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NCERT Class 7th Hindi Chapter 7 वर्षा बहार Question Answer
वर्षा बहार Class 7 Question Answer
कक्षा 7 हिंदी पाठ 7 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi वर्षा बहार Question Answer
पाठ से प्रश्न – अभ्यास
(पृष्ठ 85–91)
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न 1.
इस कविता में वर्षा ऋतु का कौन-सा भाव मुख्य रूप से उभर कर आता है?
- दुख और निराशा
- आनंद और प्रसन्नता
- भय और चिंता
- क्रोध और विरोध
उत्तर :
आनंद और प्रसन्नता।
प्रश्न 2.
‘नभ में छटा अनूठी ” और “घनघोर छा रही है ” पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु के किस दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है?
- बादलों के घिरने का दृश्य
- बिजली के गिरने का दृश्य
- ठंडी हवा के बहने का दृश्य
- आमोद छा जाने का दृश्य
उत्तर :
बादलों के घिरने का दृश्य ।
प्रश्न 3.
कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है। क्योंकि-
- कवि वर्षा को विशेष ऋतु मानता है।
- वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं।
- वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।
- वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है।
उत्तर :
वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।
प्रश्न 4.
“सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर ” इस पंक्ति का क्या अर्थ है ?
- प्रकृति में सभी जीव-जंतु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।
- बादलों की सुंदरता से ही पृथ्वी की शोभा बढ़ती है।
- हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।
उत्तर :
वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर :
उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर चुनने का कारण इस प्रकार है-
- वर्षा ऋतु प्रकृति के सभी अंगों को नया रूप-सौंदर्य प्रदान करती है। पशु-पक्षी हों, जीव – जलचर या मनुष्य, बारिश का पानी सभी को गर्मी से राहत दिलाता है।
- काले घने बादल धरती पर बारिश होने का संकेत देते हैं। आकाश में छाए बादल धरती पर वर्षा लाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- वर्षा प्रकृति को नया जीवन देती है। चारों ओर हरियाली और आनंद का वातावरण फैल जाता है। वर्षा के कारण नदी, पहाड़, तालाब, पशु-पक्षी, रंग-बिरंगे फूल, वन-उपवन और मनुष्य प्रसन्न तथा तृप्त हो जाते हैं।
- वर्षा का जल धरती पर हरियाली और जीवन का आधार है। जल ही जीवन है और वर्षा उसका मुख्य स्रोत है। पानी के बिना ये धरती, उजाड़ और सूखी हो जाएगी।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार में साझा कीजिए और लिखिए-
अपने समूह
(क) “फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे ।”
उत्तर :
वर्षा के होने से ठंडी-ठंडी हवा बहती है। पेड़-पौधे झूमने लगते हैं। फूलों के रंग और चमकदार लगते हैं और बारिश के पानी से धुले पत्ते अधिक हरे लगने लगते हैं। ऐसे मनमोहक वातावरण में पक्षिगण अत्यधिक प्रसन्न हो जाते हैं। चातक पक्षी ( पपीहा) व मोर, आनंद में डूबकर कभी चक्कर काटते हैं तो कभी नाचने लगते हैं।
(ख) “ चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर । ”
उत्तर :
पावस (वर्षा) ऋतु में प्रकृति के नए बदलाव सुख और समृद्धि का संकेत देते हैं। ताप से मुक्ति मिलती है और नदी – तालाब पानी से भर जाते हैं। ऐसे में हंस झुंड बनाकर या पंक्तिबद्ध होकर पानी में तैरते हैं और तालाब में घूमते हैं। किसानों को फसलों के लिए पानी मिलता है। अपनी मेहनत को सफल होते देख, वे खुशी के गीत गाते हैं।
मिलकर करें मिलान
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे स्तंभ 1 में दी गई हैं, उनके भावार्थ स्तंभ 2 में दिए गए हैं। स्तंभ 1 की पंक्तियों का स्तंभ 2 की उपयुक्त पंक्तियों से मिलान कीजिए-
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं | (क) वर्षा ऋतु में तालाबों के जीव-जंतु अति प्रसन्न हैं । |
2. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब | (ख) वर्षा हो रही है और झरने बह रहे हैं। |
3. तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते | (ग) वर्षा आने पर लाखों पपीहे गर्मी से राहत पाते हैं। |
4. फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते | (घ) हंसों की कतारें प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन को दर्शाती हैं। |
5. खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है | (ङ) वर्षा में खिले हुए फूल जैसे गुलाब प्रकृति में सुंगध और ताजगी फैला रहे हैं। |
6. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | (च) ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की सभी शाखाएँ हिल रही हैं। |
उत्तर :
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. पानी बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं | (ख) वर्षा हो रही है और झरने बह रहे हैं। |
2. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब | (च) ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की सभी शाखाएँ हिल रही हैं। |
3. तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते | (क) वर्षा ऋतु में तालाबों के जीव-जंतु अति प्रसन्न हैं । |
4. फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते | (ग) वर्षा आने पर लाखों पपीहे गर्मी से राहत पाते हैं। |
5. खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है | (ङ) वर्षा में खिले हुए फूल जैसे गुलाब प्रकृति में सुंगध और ताजगी फैला रहे हैं। |
6. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | (घ) हंसों की कतारें प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन को दर्शाती हैं। |
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए ।
(क) कविता में कौन-कौन गीत गा रहे हैं और क्यों?
