Understanding the question and answering patterns through Class 11 Geography Question Answer in Hindi Chapter 5 खनिज एवं शैल will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography Chapter 5 in Hindi Question Answer खनिज एवं शैल
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. खनिजों की भौतिक विशेषता है-
(अ) विभंजन
(ब) चमक
(स) रंग
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
2. मेलाकाइट का रंग कैसा होता है?
(अ) हरा
(ब) श्वेत
(स) लाल
(द) पीला
उत्तर:
(अ) हरा
3. अलौहिक धातु वाला खनिज है-
(अ) ताम्र
(ब) सीसा
(स) जिंक
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
4. निम्न में कौनसा खनिज अधात्विक नहीं है-
(अ) गंधक
(ब) सीसा
(स) फॉस्फेट
(द) नाइट्रेट
उत्तर:
(ब) सीसा
5. निम्न में से कौनसा खनिज सबसे कम कठोर है-
(अ) फ्लोराइट
(ब) जिप्सम
(स) टैल्क
(द) कैल्साइट
उत्तर:
(स) टैल्क
6. निम्न में आग्नेय शैल का उदाहरण है-
(अ) ग्रेनाइट
(ब) ग्रैब्रो
(स) पेग्मैटाइट
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ब) ग्रैब्रो
7. कार्बनिक रूप से निर्मित अवसादी शैल है-
(अ) गीजराइट
(ब) खड़िया
(स) चूना पत्थर
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
8. कायान्तरित शैल निम्न में से किसमें परिवर्तन के द्वारा निर्मित होती है –
(अ) दाब
(ब) आयतन
(स) तापमान
(द) उपरोक्त स
उत्तर:
(द) उपरोक्त स
9. निम्न में से कौनसा एक तत्त्वीय खनिज है-
(अ) सोना
(ब) लोहा
(स) मैंगनीज
(द) अभ्रक
उत्तर:
(अ) सोना
10. यांत्रिक रूप से निर्मित अवसादी शैल कौनसी है—
(अ) खड़िया
(ब) चूना प्रस्तर
(स) कोयला
(द) गीजराइट
उत्तर:
(ब) चूना प्रस्तर
11. प्राथमिक शैल है-
(अ) आग्नेय शैल
(ब) अवसादी शैल
(स) कायांतरित शैल
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) आग्नेय शैल
12. अधात्विक खनिजों का मिश्रण है-
(अ) गंधक
(ब) संगमरमर
(स) ग्रेनाइट
(द) सीमेंट
उत्तर:
(द) सीमेंट
‘रिक्त स्थान वाले प्रश्न-
नीचे दिए गए प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. भूपर्पटी पर कम से कम ………… प्रकार के खनिजों को पहचाना गया है। ( 2000/3500)
2. फ्लोराइट का रंग बैंगनी या हरा होता है, जबकि इस पर ………. धारियाँ होती हैं। (श्वेत/लाल)
3. कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे खनिज ………… पदार्थ हैं। (कार्बनिक/अकार्बनिक)
4. ……… शैलों का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा एवं लावा से होता है, अतः इनको प्राथमिक शैल भी कहते हैं। (अवसादी/आग्नेय)
5. दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप ……… (आग्नेय/कायान्तरित)
उत्तर:
1. भूपर्पटी पर कम से कम 2000 प्रकार के खनिजों को पहचाना गया है।
2. फ्लोराइट का रंग बैंगनी या हरा होता है, जबकि इस पर श्वेत धारियाँ होती हैं।
3. कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे खनिज कार्बनिक पदार्थ हैं।
4. अवसादी शैलों का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा एवं लावा से होता है, अतः इनको प्राथमिक शैल भी कहते हैं।
5. दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूपकायान्तरित शैलों का निर्माण होता है।
सत्य / असत्य वाले प्रश्न
नीचे दिए गए कथनों में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए-
