Understanding the question and answering patterns through Class 12 Geography Question Answer in Hindi Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि will prepare you exam-ready.
Class 12 Geography Chapter 2 in Hindi Question Answer विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कौनसा अत्यन्त कम जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है –
(अ) उष्ण और शीत मरुस्थलीय क्षेत्र
(ब) संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तर-पूर्वी भाग
(स) यूरोप का उत्तर-पश्चिमी भाग
(द) पूर्वी एशिया का भाग।
उत्तर:
(अ) उष्ण और शीत मरुस्थलीय क्षेत्र
प्रश्न 2.
जापान का कोबे ओसाका प्रदेश जिस कारण से सघन बसा हुआ है, वह है-
(अ) उत्तम जलवायु
(स) औद्योगीकरण
(ब) भू-आकृति
(द) खनिजों की उपलब्धत।
उत्तर:
(स) औद्योगीकरण
प्रश्न 3.
1750 ई. के आस-पास औद्योगिक क्रान्ति के समय विश्व की जनसंख्या थी –
(अ) 85 करोड़
(स) 55 करोड़
(ब) 95 करोड़
(द) 75 करोड़।
उत्तर:
(स) 55 करोड़
प्रश्न 4.
एशिया महाद्वीप में विश्व जनसंख्या का लगभग कितना प्रतिशत भाग निवास करता है?
(अ) 40 प्रतिशत
(स) 60 प्रतिशत
(ब) 50 प्रतिशत
(द) 70 प्रतिशत
उत्तर:
(स) 60 प्रतिशत
प्रश्न 5.
जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था से सम्बन्धित है-
(अ) उच्च जन्म दर एवं उच्च मृत्यु दर
(ब) जन्म दर समय के साथ घटना
(स) जनसंख्या मंद गति से बढ़ना
(द) मृत्यु दर में कमी आना ।
उत्तर:
(अ) उच्च जन्म दर एवं उच्च मृत्यु दर
प्रश्न 6.
जनगणना 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्या है –
(अ) 102.70 करोड़
(ब) 121.02 करोड़
(स) 126.02 करोड़
(द) 108.80 करोड़
उत्तर:
(ब) 121.02 करोड़
प्रश्न 7.
निम्न में से कौनसा देश विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला देश है-
(अ) चीन
(स) सिंगापुर
(ब) भारत
(द) इण्डोनेशिया
उत्तर:
(स) सिंगापुर
प्रश्न 8.
जब दो समय अन्तरालों के बीच जनसंख्या कम हो जाये तो वह स्थिति कहलाती है-
(अ) जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि
(ब) जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि
(स) जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि
(द) जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि।
उत्तर:
(द) जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जनसंख्या घनत्व से क्या आशय है ?
उत्तर;
भूमि की प्रत्येक इकाई में उस पर निवास कर रहे लोगों की संख्या और भूमि के आकार के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहा जाता है।
प्रश्न 2.
भूमध्य सागरीय प्रदेश इतिहास के आरम्भिक कालों से क्यों बसे हुए हैं?
उत्तर:
भूमध्य सागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण इतिहास के आरंभिक कालों से बसे हुए हैं।
प्रश्न 3.
” एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं। ” यह कथन किस भूगोलवेत्ता का है ?
उत्तर:
यह कथन जॉर्ज बी. क्रेसी का है।
प्रश्न 4.
जनसंख्या का घनत्व ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
किसी देश का वास्तविक धन क्या होता है?
उत्तर;
जनशक्ति या निवास करने वाले लोग किसी देश का वास्तविक धन होते हैं।
प्रश्न 6.
जापान का कौनसा औद्योगिक प्रदेश घना बसा है?
उत्तर:
जापान का कोबे ओसाका प्रदेश घना बसा है ?
प्रश्न 7.
किसने कहा था कि लोगों की संख्या खाद्य आपूर्ति की अपेक्षा अधिक तेजी से बढ़ेगी?
उत्तर:
थॉमस माल्थ्स।
प्रश्न 8.
अफ्रीका के एक खनिज क्षेत्र का नाम बताइये जहाँ घनी जनसंख्या पायी जाती है।
उत्तर:
कटंगा- जाम्बिया तांबा क्षेत्र ।
प्रश्न 9.
विश्व जनसंख्या में भारत की जनसंख्या का क्या अनुपात है?
उत्तर:
विश्व जनसंख्या में प्रत्येक छः व्यक्तियों में एक भारतीय है।
प्रश्न 10.
विश्व की जनसंख्या में प्रति वर्ष कितने लोगों की वृद्धि होती है ?
उत्तर:
विश्व की जनसंख्या में प्रतिवर्ष 8 करोड़ लोगों की वृद्धि होती है।
प्रश्न 11.
अशोधित जन्म दर ( CBR ) को ज्ञात करने का सूत्र लिखिये ।
उत्तर:
अशोधित जन्म दर =
प्रश्न 12.
विश्व जनसंख्या में चीन की जनसंख्या का क्या अनुपात है?
उत्तर:
विश्व जनसंख्या में प्रत्येक पाँच व्यक्तियों में एक चीनी है।
प्रश्न 13.
राल्फ वाल्डो इमरसन के अनुसार एक राष्ट्र मजबूत और महान् किस प्रकार बनता है?
उत्तर:
राल्फ वाल्डो इमरसन के अनुसार, “स्वर्ण से नहीं, अपितु स्त्रियों और पुरुषों से एक राष्ट्र मजबूत और महान् बनता है।”
प्रश्न 14.
अशोधित मृत्यु दर की गणना का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
अशोधित मृत्यु दर =
प्रश्न 15.
एशिया महाद्वीप की जनसंख्या के सम्बन्ध में जार्ज बी. क्रेसी का मत बताइये ।
उत्तर:’
जार्ज बी. क्रेसी के मतानुसार एशिया महाद्वीप में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग तथा कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं।
प्रश्न 16.
जनसंख्या के वितरण और घनत्व प्रारूप की विशेषता बताइये ।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण और घनत्वं प्रारूप से किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 17.
विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की कितनी जनसंख्या निवास करती है?
उत्तर:
विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 18.
विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में से एशिया महाद्वीप में कितने देश अवस्थित हैं? उनके नाम बताइये है ?
उत्तर:
विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में से एशिया महाद्वीप में छः देश चीन, भारत, इण्डोनेशिया, पाकिस्तान, जापान एवं बांग्लादेश अवस्थित हैं।
प्रश्न 19.
जनसंख्या घनत्व किस प्रकार मापा जाता
उत्तर:
जनसंख्या घनत्व सामान्यतः प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है।
प्रश्न 20.
विश्व के सघन आबाद क्षेत्र जिनमें 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक व्यक्ति निवास करते हैं। उनके नाम बताइये ।
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तरी-पूर्वी भाग, यूरोप का उत्तर-पश्चिम भाग तथा दक्षिणी, दक्षिणी-पूर्वी और पूर्वी एशिया के भाग में 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक व्यक्ति निवास करते हैं।
प्रश्न 21.
विश्व के विरल जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र बताइये।
उत्तर:
उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के निकट, उष्ण और शीत मरुस्थल और विषुवत रेखा के निकट उच्च वर्षा के क्षेत्रों में जनसंख्या कम पाई जाती है।
प्रश्न 22.
लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता क्यों देते हैं? बताइये।
उत्तर:
क्योंकि फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए समतल मैदान एवं मंद ढाल अनुकूल होते हैं।
प्रश्न 23.
पर्वतीय एवं पहाड़ी क्षेत्रों में विरल जनसंख्या क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
परिवहन तन्त्र, कृषिगत और औद्योगिक विकास के अनुकूल नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों में विरल जनसंख्या पाई जाती है।
प्रश्न 24.
भूमध्यसागरीय प्रदेश में अधिक जनसंख्या क्यों पाई जाती है? बताइये ।
उत्तर:
सुखद एवं उत्तम जलवायु के कारण भूमध्यसागरीय प्रदेश में अधिक जनसंख्या का जमाव पाया जाता है।
प्रश्न 25.
जापान का कोबे ओसाका प्रदेश किस कारण सघन बसा हुआ है ?
उत्तर:
जापान की कोबे ओसाका प्रदेश अनेक प्रकार के उद्योगों की अवस्थिति के कारण सघन रूप से बसा हुआ है।
प्रश्न 26.
जनसंख्या परिवर्तन किसका सूचक होता है ?
उत्तर:
जनसंख्या परिवर्तन किसी क्षेत्र की आर्थिक प्रगति, सामाजिक उत्थान, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का महत्त्वपूर्ण सूचक होता है।
प्रश्न 27.
‘जनसंख्या वृद्धि’ पद की परिभाषा दीजिए।
अथवा
जनसंख्या वृद्धि से क्या आशय है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समय के दो अन्तरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या में परिवर्तन को जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता है।
प्रश्न 28.
जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब दो समय अन्तराल के बीच जनसंख्या कम हो जाये तो उसे जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि कहा जाता है।
प्रश्न 29.
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि किस प्रकार ज्ञात की जाती है?
उत्तर:
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि जन्म मृत्यु + आप्रवास – उत्प्रवास
प्रश्न 28.
जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर;
जब दो समय अन्तराल के बीच जनसंख्या कम हो जाये तो उसे जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि कहा जाता है।
प्रश्न 29.
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि किस प्रकार ज्ञात की जाती है?
उत्तर:
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि = जन्म मृत्यु + आप्रवास – उत्प्रवास
प्रश्न 30.
अशोधित जन्म दर को किस प्रकार व्यक्त किया जाता है?
उत्तर:
अशोधित जन्म दर को प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 31.
अशोधित मृत्यु दर को किस प्रकार अभिव्यक्त किया जाता है?
उत्तर:
अशोधित मृत्यु दर को किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति हजार जनसंख्या के पीछे मृतकों की संख्या के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 32.
मृत्यु-दर किन कारकों द्वारा प्रभावित होती है?
उत्तर:
मृत्यु-दर मुख्यतः किसी क्षेत्र की जनांकिकीय संरचना, सामाजिक उन्नति और आर्थिक विकास के स्तर द्वारा प्रभावित होती है।
प्रश्न 33.
प्रवास के उद्गम स्थान से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं उद्गम स्थान कहलाता है। यह जनसंख्या की कमी को दर्शाता है।
प्रश्न 34.
प्रवास के गंतव्य स्थान से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जिस स्थान पर लोग विभिन्न अपकर्ष कारकों के कारण आगमन करते हैं वह गंतव्य स्थान कहलाता है। गंतव्य स्थान पर जनसंख्या बढ़ जाती है।
प्रश्न 35.
आप्रवास से क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रवासी जो किसी नवीन स्थान पर जाते हैं, आप्रवासी कहलाते हैं।
प्रश्न 36.
उत्प्रवास से क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रवासी जो कि एक स्थान से बाहर चले जाते हैं, उत्प्रवासी कहलाते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘A’ प्रदेश का क्षेत्रफल 530 वर्ग किलोमीटर व जनसंख्या 85860 व्यक्ति है। उस प्रदेश का जनघनत्व अवकलित कीजिए।
उत्तर:
भूमि पर विद्यमान लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच स्थित अनुपात को ही जनसंख्या घनत्व कहते हैं। जनसंख्या घनत्व सामान्यतः प्रति वर्ग किमी. में रहने वाले व्यक्तियों के रूप में पाया जाता है।
प्रश्नानुसार = \(\frac{85860}{530}\) = 162 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. ।
प्रश्न 2.
यदि आपको जनसंख्या पर नियंत्रण करना है तो कौन-कौन से दो सुझाव प्रभावशाली होंगे?
उत्तर:
जनसंख्या पर नियंत्रण करने हेतु सुझाव –
(i) परिवार नियोजन कार्यक्रम को अपनाकर बच्चों के जन्म को रोका जा सकता है तथा उनमें समय – अंतराल भी रखा जा सकता है। इसके लिए परिवार नियोजन कार्यक्रमों का प्रचार तथा गर्भ निरोधकों की सुगम उपलब्धता आवश्यक है।
(ii) छोटे परिवार रखने के लिए जन जागरूकता उत्पन्न करना भी आवश्यक है। जन-जागरुकता द्वारा लोगों को छोटे परिवार का महत्त्व समझाया जा सकता है।
प्रश्न 3.
“एक देश की पहचान उसके लोगों से होती है।” उक्त कथन की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर:
एक देश की जनशक्ति केवल संख्या के द्वारा ही नहीं मापी जाती है, वरन् एक स्वस्थ, परिश्रमी तथा शिक्षित जनसंख्या ही किसी देश का वास्तविक धन होती है। यही जनसंख्या देश के संसाधनों का शोषण कर सकती है तथा इसकी नीतियाँ निर्धारित करती है। अतः जनसंख्या किसी देश की शक्ति का स्तम्भ होती है। इस कारण एक देश की पहचान उसके लोगों से ही होती है।
प्रश्न 4.
“विश्व जनसंख्या का वितरण असमान है ।” दो उदाहरणों की सहायता से समझाइये |
उत्तर:
विश्व जनसंख्या का वितरण असमान है, यथा
(i) विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत भाग इसके 10 प्रतिशत स्थल भाग पर निवास करता है।
(ii) विश्व के 10 सर्वाधिक आबाद देशों (क्रमश: चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इण्डोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, सी.आई.एस., बांग्लादेश, जापान एवं नाइजीरिया) में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 5.
जल की उपलब्धता किस प्रकार जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करती है ? उदाहरण सहित समझाइये |
उत्तर:
जल जीवन का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। व्यक्ति उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानीपूर्वक उपलब्ध होता है। जल का उपयोग पीने, नहाने और भोजन के साथ-साथ पशुओं, फसलों, उद्योगों और नौ-संचालन में किया जाता है। इसी कारण नदी घाटियाँ दुनिया के सबसे सघन आबाद क्षेत्र हैं तथा प्राचीन सभ्यताओं का विकास नील नदी घाटी तथा सिन्धु नदी घाटी में जल की उपलब्धता के कारण हुआ था।
प्रश्न 6.
औद्योगिक क्षेत्र सघन जनसंख्या वाले क्षेत्र क्यों होते हैं? बताइये ।
उत्तर:
विश्व के औद्योगिक क्षेत्रों में भी सघन जनसंख्या पाई जाती है। औद्योगिक क्षेत्र लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते हैं और बड़ी संख्या में लोग उद्योग तथा कारखानों के आस-पास बस जाते हैं। इनमें श्रमिक, ड्राइवर, दुकानदार, डॉक्टर, बैंककर्मी, अध्यापक तथा अन्य सेवाएँ प्रदान करने वाले लोग होते हैं। जापान का कोबे – ओसाका प्रदेश उद्योगों की अवस्थिति के कारण ही सघन बसा हुआ हैं ।
प्रश्न 7.
