Students can find the 11th Class Hindi Book Antra Questions and Answers Chapter 4 गूँगे to practice the questions mentioned in the exercise section of the book.
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 4 गूँगे
Class 11 Hindi Chapter 4 Question Answer Antra गूँगे
प्रश्न 1.
चमेली को गूँगे ने अपने बारे में क्या-क्या बताया और कैसे?
उत्तर :
चमेली को गूँगे ने अपने माता-पिता के बारे में अपने मुँह के आगे इशारा करके बताया कि जब वह छोटा था, तो माँ घूँघट काढ़ती थी, वह उसे छोड़ गई। उसका बाप, जिसकी बड़ी-बड़ी मूँछें थीं, मर गया था। उसे पालने वाले उसे बहुत मारते हैं। वह बोलने की कोशिश करता था, परंतु केवल कर्कश काँय-काँय ही कर पाता था।
प्रश्न 2.
गूँगे की कर्कश काँय-काँय और अस्फुट ध्वनियों को सुनकर चमेली ने पहली बार क्या अनुभव किया?
उत्तर :
गूँगे की कर्कश काँय-काँय और अस्फुट ध्वनियों को सुनकर चमेली ने पहली बार अनुभव किया कि यदि गले में काकल तनिक ठीक नहीं हो, तो मनुष्य क्या से क्या हो जाता है। यह एक यातना है कि मनुष्य अपनी बात कहना चाहता है, परंतु कह नहीं पाता। वह बोलने की बहुत कोशिश करता है, परंतु जो कुछ बोलता है, उसे समझा नहीं जा सकता। ऐसा लगता है, जैसे आदि मानव अभी भी भाषा की रचना करना सीख रहा हो।
प्रश्न 3.
गूँगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया?
उत्तर :
गूँगा एक स्वाभिमानी बालक था। वह चमेली को इशारों से बताता है कि वह मेहनत की खाता है। इसके लिए वह सीने पर हाथ मारता है तथा भुजाओं पर हाथ रखकर इशारा करता है। वह भीख नहीं माँगता। इसके अतिरिक्त, कहानी में अनेक जगह उसके स्वाभिमानी होने का पता चलता है। कहानी के अंतिम भाग में जब उसे घर से निकाल दिया जाता है, तो वह गली के लड़कों से लड़कर-पिटकर आता है, पर वह उनसे दबता नहीं है। इससे उसके स्वाभिमानी होने का परिचय मिलता है।
प्रश्न 4.
‘मनुष्य की करुणा की भावना उसके भीतर गूँगेपन की प्रतिच्छाया है।’-कहानी के इस कथन को वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लेखक कहता है कि मनुष्य के अंदर करुणा की भावना विद्यमान है, परंतु सामाजिक दबाव के कारण वह उसे व्यक्त नहीं कर पाता। ज़िम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति के कारण वह गूँगेपन का शिकार हो जाता है। वह हर परिस्थिति से दूर रहने की कोशिश करता है। वह समाज के उपेक्षित लोगों के लिए कुछ करना चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाता।
प्रश्न 5.
‘नाली का कीड़ा! एक छत उठाकर सिर पर रख दी, फिर भी मन नहीं भरा।’-चमेली का यह कथन किस संदर्भ में कहा गया है और इसके माध्यम से उसके किन मनोभावों का पता चलता है?
उल्तर :
गूँगा चमेली के घर पर काम करता था। कुछ दिन रहने के पश्चात वह घर से भाग गया। जब वह वापस आया, तो चमेली ने गुस्से में ये बातें कहीं। इस कथन से चमेली की भेद्भावपूर्ण मनोदशा का पता चलता है। वह सोचती है कि गूँगे पर द्या करके उसे अपने पास रख रही है। वह नौकरों को इनसानों की श्रेणी में नहीं रखती। इससे ऐसे लोगों के प्रति चमेली की संवेद्नहीनता का भाव प्रकट होता है।
प्रश्न 6.
यदि बसंता गूँगा होता, तो आपकी दृष्टि में चमेली का व्यवहार उसके प्रति कैसा होता?
