Students can access the CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions and marking scheme Set 1 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 1 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
(ii) इस प्रश्न पत्र में खंड “अ’ में वस्तुपरक तथा खंड “ब में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
(iii) खंड “अ’” में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
(iv) खंड “ब” में वर्णनात्मक ग्रएन पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
(v) दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(vi) यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्त क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न (अंक 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
पश्चिमी सभ्यता मुख मोड़ रही है। वह एक नया आदर्श देख रही है। अब उसकी चाल बदलने लगी है। वह कलों की पूजा को छोड़कर मनुष्यों की पूजा को अपना आदर्श बना रही है। इस आदर्श के दर्शाने वाले देवता रस्किन और टॉलस्टॉय आदि हैं। पाश्चात्य देशों में नया प्रभात होने वाला है। वहाँ के गंभीर विचार वाले लोग इस प्रभात का स्वागत करने के लिए उठ खड़े हुए हैं। प्रभात होने के पूर्व ही उसका अनुभव कर लेने वाले पक्षियों की तरह इन महात्माओं को इस नए प्रभात का पूर्व ज्ञान हुआ है और हो क्यों न? इंजनों के पहिए के नीचे दबकर वहाँ वालों के भाई-बहन उनकी सारी जाति पिस गई, उनके जीवन के धुरे टूट गए, उनका समस्त धन घरों से निकलकर एक ही दो स्थानों में एकत्र हो गया।
साधारण लोग मर रहे हैं, मजदूरों के हाथ-पाँव फट रहे हैं, लहू बह रहा है। सर्दी से ठिदुर रहे हैं। एक तरफ़ दरिद्रता का अखंड राज्य है, दूसरी तरफ़ अमीरी का चरम दृश्य। परंतु अमीरी भी मानसिक दुःखों से विमर्दित है। मशीनें बनाई तो गई थीं मनुष्यों का पेट भरने के लिए – मजदूरों को सुख देने के लिए – परंतु वे काली-काली मशीनें ही काली बनकर उन्हीं मनुष्यों का भक्षण कर जाने के लिए मुख खोल रही हैं। प्रभात होने पर ये काली-काली बलाएँ दूर होंगी। मनुष्य के सौभाग्य का सूर्योदय होगा।
शोक का विषय यह है कि हमारे और अन्य पूर्वी देशों में लोगों को मजदूरी से तो लेशमात्र भी प्रेम नहीं है, पर वे तैयारी कर रहे हैं पूर्वोक्त काली मशीनों का आलिंगन करने की। पश्चिम वालों के तो ये गले पड़ी हुई बहती नदी की काली कमली हो रही हैं। वे: छोड़ना चाहते हैं, परंतु काली कमली उन्हें नहीं छोड़ती। देखेंगे पूर्व वाले इस कमली को छाती से लगाकर कितना आनंद अनुभव करते हैं। यदि हममें से हर आदमी अपनी दस अँगुलियों की सहायता से साहसपूर्वक अच्छी तरह काम करे तो हम मशीनों की कृपा से बढ़े हुए परिश्रम वालों को वाणिज्य के जातीय संग्राम में सहज ही पछाड़ सकते हैं। सूर्य तो सदा पूर्व ही से पश्चिम की ओर जाता है, पर आओ पश्चिम से आने वाली सभ्यता के नए प्रभात को हम पूर्व से भेजें।
इंजनों की वह मजदूरी किस काम की जो बच्चों, स्त्रियों और कारीगरों को ही भूखा नंगा रखती है और केवल सोने चाँदी, लोहे आदि धातुओं का ही पालन करती है। पश्चिम को विदित हो चुका है कि इनसे मनुष्य का दुःख दिन पर दिन बढ़ता है।
(i) “पाश्चात्य देशों में नया प्रभात होने वाला है। ” – पंक्ति में रेखांकित पद का आशय हो सकता है?
(क) नया प्रकाश
(ख) नया विचार
(ग) नया सवेरा
(घ) नया प्रभास
उत्तर:
(ख) नया विचार
(ii) संदर्भ के अनुसार गद्यांश में ‘विमर्दित’ शब्द का सटीक अर्थ क्या हो सकता है?
(क) ठगी हुई
(ख) ग्लानि पूर्ण
(ग) ईर्ष्या पूर्ण
(घ) पीड़ा पूर्ण
उत्तर:
(घ) पीड़ा पूर्ण
(iii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) : मानवीय दक्षता को महत्त्व देना चाहिए।
कथन (II) : मनुष्य तथा मानवीयता से प्रेम करना चाहिए।
कथन (III) : अपनी चाल को बदल लेना चाहिए।
कथन (IV) : मानव जीवन को आदर्श मानना चाहिए।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही हैं?
(क) केवल कथन I सही है।
(ख) केवल कथन II सही है।
(ग) केवल कथन II और IV सही हैं।
(घ) केवल कथन I और IV सही हैं।
उत्तर:
(क) केवल कथन I सही है।
(iv) गद्यांश के अनुसार पूर्वी देशों की समस्या क्या है?
(क) मजदूरों के लिए अधिकारों की कमी
(ख) मजदूरों का पूंजी/पतियों द्वारा शोषण
(गं) मजदूरी को कम महत्त्व का आंकना
(घ) मजदूरी पर अमीरी का प्रभाव
उत्तर:
(गं) मजदूरी को कम महत्त्व का आंकना
व्याख्या–पूर्वी देशों में लोगों को मजदूरी से तो लेशमात्र भी प्रेम नहीं है पर वे तैयारी कर रहे हैं, पूर्वोक्त काली मशीनों का आलिंगन करने की।
(v) गद्यांश के अनुसार साधारण लोग क्यों मर रहे हैं?
(क) मानव श्रम से ज़्यादा मशीनों को महत्त्व मिलने के कारण
(ख) हाथ-पाँव फटने, खून रिसने और सर्दी के कारण
(ग) कम मजदूरी मिलने के कारण हुई बीमारियों से
(घ) कार्यक्षेत्रों के विषैले पर्यावरण व खाने की कमी से
उत्तर:
(क) मानव श्रम से ज़्यादा मशीनों को महत्त्व मिलने के कारण
व्याख्या-साधारण लोग मर रहे हैं। मशीनें बनाई तो गई थी मनुष्यों का पेट भरने के लिए परन्तु वे काली-काली मशीनें ही काली बनकर उर्हीं मनुष्यों का भक्षण कर जाने के लिए मुख खोल रही हैं।
(vi) गद्यांश में मशीनों को “काली मशीनें’ कहना किस बात की ओर संकेत करता है?