उत्तर :
कविता में कई प्रकृति में आए बदलावों से नई उमंग और उत्साह का भाव है।
मोर नाचते हैं और गाते हैं।
मेंढक ‘टर्र-टर्र’ की आवाज़ में अपना प्रिय गीत गाकर खुशी व्यक्त कर रहे हैं।
बाग-बगीचों का रख-रखाव करने वाली मालिनें गीत गाती हैं।
किसान प्रसन्नता और संतुष्टी के गीत गाते हैं क्योंकि बारिश के पानी से खेतों में अब फसल लहलहाएगी और घर-घर खुशहाली आएगी।
(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं ” “तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते ”
उत्तर :
इन पंक्तियों में वर्षा का मनोरम दृश्य चित्रित किया गया है। आसमान में काले घने बादल गरजते और बरसते हैं तथा बिजली चमकती है। तालाबों में जल भर गया है और गर्मी से व्याकुल पक्षियों और जीव जलचरों को ठंडक और चैन मिलेगा। शुष्क धरती की सुंदरता लौट आती है।
(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
वर्षा ऋतु प्रकृति की सुंदर देन है क्योंकि यह धरती की शोभा बढाती है और जीवनदायिनी है। काले बादल और चमकती बिजली भू पर बारिश होने का संकेत देते हैं। जब पानी बरसता है तो झुलसी धरा और उस पर रहने वाले प्राणियों को नव जीवन मिलता है। खोई हुई रौनक लौट आती है। कहीं पपीहे, मोर, मेंढक और हंस नाचते और आवाज़े निकालकर गीत गाते हैं तो खेतों में किसान खुशहाली और खुशी के गीत सुनाते हैं। वर्षा का . जल धरती की सुंदरता बढ़ाता है, जल स्रोतों को भरता है और पर्यावरण को बचाता हैं।
(घ) “ खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है” इस पंक्ति को पढ़कर एक खिलते हुए गुलाब का सुंदर चित्र मस्तिष्क में बन जाता है। इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता को बताना है या इसका कोई अन्य अर्थ भी हो सकता है?
उत्तर :
यह पंक्ति फूलों की सुंदरता और सुगंध को दर्शाती है। रंग-बिरंगे फूल जैसे गुलाब अपने रंगों और मन को लुभाने वाली महक से सभी प्राणियों में नई ऊर्जा का संचार करता है। गुलाब खुशी, प्रेम और खूबसूरती का प्रतीक भी है।
(ङ) कविता में से उन पंक्तियों को चुनकर लिखिए जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे- ‘गीत गाना’, ‘नृत्य करना’ और ‘सुगंध फैलाना’। इन गतिविधियों के आधार पर बताइए कि इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा – बहार’ क्यों रखा गया है?
उत्तर :
वर्षा-बहार सबके, मन को लुभा रही है। बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब । तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते
करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे । खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है। इस भाँति है अनोखी, वर्षा बहार भू पर।
वर्षा ऋतु में आनंद और आशा का वातावरण होता है । वर्षा प्रकृति को निखारती है और बहार चारों ओर फैल जाती है और वर्षा ऋतु में झूमने, नाचने-गाने की इच्छा हृदय में उठती है।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर ” कविता में कहा गया है कि वर्षा पर सारे संसार की शोभा निर्भर है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है ?
उत्तर :
वर्षा के अभाव में मानव जीवन, पशु-पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- जल संकट : वर्षा न होने पर प्रकृति का चक्र प्रभावित होता है। नदियाँ, तालाब, झरने और कुएँ सूख जाते हैं। जलस्तर गिर जाता है और भूमिगत जल स्रोत सूखने के कारण भयंकर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
- वर्षा की कमी से कृषि पर प्रभाव पड़ता है और यह देश की अर्थ व्यवस्था और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। फसलों का अभाव खाद्य संकट उत्पन्न कर सकता है।
- वर्षा की कमी से पशु-पक्षी व पेड़-पौधों का जीवन भारी संकट में पड़ जाएगा। पानी के अभाव में ये मर जाते हैं। पक्षी और जानवर पलायन करने लगते हैं। प्रकृति इनका घर है और जल के न होने से ये अपने घर खो देंगे।
(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं” बिजली चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं। इन घटनाओं पर लोगों के जीवन पर क्या-क्या प्रभाव हो सकता है?
