Students can access the CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions and marking scheme Set 2 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 2 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
सत्संग से हमारा अभिप्राय उत्तम प्रकृति के व्यक्तियों की संगति से है । मानव मन में श्रेष्ठ एवं गर्हित भावनाएँ मिश्रित रूप से विद्यमान होतीं हैं। कुछ व्यक्ति सहज सुलभ सद्गुणों की उपेक्षा करके कुमार्ग का अनुगमन करते हैं। वे न केवल अपना विनाश करते हैं, अपितु अपने साथ रहने तथा वार्तालाप करने वालों के जीवन और चरित्र को भी पतन अथवा विनाश के गर्त की ओर उन्मुख करते हैं । विश्व में प्राय: ऐसे मनुष्य ही अधिक हैं जो उत्कृष्ट और निकृष्ट दोनों प्रकार की मनोवृत्तियों से युक्त होते हैं। उनका साथ यदि किसी के लिए लाभप्रद नहीं होता तो हानिकारक भी नहीं होता। इसके अतिरिक्त तृतीय प्रकार के मनुष्य वे हैं जो गर्हित भावनाओं का दमन करके केवल उत्कृष्ट गुणों का विकास करते हैं। ऐसे व्यक्ति निश्चय ही महान् प्रतिभा सम्पन्न होते हैं। उनकी संगति प्रत्येक व्यक्ति में उत्कृष्ट गुणों का संचार करती है। उन्हीं की संगति को सत्संग के नाम से पुकारा जाता है।
(1) सत्संग से लेखक का क्या अभिप्राय है?
(क) उत्तम प्रकृति के व्यक्तियों से बातचीत करना
(ख) अधम प्रकृति के व्यक्तियों की संगति करना
(ग) उच्च वर्ग के व्यक्तियों की संगति करना
(घ) उत्तम प्रकृति के व्यक्तियों की संगति करना
उत्तर:
(घ) उत्तम प्रकृति के व्यक्तियों की संगति करना
(2) विश्व में किस प्रकार के व्यक्ति अधिक हैं?
(क) निकृष्ट प्रवृत्तियों से युक्त मानव
(ख) उत्कृष्ट मनोवृत्तियों से युक्त मानव
(ग) उत्कृष्ट और निकृष्ट दोनों प्रकार की मनोवृत्तियों से युक्त मानव
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) उत्कृष्ट और निकृष्ट दोनों प्रकार की मनोवृत्तियों से युक्त मानव
व्याख्या- विश्व में उत्कृष्ट और निकृष्ट दोनों प्रकार की मनोवृत्तियों से युक्त मानव अथवा मनुष्य हैं।
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : सुमार्ग का अनुगमन करने वाले व्यक्ति हानिकारक होते हैं।
कारण (R) : सत्संग से अभिप्राय उत्तम प्रकृति के व्यक्तियों की संगति से है ।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(4) ‘महान् प्रतिभा संपन्न व्यक्ति की संगति को सत्संग माना जाता है । ‘ – उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
(1) ऐसे व्यक्ति गर्हित भावनाओं का दमन करके उत्कृष्ट भावनाओं का विकास करते हैं ।
(2) ऐसे व्यक्ति गर्हित भावनाओं का दमन करके निकृष्ट भावनाओं का विकास करते हैं।
(3) ऐसे व्यक्तियों की संगति प्रत्येक व्यक्ति में उत्कृष्ट गुणों का संचार करती है।
(क) 1 सही है।
(ख) 2 सही है ।
(ग) 3 सही है।
(घ) 1 और 3 दोनों सही है।
उत्तर:
(ग) 3 सही है।
व्याख्या-महान् प्रतिभा संपन्न व्यक्ति की संगति प्रत्येक व्यक्ति में उत्कृष्ट गुणों का संचार करती है । ऐसे व्यक्तियों की संगति को सत्संग के नाम से जाना जाता है।
(5) कुमार्ग का अनुगमन करने वाले व्यक्ति किस प्रकार हानिकारक होते हैं?
(क) वे अपने साथियों के जीवन और चरित्र को पतन और विनाश की ओर उन्मुख करते हैं।
(ख) वे अपना विनाश करते हैं ।
(ग) अपने साथ रहने वाले लोगों के चरित्र को उत्थान की ओर ले जाते हैं ।
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जय बोलो उस धीरव्रती की जिसने सोता देश – जगाया ।
जिसने मिट्टी के पुतलों को वीरों का बाना पहनाया
जिसने आज़ादी लेने की एक निराली राह निकाली
और स्वयं उस पर चलने में जिसने अपना शीश चढ़ाया।
घृणा मिटाने को दुनिया से लिखा लहू से जिसने अपने
‘जो कि तुम्हारे हित विष घोले, तुम उसके हित अमृत घोलो ।
कहीं बेड़ियाँ औ’ हथकड़ियाँ, हर्ष मनाओ, मंगल गाओ
किन्तु यहाँ पर लक्ष्य नहीं है, आगे पथ पर पाँव बढ़ाओ ।
आज़ादी वह मूर्ति नहीं है जो बैठी रहती मन्दिर में,
उसकी पूजा करनी है तो नक्षत्रों से होड़ लगाओ।
हल्का फूल नहीं आज़ादी, वह है भारी ज़िम्मेदारी
उसे उठाने को कंधों के, भुजदंडों के, बल को तौलो ।
(1) प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने किसे धीरव्रती कहकर संबोधित किया है?
(क) देश की जनता को
(ख) महात्मा गाँधी को
(ग) स्वतंत्रता सेनानियों को
(घ) देश के किसानों को
उत्तर:
(क) देश की जनता को
(2) वीरव्रती ने आजादी पाने के लिए कौन-सी राह निकाली ?