थॉमस मॉल्थस के जनसंख्या नियन्त्रण सम्बन्धी विचार बताइये ।
उत्तर:
थॉमस माल्थस ने 1798 में जनसंख्या नियन्त्रण सम्बन्धी सिद्धान्त दिया। इस सिद्धान्त के अनुसार-
- लोगों की संख्या खाद्य पूर्ति की अपेक्षा अधिक तीव्र गति से बढ़ेगी।
- जनसंख्या में अधिक वृद्धि का परिणाम अकाल, बीमारी तथा युद्ध द्वारा गिरावट होगी।
- भौतिक नियन्त्रण की अपेक्षा नियोजन द्वारा नियन्त्रण अधिक लाभकारी है।
- जनसंख्या वृद्धि रोकने से संसाधनों की सतत पोषणीयता बनी रहेगी।
प्रश्न 8.
खनिज क्षेत्र क्यों घने बसे हुए हैं? कारण बताओ ।
उत्तर:
खनिज निक्षेपों से युक्त क्षेत्र उद्योगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहाँ पर खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करते हैं। परिणामस्वरूप कुशल एवं अर्ध कुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और यहाँ की जनसंख्या को सघन बना देते हैं। अफ्रीका की कटंगा- जांबिया तांबा पेटी एवं झारखण्ड का सिंहभूमि क्षेत्र खनिजों की उपलब्धता के कारण ही सघन बसे हुए हैं।
प्रश्न 9.
नगरीकरण के परिणामस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि होती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नगरीकरण के कारण जनसंख्या में वृद्धि होती है। नगर रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सुविधाएँ तथा परिवहन संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। अच्छी नागरिक सुविधाओं तथा नगरीय जीवन का आकर्षण ग्रामीण लोगों को नगरों की ओर आकर्षित करता है। परिणामस्वरूप नगरों में जनसंख्या की निरन्तर वृद्धि होती है। मैगा नगर बड़ी संख्या में प्रवासियों को आकर्षित करते हैं
प्रश्न 10.
जनसंख्या वृद्धि तथा जनसंख्या वृद्धि दर में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि | जनसंख्या वृद्धि दर |
1. जनसंख्या वृद्धि कुल संख्या में मापी जाती है। | जनसंख्या वृद्धि दर प्रतिशत में मापी जाती है। |
2. जनसंख्या वृद्धि किसी देश व प्रदेश के आर्थिक विकास पर प्रभाव डालती है। | जनसंख्या वृद्धि दर किसी देश व प्रदेश की जनांकिकी विशेषताओं पर प्रभाव डालती है। |
प्रश्न 11.
जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि तथा ऋणात्मक वृद्धि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि एवं ऋणात्मक वृद्धि में अन्तर निम्न प्रकार हैं-
धनात्मक वृद्धि | ऋणात्मक वृद्धि |
1. जब दो समय अन्तरालों के बीच जनसंख्या बढ़ जाती है, तो उसे जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि कहते हैं । | जब दो समय अन्तरालों के बीच जनसंख्या कम हो जाती हैं, तब उसे जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि कहते हैं। |
2. यह वस्तुत: तब होती है, जब जन्म-दर, मृत्यु दर से अधिक हो जाए अथवा अन्य देशों से लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास कर जाएँ। | यह तब होती है, जब जन्म-दर, मृत्यु दर से कम हो जाए अथवा उस देश से लोग अन्य देशों में प्रवास कर जाएँ। |
3. इससे किसी क्षेत्र के संसाधनों के उपभोग में वृद्धि होती है। | इससे उस क्षेत्र के संसाधनों के उपभोग की दर घटती है। |
प्रश्न 12.
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि तथा जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
जनसंख्या में वास्तविक वृद्धि तथा जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि में अन्तर निम्न प्रकार हैं-
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि | जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि |
1. जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि में जन्म तथा मृत्यु के अन्तर के साथ प्रवास तथा आप्रवास के अन्तर को भी जोड़ा जाता है। | जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि में जन्म तथा मृत्यु में अन्तर होता है। |
2. जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि प्रवास के कारण बदल जाती है। | जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि धनात्मक तथा ऋणात्मक होती है। |
प्रश्न 13.
उद्गम स्थान तथा गन्तव्य स्थान में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
उद्गम स्थान तथा गन्तव्य स्थान में अन्तर निम्न प्रकार हैं-
उद्गम स्थान | गन्तव्य स्थान |
1. जब लोग प्रवास करते हैं तो जिस स्थान से गमन करते हैं उसे उद्गम स्थान कहते हैं। | जिस स्थान पर लोग आगमन करते हैं उसे गंतव्य स्थान कहते हैं। |
2. उद्गम स्थान से जनसंख्या में कमी होती है। | गंतव्य स्थान पर जनसंख्या में वृद्धि होती है। |
प्रश्न 14.
जनसंख्या नियन्त्रण के उपाय बताइये।
उत्तर:
जनसंख्या नियन्त्रण के उपाय परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के जन्म को रोकना अथवा दो बच्चों के जन्म में अन्तराल रखना है। परिवार नियोजन सुविधाएँ जनसंख्या वृद्धि को सीमित करने और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मुख्य भूमिका निभाती हैं। प्रचार, गर्भ निरोधक की सुगम उपलब्धता तथा बड़े परिवारों के लिए कर निरुत्साहक उपाय कुछ ऐसे प्रावधान हैं जो कि जनसंख्या नियन्त्रण में सहायक हो सकते हैं।
प्रश्न 15.
प्रवास कितने प्रकार का होता है? लिखिए।
उत्तर:
किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थान का स्थायी परिवर्तन प्रवास कहलाता है। यह स्थायी, अस्थायी तथा मौसमी हो सकता है। इसके अतिरिक्त प्रवास के चार प्रकार होते हैं-
- गाँव से गाँव की ओर,
- गाँव से नगर की ओर
- नगर से नगर की ओर,
- नगर से गाँव की ओर।
प्रश्न 16.
जनसंख्या की अधिकतर वृद्धि विकासशील विश्व में ही क्यों हो रही है?
उत्तर;
विश्व की अधिकांश जनसंख्या वृद्धि विश्व के विकासशील देशों में ही हो रही है क्योंकि इन देशों में मृत्यु दर जितनी तेजी से घट रही है, उतनी तेजी से जन्म दर नहीं घट पा रही है, जिस कारण इन देशों में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
प्रश्न 17.
विश्व में जनसंख्या के वितरण प्रारूप को बताइये।
उत्तर:
विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। एशिया की जनसंख्या के सम्बन्ध में जॉर्ज बी. क्रेसी की टिप्पणी है कि ” एशिया में बहुत अधिक स्थानों पर कम लोग और कम स्थानों पर बहुत अधिक लोग रहते हैं। ” विश्व के जनसंख्या वितरण प्रारूप के सम्बन्ध में भी यह सत्य है। जनसंख्या के वितरण और घनत्व के प्रारूप हमें किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में मदद करते हैं।
‘जनसंख्या वितरण’ शब्द का अर्थ भूपृष्ठ पर, लोग किस प्रकार वितरित हैं इस बात से लगाया जाता है। मोटे तौर पर विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत, इसके 10 प्रतिशत, स्थलभाग में निवास करता है । विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देश क्रमश: चीन, भारत, यू. एस. ए., इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, सी.आई.एस., बांग्लादेश, जापान और नाइजीरिया हैं, जहाँ पर विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। इन दस देशों में से छह एशिया में अवस्थित हैं।
प्रश्न 18.
जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं? इसे किस प्रकार मापा जाता है?
उत्तर:
भूमि की प्रत्येक इकाई में उस पर रह रहे लोगों के पोषण की सीमित क्षमता होती है। अतः यही अनुपात जनसंख्या का घनत्व है। लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच अनुपात को समझना आवश्यक है। यह सामान्यतः प्रति वर्ग किलोमीटर में रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है। अतः
अर्थात् किसी क्षेत्र विशेष में निवास करने वाले लोगों की संख्या तथा भूमि के आकार के मध्य पाया जाने वाला अनुपात जनसंख्या घनत्व कहलाता है। उदाहरण के लिए ‘क’ प्रदेश का क्षेत्रफल 100 वर्ग कि.मी. है और जनसंख्या 2,00,000 है। जनसंख्या का घनत्व इस प्रकार निकाला जाएगा- उदाहरण के लिए ‘क’ प्रदेश का क्षेत्रफल 100 वर्ग कि.मी. है और जनसंख्या 2,00,000 है। जनसंख्या का घनत्व इस प्रकार निकाला जाएगा –
घनत्व = \(\frac{2,00,000}{100}\) = 2,000 व्यक्ति/ वर्ग कि.मी.
प्रश्न 19.
जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है? यह किसका सूचक होता है?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ – जनसंख्या वृद्धि अथवा जनसंख्या परिवर्तन का अभिप्राय किसी क्षेत्र में समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान बसे हुए लोगों की संख्या में परिवर्तन से है। यह परिवर्तन धनात्मक भी हो सकता है और ऋणात्मक भी। इसे निरपेक्ष संख्या अथवा प्रतिशत के रूप में अभिव्यक्त किया जा सकता है। जनसंख्या परिवर्तन किसी क्षेत्र की आर्थिक प्रगति, सामाजिक उत्थान, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का महत्त्वपूर्ण सूचक होता है।
प्रश्न 20.
भू-आकृति जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाला महत्त्वपूर्ण कारक है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
-भू-आकृति एवं जनसंख्या वितरण – लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं, इसका कारण यह है कि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन तन्त्र के विकास में अवरोधक होते हैं, इसलिए प्रारम्भ में कृषिगत और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते। अतः इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। इसी कारण गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
प्रश्न 21.
विश्व में जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रारूप का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या परिवर्तन का स्थानिक प्रारूप विश्व के विभिन्न भागों में जनसंख्या वृद्धि की तुलना की जा सकती है। विकसित देशों में विकासशील देशों की तुलना में जनसंख्या वृद्धि कम है। जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास में ऋणात्मक सह-सम्बन्ध पाया जाता है। यद्यपि जनसंख्या परिवर्तन की वार्षिक दर (1.4 प्रतिशत ) कम प्रतीत होती है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इसका कारण है—
(i) जब एक निम्न वार्षिक दर अत्यन्त बड़ी विशाल जनसंख्या पर लागू होती है तो इससे जनसंख्या में विशाल परिवर्तन हो जाता है।
(ii) यद्यपि वृद्धि दर लगातार कम होती रहे तो भी कुल जनसंख्या प्रतिवर्ष बढ़ती है। प्रसव के दौरान मृत्यु-दर की भाँति शिशु मृत्यु – दर में भी वृद्धि हो सकती है।
प्रश्न 22.
जनसंख्या परिवर्तन का प्रभाव बताइये।
उत्तर:
जनसंख्या परिवर्तन का प्रभाव – एक विकासशील अर्थव्यवस्था में जनसंख्या की अल्प वृद्धि अपेक्षित है। फिर भी एक निश्चित स्तर के उपरान्त जनसंख्या वृद्धि समस्याओं को उत्पन्न करती है। इनमें से संसाधनों का ह्रास सबसे अधिक गम्भीर है। जनसंख्या का ह्रास भी चिन्ता का विषय है। इससे ज्ञात होता है कि वे संसाधन जो कि पहले जनसंख्या का पोषण करते थे वर्तमान में वे उस जनसंख्या के पोषण में सक्षम नहीं रहे। एड्स / एच. आई. वी. जैसी घातक बीमारियों ने अफ्रीका, स्वतन्त्र देशों के राष्ट्रमण्डल के कुछ भागों और एशिया में मृत्यु दर को बढ़ा दिया है तथा औसत जीवन- प्रत्याशा घटा दी है। इससे जनसंख्या वृद्धि धीमी हुई है।
प्रश्न 23.
जनांकिकीय संक्रमण के जनांकिकीय चक्र से क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जनांकिकीय चक्र-जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है। यह सिद्धान्त हमें बताता है कि जैसे-जैसे किसी प्रदेश का मानवीय समाज ग्रामीण, खेतिहर तथा अशिक्षित अवस्था से उन्नति करके नगरीय, औद्योगिक तथा साक्षर बनता जाता है, वैसे-वैसे उस क्षेत्र की जनसंख्या उच्च जन्म और उच्च मृत्यु से निम्न जन्म व निम्न मृत्यु में परिवर्तित होती जाती है। यह परिवर्तन तीन अवस्थाओं में होता है, जिन्हें सामूहिक रूप से ‘जनांकिकीय चक्र’ कहा जाता है। यह निम्न प्रकार चलता है –
प्रश्न 24.
किसी देश की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ने पर उस देश के विकास पर पड़ने वाले प्रभाव बताइये ।
उत्तर:
जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के परिणामस्वरूप निम्नलिखित प्रकार की आर्थिक और सामाजिक समस्याएँ पैदा हो जाती हैं-
- भोजन की समस्या- तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि के कारण भोज्य पदार्थों की आवश्यकता को पूरा करना कठिन हो जाता है।
- आवास की समस्या – जनसंख्या वृद्धि के कारण निवास स्थानों की कमी होती जा रही है। लाखों व्यक्ति झुग्गी तथा झोंपड़ियों में निवास करते हैं।
- निम्न जीवन स्तर – अधिक जनसंख्या के कारण प्रति व्यक्ति आय कम हो जाती है। परिणामस्वरूप लोगों का जीवन स्तर निम्न होता जा रहा है।
- जनसंख्या का कृषि पर अधिक दबाव बढ़ती जनसंख्या को खाद्यान्नों की पूर्ति करने के लिए कृषि योग्य भूमि पर दबाव निरन्तर बढ़ रहा है।
- बेरोजगारी – जनसंख्या वृद्धि के कारण बेकारी एक गम्भीर समस्या के रूप में उभर कर सामने आई है। आर्थिक विकास कम हो जाने से रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं तथा बेरोजगारों की संख्या बढ़ जाती है।
- बचत में कमी – जनसंख्या वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ जाती हैं तथा बचत कम होती है। प्रश्न 25. अन्तः राज्यीय और अन्तर्राज्यीय प्रवास में अन्तर बताइये।
प्रश्न 25.
