Parents use Class 6 Science Important Questions and Class 6 Science Chapter 2 Extra Questions and Answers in Hindi सजीव जगत में विविधता to help their children understand concepts.
Class 6 Science Chapter 2 Extra Questions and Answers in Hindi Medium सजीव जगत में विविधता
(अ) अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या आप अपने घर के आस-पास ऐसे पौधे को जानते हैं जिसका तना लंबा परंतु दुर्बल हो? इसका नाम लिखिए। आप इसे किस वर्ग में रखेंगे?
उत्तर:
- हाँ।
- मनी प्लांट, पान।
- आरोही लता।
प्रश्न 2.
निम्न में से किन पत्तियों में जालिका रूपी शिरा – विन्यास पाया जाता है?
गेहूँ, तुलसी, मक्का, घास, धनिया, गुड़हल।
उत्तर:
तुलसी, धनिया, गुड़हल।
प्रश्न 3.
यदि किसी पौधे की जड़ रेशेदार हो तो उसकी पत्ती का शिरा – विन्यास किस प्रकार का होगा ?
उत्तर:
समांतर।
प्रश्न 4.
यदि किसी पौधे की पत्ती में जालिका रूपी शिरा – विन्यास हो तो उसकी जड़ें किस प्रकार की होंगी?
उत्तर:
मूसला।
प्रश्न 5.
क्या आप पत्तियों को देखे बिना उनकी पहचान कर सकते हैं? कैसे?
उत्तर:
बिना देखे हम किसी पत्ती को ठीक से नहीं पहचान सकते। हम पत्ती को छूकर या सूँघकर ही उसके बारे में केवल अनुमान लगा सकते हैं।
प्रश्न 6.
हरे एवं कोमल तने वाले पौधों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
शाक।
प्रश्न 7.
स्थलीय आवास के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वन, घास के मैदान, मरुस्थल, तटीय एवं पर्वतीय क्षेत्र आदि।
प्रश्न 8.
जलीय आवास के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- तालाब
- झील
- नदियाँ
- समुद्र
- दल-दल।
प्रश्न 9.
आवास के मुख्य अजैव घटक कौन-से हैं?
उत्तर:
मिट्टी, वायु, जल, सूर्य का प्रकाश, ऊष्मा आदि।
प्रश्न 10.
कुछ जलीय जीवों के नाम बताओ।
उत्तर:
- मेंढक
- मछलियाँ
- बत्तख
- मोलस्क
- प्रोटोजोआ
- अमीबा
- पैरामीशियम
- कछुआ
- डेगोन मक्खी
- किंगफिशर।
प्रश्न 11.
शुष्क पौधों की जड़ें लंबी और पत्ते नोकदार क्यों होते हैं?
उत्तर:
क्योंकि रेतीली और गर्म शुष्क जगह (जैसे रेगिस्तान) आदि में पेड़-पौधों की जड़ें लंबी पानी की खोज में जाती हैं और पत्ते नुकीले, काँटेदार होते हैं ताकि पानी का वाष्पोत्सर्जन कम हो सके। जैसे- कीकर, बबूल आदि।
प्रश्न 12.
कुछ जलीय पौधों के नाम बताओ?
उत्तर:
लोटस (कमल), लिली, लिली, हाईड्रिला, स्पाईरोगाईरा, वाटर हाईसिंथ (फूलों का पौधा), मारसीलिया, सैलवीनिया, नाईटेला, लैमना आदि।
(ब) लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित के चित्र बनाइए-
(क) पत्ती
(ख) मूसला जड़
उत्तर:
(क) पत्ती-
(ख) मूसला जड़-
प्रश्न 2.
क्या पत्ती के शिरा – विन्यास और जड़ के प्रकार में कोई आपसी संबंध होता है? यदि हाँ तो स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- हाँ।
- जालिका रूपी शिरा – विन्यास युक्तं पत्तियों वाले पौधों की जड़ें मूसला जड़ होती हैं जबकि समांतर शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधों की जड़ें रेशेदार होती हैं।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए समूहों में उस पर गोला लगाओ जो समूह में नहीं आता, इसका आधार भी बताइए।
(क) पीपल, तुलसी, आम, यूकेलिप्टस
(ख) धनिया, पुदीना, जामुन, घास
(ग) गुलाब, मेंहदी, अमरूद, मोरपंखी।
उत्तर:
आधार –
(क) ये सभी पेड़ हैं, जबकि तुलसी पौधा है।
(ख) ये सभी शाकीय पौधे हैं, जबकि जामुन पेड़ है।
(ग) ये सभी झाड़ी हैं, जबकि अमरूद पेड़ है।
प्रश्न 4.
