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NCERT Class 7th Hindi Chapter 1 माँ, कह एक कहानी Question Answer
माँ, कह एक कहानी Class 7 Question Answer
कक्षा 7 हिंदी पाठ 1 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi माँ, कह एक कहानी Question Answer
पाठ से प्रश्न – अभ्यास (पृष्ठ 4-10)
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सबसे सही उत्तर कौन-सा है ? उनके सामने तारा (*) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न-
प्रश्न 1.
माँ अपने बेटे को करुणा और न्याय की कहानी क्यों सुनाती है?
(क) राजाओं की कहानियों से उसका मनोरंजन करने के लिए।
ख) उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।
(ग) उसे परिवार की विरासत और पूर्वजों के बारे में बताने के लिए।
(घ) उसे प्रकृति और जानवरों के बारे में जानकारी देने के लिए।
उत्तर:
(ख) उसमें सही और गलत की समझ विकसित करने के लिए।
मैंने यह उत्तर इसलिए चुना क्योंकि यदि बचपन में सही और गलत को समझने की समझ आ जाए तो मनुष्य कभी भी किसी के लिए गलत नहीं सोचता। इससे ही मन में करुणा, प्रेम एवं दया के भाव जागृत होते हैं।
प्रश्न 2.
कविता में घायल पक्षी की कहानी का उपयोग किसलिए किया गया है?
(क) निर्दोष पक्षी के प्रति आखेटक की क्रूरता दिखाने के लिए।
(ख) पिता की वीरता और साहस पर ध्यान दिलाने के लिए।
(ग) करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।
(घ) मित्रता और निष्ठा के महत्व को उजागर करने के लिए।
उत्तर:
(ग) करुणा और हिंसा के बीच के संघर्ष को दिखाने के लिए।
यह उत्तर मैंने इसलिए चुना क्योंकि जो व्यक्ति हिंसक होता है, वह करुणा के भावों को समझ नहीं सकता और जो करुणा के भावों से प्रेरित होता है उसे हिंसात्मक कार्य अच्छे नहीं लगते। इस कहानी में भी राहुल के पिता के मन में करुणा है और आखेटक के मन में हिंसा । आखेटक ने हंस को घायल किया और राहुल के पिता ने उसे बचाना चाहा। इसी पर दोनों का तर्क-वितर्क भी हुआ। लेकिन अंत में निर्णय यही हुआ कि मारने वाले से बचाने वाले का अधिकार अधिक होता है।
प्रश्न 3.
कविता के अंत तक पहुँचते-पहुँचते बच्चे को क्या समझ में आने लगता है?
(क) न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।
(ख) निर्णय लेते समय सदैव निडर रहना चाहिए ।
(ग) आखेटकों का सदैव विरोध करना चाहिए।
(घ) जानवरों की हर स्थिति में रक्षा करनी चाहिए ।
उत्तर:
(क) न्याय सदैव करुणा के साथ होना चाहिए।
यह उत्तर मैंने इसलिए चुना क्योंकि कहानी के अंत में राहुल ने भी यही कहा- ‘न्याय दया का दानी’ जो यह प्रदर्शित करता है कि श्रेष्ठ न्याय वह है जो करुणा के भावों से परिपूर्ण हो किसी को मानसिक रूप से आघात न पहुँचाता हो।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तरः
अपने मित्रों के साथ चर्चा योग्य |
इस पाठ में आपने माँ और पुत्र के बीच की बातचीत को एक कविता के रूप में पढ़ा इस कविता में माँ अपने पुत्र को उसके पिता की एक कहानी सुना रही हैं। क्या आप जानते हैं कि ये माँ, पुत्र और पिता कौन हैं? अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और उन्हें पहचानकर सुमेलित कीजिए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
मिलकर करें मिलान
पात्र | ये शब्द किनके लिए आए हैं |
1. बेटा | (क) यशोधरा, एक राजकुमारी, सिद्धार्थ की पत्नी। |
2. माँ | (ख) सिद्धार्थ, एक राजकुमार जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए । |
3. तात (पिता) | (ग) सिद्धार्थ और यशोधरा के पुत्र राहुल। |
उत्तर :
पात्र | ये शब्द किनके लिए आए हैं |
1. बेटा | (ग) सिद्धार्थ और यशोधरा के पुत्र राहुल। |
2. माँ | (क) यशोधरा, एक राजकुमारी, सिद्धार्थ की पत्नी। |
3. तात (पिता) | (ख) सिद्धार्थ, एक राजकुमार जो बाद में गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए । |
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “ कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे ?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी! ”
उत्तरः
इन पंक्तियों से यह अर्थ उभरकर आता है कि यदि कोई बिना किसी कारण एवं बिना किसी अपराध के किसी को मारता है तो क्या किसी दूसरे को उसकी रक्षा नहीं करनी चाहिए। मारने वाले से बचाने वाला सदा महान समझा जाता है। न्याय सदा दया का पक्ष लेता है।
इस भावार्थ से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि यदि हम किसी को भी मुश्किल में देखें या कोई निर्दोषी या असहाय पर कोई आरोप लगाए या उससे हिंसात्मक व्यवहार करें तो हमें चुप न रहकर उसका विरोध करना चाहिए और निर्दोषी या असहाय की मदद करनी चाहिए।
(ख) ” हुआ विवाद सदय – निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्वविषय में,
गई बात तब न्यायालय में,
सुनी सभी ने जानी। ”
उत्तरः
इन पंक्तियों में इस तथ्य को उजागर किया गया है कि जब आखेटक अर्थात शिकारी हंस को घायल करके लेना चाहता है तो दूसरी ओर सिद्धार्थ है जिसने उसे बचाने का प्रयास किया, वे उसे शिकारी को सौंपने से इंकार करते हैं। इस प्रकार दोनों में कहा-सुनी हो जाती है। यह विवाद इतना बढ़ गया कि राज्य के न्यायालय तक जाना पड़ा। तभी यह कहानी सभी जान सके।
इन पंक्तियों से हमें यह सीख मिलती है कि सदैव सही का साथ देना चाहिए। हमें अपने स्वभाव में प्रेमभाव, दया एवं करुणा के भावों का समावेश करना चाहिए। जो हमें सच्ची मानवता सिखाते हैं।
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) आपके विचार से इस कविता में कौन-सी पंक्ति सबसे महत्वपूर्ण है? आप उसे ही सबसे महत्वपूर्ण क्यों मानते हैं?
उत्तर :
मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘माँ, कह एक कहानी’ में बहुत-सी पंक्तियाँ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पंक्ति है- “न्याय दया का दानी!” इस पंक्ति में कवि ने न्याय और दया के समन्वय को दर्शाया है और यह बताना चाहा है कि सच्चा न्याय वही होता है जिसमें दया का भी समावेश हो । यह पंक्ति वर्तमान समय के लिए भी प्रेरणादायक है कि न्याय केवल कठोर नियमों पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसमें मानवीय भावनाओं का भी समावेश होना चाहिए ।
(ख) आखेटक और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क क्यों हुआ था?
उत्तर :
आखेटक और बच्चे के पिता के बीच तर्क-वितर्क हुआ था, हंस को लेने के लिए आखेटक का यह तर्क था कि उसने हंस को अपने बाण से घायल किया है इसलिए उस पर उसका अधिकार है। दूसरी ओर बच्चे के पिता का यह तर्क था कि घायल हंस की जान बचाना उनका नैतिक कर्त्तव्य है। उसे आखेटक के हाथों देकर मारना उचित नहीं है। इसी तर्क-वितर्क के कारण मामला न्यायालय तक पहुँच जाता है। न्यायालय में भी यही न्याय होता है कि हंस की जान बचाने वाला ही उसका संरक्षक है।
(ग) माँ ने पुत्र से “राहुल, तू निर्णय कर इसका ” क्यों कहा?
उत्तर :
कविता ‘माँ, कह एक कहानी’ में माँ ने राहुल को निर्णय लेने को कहा ताकि वह न्याय और करुणा के महत्व को समझ सके। वह अपने पुत्र की नैतिक समझ और न्याय बुद्धि को भी परखना चाहती हैं।
(घ) यदि कहानी में आप उपवन में होते तो घायल हंस की सहायता के लिए क्या करते? आपके अनुसार न्याय कैसे किया जा सकता था?
उत्तर :
यदि मैं उपवन में होता तो सर्वप्रथम घायल हंस को उठाकर किसी सुरक्षित स्थान पर लाता। उसका प्राथमिक उपचार करता। उसका घाव पोंछकर उस पर मरहम लगाता। उसे पानी पिलाने की चेष्टा करता। आखेटक के माँगने पर मैं उसे हंस को छूने भी न देता और यह समझाने का प्रयास करता कि जीव हत्या करना पाप है। उसे यह समझाने की चेष्टा करता कि घायल जीव की देखभाल करना हमारा कर्त्तव्य है, फिर भी यदि वह न मानता तो मैं उसे न्यायालय तक ले जाता।
(ङ) कविता में माँ और बेटे के बीच बातचीत से उनके बारे में क्या-क्या पता चलता है?