(क) काला रंग शोक का प्रतीक होता है।
(ख) मशीनों द्वारा जन साधारण में बेरोजगारी बढ़ाने के कारण
(ग) माँ दुर्गा के अवतार काली के जैसे भक्षण करने के कारण
(घ) मशीनों से अमीरों द्वारा काला धन अर्जन करने के कारण
उत्तर:
(ख) मशीनों द्वारा जन साधारण में बेरोजगारी बढ़ाने के कारण
(vii) “इंजनों के पहिए के नीचे दबकर वहाँ वालों के……’” इस प्रक्रिया के क्या परिणाम हुए?
(क) आर्थिक संपदा का अनुचित वितरण
(ख) भाई-बहनों व अन्य रिश्तेदारों में दुराव
(ग) समस्त जाति द्वारा कठिन परिश्रम
(घ) मशीनों द्वारा मनुष्यों का संरक्षण
उत्तर:
(क) आर्थिक संपदा का अनुचित वितरण
(viii) रस्किन और टॉलस्टॉय का महत्त्व है क्योंकि इन्होंने
(क) पूर्वी देशों में साम्राज्यवाद के विरुद्ध आवाज उठाई थी
(ख) मानवीय संवेदनाओं एवं गुणों को महत्त्व दिया था
(गं) धार्मिक कट्टरता के प्रति चेतना जगाई थी
(घ) गाँधी जी इन दोनों के विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे।
उत्तर:
(ख) मानवीय संवेदनाओं एवं गुणों को महत्त्व दिया था
(ix) मनुष्य के सौभाग्य का सूर्योदय कब होगा?
(क) मजदूरों द्वारा क्रांति करने से
(ख) मशीनों के हट जाने से
(ग) सभी लोगों को काम मिलने से
(घ) मानवीय दक्षताओं को महत्त्व मिलने से
उत्तर:
(घ) मानवीय दक्षताओं को महत्त्व मिलने से
(x) मनुष्य के दुःख में निरंतर वृद्धि का क्या कारण बताया गया है?
(क) मशीनों पर अत्यधिक आश्रित हो जाना
(ख) मानवीय दक्षता की आलोचना
(ग) पूँजीपतियों द्वारा गरीबों का शोषण
(घ) काली मशीनों द्वारा मनुष्यों का भक्षण
उत्तर:
(क) मशीनों पर अत्यधिक आश्रित हो जाना
व्याख्या-मनुष्य के दुःख में निरन्तर वृद्धि का कारण मशीनों पर अत्यधिक आश्रित हो जाना है।
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) ढोल बजाता है सिमरू ही- पंक्ति में ‘ही’ क्या इंगित करता है?
(क) आदत
(ख) महत्त्व
(ग) आड॒म्बर
(घ) प्रेम
उत्तर:
(ख) महत्त्व
(ii) कुश्ती में जोश कब भर आता है?
(क) जब हारता हुआ पहलवान जीतने लगता है
(ख) जब दोनों पहलवान बराबर की टक्कर वाले होते हैं
(ग) जब फाइनल कुश्ती द्वारा राष्ट्रीय विजेता तय होता है
(घ) जब सिमरू द्वारा ढोल बजाया जाता है
उत्तर:
(घ) जब सिमरू द्वारा ढोल बजाया जाता है
व्याख्या-जब सिमरू द्वारा ढोल बजाया जाता है तब कुश्ती में पूरी तरह जोश भर जाता है।
(iii) माटी द्वारा अच्छे-बुरे को स्वीकारने का क्या तात्पर्य है?
(क) माटी सबको जीतने का समान अवसर देती है
(ग) अंत में अच्छे-बुरे सभी माटी में मिल जाते हैं
(ख) माटी का न्याय सबको स्वीकार्य होता है
(घ) माटी की गोद में अच्छे-बुरे सभी पलते हैं
उत्तर:
(ग) अंत में अच्छे-बुरे सभी माटी में मिल जाते हैं
(iv) ढोल तथा अखाड़े की माटी में क्या समानता बताई गई है?
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) : दोनों का उपयोग करने से पहले तैयार करना होता है
कथन (II) : दोनों में श्रम की आवश्यकता होती है
कथन (III) : दोनों का प्रयोग कर लोग अपनी कला सिद्ध करते हैं
कथन (IV) : दोनों की परिवर्तन में भूमिका होती है
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) केवल कथन I सही है।
(ख) केवल कथन IV सही है।
(ग) केवल कथन II और III सही हैं।
(घ) केवल कथन I और IV सही हैं।
उत्तर:
(ख) केवल कथन IV सही है।
(v) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | सिमरू | i | श्रमजीवी वर्ग |
2 | ढोल | ii | सामाजिक भूमि |
3 | अखाड़ा | iii | परिश्रम |
(क) 1-(iii), 2-(i), 3-(ii)
(ख) 1-(i), 2-(iii), 3-(ii)
(ग) 1-(i), 2-(ii), 3-(iii)
(घ) 1-(ii), 2-(i), 3-(iii)
उत्तर:
(ख) 1-(i), 2-(iii), 3-(ii)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) आलेख कुछ-कुछ फ़ीचर जैसा होता है। फिर भी दोनों में पर्याप्त अंतर है अत: आलेख का निम्नलिखित में से विषय नहीं हो सकता है?