1. सल्फर, ताँबा, चाँदी, स्वर्ण, ग्रेफाइट आदि एक तत्वीय खनिज है।
2. पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है।
3. पैट्रोलॉजी शैलों का विज्ञान है। एक पेट्रो शास्त्री शैलों के विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन करता है।
4. गैब्रो, पेग्मैटाइट, बैसाल्ट, ज्वालामुखीय ब्रेशिया तथा टक अवसारी शैलों के उदाहरण है।
5. श्रृंग प्रस्तर, चूना पत्थर, हेलाइट, पोटाश आदि रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी शैल है।
6. ग्रेनाइट, सायनाइट, स्लेट, शिस्ट, संगमरमर, क्वार्ट्ज आदि रूपान्तरित शैलों के उदाहरण हैं।
उत्तर:
1. सल्फर, ताँबा, चाँदी, स्वर्ण, ग्रेफाइट आदि एक तत्वीय खनिज है। (सत्य)
2. पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है। (सत्य)
3. पैट्रोलॉजी शैलों का विज्ञान है। एक पेट्रो शास्त्री शैलों के विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन करता है। (सत्य)
4. गैब्रो, पेग्मैटाइट, बैसाल्ट, ज्वालामुखीय ब्रेशिया तथा टक अवसारी शैलों के उदाहरण है। (असत्य)
5. श्रृंग प्रस्तर, चूना पत्थर, हेलाइट, पोटाश आदि रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी शैल है। (सत्य)
6. ग्रेनाइट, सायनाइट, स्लेट, शिस्ट, संगमरमर, क्वार्ट्ज आदि रूपान्तरित शैलों के उदाहरण हैं। (सत्य)
मिलान करने वाले प्रश्न-
निम्न को सुमेलित कीजिए
(1) शिस्ट | (अ) अवसादी शैल |
(2) चूना पत्थर | (ब) धात्विक खनिज |
(3) बैसाल्ट | (स) कायान्तरित शैल |
(4) चाँदी | (द) अधात्विक खनिज |
(5) फास्फेट | (य) आग्नेय शैल |
(6) प्राकृतिक गैस | (र) कार्बनिक पदार्थ |
उत्तर:
(1) शिस्ट | (स) कायान्तरित शैल |
(2) चूना पत्थर | (अ) अवसादी शैल |
(3) बैसाल्ट | (य) आग्नेय शैल |
(4) चाँदी | (ब) धात्विक खनिज |
(5) फास्फेट | (द) अधात्विक खनिज |
(6) प्राकृतिक गैस | (र) कार्बनिक पदार्थ |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
खनिज किसे कहते हैं?
अथवा
खनिज शब्द को परिभाषित करें।
उत्तर:
एक ऐसा प्राकृतिक कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्त्व जिसमें एक क्रमबद्ध परमाण्विक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुणधर्म होते हैं, खनिज कहलाता है।
प्रश्न 2.
सबसे कठोरतम खनिज कौनसा है?
उत्तर:
हीरा।
प्रश्न 3.
भू-पर्पटी में सर्वाधिक भाग में कौनसा तत्त्व पाया जाता है?
उत्तर:
ऑक्सीजन।
प्रश्न 4.
किन्हीं तीन एकतत्वीय खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सल्फर, तांबा व चांदी।
प्रश्न 5.
किन्हीं तीन अलौहिक धातु खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ताँबा, सीसा व जिंक।
प्रश्न 6.
किन्हीं तीन अधात्विक खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
गंधक, फॉस्फेट, नाइट्रेट।
प्रश्न 7.
वसादी शैलों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
अपक्षय एवं अपरदन क्रियाओं के द्वारा।
प्रश्न 8.
धरातल पर सर्वाधिक विस्तार कौनसी चट्टानों का पाया जाता है?
उत्तर:
अवसादी चट्टानों का।
प्रश्न 9.
पेट्रोलॉजी क्या है?
उत्तर :
शैलों का विज्ञान। इसमें विभिन्न शैलों का अध्ययन होता है।
प्रश्न 10.
प्राथमिक शैलों से बनने वाली शैलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- अवसादी शैल
- कायांतरित शैल।
प्रश्न 11.