(क) सत्य, अहिंसा और असहयोग आंदोलन के द्वारा आजादी पाने की राह
(ख) युद्ध द्वारा आज़ादी पाने की राह
(ग) आपसी विचार-विमर्श द्वारा आजादी पाने की राह
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) सत्य, अहिंसा और असहयोग आंदोलन के द्वारा आजादी पाने की राह
व्याख्या – वीरव्रती ने आज़ादी पाने के लिए सत्य, अहिंसा और आन्दोलनों के द्वारा आज़ादी पाने की राह निकाली।
(3) उस धीरव्रती ने घृणा मिटाने के लिए दुनिया को क्या संदेश दिया ?
(क) ईंट का जवाब पत्थर से दो ।
(ख) युद्ध क्षेत्र में डटे रहो ।
(ग) जो तुम्हारे हित विष घोले उसके लिए तुम अमृत घोलो ।
(घ) हिंसा का जवाब हिंसा से दो।
उत्तर:
(ग) जो तुम्हारे हित विष घोले उसके लिए तुम अमृत घोलो ।
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : आज़ादी प्राप्त होने के पश्चात् आराम से बैठ जाना चाहिए ।
कारण (R) : आज़ादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए निरंतर कर्म पथ पर अग्रसर रहना चाहिए ।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) व कारण (R) सही हैं और कथन (A), कारण (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व कारण (R) सही हैं और कथन (A), कारण (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(5) ‘आजादी’ शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय हैं-
(क) आ + जादी
(ग) आज + दी
(ख) आजा + दी
(घ) आज़ाद + ई
उत्तर:
(घ) आज़ाद + ई
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार ‘ उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1×4=4)
(1) ‘सु’ उपसर्ग से बना शब्द है-
(क) स्वागत
(ख) सुआ
(ग) स्वयंमेव
(घ) स्वाद
उत्तर:
(क) स्वागत
व्याख्या-स्वागत शब्द सु (उपसर्ग) से बना शब्द है।
(2) ‘सुहावना’ में प्रत्यय है-
(क) ना
(ख) वना
(ग) आवना
(घ) अना
उत्तर:
(ग) आवना
(3) ‘नी’ प्रत्यय से निर्मित शब्द है-
(क) ओढ़नी
(ख) देनी
(ग) चीनी
(घ) लेनी
उत्तर:
(क) ओढ़नी
व्याख्या-‘ ‘ओढ़नी’ शब्द में ‘ओढ़’ मूल शब्द है तथा ‘नी’ प्रत्यय है।
(4) ‘पुजारी’ में प्रत्यय है-
(क) ई
(ख) आरी
(ग) री
(घ) अरी
उत्तर:
(ख) आरी
(5) ‘अपमान’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग एवं मूलशब्द है-
(क) अप + मान
(ख) अपमा + न
(ग) अप + मन
(घ) अ + पमान
उत्तर:
(क) अप + मान
व्याख्या-‘अपमान’ शब्द में ‘ अप’ उपसर्ग है तथा ‘मान’ मूल शब्द है ।
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘मार्गदर्शक’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) मार्ग और दर्शक – द्वन्द्व समास
(ख) मार्ग में जो दर्शक – कर्मधारय समास
(ग) मार्ग में आया हुआ – तत्पुरुष समास
(घ) मार्ग को दिखाने वाला — तत्पुरुष समास
उत्तर:
(घ) मार्ग को दिखाने वाला — तत्पुरुष समास
(2) ‘देश – विदेश’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) देश में विदेश – तत्पुरुष समास
(ख) देश और विदेश – द्वंद्व समास
(ग) देश है जो विदेश – कर्मधारय समास
(घ) देश से विदेश – द्विगु समास
उत्तर:
(ग) देश है जो विदेश – कर्मधारय समास
व्याख्या- देश-विदेश में द्वंद्व समास है । द्वंद्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।
(3) ‘चतुर्भुज’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) चार हैं भुजाएँ जिसकी – बहुव्रीहि समास
(ख) चार की भुजा – तत्पुरुष समास
(ग) चार रूपी भुजा – कर्मधारय समास
(घ) चार और भुजा – द्वंद्व समास
उत्तर:
(क) चार हैं भुजाएँ जिसकी – बहुव्रीहि समास
(4) ‘भारत रत्न’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) भारत रूपी रत्न – कर्मधारय समास
(ख) भारत पर रत्न – तत्पुरुष समास
(ग) भारत है जो रत्न – कर्मधारय समास
(घ) भारत का रत्न – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(घ) भारत का रत्न – तत्पुरुष समास
व्याख्या-‘भारत रत्न’ समस्त पद का समास – विग्रह भारत का रत्न है अत: यह तत्पुरुष समास है।
(5) ‘नीलकमल’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) नीला और कमल – द्वंद्व समास
(ख) नीला है जो कमल – कर्मधारय समास
(ग) नीला का कमल – तत्पुरुष समास
(घ) नीला रूपी कमल – कर्मधारय समास
उत्तर:
(ख) नीला है जो कमल – कर्मधारय समास
व्याख्या-‘नीलकमल’ समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य है, अत: यह कर्मधारय समास है।
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘क्या तुम मेरे साथ चलोगे ?’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए-
(क) इच्छावाचक वाक्य
(ग) विधानवाचक वाक्य
(ख) प्रश्नवाचक वाक्य
(घ) संकेतवाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) प्रश्नवाचक वाक्य
व्याख्या–‘क्या तुम मेरे साथ चलोगे ?’ वाक्य में ‘क्या’ शब्द का प्रयोग करके प्रश्न पूछा गया है; अत: यह प्रश्नवाचक वाक्य है ।
(2) ‘शायद आज भी वर्षा न हो ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) निषेधवाचक वाक्य
(ग) संदेहवाचक वाक्य
(घ) संकेतवाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) संदेहवाचक वाक्य
(3) ‘राजीव विद्यालय जाता है।’ आज्ञावाचक वाक्य में बदलिए-
(क) राजीव शायद विद्यालय जाए ।
(ख) राजीव विद्यालय नहीं जाता है।
(ग) राजीव को विद्यालय जाना चाहिए।
(घ) राजीव विद्यालय जाओ ।
उत्तर:
(घ) राजीव विद्यालय जाओ ।
व्याख्या-‘राजीव विद्यालय जाओ’ में जाने की आज्ञा दी गई है, इसलिए यह वाक्य आज्ञावाचक है।
(4) ‘श्याम बैठकर पढ़ो’ इच्छावाचक वाक्य में बदलिए-
(क) श्याम बैठकर पढ़ता है।
(ख) श्याम बैठकर नहीं पढ़ता है।
(ग) भगवान करे, श्याम बैठकर पढ़े।
(घ) क्या श्याम बैठकर पढ़ता है ?