(क) ब्रेकिंग न्यूज़
(ख) राजनीति
(ग) खेलकूद
(घ) समसामयिकी
उत्तर:
(क) ब्रेकिंग न्यूज़
(ii) ऐसा सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन, जिसके माध्यम से सूचनाओं के साथ-साथ मनोरंजन पर भी ध्यान दिया जाता है, उसे …………………. कहते हैं।
(क) समीक्षा करना
(ख) फ़ीचर लेखन
(ग) आलेख लेखन
(घ) रिपोर्ट बनाना
उत्तर:
(ख) फ़ीचर लेखन
(iii) बीट कवर करने वाले रिपोर्टर को कहा जाता है-
(क) लेखक
(ख) एंकर
(ग) संपादक
(घ) संवाददाता
उत्तर:
(घ) संवाददाता
व्याख्या-समाचार पत्रों में स्थानीय समाचार भेजने वाला वह व्यक्ति जो उस कार्य के लिए नियुक्त किया गया हो।
(iv) रजत एक पत्रकार हैं। वे सामान्य समाचारों से आगे बढ़कर खेल से जुड़ी या इस विषय से जुड़ी घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं का बारीकी से विश्लेषण करते हैं। उनकी रिपोर्टिंग को क्या कहा जा सकता है? है|
(क) बीट रिपोर्टिंग
(ख) फ्रीलांसिंग
(ग) विशेषीकृत रिपोर्टिंग
(घ) एंकरिंग
उत्तर:
(ग) विशेषीकृत रिपोर्टिंग
(v) भास्कर पत्रकार हैं। वे आर्थिक जगत की खबरें बड़ी दिलचस्पी और सक्रियता से कवर करते हैं। उनकी रुचि और रुझान के अनुसार वे क्या बन सकते हैं? ह।
(क) लेखक
(ख) पाठक
(गं) स्तंभ लेखक
(घ) विषय विशेषज्ञ
उत्तर:
(घ) विषय विशेषज्ञ
‘पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
मैं निज उर के उदार लिए फिरता हूँ.
मैं निज उर के उपहार लिए फिरता हूँ
है यह अपूर्ण संसार न मुझको भाता जग भव-सागर तरने की नाव बनाए
मैं स्वप्नों का संसार लिए फिरता हूँ।
मैं जला हृदय में अग्नि, दहा करता हूँ.
सुख-दुःख दोनों में मग्न रहा करता हूँ,
सुख-दुःख दोनों में मग्न रहा करता हूँ,
मैं भव-मौजों पर मस्त बहा करता हूँ.
(i) कवि के स्वप्नों का संसार है-
(क) यथार्थ
(ख) आदर्श
(ग) स्वणिल
(घ) सुखी
उत्तर:
(ख) आदर्श
(ii). निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्मांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) स्मृतियों की नाव में कवि एक यात्री है।
(ख) कविता में अग्नि परिवर्तन की इच्छा का प्रतीक है।
(ग) यथार्थ संसार से कवि को कोई सरोकार नहीं है।
(घ) सुख-दुःख का असर कवि पर होता है।
उत्तर:
(ख) कविता में अग्नि परिवर्तन की इच्छा का प्रतीक है।
(iii) काव्यांश में ‘उर’ से तात्पर्य है-
(क) हृदय
(ख) इच्छा
(ग) स्मृति
(घ) आवेश
उत्तर:
(क) हृदय
(iv) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : यथार्थ को स्वीकार नहीं करने से कवि के स्वप्न अधूरे रहे गए हैं।
‘कारण (R) : कल्पना और वास्तविकता में सामंजस्य की कमी होने से कवि को संसार अधूरा महसूस होता है।
(क) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(गं) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (R) उसकी सही व्याख्या नहीं करता।
(घ) कथन (A) सही है तथा कारण (R) दोनों सही हैं, कारण (A) कथन (R) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
व्याख्या-कल्पना और वास्तविकता में सामंजस्य की कमी होने से कवि को संसार अधूरा महसूस होता है। इस कारण ‘कथन (R) पूर्णतः सही है।
(v) भव-पमौजों में मस्त बहने से तात्पर्य क्या है?
(क) सांसारिक सुख रूपी लहरें
(ख) मौज-मस्ती करना
(ग) स्व में उपजी सुख-दुःख की लहरें
(घ) नाव जैसी बहने वाली भावुकता
उत्तर:
(क) सांसारिक सुख रूपी लहरें
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
मैंने मन में कहा, ठीक । बाजार आमंत्रित करता है कि आओ मुझे लूटो और लूटो। सब भूल जाओ, मुझे देखो। मेरा रूप और किसके लिए है? मैं तुम्हारे लिए हूँ। नहीं कुछ चाहते हो, तो भी देखने में क्या हर्ज है। अजी आओ भी इस आमंत्रण में यह खूबी है कि आग्रह नहीं है आग्रह तिरस्कार जगाता है। लेकिन ऊँचे बाज़ार का आमंत्रण मूक होता है और उससे चाह जगती है। चाह मतलब अभाव | चौक बाज़ार में खड़े होकर आदमी को लगने लगता है कि उसके अपने पास काफ़ी नहीं है और चाहिए, और चाहिए मेरे यहाँ कितना परिमित है और यहाँ कितना अतुलित है, ओह ! कोई अपने को न जाने तो बाज़ार का यह चौक उसे कामना से विकल बना छोड़े। विकल क्यों, पागल। असंतोष, तृष्णा और ईर्ष्या से घायल करके मनुष्य को सदा के लिए यह बेकार बना डाल सकता है।
(i) गद्यांश में प्रयुक्त ‘अतुलित’ शब्द का समानार्थी शब्द हो सकता है-
(क) अरिहंत
(ख) अथाह
(ग) अभाव
(घ) अक्षय
उत्तर:
(ख) अथाह
(ii) गद्यांश का केंद्रीय भाव है-
(क) बाज़ार के प्रकार बताना
(ख) बाज़ार न जाने की सलाह
(ग) मनुष्य की तृष्णा को इंगित करना
(घ) मनुष्य पर बाज़ार के जादू का असर
उत्तर:
(घ) मनुष्य पर बाज़ार के जादू का असर
व्याख्या-गद्यांश का केन्द्रीय भाव मनुष्य पर बाजार के जादू का असर है क्योंकि बाज़ार आमंत्रित करता है कि आओ मुझे लूटो। बाज़ार में खड़े होकर मनुष्य को लगने लगता है कि उसके पास काफ़ी नहीं है। उसे और चीज़ों की आवश्यकता है।
(iii) निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) जब मनुष्य बेचैन हो जाता है तब वह बाजार की ओर उन्मुख हो जाता है।
(ख) जब मनुष्य तुलना करने लगता है तब असंतोष, तृष्णा और ईर्ष्या के भाव मनुष्य में उभरते हैं।
(ग) जब मनुष्य को बाजार आमंत्रित करता है तब मनुष्य की व्याकुलता इसका कारण होती है।
(घ) जब मनुष्य बाजार का तिरस्कार करता है तब वह इसका सही लाभ ले पाता है।
उत्तर:
(ख) जब मनुष्य तुलना करने लगता है तब असंतोष, तृष्णा और ईर्ष्या के भाव मनुष्य में उभरते हैं।
(iv) कॉलम- को कॉलम-2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए। |
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | आग्रह का तिरस्कार जगाता | i | मौन रहकर कार्य करना |
2 | बड़े बाज़ार का जादू | ii | अपनी तृष्णा को रोकना |
3 | बाज़ार के जादू से बचने का उपाय | iii | इच्छा पूर्ण न होना |
(क) 1-(iii), 2-(i),, 3-(ii)
(ख) 1-(i), 2-(iii),, 3-(ii)
(ग) 1-(i), 2-(ii),, 3-(iii)
(घ) 1-(iii), 2-(i),, 3-(iii)
उत्तर:
(क) 1-(iii), 2-(i),, 3-(ii)
(v) बाजार का आमंत्रण कि, ‘आओ मुझे लूटो ‘ से क्या आशय है?
