Understanding the question and answering patterns through Class 12 Geography Question Answer in Hindi Chapter 7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप will prepare you exam-ready.
Class 12 Geography Chapter 7 in Hindi Question Answer तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
तृतीयक क्रियाकलाप जिस कारक पर निर्भर है, वह
(अ) कुशलता
(ब) मशीनरी
(स) फैक्टरी
(द) उत्पादन।
उत्तर:
(द) उत्पादन।
प्रश्न 2.
निम्न में से कौनसी संस्था द्वार से द्वार सेवा प्रदान करती है –
(अ) फुटकर व्यापार
(ब) थोक व्यापार
(स) श्रृंखला भण्डार
(द) विभागीय भण्डार।
उत्तर:
(स) श्रृंखला भण्डार
प्रश्न 3.
एक टैक्स परामर्शदाता जिस वर्ग के कार्य-कलाप से सम्बन्धित है, वह है-
(अ) प्राथमिक
(स) तृतीयक
(ब) द्वितीयक
(द) चतुर्थक।
उत्तर:
(स) तृतीयक
प्रश्न 4.
निम्न में से कौनसा पंचम क्रिया-कलाप है?
(अ) मौद्रिक बैंकिंग
(ब) बीमा
(स) अचल सम्पदा
(द) विशेषज्ञ।
उत्तर:
(ब) बीमा
प्रश्न 5.
चतुर्थक क्रिया-कलाप वर्ग से सम्बन्धित घटक हैं-
(अ) मशीन, उपकरण
(ब) उद्योग, बीमा
(स) शिक्षा, सूचना, शोध
(द) मनोरंजन, वाणिज्यिक सेवाएँ।
उत्तर:
(अ) मशीन, उपकरण
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से किन दो औद्योगिक संकुलों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहा जाता है –
(अ) बोस्टन और कैलीफोर्निया को
(ब) टोकियो और हिरोशिमा को
(स) लन्दन और ओल्ड ट्रैफर्ड को
(द) हांगकांग और सेब्जेन को।
उत्तर:
(स) लन्दन और ओल्ड ट्रैफर्ड को
प्रश्न 7.
सेवाओं के क्रिया-कलाप के संसाधन के प्रादेशिक केन्द्र एशिया के जिन शहरों में स्थापित हो गये हैं, वे हैं-
(अ) मुम्बई बैंकाक और शंघाई
(ब) सिओल मास्को और नई दिल्ली
(स) बंगलौर – हैदराबाद और नई दिल्ली
(द) टोकियो-नई दिल्ली और मुम्बई
उत्तर:
(अ) मुम्बई बैंकाक और शंघाई
प्रश्न 8.
निम्न में से कौनसा ग्रामीण विपणन केन्द्र है –
(अ) श्रृंखला भण्डार
(ब) डाक ऑर्डर
(स) सुलभ बाजार केन्द्र
(द) आवधिक बाजार
उत्तर:
(द) आवधिक बाजार
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उच्चतम स्तर के निर्णय लेने की क्रिया किस क्रियाकलाप में सम्मिलित की जाती है?
उत्तर:
उच्चतम स्तर के निर्णय लेने की क्रिया पंचम क्रियाकलाप में सम्मिलित की जाती है।
प्रश्न 2.
चतुर्थ क्रियाकलाप के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप मुख्यतः सूचना आधारित तथा अनुसंधान एवं विकास आधारित होते हैं।
प्रश्न 3.
तृतीयक क्रियाकलाप किस सेक्टर से सम्बन्धित है?
उत्तर:
सेवा सेक्टर से।
प्रश्न 4.
तृतीयक क्रियाकलाप के दो प्रमुख तत्त्व
उत्तर:
(1) उत्पादन
(2) विनिमय।
प्रश्न 5.
उत्पादन को परोक्ष रूप से किस रूप में मापा जाता है?
उत्तर:
उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है।
प्रश्न 6.
व्यापार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
व्यापार वस्तुतः अन्यत्र उत्पादित मदों का क्रय और विक्रय है।
प्रश्न 7.
व्यापारिक केन्द्रों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वे नगर तथा केन्द्र जहाँ व्यापार होता है व्यापारिक केन्द्र कहलाते हैं। ये संग्रहण तथा वितरण बिन्दु होते हैं।
प्रश्न 8.
व्यापारिक केन्द्रों के दो प्रकार बताइये।
उत्तर:
(1) ग्रामीण विपणन केन्द्र
(2) नगरीय विपणन केन्द्र
प्रश्न 9.
ग्रामीण विपणन केन्द्र किसका पोषण करते हैं ?
उत्तर:
ग्रामीण विपणन केन्द्र निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं।
प्रश्न 10.
व्यापार के दो प्रकार बताइये।
उत्तर:
(1) फुटकर व्यापार
(2) थोक व्यापार।
प्रश्न 11.
फुटकर बिक्री के भण्डार रहित चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(1) फेरी
(2) रेहड़ी
(3) डाक आदेश
(4) दूरभाष।
प्रश्न 12.
फुटकर व्यापार से क्या आशय है?
उत्तर:
वे व्यापारिक क्रियाकलाप जो कि उपभोक्ताओं के वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित होते हैं, फुटकर व्यापार कहलाते हैं। ‘
प्रश्न 13.
थोक व्यापार का गठन किसके द्वारा होता है ?
उत्तर:
थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिये सौदागरों और पूर्तिघरों के द्वारा होता है।
प्रश्न 14.
परिवहन की माँग किस कारक द्वारा प्रभावित होती है?
उत्तर:
परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार द्वारा प्रभावित होती है। अधिक जनसंख्या से परिवहन की माँग भी अधिक होती है।
प्रश्न 15.
योजक किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक सड़क जो कि दो नोडों को आपस में जोड़ती है, योजक कहलाती है।
प्रश्न 16.
