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Class 6th SST Chapter 7 Question Answer in Hindi Medium
Social Science Class 6 Chapter 7 Question Answer in Hindi
कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान पाठ 7 के प्रश्न उत्तर in Hindi भारत की सांस्कृतिक जड़ें
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर ( पृष्ठ 105 )
प्रश्न 1.
वेद क्या हैं? इनका संदेश क्या है?
उत्तर:
हिंदू धर्म और विश्व का प्राचीनतम ग्रंथ वेदों को माना गया है। वेद भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चिंतन का आधार है। वेद संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है, जिसका अर्थ ‘ज्ञान’ है। वेदों द्वारा प्राप्त ज्ञान मनुष्य को अच्छे और सच्चे जीवन को जीने की प्रेरणा प्रदान करता है। वेदों की संख्या चार है-
* ऋग्वेद- ईश्वर के मंत्रों और देवी-देवताओं की प्रार्थनाओं पर आधारित है। अग्नि इंद्र, सोम, रुद्र, विष्णु, वरुण, सरस्वती, उषा आदि देवी-देवताओं का वर्णन है। ऋग्वेद धर्म, दर्शन, नीति और संस्कृति के ज्ञान का भंडार हैं। यह भारतवर्ष में धार्मिक, दार्शनिक, नैतिक, सामाजिक जीवन और इतिहास की गहन जानकारी प्रदान करता है।
* यजुर्वेद – गद्यात्मक शैली में धार्मिक कार्यों की प्रक्रिया का विस्तार वर्णन करता है।
* सामवेद- इसमें संगीतमय शैली में धार्मिक अनुष्ठान, हवन, प्रार्थनाओं और मंत्रों का वर्णन है।
* अथर्ववेद- इसमें आरोग्य, आयुर्वैदिक चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा व संपदा के लिए मंत्र और प्रार्थनाएँ हैं। आधुनिक जीवन में वैदिक संदेश, क्रियाएँ और पाठ बहुत लाभकारी सिद्ध होंगे। वेद भारतीय संस्कृति के धरोहर हैं, जो सदियों से मानव को ज्ञान के मार्ग पर अग्रसर करने आ रहे हैं।
प्रश्न 2.
प्रथम सहस्त्राब्दी सा.सं.पू. में भारत में कौन-कौन से नए दर्शन/मत उभरे ? इनके मूल सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर:
इस समय के दौरान भारत में कई धार्मिक मतों का जन्म हुआ। उस समय वैदिक ज्ञान से अन्य दर्शनों का भी उत्कर्ष हुआ-
* वेदांत ज्ञान का भंडार है और कई तरीकों से मनुष्य को धार्मिक ज्ञान और समझ प्रदान करता है।
* योग की भी मान्यता बड़ी है। भारत के लोगों में प्रचलित योग, चेतना और ब्रह्मा का आत्मबोध व सामंजस्य प्राप्त करने की प्रेरणा स्त्रोत व आधार बना।
* अन्य माध्यम में-
- पुराण
- उपनिषद्
- शास्त्र
- मनुस्मृती
ये सब हिंदू दर्शन के मूल सिद्धांत भी हैं।
* बौध और जैन मतों का भी जन्म हुआ। इनके मुख्य ज्ञान अहिंसा पर आधारित थे । जैन और बौध मत एक ही पेड़ की अलग-अलग डालों के समान है।
प्रश्न 3.
लोक और जनजातीय परंपराओं का भारतीय संस्कृति में क्या योगदान रहा है?