उत्तर:
(ग) भगवान करे, श्याम बैठकर पढ़े।
(5) ‘मीरा पढ़ती तो पास हो जाती ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद हैं-
(क) संकेतवाचक वाक्य
(ख) इच्छावाचक वाक्य
(ग) संदेहवाचक वाक्य
(घ) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(क) संकेतवाचक वाक्य
व्याख्या-‘मीरा पढ़ती तो पास हो जाती ।’ वाक्य में एक शर्त दूसरी शर्त पर निर्भर है; अत: यह संकेतवाचक वाक्य है।
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘पथ पर चमचम चपला चमकी’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) अतिश्योक्ति अलंकार
(घ) मानवीकरण अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या-‘च’ वर्ग की आवृत्ति के कारण ‘पथ पर चमचम चपला चमकी’ काव्य पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है ।
(2) ‘खुले कोरे पृष्ठ जैसा वही उज्ज्वल वही पारस रूप में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(ग) उपमा अलंकार
(3) ‘कहै कवि बेनी-बेनी ब्याल की चुराय लीनी’ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) अनुप्रास अलंकार
(घ) यमक अलंकार
उत्तर:
(घ) यमक अलंकार
व्याख्या-‘कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराय लीनी ।’ – काव्य पंक्ति में ‘बेनी’ शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है और दोनों बार अर्थ अलग-अलग होने के कारण यमक अलंकार है ।
(4) ‘वन शारदी चंद्रिका चादर ओढ़े । ‘ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(ख) रूपक अलंकार
(5) ‘रावनु रथी विरथ रघुवीरा’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
मिथकों की दुनिया में इस सवाल का जवाब तलाश करने से पहले एक नज़र कमज़ोर काया वाले उस व्यक्ति पर डाली जाए, जिसे हम सालिम अली के नाम से जानते हैं। उम्र की शती तक पहुँचने में थोड़े ही दिन तो बच रहे थे। संभव है, लम्बी यात्राओं की थकान ने उनके शरीर को कमज़ोर कर दिया हो और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी उनकी मौत का कारण बनी हो, लेकिन अन्तिम समय तक मौत उनकी आँखों से वह रोशनी छीनने में सफल नहीं हुई जो पक्षियों की तलाश और उनकी हिफ़ाज़त के प्रति समर्पित थी । सालिम अली की आँखों पर चढ़ी दूरबीन उनकी मौत के बाद ही तो उतरी थी ।
(1) सालिम अली दूरबीन का उपयोग किसके लिए करते थे ?
(क) पक्षियों की सुरक्षा के लिए
(ख) पक्षियों को देखने के लिए
(ग) दूरगामी दृश्य देखने के लिए
(घ) सैलानियों को देखने के लिए
उत्तर:
(ख) पक्षियों को देखने के लिए
(2) सालिम अली का जीवन-काल कितने समय का था ?
(क) लगभग 100 वर्ष
(ख) लगभग 80 वर्ष
(ग) लगभग 90 वर्ष
(घ) लगभग 85 वर्ष
उत्तर:
(क) लगभग 100 वर्ष
व्याख्या-जिस समय सालिम अली की मृत्यु हई उस समय उनकी आयु के सौ वर्ष पूरे हाने में थोड़े दिन ही बचे थे।
(3) सालिम अली की आँखों पर चढ़ी दूरबीन कब उतरी ?
(क) मृत्यु से पहले
(ख) उनकी मृत्यु के बाद
(ग) पक्षियों को देखते समय
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ख) उनकी मृत्यु के बाद
व्याख्या-सालिम अली अपने गले में लंबी दूरबीन लटकाए पक्षियों की खोज में निकल पड़ते थे। वह वह दूरबीन उनकी मृत्यु के बाद ही उनके गले से उतरी।
(4) लगातार लंबी यात्रा करने का सालिम अली पर क्या प्रभाव पड़ा ?
(क) यात्रा व्यय के कारण आर्थिक संकट से जूझना पड़ा ।
(ख) परिवार के साथ समय न व्यतीत कर पाने से पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ा।
(ग) थकान के कारण शरीर कमज़ोर होता गया ।
(घ) लगातार घूमने के कारण घर में उनका दम फूलने लगा ।
उत्तर:
(ग) थकान के कारण शरीर कमज़ोर होता गया ।
व्याख्या-सालिम अली पक्षियों की तलाश में निरंतर लंबी यात्राएँ करते रहे जिससे थकान के कारण उनका शरीर कमज़ोर होता चला गया।
(5) गद्यांश में प्रयुक्त ‘समर्पित’ शब्द में उपसर्ग है।
(क) स
(ख) सम्
(ग) त
(घ) इत
उत्तर:
(ख) सम्
8. ‘क्षितिज भाग-I’ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) प्रेमचंद किसका महत्त्व नहीं जानते ?