दूरसंचार का प्रयोग किससे जुड़ा हुआ है ?
उत्तर:
दूरसंचार का प्रयोग विद्युत प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 17.
संचार के कौन-कौनसे साधन वर्तमान में लगभग भूतकाल की वस्तुएँ बन गये हैं?
उत्तर:
तार प्रेषण, मोर्स कूट और टैलेक्स वर्तमान में लगभग भूतकाल की वस्तुएँ बन गये हैं।
प्रश्न 18.
समकाल रेखाओं से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानचित्र पर समान समय में पहुँचने वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को समकाल रेखाएँ कहते हैं ।
प्रश्न 19.
संचार के तीव्र गति वाले तीन साधनों का नाम बताइये।
उत्तर:
मोबाइल, दूरभाष तथा उपग्रह।
प्रश्न 20.
जन संचार के दो माध्यम बताइये।
उत्तर:
(1) रेडियो
(2) दूरदर्शन।
प्रश्न 21.
किन्हीं दो निम्नस्तरीय सेवाओं के नाम
उत्तर:
(1) पंसारी की दुकान
(2) धोबीघाट।
प्रश्न 22.
किन्हीं दो उच्चस्तरीय सेवाओं के नाम
उत्तर:
(1) लेखाकार
(2) परामर्शदाता।
प्रश्न 23.
मानसिक श्रम उपयोग करने वाली तीन सेवाओं के नाम बताइए।
उत्तर:
(1) अध्यापक
(2) वकील
(3) चिकित्सक।
प्रश्न 24.
अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन किनके द्वारा किया जाता है?
उत्तर:
अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिकों, व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और परामर्शदाताओं द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 25.
प्रमुख तृतीयक क्रियाकलापों के नाम बताइये ।
उत्तर:
व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ प्रमुख तृतीयक क्रियाकलाप हैं।
प्रश्न 26.
नगरीय बाजार केन्द्रों में कौन-कौनसी शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाएँ उपलब्ध होती हैं?
उत्तर;
अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक, दाँतों के डॉक्टर और पशुचिकित्सक आदि सेवाएँ उपलब्ध होती हैं।
प्रश्न 27.
फुटकर व्यापार क्या है?
उत्तर:
फुटकर व्यापार वे व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो कि उपभोक्ताओं के वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 28.
फुटकर व्यापार कहाँ सम्पन्न होता है?
उत्तर:
अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय से नियत प्रतिष्ठानों और भण्डारों में सम्पन्न होता है।
प्रश्न 29.
संचार के किन रूपों के विकास ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है?
उत्तर:
मोबाइल, दूरभाष और उपग्रहों आदि के विकास ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है।
प्रश्न 30.
रेडियो और दूरदर्शन को जन-संचार माध्यम क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
यह समाचारों, चित्रों व दूरभाष कालों का सम्पूर्ण विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारित करते हैं। इसी कारण इन्हें जनसंचार माध्यम कहा जाता है।
प्रश्न 31.
पर्यटन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पर्यटन एक यात्रा है जो कि व्यापार की अपेक्षा आमोद-प्रमोद के उद्देश्यों से की जाती है।
प्रश्न 32.
चिकित्सा पर्यटन किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से सम्बद्ध कर दिया जाता है तो इसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।
प्रश्न 33.
ज्ञान प्रकरण बाह्य स्रोतन के प्रमुख उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ई – लर्निंग, व्यवसाय अनुसन्धान, बौद्धिक सम्पदा, अनुसन्धान, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग सेक्टर ज्ञान प्रकरण बाह्य स्रोतन के प्रमुख उदाहरण हैं।
प्रश्न 34.
आँकड़ा प्रक्रमण किससे सम्बन्धित सेवा है? इसे आसानीपूर्वक किन देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है?
उत्तर:
यह सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित एक सेवा है जिसे आसानीपूर्वक एशियाई, पूर्वी यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है।
प्रश्न 35.
विश्व के किन्हीं दो लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थानों के नाम बताइये।
उत्तर:
भूमध्यसागरीय तट के चारों तरफ कोष्ण स्थान तथा भारत का पश्चिमी तट विश्व के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थानों में से एक है।
प्रश्न 36.
पर्यटन किन उद्योगों को पोषित करता है ?
उत्तर:
पर्यटन अवसंरचना उद्योग, फुटकर व्यापार तथा शिल्प उद्योग को पोषित करता है।
प्रश्न 37.
इतिहास एवं कला से सम्बन्धित कौनसे स्थान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं?
उत्तर:
प्राचीन नगर, पुरातत्व स्थान, गुफाएँ, महल व गिरजाघर आदि स्थान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। प्रश्न 38. परिवहन दूरी को किस प्रकार मापा जाता है ? उत्तर- परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी, समय, दूरी तथा लागत दूरी के रूप में मापा जाता है ।
लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किलोमीटर दूरी, समय दूरी तथा लागत दूरी के विषय में लिखिए।
उत्तर:
परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग लम्बाई की वास्तविक दूरी समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय और लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के सन्दर्भ में एक निर्णायक कारक है।
प्रश्न 2.
द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अन्तर बताइए।
उत्तर:
द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अन्तर यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता उत्पादन तकनीकों, मशीनरी और फैक्टरी प्रक्रियाओं की अपेक्षा कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करती है।
प्रश्न 3.
अपतरन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अपतरन – बाह्यस्त्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सुधारने और लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को काम सौंपना है। जब बाह्यस्रोतन में कार्य समुद्रपार के स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है, तब उसे अपतरन ( ऑफ शोरिंग) कहा जाता है। अर्थात् बाह्यस्रोतन में कार्य को समुद्रपार के स्थानों को सौंपना अपतरन कहलाता है।
प्रश्न 4.