(क) बाज़ार लुट जाना चाहता है
(ख) बाज़ार के पास वस्तुएँ बहुत ज़्यादा हैं
(ग) बाजार केवल खुद का रूप दिखाना चाहता है
(घ) बाज़ार आकर्षित करना चाह रहा है
उत्तर:
(घ) बाज़ार आकर्षित करना चाह रहा है
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए: (10 × 1 = 10)
(i) यशोधर बाबू दफ्तर से घर जल्दी क्यों नहीं जाते थे?
(क) पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात पर मतभेद होने के कारण
(ख) पीढ़ियों के अंतराल के कारण
(ग) ईश्वर में मन लग जाने के कारण
(घ) आधुनिकता के प्रति नकार की भावना के कारण
उत्तर:
(क) पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात पर मतभेद होने के कारण
(ii) संसार के प्राचीनतम दो नियोजित शहर किसे माना गया है?
(क) मेसोपोटामिया तथा सिंधु घाटी
(ख) मेसोपोटामिया तथा हड़प्पा
(ग) हड़प्पा तथा मुअनजो-दड़ो
(घ) मुअनजो-दड़ो तथा मेसोपोटामिया
उत्तर:
(ग) हड़प्पा तथा मुअनजो-दड़ो
(iii) मुअनजो-दड़ो की अनूठी मिसाल क्या है?
(क) नगर नियोजन
(ख) प्राचीन शहर
(ग) अन्न भंडार
(घ) मृतकों का टीला
उत्तर:
(क) नगर नियोजन
व्याख्या-मुअनजो-दड़ो की अनूठी मिसाल नगर योजना है। नगरों को बहुत ही सुनियोजित तरीकों से निर्माण किया था। सड़कों तथा गलियों को लगभग एक ‘ग्रिड पद्धति’ के द्वारा बनाया गया है।
(iv) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : यशोधर बाबू के बच्चे धर्म, रिश्तेदार तथा समाज को पिछड़ा मानते हैं।
“करण (R) : वे महत्त्वाकांक्षी और प्रगतिशील हैं। उनमें समय के साथ बदलाव आ गया है।
(क) कथन (A) सही है, कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, किन्तु कारण (A) कथन (R) की सही व्याख्या नहीं करता।
(घ) कथन (A) सही है तथा कारण (R) दोनों सही हैं, कारण (A) कथन (R) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) सही है तथा कारण (R) दोनों सही हैं, कारण (A) कथन (R) की सही व्याख्या करता है।
(v) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) : सिंधु सभ्यता में नगर-नियोजन उन्नत नहीं था।
कथन (II) : सिंधु घाटी सभ्यता की खूबी सौंदर्य बोध है।
कथन (III) : मुअनजो-दड़ो छोटे-मोटे टीलों पर बसा था।
कथन (IV) : सिंधु घाटी सभ्यता टीलों पर आबाद थी।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए।
(क) कथन I तथा गा सही हैं।
(ख) कथन I, II तथा ता सही हैं।
(ग) कथन II, III तथा IV सही हैं।
(घ) कथन II तथा III सही हैं।
उत्तर:
(घ) कथन II तथा III सही हैं।
(vi) कहानी सिल्वर वैडिंग में यह वाक्य ‘ वह खुशहाली भी कैसी जो अपनों में परायापन पैदा करें’ – किसने कहा होगा? ॥
(क) किशन दा
(ख) यशोधर बाबू
(ग) भूषण
(घ) चड्डा
उत्तर:
(ख) यशोधर बाबू
(vii) “जूझ’ – कहानी का लेखक पढ़ना क्यों चाहता था? ।
(क) ज्ञान के लिए
(ख) रोजगार के लिए
(ग) कवि बनने के लिए
(घ) आत्मविश्वास के लिए
उत्तर:
(ख) रोजगार के लिए
(viii) जूझ कहानी में लेखक का मन पाठशाला जाने के लिए तड़पता था। लेखक के पाठशाला न जा पाने का कारण था-
(क) दादा का कामचोर स्वभाव
(ख) कवि बनने का स्वप्न
(ग) खेती की मेहनत से बचना
(घ) घर का कर्ज
उत्तर:
(क) दादा का कामचोर स्वभाव
व्याख्या-लेखक के पाठशाला न जाने का कारण दादा का कामचोर स्वभाव था। इस वजह से “जूझ ‘ कहानी में लेखक का मन पाठशाला जाने के लिए तड़पता था।
(ix) कहानी सिल्वर वैडिंग में यशोधर बाबू के बच्चों के लिए कहा गया है कि, ‘बच्चे आधुनिक युवा हो चले हैं।’ इस पंक्ति से लेखक का क्या आशय हो सकता है?
(क) जीवन के सभी सुख प्रिय हैं
(ख) पिता की दिनचर्या से नाराजगी
(ग) अच्छी पगार मिलना
(घ) आधुनिक जीवन शैली की ओर रुझान
उत्तर:
(घ) आधुनिक जीवन शैली की ओर रुझान
(x) “जूझ’ कहानी के शीर्षक का अर्थ क्या है?