(संकेत- आप सकारात्मक और नकारात्मक यानी अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के प्रभावों के बारे में सोच सकते हैं।)
उत्तर :
प्राकृतिक घटनाओं का लोगों के जीवन पर अच्छा और बुरा दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं।
- बादलों का गरजना आने वाली बारिश का संकेत देता है। बादल अपने जल को धरती पर बरसात के अगर रूप में भेजते हैं जिससे धरती हरी-भरी होती है किंतु बादलों की गरज अगर तूफान व आँधी का संकेत हैं तो सावधानीपूर्वक जान-माल की रक्षा करनी चाहिए। कभी-कभी बादलों के गरजने से बच्चे और बूढ़े सभी घबरा जाते हैं।
- आसमान में बिजली चमकना प्राकृतिक ऊर्जा का संकेत है। यह वायुमंडल में नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है। परंतु बिजली गिरना लोगों और पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। बिजली गिरने से जंगलों में आग लगने की घटनाएँ भी हो जाती हैं।
(ग) “ करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे ” – इस पंक्ति को ध्यान में रखते हुए वर्षा आने पर पक्षियों और जीवों की खुशी का वर्णन कीजिए। वे अपनी प्रसन्नता कैसे व्यक्त करते होंगे?
उत्तर :
वर्षा ऋतु में पक्षियों और जीवों की प्रसन्नता बढ़ जाती है। वर्षा का जल इनके जीवन का आधार है। नदी, तालाब, नाले जल से भर जाते हैं। वर्षा से पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में बना रहता है। धरती पर पेड़-पौधे खूब हरे-भरे और विकसित होते हैं। पशु-पक्षियों को अपना भोजन और आश्रय सुचारु रूप से मिलता है।
आपकी रचनाएँ
(क) कविता में वर्णन है कि मोर नृत्य कर रहे हैं और मेंढक सुगीत गा रहे हैं। इस दृश्य को
उत्तर :
अपने शब्दों में चित्रित कीजिए ।
वर्षा का आया है मौसम,
गीत हैं गाते मेंढक !
नाच हैं दिखाते मयूर ।
जगह-जगह भर गया है पानी ।
धरा ने दिखाई फिर से हरियाली ।
मेंढको की टर्र-टर्र की आवाज़
पक्षियों की मधुर आवाज़
और मयूरों का सुंदर नाच ।
मन को खुशी से भरता है
वर्षा का सुहावना मौसम आया है ।।
(ख) वर्षा से जुड़ी किसी प्राचीन कथा या लोककथा को इस कविता से जोड़कर एक कहानी तैयार कीजिए।
उत्तर :
वर्षा ऋतु से जुड़ी प्राचीन और लोक कथाएँ भारत की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- कहानी – जंगल में एक बार बड़ी गर्मी पड़ रही थी। धरती सूखी हुई थी। एक तालाब के किनारे मोर, पपीहा और अन्य जीव-जंतु रहते थे। सभी पक्षी व जानवर पानी न बरसने के कारण दुखी और चिंतित थे। आस-पास रहने वाले आदिवासी और खेतीबाड़ी करने वाले लोग वर्षा न होने के कारण पलायन करने लगे ।
- इस स्थिति से छोटे-छोटे जीव- जलचर डरे हुए थे मेंढक ने टर्र-टर्र की आवाज़ में कहा- लगता है इस बार सूखा पड़ेगा।
- कछुआ – शायद मेंढक भाई सही है ।” हम सब जीवों को यह स्थान अब छोड़ देना चाहिए ।
- सभी जीव-जंतु (एक-साथ ) – हाँ, हाँ। इस स्थान को छोड़कर चलते हैं। यहाँ रहे तो, पानी की कमी से मर जाएँगे। तभी एक मोर सामने आता है और ऊँची आवाज़ में कहता है।
- मोर – यह हमारी धरती है। हम ईश्वर से सच्चे मन से प्रार्थना करेंगे कि यह धरती हरी-भरी हो जाए ।
चातक पक्षी ऊपर आकाश की ओर देखते हुए कहता है-
मैं वर्षा की पहली बूँद की प्रतीक्षा करूँगा । वर्षा का जल अमृत है। आओ मिलकर वर्षा ऋतु से जल बरसाने की प्रार्थना करें।
सभी जीव-जंतु एक साथ आ जाते हैं। धैर्य और विश्वास के साथ वर्षा होने की प्रार्थना ईश्वर से करते हैं और काले बादलों का इंतजार करते हैं।
कुछ दिन बाद वर्षा ऋतु मोर, पपीहे और बाकी जीवों की प्रार्थना सुन लेती है। वह उनके विश्वास और धैर्य से प्रसन्न होकर खूब जल बरसाती है। मोर नाचते हैं, हंस मुस्कुराते हैं, चातक वर्षा की पहली बूँद को ग्रहण करता है। मेंढक टर्र-टर्र गीत गाता हुआ झूमता है। सब मिलकर गाते हैं-
वर्षा ऋतु आई निराली,
सूखी धरती को दी हरियाली ।
प्रकृति का करें सम्मान
हम एक-दूजे के साथी ऽ ऽ ऽ ।
(ग) इस कविता से प्रेरणा लेकर एक चित्र बनाइए। उसमें आपने क्या-क्या बनाया है और क्यों ?