थोक व्यापार की कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
थोक व्यापार की मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार
(1) थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिये सौदागरों और पूर्तिघरों द्वारा होता है न कि फुटकर भण्डारों द्वारा ।
(2) थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भण्डारों को उधार देते हैं, यहाँ तक कि फुटकर विक्रेता अधिकतर थोक विक्रेता की पूँजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं।
प्रश्न 5.
“जन-शक्ति सेवा सेक्टर का एक महत्त्वपूर्ण कारक है।” तीन विशेषताएँ बताकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सेवा सेक्टर के लिए व्यावसायिक कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है। जन शक्ति अधिकतर तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन करती है। जन-शक्ति की निम्नलिखित तीन विशेषताएँ आवश्यक हैं यथा –
- श्रमिक कुशल एवं निपुण होने चाहिए।
- इनमें व्यावसायिक कुशलता हो।
- विशेषज्ञ तथा परामर्शदाता प्रशिक्षित होने चाहिए।
प्रश्न 6.
“सभी प्रकार की सेवाएँ विशिष्ट कलाएँ होती हैं जो कि भुगतान के बदले प्राप्त होती हैं।”” सहित स्पष्ट कीजिए।
‘उत्तर:
अनेक व्यवसायी फीस का भुगतान होने पर अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं, यथा –
- एक चिकित्सक रोगियों का उपचार करके फीस प्राप्त करता है।
- एक अध्यापक बच्चों को शिक्षा देता है उसके बदले में फीस प्राप्त करता है।
- एक वकील लोगों को कानूनी सलाह देकर फीस लेता है।
प्रश्न 7.
विकसित देशों तथा विकासशील देशों में विभिन्न प्रकार की सेवाओं में लगे श्रमिकों की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
(i) विकासशील देशों में- विकासशील अर्थव्यवस्था में बहुसंख्यक लोग प्राथमिक सेक्टर में कार्य करते हैं।
(ii) विकसित देशों में विकसित देशों में बहुसंख्यक लोग मुख्यतः तृतीयक एवं चतुर्थक क्रियाकलापों में रोजगार प्राप्त करते हैं। कम संख्या में द्वितीयक सेक्टर में लोग कार्यरत रहते हैं।
प्रश्न 8.
व्यापार से क्या अभिप्राय है? इसका उद्देश्य क्या है? व्यापारिक केन्द्रों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
व्यापार – व्यापार वस्तुतः अन्यत्र उत्पादित मदों का क्रय और विक्रय है। इसके दो प्रकार हैं यथा-फुटकर और थोक व्यापार।
उद्देश्य – वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है।
व्यापारिक केन्द्र – व्यापार का समस्त कार्य कस्बों और नगरों में होता है जिनको व्यापारिक केन्द्र कहा जाता है। स्थानीय स्तर पर वस्तु विनिमय से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय सोपान पर मुद्रा विनिमय तक व्यापार के उत्थान ने अनेक केन्द्रों और संस्थाओं को जन्म दिया है जैसे कि व्यापारिक केन्द्र अथवा संग्रहण और वितरण बिन्दु । व्यापारिक केन्द्रों को ग्रामीण और नगरीय विपणन केन्द्रों में विभक्त किया जा सकता है।
प्रश्न 9.
ग्रामीण क्षेत्रों में कालिक मण्डियों अर्थात् आवधिक बाजार से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार – ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाजार नहीं होते, वहाँ विभिन्न कालिक अन्तरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ये साप्ताहिक, पाक्षिक बाजार होते हैं, जहाँ परिग्रामी क्षेत्रों से लोग आकर समय-समय पर अपनी आवश्यक जरूरतों को पूरा करते हैं ये बाजार निश्चित तिथि, दिन पर लगते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर लगते रहते हैं।
प्रश्न 10.
विभिन्न प्रकार के भण्डारों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भण्डारों के प्रकार भण्डार निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं –
- उपभोक्ता भण्डार फुटकर व्यापार में वृहत स्तर पर सबसे पहले नवाचार लाने वाले उपभोक्ता सहकारी समुदाय आते हैं।
- विभागीय भण्डार – वस्तुओं की खरीद और भण्डारों के विभिन्न अनुभागों में बिक्री के सर्वेक्षण के लिए विभागीय प्रमुखों को उत्तरदायित्व और प्राधिकार सौंप देते हैं।
- श्रृंखला भण्डार – यह अत्यधिक मितव्ययिता से व्यापारिक माल खरीद पाते हैं। यहाँ तक कि अपने विनिर्देश पर सीधे वस्तुओं का विनिर्माण करा लेते हैं। वे अनेक कार्यकारी कार्यों में अत्यधिक कुशल विशेषज्ञ नियुक्त कर लेते हैं। उनके पास एक भण्डार के अनुभव के परिणामों को अनेक भण्डारों में लागू करने की योग्यता होती है।
प्रश्न 11.
थोक व्यापार सेवा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
थोक व्यापार सेवा थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिए सौदागरों और पूर्तिघरों के द्वारा होता है। इसके गठन में फुटकर भण्डारों की भूमिका कम होती है। श्रृंखला भण्डारों सहित कुछ बड़े भण्डार विनिर्माताओं से सीधी खरीद करते हैं। फिर भी बहुसंख्यक फुटकर भण्डार बिचौलिए स्रोत से पूर्ति लेते हैं। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भण्डारों को उधार देते हैं। यहाँ तक कि फुटकर विक्रेता अधिकतर थोक विक्रेता की पूँजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं ।
प्रश्न 12.
परिवहन सेवाएँ क्या हैं? इस व्यवस्था के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
परिवहन सेवाएँ – परिवहन एक ऐसी सेवा अथवा सुविधा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा सम्पत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। यह मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने हेतु निर्मित एक संगठित उद्योग है। परिवहन व्यवस्था के कार्य आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। इस जटिल व्यवस्था की प्रत्येक अवस्था में परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है।
प्रश्न 13.