(क) कपड़ों का
(ख) जूते का
(ग) पैर का
(घ) पर्दे का
उत्तर:
(घ) पर्दे का
व्याख्या-पर्दा हमारी बुराइयों को छिपा देता है और वास्तविकता को उजागर नहीं होने देता है, लेकिन प्रेमचंद दोहरी जिंदगी जीने में विश्वास नहीं रखते थे ।
(2) लेखक कहाँ से परफ्यूम मँगाने के लिए कह रहा है?
(क) लंदन
(ख) पेरिस
(ग) श्रीलंका
(घ) ऑस्ट्रेलिया
उत्तर:
(ख) पेरिस
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
या लकुटी अरु कामरिया पर राज तिहूँ पुर को तजि डारौं ।
आठहुँ सिद्धि नवौ निधि के सुख नंद की गाइ चराइ बिसारौं ॥
रसखान कबौ इन आँखिन सौं, ब्रज के बन बाग तड़ाग निहारौं ।
कोटिक ए कलधौत के धाम करील के कुंजन ऊपर वारौं ॥
(1) श्री कृष्ण लाठी और कंबल कब धारण करते थे ?
(क) जब उन्हें ठंड लगती थी ।
(ख) जब वे जंगल में घूमने जाते थे ।
(ग) जब वे जंगल में गायें चराने जाते थे ।
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही हैं।
उत्तर:
(ग) जब वे जंगल में गायें चराने जाते थे ।
व्याख्या-जब कृष्ण गायों को चराने जाते थे तब अपने कंधे पर कम्बल तथा हाथ में लाठी लेकर जाते थे।
(2) रसखान आठों सिद्धि और नौ निधियों का सुख किसके बदले को तैयार हैं?
(क) नंद की गायें चराने को मिलने पर
(ख) श्रीकृष्ण के दर्शन मिलने पर
(ग) ब्रज में घूमने का अवसर मिलने पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) नंद की गायें चराने को मिलने पर
(3) रसखान करील के कुंजों पर क्या न्योछावर करने को तैयार हैं?
(क) तीनों लोकों का राज
(ख) करोड़ों सोने के महलों से मिलने वाला सुख
(ग) नौ निधियों का सुख
(घ) आठों सिद्धियों का सुख
उत्तर:
(ख) करोड़ों सोने के महलों से मिलने वाला सुख
व्याख्या-रसखान अपने आराध्य श्रीकृष्ण के प्रिय स्थल करील के कुंजों के ऊपर करोड़ों सोने के महलों से मिलने वाले सुखों को भी न्योछावर करने को तैयार हैं।
(4) रसखान के मन में क्या अभिलाषा है?
(क) वे अपनी आँखों से ब्रज के वन, बाग और तड़ाग निहारना चाहते हैं ।
(ख) वे ब्रज में घूमना चाहते हैं ।
(ग) वे गोवर्धन पर्वत की सैर करना चाहते हैं ।
(घ) उपरोक्त सभी कथन सही हैं
उत्तर:
(क) वे अपनी आँखों से ब्रज के वन, बाग और तड़ाग निहारना चाहते हैं ।
(5) काव्यांश की भाषा और छंद है-
(क) अवधी भाषा और चौपाई छंद
(ख) ब्रजभाषा और कवित छंद
(ग) ब्रजभाषा और सवैया छंद
(घ) खड़ी बोली और मुक्त छंद
उत्तर:
(ग) ब्रजभाषा और सवैया छंद
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) नीली नीली कलियाँ किस पौधे की हैं?
(क) अरहर
(ख) अलसी
(ग) मटर
(घ) सरसों
उत्तर:
(ख) अलसी
व्याख्या – नीली-नीली कलियाँ अलसी के पौधे की हैं।
(2) मेघ के बरसने पर किसका आपस में मिलन हुआ ?
(क) धरती और बादल
(ख) धरती और आसमान
(ग) धरती और पक्षी
(घ) आसमान और बादल
उत्तर:
(क) धरती और बादल
व्याख्या-मेघ के बरसने पर धरती अर्थात् ज़मीन और बादल का मिलन हुआ ।
खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(1) आशय स्पष्ट कीजिए-
अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।
उत्तर:
इस पंक्ति के माध्यम से प्रेमचन्द ने बताया है कि हीरा और मोती पशु होकर भी बिना कुछ कहे एक-दूसरे के भाव और विचार समझ लेते थे। उन दोनों के बीच गहरी दोस्ती, प्रेम और घनिष्ठता थी । इसी के बल पर वे एक-दूसरे के मन की बात जान लेते थे। यही उनकी गुप्त शक्ति थी जो श्रेष्ठ जीव होने का दावा करने वाले मनुष्य के पास भी नहीं होती।
(2) अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ? ‘ल्हासा की ओर’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अपनी यात्रा के दौरान ल्हासा की ओर जाते समय लेखक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा यथा-
(i) वह अपना रास्ता भटक गया।
(ii) तेज़ धूप के कारण उसे परेशान होना पड़ा।
(iii) 17-18 हज़ार फीट ऊँची पहाड़ियाँ चढ़नी पड़ीं, सुनसान रास्तों से गुज़रना पड़ा।
(iv) डाकुओं के भय से भिखमंगे का वेश धारण करना पड़ा।
(v) कोई भरिया न मिलने पर अपना सामान खुद ढोना पड़ा।
(3) प्रकृति व पक्षी प्रेमी, भ्रमणशील स्वभाव, पर्यावरण की सुरक्षा हेतु सदा सजग । किन्हीं दो का उल्लेख करते हुए सालिम अली की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
सालिम अली प्रसिद्ध पक्षी – विज्ञानी थे । वे भ्रमणशील स्वभाव के ‘वर्ल्ड वॉचर’ थे। वे सदा प्रकृति की हँसती-खेलती रहस्यमयी दुनिया के समान अपने आस – पास देखते थे।
उन्होंने केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तानी हवा के झोंकों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से अनुरोध किया था। पर्यावरण के सम्भावित खतरों का जो चित्र सालिम अली ने उनके सामने रखा उससे प्रधानमंत्री की आँखें नम हो गईं।
(4) “साँवले सपनों की याद” पाठ में सालिम अली प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंतित थे । पर्यावरण को बचाने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख कीजिए, साथ ही आप क्या कर सकते हैं? यह भी बताइए ।
उत्तर:
सालिम अली बड़े उदार, पक्षी – प्रेमी और प्रकृति – विज्ञानी थे । केरल की ‘साइलेंट वेली’ को बचाने हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह से बात की, लेह-लद्दाख के पक्षियों के संरक्षण के लिए कार्य किए। पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित योगदान दे सकते हैं-
(i) हमें पेड़ों की कटाई रोकनी चाहिए ।
(ii) पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए और अधिक पेड़-पौधे लगाने होंगे।
(iii) प्लास्टिक का प्रयोग कम करना होगा।
(iv) जल में प्रदूषण न हो, इसका ध्यान रखना होगा ।
(v) कूड़े को कूड़ेदान में ही डालना होगा । न कि इधर-उधर कहीं भी ।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(1) ‘जेब टटोली कौड़ी न पाई’ से कवयित्री का क्या आशय है ?
