हम अनेक किंतु एक NCERT Class 3rd Hindi Veena Chapter 18 Question Answer
हम अनेक किंतु एक Class 3 Question Answer
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
आप किस देश में रहते हैं? आपका प्रदेश कौन-सा है?
उत्तर-
हम भारत देश में रहते हैं। छात्र अपने प्रदेश का नाम बताएँ।
प्रश्न 2.
आपके घर में कौन-सी भाषा बोली जाती है?
उत्तर-
छात्र स्वयं बताएँ कि उनके घर में कौन-सी भाषा बोली जाती है।
प्रश्न 3.
आपके घर के आस-पास के लोग कौन-सी भाषा बोलते हैं?
उत्तर-
छात्र स्वयं बताएँ।
प्रश्न 4.
सभी प्रदेश अलग हैं, लेकिन सबका देश एक है। आपकी मित्रों की टोली में कौन-कौन हैं?
उत्तर-
छात्र अपने उन मित्रों के नाम बताएँ जो अलग-अलग राज्यों के हैं।
सोचिए और लिखिए
प्रश्न 1.
‘हम अनेक हैं किंतु एक हैं’, उदाहरण देकर इस बात को समझाइए।
उत्तर-
जिस तरह हमारे परिवार में माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी आदि सभी होते हैं लेकिन हम सब एक ही परिवार के हैं तथा एक ही घर में रहते हैं, उसी प्रकार देश के अलग-अलग राज्यों में रहने पर भी हम सब भारतवासी ही हैं।
प्रश्न 2.
कविता में भारत के विविध रूप-रंग के बारे में बताया गया है। विविध रूप-रंग का क्या अर्थ है?
उत्तर-
विविध रूप-रंग यानी भिन्न-भिन्न प्रदेशों के प्राणियों के नाक-नक्श, रंग में वहाँ के वातावरण के अनुसार विविधता पाई जाती है।
प्रश्न 3.
‘चल रहे मिला कदम’ इस पंक्ति में किनके कदम मिलाकर चलने की बात कही गई है?
उत्तर-
‘चल रहे मिला कदम’ इस पंक्ति में सभी भारतवासियों के कदम मिलाकर चलने की बात कही गई है।
शब्दों का खेल
प्रश्न 1.
कविता से समान ध्वनि वाले शब्द छाँटकर लिखिए-
प्रदेश – __________, ______________
हम – __________, ______________
रंग – __________, ______________
बोलियाँ – __________, ______________
उत्तर-
प्रदेश – देश, वेश
हम – कदम
रंग – अंग
बोलियाँ – टोलियाँ
प्रश्न 2.
समान ध्वनि वाले कुछ शब्द अपने मन से लिखिए-
बोली – __________, ______________, __________, ______________
एक – __________, ______________, __________, ______________
राग – __________, ______________, __________, ______________
उत्तर-
बोली – होली, रोली, गोली, खोली
एक – नेक, केक, अनेक, फेंक
राग – साग, आग, बाग, नाग
प्रश्न 3.
भूमि शब्द जोड़कर नए शब्द बनाइए-
उत्तर-
समझिए और लिखिए
प्रश्न 1.
कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-
उत्तर-
प्रश्न 2.
सही अर्थ की जोड़ी बनाकर लिखिए-
उत्तर-
प्रश्न 3.
सही अर्थ वाले वाक्य पर सही (✓) का चिह्न लगाइए-
(क) ‘भारतीय वेश एक’ का अर्थ है-
सभी भारतीयों का एक ही पहनावा है।
भारत में अनेक प्रकार की वेश-भूषा है, लेकिन सभी भारतीय एक हैं।
उत्तर-
भारत में अनेक प्रकार की वेश-भूषा है, लेकिन सभी भारतीय एक हैं।
(ख) ‘बोलियाँ हज़ार हैं’ में हज़ार का अर्थ है-
बहुत सारी बोलियाँ हैं।
हज़ार बोलियाँ हैं।
उत्तर-
बहुत सारी बोलियाँ हैं।
पढ़िए और जानिए
चित्र आधारित प्रश्न
प्रश्न 1.
मणिपुर की अथोइबी को खाने में क्या पसंद है?
उत्तर-
एरोम्बा
प्रश्न 2.
महाराष्ट्र की पूर्वा कौन-सी भाषा बोलती है?
उत्तर-
मराठी भाषा
प्रश्न 3.
तमिलनाडु के वेंकट को खाने में क्या पसंद है?
उत्तर-
इडली-सांभर
प्रश्न 4.
गुजरात की हंसा को कौन-सा नृत्य पसंद है?
उत्तर-
गरबा डांडिया
पता कीजिए
आप अपने प्रदेश के आस-पास के तीन-चार प्रदेशों की भाषा, खान-पान, वेश-भूषा, तीज-त्यौहारों के बारे में पता कीजिए और साथियों के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
Class 3 Hindi Chapter 18 हम अनेक किंतु एक काव्यांशों की व्याख्या
1. हैं कई प्रदेश के,
किंतु एक देश के,
विविध रूप-रंग हैं,
भारत के अंग हैं।
भारतीय वेश एक
हम अनेक किंतु एक।
शब्दार्थ- प्रदेश – राज्य, विविध – कई तरह के, अंग – हिस्सा, वेश – पहनावा।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वीणा-1 में संकलित कविता हम अनेक किंतु एक से ली गई हैं। इस कविता में भारतवासियों की अनेकता में एकता की भावना को दर्शाया गया है।
व्याख्या- भारतवासियों के मन की बात बताते हुए कवि कहते हैं कि हम अलग-अलग राज्यों के हैं फिर भी एक देश के ही हैं। हम अलग-अलग रंग-रूप के होते हुए भी भारत का ही हिस्सा हैं। हमारा पहनावा अलग-अलग होने पर भी भारतीय ही हैं क्योंकि हम अनेक होते हुए भी एक हैं यानी हम सब भारतीय ही हैं।
2. बोलियाँ हजार हैं,
टोलियाँ हजार हैं,
कंठ भी अनेक हैं,
राग भी अनेक हैं,
किंतु गीत-बोल एक
हम अनेक किंतु एक।
शब्दार्थ- कंठ – गले से निकला स्वर, राग – सुर या धुन।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वीणा-1 में संकलित कविता हम अनेक किंतु एक से ली गई हैं। इस कविता में भारतवासियों की अनेकता में एकता की भावना को दर्शाया गया है।
व्याख्या- हम चाहे कई तरह की बोलियाँ बोलें, धर्म-जाति के अनुसार चाहे हमारे समूह भी कई हों, हमारे कंठ और राग भी प्रदेशों की विशेषता के अनुसार कई तरह के हों; लेकिन इसके बाद भी हमारे गीत और उनके बोलों में भारतीयता ही समाई हुई है क्योंकि हम अनेक होते हुए भी एक हैं।
3. एक मातृभूमि है,
एक पितृभूमि है,
एक भारतीय हम
चल रहे मिला कदम,
लक्ष्य के समक्ष एक
हम अनेक किंतु एक।
शब्दार्थ- समक्ष – सामने।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वीणा-1 में संकलित कविता हम अनेक किंतु एक से ली गई हैं। इस कविता में भारतवासियों की अनेकता में एकता की भावना को दर्शाया गया है।
व्याख्या- हमारी मातृभूमि (जन्मभूमि) और पितृभूमि (कर्मभूमि) भारत ही है। हम सब भारतीयों का एक ही लक्ष्य है- अपने देश के मान-सम्मान और गौरव को बनाए रखना तथा अपनी विजय पताका पूरे विश्व में फहराना। इसके लिए हम कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं, यानी एक साथ प्रयास कर रहे हैं। हम अनेक होते हुए भी एक हैं।
Class 3 Hindi Chapter 18 हम अनेक किंतु एक पाठ का सारांश
भारत एक प्राचीन देश है। शिक्षा, संस्कृति, सभ्यता आदि सभी बातों में भारत आरंभ से ही उन्नत रहा है। हमारी संस्कृति विविधता में एकता, सहयोग, शांति आदि की शुरू से ही पोषक रही है। अनेक प्रांत, विविध भाषाएँ, वेशभूषाएँ, खान-पान आदि सतही स्तर पर भिन्न-भिन्न प्रतीत होते हैं किंतु मूल स्वरूप में वे अखंड भारत के अविभाज्य अंग हैं। ये सभी मिलकर ही भारत की बुनियाद रखते हैं। प्रस्तुत कविता इन्हीं सब बातों को रेखांकित करती है।