शाक, झाड़ी, वृक्ष, विसर्पी लता एवं आरोही लता, प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(क) शाक – धनिया, पुदीना
(ख) झाड़ी – मेंहदी, गुलाब
(ग) वृक्ष – आम, पीपल
(घ) विसर्पी लता – तरबूज, ककड़ी
(ङ) आरोही लता पान, मनी प्लांट।
प्रश्न 5.
अनुकूलन क्या है?
उत्तर:
सजीवों की सभी किस्मों में ऐसी कुछ विशिष्ट संरचनाएँ होती हैं जो उन्हें अपने परिवेश में रहने योग्य बनाती हैं जिसमें वे प्रायः पाए जाते हैं। जिन विशिष्ट संरचनाओं अथवा स्वभाव की उपस्थिति किसी पौधे अथवा जंतु को उसके परिवेश में रहने के योग्य बनाती है, अनुकूलन कहते हैं। विभिन्न जंतु भिन्न प्रकार के परिवेश के प्रति अलग-अलग रूप से अनुकूलित हो सकते हैं।
प्रश्न 6.
मरुस्थलीय परिवेश की क्या विशेषताएँ हैं? ऊँट इन परिस्थितियों के लिए किस प्रकार अनुकूलित हैं?
उत्तर:
मरुस्थल में जल अत्यल्प मात्रा में उपलब्ध होता है। मरुस्थल दिन में बहुत गरम एवं रात में ठंडा होता है। मरुस्थल में पाए जाने वाले पौधे एवं जंतु भूमि पर रहते हैं एवं श्वसन के लिए परिवेश की वायु का उपयोग करते हैं।
ऊँट की शारीरिक संरचना उसे मरुस्थलीय परिवेश में रहने योग्य बनाती है। ऊँट के पैर लंबे होते हैं जिससे उसका शरीर रेत की गरमी से दूर रहता है। उनमें मूत्रोत्सर्जन की मात्रा बहुत कम होती है तथा मल शुष्क होता है। उन्हें पसीना (स्वेद) भी नहीं आता क्योंकि शरीर से जल का ह्रास अत्यल्प होता है। इसलिए जल के बिना भी वे अनेक दिनों तक रह सकते हैं।
प्रश्न 7.
मछलियाँ जलीय जीवन के लिए किस प्रकार अनुकूलित होती हैं?
उत्तर:
मछलियाँ जल में निवास करती हैं। इन सभी का शरीर धारा – रेखीय होता है, उनकी यह आकृति उन्हें जल के अंदर विचरण करने में सहायता करती है। मछलियों का शरीर चिकनी शल्कों से ढका होता है। ये शल्क मछली को सुरक्षा तो प्रदान करते ही हैं साथ ही उन्हें जल में सुगम गति करने में भी सहायक हैं। मछली के पंख एवं पूँछ चपटी होती हैं, जो उन्हें जल के अंदर दिशा परिवर्तन एवं संतुलन बनाए रखने में सहायता करते हैं। मछली के गिल ( क्लोम ) होते हैं जो उसे जल में श्वास लेने में सहायता करते हैं।
(स) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चित्र 2.14 में दिखाए गए पौधों को ध्यान से देखो और बताओ कि ये किस तरह के पौधे हैं? क्या शाक, झाड़ी और वृक्ष पौधों के आकार एक से हैं? कौन-से वर्ग के पौधे सबसे बड़े और कौन-से वर्ग के पौधे सबसे छोटे हैं?