परिवहन सेवाओं के मार्ग किन कारकों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर:
परिवहन सेवाओं के मार्ग निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करते हैं-
- नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केन्द्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप।
- उनके मध्य भू-दृश्य की प्रकृति ।
- जलवायु के प्रकार और मार्ग की लम्बाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों अर्थात् मुद्रा पर मार्ग निर्भर करते हैं।
प्रश्न 14.
संचार साधनों द्वारा किन तत्त्वों का प्रेषण होता है? परिवहन के सभी रूपों को संचार पथ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
संचार सेवाओं में शब्दों और सन्देशों तथ्यों और विचारों का प्रेषण शामिल है। लेखन के आविष्कार ने सन्देशों को संरक्षित किया और संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता प्रदान की। ये वास्तव में हाथ, पशुओं, नाव, सड़क, रेल तथा वायु के द्वारा परिवहित होते थे। यही कारण है कि परिवहन के सभी रूपों को ‘संचार पथ’ कहा जाता है। जहाँ परिवहन जाल – तन्त्र सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है।
प्रश्न 15.
“दूरसंचार ने किस प्रकार संचार सेवाओं में क्रान्ति ला दी है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। सन्देशों के भेजे जाने की गति के कारण इसने संचार के क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। समय सप्ताहों से मिनटों में घट गया है और मोबाइल, दूरभाष जैसी नूतन उन्नति ने किसी भी समय कहीं से भी संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है। इस कारण तार प्रेषण, मोर्स कूट और टैलेक्स वर्तमान में लगभग भूतकाल की वस्तुएँ बन गई हैं।
प्रश्न 16.
रेडियो और दूरदर्शन को जनसंचार माध्यम क्यों कहा जाता है? बताइये।
उत्तर:
रेडियो और दूरदर्शन समाचारों, चित्रों व दूरभाष कालों का पूरे विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारित करते हैं। इसी कारण इनको जनसंचार माध्यम कहा जाता है ये जनसंचार माध्यम है; क्योंकि—
- ये विज्ञापन एवं मनोरंजन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
- समाचार पत्र विश्व के सभी कोनों से घटनाओं का प्रसारण करने में सक्षम होते हैं।
- उपग्रह संचार पृथ्वी और अन्तरिक्ष से सूचना का प्रसारण करता है।
- इन्टरनेट ने वैश्विक संचार तन्त्र में वास्तव में क्रान्ति ला दी है।
प्रश्न 17.
असंगठित श्रमिकों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए लोगों को व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध करवाई जाती हैं। कामगार रोजगार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास करते हैं और अकुशल होते हैं। इनको मोची, गृहपाल, खानसामा और माली जैसी घरेलू सेवाओं के लिए नियुक्त किया जाता है तथा इनको भुगतान भी कम किया जाता है। कार्मिकों के इसी वर्ग को ‘असंगठित श्रमिक’ वर्ग के नाम से जाना जाता है। मुम्बई की डब्बा वाला सेवा जो कि पूरे शहर में लगभग 1,75,000 उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाई जाती है, इसका स्पष्ट उदाहरण है।
प्रश्न 18.
पंचम क्रियाकलाप क्या है? उदाहरण सहित समझाइये |
उत्तर:
वे सेवाएँ जो कि नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नवीन प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केन्द्रित होती है, पंचम क्रियाकलाप कहलाती हैं। प्राय: ‘स्वर्ण कॉलर’ कहे जाने वाले ये व्यवसाय तृतीयक सेक्टर का एक और उप-विभाग हैं जो कि वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाले कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका महत्त्व उनकी संख्या से कहीं अधिक होता है।
प्रश्न 19.
तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन तथा विनिमय दोनों शामिल होते हैं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन तथा विनिमय दोनों शामिल होते हैं, यथा-
(i) उत्पादन में सेवाओं की उपलब्धता शामिल होती है जिनका उपभोग किया जाता है। उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है।
(ii) विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ शामिल होती हैं, जिनका उपयोग दूरी को निष्प्रभाव करने के लिए किया जाता है।
वस्तुतः तृतीयक क्रियाकलापों में भौतिक वस्तुओं का उत्पादन करने के बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन शामिल होता है। वे भौतिक कच्चे माल के प्रक्रमण में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होती हैं।
उदाहरण के लिए एक नल सुधारने वाला, बिजली मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, दुकानदार, चालक, कोषपाल, अध्यापक, डॉक्टर, वकील और प्रकाशक इत्यादि।
प्रश्न 20.
ग्रामीण विपणन केन्द्रों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण विपणन केन्द्र – ग्रामीण विपणन केन्द्र निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। ये अर्द्ध- नगरीय केन्द्र होते हैं। ये अत्यन्त अल्पवर्धित प्रकार के व्यापारिक केन्द्रों के रूप में सेवा करते हैं। यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होतीं। ये स्थानीय संग्रहण और वितरण केन्द्र होते हैं। इनमें से अधिकांश केन्द्रों में मण्डियाँ (थोक बाजार) और फुटकर व्यापार क्षेत्र भी होते हैं। ये स्वयं में नगरीय केन्द्र नहीं हैं; किन्तु ग्रामीण लोगों की अधिक मॉंग वाली वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं।
प्रश्न 21.
नगरीय बाजार केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के विषय में लिखिए।
उत्तर:
नगरीय बाजार केन्द्र इन केन्द्रों पर सामान्य सेवाओं के साथ-साथ अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ भी मिलती हैं। इनमें न केवल साधारण वस्तुएँ और सेवाएँ अपितु लोगों द्वारा वाँछित अनेक विशिष्ट वस्तुएँ व सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं। नगरीय केन्द्र इसी कारण विनिर्मित पदार्थों के साथ-साथ विशिष्टीकृत बाजार भी प्रस्तुत करते हैं। इनमें प्रमुख श्रम बाजार, आवासन, अर्द्ध निर्मित एवं निर्मित उत्पादों के बाजार आदि प्रमुख हैं। इनमें शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाएँ यथा— अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक, दाँतों के डॉक्टर और पशु चिकित्सक आदि उपलब्ध होते हैं।
प्रश्न 22.