उत्तर:
कवयित्री कह रही हैं कि वह आजीवन हठयोग की साधना करती रहीं और अज्ञान के कारण संसार में ही फँसी रहीं, अतः ईश्वर की प्राप्ति का रास्ता न खोज पाईं। जब इस संसार से जाने का समय आया तो उन्हें अनुभव हुआ कि माझी रूपी ईश्वर को देने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है अर्थात् उन्होंने सत्कर्म रूपी धन नहीं कमाया।
(2) मुरली को कौन अपने होठों पर क्यों नहीं रखना चाहती है ? रसखान के सवैये के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
नायिका अपने होठों पर मुरली सौतिया डाह के कारण धारण नहीं करना चाहती है । श्रीकृष्ण को मुरली वादन इतना प्रिय है कि वे उसमें डूब जाते हैं जिससे नायिका की अवहेलना हो जाती है, इसलिए मुरली के प्रति नायिका ईर्ष्यालु है। साथ ही मुरली कृष्ण के अधरों पर रखी होने से जूठी हो गई है अत: इस जूठी मुरली को नायिका अपने होठों से नहीं लगाना चाहती।
(3) बच्चों का काम पर जाना कवि को एक बड़ा हादसा क्यों लगता है ?
उत्तर:
बच्चों को काम पर भेजना उनके साथ घोर अन्याय है । बचपन भविष्य की नींव होता है । इस पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। जिस समाज में बच्चों के विकास को कुचला जाता है वह समाज अन्यायी तथा अविकसित है तथा पिछड़ेपन का जीता-जागता उदाहरण है। जो किसी बड़े हादसे के ही समान है।
(4) कवि के स्मृति – पटल पर कोयल के गीतों की कौन-सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है ?
उत्तर:
कवि के स्मृति पटल पर कोयल के गीतों की अनेक मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं। वह रोज़ सुबह कूक कर लोगों को अपना मधुर गीत सुनाती है। ओस से भीगी घास पर सूरज की किरणें पड़ती हैं तब पर्वत की ऊँची चोटियों और झरनों में कोयल के गीतों का मधुर स्वर गूँजता है।
अब कोयल देशभक्तों पर होने वाले अत्याचारों से दुःखी होकर इन सभी मधुर स्मृतियों को नष्ट कर देना चाहती है।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग-I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की – समाज को कैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है ? तर्क सहित उत्तर कीजिए ।
उत्तर:
‘रीढ़ की हड्डी’ कहानी ‘ श्री माथुर’ द्वारा लिखित समाज की सच्ची तस्वीर का वर्णन करती एक सशक्त कहानी है। वास्तव में समाज में आज उमा जैसी स्पष्टवादिनी तथा उच्च चरित्र वाली लड़की की परम आवश्यकता है। इस प्रकार की लड़कियाँ ही गोपाल प्रसाद जैसे दोहरी मानसिकता रखने वाले, स्वार्थी और दुर्जन लोगों को सही रास्ता दिखा सकतीं हैं। इसके विपरीत शंकर जैसे लड़के समाज के लिए कलंक हैं । शंकर जैसे व्यक्ति समाज को भ्रष्ट कर दूषित कर देते हैं। इससे समाज के साथ राष्ट्र का भी अपमान होता है।
(2) ‘माटी वाली’ कहानी में एक बूढ़ी माटी वाली के माध्यम से लेखक ने किस समस्या को उठाया और उसका क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर:
माटी वाली अनपढ़ व दलित महिला थी, न ज़मीन थी, न जायदाद, और न कोई ठिकाना । मिट्टी खोदकर व उसे बेचकर अपना व पति का पेट पालने वाली बूढ़ी व लाचार महिला, रोटियों को छिपाती, लाचारी और बेबसी का प्रतीक है। माटी वाली के माध्यम से लेखक ने विस्थापन की समस्या से उपजी परेशानी को दर्शाया है जिसके परिणाम स्वरूप गरीब, बेघर व्यक्ति अपने स्थान पर से उजड़ने के बाद पुन: नहीं बस पाता। माटी वाली जैसे लोगों के पास किसी प्रकार की चल-अचल सम्पत्ति न होने पर वे पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं।
(3) लेखिका मृदुला गर्ग के बागलकोट में स्कूल खोलने के प्रयास का वर्णन कीजिए तथा बताइए कि आपको इससे क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
कर्नाटक जाने पर लेखिका मृदुला गर्ग ने बागलकोट कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोलने की कैथोलिक बिशप से प्रार्थना की परन्तु क्रिश्चयन जनसंख्या कम होने के कारण वे स्कूल खोलने में असमर्थ थे। लेखिका ने अनेक परिश्रमी और समृद्ध लोगों की मदद से वहाँ अंग्रेज़ी, कन्नड़, हिन्दी तीन भाषाएँ पढ़ाने वाला स्कूल खोलकर उसे कर्नाटक सरकार से मान्यता भी दिलाई।
