी । खरबूजे बिक्री के लिए रखे थे, परन्तु उन्हें खरीदने के लिए कोई कैसे आगे बढ़ता है ? खरबूजों को बेचने वाली तो कपड़ों से मुँह छिपाए सिर को घुटनों पर रख फफक-फफक कर रो रही थी। पड़ोस की दुकानों के तख्तों पर बैठे या बाज़ार में खड़े लोग घृणा से उसी स्त्री के सम्बन्ध में बात कर रहे थे। उस स्त्री का रोना देखकर मन में एक व्यथा – 1-सी उठी, पर उसके रोने का कारण जानने का उपाय क्या था ?
(1) खरबूजे कहाँ रखे थे ?
(क) सड़क पर
(ख) दुकान पर
(ग) ढकेल पर
(घ) फुटपाथ पर
उत्तर:
(घ) उठ जाना
(2) अधेड़ स्त्री क्यों रो रही थी ? विचार कीजिए और उचित विकल्प का चयन कीजिए ।
(i) उसका लड़का अस्वस्थ था ।
(iii) उसका लड़का लापता हो गया था ।
(ii) उसके लड़के को चोट लगी थी ।
(iv) उसका लड़का मर गया था।
(क) केवल (i)
(ख) केवल (ii)
(ग) केवल (iii)
(घ) केवल (iv)
उत्तर:
(घ) केवल (iv)
व्याख्या- अधेड़ स्त्री का जवान बेटा सौंप द्वारा काट लेने के कारण मर गया था इसलिए दुःखी होकर वह फूट-फूटकर रो रही थी।
(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक विकल्प चुनकर लिखिए ।
पढ़कर इसके आधार पर दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही
कथन (A) : दुकान के तख्तों पर बैठे लोग बातें कर रहे थे । कारण (R) : वे घृणा से उस स्त्री के सम्बन्ध में बातें कर रहे थे। विकल्प :
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है ।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है।
उत्तर:
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है ।
(4) बुढ़िया को रोता देख लेखक की दशा क्या थी?
(क) उसके मन में एक हूक उठी
(ख) उसके मन में जिज्ञासा उठी ।
(ग) उसके मन में एक व्यथा उठी
(घ) उसके मन में सांत्वना की भावना उठी ।
उत्तर:
(ग) उसके मन में एक व्यथा उठी
व्याख्या- बुढ़िया को रोता देखकर लेखक व्यथित हो उठा।
(5) ‘घृणा’ शब्द का अर्थ है-
(क) क्रोध
(ख) नफ़रत
(ग) व्यथा
(घ) खुशी
उत्तर:
(ख) नफ़रत
12. निम्नलिखित दो प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) अंगदोर जी के पैर ठण्डे क्यों पड़ जाते थे ?
(क) भूख के कारण
(ख) डर के कारण।
(ग) बिना ऑक्सीजन चढ़ाई के कारण
(घ) पैरों में दर्द के कारण।
उत्तर:
(ग) बिना ऑक्सीजन चढ़ाई के कारण
(2) लेखक की सहनशक्ति किस दिन जवाब देने वाली थी ?
(क) दूसरे
(ख) पाँचवें
(ग) तीसरे
(घ) चौथे
उत्तर:
(ख) पाँचवें
व्याख्या- लेखिका की शक्ति पाँचवे दिन जवाब देने वाली थी।
खण्ड ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
13. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) दुःख का अधिकार पाठ के आधार पर बताइए कि शोक के समय धनी और निर्धन की दशा में क्या अंतर होता है ?
