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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 5 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 19 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 12 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 45 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
‘I’ : अपठित गद्यांश
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
शिवाजी का नाम प्रत्येक भारतीय जानता है। इनको महान् बनाने का श्रेय समर्थ गुरु रामदास को है। समर्थ गुरु रामदास का जन्म 1608 ई. में एक छोटे से ग्राम में हुआ था। इनकी माता का नाम राजुबाई था और पिता का नाम सूर्याजी पंत था । इनका बचपन का नाम नारायण था। प्रारम्भ से ही ये विवाह नहीं करना चाहते थे। ये विवाह मण्डप से ही भाग गए थे।
घर छोड़कर नासिक में एक गुफा में रहकर तप करने लगे। एक पटवारी स्त्री को आशीर्वाद देकर उसके पति को जिंदा कर देने की घटना से उनका यश चारों ओर फैल गया।
बाद में शिवाजी ने इन्हें अपना गुरु बनाया। शिवाजी समस्त कार्य उनकी आज्ञा से करते थे। शिवाजी ने एक बार भीख माँगने पर सारा राज्य इनको दे दिया। बाद में गुरु के कहने पर मंत्री के रूप में राज्य का कार्य करने लगे। इनमें अनेक आश्चर्य में डालने वाली शक्तियाँ थीं। इन्होंने शिवाजी की वीरता की परीक्षा शेरनी का दूध माँगकर की थी। शिवाजी के साथ गुरु रामदास का नाम हमेशा लिया जाता है।
(1) शिवाजी को महान् बनाने का श्रेय किस गुरु को था ?
(क) रामदास
(ख) नंददास
(ग) नारायण
(घ) सुंदरदास
उत्तर:
(क) रामदास
व्याख्या- शिवाजी को महान् बनाने का श्रेय समर्थ गुरु रामदास को जाता है।
(2) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : गुरु राम दास का जन्म 1608 ई. को हुआ था ।
कारण (R) : उनका जन्म एक छोटे से गाँव में हुआ था ।
विकल्प :
(क) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनो सही हैं ।
उत्तर:
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनो सही हैं ।
व्याख्या- समर्थ गुरु रामदास का जन्म 1608 ई. में एक छोटे से गाँव में हुआ था ।
(3) किस घटना से गुरु रामदास का यश चारों ओर फैल गया ?
(क) एक स्त्री के पति को जिंदा करने की घटना ।
(ख) पत्नी को जिंदा करने की घटना।
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) एक स्त्री के पति को जिंदा करने की घटना ।
व्याख्या- एक पटवारी की स्त्री को आशीर्वाद देकर उसके पति को ज़िन्दा कर देने की घटना से उनका यश चारों ओर फैल गया।
(4) रामदास के बचपन का नाम क्या था ?
(क) शिवाजी
(ख) नारायण
(ग) रामदास
(घ) नंददास
उत्तर:
(ख) नारायण
(5) रामदास के पिता का क्या नाम था ?
(क) सूर्याजी
(ख) शिवाजी
(ग) महाराणा प्रताप
(घ) चन्द्रगुप्त
उत्तर:
(क) सूर्याजी
2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में नशीली तथा उत्तेजक दवाइयों का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। अधिक शक्ति प्राप्त करने के लिए औषधियों के सेवन की परम्परा प्राचीनकाल से रही है। हमारे यहाँ आर्यों में सोमरस के सेवन की परम्परा पर्याप्त मात्रा में थी । अठारहवीं शताब्दी में चीनी खिलाड़ी कैफीन, शराब और अफ़ीम आदि का सेवन किया करते थे। दूसरे विश्व युद्ध में नाज़ी, जर्मनी में सैनिकों को शक्ति और उत्तेजना प्रदान करने के लिए ‘अफेटेमाइन’ नामक नशीली दवाई दी जाती थी। इसके उपरांत सोवियत संघ तथा अमेरिका में भी नशीली दवाइयों का प्रचलन शुरू हुआ। आजकल नशीली दवाइयों का सबसे बड़ा उत्पादक देश मैक्सिको है तथा इनका सबसे अधिक उपभोग अमेरिका में किया जाता है ।
नशीली दवाइयों के उपयोग से मनुष्य के पौरुप में वृद्धि होती है, हार्मोन बढ़ते हैं तथा उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है। किंतु यह सब थोड़े समय के लिए ही होता है। कालांतर में इनसे हानि ही होती है। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 150 खिलाड़ी विश्वभर में इन दवाइयों की भेंट चढ़ चुके हैं तथा 200 खिलाड़ी कैंसरग्रस्त हो चुके हैं। इन भयानक परिणामों के बावजूद अनेक देश अपने खिलाड़ियों को नशीली ‘दवाओं के सेवन के लिए केवल इस उद्देश्य से बाध्य करते हैं कि उनके देश का नाम रोशन हो ।
(1) उपर्युक्त गद्यांश में लेखक ने किस विषय पर चिन्ता प्रकट की है ?
(क) अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में नशीली और उत्तेजक दवाइयों के सेवन पर ।
(ख) अन्तर्राष्ट्रीय खेल पर ।
(ग) खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर ।
(घ) विभिन्न देशों में नशीली दवाइयों के उपभोग पर ।
उत्तर:
(क) अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में नशीली और उत्तेजक दवाइयों के सेवन पर ।
(2) भारत वर्ष में अधिक शक्ति प्राप्ति हेतु प्राचीनकाल में किसका सेवन किया जाता था ?