उत्तर:
लोक और जनजातीय समाज / परंपराओं का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
भारतीय संस्कृति के भिन्न-भिन्न पहलु हैं । विभिन्न सिद्धांतों और विधियों के साथ, मूल संस्कृति एक ही है। अंतर सिर्फ इतना है कि उसको मानने का ढंग अलग है। इसका एक छोटा उदाहरण भाषा का है। भारत में लोग अनेक भाषा बोलते हैं, परंतु उसके साथ ही ऐतिहासिक रूप से संस्कृत भारत की एकता और संस्कृति का प्रतीक है। संस्कृत कई भाषाओं का आधार व जननी है।
- जनजातीय परंपराएँ और संस्कार भारत को श्रेष्ठ और विभिन्न बनाते हैं।
- प्राचीन भारत में अनेक जनजातियों का समूह रहा है। वे किसी-न-किसी रूप में हिंदू दर्शन को ही मानते थे और उससे जुड़े रहे।
- जनजातीय परंपरा और कलाओं में ‘प्रकृति की पूजा’ एक महत्वपूर्ण भाग है। जैसे-पेड़, पौधे, जल, वायु अन्य जीवों की पूजा शामिल है।
- हालांकि भारत में अंग्रेजों के आगमन ने उनको प्रभावित किया था। जनजातीय प्रथाओं और मान्यताओं का भारत की सांस्कृतिक जड़ों में विशेष महत्व है।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ 109)
प्रश्न 1.
क्या आप जानते हैं कि उस समाज को क्या कहते हैं, जहाँ लोग अपने नेता का चयन करते हैं? आपके विचार से लोगों को ऐसी स्थिति से कैसे लाभ होता है? यदि वे अपने द्वारा नहीं चुने गए नेता के अधीन रहते हैं तो क्या हो सकता है? ( संकेत – ‘ शासन और लोकतंत्र’ विषय में आपने जो पहले पढ़ा है, उस पर विचार कीजिए) अपने विचार 100-150 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
इतिहास में प्रत्यक्ष लोकतंत्र के साक्ष्य मिलते हैं, जहाँ समुदाय द्वारा आम चुनाव या सभा द्वारा नेता चुनने के निर्णय लिए जाते हैं। आज लोकतंत्र का प्रमुख स्वरूप प्रतिनिधि चयन लोकतंत्र है। नागरिक अपने वोट द्वारा शासन या सत्ता चलाने के लिए नेता को चुनते हैं। संसदीय लोकतंत्र में जनता ऐसी स्थिति से लाभ उठा सकती है।
(i) प्रतिनिधित्व – आम जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है। लोगों की आवाज़ उनके द्वारा चुने गए नेताओं द्वारा सुनी जाती है।
(ii) जवाबदेही – चुना गया नेता उन लोगों के प्रति जवाबदेही होता है, जिन्होंने उसे वोट दिया है। जनता की अपेक्षाएँ, समाज के विकास और जनता की आवश्यकताओं के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया व कार्यप्रणाली बेहतर हो सकती है।
(iii) सक्रिय भागीदारी – लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नागरिकों की सहभागिता और निर्णय लेने में भागीदारी को प्रोत्साहन मिलता है। सक्रिय और जागरूक नागरिक सही नेता चुनने के प्रति सजग होते हैं । लोकतांत्रिक तरीकों से नेताओं का चयन समानता को बढ़ावा देता है। हर वर्ग व समुदाय के नागरिक को इस तरह अपनी आवाज उठाने और उम्मीदवार चुनने का मौका मिलता है।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बिना चुने नेता जनता की स्थिति, आवश्यकताओं को नहीं समझ पाते। उनका उद्देश्य सामाजिक विकास न होकर अपनी सत्ता को बनाए रखने तक केंद्रित हो जाता है। निरंकुश या तानाशाही शासक अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक सुख-समृद्धि को ऊपर रखने लगता है। जनता की आवाज़ दबकर रह जाती है। उदाहरण है अंग्रेजों का शासन। भारत में लगभग 200 साल राज करते हुए भारत को लूटा और गरीब देश के रूप में बदल दिया। सोने की चिड़िया के रूप में लोकप्रिय देश अविकसित और गरीबी वाले देश के रूप में बदल दिया गया।
प्रश्न 2.