लेखिका के इस कार्य से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कठिन परिश्रम व दृढ़ इच्छा शक्ति से कोई भी कार्य सम्पन्न किया जा सकता है।
लेखन (20 अंक)
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) एक सैनिक की आत्मकथा
[ संकेत बिन्दु – सैनिक की दिनचर्या, संघर्ष, चुनौतियाँ ।]
उत्तर:
एक सैनिक की आत्मकथा
सैनिक की दिनचर्या – मैं भारतीय सेना का एक सैनिक हूँ। मेरा नाम करतार सिंह है । मैं मथुरा जनपद के बल्देव कस्बे का रहने वाला हूँ तथा मधुवन (करनाल) के सैनिक स्कूल में पढ़ा हूँ । स्कूल के समय से ही मैंने सैनिक अनुशासन व कठोर दिनचर्या का पालन किया है। सुबह चार बजे जागकर परेड करना मेरे जीवन का अंग बन चुका है।
संघर्ष-देश की पर्वतीय सीमा पर हमें बड़ी विषम परिस्थितियों में जीवन बिताना पड़ता है। सर्दी में जब तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है तब भी हाड़ कँपा देने वाली ठण्ड में हम पूरी सजगता और निष्ठा से देश की सीमा की सुरक्षा में लगे रहते हैं। देश की अन्य सीमाओं पर भी हम अनेक असुविधाओं और कठिनाइयों को भोगते हुए अपने कर्त्तव्य का पालन करते हैं। देशवासी चैन की नींद सो सकें, इसके लिए हम रातों में जागकर पहरा देते हैं।
चुनौतियाँ – घुसपैठियों व आतंकवादियों से जूझते हुए हम हमेशा अपने प्राण न्योछावर करने को तैयार रहते हैं । इस प्रकार से ड्यूटी के दौरान मैंने लेह के बर्फ़ीले इलाकों का भी आनन्द लिया और जैसलमेर की तपती बालू का भी । हम सैनिकों की ज़िन्दगी में एक अजब दीवानापन होता है। प्रतिदिन कोई-न-कोई नई चुनौतियाँ हमारे सामने होतीं हैं। हमारी किसी साँस का कोई भरोसा नहीं होता । मौत हर दम हमारे सामने नाचती रहती है किन्तु हम दीवाने उससे खेलते रहते हैं । हम कहीं भी हों, मस्ती हमारा साथ नहीं छोड़ती।
(2) मित्रता
[संकेत बिन्दु – आवश्यकता, कौन हो सकता है मित्र, लाभ । ]
उत्तर:
मित्रता
आवश्यकता-दोस्त हमारे जीवन का वह हिस्सा है जिन्हें हम खुद चुनते हैं। जितना ज़रूरी जीवन में परिवार का होना है उतना ही ज़रूरी मित्र का होना भी है। सच्चे मित्र जीवन में हर मोड़ पर हमें सहायता, मार्गदर्शन देते हैं। मित्र हमें भावनात्मक समर्थन देते हैं जो हमारे विशेष होने का अहसास कराते हैं। यदि हमारे पास सच्चे मित्र हैं तो जीवन अधिक मनोरंजक और सहनशील बन जाता है।
कौन हो सकता है मित्र – सच्चा मित्र मिलना बहुत कठिन है। सच्चा मित्र वही हो सकता है जो हृदय से आपको अपना माने। सच्चा मित्र वही है जो कभी हमारे सामने दिखावा नहीं करता हो और न ही झूठ बोलता हो । जो दुःख और सुख में कभी साथ नहीं छोड़ता हो और पीठ पीछे बुराई न करता हो। जो कभी मित्रता में छल-कपट न करें तथा अवगुणों व कुसंगति से छुटकारा दिलाने हेतु प्रयत्नशील रहे।
लाभ-मानव जीवन में मित्रता से अनेक लाभ होते हैं। मित्र के समान समाज में सुख और आनंद देने वाला दूसरा कोई नहीं है। दु:ख के दिनों में मित्र को देखते ही हृदय में शक्ति का संचार होता है। अधीरता और व्याकुलता प्राणों के भीतर से भाग जाती है और निराश मन के भीतर आशा की ज्योति जलने लगती है।
(3) विज्ञापन और मानव जीवन
[ संकेत बिन्दु – विज्ञापन के साधन, विज्ञापन का अर्थ, विज्ञापन का महत्त्व व प्रभाव । ]
उत्तर:
विज्ञापन और मानव जीवन
विज्ञापन के साधन – आज का युग विज्ञापनों का युग है। रेडियो, दूरदर्शन, समाचार – पत्र, पत्रिकाएँ आदि इसके मुख्य साधन हैं।
विज्ञापन का अर्थ – विज्ञापन का उद्देश्य है – प्रचार-प्रसार द्वारा प्रचारकर्ता और आम जनता के बीच सम्पर्क स्थापित करना । सामान्य रूप से व्यापारी या उत्पादक उपभोक्ता को अपना माल बेचने के लिए विज्ञापनों का प्रयोग करते हैं । इस प्रकार विज्ञापन उत्पादक और उपभोक्ता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। ये एक ओर उत्पादकों का माल जनता तक पहुँचाते हैं, दूसरी ओर जनता को नई-नई जानकारियाँ देकर नये उत्पादों से परिचित कराते हैं ।