(संकेत – कविता पढ़कर आपके मन में माँ-बेटे के बारे में जो चित्र बनता है, जो भाव आते हैं या जो बातें पता चलती हैं, उन्हें भी लिख सकते हैं।)
उत्तर :
कविता में माँ और बेटे के बीच की बातचीत से उनके व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ उभर कर आती हैं-
यशोधरा (राहुल की माँ)
- स्नेहीः वह अत्यधिक स्नेही हैं अपने पुत्र से स्नेह करती हैं, तभी तो उसके कहने पर झंट से कहानी सुनाने लगती हैं।
- शिक्षिकाः वह अपने पुत्र को नैतिक शिक्षा देने के लिए घायल हंस की कहानी सुनाती है। कविता रूपी कहानी में अपने शब्द-जाल से राहुल में करुणा, दया, जीव प्रेम एवं नैतिकता के सभी मूल्य उजागर करना चाहती है।
- प्रकृति प्रेमी: उसके द्वारा सुनाई गई कहानी में प्रकृति का सुंदर चित्र खींचा गया है।
- धैर्यशील – भावः कहानी धीरे-धीरे प्रश्नोत्तर रूप में सुनाती है, ताकि राहुल की जिज्ञासा बनी रहे।
पुत्र (राहुल)
स्नेही: राहुल अत्यधिक स्नेही प्रकृति का है। बड़े प्यार से माँ को कहानी सुनाने के लिए आग्रह करता है।
जिज्ञासुः पूरी कहानी में उसकी जिज्ञासा बनी रहती है।
संवेदनशीलः हंस की घायल अवस्था से उसका हृदय भी द्रवित हो जाता है जो उसके संवेदनशील होने का प्रतीक है।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) माँ ने अपने बेटे को कहानी सुनाते समय अंत में कहानी को स्वयं पूरा नहीं किया, बल्कि उसी से निर्णय करने के लिए कहा। यदि आप किसी को यह कहानी सुना रहे होते तो कहानी को आगे कैसे बढ़ाते ?
उत्तर :
माँ यशोधरा ने अपने बेटे राहुल को कहानी सुनाई ही इसलिए थी कि उसे प्रेम, दया एवं करुणा का संदेश दे सके। इसीलिए माँ ने कहानी को स्वयं पूरा न करके निर्णय राहुल के हाथों में सौंप दिया और यह परखा कि क्या यह कहानी सुनकर उसके मन में प्रेम, दया, करुणा के भावों का मन में संचार हुआ ?
यदि मैं किसी को कहानी सुना रही होती तो उसे पूरी तरह से इस संदेश से अवगत करवाती कि प्रेम, दया एवं करुणा के बिना जीवन जीना व्यर्थ है क्योंकि ये वे भाव हैं जो प्रत्येक मनुष्य में मानवता की भावना को प्रकट करते हैं।
(ख) मान लीजिए कि कहानी में हंस और तीर चलाने वाले के बीच बातचीत हो रही है। कल्पना से बताइए कि जब उसने हंस को तीर से घायल किया तो उसमें और हंस में क्या-क्या बातचीत हुई होगी? उन्होंने एक-दूसरे को क्या-क्या तर्क दिए होंगे?
उत्तर :
यदि तीर चलाने वाले आखेटक और हंस के बीच बातचीत हुई होती तो शायद उनके तर्क इस प्रकार होते-
हंसः (कराहता हुआ) अरे ! तुमने मुझे क्यों घायल किया?
आखेटकः अरे हंस ! यह क्यों क्या होता है? मेरा तो काम ही यही है। पक्षियों पर निशाना साधना और शिकार करना ।
हंसः माना कि तुम एक कुशल धनुर्धारी हो तुम्हारा निशाना खाली नहीं जाता लेकिन हम जैसे निरीह पक्षियों को घायल कर तुम्हें क्या मिलता है?
आखेटकः आनंद! आनंद मिलता है मुझे। मुझे अपने-आप पर गर्व होता है कि जो सोचा, कर दिखाया।
हंसः तुम्हें मालूम है कि मेरा परिवार मेरी इंतजार कर रहा होगा। उन्हें क्या पता कि मैं मरणावस्था में हूँ। तनिक सोचकर देखो यदि कोई तुम्हारे साथ ऐसा करे तो क्या हो? तुम घर से खुशी-खुशी जाओ पर वापस न जा पाओ।
आखेटक : अरे हंस ! ऐसा क्यों कह रहे हो ? यह मेरा शौक है।
हंसः मन में प्राणी जगत के लिए प्रेम, दया और करुणा के भाव न हो तो जीना व्यर्थ है मेरे भाई ।
(इतने में हंस सदा के लिए आँखें मूँद लेता है)
आखेटकः हंस, ऐसे मत जाओ। मैं तुम्हें बचाने का प्रयास करूँगा। तुमने मेरी आँखें खोल दी। अगर मनुष्य में मानवता ही नहीं तो वह मनुष्य कैसा? काश ! मैंने तुम पर तीर न चलाया होता ।
(ग) मान लीजिए कि माँ ने जो कहानी सुनाई है, आप भी उसके एक पात्र हैं। आप कौन-सा पात्र बनना चाहेंगे? और क्यों?
