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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 4 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 19 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 12 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 45 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
‘I’ : अपठित गद्यांश
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
एक किसान के बगीचे में फलों के अनेक पेड़ लगे हुए थे । उन पर रसीले मीठे-मीठे फल लगते थे। किसान बड़ा सीधा-सादा था। उसने सोचा कि यह बगीचा तो मेरे श्रम की देन है किन्तु जिस भूमि पर मेरा बगीचा है वह तो ज़मींदार की है। इस तरह इन फलों पर उसका भी हक बनता है । एक दिन वह रसीले फलों की टोकरी भरकर ज़मींदार को दे आया। ज़मींदार ने जब किसान के बगीचे के फल चखे तो वह दंग रह गया। इतने मीठे व स्वादिष्ट फलों का सेवन उसने आज तक नहीं किया था। उसने सोचा ऐसे मीठे फलों के पेड़ तो मेरे यहाँ होने चाहिए। उसने सेवकों को आदेश दिया कि किसान के यहाँ से पेड़ों की जड़ें उखाड़ लाएँ । सभी ने ज़मींदार को समझाने का प्रयास किया किन्तु उस पर लोभ का नशा चढ़ चुका था । उसके सेवक भी कड़े मन से बेचारे किसान के यहाँ से जड़ें उखाड़ लाए और ज़मींदार के बगीचे में रोप दीं। ज़मींदार ने माली को सख्त आदेश दिया कि उनका रखरखाव ध्यान से करे । अगली बार वह खुद इन फलों को तोड़कर इनका रसास्वादन करेगा। एक दिन उसने देखा कि जड़ें लाख प्रयत्नों के बावजूद मुरझाती जा रही थीं । माली से इसका कारण पूछा तो वह डरते-डरते बोला, ‘मालिक क्षमा कीजिएगा, किन्तु यह लोभ का फल है। आपने लोभवश किसान के मीठे फलों की जड़ों को यहाँ लगवा तो लिया है किन्तु जो जड़ें प्रेम, सद्भावना व निःस्वार्थ भावना से वहाँ पनप रही थीं वे अब स्वार्थ के वशीभूत होकर सड़ चुकी हैं।’ माली की बात सुनकर ज़मींदार को अपनी गलती का अहसास हो गया ।
(1) बगीचा किसका था ?
(क) किसान का
(ख) ज़मींदार का
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) किसान का
व्याख्या- बगीचा किसान का था परंतु ज़मीन ज़मींदार की थी इसलिए बगीचे के फलों पर ज़मींदार का हक बनता था।
(2) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए |
कथन (A) : ज़मीदार मीठे फल खाकर दंग रह गया।
कारण (R) : इतने मीठे फल उसने कभी नहीं खाए थे।
विकल्प :
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं ।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है ।
उत्तर:
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं ।
व्याख्या- ज़मींदार ने अपने जीवन में इतने मीठे व स्वादिष्ट फलों का सेवन कभी नहीं किया था इसलिए वह फल खाकर चकित रह गया।
(3) ज़मींदार ने किसके यहाँ से पेड़ों की जड़ें उखाड़ लाने को कहा ?
(क) किसान
(ख) सेवक
(ग) अपने
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) किसान
व्याख्या- ज़मींदार ने अपने सेवकों को यह आदेश दिया कि किसान के यहाँ से पेड़ों की जडे उखाड़ लाएँ तथा उन जड़ों को ज़मींदार के बगीचे में रोपा जाए।
(4) ज़मीदार के खेत में जड़ें क्यों मुरझा गईं ?
(क) लोभ
(ख) स्वार्थ
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ग) विकल्प (क) और (ख)
व्याख्या – ज़मींदार के खेत में जड़ें लोभ और स्वार्थ की अधिकता के कारण मुरझा गईं।
(5) किसान के बगीचे में मीठे फलों की जड़ें किसके कारण पनप रही थीं ?
(क) प्रेम
(ख) सद्भावना
(ग) निःस्वार्थ
(घ) सभी।
उत्तर:
(घ) सभी।
व्याख्या- किसान के बगीचे में मीठे फलों की जड़ें प्रेम, सद्भावना और निःस्वार्थ भावना से पनप रही थीं।
2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
साहस की ज़िन्दगी सबसे बड़ी ज़िन्दगी होती है। ऐसी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि यह बिल्कुल निडर और बेखौफ होती है। साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिन्ता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताक़त होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है। अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना, यह साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले लोग और अपने उद्देश्य की तुलना न तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और न अपनी चाल को पड़ोसी की चाल देखकर माध्यम बनाते हैं।
साहसी मनुष्य उन सपनों में भी रस लेता है, जिन सपनों का कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं है । साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है। झुंड में चलना और झुंड में चरना, यह भैंस और भेड़ का काम है। सिंह तो बिल्कुल अकेला होने पर भी मगन रहता है।
अर्नाल्ड बेनेट ने एक जगह लिखा है कि जो आदमी यह महसूस करता है कि किसी महान् निश्चय के समय वह साहस से काम नहीं ले सका, ज़िन्दगी की चुनौती को कबूल नहीं कर सका, वह सुखी नहीं हो सकता ।
(1) साहस की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी पहचान क्या है ?