उत्तर :
शब्द से जुड़े शब्द
अपने समूह में चर्चा करके ‘वर्षा’ से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए-
उत्तर :
कविता की रचना
“वर्षा – बहार सब के, मन को लुभा रही है”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘वर्षा’ एक ऋतु का नाम है। ‘बहार’ ‘वसंत’ का दूसरा नाम है। यहाँ ‘वर्षा’ और ‘बहार’ को एक साथ दिया गया है जिससे वर्षा ऋतु की सुंदरता को स्पष्ट किया जा सके।
इस कविता में ऐसी ही अन्य विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे – कविता की कुछ पंक्तियाँ सरल वाक्य के रूप में ही हैं तो कुछ में वाक्य संरचना सरल नहीं है।
अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर :
कविता की विशेषताएँ-
1. अलंकार प्रयोग वर्षा-बहार कविता में अनुप्रास और मानवीकरण अलंकार का सुंदर प्रयोग है।
अनुप्रास अलंकार – गाते हैं गीत, जीव जलचर, पानी बरस रहा है।
मानवीकरण अलंकार – गुलाब, मेंढक और हंस के क्रिया-कलापों में मानवीय गुण दिए गए हैं। इनके प्रयोग से कविता रचना प्रभावशाली बन गई है।
2. लय और गेयता गुणः कविता में लय और गेयता से प्रवाह उत्पन्न हुआ है। तुकबंदी और शब्द – मैत्री प्रयोग है।
उदाहरण-
लुभा रही है
छा रही है।
डालियाँ सब
मालिनें अब
होते-खोते।
सुंदर – मनहर
भू पर-ऊपर
कविता का सौंदर्य
(क) नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए । जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं उन पर घेरा बनाइए ।
__________ बहार सब के, मन को लुभा रही है (बारिश, बरसात, बरखा, वृष्टि)
__________ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है (आकाश, गगन, अंबर, व्योम)
बिजली चमक रही है, __________ गरज रहे हैं (मेघ, जलधर, घन, जलद )
__________ बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं (जल, नीर, सलिल, तोय)
उत्तर :
- बरखा
- अंबर
- घन
- जल
चुने गए शब्दों के प्रयोग से भाषा का सौंदर्य बढ़ गया है और पंक्तियों को पढ़ने में प्रवाह बनता है।
(ख) अपने समूह में विमर्श करके पता लगाइए कि कौन-से शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को जँच रहे हैं और क्यों?