अन्तःराज्यीय और अन्तर्राज्यीय प्रवास में अन्तर बताइये।
उत्तर:
अन्तः राज्यीय प्रवास | अन्तर्राज्यीय प्रवास |
1. जब व्यक्ति एक ही राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान को प्रवास करते हैं तो उसे अन्तः राज्यीय प्रवास कहते हैं। | जब व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य की ओर प्रवास करते हैं तो उसे अन्तर्राज्यीय प्रवास कहते हैं। |
2. अन्तः राज्यीय प्रवास की स्थिति में लोगों का प्रवास एक जिले से दूसरे जिले अथवा एक गाँव से दूसरे गाँव की ओर होता है। | इस स्थिति में लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य की ओर जाते हैं जहाँ या तो उद्योगों का विकास हुआ है अथवा अन्य कोई परियोजनाएँ हैं, जहाँ रोजगार मिलता है। |
3. अन्तः राज्यीय प्रवास अधिकांशतः आर्थिक और सामाजिक कारणों से होता है। गाँव से नगरों की ओर लोग रोजगार की तलाश में जाते हैं। यह स्थायी और अस्थायी दोनों ही प्रकार से होता है। | इस स्थिति में बहुत बड़ी संख्या में लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं, यथा- बिहार राज्य से बहुत संख्या में लोग पश्चिमी बंगाल के औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के लिए जाते हैं। |
प्रश्न 26.
जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है? इसके विभिन्न प्रकार बताइये।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि का अर्थ- समय के दो अन्तरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में रहने वाली जनसंख्या में परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है। इसे जन्म- दर तथा मृत्यु दर के अन्तर के द्वारा ज्ञात किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि के प्रकार- जनसंख्या वृद्धि निम्न प्रकार की होती है, यथा-
- प्राकृतिक वृद्धि – किसी क्षेत्र विशेष में दो समय अन्तरालों में जन्म और मृत्यु के अन्तर से बढ़ने वाली जनसंख्या, उस क्षेत्र की प्राकृतिक वृद्धि कहलाती है। अतः प्राकृतिक वृद्धि = जन्म – मृत्यु
- वास्तविक वृद्धि – जनसंख्या में वास्तविक वृद्धि ज्ञात करने के लिए जनसंख्या में जन्म एवं मृत्यु के साथ आप्रवास एवं उत्प्रवास का भी समायोजन किया जाता है। जनसंख्या में वास्तविक वृद्धि = जन्म-मृत्यु + आप्रवास-उत्प्रवास
- धनात्मक वृद्धि – जब किसी क्षेत्र विशेष में जन्म- दर, मृत्यु दर से अधिक हो अथवा जब अन्य देशों से लोग स्थायी रूप से उस देश में प्रवास कर जाएँ, तो उसे जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि कहते हैं।
- ऋणात्मक वृद्धि जब दो समय अन्तरालों के बीच जनसंख्या कम हो जाए तो उसे जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि कहते हैं। यह तब होती है, जब जन्म- दर, मृत्यु दर से कम हो जाए अथवा उस क्षेत्र से लोग अन्य देशों / क्षेत्रों में प्रवास कर जाएँ।
प्रश्न 27.
विश्व में जनसंख्या वितरण की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वितरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
- विश्व में जनसंख्या का वितरण असमान है। चीन में सबसे अधिक तथा ओशेनिया में सबसे कम जनसंख्या निवास करती है।
- विश्व में जनसंख्या का घनत्व भी असमान पाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 200 से अधिक व्यक्ति निवास करते हैं जबकि कुछ क्षेत्रों में प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 1 व्यक्ति से भी कम लोग रहते हैं ।
- नदी घाटियों तथा मैदानों से अधिक जनसंख्या निवास करती है।
- ठण्डे तथा गर्म मरुस्थलीय भागों में कम जनसंख्या निवास करती है।
- कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या निवास करती है।
प्रश्न 28.
विश्व में बहुत से स्थानों पर कम तथा कम स्थानों पर अधिक लोग रहते हैं। इस कथन की . पुष्टि उदाहरण सहित कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के इस असमान वतरण को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं –
(1) उच्चावच – पर्वतीय, पठारी तथा ऊबड़-खाबड़ प्रदेशों में कम लोग रहते हैं जबकि मैदानी क्षेत्रों में लोग अधिक संख्या में निवास करते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में भूमि उपजाऊ होने के कारण कृषि की जा सकती है। यथा- गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा ह्वाँगहो नदी की घाटी सघन जनसंख्या वाला क्षेत्र है।
(2) जलवायु – अधिक ठण्डे तथा गर्म स्थानों में कम जनसंख्या निवास करती है। ये विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं। इसके विपरीत शीतोष्ण जलवायु तथा मानसूनी प्रदेशों में अधिक जनसंख्या निवास करती है।
(3) मृदा – उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न तथा अन्य फसल अधिक पैदा की जा सकती है तथा प्रति हैक्टेयर उत्पादन अधिक प्राप्त किया जा सकता है। इसी कारण नदी घाटियों की उपजाऊ मिट्टी वाले क्षेत्र सघन आबाद हैं।
(4) खनिज सम्पत्ति – विषम जलवायु होने पर भी उपयोगी खनिजों की उपलब्धता लोगों को बसने के लिए प्रेरित करती है। यथा आस्ट्रेलिया की कूलगार्डी और कालगूर्डी की सोने की खानों में विपरीत जलवायु के बावजूद भी लोग रहते हैं।
(5) वनस्पति अधिक घने वनों में जनसंख्या का जमाव अधिक नहीं पाया जाता है किन्तु कोणधारी वनों की आर्थिक उपयोगिता अधिक होने के कारण यहाँ अधिक संख्या में लोग निवास करते हैं।
प्रश्न 29.
विश्व में जनसंख्या के निम्न घनत्व वाले पाँच क्षेत्रों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या के निम्न घनत्व वाले क्षेत्र –
- गर्म मरुस्थलीय क्षेत्र – इन क्षेत्रों में वर्षा की कमी के साथ ही जहाँ सिंचाई की व्यवस्था असम्भव है। वहाँ विरल जनसंख्या पाई जाती है। इन क्षेत्रों में मुख्यतः कालाहारी, सहारा, पश्चिमी आस्ट्रेलिया, अटाकामा, अरब तथा थार का मरुस्थल आदि शामिल हैं।
- अतिशीत क्षेत्र – ध्रुवीय क्षेत्रों के समीपवर्ती क्षेत्र जिनमें कनाडा के उत्तरी भाग, ग्रीनलैण्ड, साइबेरिया का उत्तरी भाग आदि तथा दक्षिणी ध्रुव के चारों तरफ विस्तृत क्षेत्र अत्यन्त विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र है।
- शीतोष्ण मरुस्थल – इन क्षेत्रों में मध्य एशिया के मरुस्थलीय क्षेत्र यथा गोबी का मरुस्थल आदि में अति विषम जलवायु के कारण कम जनसंख्या पाई जाती है।
- अति आर्द्र व उष्ण क्षेत्र – इनमें भूमध्यरेखीय क्षेत्र शामिल हैं। यहाँ कृषि करना कठिन है तथा जलवायु भी अस्वास्थ्यप्रद है। इसी कारण विरल जनसंख्या पाई जाती है।
- पर्वतीय क्षेत्र – विश्व में पर्वतीय क्षेत्रों में भी ” कम जनसंख्या पाई जाती है क्योंकि यहाँ ऊबड़-खाबड़ धरातल के कारण कृषि तथा यातायात के साधनों का अभाव एवं विषम जलवायु पाई जाती है।
प्रश्न 30.