(क) गाँजा का
(ख) अफीम का
(ग) सोमरस का
(घ) शराब का
उत्तर:
(ग) सोमरस का
व्याख्या- भारत वर्ष में अधिक शक्ति प्राप्ति हेतु प्राचीनकाल में सोमरस का सेवन किया जाता था।
(3) नाजी जर्मनी में सैनिकों को जोश और बल प्रदान करने के लिए कौन-सी नशीली दवा दी जाती थी ?
(क) अपेटेमाइन
(ख) अफ़ेटेमाइन
(ग) अफ़ेटोमाइन
(घ) आफ़ेटेमाइन
उत्तर:
(ख) अफ़ेटेमाइन
(4) किस देश में नशीली दवाइयाँ सर्वाधिक मात्रा में बनाई जाती हैं ?
(क) अमेरिका में
(ख) सोवियत संघ में
(ग) चीन में
(घ) मैक्सिको में
उत्तर:
(घ) मैक्सिको में
व्याख्या – मैक्सिको में सर्वाधिक मात्रा में नशीली दवाइयाँ बनाई जाती हैं।
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : नशीली दवाओं से मनष्य को अल्प समय के लिए लाभ मिलता है।
कारण (R) : उनके हार्मोन, पौरुष तथा कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।
विकल्प :
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है ।
उत्तर:
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या- नशीली दवाओं के सेवन से मनुष्य में अल्प समय के लिए हार्मोन, पौरुष तथा कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
3. निम्नलिखित ‘शब्द और पद’ पर आधारित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) जब कोई शब्द पद का रूप ले लेता है, तो-
(क) शब्द पद नहीं बन सकता ।
(ख) उन पर व्याकरण नियमों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।
(ग) स्वतन्त्र रहने के कारण उस पर व्याकरण के नियम लागू नहीं होते ।
(घ) शब्दों की स्वतन्त्रता समाप्त हो जाती है और वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है।
उत्तर:
(क) शब्द पद नहीं बन सकता ।
(2) वाक्य किससे बनता है ?
(क) स्वरों से
(ख) व्यंजनों से
(ग) शब्दों से
(घ) पदों से
उत्तर:
(ग) शब्दों से
व्याख्या – शब्दों से मिलकर वाक्य बनता है ।
4. निम्नलिखित ‘अनुस्वार तथा अनुनासिक’ पर आधारित तीन बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) अनुस्वार – चिह्न के उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) अंत्यत
(ख) चंदन
(ग) भाँति
(घ) मडली
उत्तर:
(ख) चंदन
व्याख्या- ‘चंदन’ शब्द में उचित अनुस्वार चिह्न का प्रयोग हो रहा है
(2) अनुनासिक – चिह्न के उचित प्रयोग वाला शब्द नहीं है-
(क) चोंच
(ख) आँच
(ग) सिहाँसन
(घ) कारवाँ
उत्तर:
(ग) सिहाँसन
व्याख्या- सिहाँसन शब्द अनुनासिक के उचित प्रयोग वाला शब्द नहीं है ।
(3) अनुनासिक – चिह्न के उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) काटां
(ख) कांटा
(ग) काँटा
(घ) काटाँ
उत्तर:
(ग) काँटा
5. निम्नलिखित ‘उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘दुर्गति’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग और मूल शब्द है-
(क) दु + र्गति
(ख) दुरग + ति
(ग) दुर् + गति
(घ) द + उरगति
उत्तर:
(ग) दुर् + गति
व्याख्या- दुर्गति शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग दुर् तथा मूल शब्द गति है ।
(2) ‘प्र’ उपसर्ग से बना शब्द है-
(क) प्रतिदिन
(ख) प्रत्येक
(ग) प्रवचन
(घ) प्रत्यक्ष
उत्तर:
(ग) प्रवचन
व्याख्या- ‘प्र’ उपसर्ग से बना शब्द प्रवचन है ।
(3) ‘हम’ उपसर्ग से युक्त शब्द है-
(क) हमशक्ल
(ख) हमारा
(ग) हमने
(घ) हमेशा
उत्तर:
(क) हमशक्ल
(4) ‘लुभावना’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) भावना
(ख) आवना
(ग) वना
(घ) अवना
उत्तर:
(ख) आवना
(5) ‘संपादकीय’ शब्द में मूल शब्द व प्रत्यय है-
(क) संपादकी + इय
(ख) संपाद + कीय
(ग) संपादक + ईय
(घ) संपाद + इय
उत्तर:
(ग) संपादक + ईय
6. निर्देशानुसार ‘स्वर संधि’ पर आधारित चार बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 3 = 3)
(1) किस शब्द में गुण सन्धि है?
(क) भारतेन्दु
(ख) विद्यालय
(ग) लघूर्मि
(घ) इत्यादि
उत्तर:
(क) भारतेन्दु
(2) ‘पवन’ शब्द में सन्धि है ।
(क) यण सन्धि
(ख) अयादि सन्धि
(ग) गुण सन्धि
(घ) दीर्घ सन्धि
उत्तर:
(ख) अयादि सन्धि
व्याख्या- पो + अन = पवन। अतः यहाँ अयादि सन्धि होगी ।
(3) अयादि सन्धि का उदाहरण-
(क) गवीश
(ख) दिगम्बर
(ग) परमोज
(घ) महोदय
उत्तर:
(क) गवीश
व्याख्या – गवीश (गो + ईश) अयादि सन्धि का उदाहरण है।
(4) निम्नलिखित शब्दों में से किसमें स्वर सन्धि है ?