(क) मेहनत
(ख) कठिनाई
(ग) संघर्ष
(घ) चालाकी
उत्तर:
(ग) संघर्ष
खंड ‘ब’- वर्णनात्मक प्रश्न (अंक 40)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए 3 विषयों में से किसी विषय पर लगभग 20 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए: (6 × 1 = 6)
(क) डिजिटल युग और मैं
उत्तर:
“ बर्तमान युग में डिजिटल का महत्त्व अधिक विस्तृत हो गया है। भारत सरकार ने भी इसे समृद्ध करने की दिशा में नई पहल की है जिसका प्रमुख उद्देश्य देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को विकसित करना है। डिजिटल इंडिया अभियान भारत सरकार द्वारा । जुलाई 2015 को शुरू किया गया था। डिजिटल अभियान के अन्तर्गत ई-शिक्षा, डिजिटल लॉकर, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल, ई-स्वास्थ्य इत्यादि योजनाओं को शामिल किया गया है। यह सभी योजनाएँ केवल मेरे लिए ही नहीं, देश के विकास के लिए भी अत्यन्त आवश्यक हैं। डिजिटल युग में नौकरियों के भी अवसर ऑनलाइन उपलब्ध हो रहे हैं। मैं भी डिजिटल,युग का हिस्सा हूँ जिस वजह से कई कार्य ऑनलाइन करने लगी हूँ। जैसे- ऑनलाइन ऑफिस का कार्य करना, पैसे ट्रांसफर करना, ऑनलाइन कपड़े खरीदना इत्यादि । कोई भी जानकारी चाहिए, सब कुछ इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसलिए डिजिटल युग हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
(ख) परीक्षा तनाव के कारण व इसे रोकने के उपाय
उत्तर:
परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के दिमाग पर सम्पूर्ण पाठ्यक्रम के अध्ययन का दबाव बढ़ जाता है जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। यह स्थिति तभी उत्पन्न होती है जब विद्यार्थी ने सालभर पाठ्यक्रम का अध्ययन ठीक प्रकार से नहीं किया होता। अन्त में अर्थात् परीक्षा के समय वह सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को एक साथ याद करने बैठता है। इसका प्रभाव उसके मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक पड़ता है।
परीक्षा तनाव रोकने के कई उपाय किए जा सकते हैं। अपने परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार एक दैनिक दिनचर्या के लिए एक समय सारणी बनानी चाहिए और उसी के अनुरूप ही अध्ययन करना चाहिए। कॉफी या चाय जैसे उत्तेजक पेय पदार्थों\ का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। अध्ययन के दौरान अपने शरीर और मस्तिष्क को बीच-बीच में आराम देते रहना चाहिए। पाठ्यक्रम को एक साथ अध्ययन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। अध्ययन करते समय विद्यार्थियों को परीक्षा के परिणाम की चिन्ता नहीं करनी चाहिए। स्वतन्त्र रूप से अध्ययन करना चाहिए जिससे मस्तिष्क पर कोई दबाव न पड़े। अतः कहा जा सकता है कि विद्यार्थियों को अच्छे से सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन समय सारणी के अनुरूप करना चाहिए जिससे परीक्षा के समय होने वाले मानसिक दबाव या तनाव से बचा जा सकता है।
(ग) उच्च शिक्षा हेतु छात्रों का विदेशों को पलायन
उत्तर:
उच्च शिक्षा हेतु छात्र विदेशों की तरफ़ रूख कर रहे हैं क्योंकि वहाँ गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थान है साथ ही उन्हें स्कॉलरशिप अर्थात् छात्रवृत्ति भी उपलब्धि कराई जाती है जिससे वे वहाँ रहकर अच्छे से अध्ययन कर सकें। उनके पलायन का मुख्य कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थान और अच्छा वेतन है। इसलिए भारतीय छात्र विकसित देशों की तरफ़ अपना रुख कर रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020)’ की सिफ़ारिशों के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारत में उच्च शिक्षा के अतन्तर्राष्ट्रीयररण की दिशा में काम शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय अनुंदान आयोग ने भारत में विदेशी संस्थानों की स्थापना और संचालन के लिए ‘ भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसर की स्थापना और
संचालन-2023 ‘ नामक ड्राफ्ट जारी किया है। विश्वविद्यालय देश में स्थापित अपने सभी परिसरों में ऑनलाइन या दूरस्थ शिक्षा के स्थान पर ऑफलाइन माध्यम से पूर्णकालिक कार्यक्रम शुरू कर सकेंगे।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए: (2 × 2 = 4)
(i) कहानी के नाट्य रूपांतरण में संवादों के महत्त्व पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
(i) कहानी की ही तरह नाटक में संवादों के द्वारा ही घटनाक्रम का विकास होता है।
(ii) अतः कहानी का नाट्य रूपांतरण करते हुए दृश्य लिखने के बाद कथावस्तु के अनुसार ही संवाद लिखे जाने चाहिए।
(iii) ये संवाद संक्षिप्त, पात्रानुकूल, प्रसंगानुकूल और सामान्य बोलचाल की भाषा में ही लिखे जाने चाहिए।
(iv) इसके लिए हम मूल कहानी के संवादों को थोड़ा छोटा कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार नए संवाद भी गढ़ सकते हैं।
अथवा
नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन के संदर्भ में ‘मैं” शैली के प्रयोग के बारे में क्या मान्यता है?