प्रतिकर्ष कारक किस प्रकार लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास के लिए बाध्य करते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
प्रतिकर्ष कारक निम्नलिखित प्रकार से लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास के लिए बाध्य करते हैं-
(1) बेरोजगारी – रोजगार के अभाव वाले क्षेत्रों से लोग नगरों और औद्योगिक नगरों की तरफ रोजगार की तलाश में प्रवास करते हैं।
(2) किसानों की गरीबी-कम कृषि क्षेत्र अर्थात् छोटी जोत वाला किसान साधनों के अभाव में आवश्यक उपज ले पाने में असमर्थ रहता है। अतः स्वयं और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए रोजगार की तलाश में वह नगरों की तरफ प्रवास करने के लिए विवश हो जाता है।
(3) अधिक जनसंख्या का दबाव क्षेत्र विशेष में अधिक जनसंख्या का दबाव संसाधनों पर पड़ता है। संसाधनों पर बढ़ते दबाव से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग प्रवास के लिए बाध्य होते हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त राजनीतिक अस्थिरता, आतंकवाद, स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव, शिक्षण संस्थाओं का अभाव, यातायात के साधनों का अभाव आदि कारक भी लोगों को प्रवास के लिए विवश कर देते हैं।
प्रश्न 31.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने किस प्रकार जनसंख्या वृद्धि में सहायता की है ?
उत्तर:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास से मानवीय और प्राणी ऊर्जा के स्थान पर भाप इंजन प्रतिस्थापित हुआ, जिसने पवन और जल के लिए यांत्रिक ऊर्जा उपलब्ध कराई। परिणामस्वरूप कृषिगत तथा औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई। वहीं दूसरी ओर महामारियों व अन्य संक्रामक रोगों के विरुद्ध टीकाकरण, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार तथा स्वच्छता ने पूरे विश्व में मृत्यु-दरों को तीव्रता से घटाने में योगदान दिया। इस प्रकार बढ़ती खाद्य आपूर्ति तथा मृत्यु – दरों में आने वाली गिरावट से विश्व जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।
प्रश्न 32.
विश्व के विकसित देश, विकासशील देशों की तुलना में अपनी जनसंख्या को दो गुना करने में अधिक समय ले रहे हैं। क्यों?
उत्तर:
विश्व के विकसित देशों में जन्म – दर तथा मृत्यु दर, दोनों ही निम्न होती हैं अर्थात् यह देश जनांकिकीय संक्रमण की अन्तिम अवस्था से गुजर रहे हैं, जिस कारण इन देशों में जनसंख्या वृद्धि अति धीमी गति से हो रही है। यूरोप महाद्वीप के अधिकांश विकसित देशों में जनसंख्या या तो स्थिर हो गई है या उनमें ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि – अनुभव की जा रही है। इसी कारण विश्व के विकसित राष्ट्रों में जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि बहुत अधिक है।
इसके विपरीत विकासशील राष्ट्रों में जनसंख्या की मृत्यु दर जिस तेजी से घट रही है, उस तेजी से जन्म-दर में गिरावट नहीं हो रही है, जिस कारण उनमें जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। परिणामस्वरूप इनमें जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि भी कम होती जा रही है। इसके विपरीत विकासशील राष्ट्रों में जनसंख्या की मृत्यु दर जिस तेजी से घट रही है, उस तेजी से जन्म-दर में गिरावट नहीं हो रही है, जिस कारण उनमें जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। परिणामस्वरूप इनमें जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि भी कम होती जा रही है।
प्रश्न 33.
अशोधित जन्म-दर तथा अशोधित मृत्यु- दर की गणना किस प्रकार की जाती है? लिखिए।
उत्तर:
अशोधित जन्म दर इसको प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए गए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है। इसकी गणना निम्न प्रकार से की जाती है –
अशोधित मृत्यु दर – इसको किसी क्षेत्र विशेष में किसी वर्ष के दौरान प्रति हजार जनसंख्या के पीछे मृतकों की संख्या के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। इसकी गणना निम्न प्रकार से की जाती है-
प्रश्न 34.
विश्व में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियाँ- वर्तमान में विश्व की जनसंख्या लगभग 800 करोड़ है।
इस आकार तक पहुँचने में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियाँ निम्न प्रकार हैं –
(1) आरम्भिक कालों में विश्व की जनसंख्या धीरे- धीरे बढ़ी। विगत कुछ सौ वर्षों के दौरान ही जनसंख्या आश्चर्यजनक दर से बढ़ी है।
(2) लगभग 8000 से 12000 वर्ष पूर्व कृषि के उद्भव व आरंभ के पश्चात् जनसंख्या का आकार बहुत छोटा था – मोटे तौर पर लगभग 80 लाख।
(3) ईसा की पहली शताब्दी में जनसंख्या 30 करोड़ से कम थी।
(4) 1750 ई. के आस-पास जब औद्योगिक क्रांति का उदय हुआ, विश्व की जनसंख्या 55 करोड़ थी।
(5) अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के पश्चात् विश्व जनसंख्या में विस्फोटक वृद्धि हुई। अब तक प्राप्त प्रौद्योगिकी प्रगति ने जन्म दर को घटाने में सहायता की तथा त्वरित जनसंख्या वृद्धि के लिए मंच प्रदान किया।
(6) 20वीं शताब्दी में जनसंख्या चार गुना बढ़ी। 1975 में विश्व की जनसंख्या 400 करोड़ हो गई।
(7) 2012 तक 37 वर्षों में यह दुगुनी होकर 800 करोड़ होने का अनुमान है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जनसंख्या वृद्धि तथा ह्रास के परिणामों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी देश की जनसंख्या वृद्धि उस देश के आर्थिक विकास पर धनात्मक और ऋणात्मक दोनों प्रकार से प्रभाव डालती है। यह प्रभाव धनात्मक होगा अथवा ऋणात्मक, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह देश जनसांख्यिकीय संक्रमण की किस अवस्था में है। यदि किसी देश में जनसंख्या वृद्धि की दर निम्न है तो राष्ट्रीय आय में वृद्धि की सम्भावना बढ़ जाती है, जिससे प्रति व्यक्ति आय भी अधिक होती है। अतः देश के संसाधनों का दोहन किया जा सकता है।
व्यक्तियों के रहन-सहन का स्तर अच्छा होता है। उस देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, व्यापार आदि की सुविधाओं का विकास होता है। इस प्रकार देश के विकास की गति बढ़ जाती है। इसके विपरीत यदि किसी देश में जनसंख्या वृद्धि दर तीव्र है तो राष्ट्रीय आय में कमी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति व्यक्ति आय भी कम हो जाती है तथा लोगों के रहन-सहन का स्तर निम्न हो जाता है।
जनसंख्या वृद्धि के परिणाम – जनसंख्या वृद्धि के परिणाम निम्नलिखित हैं-
(i) जनसंख्या वृद्धि के फलस्वरूप शुद्ध पेयजल में लगातार कमी होना तथा अनेक स्थानों पर यह दुर्लभ वस्तु हो जाती है।
(ii) बढ़ती जनसंख्या के कारण जंगल समाप्त होते जा रहे है।
(iii) बढ़ती जनसंख्या के फलस्वरूप कृषि क्षेत्र पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है।
(iv) बढ़ती जनसंख्या के फलस्वरूप उपलब्ध संसाधनों का तेजी से ह्रास हो रहा है, जिस कारण प्रति व्यक्ति संसाधनों की उपलब्धता का स्तर भी घटता जा रहा है।
(v) जनसंख्या वृद्धि के फलस्वरूप नगरों में मलिन बस्तियों का विस्तार हो रहा है।
(vi) देश के उपलब्ध संसाधन देश की बढ़ती जनसंख्या का पर्याप्त भरण-पोषण नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण इन देशों में भुखमरी, महामारी, गृह युद्ध जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं, जिस कारण इन दोनों में औसत जीवन- प्रत्याशा भी घट गई है।
जनसंख्या ह्रास के परिणाम- जनसंख्या ह्रास के परिणाम निम्नलिखित हैं –
(i) देश के संसाधनों का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता
(ii) यदि जनसंख्या में वृद्धि का क्रम दोबारा आरम्भ करने के प्रयास नहीं किए गये तो उस समाज की आधारभूत संरचना स्वयं ही अस्थिर हो सकती है।
(iii) जनसंख्या के ह्रास के फलस्वरूप संसाधनों का विकास कम होता है।
प्रश्न 2.