उपर्युक्त चित्र में बुद्ध को कैसे दर्शाया गया है? इस पर चर्चा कीजिए ।
• क्या आप भारत के कुछ राज्यों या कुछ अन्य देशों के नाम बता सकते हैं जहाँ आज भी बौद्ध मत एक प्रमुख मत है। इन स्थानों को विश्व के मानचित्र पर अंकित करने का प्रयास कीजिए ।
उत्तर:
उपर्युक्त चित्र लगभग 1,800 वर्ष पुरानी पत्थर की कृति है, जिसमें भगवान बुद्ध उपदेश देते हुए दिखाए गए हैं। बुद्ध एक गुरु और शिक्षिक के रूप में अपने अनुयायियों से घिरे हैं। बुद्ध आध्यात्मिक ज्ञान और शांति के मार्ग पर चलने का संदेश देते प्रतीत होते हैं। भारत में आज अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, सिक्किम, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, नागालैंड, धर्मशाला क्षेत्रों में बौद्ध धर्म प्रमुख है।
बौद्ध धर्म का पालन करने वाले देश-
चीन, जापान, कम्बोडिया, मंगोलिया, भूटान, नेपाल, म्यांमार, तिब्बत, श्रीलंका में आज भी बौद्ध धर्म एक प्रमुख धर्म है।
प्रश्न 3.
उपरोक्त भित्तिचित्र (नई दिल्ली के एक जैन मंदिर से ) का अवलोकन कीजिए। इसमें क्या विशेष दिखाई दे रहा है? इसमें क्या संदेश निहित है ?
उत्तर:
भित्तिचित्र में शेर और गाय को एक ही बर्तन से पानी पीते हुए दर्शाया गया है। प्राकृतिक शत्रु होते हुए भी सत्संगति के प्रभाव से शत्रुता अथवा बैर की भावना समाप्त हो जाती है। शांतिपूर्ण व्यवहार और नम्रता से रहने की प्रेरणा प्राप्त होती है। यह भित्तिचित्र सभी जीवों और प्रकृति के तालमेल का भी प्रतीक है।
आइए विचार करें ( पृष्ठ 110 )
प्रश्न 1.
क्या आपने इस महत्त्वपूर्ण संदेश को प्रदान करने वाली कोई अन्य कहानी सुनी या पढ़ी है ? उनसे आपको किन मूल्यों की शिक्षा मिली?
उत्तर:
जातक कथाएँ अनुपम संदेश देती हैं। इसी प्रकार पंचतंत्र की कहानियाँ नैतिकता और जीवन मूल्यों को सिखाती हैं। ये कहानियाँ सरल तरीके से जीवन में अच्छाई और बुराई के परिणामों को समझा देती हैं। उदाहरण के लिए, “चतुर खरगोश और शेर” की कहानी है जिससे शिक्षा मिलती है कि बुद्धि के बल पर जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना किया जा सकता है। जातक कहानी “ भूखी शेरनी ” आत्म बलिदान और परम करुणा का संदेश देती है।
एन.सी.ई.आर.टी. प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएँ (पृष्ठ 122)
प्रश्न 1.
यदि आप नचिकेता होते तो आप यम से कौन-से प्रश्न पूछते ? इन्हें 100-150 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
नचिकेता और मृत्यु के देवता यमराज के बीच संवाद का वर्णन ‘कठोपनिषद्’ में मिलता है। यदि मैं नचिकेता होती, तो यम से निम्नलिखित प्रश्न पूछती –
- शरीर की मृत्यु के पश्चात क्या होता है?
- आत्मा क्या है? मृत्यु के बाद आत्मा कैसे यात्रा करती है?
- पुनर्जन्म अर्थात नए शरीर की प्राप्ति का निर्णय किस आधार पर लिया जाता है?
- मृत्यु एवं जन्म का रहस्य क्या है?
- आत्मा अजर-अमर है तो स्वर्ग की प्राप्ति किस प्रकार होगी?
- मृत्यु अथवा जीवन-चक्र से कैसे बाहर आया जा सकता है?
- ईश्वर या परमात्मा का कैसे ह्रदय में वास माना जाता है?
प्रश्न 2.