(क) महाशय
(ख) पुनर्जन्म
(ग) सदाबहार
(घ) तपोगुण
उत्तर:
(क) महाशय
व्याख्या- महाशय (महा + आशय) में दीर्घ सन्धि है। यह स्वर सन्धि का ही प्रकार है अतः इसमें स्वर सन्धि होगी ।
7. निर्देशानुसार ‘विराम-चिह्न’ पर आधारित चार बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 3 = 3)
(1) ‘तुम कहाँ थे’ वाक्य में सही विराम चिह्न का प्रयोग कीजिए ।
(क) उपविराम
(ख) योजक
(ग) प्रश्नवाचक
(घ) अर्द्धविराम
उत्तर:
(ग) प्रश्नवाचक
व्याख्या- ‘तुम कहाँ थे’ वाक्य में प्रश्नवाचक चिह्न (?) का प्रयोग होगा क्योंकि यह वाक्य प्रश्न का बोध करा रहा है।
(2) ‘जाना है तो जल्दी जाओ’ वाक्य में सही विराम चिह्न का प्रयोग कीजिए ।
(क) अर्द्ध-विराम
(ख) अल्प विराम
(ग) प्रश्नवाचक
(घ) उद्धरण ।
उत्तर:
(ख) अल्प विराम
व्याख्या- ‘जाना है जो जल्दी जाओ ।’ वाक्य में अल्प विराम-चिह्न का प्रयोग होगा। सही वाक्य होगा- जाना है, तो जल्दी जाओ।
(3) अरे तुम कब आए ? वाक्य में किस चिह्न का लोप है?
(क) प्रश्नवाचक
(ख) अवतरण
(ग) योजक
(घ) विस्मयसूचक
उत्तर:
(घ) विस्मयसूचक
व्याख्या- अरे तुम कब आए ? वाक्य में आश्चर्य सूचक अथवा विस्मयसूचक चिह्न का प्रयोग होगा क्योंकि वाक्य में आश्चर्य का भाव प्रकट हो रहा है। सही वाक्य होगा- अरे ! तुम कब आए ?
(4) किसी बड़े अंश का संक्षिप्त रूप दर्शाने हेतु किस चिह्न का प्रयोग करते हैं ।
(क) अर्द्ध-विराम
(ख) लाघव
(ग) अल्प-विराम
(घ) विस्मय सूचक
उत्तर:
(ख) लाघव
8. निर्देशानुसार ‘अर्थ की दृष्टि से वाक्य-भेद’ पर आधारित तीन बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) आपको किससे मिलना है? यह किस प्रकार का वाक्य है ?
(क) विधानवाचक
(ख) निषेधवाचक
(ग) प्रश्नवाचक
(घ) आज्ञावाचक
उत्तर:
(ग) प्रश्नवाचक
(2) ‘वह मुझसे थोड़े ही डरता है । ‘ वाक्य को प्रश्नवाचक वाक्य में परिवर्तित कीजिए-
(क) क्या वह मुझसे डरता है ?
(ख) संभव है कि वह मुझसे डरता हो
(ग) क्या वह मुझसे डरा ?
(घ) वह किससे डरता है ?
उत्तर:
(क) क्या वह मुझसे डरता है ?
व्याख्या- वह मुझसे थोड़े ही डरता है, का प्रश्न वाचक में परिवर्तन होगा- क्या वह मुझसे डरता है ?
(3) कॉलम – 1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
विकल्प :
(क) 1 – (ii), 2- (i), 3- (iii)
(ख) 1- (i), 2- (ii), 3- (iii)
(ग) 1 – (iii), 2- (ii), 3- (i)
(घ) 1- (ii), 2- (iii), 3- (i)
उत्तर:
(क) 1 – (ii), 2- (i), 3- (iii)
9. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
बैठा शुक उस घनी डाल पर
जो खोंते को छाया देती।
पंख फुला नीचे खोंते में
की बैठ अंडे है सेती ।
गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर ।
किन्तु, शुकी के गीत उमड़कर
रह जाते सनेह में सनकर ।
गूँज रहा शुक का स्वर वन में,
फूला मग्न शुकी का पर है।
गीत, अगीत, कौन सुन्दर है ?
(1) कवि इस पद्यांश में किसके प्रेम का वर्णन करता है?
(क) प्रेमी-प्रेयसी ।
(ख) तोता और मादा तोता ।
(ग) विकल्प (क) और (ख)।
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ख) तोता और मादा तोता ।
(2) सूर्य की किरणें किससे छनकर आती हैं?
(क) पत्तों से
(ख) बादल से
(ग) हवा से
(घ) सभी से
उत्तर:
(क) पत्तों से
व्याख्या- सूर्य की किरणें पत्तों से छनकर आती हैं।
(3) सूर्य की किरणें किसका स्पर्श करती हैं?
(क) पत्तों का
(ख) मादा का
(ग) तोते के पंखों का
(घ) बादल का
उत्तर:
(ग) तोते के पंखों का
(4) पेड़ की डाल तोते को क्या देती है?
(क) छाया
(ख) धूप
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) छाया
व्याख्या- पेड़ की डाल से तोते को छाया मिलती है।
(5) शुक का अर्थ है ?
(क) शेर
(ख) तोता
(ग) बकरी
(घ) सभी
उत्तर:
(ख) तोता
10. निम्नलिखित दो प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) कवि ने नदी के गाने की तुलना किसकी चुप्पी से की है?