उत्तर :
छात्र समूह में विमर्श करके रिक्त स्थानों में जँचने वाले शब्दों का स्वयं निर्णय कर बताएँ तथा कारण भी लिखें-
विशेषण
“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब ”
इस पंक्ति में ‘सुंदर’ शब्द ‘गीत’ की विशेषता बता रहा है अर्थात यह ‘विशेषण’ है। ‘गीत’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है, अर्थात यह ‘विशेष्य’ शब्द है।
(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण ‘और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए-
उत्तर :
पंक्ति | विशेषण | विशेष्य |
1. नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है | अनूठी | छटा |
2. चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर | सुंदर | कतार |
3. मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे | प्यारे | सुगीत |
4. चलती हवा है ठंडी, हिलती हैं डालियाँ सब | ठंडी | हवा |
(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए-
1. वर्षा – __________ __________
2. पानी – __________ __________
3. बादल – __________ __________
4. डालियाँ – __________ __________
5. गुलाब – __________ __________
उत्तर :
1. मूसलाधार वर्षा
2. ठंडा पानी
3. काले बादल
4. हरी-भरी डालियाँ
5. लाल गुलाब
ऋतु और शब्द
“फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते ”
‘ताप’ शब्द ग्रीष्म ऋतु से जुड़ा शब्द है । भारत में मुख्य रूप से छह ऋतुएँ क्रम से आती-जाती हैं। लोग इन ऋतुओं में कुछ विशेष शब्दों का उपयोग करते हैं। नीचे दिए गए शब्दों को पढ़कर कौन-सी ऋतु का स्मरण होता है? इन शब्दों को तालिका में उपयुक्त स्थान पर लिखिए-
उत्तर :
वसंत ऋतु (सामान्यतः मार्च-अप्रैल) | बहार, हरियाली |
ग्रीष्म ऋतु (सामान्यत: मई-जून) | ताप, लू, जेठ, तपन |
वर्षा ऋतु (सामान्यतः जुलाई-अगस्त) | रिमझिम, सावन, आँधी, बयार, झड़ी, हरियाली, शीतलता, बादल फटना, वृष्टि |
शरद ऋतु (सामान्यतः सितंबर-अक्टूबर) | पाला, जाड़ा |
हेमंत ऋतु (सामान्यतः नवंबर-दिसंबर) | ठिठुरन, हिमपात, धूप |
शिशिर ऋतु (सामान्यत: जनवरी-फरवरी) | धुंध, कोहरा |
पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास
(पृष्ठ 91–95)
आपकी बात
(क) वर्षा के समय आपके क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर :
- वर्षा के समय हमारे क्षेत्र में तापमान में गिरावट आ जाती है। गर्मी कम हो जाती है।
- चारो ओर हरियाली बढ़ जाती है। पेड़ घने लगते हैं। और पौधों पर खिले फूल और अधिक आकर्षित करते हैं।
- वर्षा होने पर ठंडक मिलती है और मिट्टी की खुशबू भी आती है।
- जब सुहावनी हवा चलती है तब घूमने का मन करता है।
- यमुना नदी और कृत्रिम झीलों का जलस्तर बढ़ जाता है।
- इनके अलावा कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। जैसे-
- सड़कों पर यातायात धीमा हो जाता है।
- टूटी सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाने से समस्याएँ होती हैं। कभी-कभी दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
- माता-पिता स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह देते हैं।
(ख) बारिश के चलते स्कूल आने-जाने के समय के अनुभव बताइए। किसी रोचक घटना को भी साझा कीजिए।
उत्तर :
- बारिश के चलते स्कूल आने-जाने में ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ती है।
- वर्षा में भीगने से बचने के लिए रेनकोट या छतरी साथ रखनी पड़ती है।
- सड़को पर ट्रैफिक जाम हो जाता है, इसलिए सुबह घर से और जल्दी निकलना पड़ता है।
- पानी भरे होने के कारण भागने या तेज चलने से बचते हैं।
- खेल के समय में अचानक वर्षा हो जाए तो, मैदान
- में दोस्तों के साथ खेलने और पानी के छींटे उठाने
- में मज़ा आता है। गीले हो जाने के कारण बाद में कपड़े सुखाना मुश्किल हो जाता है।
(ग) वर्षा ऋतु में आपको क्या-क्या करना अच्छा लगता है और क्या-क्या नहीं कर पाते हैं?
उत्तर :
- वर्षा ऋतु में प्रकृति के सौंदर्य को देखना अच्छा लगता है।
- वर्षा के समय गर्म चाय या पेय का सेवन करना अच्छा लगता है। गर्म पकौड़े खाने में बहुत स्वाद आता है। बारिश में भीगना, कागज से बनी नाव को बहते पानी में छोड़ना आनंद से भर देता है।
- वर्षा के समय कुछ कार्य नहीं कर पाते हैं जैसे-अधिक नमकीन या तली-भुनी चीजों का सेवन नहीं करते क्योंकि पाचन में समय लगता है।
- अधिक वर्षा के कारण विद्यालय समय पर पहुँचना मुश्किल हो जाता है।
- बाहर जाकर खेलना या खेल गतिविधियों का अभ्यास नहीं हो पाता।
(घ) बारिश के मौसम में आपके आस-पड़ोस के पशु-पक्षी अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं? उन्हें कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?