उन तत्त्वों के नाम बताइये जिनसे पृथ्वी की सम्पूर्ण पर्पटी का 98 प्रतिशत भाग बना है।
उत्तर:
भू-पर्पटी का लगभग 98% भाग ऑक्सीजन, सिलिकन, ऐलुमिनियम, लोहा, कैल्शियम, सोडियम, पोटैशियम तथा मैग्नीशियम से बना है।
प्रश्न 12.
मेलाकाइट का रंग कैसा होता है?
उत्तर:
मेलाकाइट का रंग हरा होता है।
प्रश्न 13.
मैग्मा व लावा से घनीभूत शैलों का नाम लिखिए।
उत्तर:
आग्नेय शैल।
प्रश्न 14.
आग्नेय शैलों के उदाहरण बताइए।
उत्तर:
ग्रेनाइट गैब्रो, पेग्मैंटाइट, बैसाल्ट, ज्वालामुखी ब्रेशिया तथा टफ आग्नेय शैलों के उदाहरण है।
प्रश्न 15.
यांत्रिक रूप से निर्मित किन्हीं तीन अवसादी शैलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बालुकाश्म, पिंडशिला, चूना प्रस्तर।
प्रश्न 16.
कार्बनिक रूप से निर्मित अवसादी चट्टानों के नाम बताइये।
उत्तर:
गीज़राइट, खड़िया, चूना पत्थर, कोयला आदि कार्बनिक रूप से निर्मित अवसादी चट्टानें हैं।
प्रश्न 17.
रासायनिक रूप से निर्मित किन्हीं तीन अवसादी चट्टानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
श्रृंग प्रस्तर, हेलाइट एवं पोटाश रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी चट्टानें हैं।
प्रश्न 18.
खनिजों का मूल स्रोत क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी के आंतरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है।
प्रश्न 19.
आग्नेय शैल किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के आन्तरिक भाग के मैग्मा एवं लावा के ठंडे होकर घनीभूत होने से बनी शैलों को आग्नेय शैल कहते हैं।
प्रश्न 20.
आग्नेय शैल का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के आन्तरिक भाग के मैग्मा का अपनी अपरगामी गति में ठंडा होकर ठोस बनने से आग्नेय शैलों का निर्माण होता है।
प्रश्न 21.
आग्नेय शैलों की दो विशेषताएँ बतलाइये।
उत्तर:
- ये मैग्मा तथा लावा के ठंडा होकर घनीभूत होने से बनती हैं।
- प्राय: रवेदार तथा कठोर होती हैं।
प्रश्न 22.
कायान्तरित शैल का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप कायान्तरित शैलों का निर्माण होता है।
प्रश्न 23.
कायान्तरण क्या है?
उत्तर:
कायान्तरण वह प्रक्रिया है जिसमें समेकित शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है तथा वास्तविक शैलों में पदार्थ पुनः संगठित हो जाते हैं।
प्रश्न 24.
गतिशील कायान्तरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
बिना रासायनिक परिवर्तनों के टूटने एवं पिसने के कारण वास्तविक शैलों में यांत्रिकी व्यवधान एवं उनका पुनर्संगठन होना गतिशील कायान्तरण कहलाता है।
प्रश्न 25.
अवसादी शैलों की दो विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
- ये शैलें बहिर्जनित प्रक्रियाओं के द्वारा शैलों के अंशों के निक्षेपण से बनती हैं।
- ये मुलायम व छिद्रमय होती हैं।
प्रश्न 26.
सामान्य रूप से शैलों में कौन-कौन से खनिज पाए जाते हैं?
उत्तर:
सामान्यतः शैलों में फेल्डस्पर तथा क्वार्ट्ज खनिज पाए जाते हैं
प्रश्न 27.
ऊष्मीय कायांतरण कितने प्रकार का होता है? नाम लिखिए।
उत्तर:
दो प्रकार का : संपर्क कायांतरण एवं प्रादेशिक कायांतरण।
प्रश्न 28.
शैल किसे कहते हैं?