जाल तन्त्र, नोड तथा योजक में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
परिवहन व्यवस्थाओं के विकास के साथ ही विभिन्न स्थान आपस में जुड़कर जाल तन्त्र की रचना करते हैं। ये जाल तन्त्र योजक से मिलकर बनते हैं। दो अथवा अधिक मार्गों का संधिस्थल एक उद्गम बिन्दु, एक गंतव्य बिन्दु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड होता है। प्रत्येक सड़क जो कि दो नोडों को आपस में जोड़ती है, योजक कहलाती है। एक विकसित जाल तन्त्र में अनेक योजक होते हैं जिसका आशय यह होता है कि स्थान सुसम्बद्ध है।
प्रश्न 23.
चिकित्सा पर्यटन का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चिकित्सा पर्यटन – जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से जोड़ा जाता है, तब उसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है। भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन के महत्त्वपूर्ण देश के रूप में उभर रहा है। विश्व स्तर पर अपेक्षाकृत सस्ती चिकित्सा सुविधाओं के कारण वर्ष 2005 में अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका के 55,000 रोगियों ने भारत में चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाया।
भारत के अतिरिक्त थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया, आस्ट्रेलिया तथा स्विट्जरलैण्ड नामक देशों में भी विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं के उपलब्ध होने के कारण चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।
प्रश्न 24.
सेवा क्षेत्र के प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सेवा क्षेत्र के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं –
- वाणिज्यिक सेवाएँ यथा विज्ञापन, कानूनी सेवायें, जन-सम्पर्क और परामर्श।
- वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल सम्पत्ति का क्रय-विक्रय।
- उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले थोक और फुटकर व्यापार तथा रख-रखाव, सौन्दर्य प्रसाधक तथा मरम्मत के कार्य जैसी सेवाएँ।
- परिवहन एवं संचार यथा – रेल, सड़क, जहाज और वायुयान सेवाएँ तथा डाक-तार सेवाएँ आदि।
- मनोरंजन तथा दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
- विभिन्न स्तरीय प्रशासन यथा – स्थानीय, राज्यीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग, पुलिस, सेवा तथा अन्य जन सेवाएँ।
- गैर-सरकारी संगठन यथा शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभ रहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े व्यक्तिगत तथा सामूहिक परोपकारी संगठन।
- दैनिक जीवन में काम आने वाली घरेलू सेवाएँ।
प्रश्न 25.
पर्यटन सेवा से क्या अभिप्राय है? इसके महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर्यटन सेवा से आशय व्यापार की अपेक्षा प्रमोद तथा आनन्द के की जाती है, पर्यटन सेवा कहलाती है। एक यात्रा जो कि उद्देश्यों के लिए की जाती है, पर्यटन सेवा कहलाती है।
पर्यटन का महत्त्व – विश्व में कुल पंजीकृत रोजगारों तथा कुल राजस्व (सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत) की दृष्टि से यह विश्व का अकेला सबसे बड़ा तृतीयक क्रियाकलाप बन गया है। इसके अलावा पर्यटकों के आवास, भोजन, परिवहन, मनोरंजन तथा विशेष दुकानों जैसी सेवा उपलब्ध कराने के लिए अनेक स्थानीय व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है। पर्यटन अवसंरचना उद्योगों, फुटकर व्यापार तथा शिल्प उद्योगों यथा स्मारिका को पोषित करता है। कुछ प्रदेशों में पर्यटन ॠतुनिष्ठ होता है; क्योंकि अवकाश की अवधि अनुकूल मौसमी दशाओं पर निर्भर करती है; किन्तु अनेक प्रदेश वर्ष पर्यन्त पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 26.
पर्यटन प्रदेश पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
पर्यटन प्रदेश – जिन स्थानों पर पर्यटक घूमने को प्रमुखता से जाते हैं, वे पर्यटन प्रदेश कहलाते हैं। भूमध्य सागरीय तट के चारों तरफ कोष्ण स्थान तथा भारत का पश्चिमी तट विश्व के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थानों में से हैं अन्य में शीतकालीन खेल प्रदेश, जो कि मुख्य रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं तथा मनोहारी दृश्य भूमियाँ एवं यत्र-तत्र फैले राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। स्मारकों, विरासत स्थलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण ऐतिहासिक नगर भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 27.
पर्यटन आकर्षण के किन्हीं तीन कारकों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
पर्यटन आकर्षण के प्रमुख तीन कारक निम्न प्रकार हैं –
(1) भूदृश्य – भूदृश्य पर्यटन आकर्षण का प्रमुख कारक है। अनेक व्यक्ति आकर्षित करने वाले पर्यावरण में अपनी छुट्टियों को व्यतीत करना पसन्द करते हैं, जिसका प्रायः अर्थ होता है पर्वत, झीलें, दर्शनीय समुद्री तट तथा मनुष्य द्वारा पूरी तरह से अपरिवर्तित भूदृश्य।
(2) इतिहास एवं कला – किसी क्षेत्र के इतिहास और कला में सम्भावित आकर्षण होता है। व्यक्ति प्राचीन और सुन्दर नगरों एवं पुरातत्त्व के स्थानों पर जाते हैं तथा किलों, महलों और गिरिजाघरों को देखकर आनन्द उठाते हैं।
(3) संस्कृति और अर्थव्यवस्था – मानव जातीय और स्थानीय रीतियों को पसन्द करने वालों को पर्यटन आकर्षित करता है। यदि कोई प्रदेश पर्यटकों की आवश्यकताओं को सस्ते दामों में पूरा करता है तो वह अत्यन्त लोकप्रिय हो जाता है। वर्तमान समय में घरों में रुकना एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है। यथा— गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे और कूर्ग आदि।
प्रश्न 28.