(क) पक्षी
(ख) जानवर
(ग) किनारों
(घ) गुलाब
उत्तर:
(घ) गुलाब
व्याख्या – कवि ने नदी के गाने की तुलना गुलाब के फूल की चुप्पी से की है।
(2) जब शुक गाता है, तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(क) हृदय से दुःखी है
(ख) हृदय प्रसन्नता से फूल जाता है
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ख) हृदय प्रसन्नता से फूल जाता है
व्याख्या- जब शुक गाता है तब शुकी का हृदय प्रसन्नता से फूल जाता है।
11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
तुम जहाँ बैठे निःसंकोच सिगरेट का धुआं फेंक रहे हो, उसके ठीक सामने एक कैलेंडर है । देख रहे हो ना ! इसकी तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ाती रहती हैं। विगत दो दिनों से मैं तुम्हें दिखाकर तारीखें बदल रहा हूँ। तुम जानते हो, अगर तुम्हें हिसाब लगाना आता है कि यह चौथा दिन है, तुम्हारे सतत आतिथ्य का चौथा भारी दिन ! पर तुम्हारे जाने की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती । लाखों मील लंबी यात्रा करने के बाद वे दोनों एस्ट्रॉनॉट्स भी इतने समय चाँद पर नहीं रुके थे, जितने समय तुम एक छोटी-सी यात्रा कर मेरे घर आए हो। तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप मेरी ज़मीन पर अंकित कर चुके, तुमने एक अंतरंग निजी संबंध मुझसे स्थापित कर लिया, तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की बैंजनी चट्टान देख ली; तुम मेरी काफ़ी मिट्टी खोद चुके । अब तुम लौट जाओ, अतिथि! तुम्हारे जाने के लिए यह उच्च समय अर्थात् हाईटाइम है। क्या तुम्हें तुम्हारी पृथ्वी नहीं पुकारती ?
(1) शरद जोशी को हिंदी साहित्य में किस रूप में जाना जाता है?
(क) एक व्यंग्यकार के रूप में ।
(ग) एक कहानीकार के रूप में।
(ख) एक निबंधकार के रूप में
(घ) एक उपन्यासकार के रूप में ।
उत्तर:
(क) एक व्यंग्यकार के रूप में ।
व्याख्या- शरद जोशी जी ने कई व्यंग्य लेख लिखे तथा हिन्दी साहित्य जगत में व्यंग्य को प्रतिष्ठित करने में इन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। मुहावरे व हास्य व्यंग्य इनकी रचनाओं के प्राण हैं, इसलिए शरद जोशी जी को हिन्दी साहित्य में एक व्यंग्यकार के रूप में जाना जाता है ।
(2) लेखक किससे परेशान है ? विचार कीजिए और उचित विकल्प का चयन कीजिए ।
(i) अतिथि से।
(ii) अपनी पत्नी से ।
(iii) महँगाई से।
(iv) गर्मी से ।
विकल्प :
(क) केवल (i)
(ख) केवल (ii)
(ग) केवल (iii)
(घ) (iii) और (iv)
उत्तर:
(क) केवल (i)
(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्व पढ़िए । उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए ।
कथन (A): ‘एस्ट्रॉनाट्स’ शब्द का अर्थ है अंतरिक्ष यात्री |
कारण (R): ‘एस्ट्रॉनाट्स’ का अर्थ विमान यात्री होता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है ।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(4) लेखक कितने दिनों से अतिथि को कैलेंडर दिखाकर तारीखें बदल रहा है?
(क) दो दिनों से
(ख) तीन दिनों से
(ग) चार दिनों से
(घ) छह दिनों से
उत्तर:
(क) दो दिनों से
व्याख्या- लेखक अतिथि के ज़्यादा दिन ठहर जाने पर परेशान हो उठा। वह अतिथि को दो निदों से कैलेंडर दिखाकर तारीखें बदल रहा है। उसके दिन गिनवा रहा है।
(5) लेखक अतिथि से क्या चाहता है ?
(क) एक-दो दिन और रुके
(ख) वह लेखक के ही घर में रहे
(ग) वह जल्दी चला जाए
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) वह जल्दी चला जाए
व्याख्या- लेखक अतिथि से चाहता है कि वह उसके घर से जल्दी चला जाए क्योंकि अतिथि को आए कई दिन हो चुके थे।
12. निम्नलिखित दो प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) लेखक ने धोबी की जगह लॉण्ड्री में कपड़े क्यों दिए ?
(क) लॉण्ड्री लेखक के घर के पास थी
(ख) अतिथि लॉण्ड्री के धुले कपड़े ही पहनता था।
(ग) अतिथि के कपड़े बहुत महँगे थे
(घ) ताकि कपड़े जल्दी धुलकर आ सकें ।
उत्तर:
(घ) ताकि कपड़े जल्दी धुलकर आ सकें ।
व्याख्या- लेखक ने धोबी की जगह लॉण्ड्री में कपड़े धोने के लिए इसलिए दिए जिससे अतिथि जल्दी चला जाए क्योंकि धोबी कपड़े धोकर देने में कई दिन लगाता है।
(2) लेखक को अतिथि को देखकर अंतरिक्ष यात्री की याद क्यों आ गई ?