- तीर चलाने वाला
- पक्षी
- पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति
- न्यायाधीश
- कोई अन्य पात्र जो आप कहानी में जोड़ना चाहें।
उत्तर :
माँ यशोधरा ने पुत्र राहुल को जो कहानी सुनाई है यदि मैं उसका एक पात्र होता तो मैं पक्षी को बचाने वाला व्यक्ति बनना चाहता ताकि किसी निरीह की जान बचाने का सौभाग्य प्राप्त कर सकता।
संवाद
इस कविता में एक माँ और उसके पुत्र का संवाद दिया गया है लेकिन कौन- – सा कथन किसने कहा है, यह नहीं बताया गया है। आप कविता में दिए गए संवादों को पहचानिए कि कौन- -सा कथन किसने कहा है और उसे दिए गए उचित स्थान पर लिखिए। उदाहरण के लिए, माँ और पुत्र का एक – एक कथन दिया गया है।
उत्तर :
पुत्र द्वारा कहे गए कथन | माँ द्वारा कहे गए कथन |
1. “माँ, कह एक कहानी । “ | 1. “बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी ?” |
2. तू मेरी नानी की बेटी! कह माँ, कह, लेटी ही लेटी, राजा था या रानी ? माँ, कह एक कहानी । |
2. ” तू है हठी मानधन मेरे, सुन, उपवन में बड़े सबेरे, तात भ्रमण करते थे तेरे, जहाँ, सुरभि मनमानी।” |
3. जहाँ सुरभि……. यही कहानी | 3. वर्ण वर्ण के फूल …… लहराता था पानी |
4. लहराता था पानी ……. यही कहानी | 4. गाते थे खग…… पक्षी की हानि |
5. हुई पक्ष की हानि …भरी कहानी | 5. चौक उन्होंने उसे….लक्ष्य सिद्धि का मानी |
6. लक्ष्य सिद्धि का मानी…….कठिन कहानी | 6. माँगा उसने आहत पक्षी ___ हठ करने की ठानी |
7. हठ करने की ….. चली कहानी | 7. हुआ विवाद…. सभी ने जानी |
8. सुनी सभी…. हुई कहानी | 8. राहुल, तू निर्णय… पक्ष लेता है किसका |
9. माँ मेरी क्या नानी…. दया का दानी | 9. न्याय दया का… तूने सुनी कहानी |
शब्द से जुड़े शब्द
प्रश्न.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में प्रकृति से जुड़े शब्द कविता में से चुनकर लिखिए-
उत्तर :
पंक्ति से पंक्ति
प्रश्न – नीचे स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलती-जुलती पंक्तियों को रेखा खींचकर मिलाइए-
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. कहती है मुझसे यह चेटी | (क) दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए थे। |
2. तू है हठी मानधन मेरे | (ख) तू बिना डरे कह दे कि जीत किसकी होनी चाहिए। |
3. झलमल कर हिम – विंदु झिले थे | (ग) दयालु और निर्दयी व्यक्ति में झगड़ा हुआ । |
4. गिरा, बिद्ध होकर खर-शर से | (घ) न्याय में दया सम्मिलित होती है, न्याय मारने वाले के स्थान पर बचाने वाले का पक्ष लेता है। |
5. हुआ विवाद सदय – निर्दय में | (ङ) हिम-कण/ओस की बूँदें झिलमिला रही थीं। |
6. कह दे निर्भय, जय हो जिसका । | (च) तूने कहानी को समझ लिया है। |
7. तूने गुनी कहानी | (छ) यह सेविका मुझसे यह कहती है। |
8. उभय आग्रही थे स्वविषय में | (ज) तेज धार वाले तीर से घायल होकर गिर गया। |
9. तब उसने, जो था खगभक्षी – हठ करने की ठानी। | (झ) हे मेरे पुत्र, तू बहुत हठ करता है। |
10. रक्षक पर भक्षक को वारे न्याय दया का दानी ! | (ञ) तब उस तीर चलाने वाले ने हठ करने का निश्चय कर लिया। |
उत्तर :
स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
1. कहती है मुझसे यह चेटी | (छ) यह सेविका मुझसे यह कहती है। |
2. तू है हठी मानधन मेरे | (झ) हे मेरे पुत्र, तू बहुत हठ करता है। |
3. झलमल कर हिम – विंदु झिले थे | (ङ) हिम-कण/ओस की बूँदें झिलमिला रही थीं। |
4. गिरा, बिद्ध होकर खर-शर से | (ज) तेज धार वाले तीर से घायल होकर गिर गया। |
5. हुआ विवाद सदय – निर्दय में | (ग) दयालु और निर्दयी व्यक्ति में झगड़ा हुआ । |
6. कह दे निर्भय, जय हो जिसका । | (ख) तू बिना डरे कह दे कि जीत किसकी होनी चाहिए। |
7. तूने गुनी कहानी | (च) तूने कहानी को समझ लिया है। |
8. उभय आग्रही थे स्वविषय में | (क) दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए थे। |
9. तब उसने, जो था खगभक्षी – हठ करने की ठानी। | (ञ) तब उस तीर चलाने वाले ने हठ करने का निश्चय कर लिया। |
10. रक्षक पर भक्षक को वारे न्याय दया का दानी ! | (घ) न्याय में दया सम्मिलित होती है, न्याय मारने वाले के स्थान पर बचाने वाले का पक्ष लेता है। |
कविता की रचना
” राजा था या रानी ?
