Students can access the CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions and marking scheme Set 6 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 6 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
(ii) इस प्रश्न पत्र में खंड “अ’ में वस्तुपरक तथा खंड “ब में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
(iii) खंड “अ’” में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
(iv) खंड “ब” में वर्णनात्मक ग्रएन पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
(v) दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(vi) यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्त क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न (अंक 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
दुनिया शायद अभी तक के सबसे बड़े संकट से जूझ रही है। मौज़ूदा दौर की महामारी ने हर किसी के जीवन में हलचल मचा दी है। इस पर महामारी ने जीवन की सहजता को पूरी तरह बाधित कर दिया है। भारत में इतनी अधिक आबादी है कि इसमें किसी ‘नियम-कायदे को पूरी तरह से अमल में लाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। इसमें महामारी के संक्रमण को रोकने के मकसद से पूर्णबंदी लागू की गई और इसे कमोवेश कामयाबी के साथ अमल में भी लाया गया। लेकिन यह सच है कि जिस महामारी से हम जूझ रहे हैं, उससे लड़ने में मुख्य रूप से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता की ही बड़ी भूमिका है, लेकिन असली चिंता बच्चों और बुजुर्गों की हो जाती है।
इस मामले में ज़्यादातर नागरिकों ने जागरुकता और सहजबोध की वजह से जुरूरी सावधानी बरती है, लेकिन इसके समानान्तर दूसरी कई समस््याएँ खड़ी हुई हैं। मसलन आर्थिक गतिविधियाँ जिस बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, उसने बहुत सारे लोगों के सामने संकट और ऊहापोह की स्थित पैदा कर दी है। नौकरी और उसकी तनख़्वाह पर निर्भर लोगों की लाचारी यह है कि उनके सामने यह आश्वासन था कि उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा, वेतन नहीं रोका जाएगा वहीं उनके साथ हुआ उल्टा। नौकरी गई, कई जगहों पर तनख़्वाह नहीं मिली या कटौती की गई और किराए के घर तक छोड़ने की नौबत आ गई। इस महामारी का दूसरा असर शिक्षा जगत पर पड़ा है, उसका ताकिक समाधान कैसे होगा, यह लोगों के लिए समझना मुश्किल हो रहा है। खासतौर पर स्कूली शिक्षा पूरी तरह से बाधित होती दिख रही है। यों इसमें किए गए वैकल्पिक इंतजामों की वजह से स्कूल भले बंद हों, लेकिन शिक्षा को जारी रखने की कोशिश की गई है। स्कूल बंद होने पर बहुत सारे शिक्षकों को वेतन की चिंता प्राथमिक नहीं थी, बच्चों के भविष्य की चिंता उन्हें सता रही है। हालांकि एक ख़ासी तादाद उन बच्चों की है, जो लैपटॉप या स्मार्ट फ़ोन के साथ जीते हैं, लेकिन दूसरी ओर बहुत सारे शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें कम्प्यूटर चलाना नहीं आता। उन सबके सामने चुनौती है ऑनलाइन कक्षाएँ लेने की। सबने हार नहीं मानी और तकनीक को खुले दिल से सीखा। इस तरह फिलहाल जो सीमा है, उसमें पढ़ाई-लिखाई को जारी रखने की पूरी कोशिश की जा रही है। (जनसत्ता से साभार)।
1. उपरोक्त गद्यांश किस विषयवस्तु पर आधारित है?
(क) बेरोजगारी।
(ख) शिक्षा की समस्या।
(ग). आर्थिक संकट।
(घ) महामारी का प्रभाव।
उत्तर:
(घ) महामारी का प्रभाव।
2. पूर्णबन्दी लागू क्यों की गई?
(क) संक्रमण को रोकने के लिए।
(ख) लोगों की आवाजाही रोकने के लिए।
(ग). नियम लागू करने के लिए।
(घ) लोगों द्वारा नियम नहीं मानने के कारण।
उत्तर:
(क) संक्रमण को रोकने के लिए।
व्याख्या-पूर्णबन्दी संक्रमण को रोकने के लिए लागू की गई क्योंकि इस महामारी ने हर किसी के जीवन में हलचल मचा दी है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) महामारी में शिक्षकों ने शिक्षक होने का बोध अपनी सैलरी की चिन्ता द्वारा कराया।
कथन (II) महामारी में शिक्षकों ने शिक्षक होने का बोध नौकरी की चिन्ता द्वारा कराया।
कथन (III) महामारी में शिक्षकों ने शिक्षक होने का बोध बच्चों की शिक्षा के प्रति चिन्ता द्वारा कराया।
कथन (IV) महामारी में शिक्षक आलसी हो गए थे।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(क) केवल कथन (IV) सही है।
(ख) केवल कथन (I) सही है।
(ग) केवल कथन (III) सही है।
(घ) केवल कथन (II) सही है।
उत्तर:
(ग) केवल कथन (III) सही है।
4. स्कूली शिक्षा को जारी रखने की कोशिश क्यों की जा रही है?
(क) प्राइवेट स्कूल के दबाव के कारण।
(ख) शिक्षा जारी रखने के लिए।
(ग) बच्चों की चिंता के कारण।
(घ) शिक्षकों के वेतन के लिए।
उत्तर:
(ग) बच्चों की चिंता के कारण।
5. ऑनलाइन शिक्षा एक चुनौती कैसे है?
(क) शिक्षक की अकुशलता के कारण।
(ख) तकनीकी रूप से योग्य नहीं होना।
(ग) साधन नहीं होने के कारण।
(घ) अभिभावकों की रुचि नहीं होना।
उत्तर:
(क) शिक्षक की अकुशलता के कारण।
6. शिक्षकों ने तकनीक को खुले दिल से क्यों सीखा? ह॥
(क) ऑनलाइन पढ़ाने की मजबूरी के कारण।
(ख) अपनी सैलरी के कारण।
(ग) बच्चों की चिंता के कारण।
(घ) अभिभावकों के भय से।
उत्तर:
(ग) बच्चों की चिंता के कारण।
व्याख्या-शिक्षकों ने तकनीक को खुले दिल से बच्चों की चिन्ता के कारण सीखा क्योंकि स्कूल बन्द होने पर शिक्षकों को बच्चों के भविष्य की चिन्ता सता रही थी।
7. हमें बच्चों और बुजुर्गों की चिंता क्यों है?
(क) कमज़ोर और अक्षम होने के कारण।
(ख) प्रतिरोधक क्षमता के अभाव के कारण।
(ग) अधिक बीमार रहने के कारण।
(घ) बीमारी का अधिक प्रभाव पड़ने के कारण।
उत्तर:
(ख) प्रतिरोधक क्षमता के अभाव के कारण।
व्याख्या-हमें बच्चों और बुजुर्गों की चिन्ता इसलिए भी होती थी क्योंकि बच्चों और बुज़ुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता अधिक सशक्त नहीं होती है।
8. जीवन की सहजता के बाधित होने से आप क्या समझते हैं?