(क) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफ़र करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर ठहर गया था।
(ख) अतिथि अंतरिक्ष के किस्से सुनाना चाहता था ।
(ग) अतिथि भी एक अंतरिक्ष यात्री था ।
(घ) अतिथि अंतरिक्ष में जाने की बातें करता था ।
उत्तर:
(क) अंतरिक्ष यात्री लाखों मील का सफ़र करके भी इतने दिन अंतरिक्ष में नहीं ठहरता जितना अतिथि उनके घर ठहर गया था।
खण्ड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
13. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) अतिथि को जाने के लिए लेखक ने किस-किस तरह से संकेत किया ?
उत्तर:
अतिथि को जाने के लिए लेखक ने कई तरह से संकेत दिए । लेखक अतिथि के सामने उसे दिखाकर तारीखें बदलता है। तारीखें बदलते समय वह इस बात को दोहराता है कि आज कौन-सी तारीख हो चुकी है। ऐसा करके वह अतिथि को जाने की याद दिलाना चाहता है। इसके अतिरिक्त उसने धोबी को कपड़े देने की अपेक्षा लॉण्ड्री में कपड़े देने का सुझाव दिया जिससे कपड़े जल्दी धुलकर आ सकें। उसके द्वारा कहे गए ‘जल्दी धुल सकें’ वाक्य में यह भी संकेत था कि अतिथि को शीघ्र अपने घर लौट जाना चाहिए। लेखक ने अतिथि से अपनी नाराज़गी दर्शाते हुए उससे गप्पें मारना और साथ में ठहाके लगाना बंद कर दिया। उनके बीच का सौहार्द्र बोझिल, बोरियत में परिवर्तित हो गया। घर में खाना ‘डिनर’ से चलकर ‘खिचड़ी’ पर आ गया। यह भी एक ठोस संकेत था, अतिथि को वापस भेजने का । इस तरह लेखक ने अतिथि को शीघ्र घर वापस जाने के लिए कई संकेत दिए ।
(2) लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाज़ा कैसे लगाया ?
उत्तर:
लेखक ने बुढ़िया के दुःख का अंदाज़ा अपने पड़ोस में पुत्र की मृत्यु से दुःखी एक संभ्रांत महिला के दुःख की बात को सोचकर लगाया कि यह बुढ़िया अपने पुत्र की मृत्यु के बावज़ूद पेट पालने के लिए खरबूजे बेच रही है जिस पर लोग ताने मारकर उसका दुःख बढ़ा रहे हैं। लोगों को यह अंदाज़ा नहीं है कि वह कितनी मज़बूर है।
(3) चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर:
चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति डरावनी थी । चट्टानें सख्त और भुरभुरी थीं। हवा की गति तेज़ थी और चोटी शंकु के आकार की थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति एक साथ खड़े हो सकें । उस पर चढ़ना बहुत खतरनाक था, लेकिन बछेन्द्री उनसे डरी नहीं बल्कि एवरेस्ट के प्रति उनका आकर्षण और तीव्र हो गया।
14. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
1. रैदास के पदों के माध्यम से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर:
रैदास के पदों से हमें यह संदेश मिलता है कि ईश्वर ही हर असंभव कार्य को संभव करने का सामर्थ्य रखता है । ईश्वर सदैव श्रेष्ठ और सर्वगुण सम्पन्न होता है । अत: हमें उस भगवान की शरण में जाना चाहिए क्योंकि वही हमें इस संसार रूपी सागर से पार लगा सकता है। ईश्वर ने जात-पात, अमीर-गरीब के भेदभाव को न मान ऐसे-ऐसे अछूतों का उद्धार किया है जिन्हें समाज ने ठुकरा दिया था। अतः हमें ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए ।
2. ‘गंदगी में रहकर खुशबू का निर्माण’ के द्वारा कवि देश की किस विषमता की ओर इशारा कर रहे हैं ?
उत्तर:
गंदगी में रहने वाले ये मज़दूर अगरबत्तियों का निर्माण कर खुशबू फैलाते हैं । कवि ने ऐसा कहकर देश में व्याप्त आर्थिक विषमता की ओर संकेत किया है और मज़दूरों की दीन-हीन दशा की ओर इशारा किया है। लेखक का मानना है कि इस वर्ग की विशेष देखभाल होनी चाहिए, उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। सबका ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाए, ठोस सरकारी कदम उठाने चाहिए, ताकि वह मज़दूर वर्ग भी स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सके।
3. लाख कोशिश करने के बाद बिगड़ी बात नहीं बनती। क्यों ?
उत्तर:
जिस प्रकार एक बार दूध के खराब होने से उससे मक्खन नहीं बनाया जा सकता, उसी प्रकार लाख कोशिश करने पर भी बिगड़ी बात नहीं बनाई जा सकती क्योंकि प्रेम का धागा विश्वास से बँधा होता है। जब विश्वास रूपी धागा टूट जाता है तो मन में गाँठ पड़ जाती है और पहले की तरह प्रेमपूर्ण सम्बन्ध नहीं बन पाते हैं ।
15. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
1. ‘स्मृति’ कहानी बाल मनोविज्ञान को किस प्रकार प्रकट करती है ? बच्चों के स्वभाव, उनके विचारों के विषय में हमें इससे क्या जानकारी मिलती है ?