(क) वह निष्पाप व निडर होती है
(ख) वह निरंकुश तथा निष्पाप होती है
(ग) वह निर्मम तथा बेखौफ़ होती है
(घ) वह निडर तथा बेखौफ होती है।
उत्तर:
(घ) वह निडर तथा बेखौफ होती है।
व्याख्या- साहस की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी पहचान है कि वह निडर तथा बेखौफ़ होती है।
(2) ‘जनमत की उपेक्षा’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?
(क) लोगों की राय की परवाह न करना
(ख) लोगों से वोट की उम्मीद करना
(ग) लोगों की सहमति से चलना
(घ) लोगों के वोट की उपेक्षा करना ।
उत्तर:
(क) लोगों की राय की परवाह न करना
(3) दुनिया की वास्तविक शक्ति कौन होता है ?
(क) लोगों को साथ लेकर चलने वाला
(ख) लोगों के वोट से जीता हुआ व्यक्ति
(ग) निडर, साहसी और पक्षपाती
(घ) लोगों की परवाह न करने वाला ।
उत्तर:
(घ) लोगों की परवाह न करने वाला ।
व्याख्या- लोगों की परवाह न करने वाला दुनिया की वास्तविक शक्ति होता है।
(4) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक होगा-
(क) कर्मवीर
(ख) साहस की ज़िन्दगी
(ग) ज़िन्दगी के पहले
(घ) सुखी व्यक्ति
उत्तर:
(ख) साहस की ज़िन्दगी
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए |
कथन (A) : झुंड में चलना और चरना भैंस और भेड़ का काम है।
कारण (R) : क्योंकि भैंस और भेड़ एक ही प्रजाति के हैं।
विकल्प :
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
‘II’ : व्यावहारिक व्याकरण
3. निम्नलिखित ‘शब्द और पद ‘ पर आधारित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) वर्णों के सार्थक मेल को कहते हैं-
(क) वर्ण
(ख) शब्द
(ग) पद
(घ) वाक्य
उत्तर:
(ख) शब्द
व्याख्या- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं ।
(2) शब्द व्याकरणिक नियमों में बँधकर क्या बनता है ?
(क) वाक्य
(ख) वर्ण
(ग) पद
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ग) पद
4. निम्नलिखित ‘अनुस्वार तथा अनुनासिक’ पर आधारित तीन बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) अनुस्वार चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) कुंडली
(ख) दडिंत
(ग) नीदं
(घ) कहीं
उत्तर:
(क) कुंडली
व्याख्या- अनुस्वार चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द कुंडली’ है विकल्प (क) सही है तथा (ख), (ग), (घ) गलत है।
(2) अनुनासिक चिह्न का उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) रँगीला
(ख) दँड
(ग) मुँह
(घ) उतराँचल
उत्तर:
(ग) मुँह
(3) अनुस्वार चिह्न के उचित प्रयोग वाला शब्द है-
(क) संगमरमर
(ख) सगमरमर
(ग) सगमरमर
(घ) सगमरमंर
उत्तर:
(क) संगमरमर
5. निम्नलिखित ‘उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 ×4 = 4)
(1) ‘संतोष’ में उचित उपसर्ग है-
(क) स
(ख) सम्
(ग) सन्
(घ) सअं
उत्तर:
(ख) सम्
(2) ‘निर्दोष’ में उचित उपसर्ग है-
(क) नि
(ख) निर्
(ग) निर
(घ) निरद्
उत्तर:
(ख) निर्
व्याख्या- निर्दोष में उचित उपसर्ग ‘निर्’ है।
(3) ‘शारीरिक’ में उचित प्रत्यय है-
(क) क
(ख) रिक
(ग) इक
(घ) रीक
उत्तर:
(ग) इक
(4) ओढ़नी’ में उचित प्रत्यय है-
(क) अनी
(ख) नी
(ग) ई
(घ) ढ़नी
उत्तर:
(ख) नी
व्याख्या – ओढ़नी का उचित प्रत्यय ‘नी’ है ।
(5) ‘ईय’ प्रत्यय से कौन-सा शब्द सम्बन्धित नहीं है?
(क) भारतीय
(ख) पर्वतीय
(ग) ईश्वरीय
(घ) गरिमा
उत्तर:
(घ) गरिमा
6. निर्देशानुसार ‘स्वर संधि’ पर आधारित चार बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 3 = 3)
(1) ‘सदैव’ में कौन-सी सन्धि है ?