(क) जीवन में कठिनाई उत्पन्न हो जाना।
(ख) जीवन में संकट उत्पन्न हो जाना।
(ग) जीवन में संघर्ष का बढ़ जाना।
(घ) जीवन में आराम न होना।
उत्तर:
(ग) जीवन में संघर्ष का बढ़ जाना।
9. भारत में नियम-कानून लागू करना चुनौती क्यों है?
(क) लोग अधिक होने से।
(ख) अनपढ़ होने से।
(ग) नियम नहीं मानने से।
(घ) नियम-क़ानून की समझ न होने से।
उत्तर:
(क) लोग अधिक होने से।
10. लोगों के जीवन में उहापोह की स्थिति किस कारण आ गई ?
(क) राजनीतिक गतिविधियाँ ठप हो जाने से।
(ख) आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो जाने से।
(ग) सामाजिक गतिविधियाँ ठप हो जाने से।
(घ) धार्मिक गतिविधियाँ ठप हो जाने से।
उत्तर:
(ख) आर्थिक गतिविधियाँ ठप हो जाने से।
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. उपरोक्त काव्यांश का वर्ण्य-विषय क्या है?
(क) प्रकृति।
(ख) बादल।
(ग) पावस ऋतु।
(घ) जन-जीवन।
उत्तर:
(ग) पावस ऋतु।
व्याख्या-इस काव्यांश का वर्ण्य विषय पावस ऋतु अर्थात् वर्षा ऋतु है। इस कविता में कवि ने वर्षा होने पर प्रकृति में जो परिवर्तन आता है, उसकी सुन्दरता को बड़े ही मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया है।
2. ‘सूखे वसन, हिया भीगा है’ का अर्थ है-
(क) पैर भीगे हैं किन्तु हाथ सूखे हैं।
(ख) अभ्यन्तर हृदय भीग गया है किन्तु कपड़े सूखे हैं।
(ग) तन ऊपर से भीग गया है किन्तु मन सूखा ही रह गया है।
(घ) मैदान भीगे हैं परन्तु पहाड़ों पर मूसलाधार वृष्टि हो रही है।
उत्तर:
(ख) अभ्यन्तर हृदय भीग गया है किन्तु कपड़े सूखे हैं।
व्याख्या–उद्धृत पंक्ति का भावार्थ है कि कपड़े तो सूखे हैं किन्तु भीतर से हृदय भीग गया है।
3. मानव की ध्वनि सुनकर पल में गली-गली में मँडराते हैं-पंक्ति में निहित अलंकार है?
(क) उपमा।
(ख) उत्प्रेक्षा।
(घ) अनुप्रास।
(ग) मानवीकरण।
उत्तर:
(ग) मानवीकरण।
व्याख्या-काव्य पंक्ति में बादल की ध्वनि को मानव की ध्वनि से जोड़ा गया है। अर्थात् मानवीकृत किया गया है। जब भी किसी उपमा को मानवीकृत किया जाए, वहाँ मानवीकरण अलंकार होगा।
4. उपरोक्त काव्यांश में कवि ने कई प्रश्न किए हैं। निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) कवि बार-बार बादल से प्रश्न कर रहा है।
कथन (II) कवि बार-बार पहाड़ से प्रश्न कर रहा है।
कथन (III) कवि बार-बार प्रकृति से प्रश्न कर रहा है।
कथन (IV) कवि बार-बार प्रकृति से प्रश्न कर रहा है।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) केवल कथन (I) सही है।
(ख) केवल कथन (II) सही है।
(ग) केवल कथन (III) सही है।
(घ) केवल कथन (IV) सही है।
उत्तर:
(ग) केवल कथन (III) सही है।
5. कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | वह बूँदा-बाँदी | i | अजब शोख |
2 | घनश्याम बसा | ii | पत्तों में |
3 | झोंके आए | iii | दूर देश से |
विकल्प
(क) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(ख) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii)
(ग) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii)
(घ) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
उत्तर:
(क) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
अभिव्यक्ति और माध्यम अंक (5)
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. मुद्रित माध्यमों की विशेषता के संबंध में इनमें से कौन-सा कथन असत्य है?
(क) पाठकों की भाषा, ज्ञान, शैक्षिक-योग्यता का ध्यान रखा जाता है।
(ख) यह चिंतन, विचार और विश्लेषण का माध्यम है।
(ग) यह लिखित भाषा का विस्तार है।
(घ) यह छपे हुए शब्दों का स्थायित्व है।
उत्तर:
(ख) यह चिंतन, विचार और विश्लेषण का माध्यम है।
2. संपादन कहलाता है-
(क) प्राप्त खबरों को समाचार-पत्र में प्रकाशित करने योग्य बनाना
(ख) प्राप्त खबरों की सत्यता और रोचकता सिद्ध करना
(ग) समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए ख़बरों को ढूँढ़ना
(घ) समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के लिए ख़बरों को एकत्रित करना
उत्तर:
(क) प्राप्त खबरों को समाचार-पत्र में प्रकाशित करने योग्य बनाना
3. मुद्रित माध्यमों के लेखन में सहज प्रवाह के लिए जरूरी है- ह।
(क) तारतम्यता
(ख) उपलब्धता
(ग) एकरेखीयता
(घ) साध्यता
उत्तर:
(क) तारतम्यता
व्याख्या-मुद्रित माध्यमों में सहज प्रवाह में लेखन के लिए आवश्यक तत्त्व है तारतम्यता अर्थात् एक निरंतरता जिससे कि पाठक की लेख में रुचि बनी रहे।
4. संबंधित घटना के दृश्य बाइट व ग्राफिक द्वारा खबर को संपूर्णता से पेश करना कहलाता है-
(क) एंकर विजुअल
(ख) एंकर बाइट
(ग) एंकर पैकेज
(घ) ड्राई एंकर
उत्तर:
(ग) एंकर पैकेज
5. विशेष लेखन के लिए सबसे जूरूरी बात है-
(क) चील-उड़ान और शब्द-विवेक
(ख) गिद्ध-दृष्टि और पक्का इरादा
(ग). शब्दावली और उपलब्धियाँ
(घ) प्रभावशीलता और बुद्धिमत्ता
उत्तर:
(ख) गिद्ध-दृष्टि और पक्का इरादा
व्याख्या-विशेष लेखन करते समय समाचार पर गिद्ध की तरह की तीखी दृष्टि रखनी चाहिए और साथ ही लेखन पूर्ण करने का पक्का इरादा।
पाद्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. उपर्युक्त पंक्तियों के अनुसार, शरद ऋतु कब व कैसे आती है?