उत्तर:
(i) नए तथा अप्रत्याशित विषयों के लेखन में आत्मपरक ‘मैं’ शैली का प्रयोग किया जा सकता है।
(ii) यद्यपि निबंधों और अन्य आलेखों में “मैं” शैली का प्रयोग लगभग वर्जित होता है किंतु नए विषय और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन में “मैं” शैली के प्रयोग से लेखक के विचारों और उसके व्यक्तित्व को झलक प्राप्त होती है।
(ii) नए और अप्रत्याशित विषयों पर लेखन के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट करें- ““इस तरह का लेखन खुले मैदान ‘की तरह होता है, जिसमें बेलाग दौड़ने, कूदने और कुलाँचे भरने की छूट होती है।’”
उत्तर:
- नए और अप्रत्याशित विषयों के लेखन के संदर्भ में कहा जा सकता है कि लिखने का कोई फॉर्मूला आज तक दुनिया में नहीं बना है।
- जिस तरह के विषय दिए जा सकते हैं, वे हो सकते हैं- आपके सामने की दीवार, उस दीवार पर टंगी घड़ी, उस दीवार में बाहर की ओर खुलता झरोखा आदि-इत्यादि।
- अर्थात् लेखन के लिए लेखक के पास विषय, सिद्धांत आदि की कोई सीमा नहीं होती है।
- लेखक की कल्पना, यथार्थ, आदर्श पर कोई बंधन नहीं होता है।
अथवा
टी.वी. की तुलना में रेडियो माध्यम की कोई दो सीमाएँ बताएँ।
उत्तर:
(i) टी.वी. श्रव्य माध्यम होने के साथ-साथ दृश्य माध्यम भी है, अतः दर्शकों को रेडियों कौ तुलना में अधिक बाँधे रखता है।
(ii) टी.वी. में शब्द दृश्यों के अनुसार और उनके सहयोगी के रूप में चलते हैं किंतु रेडियो में शब्द और आवाज ही सब कुछ है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन््हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए: (3 × 2 = 6)
(i) आपकी श्रोताओं, दर्शकों या पाठकों को बाँधकर रखने की दृष्टि से प्रिंट माध्यम, टी.बी. और रेडियो में से सबसे सशक्त माध्यम कौन-सा लगता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर:
विद्यार्थी चाहे तो प्रिंट, टी-बी. अथवा रेडियो में से किसी एक अथवा एक से अधिक माध्यमों पर अपने तर्क प्रदान कर सकते हैं। जैसे-
- प्रिंट माध्यम में पसंद के अनुसार किसी भी पृष्ठ को एक बार या उससे अधिक बार पढ़ा जा सकता है।
- शब्दों में स्थायित्व होता है।
- पढ़ते हुए उस लिखे हुए पर विचार भी किया जा सकता है।
- टी.वी. में समाचार अथवा फ़िल्में हम देख भी सकते हैं और सुन भी सकते हैं। यह माध्यम, दर्शकों को बाँधे रखता है।
- समाचार व पात्र दिखने में सजीव लगते हैं तथा सचित्र प्रसारण से समाचार अधिक प्रामाणिक बन जाते हैं।
- टेलीविजन माध्यम साक्षर व निरक्षर दोनों प्रकार के लोगों के लिए उपयोगी है।
- कम समय में हम अधिक समाचार देख सकते हैं।
- समाचारों को रुचिकर ढंग से दिखाया जाता है।
- रेडियो देश के कोने-कोने तक पहुँचता है।
- रेडियो सस्ता माध्यम है।
- साक्षर-निरक्षर सभी के लिए समान रूप से उपयोगी।
(ii) डिजिटल मीडिया के उदय ने समाचार लेखन की उल्टी पिरामिड शैली के उपयोग को कैसे प्रभावित किया है?
उत्तर:
(i) उल्टा पिरामिड शैली का विशेषत: प्रयोग मुद्रित या प्रिंट माध्यम तथा रेडियो में होता है।
(ii) डिजिटल मीडिया अधिक तीत्र एवं विस्तृत होने के कारण केवल उल्टा पिरामिड शैली पर आश्रित नहीं।
(iii) घंटे-दो घंटे में लोग स्वयं को अपडेट रखने लगे हैं, साथ ही डिजिटल मीडिया दृश्य और श्रव्य की सुविधाओं से लैस है।
(iv) दृश्य और श्रव्य माध्यम जैसे टी.वी., इंटरनेट इत्यादि में समाचार, सूचना का एक बड़ा भाग दृश्य देखकर ही समझ आ जाता है।
(v) अतः उल्टा पिरामिंड शैली अब समाचार लेखन के अन्य तरीकों में से एक अन्य तरीका अथवा शैली ही है।
(iii) समाचार पत्रों में विशेष लेखन से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित उत्तर दें।
उत्तर:
(1) अखबारों के लिए समाचारों के अलावा खेल, अर्थ-व्यापार, सिनेमा या मनोरंजन आदि विभिन क्षेत्रों और विषयों से संबंधित घटनाएँ, समस्याओं आदि से संबंधित लेखन, विशेष लेखन कहलाता है।
(2) जब किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर लेखन किया जाए तो उसे विशेष लेखन कहते हैं।
(3) अत: विशेष लेखन की भाषा और शैली समाचारों की भाषा-शैली से अलग होती है।
(4) विशेष लेखन के कई क्षेत्र हैं जैसे- व्यापार, खेल, मनोरंजन, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि इत्यादि।
उदाहरण:
(i) शेयर बाजार में भारी गिरावट: सामान्य रिपोर्टिंग में तथ्यात्मक बातें होंगी।
(ii) शेयर बाजार में भारी गिरावट: विशेष लेखन के अंतर्गत खबर का विश्लेषण, गिरावट का कारण तथा निवेशकों पर इसका असर इत्यादि पर लेखन होगा।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (20)
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए: (3 × 2 = 6)
(i) बारिशों के बाद, भादों के पश्चात् प्रकृति में परिवर्तन का कवि ने किस प्रकार वर्णन किया है ? पतंग कविता के आधार पर अपने शब्दों में वर्णन करें।
उत्तर:
- जब भादों मास के दौरान होने वाली घनघोर बारिश समाप्त हो जाती है तब शरद ऋतु का आगमन होता है।
- ‘ खरगोश की लाल-भूरी आँखों जैसी चमकीली धूप निकल आती है।
- इसके कारण चारों ओर उज्जवल चमक बिखर जाती है, आकाश साफ़ और मुलायम हो जाता है, चारों ओर स्वच्छ वातावरण हो जाता है।
- हवाओं में मनोरम सुंगंधित महक फैल जाती है।
- शरद ऋतु के आगमन से चारों ओर उत्साह एवं उमंग का वातावरण बताया है, पतंगबाजी का माहौल बन जाता है।
- शरद ऋतु का मानवीकरण करते हुए उसे साइकिल लेकर आते हुए चंचल बालक की तरह चित्रित किया है।
(ii) “छोटा मेरा खेत’ कविता में अंधड़ और बीज से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
(1) ‘अंधड़’ का अभिप्राय है कि जब भावों की आँधी आती है तो रचना शब्दों का रूप लेकर कागज पर जन्म लेने लगती है।
(2) वास्तव में भाव ही कविता रचने का पहला चरण है।
(3) ‘बीज’ से कवि का आशय है कि जब भाव आँधी रूप में आते हैं तो कविता रचने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।..
