Well-organized Geography Class 12 Notes in Hindi and Class 12 Geography Chapter 4 Notes in Hindi मानव बस्तियाँ can aid in exam preparation and quick revision.
Geography Class 12 Chapter 4 Notes in Hindi मानव बस्तियाँ
→ मानव बस्ती:
मानव बस्ती विभिन्न आकार और प्रकार के घरों का समूह होता है, जिनमें मनुष्य रहते हैं। आकार के साथ बस्तियों के आर्थिक अभिलक्षण व सामाजिक संरचना बदल जाती है और साथ ही पारिस्थितिकी और प्रौद्योगिकी भी बदल जाती हैं। विरल रूप में अवस्थित छोटी बस्तियाँ, जो कृषि अथवा अन्य प्राथमिक क्रियाकलापों में विशिष्टता रखती हैं, गाँव कहलाती हैं, जबकि विस्तृत रूप में अवस्थित नगरीय बस्तियाँ द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों में विशेषीकृत होती हैं। इन नगरीय और ग्रामीण बस्तियों के मध्य कार्यों का अन्तर्सम्बन्ध परिवहन और संचार तन्त्र के माध्यम से होता है।
→ ग्रामीण बस्तियों के प्रकार:
बस्तियों के प्रकार निर्मित क्षेत्र के विस्तार और अन्तर्वास दूरी द्वारा निर्धारित होते हैं। ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रकारों के लिए भौतिक लक्षणों के साथ सांस्कृतिक, मानवजातीय सुरक्षा सम्बन्धी कारक भी उत्तरदायी होते हैं। सामान्यतः भारत में ग्रामीण बस्तियों के चार प्रकार पाए जाते हैं –
- गुच्छित बस्तियाँ
- अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ
- पल्लीकृत बस्तियाँ
- एकाकी/परिक्षिप्त बस्तियाँ
→ नगरीय बस्तियाँ:
सामान्यतः संहत और विशाल आकार की होती हैं। यह अनेक प्रकार के अकृषि, आर्थिक और प्रशासकीय कार्यों में संलग्न होती हैं तथा गाँवों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी होती हैं।
→ भारत में नगरों का विकास:
भारत में प्रागैतिहासिक काल से 18 वीं शताब्दी में यूरोपियनों के आगमन तक हुए नगरों के विकास के आधार पर भारतीय नगरों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है-
- प्राचीन नगर-वाराणसी व प्रयाग जैसे नगर जिनका विकास धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्रों के रूप में हुआ था।
- मध्यकालीन नगर-दिल्ली, जयपुर, आगरा जैसे किले नगर जिनका विकास राज्यों और रजवाड़ों के मुख्यालयों के रूप में हुआ।
- आधुनिक नगर-इसमें पत्तन नगरों (सूरत, गोआ आदि), पर्वतीय नगरों, औद्योगिक नगरों (जैसे-जमशेदपुर), प्रशांसनिक नगरों (जैसे-गाँधीनगर, चण्डीगढ़) और अनुषंगी नगरों (जैसे-गाजियाबाद, गुड़गाँव) को सम्मिलित करते हैं।
→ भारत में नगरीकरण:
कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में नगरीकरण के स्तर को मापा जाता है। वर्ष 2011 में भारत में नगरीकरण का स्तर 31.16 प्रतिशत था।
→ जनसंख्या आकार के आधार पर नगरों का वर्गीकरण:
जनसंख्या के आधार पर नगरों को छः वर्गों में विभक्त किया गया है $(5,000$ से कम से लेकर 1 लाख से अधिक जनसंख्या तक)। एक लाख एवं उससे अधिक जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र नगर, 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले महानगर, 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले मेगा नगर और अनेक महानगर और मेगा नगर नगरीय संकुल कहलाते हैं। वृहत् मुम्बई सबसे बड़ा नगरीय संकुल है। बृहन मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर तथा हैदराबाद भारत के प्रमुख मेगा नगर हैं।
→ नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण:
विशिष्ट क्रियाओं अथवा सेवाओं के आधार पर अग्र प्रकार के नगर पाए जाते हैं-
- प्रशासन शहर और नगर-प्रशासनिक मुख्यालय वाले नगर हैं; जैसे-दिल्ली, जयपुर, श्रीनगर, नचेन्नई आदि।
- औद्योगिक नगर-मुम्बई, जमशेदपुर, भिलाई, हुगली आदि नगर जो मुख्यतः उद्योगों के कारण विकसित हुए हैं।
- परिवहन नगर-कांडला, कोच्चि, विशाखापट्टनम, धूलिया, कटनी आदि।
- वाणिज्यिक नगर-कोलकाता, सतना जैसे व्यापार और वाणिज्य में विशिष्टता प्राप्त नगर हैं।
- खनन नगर-रानीगंज, झरिया, डिग्बोई जैसे खानिज समृद्ध क्षेत्रों में विकसित नगर।
- गैरिसन (छावनी) नगर-सैनिक छावनियों के रूप में विकसित नगर, जैसे-अंबाला, महू आदि।
- धार्मिक और सांस्कृतिक नगर-पुष्कर, वाराणसी, अजमेर, पुरी आदि।
- शैक्षिक नगर-शिक्षा केन्द्रों के रूप में विकसित नगर, जैसे-पिलानी, रुड़की, अलीगढ़ आदि।
- पर्यटन नगर-मसरी, शिमला, माउण्ट आबू आदि।
→ भौगोलिक शब्दावली:
- संकुल – समूह
- नोड – केन्द्रीय स्थल
- संपृथकन- विखण्डन
- परिक्षिप्त – एकाकी या बिखरी हुई
- पत्तन – बन्दरगाह
- बहिर्बद्ध – सीमा से बाहर की तरफ विकास (Outgrowth)
- नगर-समूहन – विशिष्ट स्थान पर नगरीय वस्तियों का जमाव