उत्तर:
भूपटल का निर्माण करने वाले पदार्थों को शैल या चट्टान कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
शिलीभवन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शिलीभवन:
अपक्षय की क्रियाओं द्वारा कमजोर हुई चट्टानों के भाग या उपखंड अपरदन के विभिन्न कारकों द्वारा परिवहित होकर जमा होते रहते हैं। कालांतर में ये उपखंड संगठित होकर शैलों में परिवर्तित हो जाते हैं। यह प्रक्रिया ही शिलीभवन (Lithification) कहलाती है। अनेक अवसादी शैलों में निक्षेपित परतें शिलीभवन के उपरांत भी अपनी मौलिक विशेषताएँ बनाये रखती हैं। इसीलिए बालुकाश्म जैसी अवसादी शैलों में विविध सांद्रता वाली अनेक सतहें होती हैं।
प्रश्न 2.
खनिज पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
खनिज:
यह एक ऐसा प्राकृतिक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्त्व है, जिसमें एक क्रमबद्ध परमाणविक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुणधर्म होते हैं। खनिज का निर्माण दो या दो से अधिक तत्त्वों से मिलकर होता है, लेकिन कभी-कभी सल्फर, स्वर्ण, तांबा, चांदी, ग्रेफाइट जैसे एकतत्वीय खनिज भी पाए जाते हैं। पृथ्वी के आंतरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है।
प्रश्न 3.
निर्माण पद्धति के आधार पर शैलों के समूह बताइये।
उत्तर:
निर्माण पद्धति के आधार पर शैलों के निम्न तीन समूह होते हैं:
- आग्नेय शैल : मैग्मा व लावा के जमाव से निर्मित।
- अवसादी शैल : बहिर्जनित प्रक्रियाओं के द्वारा शैलों के अंशों के निक्षेपण का परिणाम।
- कायांतरित शैल : उपस्थित शैलों में पुनर्क्रिस्टलीकरण की प्रक्रिया से निर्मित।
प्रश्न 4.
आग्नेय व अवसादी शैलों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आग्नेय व अवसादी शैलों में अन्तर
आग्नेय शैलें | अवसादी शैलें |
(1) इनका निर्माण मैग्मा तथा लावा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने से होता है। | (1) इनका निर्माणा बहिर्जनित प्रक्रियाओं के द्वारा शैलों के अंशों के निक्षेपण के परिणामस्वरूप होता है |
(2) इनमें परतें नहीं होतीं, ये सघन होती हैं। | (2) ये परतदार होती हैं। |
(3) ये कठोर होती हैं। | (3) ये अपेक्षाकृत कम कठोर होती हैं |
(4) ये प्राथमिक शैलें होती हैं। | (4) ये द्वितीयक शैलें होती हैं। |
(5) इनका वर्गीकरण मैग्मा के ठोस होने के स्थान के आधार पर किया जाता है। | (5) इनका वर्गीकरण निर्माण पद्धति यथा – यांत्रिक, कार्बनिक, रासायनिक के आधार पर किया जाता है। |
प्रश्न 5.
कायान्तरित शैल का क्या अर्थ है? कायान्तरित शैल के निर्माण की पद्धति बताइये।
उत्तर:
कायान्तरित शैल : दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप निर्मित होने वाली शैल कायान्तरित शैल कहलाती हैं।
निर्माण पद्धति:
जब विवर्तनिक प्रक्रिया के कारण शैलें निचले स्तर की तरफ बलपूर्वक खिसक जाती हैं या जब से उठता, पिघला हुआ मैग्मा भूभृष्ठीय शैलों के सम्पर्क में आता है या जब ऊपरी शैलों के कारण निचली शैलों पर अत्यधिक दाब पड़ता है तब कायान्तरण होता है। इसके परिणामस्वरूप समेकित शैलों में पुन: क्रिस्टलीकरण होता है तथा वास्तविक शैलों में पदार्थ पुनः संगठित हो जाते हैं।
प्रश्न 6.
कायांतरित शैलों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
कायांतरित शैलों की विशेषताएँ:
- ये शैलें विशेष रूप से कठोर एवं संगठित होती हैं।
- विशेष कठोर एवं संगठित होने के कारण ये छिद्रमय नहीं होती हैं। इस कारण इन पर ऋतु अपक्षय का विशेष प्रभाव नहीं पड़ता।
- इन शैलों में जीवावशेष नहीं पाए जाते हैं।
- कायान्तरण के पश्चात् भी इन शैलों के कुछ प्राथमिक गुण एवं लक्षण बने रहते हैं।
प्रश्न 7.