विश्व में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोगों के विषय में लिखिए।
उत्तर:
विश्व में कुल कार्यशील जनसंख्या में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न जनसंख्या का प्रतिशत क्रमशः बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि जैसे-जैसे किसी देश में आर्थिक विकास होता जाता है, वैसे-वैसे वहाँ प्राथमिक एवं द्वितीयक कार्यों में संलग्न व्यक्तियों की माँग घटती जाती है तथा तृतीयक क्रियाकलापों अथवा सेवाओं में लगे लोगों की माँग बढ़ती जाती है।
विश्व के अल्पविकसित देशों में तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न व्यक्तियों का प्रतिशत जहाँ 10 से भी कम मिलता है, वहीं विकसित राष्ट्रों में यह प्रतिशत 75 से भी अधिक है।
प्रश्न 29.
चतुर्थ क्रियाकलापों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ज्ञानोन्मुखी सेवा सेक्टर से सम्बन्धित क्रियाकलाप चुतर्थ क्रियाकलापों में आते हैं। सामान्यतः चतुर्थ क्रियाकलापों में सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन अथवा सूचना का उत्पादन सम्मिलित होते हैं। इस प्रकार चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसंधान और विकास पर केन्द्रित होते हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से सम्बन्धित सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखे जाते हैं।
विश्व की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में से 50 प्रतिशत से अधिक कर्मी चतुर्थक क्रियाकलापों में कार्यरत हैं तथा म्युचुअल फंड प्रबंधक, परामर्शदाता, सॉफ्टवेयर कर्मी एवं विश्वविद्यालयी शिक्षक के अलावा रंगमंचों, लेखाकार्यों, चिकित्सालयों, दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से सम्बन्धित होते हैं।
प्रश्न 30.
अंकीय विभाजक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
अंकीय विभाजक – सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे विश्व में असमान रूप से वितरित है। विश्व के सभी देशों में विस्तृत आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। विकसित देश बहुत शीघ्रता से अपने नागरिकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तक पहुँच और उसके लाभ उपलब्ध करा सकते हैं जबकि विकासशील देश इस दृष्टि से पिछड़े हुए हैं और इसी को अंकीय विभाजक कहा जाता है इसी प्रकार एक ही देश के भीतर भी अंकीय विभाजक विद्यमान है। उदाहरणत: भारत अथवा रूस जैसे विकासशील देश में महानगरीय केंद्रों जैसे निश्चित क्षेत्रों में अंकीय विश्व के साथ बेहतर संबंध तथा पहुँच पाई जाती है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उतनी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 31.
नीचे दिए गए कॉलर रंगों के कार्य की प्रकृति के विषय में लिखिए –
(i) लाल
(ii) स्वर्ण
(iii) श्वेत (सफेद)
(iv) धूसर
(v) नीला
(vi) गुलाबी।
उत्तर:
कॉलर का रंग | कार्य की प्रवृत्ति |
लाल | आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, कृषि एवं खनन कार्य। |
स्वर्ण | नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनका पुनर्गठन व व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या तथा प्रयोग व नवीन प्रौद्योगिकी का मूल्यांकन। |
श्वेत (सफेद) | उच्च प्रॉद्योगिक उद्योग में पांरगत व्यावसायिक श्रमिक। |
धूसर | श्वेत कॉलर से कम दक्षता वाले व्यावसायिक पुरुष श्रमिक, जैसे-नाई, घरेलू कर्मचारी, प्रशासनिक सहायक, प्रार्थमिक स्कूल अध्यापक आदि। |
नीला | शारीरिक श्रमकार वास्तविक उत्पादन करने वाले श्रमिक। |
गुलाबी | एवेत कॉलर से कम दक्षता वाली व्यावसायिक महिला श्रमिक जैसे-आया, हेयर ड्रेसर, बेबी सिटर, सेक्रेटरी, घरेलू नौकरानी, प्रशासनिक सहायक आदि। |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकों एवं पर्यटन आकर्षण के विषय में लिखिए।
उत्तर:
पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक- पर्यटन एक यात्रा है, जो व्यापार की बजाय आमोद-प्रमोद के उद्देश्यों के लिए की जाती। सामान्यतः पर्यटन को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं –
(1) माँग विगत शताब्दी से अवकाश के लिए माँग तीव्रता से बढ़ी है। जीवन स्तर में सुधार तथा बढ़े हुए फुरसत के समय के कारण अधिक लोग विश्राम के लिए अवकाश पर जाते हैं।
(2) परिवहन परिवहन सुविधाओं के सुधार के साथ पर्यटन क्षेत्रों का आरम्भ हुआ है। बेहतर सड़क प्रणालियों में कार द्वारा यात्रा सुगम होती है। विगत कुछ वर्षों में वायु परिवहन का विस्तार अधिक महत्त्वपूर्ण रहा है। यथा वायु यात्रा के द्वारा कुछ ही घण्टों में अपने घरों से विश्व में कहीं भी जाया जा सकता है। पैकेज अवकाश की शुरुआत ने पर्यटन लागत को कम कर दिया है।
पर्यटन आकर्षण – पर्यटन आकर्षण में निम्नलिखित को सम्मिलित किया जाता है –