उत्तर :
चमेली अनाथालय के बच्चों के प्रति सहानुभूति रखती है। यदि उसका बेटा बसंता गूँगा होता, तो उसका व्यवहार पूरी तरह से अलग ढंग का होता। वह एक बार यह कल्पना करके सिहर उठती है कि अगर उसका बेटा गूँगा होता, तो क्या वह भी ऐसे ही दुख उठाता। वह अपने बेटे के प्रति ऐसा व्यवहार नहीं करती। गूँगे के साथ दुर्व्यवहार उसका संरक्षक न होने के कारण हो रहा था। वह अपने बेटे के साथ मार-पीट एवं उपेक्षापूर्ण व्यवहार कभी न करती।
प्रश्न 7.
‘उसकी आँखों में पानी भरा था। जैसे उसमें एक शिकायत थी, पक्षपात के प्रति तिरस्कार था।’ क्यों?
उत्तर :
चमेली के बेटे ने गूँगे के साथ दुर्व्यवहार किया। चमेली ने अपने बेटे का ही पक्ष लिया। इस पर गूँगा बेहद् आहत हुआ। वह बसंता के झूठे आरोप के बारे में चमेली को बताना चाहता था, परंतु स्वर न होने के कारण वह कुछ कह नहीं पाता। उसकी ऑँखों से उसके मन की दशा साफ झलक रही थी। पुत्र-ममता के कारण गूँगे की बात न सुनने की चमेली की प्रवृत्ति एवं पक्षपातपूर्ण व्यवहार को गूँगा सहन नहीं कर पा रहा था।
प्रश्न 8.
‘गूँगा दया या सहानुभूति नहीं, अधिकार चाहता था।’-सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
‘गूँगा’ आम व्यक्ति की तरह अपने अधिकार पाना चाहता था। जहाँ उसे अपना हक नहीं मिला, उसने वह संघर्ष किया। कहानी के प्रथम भाग में वह यह बताता है कि वह भीख न माँगकर मेहनत की खाता है। बसंता को वह छोटा होने के कारण माफ़ कर देता है, परंतु चमेली को अपने अधिकार का अहसास करा देता है। गली में बच्चे जब उसे सताते हैं, तो वह अपने अधिकारों के लिए उनसे भिड़ जाता है। ये सब बातें यही सिद्ध करती हैं कि वह किसी की द्या या सहानुभूति नहीं, बल्कि अधिकार चाहता था।
प्रश्न 9.
‘गूँगे’ कहानी को पढ़कर आपके मन में कौन-से भाव उत्पन्न होते हैं और क्यों?
उत्तर :
‘गूँगे’ कहानी को पढ़कर हमारे मन में शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण लोगों के लिए करुणा का भाव जाग्रत होता है, क्योंक समाज विकलांग लोगों के प्रति सही व्यवहार नहीं करता। उन्हें जानवरों से बदतर स्थिति में रखा जाता है। काम करवाने के चक्कर में उनका शोषण किया जाता है। विकलांगों की क्षमता को विकसित नहीं होने दिया जाता। ऐसे लोगों के प्रति समाज को संवेदनशील एवं सदय होना चाहिए तथा उन्हें भरपूर अवसर देना चाहिए।
प्रश्न 10.