(क) वर्षा ऋतु के बाद
(ख) प्रकृति का और अधिक सुन्दर होना व उल्लसित वातावरण
(ग) साइकिल चलाते हुए, घंटी बजाकर
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या–उपर्युक्त पंक्तियों के अनुसार शरद ऋतु, वर्षा के बाद आती है। ऐसा लगता है मानो शरद ऋतु अपनी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए और घंटी बजाकर सूचना देते हुए आ रही है। शरद ऋतु आने से प्रकृति और अधिक सुन्दर हो गई है व चारों तरफ़ उल्लास का वातावरण है।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) “चमकीले इशारों’ में निहित भाव चमकीली या तेज धूप है।
(ख) “चमकीले इशारों’ में निहित भाव स्वचछ एवं साफ़ आकाश है।
(ग). “चमकीले इशारों ‘ में निहित भाव आकाश में बिजली चमकना है।
(घ). “चमकीले इशारों’ में निहित भाव आकाश में सितारे चमकना है।
उत्तर:
(ख) सही है। है
व्याख्या-बच्चे हर समय पतंग उड़ाने को लालायित रहते हैं, परन्तु उसके लिए आकाश में बादल नहीं होने चाहिए। ‘चमकौले इशारों ‘ का भाव यही है कि ऐसा लगता है मानो स्वच्छ एवं स्पष्ट आकाश बच्चों को पतंग उड़ाने के लिए इशारे कर रहा हो अर्थात् बुला रहा हो।
3. ‘आकाश को इतना मुलायम बताते हुए’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
(क) साफ़ आकाश में बच्चे ऊँचाई तक पतंग उड़ा सकते हैं
(ख) सफ़ेद बादलों के कारण आकाश मुलायम था
(ग) आकाश इतना कोमल और साफ़ है जिसमें पतंग उड़ाने के लिए पर्याप्त साधन हैं
(घ) विकल्प (क) व (ख) दोनों
उत्तर:
(घ) विकल्प (क) व (ख) दोनों
व्याख्या-सावन-भादों के महीने में आकाश काले, घने बादलों से ढ़का रहता है और बारिश होती रहती है, लेकिन शरद ऋतु शुरू होते ही आकाश साफ़, कोमल व निर्मल हो जाता है। जैसे कोई मुलायम वस्तु हो। कवि कहता है कि ऐसे आसमान में बच्चों के ऊँचाई तक पतंग उड़ाने के लिए पर्याप्त स्थान रहता है।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): आकाश में पतंग ऊँची उड़ाने पर बच्चे किलकारी मारते हुए इधर से उधर भागते हैं।
कारण (R): वे खुशी से सीटियाँ बजाने लगते हैं।
विकल्प
(क) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दानों गलत हैं।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-पतंग जैसे ही आकाश में ऊँची उड़ती है बच्चे किलकारियाँ मारते हुए भागते हैं और खुशी से सीटियाँ बजाने लगते हैं। उनमें तितलियों-सी चंचलता भर जाती है।
5. शरद रूपी बालक क्या चाहता है
(क) दुनिया के सबसे पतले, हल्के और रंगीन कागज की पतंग आसमान में ऊँची उड़ सके
(ख) पतंग आकाश में ऊँची न उड़ सके
(ग). पतंग के साथ, बच्चे भी अपनी बाल-सुलभ कल्पनाओं के साथ आसमान में उड़ने के आनंद की अनुभूति कर सकें
(घ) विकल्प (क) व (ग) दोनों
उत्तर:
(घ) विकल्प (क) व (ग) दोनों
व्याख्या-शरद रूपी बालक चाहता है कि रंगीन कागज की पतली, हल्की पतंग आसमान में बहुत ऊँची उड़ सके और उसके साथ बच्चों की प्यारी कल्पनाएँ भी उड़ान भर सकें।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
उनका आशय था कि यह पत्नी की महिमा है। उस महिमा का मैं कायल हूँ। आदिकाल से इस विषय में पति से पत्नी की ही प्रमुखता प्रमाणित है और यह व्यक्तित्व का प्रश्न नहीं, स्त्रीत्व का प्रश्न है। स्त्री माया न जोड़े, तो क्या मैं जोड़ेँ? फिर भी सच-सच ही है और वह यह है कि इस बात में पत्नी की ओट ली जाती है। मूल में एक और तत्त्व की महिमा सरविशेष है। वह तत्त्व है मनीबैग, अर्थात् पैसे की गर्मी या एनर्जी।
पैसा पॉवर है। पर उसके सबूत में आस-पास माल-टाल न जमा हो तो क्या वह खाक पॉवर है! पैसे को देखने के लिए बैंक-हिसाब देखिए, पर माल-असबाब, मकान-कोठी तो अनदेखे भी दिखते हैं। पैसे की उस ‘ पर्चेजिंग पॉवर ‘ के प्रयोग में ही पावर का रस है।
लेकिन नहीं। लोग संयमी भी होते हैं। वे फ़िजूल सामान को फ़िजूल समझते हैं। वे पैसा बहाते नहीं हैं और बुद्धि और संयमपूर्वक वह पैसे को जोड़ते जाते हैं। वह पैसे की पॉवर को इतना निश्चय समझते हैं कि उसके प्रयोग की परीक्षा की उन्हें दरकार नहीं है। बस खुद पैसे से जुड़ा होने पर उनका मन गर्व से भरा एवं फूला रहता है।
1. लेखक किसकी महिमा का कायल है ?
(क) पली की
(ख) मित्र की
(ग) पिता की
(घ) धन की।
उत्तर:
(क) पली की
व्याख्या-आदिकाल से ही बाज़ार की खरीददारी करने के लिए पत्नी की ओट ली जाती है। लेकिन पत्नी तो हमेशा, जोड़ने का काम करती है और पति खर्च करने का। इसलिए लेखक पत्नी की महिमा का कायल है।
2. स्त्री की आड़ में किस सच को छिपाया जा रहा है ?