उत्तर :
- बारिश के मौसम में आस-पड़ोस के सूखे स्थान की तलाश करते हैं।
- जल भराव के कारण पशु-पक्षी सुरक्षित आश्रय ढूँढ़ते हैं।
- भोजन की तलाश में वे ज्यादा दूर नहीं जाते।
समस्याएँ:
- पशु-पक्षियों को कई समस्याओं का
- सामना करना पड़ सकता है।
- संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
- भोजन जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
- सूखे व साफ-सुथरे स्थान न मिलने की वजह से वे रोग का शिकार हो सकते हैं।
- बीमार पशु-पक्षियों की देखभाल और इलाज कठिन हो जाता है।
(ङ) अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर आधारित एक कविता की रचना कीजिए। उसमें अपने घर और आस-पड़ोस से जुड़ी हुई बातें सम्मिलित कीजिए ।
उत्तर :
छात्र अध्यापकगण की सहायता से कविता रचना करना सीखेंगे।
साक्षात्कार
” गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर । ”
मान लीजिए कि आप अपने विद्यालय की पत्रिका के पत्रकार हैं। आप एक किसान का साक्षात्कार कर रहे हैं जो वर्षा के आने पर अपने खेतों में गीत गा रहा है।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर उस किसान के साक्षात्कार के लिए कुछ प्रश्न लिखिए।
(संकेत: आपका क्या नाम है? आप क्या काम करते हैं? आप काम करते समय गीत क्यों गाते हैं? आदि)
उत्तर :
किसान से साक्षात्कार के समय निम्नलिखित प्रश्न पूछे जा सकते हैं-
1. वर्षाकालीन खेतीबाड़ी के अनुभव बताएँ ।
2. ऐसे समय में खेती करना आनंददायक है या चुनौतीपूर्ण है?
3. वर्षा के मौसम में फसलों की देखभाल के क्या तरीके हैं?
4. फसलों की दृष्टि से किसान वर्षा जल पर कितना निर्भर रहता है? किस तकनीक या पद्धति का इस्तेमाल अच्छी फसल के लिए किया जाता है?
5. वर्षा के मौसम में बोई जाने वाली फसलें कौन-कौन सी हैं? इसके पीछे कारण क्या होते हैं?
(ख) अपने समूह के साथ मिलकर इस साक्षात्कार को अभिनय द्वारा प्रस्तुत कीजिए। आपके समूह का कोई सदस्य किसान की भूमिका निभा सकता है। अन्य सदस्य पत्रकारों की भूमिका निभा सकते हैं।
उत्तर :
छात्र समूह अभिनय गतिविधि के लिए अध्यापक की सहायता लेगा।
वर्षा के दृश्य
(क) वर्षा के उन दृश्यों की सूची बनाइए जिनका उल्लेख इस कविता में नहीं किया गया है। जैसे आकाश में इंद्रधनुष ।
उत्तर :
वर्षा ऋतु में कई मनमोहक दृश्य नज़र आते हैं, जो प्रकृति को नयापन प्रदान करते हैं-
1. झरने और तालाबों में पानी भर जाना।
2. झरनों के तेजी से गिरने की आवाज़
3. मोती के कणों जैसा स्वच्छ व निर्मल जल आँखों को सुकून प्रदान करता है।
4. फूलों की सुंदरता निखर जाती है।
5. आकाश साफ और स्वच्छ दिखता है।
6. पहाड़ हरे-भरे नज़र आते हैं।
7. धरती से उठती मिट्टी की खुशबू
(ख) वर्षा के समय आकाश में बिजली पहले दिखाई देती है या बिजली कड़कने की ध्वनि पहले सुनाई देती है या दोनों साथ-साथ दिखाई – सुनाई देती है ? क्यों? पता कीजिए।
उत्तर :
वर्षा के समय बिजली का चमकना और बिजली कड़कने की ध्वनि होने में कुछ समय का अंतर होता है। प्रकाश की गति ध्वनि की गति से अधिक होती है। आकाश में बिजली का प्रकाश (चमक) तुरंत दिखाई देता है जबकि ध्वनि हवा के माध्यम से बहती है और हमें बाद में सुनाई देती है।
(ग) आपने वर्षा से पहले और वर्षा के बाद किसी पेड़ या पौधे को ध्यान से अवश्य देखा होगा। आपको कौन-कौन से अंतर दिखाई दिए?
उत्तर :
वर्षा से पहले और वर्षा के बाद पेड़ और पौधों में अंतर दिखता है। मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं-
वर्षा से पहले | वर्षा के बाद |
1. सूखे और मुरझाए हुए पत्ते । | पत्ते धुले हुए और चमकदार हो जाते हैं। |
2. मिट्टी सख्त होती है। नमी की कमी होती है। | मिट्टी नरम और नमी से भरपूर होती है। |
3. हरियाली कम होती है। | हरियाली में वृद्धि हो जाती है। |
4. पौधों में वृद्धि की गति धीमी हो सकती है। | वर्षा के बाद पेड़-पौधों में वृद्धि की गति बढ़ सकती है। |
(घ) “ चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर ” कविता में हंसो के कतार में अर्थात पंक्तिबद्ध रूप से चलने का वर्णन किया गया है। आपने किन-किन को और कब-कब पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है ?