उत्तर:
- बच्चे मार से, डाँट से बहुत डरते हैं।
- शरारतें करना उनका स्वभाव है।
- खतरे उठाना, जोखिम लेना उन्हें अच्छा लगता है।
- बच्चे अपनी माँ को मुसीबत में बहुत याद करते हैं।
- अधिकतर बच्चे ईमानदार व ज़िम्मेदार होते हैं।
व्याख्यात्मक हल –
बाल मस्तिष्क हर समय सूझ-बूझ से कार्य करने में सक्षम नहीं होता । बच्चे शरारतों का ध्यान आते ही अपने चंचल मन को रोक नहीं पाते। खतरे उठाने, जोखिम लेने, साहस का प्रदर्शन करने में उन्हें आनन्द आता है, वे अपनी जान को खतरे में डालने से भी नहीं चूकते, लेकिन बच्चों का हृदय बहुत कोमल होता है। बच्चे मार व डाँट से बहुत डरते हैं। जिस तरह लेखक बड़े भाई की डाँट व मार के डर से तथा चिट्ठियों को समय पर पहुँचाने की ज़िम्मेदारी की भावना के कारण ज़हरीले साँप तक से भिड़ गया। बच्चे अधिकतर ईमानदार होते हैं, वे बड़ों की भाँति न होकर छल व कपट से दूर होते हैं । मुसीबत के समय बच्चों को सबसे अधिक अपनी माँ की याद आती है । माँ के आँचल में वे स्वयं को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
2. “घायलों की सहायता के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है।” गिल्लु के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
गिल्लू के घायल होने पर लेखिका सेवा ।
धैर्य से सेवा करने पर सुखद परिणाम ।
व्याख्यात्मक हल –
लेखिका को गिल्लू निश्चेष्ट अवस्था में गमले की संधि में मिला था । शरीर पर कौओं की जाँच के जख्म थे। लेखिका ने उसे उठाया और धैर्यपूर्वक उसके घावों को साफ़ किया और महरम लगाया। उन्होंने रुई की बत्ती बनाकर उसे दूध पिलाने भी की कोशिश की, उन्होंने बड़े धैर्य के साथ रात-दिन उसकी सेवा की। उकी इसी धैर्यपूर्ण सेवा के कारण गिल्लू एकदम स्वस्थ हो गया।
3. इनाम में मिली दोनों अंग्रेज़ी की पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नई दुनिया के द्वार खोल दिए ? ‘मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय’ पाठ के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
अंग्रेज़ी की इन दो नई किताबों ने नई दुनिया का द्वार खोल दिया। पक्षियों से भरा आकाश और रहस्यों से भरा समुद्र और पिताजी ने सौंप दिया एक खाना अपनी लाइब्रेरी के लिए ।
व्याख्यात्मक हल :
लेखक पाँचवीं कक्षा में प्रथम आया था। ईनाम में अंग्रेज़ी की दो किताबें मिलीं थीं । एक किताब में दो छोटे बच्चे घोंसले की खोज में बाग़ों और कुँओं में भटकते हैं। इस तरीके से उन्हें पक्षियों की जातियों, बोलियों तथा आदतों की जानकारी मिलती है। दूसरी किताब में पानी के जहाज़ों की कथाएँ थीं । जहाज़ कितने प्रकार के होते हैं ? वे कौन – कौन सा माल लादकर लाते हैं, कहाँ से लाते हैं, कहाँ ले जाते हैं, नाविकों की जिंदगी कैसी होती है? कैसे-कैसे द्वीप मिलते हैं, कहाँ व्हेल होती हैं, कहाँ शार्क होती हैं ? इन किताबों से उसे पक्षियों से भरे आकाश तथा रहस्यों से भरे समुद्र का ज्ञान हुआ ।
16. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
1. ट्रैफिक जाम की समस्या
- ट्रैफिक की समस्या का आधार ।
- लोगों की जल्दबाज़ी ।
- व्यवस्था की कमी।
- सुधार के उपाय ।
उत्तर:
ट्रैफिक जाम की समस्या
ट्रैफिक की समस्या का आधार – विज्ञान ने आज हमारी जीवन-शैली को पूरी तरह बदल दिया है। विज्ञान के आविष्कारों में से एक महत्त्वपूर्ण आविष्कार है – यातायात के साधन, जिसके कारण हम मीलों की दूरी कुछ ही समय में सहजता से पूरी कर लेते हैं जिसे पूरा करने में प्राचीन समय में हमें महीनों लग जाते थे। वर्तमान समय में अधिकांश लोगों के पास अपने निजी वाहन यथा – कार, मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि हैं जो सड़कों पर जाम की दिनोंदिन बढ़ती समस्या का सबसे बड़ा कारण हैं।
लोगों की जल्दबाज़ी और व्यवस्था की कमी – आज हर व्यक्ति जल्दी में नज़र आता है और इसी जल्दबाज़ी के कारण सड़क पर जाम लग जाता है। बाइक, कार सवार अपनी लाइन में चलने के स्थान पर दूसरे को ओवर टेक करते हैं तथा ट्रैफिक पुलिस के द्वारा सख्ती से अपने कर्त्तव्य पालन न करने के कारण इसे बढ़ावा मिलता है।
सुधार के उपाय – ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति पाने के लिए सरकार को ट्रैफिक के कड़े नियम बनाने चाहिए तथा सख्ती से उन्हें लागू करना चाहिए। इसके साथ ट्रैफिक के नियमों के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही इस समस्या से निजात मिल सकती है।
2. आज़ादी अभी अधूरी है?
- आज़ादी का महत्त्व।
- पूर्ण आज़ादी से तात्पर्य ।
- आज़ादी की सुरक्षा कैसे ?