(क) पत्नी के प्रति स्नेह
(ख) पैसे की गर्मी
(ग) लेखक के प्रति द्वेष
(घ) पारिवारिक परम्परा।
उत्तर:
(ख) पैसे की गर्मी
व्याख्या-बाज़ार से सामान खरीदने पर पुरुष हमेशा सारा दोष पत्नियों को ही देता है। क्योंकि स्त्री माया का ही रूप है। जबकि वह स्वयं अपने धन का प्रदर्शन कर आत्म सन्तुष्टि पाना चाहता है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) संयमी व्यक्ति फिजूल खर्च नहीं करते हैं।
(ख) संयमी व्यक्ति पैसे को नहीं जोड़ते हैं।
(ग) संयमी व्यक्ति गर्व से फूले रहते हैं।
(घ) संयमी व्यक्ति कुछ नहीं करते हैं।
उत्तर:
(क) संयमी व्यक्ति फिजूल खर्च नहीं करते हैं।
व्याख्या-संयमी व्यक्ति उन लोगों को कहा जाता है जो पैसे खर्च नहीं करते, फ़िजूल सामान को फ़िजूल समझते हैं। धन से जुड़ा होने पर उनका मन गर्व से फूला रहता है।
4. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | वह तत्त्व है | i | मनीबैग |
2 | पॉवर है | ii | पैसा |
3 | पर्चेजिंग पॉवर के प्रयोग में ही | iii | पावर का रस है। |
विकल्प
(क) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(ख) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
(ग) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
(घ) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
उत्तर:
(क) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
व्याख्या-लोग पैसे की पावर का प्रदर्शन करने के लिए अनेक प्रकार कौ वस्तुएँ खरीदते हैं। धन से ही मनुष्य की क्रय-शक्ति बढ़ती है। अतः पैसे की पॉवर का रस पर्चेजिंग में होता है।
5. बाजारबाद का प्रमुख कारण है-
(क) मनीबैग
(ख) खरीददारी का शौक
(ग) बाज़ार में नए उपकरणों का आना
(घ) विज्ञापन।
उत्तर:
(क) मनीबैग
पूरक पाद्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
1. कहानी सिल्वर वैडिंग में किशन दा की मृत्यु के संदर्भ में ‘जो हुआ होगा’ से कहानीकार का क्या तात्पर्य रहा है? सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
(क) लेखक मृत्यु से बहुत दुःखी है।
(ख) लेखक को मृत्यु का कारण पता है।
(ग) लेखक मृत्यु के कारण से अपरिचित है।
(घ) लेखक को मृत्यु से कोई अंतर नहीं पड़ता है।
उत्तर:
(ग) लेखक मृत्यु के कारण से अपरिचित है।
व्याख्या-यशोधर बाबू नहीं जानते थे कि किशन दा की मृत्यु कैसे हुईं। इसी कारण उन्होंने इस विषय में ‘जो हुआ होगा” कहा है।
2. कहानी ‘सिल्वर वैडिंग’ के अनुसार “यशोधर बाबू की पत्ती समय के साथ ढल सकने में सफ़ल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं।” यशोधर बाबू की असफलता का क्या कारण था? सही विकल्प का चयन कीजिए-
(क) किशन दा उन्हें भड़काते थे।
(ख) पतली बच्चों से अधिक प्रेम करती थी।
(ग) पीढ़ी के अंतराल के कारण।
(घ) वे परिवर्तन को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते थे।
उत्तर:
(घ) वे परिवर्तन को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते थे।
व्याख्या-यशोधर बाबू पुरानी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वाले पात्र हैं। वे आधुनिक पीढ़ी के साथ आसानी से अपना तालमेल नहीं बना पाते। यही कारण है कि वे परिवर्तन को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाते।
3. किशन दा के रिटायर होने पर यशोधर बाबू उनकी सहायता नहीं कर पाए थे, क्योंकि-कहानी ‘सिल्वर वैडिंग’ से सही विकल्प छाँटिए-
(क) यशोधर बाबू की पत्नी किशन दा से नाराज थी।
(ख) क्योंकि यशोधर बाबू के घर में किशन दा के लिए स्थान का अभाव था।
(ग) यशोधर बाबू का अपना परिवार था जिसे वे नाराज नहीं करना चाहते थे।
(घ) किशन दा को यशोधर बाबू ने अपने घर में स्थान देना चाहा था जिसे किशन दा ने स्वीकार नहीं किया।
उत्तर:
(ग) यशोधर बाबू का अपना परिवार था जिसे वे नाराज नहीं करना चाहते थे।
व्याख्या-यशोधर बाबू का अपना परिवार था, जिसे वे नाराज नहीं करना चाहते थे।
4. निम्नलिखित कथन, और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A) : मुअनजो-दड़ो सिंधुघाटी सभ्यता से सम्बन्धित नगर है।
कारण (R) : हड़प्पा भी सिन्धुघाटी सभ्यता से सम्बन्धित नगर है।
विकल्प
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) गलत है।
(घ) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-ये दोनों शहर सिंधु नदी और उसकी घाटी के आस-पास बसे होने के कारण सिंधुघाटी-सभ्यता से संबंधित हैं।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) मुअनजो-दड़ो की आबादी लगभग 5 हजार थी।
कथन (II) मुअनजो-दड़ो की आबादी लगभग 85 हजार थी
कथन (III) मुअनजो-दड़ो की आबादी लगभग 1500 थी।
कथन (IV) मुअनजो-दड़ो की आबादी लगभग 100 थी।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए-
(क) कथन I और II सही हैं।
(ख) कथन II और III सही हैं।
(ग) केवल कथन III सही है।
(घ) केवल कथन II सही है।
उत्तर:
(घ) केवल कथन II सही है।
व्याख्या-मुअनजो-दड़ो की आबादी लगभग 85 हज़ार थी।
6. मुअनजो-दड़ो का क्या अर्थ है?
(क) मुहाने पर स्थित
(ख) पक्के मकानों का शहर
(ग) मुर्दों का टीला
(घ) मोहन का नगर
उत्तर:
(ग) मुर्दों का टीला
व्याख्या-मुअनजो-दड़ो का अर्थ है-मुर्दों का टीला। वर्तमान समय में इसे मुअनजो-दड़ो के नाम से जाना जाता है।
7. ताम्र काल के शहरों में सबसे बड़ा शहर किसे माना जाता है?
(क) ग्रीस को
(ख) हड़प्पा को
(ग) राखीगढ़ी को
(घ) मुअनजो-दड़ो को
उत्तर:
(घ) मुअनजो-दड़ो को
व्याख्या-मुअनजो-दड़ो ताम्र काल का सबसे बड़ा शहर है। माना जाता हे कि यह 200 हेक्टेयर क्षेत्र में फ़्ला था तथा आबादी लगभग पचासी हजार थी। इसकी खुदाई में बड़ी तादाद में इमारतें, सड़कें, मूर्तियाँ, बर्तन आदि मिले हैं।
8. “जूझ’ कहानी के कधानक आनंदा ने अपने पढ़ने की बात अपनी माँ से ही क्यों की ?
(क) पिता के गुस्सैल स्वभाव के कारण
(ख) माँ के साथ अत्यधिक लगाव के कारण
(ग) दिन-रात माँ के साथ रहने के कारण
(घ) पिता से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद न होने के कारण।
उत्तर:
(घ) पिता से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद न होने के कारण।
व्याख्या-आनंदा के पिता ने उसे विद्यालय जाने से रोक दिया तब उसने माँ से दत्ता जी की सहायता लेने को कहा क्योंकि पढ़ाई-लिखाई के सम्बन्ध में दत्ता जी राव का रवैया सही था। उसका दृष्टिकोण पढ़ाई के प्रति यथार्थवादी था। उसे पता था कि पढ़ने से उसे कोई-न-कोई नौकरी अवश्य मिल जाएगी और गरीबी दूर हो जाएगी।
9. “जूझ’ कहानी का नायक आनंदा खेतों में काम क्यों करता था?