उत्तर:
शोक के समय धनी और निर्धन दोनों ही दुःख में डूब जाते हैं। दोनों को इसकी अनुभूति भी समान होती है । फिर भी दोनों के दुःख की अभिव्यक्ति में पर्याप्त अन्तर होता है। गरीब व्यक्ति अधिक समय तक शोक नहीं मना सकता क्योंकि उसके पास कोई एकत्र धन नहीं है जिसे वह दुःख के समय खर्च कर गुज़ारा चला सके। उसे तो अपना परिवार पालने के लिए रोज़ी-रोटी की तलाश में जाना ही पड़ता है। जबकि अमीर व्यक्ति के पास सब सुख-सुविधाएँ होती हैं, सेवा करने वाले मौज़ूद होते हैं, उसे कोई चिन्ता या मज़बूरी नहीं होती, अतः उन दोनों की दशा में बहुत अंतर होता है।
(2) एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए ? उनका वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए निम्नलिखित छह कैम्प बनाए गए थे-
(i) बेस कैम्प – यहाँ से असली चढ़ाई शुरू होनी थी । यहाँ सारी सुविधाएँ एकत्रित की गई थीं। यहाँ तेनजिंग भी मिलने आए थे ।
(ii) कैम्प- – एक – इस कैम्प में लेखिका और एक अन्य महिला पहले पहुँची।
(iii) कैम्प-दो – 16 मई को प्रातः सभी लोग इस कैम्प पर पहुँचे, जिसमें से एक शेरपा की टाँग टूट गई थी, उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया।
(iv) कैम्प – तीन – इसमें 10 व्यक्ति थे । यह नायलॉन से बना तम्बू था। वहीं रात 12:30 बजे बर्फ़ का खण्ड टूटकर आ गिरा था।
(v) कैम्प – चार – यह कैम्प 29 अप्रैल, 1948 को अंगदोरजी, लोपसाँग और गगन बिस्सा ने 7900 मीटर की ऊँचाई पर लगाया।
(vi) शिखर कैम्प – इस मैदान में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घण्टों में पहुँच गए। यहाँ से सागरमाथा नज़दीक था।
(3) विद्यार्थी अवस्था में महादेव भाई क्या करते थे ? महादेव भाई की साहित्यिक गतिविधियों में क्या देन है ? बताइए ।
उत्तर:
विद्यार्थी अवस्था में महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे। सन् 1917 में वे गाँधी जी के सम्पर्क में आए और उनके वैयक्तिक सहायक बन गए।
महादेव भाई को शिष्ट संस्कार सम्पन्न भाषा और मनोहारी लेखन शैली को ईश्वरीय देन मिली थी । गाँधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ (मूल गुजराती) का अंग्रेजी अनुवाद महादेव भाई ने किया। टैगोर के नाटक ‘विदाई का अभिशाप’ और शरत बाबू की कहानियों का अनुवाद उनकी साहित्यिक देन है।
14. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- पाठ्यपुस्तक, स्पर्श, भाग- 1 (काव्य खण्ड) (3 × 2 = 6)
(1) ‘नए इलाके में’ कविता में कवि ने शहरों की किस विडम्बना की ओर संकेत किया है ?
उत्तर:
काव्य पाठों पर आधारित वर्णनात्मक प्रश्नों के उत्तर-
इस कविता में कवि ने शहरों की इस विडंबना की ओर संकेत किया है कि वहाँ के लोगों के पास समय का सदा अभाव रहता है। वहाँ कोई किसी से जान-पहचान रखना नहीं चाहता। दरवाज़ा खटखटाने पर भी कोई किसी की सहायता करने को तैयार नहीं होता । वहाँ अब पूर्व परिचितों का अकाल-सा पड़ गया हैं । वहाँ सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते हैं। शहरों में पड़ोसी – पड़ोसी को नहीं पहचानता। न उनमें कोई प्रेम भावना होती है तथा न स्नेह होता है।
(2) निम्नलिखित काव्यांश में निहित काव्य-सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए-
पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ
जूही की डाल – से खुशबूदार हाथ
गंदे कटे-पिटे हाथ
ज़ख्म से फटे हुए हाथ
उत्तर:
इन काव्य- पंक्तियों में अगरबत्ती बनाने वाले विभिन्न लोगों के बारे में हाथों के माध्यम से बताया गया है। इनमें कुछ नए बालक भी शामिल हैं। इन बालकों के हाथों को पीपल के नए पत्तों के समान कोमल बताया गया है।
इन बच्चों के हाथ जूही की डाल की सुगंध लिए हुए होते हैं पर कुछ दिनों में काम करते-करते ये हाथ कट-फट जाते हैं तथा ज़ख्मी तक हो जाते हैं। बालकों के साथ हो रहे अन्याय का मार्मिक चित्रण है।
-हाथ की उपमा पीपल के पत्ते से दी गई है, अत: उपमा अलंकार का सुंदर प्रयोग है। जूही की डाल से खुशबूदार हाथ में उपमा अलंकार है । भाषा सरल, सजीव है।
(3) कवि रैदास ने अपने पद के माध्यम से तत्कालीन समाज का चित्रण किस प्रकार किया है ?