व्याख्यात्मक हल-
(i) छेटा मेरा खेत’ कविता में अंधड़ और बीज से कवि का तात्पर्य भावना के आवेग तथा कवि के मन में उत्पन्न हुए विचार से है। किसी भी कविता के सृजन के लिए भावों का आवेग होना आवश्यक है। उसके पश्चात् ही विचारों को कविता के माध्यम से अभिव्यक्त किया जा सकता है।
(iii) व्यक्ति पर प्रशंसा का क्या प्रभाव पड़ता है? “बात सीधी थी पर’ कविता के आधार पर बताइए।
उत्तर:
- प्रशंसा से व्यक्ति स्वयं को सही व उच्चकोटि का मानने लगता है।
- वह सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाता है।
- उसका विवेक क्षीण हो जाता है।
- कविता में प्रशंसा मिलने के कारण कवि अपनी सहज बात को शब्दों के जाल में उलझा देता है।
- फलत: उसके भाव जनता तक पहुँच नहीं पाते हैं।
- सीधी और सरल बात को कहने के लिए जब कवि चमत्कारिक भाषा का प्रयोग करता है तब वह जो कहना चाहता है तब भाषा के चक्कर में भावों की सुंदरता नष्ट हो जाती है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए: (2 × 2 = 4)
(i) कैमरे में बंद अपाहिज कविता के आधार पर स्पष्ट करें कि दूरदर्शन वाले कैमरे के सामने कमजोर को ही क्यों लाते हैं
उत्तर:
(1) दूरदर्शन वाले जानते हैं कि समाज में कमजोर व अशक्त लोगों के प्रति करुणा का भाव होता है।
(2) लोग दूसरे के दुःख के बारे में जानना चाहते हैं।
(3) दूरदर्शन वाले इसी भावना का फ़ायदा उठाना चाहते हैं।
(4) अपने लाभ के लिए ऐसे कार्यक्रम बनाते हैं।
(ii) “बादल राग! कविता के आधार पर भाव स्पष्ट कीजिए- ““विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।”
उत्तर:
- ‘विप्लव-रव’ से कवि का तात्पर्य क्रांति से है।
- कवि के अनुसार जब क्रांति होती है तो गरीब लोगों में या आम जनता में जोश भर जाता है।
- यह वही वर्ग है, जो शोषण का शिकार होते हैं।
- अत: जब समाज में क्रांति होती है, तो इसी वर्ग से आरंभ होती है।
(iii) “उषा’ कविता में भोर के नभ की तुलना किससे और क्यों की गई है?
उत्तर:
(1) प्रातःकालीन नभ की तुलना राख से लीपे गए गीले चौके से की गई है।
(2) इस समय आकाश नम तथा धुँधला होता है।
(3) इसका रंग राख से लीपे चूल्हे जैसा मटमेला होता है।
(4) जिस तरह चूल्हा-चौका सूख कर साफ़ हो जाता है उसी तरह कुछ देर बाद आकाश भी स्वच्छ एवं निर्मल हो जाता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए: (3 × 2 = 6)
(i) “भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं” – लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा
उत्तर:
- भक्तिन अपनी गलत बात को सही करने के हज़ारों तर्क सामने रख देती थी।
- भक्तिन लेखिका की सुविधा नहीं देखती थी, हर बात को वह अपनी सुविधा अनुसार करती थी।
- लेखिका व भक्तिन के बीच बाहरी तौर पर सेवक-स्वामी का संबंध था, परंतु व्यवहार में यह लागू नहीं होता था।
- भक्तिन नौकर कम, जीवन की धूप-छाँव अधिक थी।
- भक्तिन लेखिका की छाया बनकर घूमती थी।
- भक्तिन हर सुख-दुःख में साथ रहती थी।
(ii) “काले मेघा पानी दे’ पाठ के आधार पर पानी और बारिश के अभाव में गाँव की दशा का अपने शब्दों में वर्णण कीजिए ।
उत्तर:
(i) झुलसा देने वाली लू चलती थी।
(ii) ढोर-ढंगर प्यास से मर रहे थे, पर प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं था।
(iii) जेठ मास भी अपना ताप फैलाकर जा चुका था।
(iv) आषाढ़ के भी पंद्रह दिन बीत चुके थे।
(v) कुएँ सूखने लगे थे, नलों में पानी नहीं था।
(vi) खेत की माटी सूख-सूख कर पत्थर हो गई थी।
(vii) गली-मोहल्ला, गाँव-शहर हर जगह लोग गर्मी से भुन-भुन कर त्राहिमाम कर रहे थे।
(iii) शिरीष के फूल निबंध में अवधूत रूप में लेखक ने किस महात्मा को याद किया है और क्यों ?
उत्तर:
- लेखक को महात्मा गांधी की याद आती है।
- शिरीष पेड़ अवधूत की तरह, बाह्य परिवर्तन धूप, वर्षा, आँधी, लू-सब में शांत बना रहता है तथा पुष्पित-पल्लवित होता रहता है।
- ठीक इसी तरह से महात्मा गांधी भी मारकाट, अग्निदाह, लूटपाट, खून खच्चर के बवंडर के बीच स्थिर रह सके थे।
- इस समानता के कारण लेखक को गांधी जी की याद आ जाती है, जिनके व्यक्तित्व ने समाज को सिखाया कि आत्मबल, शारीरिक बल से कहीं ऊपर की चीज है, आत्मा की शक्ति है।
- जैसे शिरीष वायुमंडल से रस खींचकर इतना कोमल, इतना कठोर हो सका है, वैसे ही महात्मा गांधी भी कठोर-कोमल व्यक्तित्व वाले थे।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए 3 प्रश्नों में से किन्हीं 2 प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए: (2 × 2 = 4)
(i) डॉ. अंबेडकर ‘समता’ को कल्पना की वस्तु क्यों मानते हैं?