विगत वर्षों से जनसंख्या वृद्धि तीव्र क्यों हो रही है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव इतिहास में आरम्भिक समय में जनसंख्या की वृद्धि बहुत धीमी थी। भोजन की कमी, प्रतिकूल पर्यावरण तथा बीमारियों के कारण मृत्युदर बहुत ऊँची थी। जनसंख्या या तो स्थिर रही या महामारियों और भुखमरी के फलस्वरूप कम होती रही। 16वीं एवं 17वीं शताब्दी में विश्व की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि होनी शुरू हुई। इसका मुख्य कारण यूरोप के देशों से विश्व के अन्य भागों में व्यापार का विस्तार करना था। यूरोप में औद्योगिक क्रान्ति- 1750 के उपरान्त यूरोप में औद्योगिक क्रान्ति का सूत्रपात हुआ।
उस समय विश्व की जनसंख्या लगभग 55 करोड़ थी। यह अगले 50 वर्षों में बढ़कर 90 करोड़ हो गई। यद्यपि यह पहले की अपेक्षा अधिक तीव्र थी। इस समय यूरोप में उद्योग और व्यापार में विकास हुआ तथा औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई। 1800 से 1850 के मध्य जनसंख्या 90 करोड़ से बढ़कर 130 करोड़ हो गई अर्थात् 40 करोड़ की वृद्धि हुई। इस समय मृत्यु दर में गिरावट शुरू हो गई थी। अनेक बीमारियों यथा चेचक आदि पर नियन्त्रण पा लिया गया था। विगत 500 वर्षों में मानव जनसंख्या 10 गुना से अधिक बढ़ी है। अकेले 20वीं शताब्दी में जनसंख्या 4 गुना बढ़ी है।
इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
(i) भाप के इंजन के आविष्कार का विकास होने के कारण कृषि और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई।
(ii) वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक विकास के कारण अनेक देशों में आर्थिक सम्पन्नता आई जिससे लोगों के जीवन- स्तर में सुधार हुआ।
(iii) इस अवधि के दौरान चिकित्सा सुविधाओं में क्रान्तिकारी सुधार हुआ।
(iv) अनेक भयंकर बीमारियों के टीकों का आविष्कार होने से मौतों में कमी आई और मृत्यु दर कम हो गई।
प्रश्न 3.
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारक निम्नलिखित हैं-
(i) जल की उपलब्धता – जल जीवन का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण कारक है। अतः लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ जल आसानीपूर्वक उपलब्ध हो जाता है। जल का उपयोग पीने, नहाने और भोजन बनाने के साथ-साथ पशुओं, फसलों, उद्योगों तथा नौ संचालन में किया जाता है। यही कारण है कि नदी घाटियाँ विश्व के सबसे सघन जनसंख्या के जमाव वाले क्षेत्र हैं।
(ii) भू-आकृति – लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं क्योंकि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन तन्त्र के विकास में अवरोधक होते हैं, इसी कारण प्रारम्भ में कृषिगत और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते हैं। अतः इन क्षेत्रों में विरल जनसंख्या का जमाव पाया जाता है। गंगा नदी का विशाल मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है, जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।
(iii) जलवायु मृदुल जलवायु दशाएँ रखने वाले क्षेत्र, जिनमें अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होते हैं, सघन रूप से बसे मिलते हैं, जबकि अति ठण्डे, अति गर्म मरुस्थलीय क्षेत्र, अधिक वर्षा अथवा विषम और रुक्ष जलवायु वाले क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। भूमध्यसागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण इतिहास के प्रारम्भिक वर्षों से सघन आबाद हैं।
(iv) मृदाएँ – उपजाऊ मृदाएँ कृषि तथा इनसे सम्बन्धित क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इसी कारण नदी घाटियों की जलोढ़ मिट्टी के क्षेत्रों एवं डेल्टाई भागों तथा उपजाऊ काली मिट्टी के क्षेत्रों में सघन जनसंख्या का जमाव पाया जाता है जबकि कम उपजाऊ मिट्टी रखने वाले क्षेत्रों में विरल जनसंख्या पाई जाती है।
(v) स्थिति – किसी क्षेत्र विशेष की स्थिति जनसंख्या के घनत्व एवं वितरण को प्रभावित करने वाला महत्त्वपूर्ण कारक है। किसी प्रदेश की स्थिति का प्रभाव परिवहन, व्यापार तथा अन्य देशों के साथ सम्बन्ध पर पड़ता है यथा – भारत की पूर्वी गोलार्द्ध में केन्द्रीय स्थिति के कारण प्राचीन काल से ही इसका व्यापारिक भागों में महत्त्व बना हुआ है। आवागमन की सुविधा होने से जनसंख्या की बसावट अधिक होती है। विश्व की लगभग तीन-चौथाई जनसंख्या तटवर्ती सीमा की पेटियों में निवास करती है; क्योंकि इन क्षेत्रों में समजलवायु, समतल भूमि, कृषि, उद्योग, परिवहन आदि की सुविधा रहती है।
प्रश्न 4.
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारक निम्नलिखित हैं –
(i) खनिज – खनिज निक्षेपों से युक्त क्षेत्र उद्योगों की स्थापना को आकर्षित करने वाले महत्त्वपूर्ण कारक हैं। खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करते हैं। अतः कुशल और अर्द्ध-कुशल श्रमिक इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं। यथा – अफ्रीका की कटंगा तथा जाम्बिया की तांबा पेटी इसका अच्छा उदाहरण हैं।
(ii) नगरीकरण – नगर रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। उत्तम किस्म की नागरिक सुविधाएँ तथा नगरीय जीवन के आकर्षण लोगों को नगरों की तरफ खींचते हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में प्रवास होता है तथा नगरों का आकार बढ़ जाता है।
(iii) औद्योगीकरण – औद्योगिक पेटियाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाती हैं तथा बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती हैं। इनमें केवल कारखानों के श्रमिक ही नहीं होते हैं, अपितु परिवहन परिचालक, दुकानदार, बैंककर्मी, डॉक्टर, अध्यापक तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध करवाने वाले भी होते हैं। यथा— जापान का कोबे ओसाका प्रदेश अनेक उद्योगों की स्थापना होने के कारण सघन बसा हुआ है।
(iv) यातायात की सुविधा – यातायात के साधनों की सुविधाओं के कारण उद्योग, कृषि तथा व्यापार का विकास होता है। साइबेरिया में ट्रान्स-साइबेरियन रेलमार्ग के विकास के कारण अनेक नगर बस गये हैं। पर्वतीय भागों में यातायात के साधनों की कमी के कारण विरल जनसंख्या का जमाव पाया जाता है।
प्रश्न 5.