उत्तर:
आज़ादी अभी अधूरी है
आज़ादी का महत्त्व – स्वतंत्रता मनुष्य की स्वाभाविक वृत्ति है। स्वतंत्रता मनुष्य को ही नहीं बल्कि जीव-जंतुओं तथा पक्षियों को भी प्रिय है। कहा भी गया है- पराधीन सपनेहुँ सुख नाहिं ।
अंग्रेज़ों की गुलामी को भारतवासी कैसे सहन कर सकते थे ! वे इन गुलामी की जंजीरों को काटने का अनवरत प्रयास करते रहे और अंततः 15 अगस्त, 1947 को शताब्दियों से खोई स्वतंत्रता हमें पुनः प्राप्त हो गई । इस दिन को हम ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाने लगे। पूर्ण आज़ादी से तात्पर्य – हमें यह आज़ादी अनेक बलिदानों के पश्चात् प्राप्त हुई है, परन्तु यह अभी पूर्ण आज़ादी नहीं है। हम आज भी मानसिक तौर पर गुलाम हैं । हमें इस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सदैव सजग रहना चाहिए। स्वार्थवश कोई ऐसा कार्य न करें, जिससे भारत कलंकित हो अथवा इसकी स्वतंत्रता को कोई हानि पहुँचे ।
आज़ादी की सुरक्षा कैसे ? – इसके लिए भारतीयों को न सिर्फ बाहरी ताक़तों से अपितु देश के भीतर छिपे गद्दारों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके लिए हम सभी को देशभक्ति की भावना को जाग्रत करना होगा। अपने अधिकारों के साथ अपने कर्त्तव्यों का भी पालन करना होगा। अपनी क़ानून व्यवस्था को दुरस्त करना होगा, तभी हम अपनी आज़ादी को सुरक्षित रख पाएँगे।
3. विद्यालय का हिंदी दिवस समारोह
- हिंदी दिवस की तारीख एवं मनाने का कारण
- समारोह की रूपरेखा
- योगदान व सफलता ।
उत्तर:
विद्यालय का हिंदी दिवस समारोह
हिंदी विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी की खड़ी बोली भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितम्बर, 1949 को भारतीय संविधान के अनुसार इस देश की राष्ट्रभाषा के रूप में सर्व सम्मति से स्वीकार की गई। यह दिन निश्चित ही स्वतंत्र भारत के लिए गौरवपूर्ण था। तब से यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हमारे विद्यालय में भी हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसे विद्यालय में हिंदी पखवाड़े के रूप में मनाया जाता है जो 14 सितम्बर से आरंभ होकर 30 सितम्बर अर्थात् राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के जन्म दिवस तक मनाया जाता है।
इसके अर्न्तगत विद्यालय में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जैसे- भाषण प्रतियोगिता, निबन्ध व पत्र-लेखन प्रतियोगिता, लघु नाटिका, कवि सम्मेलन आदि । इन पन्द्रह दिनों में हिंदी के प्रयोग व उसके महत्त्व पर ध्यान दिया जाता है। अंतिम दिन मुख्य कार्यक्रम रखे जाते हैं। अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है । कार्यक्रमों का प्रारंभ विद्यालय की संस्थापिका श्रीमती मीरा सक्सेना ने सरस्वती प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया। उसके पश्चात् कक्षा नौ की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद एक के बाद एक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई । कक्षा आठ व नौ के विद्यार्थियों ने मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित ‘नमक का दरोगा’ नामक नाटक की मनमोहक प्रस्तुति दी तो दूसरी ओर विभिन्न कक्षाओं के छात्र – छात्राओं द्वारा किए गए कविता पाठ ने श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया । कक्षा नौ व दस के विद्यार्थियों के मध्य ‘बस्ता विहीन विद्यालय योजना’ पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जो बहुत रोचक था । इन प्रस्तुतियों के बाद विभिन्न अतिथि कवियों व विद्यार्थियों द्वारा कविता पाठ किया गया।
कार्यक्रमों की प्रस्तुति के पश्चात् हिंदी पखवाड़े के अर्न्तगत हुई समस्त प्रतियोगिताओं में सफल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। अंत में विद्यालय के प्रबंधक श्री मनोज सक्सेना ने अतिथियों का आभार व्यक्त करके और विद्यार्थियों द्वारा किए गए सार्थक प्रयास की सराहना करके कार्यक्रम का समापन किया।
17. अपने मित्र को स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल की प्रेरणा देते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। (6 × 1 = 6)
उत्तर:
हरीश नगर,
मेरठ।
दिनांक : 13 अगस्त, 20XX
प्रिय राकेश,
सप्रेम नमस्कार!
मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ। कल ही तुम्हारे द्वारा मेरे जन्मदिन का उपहार स्वरूप भेजा गया चायनीज कैमरा प्राप्त हुआ। बहुत प्रसन्नता हुई । लेकिन यही कैमरा स्वदेशी होता तो और अधिक प्रसन्नता होती । स्वदेशी वस्तुओं की गुणवत्ता विदेशी वस्तुओं से कम नहीं होती, वरन् स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग से हमारी अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है, जो देश के विकास में सहायक है।
मित्र! हमारे प्रधानमंत्री द्वारा भी ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जा रहा है। कहा भी गया है – ‘स्वदेशी बनो, स्वदेशी अपनाओ’ अतः हमें स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
आशा है तुम मेरे सुझाव पर ध्यान देते हुए स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग को दैनिक जीवन में बढ़ावा दोगे और दूसरों को भी प्रेरित करोगे। घर में सभी बड़ों को मेरा चरण स्पर्श और छोटों को शुभ स्नेह ।
तुम्हारा मित्र,
मोहित
18. प्रस्तुत चित्र को ध्यान से देखिए और चित्र को आधार बनाकर कोई लेख अथवा कहानी लिखिए जिसका सीधा और स्पष्ट सम्बन्ध चित्र से होना चाहिए। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
प्रस्तुत चित्र में एक बालक साइकिल चला रहा है और 7-8 बच्चे उसके चारों ओर दौड़ रहे हैं। वे सब मिलकर उस साइकिल वाले बच्चे को मानो घेर लेना चाहते हैं । सब बहुत प्रसन्न हैं व पूरी ताक़त लगाकर दौड़ रहे हैं। यह दिन का समय है, धूप खिल रही है। बालकों की परछाई दिखाई दे रही है । यह स्थान किसी पहाड़ी स्थल का लग रहा है व मौसम गर्मी का है। मार्ग के दोनों ओर झाड़ियाँ हैं। उनके पीछे कुछ दूरी पर अन्य लोग भी हैं जो साफ़ नज़र नहीं आ रहे हैं। एक स्त्री और पुरुष हैट लगाए दिख रहे हैं जिन्हें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वहाँ कोई प्रतियोगिता आदि का आयोजन हुआ है।
एक बार नैनीताल की घुमावदार सड़कों पर 12-16 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों की दौड़ का आयोजन किया गया। पूरे नैनीताल से बच्चों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस प्रतियोगिता में पुरस्कार के रूप में ट्राफी के साथ साइकिल देने की भी घोषणा की गई। इसमें सरस्वती शिशु भारती विद्यालय के अमित ने भी अपने सहपाठियों के साथ भाग लिया। 18 किमी. लम्बी इस दौड़ में अमित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उसे पुरस्कार में साइकिल मिली जिसे पाकर वह बहुत प्रसन्न था, उसने वहीं वह साइकिल चलानी शुरू कर दी तभी उसके सहपाठी भी आ गए, वे भी उसके विजयोत्सव की खुशी मनाते हुए पूरे जोश व उत्साह से उसके पीछे दौड़ने लगे। बच्चों की इस मस्ती को देखकर दर्शक व आयोजक सभी प्रसन्न हैं । इस तरह के खेलों का समय – समय पर आयोजन होना चाहिए । खेलों के महत्त्व को देखते हुए खेल वर्तमान शिक्षा का एक अंग बन चुके हैं। खेल रोज़गारपरक भी हो गए हैं। ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं और उनमें अनुशासन की भावना का भी विकास करने में सहायक होते हैं।
19. विकास के मॉडल – हाईवे, मॉल, मल्टीप्लेक्स विषय पर शिक्षक और छात्र के बीच परस्पर संवाद लगभग 100 शब्दों में लिखिए । (5 × 1 = 5)
अथवा
समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार व उसके दुष्परिणामों पर अध्यापिका व छात्र के बीच होने वाली बातचीत को लगभग 100 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
‘विकास के मॉडल – हाईवे, मॉल, मल्टीप्लेक्स’ विषय पर शिक्षक और छात्र के बीच संवाद –
शिक्षक – मोहन! आज का अखबार पढ़ा तुमने ।
मोहन – जी श्रीमान् ! किन्तु उसमें ऐसी क्या खबर थी?
शिक्षक – यानी तुमने ठीक से नहीं पढ़ा। उसमें आज हमारे शहर के विकास मॉडल को मंज़ूरी मिलने की खबर आई है।
मोहन – जी श्रीमान्! मैंने पढ़ा ! ये तो बहुत प्रसन्नता का विषय है अब हमारा शहर भी विकास के पथ पर अग्रसर होता हुआ दिखाई देगा। यहाँ भी चारों ओर हाइवे, मॉल और मल्टीप्लेक्स होंगे।
शिक्षक – ठीक कहा मोहन, बताओगे इससे हमारे शहर को क्या-क्या लाभ होंगे ?
मोहन – शहर की सड़कों पर वाहनों का भार कम होगा, हमारी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी साथ ही शहरवासियों को मनोरंजन के साधन व अपनी आवश्यकताओं की सभी वस्तुएँ एक ही छत के नीचे आसानी से उपलब्ध होंगी।
शिक्षक – बिल्कुल ठीक मोहन, शाबाश ।
अथवा
समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार व उसके दुष्परिणामों पर अध्यापिका व छात्र के बीच संवाद-
शिक्षिका – बच्चों ! आज के अखबार में भ्रष्टाचार से सम्बन्धित खबर पढ़ी तुमने ।
छात्र – जी ! बीएसएनएल अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
शिक्षिका – आज कोई भी विभाग इससे अछूता नहीं रह गया है।
छात्र – जी! चाहे रेलवे हो या नगर निगम या विद्युत विभाग हर जगह भ्रष्टाचार नज़र आता है।
शिक्षिका – भ्रष्टाचार का जाल इस तरह फैल गया है कि देश का विकास रुक गया है। बताओ, इसके दुष्परिणाम किस रूप में दिखाई देते हैं?
छात्र – भ्रष्टाचार के कारण कालाबाज़ारी, रिश्वतखोरी, बेइमानी, मिलावटखोरी आदि सबको बढ़ावा मिल रहा है।
शिक्षिका – बिल्कुल ठीक, भ्रष्टाचार ही इन सब समस्याओं की जड़ है।