(क) वृद्धि सन्धि
(ख) अयादि सन्धि
(ग) गुण सन्धि
(घ) यण सन्धि
उत्तर:
(क) वृद्धि सन्धि
व्याख्या- सदैव का संधि विच्छेद – सदा + एव होता है। यहाँ ‘अ’ स्वर के साथ ‘ए’ स्वर है, अत: यहाँ वृद्धि संधि है।
(2) ‘पावन’ में कौन-सी सन्धि है?
(क) अयादि सन्धि
(ख) वृद्धि सन्धि
(ग) यण सन्धि
(घ) दीर्घ सन्धि
उत्तर:
(क) वृद्धि सन्धि
(3) यण सन्धि का उदाहरण है-
(क) न्यून
(ख) पित्राज्ञा
(ग) अन्विति
(घ) सभी
उत्तर:
(घ) सभी
व्याख्या- न्यून, पित्राज्ञा, अन्विति ये सभी यण संधि के उदाहरण हैं।
(4) दीर्घ सन्धि का उदाहरण है-
(क) परमार्थ
(ख) देवालय
(ग) गिरीश
(घ) सभी
उत्तर:
(घ) सभी
7. निर्देशानुसार ‘विराम-चिह्न’ पर आधारित चार बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 3 = 3)
(1) योजक – चिह्न है-
(क) ?
(ख) ;
(ग) –
(घ) ,
उत्तर:
(ग) –
व्याख्या- विपरीत अर्थ रखने वाले शब्दों को जोड़ने के लिए योजक – चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
(2) लाघव-व-चिह्न है-
(क) :
(ख) .
(ग) ^
(घ) !
उत्तर:
(ख) .
(3) कल आप ही मिले थे, में कौन-सा चिह्न है ?
(क) विस्मयादिबोधक
(ख) प्रश्नवाचक
(ग) अल्पविराम
(घ) कोष्ठक
उत्तर:
(ग) अल्पविराम
(4) योजक – चिह्न का उदाहरण है-
(क) तीन-चौथाई
(ख) कल-कल
(ग) तेज़-तेज़
(घ) सभी
उत्तर:
(घ) सभी
व्याख्या- तीन-चौथाई, कल-कल, तेज़-तेज़ ये सभी योजक-चिह्न के उदाहरण हैं।
8. निर्देशानुसार ‘अर्थ की दृष्टि से वाक्य-भेद’ पर आधारित तीन बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) ‘तुम खेलने के लिए बाहर नहीं जाते हो’- अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) इच्छावाचक
(ख) नकारात्मक
(ग) संकेतवाचक
(घ) आज्ञावाचक
उत्तर:
(ख) नकारात्मक
व्याख्या- इस वाक्य में नकारात्मकता का आभास हो रहा है।
(2) ‘अरे! मेरा मित्र प्रथम आया है।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) विस्मयवाचक
(ख) आज्ञावाचक
(ग) इच्छावाचक
(घ) विधानवाचक
उत्तर:
(क) विस्मयवाचक
(3) कॉलम-1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
Img 1
विकल्प :
(क) 1-(ii), 2-(iii), 3-(i)
(ख) 1-(i), 2- (ii), 3-(iii)
(ग) 1-(iii), 2-(ii), 3-(i)
(घ) 1-(i), 2-(iii), 3-(ii)
उत्तर:
(क) 1- (ii), 2-(iii), 3- (i)
‘III’ : पाठ्य पुस्तक स्पर्श भाग-1
9. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय ।
टूटे से फिर ना जुरै, जुरै गाँठ परि जाय ।।
रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपत्ति सहाय ।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय ।।
(1) कवि ने प्रेम की तुलना किससे की है ?
(क) सूत्र से
(ख) रस्सी से
(ग) रबड़ से
(घ) मन से
उत्तर:
(क) सूत्र से
व्याख्या- कवि ने प्रेम की तुलना सूत्र से की है।
(2) प्रेम की डोर किससे बँधी होती है?
(क) धोखे से
(ख) विश्वास से
(ग) कपट से
(घ) धर्म से
उत्तर:
(ख) विश्वास से
व्याख्या- प्रेम की डोर विश्वास से बँधी होती है। झूठ, कपट, धोखे के मिश्रण से वह डोर टूट जाती है। यदि एक प्रेम की डोर टूट जाती है तो वह पुन: सहजता से नहीं जुड़ पाती ।
(3) दोहे के अनुसार संकटकाल में व्यक्ति का सहायक होता है-
(क) सच्चा मित्र
(ख) अपनी सम्पत्ति
(ग) अपने परिवार के सदस्य
(घ) सभ्य समाज
उत्तर:
(ख) अपनी सम्पत्ति
व्याख्या – संकटकाल में व्यक्ति की अपनी सम्पत्ति ही सहायक सिद्ध होती है।
(4) कमल की जीवन रक्षा होती है-
(क) जब सरोवर में पानी हो
(ख) जब कमल जल से युक्त हो ।
(ग) जब तेज़ धूप निकले
(घ) जब कमल को जल से बाहर निकाल लिया जाए।
उत्तर:
(ख) जब कमल जल से युक्त हो ।
(5) ‘जलज’ से क्या आशय है ? –
(क) सूरज
(ख) पानी
(ग) कमल का फूल
(घ) बादल
उत्तर:
(ग) कमल का फूल
10. निम्नलिखित दो प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) रहीम जलहीन कमल का उदाहरण देकर क्या सिद्ध करना चाहते हैं?