(क) अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए
(ख) पिता की जिम्मेदारियों का भार उठाने के लिए
(ग) स्कूल जाकर पढ़ने-लिखने से बचने के लिए
(घ) अपने पिता के कामों में हाथ-बँटाने के लिए।
उत्तर:
(ख) पिता की जिम्मेदारियों का भार उठाने के लिए
व्याख्या-आनंदा के पिता को पढ़ाई-लिखाई की जगह खेती-बाड़ी उपयोगी लगती थी। खेती के काम में सहयोग न करने पर लेखक के पिता क्रोधित होते इस कारण न चाहते हुए भी उसे पिता की सहायता के लिए निराई-गुड़ाई, भैंस चराने तथा फसलों की रक्षा करने जैसे कार्य करने पड़ते थे।
10. “जूझ’ कहानी के आधार पर बताइए कि मास्टर सौंदलगेकरजी का आनंदा पर क्या प्रभाव पड़ा ?
(क) वह पढ़ाई-लिखाई में रुचि नहीं लेता था।
(ख) वह खेतों के काम में रुचि नहीं लेता था।
(ग) वह स्कूल जाने में रुचि लेता था।
(घ) वह कविता लेखन-पठन में रुचि लेने लगा।
उत्तर:
(घ) वह कविता लेखन-पठन में रुचि लेने लगा।
व्याख्या-मास्टर सौंदलगेकर जी से प्रभावित हो आनंदा गणित में रुचि लेने लगा, कविता में रुचि बढ़ गई, खेतों के काम में रुचि लेने लगा तथा अपने माता-पिता का आदर करने लगा था।
खण्ड बं” वर्णनात्मक प्रश्न 40 अंक
‘जनसंचार और सृजनात्मक लेखन अंक (6)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- (6 × 1 = 6)
(क) प्रिय अध्यापक
उत्तर:
बचपन से लेकर शिक्षा पूरी करते-करते अनेक अध्यापक हमारे जीवन में आते हैं जो भिन्न-भिन्न व्यक्तित्व के होते हैं। उनमें से कुछ विशेष कारण से याद रह जाते हैं और ताउम्र हमारी स्मृतियों पर छाए रहते हैं। 10 वीं कक्षा में हम पहुँचे ही थे कि हमारे स्कूल में एक नई शिक्षिका नलिनी जयवंत की नियुक्ति हुई। उनका व्यक्तित्व बहुत आकर्षक था। उठने, बैठने, चलने, खड़े होने, बात करने, कपड़े पहनने का तरीका बहुत ही विशिष्ट था। वे सभी विद्यार्थियों की मदद को सदैव तैयार रहती थीं। कई बार अत्यधिक आवश्यक कार्य होने पर अपने घर आने की अनुमति भी दे देती थीं अतः बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के लिए हम उनके घर प्राय: जाया करते थे।
एक बार उनके घर पर पढ़ते-पढ़ते देर हो गई। हम दो-तीन लड़कियाँ थीं, पर बाहर अँधेरा हो जाने के कारण अकेले घर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी, साथ ही घर में भी डाँट पड़ने का डर था। हम उनके घर के बाहर ही खड़े होकर खुसर-फुसर कर रहे थे तभी वे बाहर आईं, उन्होंने हमसे पूछा-‘ तुम लोग गए नहीं अब तक ?’ अपने मन की बात हमने उन्हें बता दी। वे अंदर गईं और टॉर्च लेकर बाहर आईं, अपने घर में ताला लगाया और हमें छोड़ने हमारे घर चल दीं। एक किलोमीटर के दायरे में सभी के घर थे पर सड़कों पर अँधेरा था। उन्होंने प्रत्येक को उसके घर तक पहुँचाया, माँ-बाप को सौंपा और फिर वहाँ से आगे बढ़ीं। सबसे अंत में मेरा घर था। रास्ते में एक पान की दुकान थी। जिस पर प्राय: मवाली, शरारती लड़के खड़े रहते थे। उसे पार करना ही बहुत मुश्किल काम लगता था क्योंकि वहाँ खड़े लड़के कुछ-न-कुछ अवश्य बोलते थे। उस दिन भी बोला लेकिन मैडम और मैं अनसुनी करके आगे बढ़ गए। जब वे मेरे घर पर मुझे छोड़कर जाने लगीं तो मेरे पिताजी टॉर्च लेकर बाहर आए। उन्होंने मुझे घर पर सुरक्षित छोड़ने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और बोले- “बहनजी अँधेरा तो आपके लिए भी हो रहा है और आप भी किसी की बेटी हैं अत: अब मैं आपको छोड़ने चलता हूँ।’ पिताजी उनको छोड़ने गए, वापस आते समय उन्होंने पिताजी से कहा-‘ भाई साहब, अगर एक-दूसरे के प्रति हम सब अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को समझ जाएँ तो समाज की शत-प्रतिशत समस्याएँ दूर हो सकती हैं। मुझे खुशी है कि आप एक समझदार और ज़िम्मेदार पिता हैं।’ पिताजी उनसे बहुत प्रभावित हुए। इस प्रकार वे अपने व्यवहार से मेरी ही नहीं सारे स्कूल की और मेरे परिवार की भी प्रिय शिक्षिका बन गईं। मैं उन्हें कभी नहीं भूल पारऊँगी।
(ख) सर्कस
उत्तर:
पहली बार मैंने आगरा शहर में जैमिनी सकस देखा। प्रवेश द्वार पर लगे हुए बड़े-बड़े पोस्टर मुझे आकर्षित कर रहे थे। आदमी को जानवर के इतने करीब मैं पहली बार देख रही थी (क्योंकि उन दिनों टी.वी., इंटरनेट आदि नहीं था)। उत्सुकता के साथ डर भी लग रहा था। बार-बार लगता, कहीं इधर-उधर से कोई जंगली जानवर आकर आक्रमण न कर दे। मैंने अपने पिताजी की अँगुली ज़ोर से पकड़ ली थी।
सर्कस के अंदर नीचे से ऊपर तक गोलाई से बनी सीढ़ियों में बैठने की व्यवस्था थी। धीरे-धीरे सर्कस के दृश्य दिखाए जाने लगे। अत्याधुनिक पोशाक में छोटे-छोटे कपड़ों में सर्कस में काम करने वाली लड़कियों को देखकर मुझे बहुत आश्चर्य हो रहा था और शर्म भी आ रही थी, पर वे बेझिझक ऊँचे-ऊँचे झूलों पर करतब दिखा रही थीं। हाथी, चीता, शेर सभी उनकी आज्ञा का पालन पालतू जानवरों की तरह कर रहे थे। एक गोल घेरे में जिसे ‘मौत का कुआँ” नाम दिया गया था, दो युवा नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की ओर बहुत तेज़ गति से बाइक दौड़ा रहे थे। तभी अचानक बहुत ऊँचे झूले से जोकर नीचे की ओर गिरा, उसे गिरता हुआ देख मैं डरकर बहुत ज़ोर से चिल्लाई किंतु उसे तो जाल ने सँभाल लिया और वह हँसता हुआ उठ खड़ा हुआ। आस-पास के लोग मेरी घबराहट देखकर जोर-जोर से हँसने लगे और मैंने शर्माकर अपने पिताजी की गोद में मुँह छिपा लिया।