उत्तर:
कवि रैदास ने अपने पद ‘ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै’ में सामाजिक छुआछूत एवं भेदभाव की तत्कालीन स्थिति का अत्यंत मार्मिक एवं यथार्थ चित्र खींचा है। उन्होंने अपने पद में कहा है कि गरीब एवं दीन-दु:खियों पर कृपा बरसाने वाला एकमात्र प्रभु है। उन्होंने ही एक ऐसे व्यक्ति के माथे पर छत्र रख दिया है, राजा जैसा सम्मान दिया है, जिसे जगत के लोग छूना भी पसंद नहीं करते। समाज में निम्न जाति एवं निम्न वर्ग के लोगों को तिरस्कारपूर्ण दृष्टि से देखा जाता था, ऐसे समाज में प्रभु ही उस पर द्रवित हुए।
कवि द्वारा नामदेव, कबीर, त्रिलोचन, सधना, सैन आदि संत कवियों का दिया गया उदाहरण दर्शाता है कि लोग निम्न जाति के लोगों के उच्च कर्म पर विश्वास भी मुश्किल से करते थे । इसलिए कवि को उदाहरण देने की आवश्यकता पड़ी। इन कथनों से तत्कालीन समाज की सामाजिक विषमता की स्पष्ट झलक मिलती है।
15. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) गिल्लू लेखिका से बहुत प्रेम करता था । स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
गिल्लू वास्तव में एक अत्यधिक संवेदनशील प्राणी था और उसे महादेवी वर्मा से गहरा लगाव था। पाठ के अंतर्गत इसके कई प्रमाण विद्यमान हैं-
(i) जब भी लेखिका अपना कमरा खोलकर अंदर घुसती थीं, तो गिल्लू उनके शरीर पर ऊपर से नीचे झूलने लगता था, लेकिन यदि कोई अन्य व्यक्ति अंदर आता तो वह ऐसा नहीं करता था ।
(ii) गर्मियों के दिनों में वह लेखिका के पास रहने के लालच में उनके पास रखी सुराही के साथ चिपका रहता था।
(iii) गिल्लू ने लेखिका के अस्वस्थ रहने के दौरान एक परिचारिका की तरह उपचार में अपनी ओर से यथासंभव भूमिका निभाई।
(iv) लेखिका की अस्वस्थ स्थिति में अस्पताल में रहने के दौरान गिल्लू ने अपना मनपसंद भोजन काजू खाना कम कर दिया।
(v) अपने अंतिम समय में गिल्लू ने लेखिका की अँगुली पकड़ ली।
(2) कभी-कभी दृढ़ संकल्प के साथ तैयार की गई योजना भी प्रभावी नहीं हो पाती है। कुएँ से चिट्ठी निकालने के लिए लेखक द्वारा बनाई गई पूर्व-योजना क्यों सफल नहीं हुई ?