पेट्रोलॉजी से क्या अभिप्राय है? समझाइये।
उत्तर:
पेट्रोलॉजी ‘शैलों का विज्ञान’ है। अतः चट्टानों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को पेट्रोलॉजी कहते हैं। पेट्रोलॉजी का अध्ययन करने वाले विद्वान अर्थात् पेट्रोशास्त्री शैलों के विभिन्न स्वरूपों, जैसे- खनिज की संरचना, बनावट, गठन, स्रोत, प्राप्ति स्थान, परिवर्तन एवं दूसरी शैलों के साथ सम्बन्ध का अध्ययन करते हैं।
प्रश्न 8.
निर्माण पद्धति के आधार पर अवसादी शैलों को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
निर्माण पद्धति के आधार पर अवसादी शैलों को निम्न तीन समूहों में वर्गीकृत कर सकते हैं।
- यांत्रिक रूप से निर्मित अवसादी शैल : इसमें बालुकाश्म, पिंडशिला, चूना प्रस्तर, शैल, विमृदा आदि को सम्मिलित करते हैं।
- कार्बनिक रूप से निर्मित अवसादी शैल : इसमें गीजराइट, खड़िया, चूना पत्थर, कोयला आदि आते हैं।
- रासायनिक रूप से निर्मित अवसादी शैल : इसमें श्रृंग प्रस्तर, चूना पत्थर, हेलाइट, पोटाश आदि शामिल
प्रश्न 9.
सम्पर्क तथा प्रादेशिक कायांतरण में क्या अंतर है? लिखिए।
उत्तर:
संपर्क कायांतरण में शैलें गर्म, ऊपर आते हुए मैग्मा एवं लावा के सम्पर्क में आती हैं, तथा उच्च तापमान में शैल के पदार्थों का पुन: क्रिस्टलीकरण होता है। प्रायः शैलों में मैग्मा अथवा लावा के योग से नए पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं, जबकि प्रादेशिक कायांतरण में उच्च तापमान अथवा दबाव अथवा दोनों के कारण शैलों में विवर्तनिक दबाव के कारण विकृतियाँ आ जाती हैं, जिससे शैलों में पुन: क्रिस्टलीकरण होता है।
प्रश्न 10.
कणों के आधार पर आग्नेय शैलों का वर्गीकरण लिखिए।
उत्तर:
कणों के आधार पर आग्नेय शैलों को निम्न तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- बड़े कणों वाली आग्नेय शैल : आग्नेय शैल में जब पिघले हुए पदार्थ धीरे-धीरे गहराई तक ठंडे होते हैं, खनिजों के कण पर्याप्त बड़े होते हैं।
- मध्यम कणों वाली आग्नेय शैल : जब आग्नेय शैलों के निर्माण के समय शीतलता की परिस्थितियाँ मध्यम होती हैं, तब शैल में मध्यम आकार के कणों का निर्माण होता है।
- छोटे कणों वाली आग्नेय शैल : धरातल पर जब लावा एकात्मक शीतल हो जाता है, तब छोटे एवं चिकने कणों वाली शैल का निर्माण होता है।
प्रश्न 11.
पत्रण (Foliation) किसे कहते हैं? इसके आधार पर कायांतरित शैलों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
पत्रण:
जब कायांतरण की प्रक्रिया में शैलों के कुछ कण या खनिज सतहों या रेखाओं के रूप में व्यवस्थित हो जाते हैं, तो कायांतरित शैल में खनिज अथवा कणों की यह व्यवस्था पत्रण या रेखांकन कहलाती है।
पत्रीकरण के आधार पर कायांतरित शैलों को दो भागों में बाँटा जा सकता है:
- पत्रित शैल : इसमें स्लेट, शिष्ट, नीस आदि मुख्य हैं।
- अपत्रित शैल : इसमें क्वार्ट्ज, संगमरमर, सर्पेन्टाइन आदि मुख्य हैं
प्रश्न 12.