(ग) तरबूजवाला
उत्तर:
मैं जब भी गर्मी की तपती दोपहर में, गर्म लू के थपेड़े झेलते तरबूज वालों को बैठा देखती हूँ तो मेरा मन करुणा से भर उठता है। पूरी दोपहर एक-एक ग्राहक का इंतज़ार करना, फटी तिरपाल के नीचे ही दिन-रात बिताना बहुत ही धैर्य और कठिन मेहनत का कार्य है।
एक बार मैंने देखा कि मई की तेज़ धूप और गर्म हवाओं के बीच, सड़क किनारे एक बूढ़ा व्यक्ति तरबूजों का ढेर लगाकर बैठा हुआ था। लकड़ी के चार लट्ठों के सहारे लगाई गई तिरपाल तेज़ हवाओं के कारण बार-बार उड़ जाती थी। उसका बेटा हर बार जाकर तिरपाल की लटकती रस्सी को एक बड़े पत्थर से बाँधने की कोशिश करता था। तपती लू से अपना चेहरा बचाने की जुगत में बाप-बेटे ने अपने चेहरे पर कपड़ा लपेटा हुआ था। आँखों में घुसती धूल उन्हें कभी पूरी कभी आधी आँखें बंद करने के लिए मजबूर कर रही थी, फिर भी हर आने-जाने वालों पर उनकी टकटकी लगी हुई थी।
मैंने देखा कि जैसे ही कोई वाहन पास आता, आशा जगती और जैसे ही उन्हें पार कर आगे बढ़ जाता, आशा टूट जाती । आशा के जगने और टूटने का खेल सुबह से चल रहा था कि एक बड़ी कार धीमी होती हुई उनके पास रुकी । ए.सी. कार से इतनी लू में बाहर निकलने का साहस उस कार वाले व्यक्ति में न था। उसने इशारे से तरबूज वाले को बुलाया; मोल-भाव किया और एक अच्छा तरबूज निकालने को ‘कहा। तरबूज वाले ने एक-एक करके 8-10 तरबूज दिखाए। कारवाला थोड़ा-सा शीशा खोलकर तरबूज देखता और कुछ बड़बड़ाता और मना कर देता। पास ही सजी-धजी बैठी उनकी पत्नी को मोल-भाव में देर होते देख उकताहट हो रही थी। अंततः कार वाले को एक तरबूज पसंद आ ही गया। तरबूज वाले ने उसे तौलने के बाद पॉलीथीन में डालते हुए कहा ‘ साहब 45 रुपये का है। ‘ “जल्दी से 5 रुपये वापस करो ‘ कहते हुए कार वाले ने 50 का नोट आगे बढ़ाया। ‘साहब पाँच रुपया छुट्टा नहीं है’ बूढ़ा तरबूज वाला थोड़ा संकोच से बोला और हड़बड़ा कर अपनी दूसरी जेब टटोलने लगा। “तो लो रखो अपना तरबूज !’ कार वाले ने मुँह बनाकर कहा। मैंने देखा कि त्वरित निर्णय लेते हुए बूढ़े तरबूज वाले ने 10 रुपए निकालकर कार वाले के हाथ पर रखे और विनग्रता पूर्वक बोला- लीजिए साहब ! पाँच रुपए नहीं हैं पर ये 10 हैं रख लीजिए कोई बात नहीं । कार वाले के चेहरे पर मुस्कुराहट दौड़ गई उसने शीघ्रता से मुस्कुराते हुए रुपए लिए और कार आगे बढ़ा दी। मैं यह दृश्य देखकर हतप्रभ रह गई। तब से जब भी तरबूज वालों को गर्मी, लू में बैठे देखती हूँ आँखों के समक्ष वही दृश्य घूम जाता है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) रेडियो नाटक की कहानी में किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर:
रेंडियो नाटक में कहानी संवादों तथा ध्वनि प्रभावों पर ही आधारित होती है। इसमें कहानी का चयन करते समय ध्यान रखने वाली बातों का विवरण इस प्रकार है-
- कहानी एक घटना प्रधान न हो-रेडियो नाटक की कहानी केवल एक ही घटना पर आधारित नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसी कहानी श्रोताओं को थोड़ी ही देर में उबाऊ बना देती हैं, इसलिए रेडियो नाटक की कहानी में अनेक घटनाएँ होनी चाहिए ताकि श्रोता ऊबे नहीं और सुनना पसन्द करे।
- अवधि सीमा-सामान्य रूप से रेडियो नाटक की अवधि 5 से 30 मिनट तक होनी चाहिए, इससे अधिक नहीं क्योंकि रेडियो नाटक को सुनने हेतु मनुष्य की एकाग्रता की अवधि 5 से 30 मिनट तक मानी जाती है, इससे ज़्यादा नहीं।
- पात्रों की सीमित संख्या-रेडियो नाटक में पात्रों की संख्या सीमित होनी चाहिए। इसमें पात्रों की संख्या 5-6 से अधिक नहीं होनी चाहिए, क्योंकि श्रोता ध्वनि के सहारे ही पात्रों को याद रख पाता है। यदि रेडियो नाटक में अधिक पात्र होंगे तो श्रोता उन्हें याद नहीं रख पाएगा।
अथवा
कहानी की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर:
कहानी की निम्नलिखित विशेताएँ हैं-
- कहानी एक ऐसी गद्य विधा है जिसमें जीवन के किसी अंक विशेष का मनोरंजन पूर्ण चित्रण किया जाता है।
- कहानी का सम्बन्ध लेखक और पाठकों से होता है।
- कहानी कही या पढ़ी जा सकती है।
- कहानी को आरम्भ, मध्य और अंत के आधार पर बाँटा जाता है।
- कहानी में मंच सज्जा, संगीत तथा प्रकाश का महत्त्व नहीं होता है।
(ii) मुद्रित माध्यम के विषय में अपने विचार व्यक्त कौजिए।
उत्तर:
प्रिंट माध्यम जनसंचार के आधुनिक माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम है। आधुनिक युग की शुरुआत ही मुद्रण यानी छपाई के आविष्कार से हुई है। मुद्रण की शुरुआत चीन से हुई लेकिन आज हम जिस छापेखाने को देखते हैं, इसके आविष्कार का श्रेय जर्मनी के गुटेनबर्ग को जाता है। छापाखाना यानी प्रेस के आविष्कार ने दुनिया की तस्वीर ही बदल दी। भारत में
पहला छापाखाना सन् 1556 में गोवा में खोला गया।
अथवा
अप्रत्याशित विषय पर लेखन करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?