(1) जलवायु – ठण्डे प्रदेशों के अधिकांश व्यक्ति पुलिन विश्राम के लिए उष्ण व धूपदार मौसम की अपेक्षा करते हैं। दक्षिणी यूरोप तथा भूमध्य सागरीय क्षेत्रों में पर्यटन के महत्त्व का यह एक मुख्य कारण है। अवकाश के शीर्ष मौसम में यूरोप के अन्य भागों की अपेक्षा भूमध्यसागरीय जलवायु में लगभग लगातार ऊँचा तापमान, धूप की लम्बी अवधि तथा निम्न वर्षा की दशाएँ होती हैं। शीतकालीन अवकाश का आनन्द लेने वाले लोगों की विशिष्ट जलवायवीय आवश्यकताएँ होती हैं। जैसे-अपने गृह क्षेत्रों की तुलना में ऊँचे तापमान अथवा स्कीइंग के लिए अनुकूल हिमावरण आदि।
(2) भूदृश्य अनेक व्यक्ति आकर्षित करने वाले पर्यावरण में अपनी छुट्टियों को व्यतीत करना पसन्द करते हैं, जिसका प्रायः अर्थ होता है पर्वत, झीलें, दर्शनीय समुद्री तट तथा मनुष्य द्वारा पूरी तरह से अपरिवर्तित भूदृश्य।
(3) इतिहास एवं कला किसी क्षेत्र के इतिहास और कला में सम्भावित आकर्षण होता है। व्यक्ति प्राची और सुन्दर नगरों एवं पुरातत्त्व के स्थानों पर जाते हैं तथा किलों, महलों और गिरिजाघरों को देखकर आनन्द उठाते हैं।
(4) संस्कृति और अर्थव्यवस्था – मानव जातीय और स्थानीय रीतियों को पसन्द करने वालों को पर्यटन आकर्षित करता है। यदि कोई प्रदेश पर्यटकों की आवश्यकताओं को सस्ते दामों में पूरा करता है तो वह अत्यन्त लोकप्रिय हो जाता है। वर्तमान समय में घरों में रुकना एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है। यथा- गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे और कूर्ग आदि।
(5) स्वास्थ्य सेवाएँ – वर्तमान में सस्ती स्वास्थ्य सेवाएँ भी पर्यटन आकर्षण का केन्द्र बनी हैं। इसे चिकित्सा पर्यटन का नाम दिया गया है।
प्रश्न 2.
बाह्य स्रोतन से क्या आशय है? के.पी.ओ. तथा बी.पी.ओ. के कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बाह्य स्रोतन – बाह्य स्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सुधारने और लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपना है। जब बाह्य स्रोतन में कार्य समुद्र पार के स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है तो इसको अपतरन अर्थात् ऑफ शोरिंग कहा जाता है। यद्यपि अपतरन और बाह्य स्रोतन दोनों का प्रयोग इकट्ठा किया जाता है। क्रियाएँ जिन व्यापारिक क्रियाकलापों को बाह्य- स्रोतन कहा जाता है उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और काल सेन्टर सेवाएँ तथा अनेक बार विनिर्माण तथा अभियान्त्रिकी भी शामिल की जाती हैं।
प्रमुख क्रियाएँ निम्नलिखित हैं –
(1) आँकड़ा प्रक्रमण सूचना – आँकड़ा प्रक्रमण सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित एक सेवा है जिसे आसानीपूर्वक एशियाई, पूर्वी यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है। इन देशों में विकसित देशों की अपेक्षा कम पारिश्रमिक पर अंग्रेजी भाषा में अच्छी निपुणता वाले सूचना प्रौद्योगिकी में कुशल कर्मचारी उपलब्ध हो जाते हैं। अतः हैदराबाद अथवा मनीला में स्थापित एक कम्पनी भौगोलिक सूचना तन्त्र की तकनीक पर आधारित परियोजना पर संयुक्त राज्य अमेरिका अथवा जापान जैसे देशों के लिए कार्य करती है। श्रम सम्बन्धी कार्यों को समुद्र पार क्रियान्वित करने से चाहे वह भारत, चीन और यहाँ तक कि अफ्रीका का कम सघन जनसंख्या वाला देश बोत्सवाना हो, ऊपरी लागत बहुत कम होती है। जिससे यह सेवा लाभदायक हो जाती है।
(2) काल सेन्टर – बाह्य स्रोतन के परिणामस्वरूप भारत, चीन, पूर्वी यूरोप, इजराइल, फिलीपीन्स और कोस्टारिका में बड़ी संख्या में कॉल सेण्टर खुले हैं। इससे इन देशों में नवीन कार्य उत्पन्न हुए हैं। बाह्य स्त्रोतन उन देशों में आ रहा है जहाँ सस्ता और कुशल श्रम उपलब्ध है। ये उत्प्रवास वाले देश भी हैं। बाह्य स्रोतन के द्वारा कार्य उपलब्ध होने से इन देशों से प्रवास कम हो सकता है। बाह्य स्रोतन वाले देश अपने यहाँ काम तलाश कर रहे युवकों का प्रतिरोध झेल रहे हैं। बाह्य स्रोतन के बने रहने का मुख्य कारण तुलनात्मक लाभ है
(3) नवीन प्रवृत्तियाँ – सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों में ज्ञान प्रकरण बाह्य स्रोतन (के.पी.ओ.) और होम शोरिंग है जो कि बाह्य स्रोतन का विकल्प है। ज्ञान प्रकरण बाह्य स्रोतन उद्योग, व्यवसाय प्रक्रमण बाह्य स्रोतन (बी.पी.ओ.) से भिन्न है; क्योंकि इसमें उच्च कुशल कर्मी शामिल होते हैं। यह सूचना प्रेरित ज्ञान की बाह्य स्रोतन है। ज्ञान प्रकरण बाह्य स्रोतन कम्पनियों को अतिरिक्त व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है। ज्ञान प्रकरण बाह्य-स्रोतन के उदाहरणों में अनुसन्धान और विकास क्रियाएँ, ई-लर्निंग, व्यवसाय अनुसन्धान, बौद्धिक सम्पदा, अनुसन्धान, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग सेक्टर आते हैं।
प्रश्न 3.
