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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Term 2 Set 3 with Solutions
समय: 2 घंटे
पूर्णांकः 40
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं, यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए।
- लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए।
- खण्ड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खण्ड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड – ‘क’
(पाठ्य पुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक) (अंक 20)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 से 30 शब्दों में दीजिए. (2 x 2 = 4)
(क) ‘झेन की देन’ पाठ के आधार पर बताइए कि कौन-सा काल सत्य है और क्यों?
उत्तरः
लेखक के अनुसार वर्तमान काल ही सत्य है क्योंकि हम वर्तमानकाल में ही जीते हैं, यही काल हमारे सामने होता है। इसी काल में रहकर हम सभी कार्य करते हैं। हमें जीवन का अनुभव इसी काल से मिलता है। जबकि बाकी दोनों काल हमारे सामने नहीं होते। भूतकाल बीत चुका होता है और भविष्यकाल की हम केवल कल्पना ही कर सकते हैं। केवल वर्तमानकाल ही प्रत्यक्ष है। अतः इसी कारण लेखक ने वर्तमानकाल को सत्य कहा है।
(ख) वजीर अली कम्पनी के वकील के पास क्यों गया था। इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तरः
वज़ीर अली कंपनी के वकील के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचा था। उसकी शिकायत यह थी कि उसे बनारस से कलकत्ता भेजा जा रहा था। वकील ने शिकायत को नज़रअंदाज कर वज़ीर अली को ही भला-बुरा कह दिया। उसे अपमानित किया। वज़ीर अली के मन में अंग्रेजों के खिलाफ नफरत कूट-कूट कर भरी थी। उसने कंपनी के वकील का कत्ल कर दिया।
(ग) सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?
उत्तरः
सवार, वास्तव में स्वयं वज़ीर अली ही था। वह एक जाँबाज सिपाही था इसलिए वह अपनी वीरता और हिम्मत का परिचय देते हुए अपनी जाँबाजी और सूझ-बूझ से कर्नल के खेमे में गया, उसने अकेले में कर्नल से मुलाकात की। कर्नल को लगा कि वह सवार वज़ीर अली को पकड़ने में उसकी मदद करेगा, इसलिए उसने उसे कारतूस दे दिए।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 60-70 शब्दों में दीजिए (2 x 2 = 4)
(क) मनुष्य सदा से ही सौन्दर्यप्रेमी रहा है और प्रकृति की सुंदरता हमेशा से ही उसे आकर्षित करती रही है। कवि सुमित्रा नंदन पंत प्रकृति के कुशल चितेरे हैं। वे प्रकृति पर मानवीय क्रियाओं को आरोपित करने में सिद्धहस्त हैं। उनकी कविता ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता में कवि ने वर्षा ऋतु में पर्वतीय स्थल में हो रहे परिवर्तन का उल्लेख किया है। वर्षा ऋतु में पर्वत का सौंदर्य मन
को मोह लेता है। पर्वत पर उगे पुष्प पर्वतों के नेत्र हैं। पर्वत के नीचे तालाब हैं जो पर्वतों के सौंदर्य को बढ़ा रहे हैं। पर्वतों से गिरने वाले झरने उनका यशगान करते हुए प्रतीत हो रहे हैं। पर्वतों पर स्थित ऊँचे वृक्ष मन के उच्चाकांक्षाओं का प्रतीक हैं। पर्वतों पर अचानक बादल छा जाने से वातावरण अत्यंत रहस्यमयी प्रतीत हो रहा है। यह देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो वर्षा के राजा इंद्र कोई जादू का खेल खेल रहे हैं।
अथवा
(ख) वीर मनुष्य का मस्तिष्क इतना संतुलित होता है कि कोई भी बाधा उसकी इच्छाशक्ति को डिगा नहीं सकती; आनंदपूर्वक हँसते-खेलते वह अपनी ही धुन में मस्त भयंकर खतरे के बीच भी निर्लिप्त रूप से आगे बढ़ा चला जाता है। वजीर अली कौन था? क्या उसका चरित्र भी प्रस्तुत कथन से समानता प्रदर्शित करता है?