उत्तर:
अप्रत्याशित विषयों पर लेखन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
- लेखक को उस विषय की पूरी जानकरी होनी चाहिए जिस पर वह लिखना चाहता हो।
- लिखे जाने वाले विषय के बारे में सभी तथ्यों को सटीकता से लिखना चाहिए।
- लेखक को अपने मन-मस्तिष्क में , विषय के बारे में उचित रूप रेखा बनानी चाहिए।
- तर्कसंगत विचारों का समावेश होना चाहिए।
- लेखक को यह लेखन ‘“मैं’ शैली में करना चाहिए।
- लेखक को अप्रत्याशित विषय पर लिखते समय अपने पांडित्य का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) “विशेष लेखन’ का आशय समझाइए।
उत्तर:
- समाचारों के अलावा खेल, अर्थ, व्यापार, सिनेमा या मनोरंजन आदि विभिन क्षेत्रों और विषयों से संबंधित लेखन
- किसी विषय पर सामान्य से हटकर लेखन
व्याख्यात्मक हल-सामान्य लेखन से हटकर किसी विषय विशेष पर किया गया लेखन विशेष लेखन कहलाता है। पत्रकारिता की भाषा में इसे ‘बीट लेखन ‘ कहा जाता है। उदाहरण के लिए खेल, फ़िल्म, विज्ञान, व्यापार आदि लोगों से संबंधित विशेष लेख विशेष लेखन के अंतर्गत आते हैं।
(ii) संचार माध्यमों में साक्षात्कार / इंटरव्यू के मुख्य उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
साक्षात्कार द्वारा पत्रकारीय लेखन हेतु सामग्री उपलब्ध होती है। फ़ीचर, विशेष रिपोर्ट या फिर कई अन्य पत्रकारीय कार्यों के लिए कच्चा माल इकट्ठा होता है। लोगों से कई तथ्यों का व उनकी राय का भी पता चलता है।
(iii) मुद्रित माध्यम की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- लिखित भाषा
- विस्तार व स्थायित्व,
- संदर्भ के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
- बार-बार पढ़ सकते हैं।
- अपनी रुचि के अनुसार पढ़ सकते हैं।
- धीरे-धीरे व सोच-विचार से पढ़ सकते हैं।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (20)
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) “कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा’ बड़ा-बड़ा दिखाने का क्या कारण है?
उत्तर:
शारीरिक रूप से अपाहिज व्यक्ति के मनोभाव, उसके दुःख, उसकी आँसू से भरी आँखें स्पष्ट रूप से बड़ा-बड़ा करके दिखाने की वजह यह है ताकि दर्शक उसके दुःख से दुःखी हों और उनमें अपाहिज के प्रति सहानुभूति व करुणा जाग्रत हो; जिससे दर्शकों की आँखों में भी आँसू आ जाएँ। इस तरह दोनों के रोने पर उसका कार्यक्रम सफ़ल हो जाता है।
(ii) “बात सीधी थी पर’ कविता में कवि क्या कहता है? अथवा कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
“बात सीधी थी पर’ कुँवर नारायण जी की कविता है। कविता में कथ्य और माध्यम के दूुंद्व उकेरते हुए भाषा की सहजता की बात की गई है। बात के लिए कुछ खास शब्द नियत होते हैं, ठीक वैसे ही जैसे हर पेंच के लिए एक निश्चित खाँचा होता है। अब तक जिन शब्दों को हम एक-दूसरे के पर्याय के रूप में जानते रहे हैं उन सबके भी अपने विशेष अर्थ होते हैं। अच्छी कविता का बनना सही बात का सही अर्थ शब्द से जुड़ना होता है और जब ऐसा होता है तो किसी दबाव की जुरूरत नहीं होती है।
(iii) “सबसे तेज बौछारें गई, भादो गया’ के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है-उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर:
‘पतंग! कविता में कवि आलोक धन्वा ने बच्चों की बात सुलभ इच्छाओं और उमंगों का प्रकृति के साथ उनके रागात्मक संबन्धों का अत्यन्त सुन्दर चित्रण करते हुए यह अभिव्यक्त किया है कि भादों मास गुजर जाने के बाद घनघोर बारिश समाप्त हो जाती है। शरद ऋतु का आगमन होता है। खरगोश की लाल आँखों जैसी चमकीली धूप निकल आती है, इसके कारण चारों ओर उज्ज्वल चमक बिखर जाती है, आकाश साफ़ और मुलायम हो जाता है। शरद ऋतु के आगमन से चारों ओर उत्साह एवं उमंग का वातावरण है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) तुलसीदास के अनुसार पेट की आग का शमन कौन कर सकता है ?
उत्तर:
तुलसीदास के अनुसार ईश्वर-भक्ति, प्रभु-कृपा और संतोष-भावना से ही भूख शांत हो सकती है। ईश्वर भक्ति को वे एक मेघ के समान मानते हैं। इस प्रकार ईश्वर-भक्ति रूपी मेघ ही पेट की आग का शमन कर सकता है। ईश्वर भक्त में पुरूषार्थ को भी महत्ता है। भूख शांत करने के लिए दोनों की आवश्यकता है।
(ii) “बादल राग’ कविता में कवि निराला की किस क्रांतिकारी विचारधारा का पता चलता है?
उत्तर:
इस कविता में कवि कौ क्रांतिकारी विचारधारा का ज्ञान होता है। वह समाज में व्याप्त पूँजीवाद का घोर विरोध करता हुआ दलित-शोषित वर्ग के कल्याण की कामना करता हुआ, उन्हें समाज में उचित स्थान दिलाना चाहता है। कवि ने बादलों की गर्जना, बिजली की कड़क को जनक्रांति का रूप बताया है।
(iii) “उषा” कविता का विषय क्या है ? कवि ने अपनी बात किस शिल्प द्वारा कही है ?
उत्तर:
‘उषा’ कविता का विषय भोर के आकाश के पल-पल बदलते प्राकृतिक सौन्दर्य का चित्रण करना है। कवि ने प्रात: के इन दृश्यों को पाठकों तक पहुँचाने के लिए प्रतीकात्मक वर्णन शैली द्वारा आकाश के कुछ घरेलू बिंब प्रस्तुत किए हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) डॉ. आम्बेडकर की कल्पना के आदर्श समाज की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
डॉ. आंबेडकर की कल्पना का आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता और श्रातृता अर्थात् भाईचारे पर आधारित है। उनके अनुसार ऐसे समाज में सभी के लिए एक जैसा मापदंड तथा उसकी रुचि के अनुसार कार्यों की उपलब्धता होनी चाहिए। सभी व्यक्तियों को समान अवसर व समान व्यवहार उपलब्ध होना चाहिए। उनके आदर्श समाज में जातीय भेदभाव का तो नामोनिशान ही नहीं है। इस समाज में करनी पर बल दिया गया है कथनी पर नहीं।
(ii) मेंढक-मंडली से लेखक का क्या तात्पर्य है? वह उन पर पानी डालने को क्यों व्यर्थ मानता था?