विश्व में चतुर्थक सेवाओं की प्रकृति तथा वृद्धि की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थक क्रिया-कलाप – विश्व में विगत कुछ वर्षों में आर्थिक क्रिया-कलाप बहुत विशिष्ट और जटिल हो गये हैं। परिणामस्वरूप चतुर्थक क्रिया-कलापों के रूप में नवीन वर्ग बन गया है। उत्पादों में भी ज्ञान से सम्बन्धित क्रिया-कलापों यथा – शिक्षा, सूचना, शोध और विकास को सेवाओं का एक भिन्न वर्ग मान लिया गया है।
चतुर्थक क्रिया-कलापों की प्रकृति व विशेषताएँ – चतुर्थक क्रिया-कलापों की प्रकृति व विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(i) चतुर्थक क्रियाकलापों से तात्पर्य उच्च बौद्धिक व्यवसायों से है।
(ii) चतुर्थक क्रिया-कलापों का दायित्व चिन्तन, शोध और विकास के लिए नवीन विचार देना है।
(iii) आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में अभी लोग अल्प संख्या में चतुर्थक क्रिया-कलापों में लगे हैं; लेकिन इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
(iv) चतुर्थक क्रिया-कलापों में संलग्न लोगों के वेतनमान ऊंचे होते हैं।
(v) सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन अथवा सूचना का उत्पादन प्रमुख चतुर्थक क्रिया-कलाप हैं।
(vi) चतुर्थक क्रिया-कलाप अनुसन्धान और विकास पर केन्द्रित होते हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगीकृत कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से सम्बद्ध सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखे जाते हैं।
(vii) आर्थिक वृद्धि के आधार के रूप में तृतीयक सेक्टर के साथ चतुर्थ सेक्टर ने सभी प्राथमिक व द्वितीयक रोजगारों को प्रतिस्थापित कर दिया है।
(viii) विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आधे से अधिक कर्मी ज्ञान के इस क्षेत्र में कार्यरत हैं तथा पारस्परिक कोष प्रबन्धकों से लेकर परामर्शदाताओं, सॉफ्टवेयर सेवाओं की माँग में अति उच्च वृद्धि हुई है।
(ix) कार्यालय भवनों, प्रारम्भिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टरों के कार्यालयों, रंगमंचों, लेखाकार्य और दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से सम्बन्ध रखते हैं।
(x) कुछ तृतीयक क्रियाओं के समान चतुर्थक क्रिया- कलापों को भी बाह्य स्रोतन के माध्यम से किया जा सकता है। ये सेवाएँ संसाधनों से बंधी हुई पर्यावरण से. प्रभावित तथा अनिवार्य रूप से बाजार द्वारा स्थानीकृत नहीं हैं।
चतुर्थक सेवाओं में वृद्धि – विगत कुछ वर्षों में सूचना प्रौद्योगिकी में क्रान्ति के फलस्वरूप ज्ञान आधारित उद्योगों में वृद्धि हुई है। विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पर आधारित औद्योगिक समूहों (विज्ञाननगर) तथा प्रौद्योगिकी पार्कों ने बहुत प्रगति की है।
प्रश्न 4.
सेवायें क्या होती हैं? सेवाओं के विभिन्न वर्गों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सेवाएँ – मानव के तृतीयक एवं चतुर्थक क्रियाकलाप अमूर्त सेवाओं से सम्बन्धित होते हैं। वस्तुतः सेवाएँ वे क्रियाकलाप हैं, जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है। इस प्रकार सेवाएँ पदार्थ के प्रसंस्करण (नई वस्तु निर्माण) में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होतीं। सेवाओं का उत्पादन के रूप में मापन करना असम्भव होता है, इन्हें तो अप्रत्यक्ष रूप से वेतन तथा मजदूरी के रूप में ही मापा जा सकता है सेवाओं के विभिन्न वर्ग- सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं। कुछ सेवाएँ उद्योगों को चलाती हैं, तो कुछ लोगों को तथा कुछ उद्योगों और लोगों दोनों को चलाती हैं, जैसे परिवहन तंत्र सामान्यतया सेवाओं को निम्नलिखित दो वर्गों में रखा जा सकता है –
(क) निम्नस्तरीय सेवाएँ जैसे- पंसारी की दुकानें, धोबी घाट आदि।
(ख) उच्चस्तरीय सेवाएँ जैसे – लेखाकार, परामर्शदाता, संगीतकार, चिकित्सक आदि।
इसके अतिरिक्त सेवाओं को उनकी प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित वर्गों में रखा जा सकता है-
- वाणिज्यिक सेवाएँ – विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसम्पर्क तथा परामर्श आदि।
- वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल सम्पत्ति की क्रय-विक्रय सम्बन्धी सेवाएँ।
- थोक तथा फुटकर व्यापार तथा रखरखाव सम्बन्धी सेवाएँ।
- दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए उपलब्ध व्यक्तिगत सेवाएँ।
- परिवहन एवं संचार सेवाएँ रेल, सड़क, जलयान तथा वायुयान सेवाएँ डाक तार सेवाएँ।
- मनोरंजन करने वाली सेवाएँ – दूरदर्शन, रेडियो,फिल्म तथा साहित्य।
- विभिन्न स्तरीय प्रशासन सेवाएँ – स्थानीय, राज्यीय तथा राष्ट्रीय प्रशासन।
- गैर-सरकारी संगठन से सम्बन्धित सेवाएँ शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास आदि लाभरहित सामाजिक क्रियाकलापों से जुड़े गैर सरकारी संगठन।
प्रश्न 5.
सेवा सेक्टर का वर्गीकरण एक चार्ट के माध्यम से कीजिए।
उत्तर: