NCERT Class 6 Hindi Chapter 7 Extra Question Answer जलाते चलो
जलाते चलो Class 6 Hindi Chapter 7 Extra Questions अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
वर्तमान समय में कवि ने कैसे दियों के जलने की बात कही है?
उत्तर :
वर्तमान समय कवि ने में विद्युत से जलने वाले दियों की बात कही है।
प्रश्न 2.
अनगिनत दीप निरंतर कहाँ जलाए जा रहे हैं?
उत्तर :
अनगिनत दीप तिमिर की शिला पर जलाए जा रहे हैं।
प्रश्न 3.
‘दिवस’ शब्द के दो पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर :
दिन, वासर
जलाते चलो Class 6 Hindi Chapter 7 Extra Question Answer लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पहला दीप किसने जलाया था?
उत्तर :
पहला दीप मानव ने जलाया था।
प्रश्न 2.
कैसे दीपक जलाने से प्रकाश फैलेगा?
उत्तर :
‘स्नेह’ का तेल भरकर दीपक जलाने से प्रकाश फैलेगा।
प्रश्न 3.
ये कहानी किसकी है?
उत्तर :
ये कहानी दिये और तूफ़ान की है।
जलाते चलो Class 6 Hindi Chapter 7 Extra Questions दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
” भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा – सी
पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर :
कवि विज्ञान की शक्ति और उसकी अच्छाइयों से अनभिज्ञ नहीं है। विज्ञान के आविष्कार मानव के सतत प्रयास के ही फल हैं। आज हमारे पास सुख-सुविधा के जितने साधन हैं, वे मनुष्य के अथक परिश्रम के ही फल हैं। अपनी कुशलता, समझदारी, बुद्धि के बल पर ही मानव सुखों से भरा ऐश्वर्यपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा है। विज्ञान का उपयोग मानव की भलाई के लिए ही हो, विनाश के लिए नहीं । आज प्रत्येक देश एक-से-एक खतरनाक हथियार बनाने की होड़ में लगा है। हमने अपना प्रेमभरा जीवन छोड़कर मशीनी जीवन अपना लिया है। बिजली के बल्व रोशनी तो दे रहे हैं, उजाला कर रहे हैं, किंतु आवश्यकता है स्नेह के तेल से बने दिये जलाने की अर्थात् प्रेमभाव बढ़ाने की ।
प्रश्न 2.
‘कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा,
इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आज मानव मशीनी जीवन जी रहा है। मशीन को भी आराम और मरम्मत की आवश्यकता होती है। लोगों का मिलकर बैठना समाप्त होता जा रहा है। उत्सवों में मिलना भी क्षणिक हो गया है। हर व्यक्ति और अधिक अमीर बनने की होड़ में रिश्तों को समाप्त करता जा रहा है। प्रेम का केवल दिखावा मात्र फोन के माध्यम से रह गया है। जब हम केवल नाम के मशीनी रिश्ते निभा कर इतिश्री समझ लेते हैं तो दूसरी ओर लोग इस प्रयास में सतत लगे हुए हैं कि हमारा आपसी मेल-जोल दुबारा वापिस आ जाए। जब कोई कार्य निःस्वार्थ भाव से किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है और इस प्रयासरत समूह को भी कभी तो इस तिमिर का अंत करने का उपाय मिल जाएगा।
प्रश्न 3.
‘मगर बुझ स्वयं ज्योति जो दे गए वे
उसी से तिमिर को उजाला मिलेगा’ – पंक्तियों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
विश्व में अनेक ऐसे महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानव-कल्याण में लगा दिया। उन्होंने अपने लिए न सोचकर मानव-कल्याण की भावना को सर्वोपरि स्थान दिया। उन्होंने समाज कल्याण के लिए अपना तन-मन-धन अर्पित कर दिया। वर्तमान काल में भी ऐसे अनेक संस्थाएँ एवं मनुष्य हैं जो समाज – कल्याण के कार्यों में निरंतर संलग्न हैं। उनके द्वारा ज्ञान और प्रेम का प्रकाश दिया गया है और दिया जा रहा है। उसी से बुराइयों का अंत होगा और प्रेम का प्रकाश फैलेगा।
जलाते चलो Class 6 Hindi Chapter 7 Extra Question Answer बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनिए-
(क) विज्ञान में क्या निहित है?
(i) शक्ति
(iii) अँधेरा
(ii) धरा
(iv) दिवस
उत्तर :
(i) शक्ति
(ख) ‘धरा’ शब्द का उचित पर्यायवाची शब्द छाँटिए-
(i) सोम
(ii) वसुंधरा
(iii) वाटिका
(iv) श्यामा
उत्तर :
(ii) वसुंधरा
(ग) ‘अमावस’ का शुद्ध रूप छाँटिए-
(i) अमवस
(ii) अमावस्या
(iii) अमवास
(iv) आमावस
उत्तर :
(ii) अमावस्या
(घ) स्वर्ण – सी शब्द में कौन-सा अलंकार है?
(i) रूपक
(ii) श्लेष
(iii) उपमा
(iv) अनुप्रास
उत्तर :
(iii) उपमा
(ङ) कवि ने कैसे दिये जलाने की बात कहीं है?
(i) मिट्टी के
(ii) सोने के
(iii) स्नेह भरे
(iv) चाँदी के
उत्तर :
(iii) स्नेह भरे
(च) अमावस की रात पूर्णिमा की रात में कैसे परिवर्तित हो जाती है।
(i) बिजली चमकने से
(ii) बिजली के बल्बों के जलने के कारण
(iii) बल्ब लगाने के कारण
(iv) बादल छाने के कारण
उत्तर :
(ii) बिजली के बल्बों के जलने के कारण
(छ) ‘अनगिनत ‘ शब्द में सही उपसर्ग कौन-सा है।
(i) अ
(ii) अन
(iii) अनग
(iv) त
उत्तर :
(ii) अन
(ज) ‘चुनौती’ शब्द का अर्थ है-
(i) चुनाव
(ii) चुनना
(iii) चुनकर
(iv) ललकार
उत्तर :
(iv) ललकार
(झ) दो संयुक्ताक्षर वाले शब्द छाँटिए-
(i) स्वर्ण
(iii) प्रथम
(ii) स्नेह
(iv) शक्ति
उत्तर :
(i) स्वर्ण
जलाते चलो Class 6 Hindi Chapter 7 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
निम्नांकित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रश्न 1.
जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।
भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा -सी,
मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में
घिरी आ रही है अमावस निशा-सी ।
(क) कविता का शीर्षक एवं रचनाकार का नाम लिखिए।
उत्तर :
कविता – ‘जलाते चलो’
रचनाकार – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
(ख) धरा का अँधेरा कब मिटेगा ?
उत्तर :
जब सभी स्नेह रूपी तेल से भरे दिये जलाएँगे तो धरा का ‘अँधेरा स्वत: ही मिट जाएगा।
(ग) अमावस क्या होती है?
उत्तर :
हिंदू कैलेंडर में तिथियाँ चंद्रमा की कलाओं के आधार पर होती हैं। चंन्द्रमा का आकार पूर्णिमा के बाद धीरे-धीरे कम होता जाता है और एक रात वह विलुप्त हो जाता है। जिस रात चंद्रमा दिखाई नहीं देता और पूर्ण रूप से अंधकार भरी रात्रि होती है, उसी को अमावस ( अमावस्या) कहते हैं ।
(घ) पूर्णिमा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
अमावस्या के बाद की रात्रियों में चंद्रमा की कलाएँ बढ़ती जाती हैं। जिस रात चंद्रमा अपने पूर्ण गोलाकार रूप में दिखाई देता है, चाँद की रोशनी से जगमगाती उस रात्रि को पूर्णिमा कहते हैं ।
(ङ) कवि ने अमावस शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया है?
उत्तर :
यहाँ ‘अमावस’ शब्द तूफ़ानों और बुराइयों से भरे अँधेरे के लिए किया गया है क्योंकि अमावस की रात अंधकार से भरी हुई होती है।
प्रश्न 2.
बिना स्नेह विद्युत – दिये जल रहे जो
बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा ।।
जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी,
तिमिर की सरित पार करने तुम्हीं ने
बना दीप की नाव तैयार की थी।
बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर
कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा ।।
(क) कवि क्या बुझाने की बात कह रहा है?
उत्तर :
कवि विद्युत (बिजली) के दिये बुझाने की बात कह रहा है।
(ख) तिमिर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
जैसे अँधेरे में कुछ दिखाई नहीं देता, उसी प्रकार परेशानी में व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है।
(ग) कवि किस पथ की बात कर रहा है?
उत्तर :
कवि प्रेम भरे वातावरण की बात कर रहा है।
(घ) कभी तो किनारा मिलेगा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
कभी तो सहारा मिलेगा।
प्रश्न 3.
युगों से तुम्हीं ने तिमिर की शिला पर
दिये अनगिनत हैं निरंतर जलाए,
समय साक्षी है कि जलते हुए दीप अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए।
मगर बुझ स्वयं ज्योति जो दे गए वे
उसी से तिमिर को उजेला मिलेगा।
(क) शिला का अर्थ स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर :
शिला विशाल और भारी होती है। उसे उसके स्थान से हिलाना असंभव होता है। यहाँ पर बुराइयों को शिला के समान बताया गया है।
(ख) अनगिनत दिये से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
असंख्य लोगों ने प्रेम का दीपक जलाया है। असंख्य और लोग भी इस प्रयास में शामिल होंगे।
(ग) ‘उजेला’ शब्द का अर्थ बताइए ।
उत्तर :
‘उजेला’ शब्द उजाला अर्थात लौ, प्रकाश के लिए आया है।
(घ) पवन ने दीप क्यों बुझाए ?
उत्तर :
बुराई कभी भी अच्छाई को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती, इसलिए पवन ने दीपक बुझाए।
प्रश्न 4.
दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और ‘जलती रहेगी।
रहेगा धरा पर दिया एक. भी यदि
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा ||
(क) दिये और तूफ़ान से क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
दिया ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। तूफ़ान बुराइयों और अंधकार का प्रतीक है।
(ख) यहाँ किस कहानी का उल्लेख किया गया है?
उत्तर :
यहाँ अच्छाई और बुराई का उल्लेख किया गया है। सदियों से समाज में अच्छाई और बुराई दोनों व्याप्त हैं।
(ग) ‘स्वर्ण-सी’ में कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर :
‘स्वर्ण-सी’ में उपमा अलंकार है ।
(घ) ‘जलती रहेगी’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर :
निरंतर जलती रहेगी, कभी नहीं बुझेगी।