विश्व में जनसंख्या वृद्धि एवं इसको प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:”
जनसंख्या वृद्धि से आशय समय के दो अंतरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाली जनसंख्या में परिवर्तन को जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता है। जनसंख्या की यह वृद्धि धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों ही हो सकती है। विश्व में जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि का प्रमुख कारण मृत्यु दर की तुलना में जन्म दर का अधिक होना है। वास्तव में किसी क्षेत्र की जनसंख्या में वृद्धि जनसंख्या में हुई प्राकृतिक वृद्धि का द्योतक है जो कि उस क्षेत्र की जनसंख्या में दिए गये समय में हुए जन्मों को जोड़कर तथा मृत्युओं को घटाकर प्राप्त की जाती है।
जनसंख्या वृद्धि का आकलन- जनसंख्या वृद्धि का आकलन जन्म व मृत्यु के शुद्ध अन्तर के आधार पर किया जाता है। इस विधि में जन्म व मृत्यु के पंजीकृत आँकड़ों का प्रयोग किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि का आकलन – जनसंख्या वृद्धि का आकलन जन्म व मृत्यु के शुद्ध अन्तर के आधार पर किया जाता है। इस विधि में जन्म व मृत्यु के पंजीकृत आँकड़ों का प्रयोग किया जाता है।
जनसंख्या वृद्धि दर को प्रभावित करने वाले कारक –
किसी देश की जनसंख्या वृद्धि दर पर निम्नलिखित तीन कारकों का प्रमुख रूप से प्रभाव पड़ता है –
1. जन्म – दर का जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभाव किसी क्षेत्र की जनसंख्या वृद्धि प्रमुख रूप से उस क्षेत्र में दी गई अवधि में कुल जन्मों की संख्या तथा मृत्युओं की संख्या में अन्तर होता है। अतः जिन देशों में जन्म-दर अधिक है तो उन देशों में जनसंख्या वृद्धि दर भी अधिक होने की सम्भावना रहती है।
यथा विकासशील तथा आर्थिक दृष्टि से पिछड़े देशों में जनसंख्या की जन्म-दर विकसित देशों की तुलना में अधिक रहती है। यही कारण है कि उन देशों में विकसित देशों की तुलना में वृद्धि दर भी अधिक रहती है। दूसरी तरफ विश्व के अनेक विकसित देश ऐसे हैं जहाँ जन्म दर अधिक गिर जाने के कारण जनसंख्या के आकार में ह्रास होने लगा है।
2. मृत्यु दर का जनसंख्या वृद्धि दर पर प्रभाव मृत्यु दर का सीधा सम्बन्ध जनसंख्या वृद्धि दर से रहता है। अधिक मृत्यु दर, जन्म दर अधिक होने के बावजूद भी जनसंख्या वृद्धि दर को बढ़ने नहीं देती। वस्तुतः जनसंख्या वृद्धि दर उस समय अधिक रहती है जबकि जन्म-दर अधिक हो तथा मृत्यु दर कम हो। दूसरी तरफ जन्म-दर कम होने के साथ-साथ मृत्यु दर भी कम रहे तो जनसंख्या वृद्धि दर भी कम रहती है।
3. जनसंख्या प्रवास का जनसंख्या वृद्धि पर प्रभाव- जनसंख्या का जिन क्षेत्रों में बहिर्प्रवास होता है। उन क्षेत्रों में जनसंख्या की वृद्धि दर पर ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है जबकि जिन क्षेत्रों में अन्तर्प्रवास होता है, उन क्षेत्रों की जनसंख्या वृद्धि दर पर धनात्मक प्रभाव होता है। यथा – 1880 से 1920 की अवधि में यूरोप के विभिन्न देशों से लगभग 4 करोड़ व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा में जाकर बस गये जिसके कारण एक तरफ संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कनाडा की जनसंख्या वृद्धि दर में तीव्र वृद्धि हुई जबकि यूरोप के सम्बन्धित विभिन्न देशों की जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट अनुभव की गई।
प्रश्न 6.
विश्व में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर जनसंख्या 700 करोड़ से भी अधिक है। इस आकार तक पहुँचने में जनसंख्या को शताब्दियाँ लगी हैं। आरम्भिक कालों में विश्व की जनसंख्या धीरे-
धीरे बढ़ी। विगत कुछ सौ वर्षों के दौरान ही जनसंख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है।
सामान्यतः विश्व में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों का अध्ययन निम्न अवधियों के अन्तर्गत किया जा सकता है –
(i) 10,000 ईसा पूर्व वर्तमान में 10,000 ई. पूर्व विश्व की जनसंख्या मात्र 50 लाख थी। इस समय कृषि का विकास एवं विस्तार का सूत्रपात हो चुका था।
(ii) ईसा के जन्म के समय – ईसा के जन्म के समय तक अर्थात् लगभग 2,000 वर्षों पूर्व विश्व की जनसंख्या 25 करोड़ तक हो गई थी। इस समय उच्च मृत्यु दर के कारण जनसंख्या में अति मंद गति से वृद्धि हुई।
(iii) ईसा के जन्म से 1650 ई. तक – वर्ष 1650 तक विश्व की जनसंख्या 25 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ हो गई थी अर्थात् लगभग 1650 वर्षों की अवधि में विश्व की जनसंख्या दो गुनी हो गई थी।
(iv) 1650 ई. से 1930 ई. तक की अवधि- सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में जनसंख्या की तीव्र वृद्धि हुई। इस समय यूरोपीयन खोज एवं उपनिवेशवाद का जन्म हुआ। 1750 ई. के आस-पास औद्योगिक क्रान्ति का उदय हुआ, उस समय विश्व की जनसंख्या 55 करोड़ थी, जो 1930 में बढ़कर 200 करोड़ हो गई। वस्तुतः औद्योगिक क्रान्ति के बाद विश्व जनसंख्या में विस्फोटक वृद्धि हुई।
(v) 1930 ई. से 1975 ई. तक की अवधि वर्ष 1930 के बाद विश्व में महामारियों एवं अन्य संक्रामक रोगों के विरुद्ध टीकाकरण, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार तथा स्वच्छता ने मृत्यु-दरों को तीव्रता से घटाने में योगदान दिया। परन्तु जन्म- दर अपेक्षाकृत धीमी गति से कम हुई, जिसके कारण विश्व जनसंख्या में त्वरित वृद्धि हुई । वर्ष 1930 से 1975 तक के 45 वर्षों में विश्व जनसंख्या 200 करोड़ से बढ़कर 400 करोड़ हो गई।
(vi) वर्ष 1975 से वर्ष 2012 तक की अवधि- विश्व जनसंख्या में वर्ष 1975 से 2012 की अवधि में 400 करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि होकर विश्व जनसंख्या लगभग 800 करोड़ तक पहुँच गई है। जनसंख्या की वर्तमान वृद्धि दर के आधार पर विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 8 करोड़ लोग पहले की जनसंख्या में जुड़ जाते हैं।