उत्तर:
चिट्ठियाँ कुएँ में गिर जाने पर लेखक बहुत भारी मुसीबत में फँस गया । पिटने का डर और ज़िम्मेदारी का अहसास उसे चिट्ठियाँ निकालने के लिए विवश कर रहा था । लेखक ने धोतियों में गाँठ बाँधकर रस्सी बनाकर कुएँ में उतरने की योजना बना ली। लेखक को स्वयं पर भरोसा था कि वह नीचे जाते ही डंडे से दबाकर साँप को मार देगा और चिट्ठियाँ लेकर ऊपर आ जाएगा क्योंकि वह पहले भी कई साँप मार चुका था । उसे अपनी योजना में कमी नहीं दिखाई दे रही थी, परन्तु लेखक द्वारा बनाई गई यह पूर्व – योजना सफ़ल नहीं हुई, क्योंकि योजना की सफलता परिस्थिति पर निर्भर करती है । कुएँ में स्थान की कमी थी और साँप भी व्याकुलता से उसको काटने के लिए तत्पर था। ऐसे में डंडे का प्रयोग करना संभव नहीं था।
(3) लेखक उनाकोटी क्यों गया था? शूटिंग पूरी होते-होते वहाँ कैसा दृश्य उपस्थित हो गया ?
उत्तर:
त्रिपुरा के जिलाधिकारी के द्वारा उनाकोटी में शूटिंग का प्रस्ताव दिए जाने पर लेखक ‘ऑन द रोड’ शीर्षक से तीन खंडों में बनने वाली श्रृंखला की शूटिंग करने उनाकोटी गया।
वहाँ शूटिंग पूरी करते-करते लेखक को शाम के चार बज गए। तभी अचानक भयानक अंधकार छा गया और बादल घिर आए । जब तक वे अपने उपकरण समेटें, बादलों की तेज़ गर्जना के साथ ज़ोर की बारिश होने लगी । ऐसा प्रतीत होने लगा मानो शिव का तांडव शुरू हो गया।
16. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) बढ़ते उद्योग कटते वन :
- भूमिका ।
- वृक्षों से लाभ
- वृक्षों की कटाई और उसके दुष्परिणाम ।
- वृक्षारोपण।
- उपसंहार ।
उत्तर:
बढ़ते उद्योग कटते वन
भूमिका – प्रकृति ईश्वरीय सृष्टि की अद्भुत, अलौकिक रचना है। मनुष्य ने प्रकृति की गोद में आँखें खोली हैं एवं प्रकृति ने ही मनुष्य का पालन-पोषण किया है, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। उद्योगों के बढ़ने से वनों की कटाई बढ़ती जा रही है।
वृक्षों से लाभ – मनुष्य का सम्पूर्ण जीवन पेड़-पौधों पर आश्रित रहता है। पेड़-पौधों की लकड़ी विभिन्न रूपों में मनुष्य के काम आती है। वृक्षों से हमें फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ आदि प्राप्त होती हैं। शुद्ध वायु एवं तपती दोपहर में छाया वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वृक्ष वर्षा में सहायक होते हैं एवं भूमि को उर्वरक बनाते हैं। प्रदूषण को समाप्त कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। वन्य प्राणियों का अस्तित्व पेड़-पौधों पर ही निर्भर है। वृक्ष सूखा, बाढ़ एवं मिट्टी के कटाव आदि प्राकृतिक आपदाओं से हमारी रक्षा करते हैं।