राजा था या रानी ?
माँ, कह एक कहानी।”
इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों की तरह इस पूरी कविता में अनेक स्थानों पर कुछ पंक्तियाँ दो बार आई हैं। इस कारण कविता में पाठक को माँ-बेटे की बातचीत और अच्छी तरह समझ में आ जाती है। इससे कविता के सौंदर्य में भी वृद्धि हुई है।
आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको ऐसी अनेक विशेषताँ दिखाई देंगी (जैसे – कविता में माँ-बेटे का संवाद दिया गया है जिसे ‘संवादात्मक शैली’ कहते हैं; प्रकृति और कार्यों आदि का वर्णन किया गया है जिसे ‘वर्णनात्मक शैली’ कहा जाता है) ।
(क) इस कविता को एक बार पुनः पढ़िए और अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर :
“माँ, कह एक कहानी” – कविता विश्लेषण (शैली सहित)
1. संवाद शैली
“माँ! कह एक कहानी ।
” बेटा, समझ लिया क्या तूने,
मुझको अपनी नानी ?
विश्लेषणः
बच्चा अपनी माँ से सीधे संवाद कर रहा है कि माँ एक कहानी सुनाओ और माँ उत्तर देती हैं कि तूने मुझे अपनी नानी समझ लिया है। माँ और बेटे का स्पष्ट संवाद है।
2. वर्णनात्मक शैली
हुआ विवाद सदय – निर्दय में,
उभय आग्रही थे स्वविषय में
इन पंक्तियों में स्पष्ट रूप में बताया गया है कि दयालु और निर्दय में कहा-सुनी हुई। दोनों ही अपने विचारों पर अडिग थे।
3. प्रश्नोत्तरी शैली
(i) “जहाँ सुरभि मानमानी ?
(ii) लहराता था पानी?
बच्चा लगातार प्रश्न रूप में बात कर रहा है, जिससे कविता संवादमय और रोचक बनती है।
(ख) नीचे इस कविता की कुछ विशेषताएँ और वे पंक्तियाँ दी गई हैं जिनमें ये विशेषताएँ दिखाई देती हैं। विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए। आप कविता की पंक्तियों में एक से अधिक विशेषताएँ भी ढूँढ़ सकते हैं।
कविता की विशेषताएँ | कविता की पंक्तियाँ |
1. संवाद दिए गए हैं। | (क) हुआ विवाद सदय – निर्दय में |
2. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है। | (ख) हुई पक्ष की हानि । |
3. कुछ शब्द दो बार और साथ-साथ आए हैं। | (ग) बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी ? कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी नानी की बेटी ! |
4. कुछ विपरीतार्थक शब्द साथ-साथ आए हैं। | (घ) तू है हठी मानधन मेरे, सुन, उपवन में बड़े सबेरे |
5. प्रकृति का वर्णन किया गया है। | (ङ) कोमल – कठिन कहानी । |
6. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति में आए हैं। | (च) वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिम – विंदु झिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी । |
7. प्रश्न- उत्तर दिए गए हैं। | |
8. शब्द की वर्तनी बदलकर उपयोग किया गया है। |
उत्तर :
कविता की विशेषताएँ | कविता की पंक्तियाँ |
1. संवाद दिए गए हैं। | (ग) बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी ? कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी नानी की बेटी ! |
2. पंक्ति के अंतिम शब्द की ध्वनि आपस में मिलती-जुलती है। | (घ) तू है हठी मानधन मेरे, सुन, उपवन में बड़े सबेरे |