उत्तर:
चित्र 2.14 में दिखाए गए पौधों को ध्यान से देखने से पता चलता है कि ये पौधे एक ही प्रकार के नहीं हैं। ये पौधे शाक, झाड़ी और वृक्ष के वर्ग के हैं। ये सभी एक प्रकार के नहीं हैं। शाक के तने कोमल पतले और छोटे होते हैं। झाड़ी के पौधे काफी फैले होते हैं, इनके तने पतले लेकिन कड़े होते हैं और कुछ कंटीले भी होते हैं। वृक्ष वर्ग के पौधे बहुत बड़े होते हैं तथा इनके तने मोटे, कडे और काफी लंबे होते हैं। इनकी शाखाएँ फैली होती हैं।
शाकीय पौधे सबसे छोटे और पेड़ (वृक्ष) सबसे बड़े वर्ग के पौधे हैं।
प्रश्न 2.
जड़ें कितनी प्रकार की होती हैं, उनके कार्य भी बताओ।
उत्तर:
जड़ें दो प्रकार की हैं –
(a) रेशेदार जड़
(b) मूसला जड़
(a) रेशेदार जड़ – तने के आधार पर जालीदार पतली जड़ों का गुच्छा बन जाता है, इसे रेशेदार जड़ कहते हैं। जैसे-घास, मक्का, गेहूँ, धान आदि।
(b) मूसला जड़ – यह मोटी, सीधी, गहरी जमीन में जाने वाली जड़ है। इसके साथ छोटी-छोटी जड़ें निकलती रहती हैं परंतु मुख्य एक जड़ होती है। जैसे- नीम, आम, मटर आदि की जड़।
प्रश्न 3.
पौधों तथा जंतुओं में परस्पर क्या समानताएँ तथा असमानताएँ हैं?
उत्तर:
समानताएँ-
- दोनों को भोजन, पानी और वायु चाहिए। इसके बिना जीवन संभव नहीं है।
- ये वृद्धि करते हैं और समय के अनुसार इनका आकार बदलता है।
- ये गति करते हैं। इनके शरीर के अंग आंतरिक और बाह्य दोनों गति करते हैं।
- ये संवेदनशील होते हैं और वातावरण के अनुसार क्रिया-प्रतिक्रिया करते हैं।
- ये प्रजनन करते हैं और अपनी वंश वृद्धि करते हैं।
- ये श्वास क्रिया करते हैं और भोजन से ऊर्जा बनाते हैं।
- ये उत्सर्जन करते हैं और बेकार की चीजें शरीर में नहीं रहने देते।
- ये कोशिकाओं से बनते हैं।
- इनका निश्चित जीवन – काल होता है फिर मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
असमानताएँ-
- पौधे स्वयंपोषी हैं जबकि जंतु परपोषी।
- पौधे स्थिर हैं, जीव स्थिर नहीं रहते।
- पौधे बीजों से या अन्य भागों से वंश वृद्धि करते हैं जबकि जीव अंडों से या बच्चों को जन्म देते हैं।
- पौधे जीवन-भर वृद्धि करते रहते हैं जबकि जीवों की वृद्धि एक आयु तक ही होती है।
- पौधे कम संवेदनशील होते हैं जबकि जीव अधिक संवेदनशील होते हैं।
(द) वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए-
(i) सामान्यतः पौधों का वर्गीकरण उनकी ऊँचाई, तने एवं शाखाओं के आधार पर शाक, झाड़ी एवं वृक्ष में किया जाता है।
(ii) जिन पौधों की पत्तियों में जालिका रूपी शिरा-विन्यास होता है उनकी जड़ें रेशेदार होती हैं।
(iii) तने द्वारा जड़ों से पत्तियों (और दूसरे भागों) को जल और पत्तियों से भोजन, पौधों के अन्य भागों तक पहुँचता है।
(iv) विभिन्न प्रकार के पौधे और जंतु एक ही आवास में एक साथ रह सकते हैं।
(v) समुद्र में जंतु तथा पौधे लवणीय जल में रहते हैं।
(vi) याक पर्वतीय क्षेत्र का जंतु है।
(vii) केंचुआ त्वचा द्वारा श्वसन करता है।
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii) सत्य।
(iv) सत्य
(v) सत्य
(vi) सत्य
(vii) सत्य
प्रश्न 2.