(क) विपत्तियों में कोई किसी का नहीं होता ।
(ख) विपत्तियों में अपने ही साधन और सम्बन्ध काम आते हैं
(ग) जल जीवन को तबाह करता है।
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(ख) विपत्तियों में अपने ही साधन और सम्बन्ध काम आते हैं
(2) अगीत किसे कहते हैं?
(क) अन्दर की भावना
(ख) बाहर की भावना
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) अन्दर की भावना
व्याख्या – अन्दर की भावना को अगीत कहते हैं ।
11. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
गाँधी जी के लिए वे पुत्र से भी अधिक थे। जब सन् 1917 में वे गाँधी जी के पास पहुँचे थे, तभी गाँधी जी ने उनको तत्काल पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। सन् 1919 में जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गाँधी जी को पलवल स्टेशन पर गिरफ़्तार कर लिया गया था। गाँधी जी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था। सन् 1929 में महादेव भाई आसेतु हिमाचल, देश के चारों कोनों में, समूचे देश के दुलारे बन चुके थे।
इसी बीच पंजाब में फ़ौजी शासन के कारण जो कहर बरपाया गया था, उसका ब्योरा रोज़-रोज़ आने लगा। पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ़्तार करके फ़ौजी क़ानून के तहत जन्म कैद की सजाएँ देकर कालापानी भेज दिया गया। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सजा मिली।
गाँधी जी के सामने जुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ पेश करने के लिए आने वाले पीड़ितों के दल के दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे। महादेव उनकी बातों की संक्षिप्त टिप्पणियाँ तैयार करके उनको गाँधी जी के सामने पेश करते थे और आने वाले के साथ उनकी रूबरू मुलाकातें भी करवाते थे । गाँधी जी बम्बई के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक ‘बाम्बे क्रानिकल’ में इन सब विषयों पर लेख लिखा करते थे । क्रानिकल में जगह की तंगी बनी रहती थी ।
(1) गाँधी जी ने अपना वारिस किसे कहा था :
(क) महादेव भाई को
(ख) नेता को
(ग) शंकर लाल को
(घ) जमनादास को
उत्तर:
(ग) शंकर लाल को
(2) जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड कब हुआ ? विचार कीजिए और उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(i) 1917
(ii) 1918
(iii) 1919
(iv) 1920
विकल्प :
(क) केवल (i)
(ख) केवल (ii)
(ग) केवल (iii)
(घ) केवल (iv)
उत्तर:
(ग) केवल (iii)
(3) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए ।
कथन (A) : ‘ट्रिब्यून’ के संपादक कालीनाथ राय थे।
कारण (R) : कालीनाथ राय को 10 साल जेल की सजा मिली ।
विकल्प :
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं ।
(घ) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं ।
व्याख्या- लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक पत्र – ‘ट्रिब्यून’ के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल जेल की सजा मिली थी।
(4) किस प्रदेश में फ़ौजी शासन के कारण कहर बरपाया गया था ?
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) पंजाब
(ग) राजस्थान
(घ) महाराष्ट्र
उत्तर:
(ख) पंजाब
व्याख्या- पंजाब में फ़ौजी शासन द्वारा कहर बरपाया गया था।
(5) किस क़ानून के तहत नेताओं को कालापानी की सजा के तहत् जेल भेज दिया गया-
(क) गाँधी जी के बनाए कानून के तहत
(ख) महादेव के बनाए कानून के तहत
(ग) महाराणा प्रताप के हुक्म के तहत
(घ) फ़ौजी कानून के तहत ।
उत्तर:
(घ) फ़ौजी कानून के तहत ।
12. निम्नलिखित दो प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(1) लेखक की अर्थिक स्थिति कैसी थी ?
(क) संपन्न का
(ख) वैभवपूर्ण
(ग) सुदृढ़
(घ) कमज़ोर
उत्तर:
(घ) कमज़ोर
व्याख्या – लेखक ने अतिथि के चौथे दिन भी वापस न जाने पर अंतक्षि यात्रियों का उदाहरण दिया । अंतरिक्ष यात्री भी लाखों मील यात्रा करने के बाद भी लंबे समय तक चाँद पर नहीं रुके ।
(2) लेखक ने अतिथि के चौथे दिन भी वापस न जाने पर किसका उदाहरण दिया?