बैंडेड शैल से क्या तात्पर्य है? समझाइए।
उत्तर:
बैंडेड शैल:
कायांतरण की प्रक्रिया में शैलों के कुछ कण या खनिज सतहों या रेखाओं के रूप में व्यवस्थित हो जाते हैं। कायांतरित शैल में खनिज अथवा कणों की इस व्यवस्था को पत्रण या रेखांकन कहते हैं। कभी-कभी खनिज या विभिन्न समूहों के कण पतली से मोटी सतह में इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं, कि वे हल्के एवं गहरे रंगों में दिखाई देते हैं। कायांतरित शैलों में ऐसी संरचनाओं को बैंडिंग कहते हैं तथा बैंडिंग प्रदर्शित करने वाली शैलों को ‘बैंडेड शैल’ कहा जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
खनिजों की प्रमुख भौतिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिजों की भौतिक विशेषताएँ
खनिजों की भौतिक विशेषताओं का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-
- क्रिस्टल का बाहरी रूप : क्रिस्टल का बाहरी रूप अणुओं की आंतरिक व्यवस्था द्वारा निर्धारित होता है। ये घनाकार, अष्टभुजाकार, षट्भुजाकार प्रिज्म आदि अनेक रूपों के हो सकते हैं।
- विदलन : खनिजों के सापेक्षिक रूप से समतल सतह बनाने के लिए निश्चित दिशा में टूटने की प्रवृत्ति विदलन कहलाती है। यह अणुओं की आन्तरिक व्यवस्था का परिणाम है। खनिज एक या कई दिशा में एक-दूसरे से कोई भी कोण बनाकर टूट सकते हैं।
- विभंजन : अणुओं की आन्तरिक व्यवस्था इतनी जटिल होती है कि अणुओं का कोई तल नहीं होता है। अतएव इनका विभंजन अनियमित रूप से होता है।
- चमक : प्रत्येक खनिज की अपनी विशेष चमक होती है, यथा- मैटेलिक, रेशमी, ग्लॉसी आदि।
- रंग : कुछ खनिजों के रंग उन्हीं परमाणविक संरचना के द्वारा निर्धारित होते हैं यथा मैलाकाइट, एजूराइट, कैल्सोमाइट आदि तथा कुछ खनिजों में अशुद्धियों के कारण रंग होते हैं, यथा अशुद्धियों के कारण क्वार्ट्ज का रंग श्वेत, हरा, लाल या पीला हो जाता है
- धारियाँ : किसी भी खनिज के पिसने के उपरान्त बने पाउडर का रंग खनिज के रंग का या किसी अन्य रंग का हो सकता है यथा मेलाकाइट का रंग हरा होता है और उस पर धारियां भी हरी होती हैं। फ्लोराइट का रंग बैंगनी या हरा होता है जबकि इस पर श्वेत धारियाँ होती हैं।
- पारदर्शिता : खनिज पारदर्शी, पारभासी या अपारदर्शी हो सकते हैं।
- संरचना : प्रत्येक क्रिस्टल की विशेष व्यवस्था होती है। वह संरचना में महीन, मध्यम अथवा खुरदरे पिसे हुए, तन्तुयुक्त, पृथक् करने योग्य, अपसारी तथा विकरणकारी हो सकता है।
- कठोरता : खनिज भिन्न-भिन्न कठोरता के हो सकते हैं। कठोरता की माप से इनके सापेक्षिक प्रतिरोध को चिन्हित किया जा सकता है। हीरा सबसे अधिक कठोर खनिज है।
- आपेक्षित भार : दी गई वस्तु का भार तथा बराबर आयतन के पानी के भार का अनुपात आपेक्षित भार कहलाता है। हवा एवं पानी में वस्तु का भार लेकर इन दोनों के अन्तर से हवा में लिए गए भार से भाग दिया जाता है।
प्रश्न 2.