3. कुछ शब्द दो बार और साथ-साथ आए हैं। | (च) वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिम – विंदु झिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी । |
4. कुछ विपरीतार्थक शब्द साथ-साथ आए हैं। | (ङ) कोमल – कठिन कहानी । |
5. प्रकृति का वर्णन किया गया है। | (च) वर्ण वर्ण के फूल खिले थे, झलमल कर हिम – विंदु झिले थे, हलके झोंके हिले-मिले थे, लहराता था पानी । |
6. एक ही वर्ण से शुरू होने वाले एक से अधिक शब्द एक ही पंक्ति में आए हैं। | (ङ) कोमल – कठिन कहानी । |
7. प्रश्न- उत्तर दिए गए हैं। | (ग) बेटा, समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी ? कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी नानी की बेटी ! |
8. शब्द की वर्तनी बदलकर उपयोग किया गया है। | (क) हुआ विवाद सदय – निर्दय में |
रूप बदलकर
“सुन, उपवन में बड़े सबेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे, ”
कविता की इन पंक्तियों को निम्न प्रकार से बदलकर लिखा जा सकता है-
“सुनो! आपके पिता एक उपवन में बहुत सवेरे भ्रमण किया करते थे…
अब आप भी पाठ के किसी एक पद को एक अनुच्छेद के रूप में लिखिए ।
उत्तर :
अनुच्छेद रूप में कहानी
कहानी का शीर्षक: “एक था राजा एक थी रानी’
एक था राजा और एक थी रानी । राजा बहुत बहादुर था और रानी बहुत बुद्धिमान । दोनों अपने छोटे से राज्य में सुख-शांति से रहते थे। एक दिन राज्य में सूखा पड़ गया। खेत सूखने लगे, लोग दुखी हो गए। राजा ने सैनिकों को ( मदद के लिए) भेजा, परंतु कोई हल नहीं निकला। तब रानी ने कहा, “हमें स्वयं लोगों के बीच जाना चाहिए, उनकी बात सुननी चाहिए और उनकी परेशानियों का हल निकालना चाहिए।” ‘राजा-रानी साधारण कपड़ों में गाँव-गाँव घूमे, लोगों की मदद की, अपने खजाने का धन – अनाज बाँटा और कुएँ खुदवाए । धीरे- धीरे मौसम बदलने लगा। वर्षा ऋतु आई, खूब बारिश हुई, धरती में नमी आ गई, जिससे वह उपजाऊ हो गई। किसानों ने फसलें उगाईं और राज्य फिर से हरा-भरा हो गया । सबने कहा, “सच्चे राजा-रानी वही हैं, जो अपनी प्रजा का सुख – दुख अपना समझें। ”
कविता में विराम चिह्न
“माँ, कह एक कहानी।”
इस पंक्ति में आपको अनेक विराम चिह्न दिखाई दे रहे हैं, जैसे-
- अल्प विराम (,)
- पूर्ण विराम (।)
- उद्धरण चिह्न (” “)
इस कविता में विराम चिह्नों का बहुत अच्छा प्रयोग किया गया है। विराम चिह्न इस कविता में अनेक कार्य कर रहे हैं, जैसे यह बताना कि –
कविता पाठ करते समय कहाँ थोड़ा रुकना है (,), कहाँ अधिक रुकना है (।)
कौन सी पंक्ति किसने कही है? पुत्र ने या माँ ने (” “)
कहाँ प्रश्न पूछा गया है (?)
कौन-सी बात आश्चर्य से बोली गई है (!)
(क) नीचे कविता का एक अंश बिना विराम चिह्नों के दिया गया है। इसमें उपयुक्त स्थानों पर विराम चिह्न लगाइए।
‘राहुल, तू निर्णय कर इसका –
न्याय पक्ष लेता है किसका ?
कह दे निर्भय, जय हो जिसका ।
सुन लूँ तेरी बानी।”
“माँ, मेरी क्या बानी ?
मैं सुन रहा कहानी।
कोई निरपराध को मारे,
तो क्यों अन्य उसे न उबारे ?
रक्षक पर भक्षक को वारे,
न्याय दया का दानी!”
न्याय दया का दानी ?