(क) पर्यटकों का
(ख) वैज्ञानिकों का
(ग) संन्यासियों का
(घ) अन्तरिक्ष यात्रियों का
उत्तर:
(घ) अन्तरिक्ष यात्रियों का
खण्ड ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
13. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) साउथ पोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने क्या-क्या कार्य किए?
उत्तर:
साउथ पोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उसने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर इकट्ठे किए। उसके बाद लेखिका अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने के लिए एक थर्मस में जूस तथा दूसरे में चाय भरने के लिए नीचे उतर गई ।
(2) कौन-सा आघात अप्रत्याशित था ? इसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर:
तीसरे दिन अतिथि ने कहा कि वह धोबी को अपने कपड़े धोने के लिए देना चाहता है। यह एक अप्रत्याशित आघात था । इसमें मेहमान के कई दिन और रुकने की संभावना हो गई थी। इसके बाद लेखक अतिथि को देवता न मानकर मानव तथा राक्षस मानने लगा था। उसका अतिथि राक्षस का रूप लेता जा रहा था।
(3) रामन् के जीवन से जुड़ी किसी ऐसी घटना का उल्लेख कीजिए जिससे कि उनका भारतीय से गहरा लगाव दृष्टिगोचर होता है।
उत्तर:
जब रामन् स्टॉकहोम गए तो उन्होंने वहाँ अल्कोहल पर रामन् प्रभाव का प्रदर्शन किया। तब एक आयोजक ने परिहास में कहा कि रामन् ने जब अल्कोहल पर रामन् प्रभाव का प्रदर्शन कर हमें आह्लादित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो रामन् पर अल्कोहल के प्रभाव का प्रदर्शन करने से परहेज क्यों ? उपर्युक्त घटना उनका भारतीय संस्कृति ( शराब न पीना) से गहरा लगाव प्रदर्शित करती है।
14. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) व्याख्या कीजिए-
(क) यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
(ख) समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर
उत्तर:
(क) कवि परिवर्तन के दौर की विशेषता का उल्लेख करते हुए कहता है कि अब जीवन को स्मृति के सहारे नहीं जिया जा सकता। अब वह कई बार धोखा दे जाती है। यह दुनिया रोज़ नए रंग बदलती है। यह एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है। यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं है।
(ख) व्यक्ति के पास समय का अभाव है। नई परिस्थितियों में सभी काम में व्यस्त हैं। रोज़ नए परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे बदलते वातावरण में भी आशा की एक किरण अवश्य रहती है कि सम्भवतः कोई ऊपर से देखकर पहचान कर पुकार ले।
(2) रैदास के प्रभु में वे कौन-सी विशेषताएँ हैं जो उन्हें अन्य देवताओं से श्रेष्ठ सिद्ध करती हैं ?
उत्तर:
(i) वे केवल झूठी प्रशंसा या स्तुति नहीं चाहते ।
(ii) वे जाति प्रथा या छुआछूत को महत्त्व नहीं देते। वे समदर्शी हैं।
(iii) उनके लिए भावना प्रधान है। वे भक्त वत्सल हैं।
(iv) दीन दुःखियों व शोषितों की विशेष रूप से सहायता करते हैं । वे ग़रीब नवाज़ हैं।
(v) वे किसी से डरते नहीं हैं, निडर हैं।
(3) रहीम ने सागर जल की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर:
रहीम ने सागर के जल को व्यर्थ इसलिए कहा है, क्योंकि यह खारा होने के कारण पीने के काम नहीं आता । सागर में अथाह जल होने पर भी लोग प्यासे मरते हैं। इसकी तुलना में पंक-जल गंदा होते हुए भी इसलिए धन्य है, क्योंकि इसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास बुझती है। इस प्रकार यह जल उपयोगी है जबकि सागर के जल का कोई उपयोग नहीं है।
15. निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(1) ‘धर्मवीर भारती का जीवन बचाने के लिए डॉ. बेर्जेस ने जो खतरा उठाया क्या वह उचित था ?’ मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय ‘पाठ के आधार पर अपने विचार प्रकट कीजिए। इससे आप क्या प्रेरणा ग्रहण करते हैं ?
उत्तर:
लेखक अस्पताल से लौटकर अपने पुस्तकालय में किताबों के बीच रहना चाहता था । उसे अपने पुस्तकालय से विशेष लगाव था अत: ऑपरेशन से पूर्व डॉ. बेर्जेस ने धर्मवीर भारती को घर भेजकर जो खतरा उठाया वह पूरी तरह उचित था । लेखक पुस्तकों के पठन-पाठन में इतना लीन हो जाता था कि उसे अपनी बीमारी भी विस्मृत हो जाती थी। बाद में लेखक का सफ़ल ऑपरेशन संभव हो सका। इस पाठ से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र एवं पथ प्रदर्शक होती हैं । हमें भी अपना एक निजी पुस्तकालय अवश्य बनाना चाहिए।
(2) ‘मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय’ के लेखक को किताबें पढ़ने और सहजने का शौक कैसे लगा ?