वृक्षों की कटाई और उसके दुष्परिणाम – जनसंख्या के दबाव, शहरों का विस्तार, फैक्ट्रियों के लिए भूमि की कमी को दूर करने के लिए वृक्षों की व्यापक पैमाने पर कटाई मनुष्य के द्वारा की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण का बढ़ना एवं प्राकृतिक आपदाओं से विनाश का खतरा बढ़ता जा रहा है। वन्य प्राणियों की अनेक दुर्लभ प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। रोगों में वृद्धि हो रही है। पर्यावरण प्रदूषण, पर्वत स्खलन, मौसमी वर्षा एवं सूखे की स्थिति वनों की कटाई के मुख्य दुष्परिणाम हैं।
वृक्षारोपण – देर से सही, मनुष्य ने वृक्षों के महत्त्व को स्वीकारा तो है । वृक्षों की कटाई के विरोध में व्यक्ति जागरूक हुए हैं, कई समाज सेवी संस्थाएँ और सरकारी विभागों द्वारा सकारात्मक क़दम उठाए जा रहे हैं जिनमें चिपको आन्दोलन की प्रमुख भूमिका रही है। सरकार द्वारा हरे वृक्षों को काटने से रोकने के लिए क़ानून बनाया गया है। वन विभाग द्वारा नए वृक्षों का रोपण किया जा रहा है एवं पुराने वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए वन – महोत्सव प्रारम्भ किया गया है जो जुलाई मास में मनाया जाता है जिसमें व्यापक रूप से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाता है।
उपसंहार – आज आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य प्रकृति से जुड़े । यह समझे कि कुल्हाड़ी वृक्षों पर नहीं वरन् उसी पर चल रही है। हमारी संस्कृति में वृक्षों पर देवताओं का वास बताया गया है एवं वृक्ष काटना भयंकर पाप बताया है। वृक्षारोपण करने को महान् पुण्य बताया है। यदि हम पर्यावरण प्रदूषण को रोकना चाहते हैं तो कटते वृक्षों पर अंकुश लगाना होगा और नए वृक्ष भी लगाने होंगे।
(2) गरीबों की बस्ती :
- रहन-सहन ।
- अभावपूर्ण जीवन ।
- क्या करें ?
उत्तर:
ग़रीबों की बस्ती
रहन-सहन – हमारे नगर की दक्षिण दिशा में गरीबों की बस्ती है। इसमें अधिकतर वे लोग रहते हैं जो हाथ के कारीगर हैं। राज – मिस्त्री, मज़दूर, प्रेस वाले, सब्जी का ठेला लगाने वाले, बढ़ई, फल बेचने वाले, बर्फ का ठेला लगाने वाले इस बस्ती की झुग्गी-झोंपड़ी में निवास करते हैं।
अभावपूर्ण जीवन – किसी के पास भी रहने के लिए अपना पक्का मकान नहीं है। वे रोज़ कमाने वाले, रोज़ खाने वाले लोग हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होने से वहाँ निरंतर अभाव रहता है। कभी दाल बन गई तो कभी सब्जी, तो कभी सूखी रोटी अचार से खा ली। साफ़-सफ़ाई का प्रबंध भी वहाँ नहीं है तथा स्कूल जाने की उम्र में ही बच्चों को काम पर लगा दिया जाता है जिससे परिवार की आमदनी बढ़ सके।
क्या करें – उनके लिए स्वच्छ, सार्वजनिक शौचालय बनाए जाने चाहिए । शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए तथा बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए। परिवार नियोजन पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है तभी उनकी दशा में कुछ सुधार हो सकता है ।
(3) झूठ बोलने की विवशता :
- कब ?
- क्यों ?