तूने गुनी कहानी । ”
(ख) अब विराम चिह्नों का ध्यान रखते हुए कविता को अपने समूह में सुनाइए।
उत्तर :
यह कार्य मौखिक रूप में विद्यार्थियों द्वारा किया जाएगा।
पाठ से आगे प्रश्न – अभ्यास (पृष्ठ 11-13)
आपकी बात
(क) “सुन, उपवन में बड़े सबेरे,
तात भ्रमण करते थे तेरे,
आप या आपके परिजन भ्रमण के लिए कहाँ-कहाँ जाते हैं? और क्यों?
उत्तर :
मैं तो सुबह-शाम बगीचे में टहलने जाती हूँ/जाता हूँ, ताकि स्वच्छ वायु प्राप्त कर स्वयं को रोगमुक्त रख सकूँ।
मेरे माता- पिता प्रतिदिन सुबह लंबी सैर करने के लिए जाते हैं ताकि स्वस्थ रहें।
मेरे दादा-दादी घर के सामने छोटे-से खाली स्थान पर ही भ्रमण कर लेते हैं ताकि अपने शरीर में स्फूर्ति ला सकें। वे ज़्यादा चल नहीं पाते इसलिए घर के पास ही जाते हैं।
(ख) इस पाठ में एक माँ अपने पुत्र को कहानी सुना रही है। आप किस-किस से कहानी सुनते हैं या थे? आप किसको और कौन – सी कहानी सुनाते हैं?
उत्तर :
मैं आज भी अपने नानाजी से कहानियाँ सुनती हूँ / सुनता हूँ, क्योंकि मुझे कहानी सुनना बहुत अच्छा लगता है। वे मुझे हमारे प्राचीन ग्रंथों पर आधारित कहानियाँ सुनाते हैं।
मैं वही कहानियाँ अपने मित्रों को सुनाती हूँ/ सुनाता हूँ। उन्हें इनमें बहुत दिलचस्पी रहती है।
(ग) माँ ने कहानी सुनाने के बीच में एक प्रश्न पूछ लिया था। क्या कहानी सुनाने के बीच में प्रश्न पूछना सही है? क्यों?
उत्तर :
कहानी के बीच में प्रश्न पूछना सही होता है क्योंकि इससे एक तो यह पता चलता है कि कहानी सुनने वाला सही ढंग से मन लगाकर कहानी सुन भी रहा है या नहीं।
दूसरी ओर प्रश्न पूछने से कहानी सुनने वाले की जिज्ञासा भी लगी रहती है।
(घ) कविता में बालक अपनी माँ से बार – बार ‘वही’ कहानी सुनने की हठ करता है। क्या आपका भी कभी कोई कहानी बार-बार सुनने का मन करता है? अगर हाँ, तो वह कौन-सी कहानी है और क्यों ?
उत्तर :
हाँ, मेरा भी कई कहानियाँ बार-बार सुनने का मन करता है और वे पुरानी भी लगती हैं। जैसे- महाभारत के युद्ध की कहानी, राम के वनगमन की कहानी, भक्त प्रह्लाद की कहानी आदि ।
निर्णय करें
“राहुल, तू निर्णय कर इसका –
नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। बताइए कि इन स्थितियों में आप क्या करेंगे?
प्रश्न 1.
खेलते समय आप देखते हैं कि एक मित्र ने भूल से एक नियम तोड़ा है।
उत्तर :
अगर मेरे मित्र ने भूल से नियम तोड़ा होगा तो मैं उसे प्यार से अपनी गलती मान लेने की सलाह दूँगा / दूँगी और यह समझाऊँगी / समझाऊँगा कि सदा अच्छा खेलना चाहिए, हार-जीत की परवाह नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न 2.
एक सहपाठी को कक्षा में दूसरों द्वारा चिढ़ाया जा रहा है।
उत्तर :
मैं सभी सहपाठियों को रोकने की कोशिश करूँगी/करूँगा। जिस सहपाठी को चिढ़ाया जा रहा है। उसे यह सलाह दूंगी / दूँगा कि कोई कुछ भी गलत कहे तो उसकी परवाह न करे लेकिन यदि कोई अधिक परेशान करे तो उसके विरूद्ध कदम भी उठाना चाहिए।
प्रश्न 3.
एक समूह परियोजना के बीच एक सहपाठी अपने भाग का कार्य नहीं कर रहा है।
उत्तर :
उसे कार्य करने हेतु सचेत करूँगी / करूँगा। यह भी जानने का प्रयास अवश्य करूँगी / करूँगा कि उसके काम न करने का क्या कारण है? अगर कोई विशेष कारण होगा तो अवश्य ही उसके हिस्से का कार्य स्वयं करने का भी प्रयास करूँगा/करूँगी।
प्रश्न 4.