उत्तर:
(1) डॉ. आंबेडकर का मानना है कि हर व्यक्ति समान नहीं होता है।
(2) जन्म, सामाजिक स्तर, प्रयत्नों के कारण भिन्नता व असमानता होती है।
(3) मनुष्य जन्म से ही सामाजिक स्तर के अनुरूप तथा अपने प्रयासों के कारण भिन्न और समान होता है।
(4) अतः पूर्ण रूप से समता एक काल्पनिक स्थिति है।
(5) पूर्व समता एक काल्पनिक स्थिति है।
(6) इसके बावजूद वे सभी मनुष्यों को विकसित होने के समान अवसर देना चाहते हैं।
(7) वे सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार चाहते हैं।
(ii) कहानी “पहलवान की ढोलक’ व्यवस्था के बदलने के साथ लोक कला और इसके कलाकार के अप्रासंगिक हो जाने की कहानी है। पंक्ति को विस्तार दीजिए।
उत्तर:
- पुरानी व्यवस्था में राजदरबार और जनता द्वारा इन कलाकारों को मान-सम्मान दिया जाता था, पर नई व्यवस्था में उन्हें सम्मान देने का प्रचलन न रहा है।
- वे राजघराने के खर्चे पर जीवित रहते थे, पर नई व्यवस्था में ऐसा न था।
- उनके सहारे ये जीवित रहते थे, परंतु नई व्यवस्था में विलायती दृष्टिकोण को अपनाया गया है।
- लोक कलाकारों को कम महत्त्व प्राप्त होता है।
- पुरानी व्यवस्था में कलाकारों और पहलवानों को राजाओं का आश्रय एवं संरक्षण प्राप्त था।
(iii) जिन्हें अपनी ज़रूरत का पता नहीं होता, वे लोग बाजार का बाजारूपन कैसे बढ़ाते हैं?
उत्तर:
- समाज में कुछ लोग क्रय-शक्ति के बल पर बाज़ार से वस्तुएँ खरीदते हैं।
- उन्हें अपनी जरूरत का पता नहीं होता है।
- वे समाज में असंतोष बढ़ाते हैं।
- सामान्य लोगों के सामने अपनी क्रय-शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
- वे शानो-शौकृत के लिए उत्पाद खरीदते हैं और बाजारूपन को बढ़ाते हैं।
- ऐसे लोग बाजार से न सच्चा लाभ उठा पाते हैं, न उसे सच्चा लाभ दे सकते हैं।
- वे धन के बल पर बाजार में कपट को बढ़ाते हैं।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (4)
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए किन््हीं दो 2 प्रश्नों वके लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए: (2 × 2 = 4)
(i) “सिल्वर वैडिंग’ कहानी में यशोधर बाबू को अपने बच्चों की आकर्षक आय “समहाउ इंप्रापर’ क्यों लगती है?
उत्तर:
- यशोधर बाबू के अनुसार पैसा कमाने का साधन मर्यादित है तो उससे होने वाली आय पर सभी को गर्व है।
- उनका वेतन बहुत धीरे-धीरे बढ़ता था, उससे अधिक महँगाई बढ़ जाती थी।
- उनकी आय में हुई वृद्धि का असर उनके जीवन-स्तर को सुधार नहीं पाता है।
- यशोधर बाबू के बच्चे किसी बड़ी विज्ञापन कंपनी में नौकरी पाकर रातोंरात मोटा वेतन कमाने लगे।
- यशोधर बाबू को इतनी मोटी तनख्वाह का रहस्य समझ में नहीं आता था।
- यशोधर बाबू समझते थे कि इतनी मोटी तनख्वाह के पीछे कोई गलत काम अवश्य किया जा रहा है।
- यशोधर बाबू ने अपना सारा जीवन कम वेतन में जैसे-तैसे गुज्ारा था, वे इतनी शान-शौकत को पचा नहीं पा रहे थे।
- वास्तविकता जानने का प्रयास किया जा सकता है।
- पीढ़ियों के बीच के अंतराल में सामंजस्य बैठाने के प्रयास किए जा सकते हैं।
अथवा
(ii) उस घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए जिससे पता चलता है कि लेखक की माँ उसके मन की पीड़ा समझ रही थी ? “जूझ ‘ कहानी के आधार पर बताइए।
उत्तर:
- लेखक पढ़ना चाहता था।
- पिता ने अपनी इच्छा को ध्यान-में रखकर ही लेखक की पढ़ाई छुड़वा दी थी।
- लेखक ने अपनी माँ से दत्ता जी राव सरकार के घर चलकर उनकी मदद से अपने पिता को राजी करने की बात कही है। ‘
- माँ अपने बेटे की पढ़ाई के बारे में दत्ता जी राव से जाकर बात भी करती है और पति से इस बात को छिपाने का आग्रह भी करती है।
व्याख्यात्मक हल-
लेखक की माँ उसके मन की पीड़ा समझ रही थी इसी कारण उसकी माँ और दत्ता जी राव ने लेखक के पढ़ने की बात उसके पिता से की। उसकी माँ जानती थी कि दत्ता जी राव का दबाव ही पिता पर काम कर सकता है। यदि लेखक की ‘पढ़ाई-लिखाई नहीं हो पाती तो उसका सारा जीवन खेती में ही लगा रहता।
(iii) अजायबघर में रखे सिन्धु-सभ्यता के पुरातत्व के अवशेषों से किसका महत्त्व सिद्ध होता है-कला का या ताकृत का ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
- मुअनजो-दड़ो के अजायबघर में सिन्धु-सभ्यता के पुरातत्व के अवशेष रखे गए हैं।
- यहाँ पर काला पड़ गया गेहूँ, ताँबे और काँसे के बर्तन, मुहरें, वाद्य, चाक पर बने विशाल मृद्-भांड, चौपड़ की गोटियाँ, मिट्टी की बैलगाड़ी, पत्थर के औज़ार, मिट्टी के कंगन आदि रखे गए हैं।
- यहाँ की चीजों को देखने से पता चलता है कि यहाँ औजार तो हैं पर हथियार नहीं।
- समूची सिन्धु-सभ्यता में हथियार उस तरह के नहीं मिले हैं, जैसे किसी राजतंत्र में होते हैं।
- यहाँ पर प्रभुत्व नदारद है।
- इससे यह पता चलता है कि इस सभ्यता में कला का महत्व अधिक था न कि ताकत का।