- पश्चाताप ।
उत्तर:
झूठ बोलने की विवशता
कब – कभी-कभी व्यक्ति को न चाहते हुए भी झूठ बोलना पड़ता है। ऐसा ही एक वाकया मेरे दोस्त के साथ हुआ।
क्यों ? – रोहन की माँ बुखार से तप रही थी तथा घर में खाना नहीं बना था । वह पास में स्थित एक दुकान पर गया और उसने वहाँ रखी एक डबल रोटी उठा ली तथा भागते हुए घर पहुँचा। जब माँ ने पूछा कि डबल रोटी कहाँ से लाया ? तो रोहन ने झूठ बोल दिया कि अपने दोस्त के घर से लाया है।
पश्चाताप – तभी दुकानदार घर में आया और उसने रोहन की माँ को सारी बात बताई। माँ ने डबल रोटी के पैसे दुकानदार को दे दिए और रोहन (मेरे मित्र) को ऐसी हरकत दोबारा न करने की कसम दी । रोहन को इस बात का भारी पछतावा था कि उसने माँ के सामने झूठ बोला जिससे माँ को दुकानदार के सामने नीचा देखना पड़ा।
17. अपने छोटे भाई को कुसंगति की हानियाँ बताते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (6 × 1 = 6)
उत्तर:
B-139, मानस नगर,
शाहगंज आगरा।
दिनांक : 23-8-20xx
प्रिय रोहित,
सदा प्रसन्न रहो।
यहाँ सभी कुशलपूर्वक हैं। आशा है तुम स्वस्थ और प्रसन्न होगे । कल ही तुम्हारे छात्रावास के अधीक्षक का एक पत्र पिताजी को प्राप्त हुआ, जिसे पढ़कर उन्हें बहुत चिन्ता हुई । पत्र में उन्होंने लिखा है कि आपका बेटा आजकल कुसंगति में पड़ गया है। यदि उसे नहीं रोका गया तो छात्रावास से निष्कासित कर दिया जाएगा।
भाई, ध्यान रखो कि कुसंगति से मनुष्य पतन की ओर चला जाता है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल हो जाता है । विद्यार्थी जीवन तो भविष्य की तैयारी हेतु होता है । मेरी सलाह है कि तुम ऐसे लड़कों की संगति का त्याग शीघ्र कर दो और अपनी पढ़ाई की ओर ध्यान दो । मुझे विश्वास है कि तुम सही मार्ग पर अग्रसर होंगे तथा परिवारजनों को निराश नहीं करोगे । अपनी कुशलता का समाचार देना ।
तुम्हारा बड़ा भाई,
मोहित अग्रवाल
18. प्रस्तुत चित्र को ध्यान से देखिए और चित्र को आधार बनाकर कोई लेख अथवा कहानी लिखिए जिसका सीधा और स्पष्ट सम्बन्ध चित्र से होना चाहिए। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
प्रस्तुत चित्र में दो बालिकाओं को दिखाया गया है जिनकी उम्र लगभग 11-12 वर्ष है। वे दोनों नल के पास खड़ी हुई हैं नल में पानी आता देख वे प्रसन्न दिखाई दे रही हैं। उन्हें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो उन्होंने नल से इस प्रकार पानी आते शायद ही पहले देखा हो । जल जीवन का आधार है । जल के बिना किसी प्राणी, वनस्पति की कल्पना भी नहीं की जा सकती । सृष्टि ने प्राणिमात्र के जीवन की रक्षा के लिए अपार जल सम्पदा प्रदान की, परन्तु आज इस अथाह प्राकृतिक सम्पदा का जीवन में अभाव हो गया है।
मनुष्य की धनलोलुपता ने उसका संकट उत्पन्न कर दिया है। पीने योग्य जल की गुणवत्ता में गिरावट, जल स्रोतों का अप्रत्याशित रूप से घटना या बढ़ना इस जल संकट का हिस्सा है। वर्तमान में जल संकट की जो स्थिति है, इससे निकट भविष्य में जलाभाव के कारण प्राणियों का विनाश होगा। आज बड़े-बड़े चौराहों पर पानी के लिए लम्बी लाइन, सिरों पर घड़ों से पानी लाती महिलाएँ हर जगह देखी जा सकती हैं। दूर-दराज के इलाकों में स्थिति अधिक ख़राब है। वहाँ महिलाओं व लड़कियों का अधिकांश समय पानी लाने में चला जाता है। पानी के लिए कई किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है जिसके कारण वे बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर भी समुचित ध्यान नहीं दे पातीं।
जल को जीवन कहा जाता है। पीने के अलावा जल खाना बनाने, नहाने, धोने, कृषि आदि कई कार्यों के लिए आवश्यक होता है। जल ऊर्जा का भी प्रमुख स्रोत है। जल के अभाव में जीवन की सामान्य व दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति होना भी संभव नहीं है । जल का महत्त्व इस बात से स्पष्ट हो जाता है कि हमारे शरीर में 60% जल है ।
अत: हमारा कर्त्तव्य है कि जल की महत्ता को देखते हुए जल के संरक्षण व संवर्द्धन का प्रयास करें। प्रकृति का संतुलन बनाए रखते हुए जल का समुचित मात्रा में प्रयोग करें, उसे व्यर्थ न गँवाएँ ।
19. प्रदूषण के आधार पर दो व्यक्तियों की बातचीत को लगभग 100 शब्दों में संवाद के रूप में लिखिए। (5 × 1 = 5)
अथवा
दो मित्रों के बीच समाज में बढ़ते अपराध के बारे में लगभग 100 शब्दों में संवाद के रूप में लिखिए ।
उत्तर:
प्रदूषण के आधार पर दो व्यक्तियों की बातचीत-
राकेश – अरे मित्र! सुबह-सुबह कहाँ से आ रहे हो ?