उत्तर:
- उछल-कूद, शोर-शराबा करती, कीचड़ में लोटती, गंगा मैया का जयकारा लगाती दस-बारह से लेकर सोलह-अटरठारह वर्ष, साँवला नग्न शरीर, इंद्र देवता से वर्षा हेतु प्रार्थना करते बालक ग्रामीण अशिक्षित बालकों की टोली।
- सूखे की समस्या, चारों ओर पानी की कमी, ऐसे में मेंढक मंडली पर पानी डालना पानी का अपव्यय करना।
व्याख्यात्मक हल-गाँव में घूम-घूम कर पानी की माँग करने वाली दस-बारह से लेकर सोलह–अट्ठारह वर्ष के बच्चों की बंदर सेना को लेखक मेढक-मंडली कहता है। लेखक का सोचना था कि जब चारों ओर पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है तब लोग घर में इतनी कठिनाई से एकत्रित किए गए पानी को भर-भरकर इन बच्चों पर क्यों फेंकते हैं? यह तो पानी की बर्बादी है और अंध-विश्वास को बढ़ावा देना है। ऐसा करने से कभी बारिश नहीं होती। यह केवल अंधविश्वास है।
(iii) पहलवान लुट्टन सिंह को राजा साहब की कृपा-दृष्टि कब प्राप्त हुई ? वह उन सुविधाओं से वंचित कैसे हो गया?
“पहलवान की ढोलक ” के आधार पर गाँव की दयनीय स्थिति पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
पहलवान लुट्ठन ने अखाड़े में चाँद्सिंह को हराकर जीत हासिल की और राजा साहब कौ कृपा दृष्टि का पात्र बन गया। राजा ने लुट्टन से प्रभावित होकर उसे अपने राज्य का पहलवान घोषित कर दिया लेकिन राजा कौ मृत्यु के बाद शासन राजकुमार के हाथों में आ गया और उसने लुट्तन व उसके बेटों को राज्य से बाहर कर दिया क्योंकि उसकी नजर में पहलवानों की कोई अहमियत नहीं थी। लुट्टन सिंह का गाँव किसी अमीर गाँव की श्रेणी में नहीं आता था, क्योंकि यहाँ सभी लोग पुराने बाँस और फूस की झोंपड़ियों में रहते थे। किसी भी गाँववासी के पास पक्का घर नहीं था। सभी मिल-जुलकर खेत में काम करते थे या इधर-उधर मजदूरी करके अपना जीवन-यापन किया करते थे। इसका सबसे अच्छा प्रमाण इस बात से मिलता है कि वे सब मिलकर राजदरबार के तीन पहलवानों को दैनिक भोजन भी नहीं दे पाए। गाँव में फैली हुई बीमारी के कारण (हैजा और मलेरिया के कारण) प्रत्येक घर में मौत नाच रही थी। ऐसे में दिन भर की राख की ठंडी मिट्टी पर बैठे हुए कुत्ते शाम होते ही किसी आशंका के चलते एकत्रित होकर रोने लगते थे और गाँव की यह स्थिति अत्यन्त भयावह रूप लेकर डराने लगती थी, जो कि क्रंदन से भी अधिक भयावह मालूम पड़ती थी।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) हजारी प्रसाद द्विवेदी ने शिरीष के सन्दर्भ में महात्मा गाँधी का स्मरण क्यों किया है? साम्य निरूपित कीजिए।
उत्तर:
शिरीष भयंकर गर्मी व लू में भी सरस व फूलदार बना रहता है। गांधी जी अपने चारों ओर छाए अग्निकांड और खून-खच्चर के बीच स्नेही, अहिंसक व उदार थे। दोनों ही एक-समान कठिनाइयों में जीने वाले सरस व्यक्ति हैं।
(ii) भक्तिन के सेवक धर्म की तुलना लेखिका ने किससे की है?
उत्तर:
भक्तिन के सेवक धर्म की तुलना लेखिका ने अंजनी पुत्र वीर हनुमान जी से की है क्योंकि भक्तिन में भी हनुमान के समान स्वामी भक्ति का गुण बहुत प्रबल था। वह हनुमान जी की ही तरह अपनी मालकिन की सेवा तन-मन व पूर्ण निष्ठा से करती है। उसमें , उनकी तरह ही पूर्ण समर्पण का भाव है।
(iii) लेखक के एक मित्र बाज़ार से खाली हाथ क्यों लौट आए ?
उत्तर:
लेखक के मित्र बाज़ार जाकर यह निर्णय नहीं ले पाए कि क्या खरीदें और कया नहीं, इसी ऊहापोह में वे बिना कुछ खरीदे वहाँ से लौट आए। वे बाज़ार की सब चीज़ें खरीदना चाहते थे। वे कुछ भी छोड़ना नहीं चाहते थे। जब यह पता न हो कि क्या खरीदना आवश्यक है, तब तक बाज़ार आपको अधिक आकर्षित करता रहता है।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (4)
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए किन््हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) ‘जूझ’ पाठ के अनुसार, “पढ़ाई-लिखाई के सम्बन्ध में लेखक और दत्ताजी राव का रवैया सही था।” इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
“जूझ ‘ पाठ के अनुसार, “पढ़ाई-लिखाई के सम्बन्ध में लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था” क्योंकि दत्ता जी राव जानते थे कि खेती-बाड़ी में लाभ नहीं है। दत्ता जी राव और लेखक दोनों ही जानते थे कि पूरे वर्ष खेतों में जी तोड़ परिश्रम करने के बाद भी परिवार का सही ढंग से पालन-पोषण करना अब सम्भव नहीं रह गया था इसलिए शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक था।
(ii) लेखक ने मुअनजोदड़ो और राजस्थान में क्या समानता बताई है?
अथवा
संयुक्त परिवार के उस दौर में यशोधर बाबू की पत्नी को क्या शिकायत थी ?
उत्तर:
सूना परिवेश तथा बबूल के पेड़ होने के कारण लेखक ने मुअनजो-दड़ो ओर राजस्थान में समानता बताई है। मुअनजो-दड़ो राजस्थान से काफ़ी मिलता-जुलता है। राजस्थान की ही भाँति यहाँ रेत के टीले नहीं हैं परन्तु वैसी ही खेतों की हरियाली, खुला आकाश, धूल, ठंड और गर्मी की अधिकता व तेज धूप जैसी समानताएँ देखने को मिलती हैं।