(संकेत – चींटी, गाड़ियाँ, बच्चे आदि)
उत्तर :
जी हाँ, कुछ जीव-जंतु और पक्षी कतार में अर्थात एक पंक्ति में चलते हुए पाए जाते हैं।
1. चींटियाँ – चींटियाँ खाने की तलाश में एक ही रास्ते पर चलती हैं।
2. पेंग्विन (पेंगुइन) – सुरक्षा बनाए रखने हेतु और शिकार की खोज में पेंग्विन पंक्तिबद्ध होकर चलती हैं। इससे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने में मदद मिलती है।
3. हंस पक्षी – यात्रा के दौरान हंस एक कतार में उड़ते हैं। इस प्रकार ये लंबी दूरी तय कर लेते हैं।
4. हाथी – हाथी अपने परिवार या झुंड के साथ एक कतार में रहते हैं। पानी और नए क्षेत्र की तलाश में वे सामूहिक यात्रा करते हैं।
5. गिद्ध – भोजन की तलाश में गिद्ध एक पंक्ति में उड़ते हैं।
6. बंदर – समूह में यात्रा करने के दौरान बंदर एक पंक्ति में चलने का प्रयास करते हैं।
वर्षा में ध्वनियाँ
(क) कविता में वर्षा के अनेक दृश्य दिए गए हैं। इन दृश्यों में कौन-कौन सी ध्वनियाँ सुनाई दे रही होंगी? अपनी कल्पना से उन ध्वनियों को कक्षा में सुनाइए।
उत्तर :
वर्षा के दृश्यों में सुनाई देने वाली ध्वनियाँ पानी की रिमझिम रिमझिम, मेंढक की टर्र-टर्र, बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली के कड़कने और मोर की पीहू-पीहू की आवाज सुनाई दे रही होंगी। छात्र स्वयं कल्पना करके इन ध्वनियों को कक्षा में सुनाएँ ।
(ख) “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे ”
कविता में मेंढकों की टर्र-टर्र को भी प्यारा गीत कहा गया है। आपके विचार से बेसुरी ध्वनियाँ भी कब-कब अच्छी लगने लगती हैं?
उत्तर :
प्रस्तुत पाठ में कवि ने मेंढक की टर्र-टर्र की आवाज को बरसात में मधुर लय में गाया जाने वाला गीत कहा है। यह कवि की कल्पना है। वैसे भी ऋतु के अनुकूल बेसुरी ध्वनियाँ भी कर्णप्रिय लगती हैं।
सृजन
“बागों में खूब सुख से, आमोद छा रहा है’
‘आमोद’ या ‘मोद’ दोनों शब्दों का अर्थ होता है – आनंद, हर्ष, खुशी, प्रसन्नता । कविता में वर्षा ऋतु में ‘आमोद’ के दृश्यों का वर्णन किया गया है। कविता के इन दृश्यों को हम नीचे दिए गए उदाहरण की तरह अनुच्छेद में भी लिख सकते हैं-
“ हवा की ठंडक थी, बारिश की रिमझिम बूँदें गिर रही थीं, मोर नृत्य कर रहे थे और मेंढक खुश होकर गाना गा रहे थे। ये सभी मिलकर वर्षा ऋतु को एक उत्सव जैसा बना रहे थे। बागों में गुलाब की खुशबू और आम के पेड़ों पर नए फल देखकर पक्षी और लोग, सभी प्रसन्न हो गए थे। किसान अपने खेतों में काम करते हुए इस प्राकृतिक आनंद के भागीदार बन रहे थे । ”
अब नीचे दिए गए ‘आमोद’ से जुड़े विभिन्न दृश्यों का एक-एक अनुच्छेद में वर्णन कीजिए।
उत्तर :
1. विषयः “ वर्षों बाद परिवार के किसी सदस्य या मित्र से मिलना वर्षों बाद परिवार के किसी सदस्य या मित्र से मिलने का मौका मिलने पर खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। पुरानी यादें तो ताज़ा होती हैं, साथ ही नई ऊर्जा भी प्राप्त होती हैं। वर्षों बाद मिलने पर हँसी-खुशी की ढेर सारी बातें होती है। चेहरे पर मुस्कान व आँखों की चमक मन के उल्लास को व्यक्त कर देती है। पुरानी मित्रता और संबंध प्रगाढ़ हो जाते हैं।