खनिजों की क्रमबद्ध श्रृंखला की निर्माण पद्धति एवं खनिजों के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
खनिजों की क्रमबद्ध श्रृंखला की निर्माण पद्धति – खनिज एक ऐसा प्राकृतिक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्त्व है, जिसमें एक क्रमबद्ध परमाणविक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुणधर्म होते हैं। इनका निर्माण दो या दो से अधिक तत्त्वों के मिलने से होता है लेकिन कभी-कभी एकतत्त्वीय खनिज भी पाए जाते हैं। वस्तुतः पृथ्वी के आंतरिक भाग में पाये जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है। इस मैग्मा के ठंडे होने पर खनिजों के क्रिस्टल बनने लगते हैं और इस प्रक्रिया में जैसे-जैसे मैग्मा ठंडा होकर ठोस शैल बनता है, खनिजों की क्रमबद्ध श्रृंखला का निर्माण होने लगता है।
खनिजों के प्रकार : सामान्यतः खनिजों को निम्न दो भागों में विभाजित किया जाता है-
- धात्विक खनिज : इनमें धातु तत्त्वों की प्रधानता होती है। इन्हें पुनः तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है-
- बहुमूल्य धातु : स्वर्ण, चांदी, प्लेटिनम आदि।
- लौह धातु : लौह एवं स्टील के निर्माण के लिए लोहे में मिलायी जाने वाली अन्य धातुएँ।
- अलौह धातु : इनमें ताम्र, सीसा, जिंक, टिन, ऐलुमिनियम आदि धातुएँ शामिल होती हैं।
- अधात्विक खनिज : इन खनिजों में धातुओं के अंश उपस्थित नहीं होते हैं। गंधक, फॉस्फेट तथा नाइट्रेट आदि अधात्विक खनिज हैं। सीमेंट अधात्विक खनिजों का मिश्रण होता है।
प्रश्न 3.
शैली चक्र को समझाइए।
अथवा
शैल चक्र पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
शैली : चक्र: धरातल का निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से हुआ है। परन्तु शैलें अपने मूल रूप में अधिक समय तक नहीं रहती हैं बल्कि इनमें परिवर्तन होते रहते हैं। भूपृष्ठ पर मुख्यत: तीन प्रकार की शैलें पायी जाती हैं – आग्नेय शैल, अवसादी शैल तथा कायांतरित शैल। धरातल के लगभग 75 प्रतिशत भाग पर अवसादी शैलें पायी जाती हैं और शेष भाग पर आग्नेय एवं रूपांतरित शैलें पायी जाती हैं। इन शैलों शिलीभवन की उत्पत्ति एवं निर्माण प्रक्रिया को शैली चक्र की सहायता से समझ सकते हैं।
शैली चक्र वस्तुतः एक सतत प्रक्रिया होती है, जिसमें पुरानी शैलें परिवर्तित होकर नवीन रूप लेती हैं। आग्नेय शैलें प्राथमिक शैलें होती हैं तथा अन्य दोनों, अवसादी एवं कायांतरित शैलें इन प्राथमिक शैलों से ही निर्मित होती हैं। आग्नेय शैलों को कायांतरित शैलों में परिवर्तित किया जा सकता है। आग्नेय एवं कायांतरित शैलों से प्राप्त अंशों से अवसादी शैलों का निर्माण होता है। अवसादी शैलें उपखंडों में परिवर्तित हो सकती हैं तथा ये उपखंड अवसादी शैलों के निर्माण का एक स्रोत हो सकते हैं।
निर्मित भूपृष्ठीय शैलें (आग्नेय, अवसादी व कायांतरित) प्रत्यावर्तन के द्वारा पृथ्वी के आंतरिक भाग में नीचे की ओर जा सकती हैं। भूपृष्ठीय पत्रक के आंशिक अथवा पूर्ण भाग संस्करण पत्रक (Plate Convergence) के क्षेत्र में अन्य पत्रक के नीचे चले जाते हैं तथा पृथ्वी के आंतरिक भाग में तापमान बढ़ने के कारण ये ही पिघलकर मैग्मा में परिवर्तित हो जाते हैं। यही मैग्मा आग्नेय शैलों का मूल स्रोत होता है। इस प्रकार शैलों के निर्माण की यह चक्रीय व्यवस्था अनवरत चलती रहती है।
प्रश्न 4.