उत्तर:
लेखक के घर में कई पुस्तकें थीं। वह घर में रखे ‘सत्यार्थ प्रकाश’ और ‘स्वामी दयानंद की जीवनी’ को बड़ी रुचि के साथ पड़ता था। इसकी रोमांचक घटनाएँ उसे प्रभावित करती थीं। वह ‘बाल सखा’ और ‘चमचम’ भी रुचिपूर्वक पढ़ता था । इन्हीं से उसे किताबों के पढ़ने का शौक लगा । पाँचवीं कक्षा में प्रथम आने पर अंग्रेज़ी की दो किताबें उन्हें इनाम में मिलीं। इसके बाद उन्होंने अपनी किताबों को सहेजना शुरू कर दिया। इससे उसके निजी पुस्तकालय की शुरुआत हुई ।
(3) त्रिपुरा की कौन-सी प्रमुख नदी के बारे में लेखक ने वर्णन किया है? व सूरज के सौन्दर्य का उल्लेख किया है।
उत्तर:
त्रिपुरा की प्रमुख नदियों में से एक मनु नदी के किनारे स्थित मनु एक छोटा-सा कस्बा है। जिस वक्त वे मनु नदी के पार जाने वाले पुल पर पहुँचे, सूर्य मनु के जल में अपना सोना उड़ेल रहा था। एक साथ बँथे हजारों बीसों का एक काफ़िला किसी विशाल ड्रैगन जैसा दिख रहा था और नदी पर वहा चला आ रहा था । डूबते सूरज की सुनहरी रोशनी उसे सुलगा रही थी और हमारे काफ़िले को सुरक्षा दे रही सी आर पी एफ की एक समूची कम्पनी के उलट इसकी सुरक्षा सिर्फ चार व्यक्ति सँभाले हुए थे।
16. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
1. परोपकार :
- परोपकार सबसे बड़ा धर्म ।
- परोपकारी महापुरुष ।
- दूसरों के लिए जीना ही परोपकार ।
उत्तर:
परोपकार
मनुष्य सामाजिक प्राणी है । परस्पर सहयोग उसके जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग है । परस्पर सहयोग के अभाव में समाज का अस्तित्व ही नहीं रह जाता। व्यक्ति को पग-पग पर दूसरों के सहयोग और सहायता की आवश्यकता पड़ती है । व्यास जी ने कहा है कि परहित साधन ही पुष्य है और दूसरों को कष्ट देना ही पाप है । परोपकार के समान दूसरा धर्म नहीं है । परोपकार का प्रत्यक्ष उदाहरण प्रकृति में देखने को मिलता है। मेघ दूसरों के लिए वर्षा करते हैं, वायु दूसरों के लिए चलती है; सरिता भी दूसरों की प्यास बुझाने के लिए बहती है; पुन्य अपनी सुगन्ध बिखेरकर; वृक्ष स्वयं धूप सहकर और पथिकों को छाया प्रदान करके हमें परोपकार की प्रेरणा देते प्रतीत होते हैं। परोपकार करने वाला मनुष्य पूज्य बन जाता है ।
परहित के कारण गांधी जी ने गोलियाँ खाईं, सुकरात ने जहर पिया तथा राजा शिवि ने बाज के आक्रमण से भयभीत कबूतर की रक्षा के लिए अपने शरीर का माँस दिया । ऋषि दधीचि ने मानव कल्याण के लिए स्वेच्छा से अपनी अस्थियाँ दान करके संपूर्ण मानवता को वृत्रासुर के अत्याचारों से मुक्त कराया । बुद्ध, महावीर जैसे महापुरुषों ने तृप्त मानवता को परोपकार का पावन मार्ग दिखाया। पंचशील का सिद्धान्त भी परोपकार की ही देन है। अपने लिए तो पशु भी जी लेते हैं। परोपकार इसी कारण मानवीय वृत्ति है। मनुष्य की परिभाषा देते हुए कवि ने कहा है- वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए जिए ।
2. विज्ञापनों का जीवन पर प्रभाव :
- विज्ञापन का उद्देश्य ।
- विज्ञापन का कार्य ।
- विज्ञापनों का योगदान ।
उत्तर:
विज्ञापनों का जीवन पर प्रभाव