सुमेलित कीजिए-
कॉलम ‘अ’ | कॉलम ‘ब’ |
शाक | मिट्टी से जल एवं खनिज का अवशोषण |
झाड़ी | कमजोर तने वाले पौधे जो जमीन पर रेंगकर आगे बढ़ते हैं। |
वृक्ष | कठोर और मोटा तना |
विसर्पी लता | हरा एवं कोमल तना |
आरोही लता | चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है। |
जड़ | कठोर और पतला तना |
उत्तर:
कॉलम ‘अ’ | कॉलम ‘ब’ |
शाक | हरा एवं कोमल तना |
झाड़ी | कठोर और पतला तना |
वृक्ष | कठोर और मोटा तना |
विसर्पी लता | कमजोर तने वाले पौधे जो जमीन पर रेंगकर आगे बढ़ते हैं। |
आरोही लता | चढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है। |
जड़ | मिट्टी से जल एवं खनिज का अवशोषण |
प्रश्न 3.
सही विकल्प का चयन कीजिए-
(i) हरे एवं कोमल तने वाले पौधे कहलाते हैं-
(क) शाक
(ख) झाड़ी
(ग) वृक्ष
(घ) विसर्पी।
उत्तर:
(क) शाक
(ii) कठोर, मोटे और ऊँचे पौधे कहलाते हैं-
(क) शाक
(ख) झाड़ी
(ग) वृक्ष
(घ) आरोही।
उत्तर:
(ग) वृक्ष
(iii) कठोर किंतु पतले तने वाले पौधे हैं-
(क) शाक
(ख) झाड़ी
(ग) वृक्ष
(घ) आरोही।
उत्तर:
(ख) झाड़ी
(iv) सहारा लेकर चढ़ने वाले पौधे कहलाते हैं-
(क) शाक
(ख) झाड़ी
(ग) वृक्ष
(घ) आरोही।
उत्तर:
(घ) आरोही।
प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) पौधे एवं जंतुओं में पाए जाने वाले विशिष्ट लक्षण जो उन्हें आवास विशेष में रहने योग्य बनाते हैं, ……………………… कहलाते हैं।
(ख) स्थल पर पाए जाने वाले पौधों एवं जंतुओं के आवास को ……………………… आवास कहते हैं।
(ग) वे आवास जिनमें जल में रहने वाले पौधे एवं जंतु रहते हैं, ……………………… आवास कहलाते हैं।
(घ) हमारे परिवेश में होने वाले परिवर्तन जिनके प्रति हम अनुक्रिया करते हैं, ……………………….. कहलाते हैं।
उत्तर:
(क) अनुकूलन
(ख) स्थलीय
(ग) जलीय
(घ) उद्दीपन।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित सूची में कौन-सी निर्जीव वस्तुएँ हैं?
हल, छत्रक, सिलाई मशीन, रेडियो, नाव, जलकुंभी, केंचुआ।
उत्तर:
हल, सिलाई मशीन, रेडियो, नाव।
प्रश्न 6.
किसी ऐसी निर्जीव वस्तु का उदाहरण दीजिए जिसमें सजीवों के दो लक्षण परिलक्षित होते हैं।
उत्तर:
बादल। यह गति करता है तथा वृद्धि करता है।
प्रश्न 7.
निम्न में से कौन-सी निर्जीव वस्तुएँ किसी समय सजीव का अंश थीं?
मक्खन, चमड़ा, मृदा, ऊन, बिजली का बल्ब, खाद्य तेल, नमक, सेब, रबड़।
उत्तर:
मक्खन, चमड़ा, ऊन, खाद्य तेल, सेब, रबड़।
प्रश्न 8.
सजीवों के विशिष्ट लक्षण सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
सजीवों के लक्षण इस प्रकार हैं-
- पोषण
- वृद्धि
- श्वसन
- उत्तेजनशीलता
- उत्सर्जन
- प्रजनन
- गति।
प्रश्न 9.
घास के मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले जंतुओं को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तीव्र गति क्यों आवश्यक है? (संकेत – घासस्थल आवासों में छिपने के लिए वृक्षों की संख्या बहुत कम होती है।)
उत्तर:
घास के मैदान में छिपने के स्थान बहुत सीमित होते हैं। जब कोई शत्रु आक्रमण करता है तो वहाँ रहने वाले जंतुओं को भागकर सुरक्षित स्थानों में पहुँचना होता है। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते तो उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। अतः उन्हें अपना अस्तित्व बचाने के लिए तीव्र गति आवश्यक है।