‘गूँगे में ममता है, अनुभूति है और है मनुल्यत्व’।-कहानी के आधार पर इस वाक्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर :
गूँगे में ममता, अनुभूति तथा मनुष्यत्व की भावना है। वह चमेली तथा उसके बेटे बसंता को बहुत चाहता है। वह पुत्र की भाँति चमेली के दंड को सहन कर लेता है। उसके अंदर अनुभूति है। वह बोल नहीं सकता, परंतु आँखों से स्नेह, आदर तथा तिरस्कार को समझा देता है। गूँगे में मनुष्यत्व का भाव है। वह अन्याय नहीं सहन करता। वह बसंता को मारता नहीं, जबकि उसमें उससे अधिक बल है। वह दूसरे को क्षमा करना जानता है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए :
(क) करुणा ने सबको …………….. जी-जान से लड़ रहा हो।
(ख) वह लौटकर चूल्हे पर ……….. आदमी गुलाम हो जाता है।
(ग) और फिर कौन ………….. जिदाओ बिताए।
(घ) और ये गूँगे ………… क्योंकि वे असमर्थ हैं।
उत्तर :
(क) ‘सप्रसंग व्याख्या’ में गद्यांश-1 देखिए।
(ख) ‘सप्रसंग व्याख्या’ में गद्यांश-4 देखिए।
(ग) ‘सप्रसंग व्याख्या’ में गद्यांश-5 देखिए।
(घ) ‘सप्रसंग व्याख्या’ में गद्यांश-6 देखिए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए :
(क) कैसी यातना है कि वह अपने हृदय को उगल देना चाहता है, किंतु उगल नहीं पाता।
(ख) जैसे मंदिर की मूर्ति कोई उत्तर नहीं देती, वैसे ही उसने भी कुछ नहीं कहा।
उत्तर :
(क) इस पंक्ति में लेखक ने गूँगे व्यक्ति की मानसिक पीड़ा को व्यक्त किया है। गूँगा भावनाओं को समझता है। वह अपने हृदय की बात को उगलना चाहता है, परंतु जबान न होने के कारण अपने भावों को व्यक्त नहीं कर पाता। वह घुट-घुटकर जीने पर विवश है।
(ख) इस पंक्ति में लेखक बताता है कि चमेली क्रोध में आकर गूँगे को अनाप-शनाप बकती है, परंतु वह सुन न सकने के कारण चुपचाप खड़ा रहता है। जिस प्रकार मंदिर की मूर्ति कोई उत्तर नहीं देती, उसी प्रकार गूँगे ने भी कुछ नहीं कहा। उसे सिर्फ़ चमेली के क्रोधित होने का आभास हुआ।
योग्यता-विस्तार –
प्रश्न 1.
समाज में दिव्यांगों के लिए होने वाले प्रयास में आप कैसे सहयोग कर सकते हैं?
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
दिव्यांगों की समस्या पर आधारित ‘स्पर्श’, ‘कोशिश’ तथा ‘इकबाल’ फ़िल्में देखिए और समीक्षा कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
Class 11 Hindi NCERT Book Solutions Antra Chapter 4 गूँगे
विषयवस्तु पर आधारित प्रश्नोत्तर –
प्रश्न 1.
गूँगा कब से बहरा-गूँगा है? लोगों में उसके प्रति दिलचस्पी क्यों पैदा हो गई?
उत्तर :
गूँगा जन्म से ही बहरा-गूँगा है। यह बात वह कानों पर हाथ रखकर इशारे करके बताता है। वह बोलने की बहुत कोशिश करता है, परंतु कर्कश आवाज़ में ‘काँय-काँय’ ही बोल पाता है, जो समझ में नहीं आता। वह ऐसे बोलता है, जैसे घायल पशु कराह रहा हो। यह सब देखकर लोगों में उसके प्रति दिलचस्पी पैदा हो गई।
प्रश्न 2.
गूँगे के साथ बचपन में क्या हुआ था?
उत्तर :
गूँगे के पिता मर गए थे और माँ उसे छोड़कर जा चुकी थी। गूँगे के गले का कौआ किसी ने बचपन में गला साफ़ करने की कोशिश में काट दिया था। वह ऐसे बोलता है, जैसे घायल पशु कराह रहा हो। शिकायत करते समय वह कुत्ते के समान चिल्लाता है।
प्रश्न 3.
गूँगे के साथ घर पर कैसा व्यवहार होता था? चमेली के पति की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर :
गूँगे को घर पर बुआ मारती थी, फूफा मारता था, क्योंकि उन्होंने उसे पाला था। वे चाहते थे कि वह बाज़ार में पल्लेदारी करे, बारह-चौदह आने कमाकर लाए और उन्हें दे दे, बदले में वे उसके सामने बाजरे और चने की रोटियाँ डाल दें। इस दुर्व्यवहार से गूँगा अब घर भी नहीं जाता। वह चमेली के यहाँ काम करता है। बच्चे चिढ़ाते हैं। कभी नाराज़ नहीं होता। चमेली के पति सीधे-सादे आदमी हैं। उनका मानना है कि इस घर में रहकर काम करते उसके भी दिन बीत जाएँगे। वे गूँगे के प्रति संवेदनशील हैं।
प्रश्न 4.
चमेली अंदर से क्यों काँप उठी?