विज्ञापन का उद्देश्य है – प्रचार-प्रसार द्वारा प्रचारकर्ता और आम जनता के बीच सम्पर्क स्थापित करना । सामान्य रूप से व्यापारी या उत्पादक उपभोक्ता को अपना माल बेचने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेते हैं । इस प्रकार विज्ञापन उत्पादक और उपभोक्ता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। ये एक ओर उत्पादकों के माल की गुणवत्ता जनता तक पहुँचाते हैं और दूसरी ओर जनता को नई-नई जानकारियाँ देकर नए उत्पादों से परिचित कराते हैं, उन्हें शिक्षित करते हैं।
विज्ञापन विविध प्रकार के होते हैं – व्यापारिक, शैक्षिक, नियुक्ति सम्बन्धी, जन-जागरण सम्बन्धी, धार्मिक, मनोरंजन सम्बन्धी आदि । ये विज्ञापन हमारे मन को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं। हम जो भी सामान खरीदते हैं, उनमें विज्ञापनों का पूरा-पूरा योगदान होता है। आज कोई भी ग्राहक सामान खरीदते समय केवल प्रसिद्ध ब्राण्डों पर ही नज़र दौड़ाता है। नमक हो या साबुन, पंखे हों या फ्रिज – सबके चुनाव में विज्ञापन हमें प्रेरित करते हैं। दुकान के सामने खड़े होकर माल नहीं, प्रसिद्ध नाम खरीदते हैं। ऐसे में विज्ञापनों का यह दायित्व बनता है कि वे ग्राहकों को लुभावने दृश्य दिखाकर गुमराह न करें, बल्कि उन्हें अपने उत्पाद के गुणों से परिचित कराएँ । तभी उचित माल, उचित ग्राहक तक पहुँचेगा और विज्ञापन – अपने लक्ष्य में सफ़ल होगा।
3. विज्ञान : वरदान या अभिशाप :
- विज्ञान और हमारा अस्तित्व ।
- विज्ञान-सदुपयोग के साथ दुरुपयोग भी ।
- विज्ञान का दुरुपयोग रोकना आवश्यक ।
उत्तर:
विज्ञान : वरदान या अभिशाप
आज यदि हम अपने को विज्ञान से अलग करके देखें तो शायद हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा। वैज्ञानिक उन्नति के कारण ही हमारी दिनचर्या इतनी सहज हो गई है कि कितने ही काम मिनटों में निपट जाते हैं। लिखना, पढ़ना, खाना-पीना यहाँ तक कि सोना भी विज्ञान पर निर्भर करता है। कागज़ – कलम, टोस्टर, फ्रिज, गैस, पंखा, कूलर, हीटर सभी तो विज्ञान की ही देन हैं। संचार, यातायात के साधन, टेलीविज़न, इंटरनेट ने तो हमारी दूरियाँ ही समाप्त कर दी हैं। घर बैठे ही सबकी खोज-खबर ले लो। जहाँ दृष्टि डालो विज्ञान ही विज्ञान है। उपग्रहों के माध्यम से शिक्षा का प्रसार, मौसम की जानकारी, कृषि के नए तौर-तरीके, सुरक्षा के साधन और न जाने क्या-क्या। चिकित्सा के क्षेत्र में तो इसकी उन्नति के क्या कहने ? बस आत्मा को छोड़कर सब कुछ तैयार किया जा सकता है, अदला-बदला जा सकता है।
आज अनेक व्यक्ति अंग-प्रत्यारोपण से जीवन-दान पा रहे हैं। विज्ञान हमारे लिए वरदान है, पर हर चीज़ में अच्छाई के साथ-साथ कुछ बुराई भी होती है। विज्ञान का दुरुपयोग होने लगा है। विभिन्न अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण और रासायनिक बमों के प्रयोग का भय विश्व में बना हुआ है। मानव को प्रकृति के महत्त्व को समझकर विज्ञान का सदुपयोग करना चाहिए और उसकी विनाशक शक्ति से बचना चाहिए। यह तभी संभव है जब विज्ञान की शक्ति का दुरुपयोग न किया जाए।
17. अपने मित्र को कार र- दुर्घटना में उसके पिता की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए एक संवेदना – पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखिए । (6 × 1 = 6)
उत्तर:
ए – 26/15, शालीमार बाग,
दिल्ली |
दिनांक : 15-6-20xx
प्रिय मित्र अनिल,
नमस्कार !