आपके दो मित्रों के बीच एक छोटी-सी बात पर तर्क-वितर्क हो रहा है।
उत्तर :
दोनों को प्रेमपूर्वक समझाने का प्रयास करूँगा / करूँगी और पूरी कोशिश रहेगी कि उनकी मित्रता पर आँच न आए।
प्रश्न 5.
एक सहपाठी को कुछ ऐसा करने के लिए अनुचित रूप से दंडित किया जा रहा है जिसे उसने नहीं किया।
उत्तर :
यदि मेरे किसी सहपाठी को अनुचित रूप से दंडित किया जा रहा है, जिसे उसने किया ही नहीं तो मैं उसके लिए अवश्य आवाज़ उठाऊँगी/ उठाऊँगा ।
प्रश्न 6.
एक सहपाठी प्रतियोगिता में हार जाने पर उदास है।
उत्तर :
यदि मेरा कोई सहपाठी प्रतियोगिता में हार जाने पर उदास है तो उसको ढाँढ़स बँधाकर समझाने का प्रयास करूँगी/करूँगा और यह समझाऊँगा / समझाऊँगी कि हार-जीत तो प्रतियोगिता का एक पहलू है। हमें अपना कार्य सच्ची भावना से करना चाहिए।
प्रश्न 7.
कक्षा में चर्चा के बीच एक सहपाठी संकोच कर रहा है और बोलने का अवसर नहीं पा रहा है।
उत्तर :
यदि ऐसा हो तो मैं अपने मित्र को बोलने हेतु प्रोत्साहित करूँगा/करूँगी। अगर अपने विचार प्रस्तुत करने पर यदि वह जरा भी डगमगाएगा तो मैं उसका पूरा साथ दूँगा / दूँगी।
प्रश्न 8.
सहपाठी किसी विषय में संघर्ष कर रहा है और आपसे सहायता माँगता है।
उत्तर :
मेरा सहपाठी यदि किसी विषय में संघर्ष कर रहा होगा तो मैं उसका पूरा साथ दूँगा / दूँगी। अपनी दिनचर्या में से उसे थोड़ा पढ़ाने की कोशिश करूँगा/करूंगी, क्योंकि यदि वह मेरे घर से दूर भी रहता होगा/होगी तो मैं ऑनलाइन भी पढ़ाने का प्रयत्न करूँगा/करूँगी।
सुनी कहानी
हमारे देश और विश्व में अनेक कहानियाँ लोग एक-दूसरे को सैकड़ों-हजारों सालों से सुनते-सुनाते रहे हैं। इन कहानियों को लोककथाएँ कहते हैं। अपने घर या आस-पास सुनी-सुनाई जाने वाली किसी लोककथा को लिखकर कक्षा में सुनाइए। आपने जिस भाषा में लोककथा सुनी है या जिस भाषा में आप लोककथा लिखना चाहें, सकते हैं। कक्षा के सभी समूहों द्वारा एकत्रित लोककथाओं को जोड़कर एक पुस्तिका बनाइए और कक्षा के पुस्तकालय में उसे सम्मिलित कीजिए ।
उत्तर :
1. यह एक रोचक कार्य है। यदि कोई विद्यार्थी कहानी न सुन पाए या एकत्रित न कर पाए तो वह अपने विद्यालय के पुस्तकालय से कहानी का संकलन भी कर सकता है। ऐसा करने से वह कक्षा पुस्तिका का हिस्सा बनेगा और स्वयं को हीन नहीं समझेगा।
आज की पहेली
नीचे कुछ पहेलियाँ दी गई हैं। इनके उत्तर आपको कविता में से मिल जाएँगे। पहेलियाँ बूझिए-
पहेली 1
नानी की बेटी है कौन?
मामा की बहना है कौन?
भार्या है पिता की कौन?
भाभी है चाचा की कौन ?
पहेली 2
आसमान में उड़-उड़ जाए,
तरह-तरह के गाने गाए,
पर फैलाकर करता सैर,
दो हैं जिसके पर और पैर ।
पहेली 3
बागों में जो सुगंध फैलाती,
फूल-फूल में बसती गाती,
हवा-हवा में घुल- मिल जाए,
कौन है जो यह नाम बताए ?
उत्तर :
पहेली 1 – माँ
पहेली 2 – हंस
पहेली 3 – तितली
खोजबीन के लिए
माँ, कह एक कहानी
https://www.youtube.com/
watch?v=nQUltEEDx4s&ab_channel=NCERTOFFICIAL
हंस किसका
https://www.youtube.com/
watch?v=O6Jnj49jMGc&ab_channel=NCERTOFFICIAL
मैथिलीशरण गुप्त द्वारा एक कविता का पाठ
channel-PrasarBharatiArchives