उत्तरः
वज़ीर अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का पुत्र था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने उसे शासन से वंचित कर उसके चाचा को उसका राज्य सौंप दिया था। तब से वह अंग्रेजों का कट्टर विरोधी हो गया था। उसका उद्देश्य अंग्रेजों को अपने देश से बाहर करना था। वज़ीर अली के चरित्र की विशेषताएँ निम्न प्रकार से हैंजाँबाज-वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही है। वह मौत से नहीं डरता है और खतरों से खेलता है। वह कंपनी के वकील का कत्ल उसके घर में जाकर कर आता है। स्वाभिमानी-वज़ीर अली बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति है। उसे गवर्नर जनरल द्वारा कलकत्ता तलब करना अच्छा नहीं लगता। वह वकील की अपमानजनक बातें सुनकर चुप नहीं रहता और उसका कत्ल कर देता है। वज़ीर अली के चरित्र की ये दो विशेषताएँ प्रस्तुत कथन से निश्चित रूप से मेल खाती हैं। उसका व्यक्तित्व संतुलित, साहसी और निर्भीक हैं।
प्रश्न 3.
पूरक पाठ्य-पुस्तक संचयन के किन्हीं तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) मीडिया को समाज का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। जनता को जागरूक करने, भ्रष्टाचार को उजागर करने, अहम मुद्दों को सामने लाने में मीडिया एक अहम भूमिका निभाती रही है। हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती, तो उसकी क्या स्थिति
होती? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती, तो उनकी ऐसी दयनीय स्थिति इस तरह कदापि न होती, जैसे उनके भाइयों और ठाकुरबारी के महंत ने की। मीडिया उनकी दयनीय स्थिति को सार्वजनिक कर सरकार और जनता का ध्यान इस ओर खींचती और हरिहर काका की घटना विश्वव्यापी घटना बन जाती, जिससे उनके भाई हरिहर काका की अच्छी तरह से देखभाल करने के लिए बाध्य हो जाते है। ठाकुरबारी के महंत सहित अन्य सभी लोगों का भी पर्दाफाश हो जाता, जिससे हरिहर काका भयमुक्त हो जाते। उन्हें समाज के प्रत्येक वर्ग की सहानुभूति और सहयोग मिलता और उनका जीना सरल हो जाता।
(ख) टोपी की भावात्मक परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में क्या बदलाव होने चाहिये? क्या ये बदलाव आज के समय में भी प्रासंगिक होंगे?
उत्तरः
टोपी जैसे बालकों की भावात्मक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में जो आवश्यक बदलाव होने चाहिए, उनमें प्रमुख हैं – टोपी जैसी भावात्मक परेशानियों से पीड़ित विद्यार्थियों पर माता-पिता तथा शिक्षकगण विशेष ध्यान दें। उनके साथ माता-पिता एवं शिक्षकों की सहानुभूति तथा प्यार भरा उपचारात्मक व्यवहार होना चाहिए। विद्यालयों में हतोत्साहन की जगह प्रोत्साहन मिलना चाहिए, सफलता और असफलता दोनों ही जीवन के पहलू हैं, यह उन्हें समझाया जाना चाहिए। शिक्षा के लिए विशेष प्रबंध होना चाहिए, जैसे उपचारात्मक शिक्षा प्रणाली, वस्तुनिष्ठ प्रश्नावली तथा दिलचस्पी से पढ़े जाने वाले विषयों की व्यवस्था साथ ही वैकल्पिक शिक्षा की ओर भी रुझान होना चाहिए। ये सभी बदलाव आज के समय भी प्रासंगिक हैं।
(ग) लेखक के बचपन के समय बच्चे पढ़ाई में रुचि नहीं लेते थे। स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
अपने बचपन के दिनों में लेखक जिन बच्चों के साथ खेलता था, उनमें अधिकांश तो स्कूल ही नहीं जाते थे। जो कभी गए भी वे पढ़ाई में अरुचि होने के कारण किसी दिन अपना बस्ता तालाब में फेंककर आ गए और फिर स्कूल गए ही नहीं। उनका सारा ध्यान खेलने में रहता था। इससे स्पष्ट है कि लेखक के बचपन के दिनों में बच्चे पढ़ाई में रुचि नहीं लेते थे।
खण्ड – ‘ख’
(लेखन) (अंक 20)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए. (6 अंक)
(क) बढ़ती जनसंख्या
- भूमिका
- भारत की जनसंख्या
- जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव व कारण