बौद्ध मत के कुछ केंद्रीय विचारों को समझाइए । इन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
बौद्ध मत वेदों के प्राधिकार क्षेत्र से बाहर गया। शाक्य वंश के राजा शुद्धोधन और रानी माया देवी के पुत्र राजकुमार सिद्धार्थ ने वैराग्य के मार्ग को अपनाया । बोधगया (बिहार) में पीपल के वृक्ष के नीचे काफी समय तक ध्यान में रहने के बाद ज्ञान प्राप्त कर. वे सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के नाम से जाने गए।
बौद्ध मत के केंद्रीय विचार
- दूसरों का बुरा न करें। अंहिसा का पालन आवश्यक है।
- आंतरिक अनुशासन को निष्ठापूर्वक जीवन में उतारे।
- अविद्या और मोह का त्याग करना चाहिए।
- गौतम बुद्ध ने संघ की स्थापना की। इसमें सामाजिक बंधनों से मुक्त होकर, सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को जीवन का आधार बनाएँ और कठोर नियमों का पालन करें। भिक्षुओं और आगे चलकर भिक्षुणियों ने बौद्ध मत का प्रसार किया।
• सदा सत्य और सत्कर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।
प्रश्न 3.
बुद्ध के उस उद्धरण पर कक्षा में चर्चा कीजिए जो इस प्रकार है- “जल से व्यक्ति शुद्ध नहीं हो सकता, जबकि कई लोग यहाँ ( पवित्र नदी में) स्नान करते हैं ” ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सबको इसका अर्थ समझ में आ गया है।
उत्तर:
सच्ची पवित्र भावना और शुद्ध व्यवहार केवल नदियों में स्नान करने से नहीं प्राप्त होती । मन की अशुद्धता को सत्कर्मों और गहन अनुशासन से दूर किया जा सकता है। सिर्फ धार्मिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के स्थान पर आंतरिक अनुशासन और अहिंसा पर बल देना चाहिए । अध्यात्मिक साधना के द्वारा मन को जीता जा सकता है।
प्रश्न 4.
जैन मत के कुछ मुख्य विचारों को समझाइए । इन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
जैन मत में अहिंसा को सर्वोपरि माना गया है। विचारों की हिंसा से भी बचना चाहिए। किसी के प्रति बुरी भावना न रखें। जैन मत में जीवों और मनुष्य के बीच परस्पर निर्भरता पर जोर दिया गया । पुनर्जन्म के चक्र का निर्धारण कर्म पर आधारित होता है। अहिंसा का सदैव पालन करना चाहिए। मनुष्य, पौधों और जानवरों को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए।
प्रश्न 5.
कक्षा में आंद्रे बेते के कथन पर विचार – विर्मश कीजिए ।
उत्तर:
भारतीय समाजशास्त्री आंद्रे बेते के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में हज़ारों जातियाँ और जनजातियाँ इतिहास आपस में एक-दूसरे की धार्मिक प्रथाओं और विश्वासों को प्रभावित करती रही हैं। हिंदू दर्शन का प्रभाव जनजातीय धर्मों पर पड़ा, साथ ही जनजातियों की आस्थाओं और प्रथाओं का हिंदू दर्शन पर बहुत प्रभाव पड़ा। इस परस्पर संपर्क से आपसी समृद्धि हुई । प्राचीन भारत की विभिन्न जनजातियों की मान्यताएँ और रीति-रिवाज ने हिंदू धर्म के ऊपर प्रभाव डाला। ये भारत की सांस्कृतिक जड़ों में विशेष स्थान रखती हैं।
प्रश्न 6.