सुरेश – थोड़ी देर भ्रमण करने के लिए निकला था, पास के पार्क से आ रहा हूँ ।
राकेश – आजकल तो शुद्ध वायु का मानो अकाल ही पड़ गया है। बस सुबह-सुबह इसका थोड़ा आनंद लिया जा सकता है। दिन भर तो प्रदूषित वायु में ही साँस लेनी पड़ती है।
सुरेश – बिल्कुल ठीक कह रहे हो, मित्र ! शहरों में प्रदूषण इस हद तक बढ़ गया है कि जीना मुश्किल हो गया है। इस प्रदूषण से लोगों का स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
राकेश – हाँ! साँस, त्वचा, आँख तथा पेट के रोग बढ़ते जा रहे हैं, जिनके बढ़ने का कारण पर्यावरण प्रदूषण भी है।
सुरेश – न जाने सरकार इसे रोकने का प्रयास क्यों नहीं करती ?
राकेश – सरकार करे भी क्या ? बढ़ती आबादी के कारण गंदगी बढ़ती जा रही है। भूमि की कमी पड़ने के कारण पेड़ों की कटाई की जा रही है। वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, साथ ही उद्योग-धंधों का भी बहुत तेज़ी से विस्तार हो रहा है। ये सभी प्रदूषण में वृद्धि करते हैं।
सुरेश – कम से कम इतना तो किया ही जा सकता है कि औद्योगिक इकाइयों को शहरों से दूर स्थापित किया जाए, झुग्गी- झोंपड़ियों का पुनर्वास भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से हटाकर कहीं और किया जाए।
राकेश – हाँ! सरकार को इतना तो करना ही चाहिए। साथ ही नागरिकों को भी गंदगी नहीं फैलानी चाहिए तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए ।
अथवा
दो मित्रों के बीच संवाद-
विनायक – आओ सुधीर, बैठो। कहो कैसे आना हुआ ?
सुधीर – आज छुट्टी थी, इसलिए तुमसे मिलने चला आया । तुमने कल शहर में हुई वारदात के बारे में सुना है ?
विनायक – मैंने तो नहीं सुना ? क्या हुआ ?
सुधीर – कल सेठ दीनदयाल के इकलौते पुत्र का अपहरण कर लिया गया था। शहर भर में इसकी ही चर्चा चल रही है।
विनायक – यह तो बहुत बुरा हुआ। सेठ दीनदयाल बड़े नेक इंसान हैं। उनसे किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है।
सुधीर – अपराधी भले-बुरे में अंतर नहीं करते, उन्हें तो बस धन से मतलब है । सुना है, वे लोग दस लाख की फिरौती माँग रहे हैं।
विनायक – हद हो गई! इस मामले में पुलिस क्या कर रही है ?
सुधीर – पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश में सरगर्मी से जुटी हुई है, परंतु अब तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है।
विनायक – आजकल अपराध इतने बढ़ गए हैं कि आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। अपराधियों के मन में क़ानून का डर समाप्त हो गया है।
सुधीर – तुम ठीक कह रहे हो, अपराधी सरेआम वारदातें करते हैं और क़ानून की पकड़ में नहीं आते। यह सब क़ानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति का द्योतक है।