तुम्हारे पूज्य पिताजी की एक कार – दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु का समाचार सुनकर हृदय में असीम पीड़ा हुई । कुछ क्षणों के लिए इस समाचार पर विश्वास नहीं हुआ। पिछले सप्ताह ही तो मुझे उनसे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था । वे मुझे भी अपना ही पुत्र मानते थे। उनका वह मुस्कान से भरा मुखमण्डल आज भी मेरी आँखों के समक्ष विद्यमान है।
मित्र! ईश्वर की लीला भी बहुत विचित्र है। इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है । उसकी आज्ञा के सम्मुख हमें अपना सिर झुकाना ही पड़ता है। मृत्यु पर किसी का भी वश नहीं चलता। मैं जानता हूँ कि तुम्हारे ऊपर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है, पर धैर्य धारण करने के अतिरिक्त कोई अन्य उपाय भी तो नहीं है। तुम तो स्वयं बुद्धिमान एवं धैर्यशील हो । तुम्हें धैर्य धारण करने के साथ ही घर के अन्य सदस्यों को भी धैर्य बँधाना चाहिए। मैं ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि वह तुम्हें और तुम्हारे परिवार को इस आकस्मिक आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करे ।
तुम्हारा मित्र
अरुण
18. प्रस्तुत चित्र को ध्यान से देखिए और चित्र को आधार बनाकर कोई लेख अथवा कहानी लिखिए जिसका सीधा और स्पष्ट सम्बन्ध चित्र से होना चाहिए। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
प्रस्तुत चित्र में जल की समस्या को प्रदर्शित किया गया है। इस चित्र में पाँच महिलाएँ दिखाई दे रही हैं जो विभिन्न पात्रों, कलशों और प्लास्टिक की केनों में पानी भरने के लिए बैठीं हैं । प्रत्येक महिला तीन से चार पात्रों को भरने के लिए अपनी-अपनी बारी का इन्तज़ार कर रहीं हैं। ये स्त्रियाँ आस-पास की बस्तियों की प्रतीत होती हैं जो प्रातः होते ही पानी के लिए कतार में लग जाती हैं।
जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती । जीवन की सामान्य व दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जल की आवश्यकता होती है। मनुष्य के साथ पेड़, पौधे, पशु-पक्षी सभी के जीवन का आधार जल है । भारत में असंख्य नदियों के होने के बावज़ूद लोगों को पानी की तलाश में प्रतिदिन एक नल या हैडपम्प से दूसरे तक भटकना पड़ता है। आज यह बहुत दुःख की बात है कि ईश्वर द्वारा प्रदत्त इस अथाह प्राकृतिक सम्पदा का ही जीवन में अभाव हो गया है। आज नलकूपों का जलस्तर काफ़ी नीचे जा चुका है। नदियाँ भी पानी के अभाव में कृशकाय दिखाई पड़ती हैं।
आज जल संकट की समस्या केवल हमारे देश भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया इस समस्या से जूझ रही है। अचानक आए इस जल संकट का क्या कारण है? इसका मुख्य कारण प्रकृति में असंतुलन है। लगातार होती वृक्षों की कटाई से प्रदूषण तेज़ी से बढ़ा। जिसके कारण वर्षा चक्र परिवर्तित हो गया । वर्षा की कमी से अंधाधुध भूमिगत जल के दोहन से जल संकट गहराने लगा । इसके अतिरिक्त उपलब्ध जलाशयों का पानी कल-कारखानों और दूषित नालों के कारण प्रदूषित हो जाने से उपयोगी नहीं रह गया है। हमें इस जल संकट की गम्भीरता को समझते हुए इसकी रोकथाम के उपाय करने चाहिए । प्रशासन को जल संचय हेतु बड़े-बड़े बैराज बनाने चाहिए और जलाभाव वाले क्षेत्रों में उसे वितरित कराना चाहिए। लोगों को जल के सदुपयोग व संरक्षण हेतु जागरूक करना चाहिए । अन्यथा जल संकट के कारण हमारी भावी पीढ़ी के जीवन पर संकट आ जाएगा।
19. बसों की कुव्यवस्था से चिंतित दो मित्रों का संवाद लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5 × 1 = 5)
अथवा
परीक्षा समाप्त होने पर बाहर घूमने जाने के संबंध में दो साथियों में दूरभाष पर हुई बातचीत लगभग 100 शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
बसों की कुव्यवस्था से चिंतित दो मित्रों का संवाद-
आकाश – देखो न अविनाश एक घण्टे से भी ज़्यादा का समय बीत गया किन्तु बस अभी तक नहीं आई ।
अविनाश – (चिंतित स्वर) हाँ आकाश, अब तो यह रोज़ की बात हो गई है।
आकाश – अब क्या करें? समझ नहीं आता । कक्षा शुरू होने में केवल पन्द्रह मिनट शेष हैं।
अविनाश – हाँ आकाश समय तो बहुत ही कम शेष है। काश, हम भीड़ से भरी पिछली बस में चले जाते तो अब तक पहुँच गए होते ।
आकाश – लेकिन अविनाश हम चढ़ पाते तब ना।
अविनाश – परन्तु अब क्या करें ?
आकाश – चलो, अब तो रिक्शे से ही जाना पड़ेगा।
अथवा
दो साथियों में बातचीत-
अमिता – हैलो, क्या मैं नंदिता से बात कर सकती हूँ?
नंदिता – मैं नंदिता ही बात कर रही हूँ । आप कौन ?
अमिता – नंदिता मैं अमिता बोल रही हूँ।
नंदिता – अरे ! अमिता मैं तुम्हें ही फोन करने वाली थी। सोच रही थी, परीक्षा तो समाप्त हो गई है। कहीं बाहर मॉल में घूमने चलते हैं।
अमिता – मैं भी यही कहने वाली थी, शॉपिंग भी करेंगे। बड़ा मज़ा आएगा और चाट-पकोड़े भी खाएँगे।
नंदिता – तो फिर शाम को चार बजे बस स्टैंड पर मिलते हैं।
अमिता – ठीक है।