शैल से आप क्या समझते हैं? शैल के तीन प्रमुख वर्गों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिये।
अथवा
शैल से आप क्या समझते हैं? शैल के तीन प्रमुख वर्गों का संक्षिप्त में वर्णन कीजिये।
उत्तर:
शैल का आशय :
भू-पर्पटी का निर्माण करने वाले पदार्थों को शैल कहते हैं। शैलों का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैलों के वर्ग-शैलों को उनकी निर्माण पद्धति के आधार पर तीन प्रमुख वर्गों अथवा समूहों में बांटा गया है। इनका वर्णन निम्न प्रकार हैं-
(1) आग्नेय शैल :
आग्नेय शैलों का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा एवं लावा से होता है। मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर आग्नेय शैलों का निर्माण होता है। इनको प्राथमिक शैलें भी कहते हैं। आग्नेय शैलों का वर्गीकरण इनकी बनावट के आधार पर किया गया है। इसकी बनावट इसके कणों के आकार एवं व्यवस्था अथवा पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है। यदि पिघले हुए पदार्थ धीरे-धीरे गहराई तक ठंडे होते हैं, तो खनिज के कण पर्याप्त बड़े हो सकते हैं। सतह पर हुई आकस्मिक शीतलता के कारण छोटे एवं चिकने कण बनते हैं। शीतलता की मध्यम परिस्थितियाँ होने पर आग्नेय शैल को बनाने वाले कण मध्यम आकार के हो सकते हैं। उदाहरण- ग्रेनाइट, गैब्रो, पैग्मैटाइट, बैसाल्ट, ज्वालामुखीय ब्रेशिया तथा टफ़ आग्नेय शैलों के कुछ उदाहरण हैं।
(2) अवसादी शैल :
वारसेस्टर के अनुसार, अवसादी चट्टानें प्राचीन चट्टानों के मलबे तथा खनिजों के अवसादों के परत रूप में संगठित होने से निर्मित हुई है। पृथ्वी की सतह की शैलें अपक्षयकारी कारकों के प्रति अनावृत्त होती हैं, जो विभिन्न आकार के विखंडों में विभाजित होती हैं। ऐसे उपखंडों का विभिन्न बहिर्जनित कारकों के द्वारा संवहन एवं निक्षेप होता है। सघनता के द्वारा ये संचित पदार्थ शैलों में परिणत हो जाते हैं। यह प्रक्रिया शिलीभवन (Lithification) कहलाती है।
निर्माण पद्धति के आधार पर अवसादी शैलों का वर्गीकरण तीन प्रमुख समूहों में किया गया है-
- यांत्रिकी रूप से निर्मित : उदाहरण – बालुकाश्म, पिंडशिला, चूना प्रस्तर, शैल, विमृदा आदि।
- कार्बनिक रूप से निर्मित : उदाहरण – गीज़राइट, खड़िया, चूनापत्थर, कोयला आदि।
- रासायनिक रूप से निर्मित : उदाहरण-भृंग प्रस्तर, चूना पत्थर, हेलाइट, पोटाश आदि।
(3) कायांतरित शैल :
कायांतरित शैल का अर्थ है, ‘स्वरूप में परिवर्तन’। दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप कायान्तरित शैलों का निर्माण होता है। यह शैलें दाब, आयतन तथा तापमान (पी.वी.टी.) में परिवर्तन के द्वारा निर्मित होती हैं। जब विवर्तनिक प्रक्रिया के कारण शैलें निचले स्तर की ओर बलपूर्वक खिसक जाती हैं, या जब भूपृष्ठ से उठता पिघला हुआ मैग्मा भूपृष्ठीय शैलों के संपर्क में आता है, या जब ऊपरी शैलों के कारण निचली शैलों पर अत्यधिक दाब पड़ता है, तब कायांतरण होता है। कायांतरण वह प्रक्रिया है, जिसमें समेकित शैलों में पुन: क्रिस्टलीकरण होता है तथा वास्तविक शैलों में पदार्थ पुनः संगठित हो जाते हैं। उदाहरण- पट्टिताश्मीय, ग्रेनाइट, सायनाइट, स्लेट, शिस्ट, संगमरमर, क्वार्ट्ज आदि।