विज्ञापनों का महत्त्व व प्रभाव – विज्ञापन विविध प्रकार के होते हैं – व्यापारिक, शैक्षिक, प्रवेश और नियुक्ति सम्बन्धी, जन-जागरण सम्बन्धी, धार्मिक, मनोरंजन सम्बन्धी इत्यादि । ये विज्ञापन हमारे मन को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं। हम जितना भी माल खरीदते हैं, उनमें विज्ञापनों का पूरा-पूरा योगदान होता है। आज कोई भी ग्राहक सामान खरीदते समय केवल प्रसिद्ध ब्राण्डों पर ही नज़र दौड़ाता है। नमक हो या साबुन, पंखे हों या फ्रिज – सबके चुनाव में विज्ञापन हमें प्रेरित करते हैं। दुकान के सामने खड़े होकर हम माल नहीं, प्रसिद्ध नाम खरीदते हैं। ऐसे में विज्ञापनों का यह दायित्व बनता है कि वे ग्राहकों को लुभावने दृश्य दिखाकर गुमराह न करें, बल्कि उन्हें अपने उत्पाद के गुणों से परिचित कराएँ। तभी उचित माल, उचित ग्राहक तक पहुँचेगा और विज्ञापन अपने लक्ष्य में सफ़ल होगा।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
अपने क्षेत्र में एक पार्क विकसित करने के लिए नगर निगम के उद्यान अधिकारी को एक पत्र लिखिए ।
अथवा
उत्तराखण्ड आपदा में स्वयं भोगी कठिनाइयों का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
उद्यान अधिकारी,
दिल्ली नगर निगम,
पूर्वी क्षेत्र, शाहदरा
दिल्ली।
महोदय,
मैं आपका ध्यान शाहदरा क्षेत्र के विश्वास नगर में पार्क न होने की ओर खींचना चाहता हूँ । इस क्षेत्र में एक भी पार्क न होने के कारण यहाँ के निवासी परेशान हैं। पूरे क्षेत्र में सुबह – शाम सैर करने के लिए एक भी पार्क नहीं है । चारों ओर केवल मकान ही मकान हैं, वृक्षों के अभाव में यहाँ के निवासियों को प्रदूषित वायु में साँस लेनी पड़ रही है।
इस क्षेत्र के मध्य में पार्क के लिए स्थान खाली पड़ा है इसका विकास नहीं किया गया। लोग यहाँ कूड़ा फेंक जाते हैं। सफ़ाई कर्मचारी भी क्षेत्र की पूरी गंदगी और कूड़ा यहाँ फेंक जाते हैं। इसमें दिन-रात आवारा पशु घूमते रहते हैं।
आपसे अनुरोध है कि इस उपेक्षित पड़े भू-भाग को पार्क के रूप में विकसित करके यहाँ के निवासियों को प्रदूषित वायु से मुक्ति दिलाएँ । भवदीय,
ललित छिब्बर
मोबाइल नं. 94212138XX
247, विश्वास नगर
शाहदरा, दिनांक :
दिल्ली
अथवा
प्रिय मित्र राकेश,
सस्नेह नमस्कार ।
आशा है आप सपरिवार सकुशल होंगे। अभी पिछले वर्ष मैं अपने माता-पिता के साथ चार धाम की यात्रा पर गया था और उत्तराखण्ड में जो भंयकर त्रासदी हुई उसका भोक्ता बना। मैं माता-पिता के साथ केदारनाथ धाम पहुँचा ही था कि 16 जून को बादल फट जाने से उत्तराखण्ड की नदियों में भयंकर जल प्लावन हो उठा और उसने पूरे क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया। मैं तो ईश्वर की कृपा से माता-पिता के साथ सकुशल बच गया। पुजारी जी ने हमें अपने घर ठहराया था इसलिए प्राण रक्षा हो गई अथवा जो भंयकर त्रासदी आपने टी. वी., समाचार पत्रों में देखी – पढ़ी होगी उसमें भाग्यशाली ही बच पाए हैं ।
दो दिनों तक हम वहीं फँसे रहे क्योंकि वापस आने के सारे रास्ते बन्द हो चुके थे। जब सेना का हेलीकाप्टर वहाँ पहुँचा तब उसकी सहायता से हम तीनों बच पाए और देहरादून तक आ सके। वहाँ से हमें अपने नगर के लिए रेलगाड़ी मिल गई और हम सकुशल घर आ गए। आप जब मिलेंगे तब विस्तार से चर्चा होगी। आपको मेरी चिन्ता हो रही होगी इसलिए पत्र से सूचित कर दिया है।
आपका मित्र,
रामप्रताप शर्मा
ग्राम व पोस्ट-दतावली
फिरोज़ाबाद
मो. न. 931122XXXX
दिनांक : 25 जून 20XX
16. ‘महान् कौन’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए । (5 × 1 = 5)
अथवा
किसी कॉलेज में हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी हेतु लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
महान् कौन
एक बार विक्रम सेन नाम के एक महाप्रतापी राजा थे। वह सदैव अपनी प्रजा के कल्याण के कार्यों में लगे रहते थे। एक बार उन्हें पता चला कि पास के जंगल में एक ऋषि अनेक वर्षों से लोहे का एक डंडा ज़मीन में गाड़कर तपस्या कर रहे हैं और उनके तप के प्रभाव से डंडे में कुछ अंकुर फूटे हैं व फूल-पत्ते निकल रहे हैं। जब वह अपनी तपस्या पूर्ण कर लेंगे तो उनका डंडा फूल-पत्तों से भर जाएगा। राजा विक्रमसेन ने सोचा कि मैं भी तप करूँ और अपना जीवन सार्थक बनाऊँ । यह निश्चय कर वह जंगल गए और ऋषि के पास लोहे का डंडा गाड़कर तपस्या करने लगे। संयोगवश उसी रात ज़ोर का तूफ़ान आया ।