उत्तर :
चमेली के पुत्र बसंता ने गूँगे को थप्पड़ मारा था, परंतु अपनी मालकिन का पुत्र समझकर अपने से कम शक्तिशाली बसंता पर उसने हाथ नहीं उठाया। चमेली ने अपने पुत्र का पक्ष लिया, जिससे गूँगे को दुख हुआ। उसका रोना एक अज़ीब दर्दनाक आवाज़ थी। उसी समय चमेली ने उसे खाना दिया, जिससे वह हँस पड़ा। उसकी हँसी भी गुर्राहट-सी थी, जिसे सुनकर चमेली अंदर से काँप उठी।
प्रश्न 5.
चमेली ने गूँगे से अपना हाथ क्यों छुड़ा लिया?
उत्तर :
गूँगे ने चमेली का हाथ पकड़ लिया। एक क्षण को चमेली को लगा जैसे उसी के पुत्र ने उसका हाथ पकड़ लिया हो। घृणा से उसने एकाएक हाथ छुड़ा लिया, क्योंकि वह अपने पुत्र बसंता और गूँगे में भेद करती थी। वह गूँगे के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करती थी। पुत्र के प्रति मंगलकामना ने उसे ऐसा करने को मजबूर कर दिया।
प्रश्न 6.
गुस्से में आकर चमेली ने गूँगे को क्या-क्या कहा?
उत्तर :
गुस्से में आकर चमेली ने गूँगे को मक्कार तथा बदमाश कहा। उसने कहा कि वह पहले कहता था कि भीख नहीं माँगता। अब सबसे भीख माँगता है। रोज़-रोज़ भाग जाता है। उसे पत्ते चाटने की आदत पड़ गई है। कुत्ते की दुम क्या कभी सीधी होगी।
प्रश्न 7.
बसंता और शकुंतला क्यों चिल्ला उठे?
उत्तर :
चमेली ने गूँगे को घर से बाहर निकाल दिया था। बाहर वह सड़क के लड़कों से पिटकर आया था। इसका कारण यह था कि वह स्वाभिमानी था और गूँगा होने पर भी उनसे दबना नहीं चाहता था। उनसे टक्कर लेने के कारण उसका सिर फट गया था और खून टपक रहा था। वह दरवाजे की देहरी पर सिर रखकर करुण स्वर में रोए जा रहा था। उसे देखकर बसंता और शकुंतला चिल्ला उठे।
प्रश्न 8.
गूँगे के फटे सिर को देखकर चमेली क्या सोचती है?
उत्तर :
चमेली सोचती है कि गूँगे संसार में अनेक रूपों में छा गए हैं। वे कहना चाहते हैं, परंतु कह नहीं पाते। आज ऐसा कौन है, जो गूँगा नहीं है। किसका हृदय समाज, राष्ट्र, धर्म और व्यक्ति के प्रति विद्वेष तथा घृणा से नहीं छटपटाता, किंतु फिर भी कृत्रिम सुख की छलना अपने जालों में उसे फाँस देती। क्योंकि गूँगे भी समाज से स्नेह और अपनेपन के व्यवहार की आकांक्षा रखते हैं।
प्रश्न 9.
गूँगे का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर :
पूँगे के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ उभरकर सामने आती हैं :
- स्वाभिमानी-गूँगा स्वाभिमानी था। वह काम करके अपनी भूख मिटाता था। उसने कभी भीख नहीं माँगी।
- ईमानदार-गूँगा कभी भी बेईमानी नहीं करता था। वह ईमानदार था।
- सहनशील-गूँगा सहनशील था। सभी उसका मज़ाक उड़ाते थे तथा अत्याचार करते थे। घर में बुआ-फूफा उस पर अत्याचार करते थे। इधर, चमेली व बसंता उसके साथ दुर्व्यवहार करते थे, पर वह सब सहता रहता था।
- अभागा-गूँगा अभागा था। बचपन में किसी ने उसके गले का कौआ काट दिया था। उसका बाप भी जल्दी चल बसा था। माँ उसे छोड़कर चली गई थी।
प्रश्न 10.
चमेली अपने-आप पर कब और क्यों लज्जित हुई?
उत्तर :
चमेली ने गूँगे को घर से निकाल दिया। उसने उसे मक्कार तथा बदमाश कहा। उसने उसे घर से निकलने का आदेश तो दे दिया, परंतु उसका क्रोध उसके सामने निष्फल हो गया। उसने मंदिर की मूर्ति की तरह कोई उत्तर नहीं दिया। उसे देखकर चमेली अपने ऊपर लज्जित हुई कि वह गूँगे के साथ व्यर्थ ही दुर्व्यवहार कर रही थी। उसे गूँगे की भावनाओं को समझकर सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए था।
प्रश्न 11.