2. “उत्सव” : उत्सव जीवन को रंगीन और जीवंत बनाते हैं। उत्सव के समय सारा वातावरण जोश और खुशियों से भर जाता है। घरों को सजाया जाता लोग एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएँ देते हैं। उत्सव के दौरान परिवार, मित्र और समुदाय एकजुट हो जाते हैं। नृत्य, मेल-मिलाप और गीत संगीत से मन प्रफुल्लित हो जाता है।
3. विषय – “किसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना ”
पुस्तकें इंसानों का अद्भुत खजाना है जो हमें सिर्फ ज्ञान नहीं देतीं, बल्कि हमारे जीवन को नई दिशा भी प्रदान करती हैं। पढ़ने का आनंद अनमोल है क्योंकि इससे नए विचारों का संचार होता है। किताबों के माध्यम से हम नई दुनिया में प्रवेश करते हैं और दुनिया भर की यात्रा कर लेते हैं। यह सुखद अहसास आत्मसंतुष्टि भी देता है। पढ़ने की प्रक्रिया हमारे व्यक्तित्व को निखारती है।
4. विषय – “मित्रों के साथ खेलना’
मित्रों के साथ खेलना एक अनोखा अनुभव होता है, जो जीवन को खुशहाल, स्वस्थ और खुशी से भर देता है । जब हम मित्रों के संग खेलते हैं, तब आनंद और मनोरंजन प्राप्त होता है, साथ ही सामंजस्य और विश्वास की भावना मजबूत होती है।
5. “ सर्दियों का पहला हिमपात ”
सर्दियों का पहला हिमपात हर्षोल्लास से भर देता है। चारों ओर का माहौल नई ताज़गी से भर जाता है। बच्चे और बड़े आनंद से बर्फ में खेलने की योजना बनाते हैं। बर्फ को मुट्ठियों में भरकर परिवार के सदस्यों या दोस्तों पर फेंकना मजेदार होता है। हिमपात में खेलना, भागना, दोस्तों को आवाज़ लगाकर बुलाना और थक जाने पर गर्म चाय या कॉफी पीना, एक सुखद अनुभव है।
6. “ बारिश के बाद उपवन में सैर’
वर्षा के बाद उपवन में सैर करने से शांति और भरपूर आनंद प्राप्त होता है। प्राकृतिक सौंदर्य मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ऊर्जा प्रदान करता है। शहरी जीवन की भाग-दौड़ और हलचल से दूर हम प्रकृति के साथ जुड़ जाते हैं। खिले हुए रंग-बिरंगे फूलों की महक असीम सुख प्रदान करती है। मिट्टी की प्राकृतिक सुगंध, पक्षियों की मधुर आवाज़ें मन और मस्तिष्क को स्फूर्ति से भर देती हैं।
वर्षा से जुड़े गीत
प्रश्न 1.
वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत ढूंढ़िए और लिखिए।
उत्तर :
वर्षा से जुड़े गीत
उत्तर प्रदेश में वर्षा ऋतु में कजरी गीत गाया जाता है। इसके अलावा बिरहा, चैती, बारहमासा भी वर्षा ऋतु में गाए जाने वाले लोकगीत हैं। ये गीत वर्षा ऋतु के दौरान एक सांस्कृतिक और आनंदमय अनुभव प्रदान करते हैं।
आज की पहेली
आपने वर्षा से जुड़ी एक कविता पढ़ी है। अब भारत की विभिन्न ऋतुओं से जुड़ी कुछ पहेलियाँ पढ़िए और इन्हें बूझिए-
1. हवा में ठंडक बढ़ती जाए,
धूप सुहानी सबको भाए ।
नई फसल खेतों में लाए,
बूझो कौन – सा मौसम आए
2. जाने कैसा मौसम आया,
सूरज ने सबको झुलसाया।
आम पकें तो रस ढलके,
समय कौन-सा ये झलके ?
3. बर्फ गिरे, सर्दी बढ़ जाए,
ऊनी कपड़े सबको भाए ।
धुंध की चादर लाए रात,
बूझो किस ऋतु की बात ?
4. फूल खिले, हर पक्षी गाए,
चारों ओर हरियाली छाए ।
बागों में खुशबू छा जाए
बूझो ऋतु ये क्या कहलाए ?
5. पानी बरसे, बादल गरजे,
धरती का हर कोना हरसे ।
नदियाँ नाले भरे हर ओर,
बूझो किसका है ये जोर ?
6. पत्ता- पत्ता गिरता जाए,
सूनी डाली बहुत सताए ।
पेड़ करें खुद को तैयार,
कौन – सी ऋतु का है ये सार?
उत्तर :
1. हेमंत ऋतु
2. ग्रीष्म ऋतु
3. शीत ऋतु
4. बसंत ऋतु
5. वर्षा ऋतु
6. शरद ऋतु ( पतझड़ )
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