मूसलाधार बारिश होने लगी। राजा और ऋषि मौसम की परवाह न करके तपस्या में लगे रहे। तभी एक व्यक्ति बुरी तरह भीगा हुआ तथा ठंड से काँपता हुआ आया। उसने ऋषि से कहीं ठहरने की जगह के बारे में पूछा लेकिन ऋषि ने आँखें खोलकर भी नहीं देखा । निराश होकर वह लड़खड़ाता हुआ राजा विक्रमसेन के पास पहुँचा और बेहोश होकर गिर पड़ा। राजा उस व्यक्ति की ऐसी खराब हालत देख तुरन्त उठ खड़े हुए और उसे गोद में उठाकर चल दिए। थोड़ी ही दूरी पर उन्हें एक कुटिया दिखाई दी। राजा ने कुटिया में उस व्यक्ति को लिटाया और उसके पास आग जलाकर गर्माहट पैदा की। राजा उसके हाथ-पैरों की मालिश करते रहे। सुबह तक उस आदमी की हालत में काफी सुधार आ गया । जब राजा और व्यक्ति वापस आए तो राजा यह देखकर हैरान रह गया कि उसके द्वारा गाड़ा गया लोहे का डंडा ताजे फूल-पत्तों से भरकर झुक गया है वहीं ऋषि के डंडे में जो थोड़े-बहुत फूल पत्ते निकले थे वे भी मुरझा गए हैं। तब राजा समझ गए कि मानव सेवा से बड़ी तपस्या कोई नहीं है। वह अपने राज्य वापस आकर प्रजा की देखभाल करने लगे।
अथवा
दिनांक : 22-04-22
From : [email protected]
To : [email protected]
Cc: [email protected]
BCC : ………
विषय : हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी
कला संकाय प्रमुख
डी.ई.आई., दयालबाग़
आगरा -282005
माननीय महोदय,
सादर सूचित करना चाहती हूँ कि मैं माधुरी वैश्य हिन्दी विभाग की शोध छात्रा हूँ। मैंने आपके विश्वविद्यालय से ही बी. ए., एम.ए. तथा एम.फिल. सभी हिन्दी विषय में उच्चतम अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। वर्तमान में मेरी पी. एच. डी. समाप्त होने की ओर अग्रसर है। मैं डी.ई.आई. की वेबसाइट पर हिन्दी विभाग में अध्यापक के रिक्त पदों की सूचना से अवगत हुई । महोदय हिन्दी विभाग में सहायक अध्यापक के कुल कितने पद रिक्त हैं ? कृपया जानकारी प्रदान करें।
आपसे सहयोग की अपेक्षा में
धन्यवाद
शोधार्थी
माधुरी वैश्
हिन्दी विभाग
डी.ई.आई. आगरा
17. दो खोमचे वालों के बीच हुई बातचीत को लगभग 80 शब्दों में संवाद के रूप में लिखिए । (4 × 1 = 4)
अथवा
अपनी बस्ती को स्वच्छ रखने हेतु कल्याण समिति के सचिव होने के नाते इससे सम्बन्धित सूचना लगभग 80 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
दो खोमचे वालों के मध्य संवाद
चाट वाला : और भाई रामलाल! कैसे हो, धंधा कैसा चल रहा है ?
मूँगफली वाला : भैया, बहुत बुरा हाल है, ग्राहक दूर-दूर तक नहीं है ?
चाट वाला : यही हाल मेरा भी है, एक ज़माना था जब मेरे ठेले पर भीड़ लगी रहती थी और एक आज का दिन है कि मक्खियाँ ही मारता रहता हूँ।
मूँगफली वाला : हाँ भइया, अब तो लोग चिप्स, कुरकुरे खाते हैं, कोई मूँगफली कहाँ खाता है जबकि मूँगफली तो पौष्टिक भी बहुत होती है।
चाट वाला : यही हाल मेरे साथ है पिज़्ज़ा, बर्गर खाने वाले बच्चे अब गोलगप्पे कहाँ खाते हैं ?
मूँगफली वाला : पर फिर भी भाई जो मज़ा देशी खाने की चीज़ों में है, वो विदेशी चीज़ों में कहाँ ?
चाट वाला : सही कह रहे हो भाई! वो देखो, शायद कुछ ग्राहक आ रहे हैं।
अथवा
क.ख.ग. नगर, दिल्ली
क. ख.ग. बस्ती
आवश्यक सूचना
बस्ती को स्वच्छ रखने हेतु
तिथि-00.00.20
विदित हो कि दिनांक 00.00.20…. (शनिवार) को दोपहर 12 बजे से दोपहर 1 बजे तक बस्ती को स्वच्छ करने तथा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा।
इसके लिए क. ख. ग. बस्ती के सभी युवक निवासियों से अनुरोध है कि वे इस स्वच्छता अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएँ। इस अभियान में हमारे साथ नगर के अन्य सरकारी सफ़ाई कर्मचारी और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।
निवेदक
सचिव
कल्याण समिति, क.ख. ग. बस्ती, क.ख. ग. नगर