आशय स्पष्ट कीजिए :
(क) भुजाओं पर हाथ रखकर इशारा किया- “मेहनत का खाता हूँ,” और पेट बजाकर दिखाया-“इसके लिए, इसके लिए …”
(ख) मनुष्य की करुणा की भावना उसके भीतर गूँगेपन की प्रतिच्छाया है।
उत्तर :
(क) लेखक कहता है कि गूँगे ने चमेली को बताया कि वह मेहनत करके अपना पेट भरता है। यहाँ गूँगे का स्वाभिमानी रूप दिखाई देता है। वह किसी की दया पर आश्रित नहीं रहना चाहता। वह परिश्रम की रोटी से अपनी भूख मिटाता है।
(ख) यहाँ चमेली के पति के विचारों को बताया गया है। वे जानते हैं कि मनुष्य के अंदर जो करुणा होती है, वह उसके आंतरिक गूँगेपन की परिचायिका है। मनुष्य में बहुत कुछ करने का भाव होता है, परंतु वह कर नहीं पाता। यह उसके गूँगेपन का प्रतीक है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित पंक्तियों को अपने शब्दों में समझाइए :
(क) नाली का कीड़ा!
(ख) कैसी मूर्खा है वह!
उत्तर :
(क) ‘नाली का कीड़ा’ का अर्थ यह है कि गूँगा एक तुच्छ प्राणी है। नाली का कीड़ा गंदगी में रहता है, इसी प्रकार गूँगे को भी इधर-उधर घूमने, काम न करने, माँगकर खाने की आदत पड़ गई है।
(ख) यहाँ चमेली की मानसिक दशा का वर्णन है। क्रोध के कारण वह गूँगे को कटु शब्द कह रही है, परंतु गूँगे को कुछ समझ में नहीं आ रहा, क्योंकि वह कुछ सुन ही नहीं पा रहा है, तो समझेगा कैसे। उसकी वास्तविक दशा देखकर चमेली ने अपने बारे में ऐसा कहा।
प्रश्न 13.
कहानी का शीर्षक ‘गूँगे’ है ‘गूँगा’ नहीं, जबकि कहानी में एक ही गूँगा पात्र है। इसके माध्यम से लेखक ने समाज की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है?
उत्तर :
इस कहानी का शीर्षक ‘गूँगे’ है, परंतु गूँगा पात्र एक ही है। लेखक ने इस शीर्षक के माध्यम से संसार की विकलांगता पर कटाक्ष किया है। वह कहता है कि संसार में गूँगे अनेक रूपों में छा गए हैं। वे अन्याय होते देखकर भी चुप रहते हैं। लेखक बताता है कि समाज में सभी गूँगे हैं। विकलांगों के प्रति समाज का दृष्टिकोण सहज नहीं है। वे विकलांगों के प्रति अत्याचार होते देखते हैं, परंतु उनके हित के लिए कुछ नहीं करते। ऐसे व्यक्ति समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ़ स्वर होते हुए भी बोल नहीं सकते।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित पंक्तियों को अपने शब्दों में समझाइए :
(क) इशारे गज़्रब के करता है।
(ख) सड़ से एक चिमटा उसकी पीठ पर जड़ दिया।
(ग) पत्ते चाटने की आदत पड़ गई है।
उत्तर :
(क) इस पंक्ति में सुशीला कहती है कि गूँगा संकेतों से अपनी बात कहने में कुशल है।
(ख) चमेली को गूँगे से आंतरिक लगाव था। एक दिन जब चमेली को पता चला कि गूँगा घर छोड़कर भाग गया, तो उसे बहुत दुख हुआ। फिर जब वह लौटकर घर आया, तो चमेली ने उससे पूछा कि कहाँ गया था? गूँगे ने कोई उत्तर नहीं दिया। इसी बात पर चिढ़कर चमेली ने सड़ से उसकी पीठ पर एक चिमटा मार दिया।
(ग) चमेली गूँगे पर चटोरेपन का आरोप लगाती है, वह उसे कहती है कि उसने अपने स्वाद के लिए चोरी की है।