अपने स्थानीय क्षेत्र में लोकप्रिय देवी- देवताओं तथा उनसे जुड़े त्योहारों की एक सूची बनाइए ।
उत्तर:
1. भगवान राम-
(i) राम नवमी का त्योहार
(ii) दीपावली
(i) राम नवमी भगवान राम के जन्म का उत्सव है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम भगवान विष्णु के अवतार हैं और चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) में उनके जन्म का त्योहार पूरे देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है।
(ii) दीपावली – कार्तिक मास (अक्टूबर- नवंबर) की अमावस्या को दीपावली के त्योहार को अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी के अयोध्या लौटने की खुशी में दीप जलाए जाते हैं।
2. हनुमान जयंती – भगवान हनुमान के जन्म के उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाया जाता है।
3. कृष्ण जन्माष्टमी – विष्णु जी के अवतार प्रभु कृष्ण का जन्म दिवस मनाया जाता है।
4. गणेश चतुर्थी – यह हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। भारत के विभिन्न भागों में विशेषकर महाराष्ट्र और कर्नाटका में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
5. (i) दुर्गा पूजा – माँ दुर्गा की आराधना की जाती है। माँ शक्ति और अच्छाई का प्रतिनिधित्व करती हैं। राक्षसों को मारकर और बुराई मिटाने का प्रतीक है – दुर्गा पूजा त्योहार |
(ii) नवरात्रि त्योहार – माँ दुर्गा और वैष्णों देवी की शक्ति और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक के रूप में नवरात्रि मनाया जाता है।
6. महाशिवरात्रि – फाल्गुन माह में शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। भगवान शिव का यह त्योहार भारत के साथ-साथ दुनिया के कई अन्य देशों में भी मनाया जाता है।
प्रश्न 7.
कक्षा की गतिविधि के रूप में अपने क्षेत्र या राज्य के दो या तीन जनजातीय समूहों की सूची बनाइए। इनमें से कुछ की परंपरा और विश्वास प्रणालियों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
1. भील जनजाति – उदयपुर की पर्वत शृंखलाओं और राजस्थान में भारत की सबसे बड़ी जनजाति भील है। ये भीली भाषा बोलते हैं। उनके उत्सवों में घूमर नृत्य प्रमुख है। इनका बाणेश्वर मेला लोकप्रिय है।
2. गोंड जनजाति – मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र तथा महाराष्ट्र, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के कुछ भागों में गोंड जनजाति फैली है। गोंड अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते हैं।
3. मुंडा जनजाति – झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिशा के कुछ भागों में व्याप्त है। इनकी भाषा मुंडारी है। नूपुर नृत्य इन्हें प्रिय है। मुंडा जनजातियाँ माँगे, फागु और सरहौल त्योहार मनाती हैं।
4. संथाल जनजाति – यह पश्चिम बंगाल की प्रमुख जनजाति है। यह झारखंड की भी बड़ी जनजाति है। संथाली नृत्य और संगीत लोकप्रिय है। ये प्राकृतिक देवताओं और दैविक शक्तियों की पूजा करते हैं। उदाहरण- परमेश्वर सिंगबोंगा की पूजा ।
5. बोडो जनजाति – नागालैंड, असम के क्षेत्रों में बोडो जनजाति पाई जाती है। हथकरघा वस्तुएँ इनकी संस्कृति का विशेष अंग है। यह बसंत ऋतु में भगवान शिव को समर्पित उत्सव मनाते हैं।
सही या गलत
1. वैदिक ऋचाओं को ताड़ – पत्र की पांडुलिपियों पर लिखा गया है।
2. वेद भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथ हैं।
3. वैदिक कथन “ एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति” में बह्मांड की शक्तियों की एकता की मान्यता प्रकट होती है।
4. बौद्ध मत वेदों से अधिक पुराना है।
5. जैन मत का उद्भव बौद्ध मत की एक शाखा के रूप में हुआ।
6. बौद्ध और जैन मत दोनों ही शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व तथा सभी जीवों को नुकसान न पहुँचाने का समर्थन करते हैं।
7. जनजातीय विश्वास परंपराएँ आत्मा और छोटे देवों तक सीमित हैं।
उत्तर:
1. सही
2. सही
3. गलत
4. गलत
5. गलत
6. सही
7. गलत
कक्षा गतिविधि
प्रश्न- एक नाटक का मंचन कीजिए, जिसमें मृत्यु के देवता यम से अनेक बच्चे नचिकेता के रूप में जीवन के बारे में प्रश्न पूछ रहे हैं।
उत्तर:
अध्यापक के मार्ग-दर्शन और दिशा-निर्देश के अनुसार विद्यार्थीगण अलग-अलग पात्रों की भूमिका निभाएँगे।