- समाधान
उत्तरः
बढ़ती जनसंख्या भारत एक विशाल देश है। यहाँ पर कई समस्याएँ विद्यमान हैं। उनमें से प्रमुख समस्या है, जनसंख्या वृद्धि। जनसंख्या वृद्धि के कारण कई और समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। जैसे-भुखमरी, बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार आदि इसी समस्या के विविध रूप हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से आज भारत की जनसंख्या में चार गुना से अधिक वृद्धि हो गई है। आज भारत की जनसंख्या एक अरब से भी अधिक है। यद्यपि सरकार ने इन समस्याओं से निपटने के लिए नए-नए उद्योग-धंधे और रोजगार के अनेक अवसर प्रदान किए हैं, तथापि ये अवसर निरन्तर बढ़ती जनसंख्या के कारण कम पड़ते जा रहे हैं। जनसंख्या की वृद्धि के कारण बाजार में माँग अधिक है और आपूर्ति कम। इसी समस्या के कारण ही बाल मजदूरी, बँधुआ मजदूरी और स्त्री शोषण को बढ़ावा मिल रहा है। अलग-अलग तरह से गरीबों का शोषण किया जा रहा है और धीरे-धीरे समाज बिखर रहा है। जनसंख्या वृद्धि के कई दुष्प्रभाव हैं। जनसंख्या बढ़ने से आवास की समस्या उत्पन्न हो रही है। लोगों को रहने के लिए जगह नहीं है। लोग फ्लैटों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं।
जनसंख्या वृद्धि के कारण ही बेरोजगारी, आतंकवाद, भ्रष्टाचार, चोरी, डकैती जैसी समस्याएँ निरन्तर बढ़ती जा रही हैं। जनसंख्या वृद्धि के कारण हर जगह अव्यवस्था और अनाचार का बोलबाला हो गया है। बेकारी से परेशान लोग अपराधी बनने लगे हैं और देश का नैतिक पतन होता जा रहा है। उत्पादन के साधन धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। देश के उचित विकास और समृद्धि के लिए इस बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाना अब अनिवार्य हो गया है। लोगों को यह बताना आवश्यक है कि छोटा परिवार सुखी परिवार होता है। यदि लोग लड़का और लड़की में भेदभाव करना छोड़ दें तो भी काफी हद तक जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण किया जा सकता है। गाँव-गाँव में शिक्षा का करके बाल-विवाह पर अंकुश लगाया जा सकता है। कुछ सरकारी योजनाओं से, कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं से तथा जन-सामान्य के सामूहिक प्रयासों से बढ़ती जनसंख्या पर नियन्त्रण किया जा सकता है। आज जनसंख्या को रोकना हर नागरिक का कर्तव्य है। यदि प्रत्येक नागरिक जागरूक होकर इस समस्या के ऊपर ध्यान देगा तभी जनसंख्या वृद्धि रोकी जा सकती है।
(ख) विदेशों के प्रति बढ़ता मोह
- विदेश के प्रति बढ़ता आकर्षण
- अधिक सम्पन्नता
- बेहतरीन जीवन शैली
उत्तरः
विदेशों के प्रति बढ़ता मोह भारतीय युवाओं के मन में विदेश जाने के प्रति होड़-सी लगी हुई है। आज के भारतीय युवाओं के लिए विदेश जाना एक महत्वपूर्ण आकांक्षा बनती जा रही है। आज युवा उच्च शिक्षा के लिए, नौकरी अथवा व्यवसाय के उद्देश्य से विदेश जाने के लिए तैयार रहता है। भारत इस समय विकासशील देश है, जहाँ नई-नई योजनायें, उद्योगों की कमी, गरीबी, अशिक्षा इत्यादि का प्रतिशत अधिक है। यही कारण है कि युवा व शिक्षित वर्ग ज्यादा पैसे कमाने के लिए विदेश जाने को उत्सुक रहता है। यह कुछ प्रतिशत सत्य है कि कुछ देश हमारे देश से अधिक सम्पन्न हैं। वहाँ शिक्षित लोगों का प्रतिशत और उद्योग-धंधे अधिक होने के कारण, सुख-सुविधाओं का अत्यन्त विकास होने के कारण सभी युवा वर्ग वहाँ जाने को उत्सुक रहता है।
वहाँ की बेहतरीन जीवन-शैली भी आजकल के युवा को अपनी ओर आकर्षित करती है। परन्तु हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है, यह एक बड़ा सत्य है। आज का युवा स्वयं को आत्मनिर्भर ही नहीं बनाना चाहता बल्कि वह इससे भी बढ़कर कुछ चाहता है। उसे हर छोटी-बड़ी सुख-सुविधाओं की लालसा है। बेहतर और कम समय में ज्यादा कमाने की चाहत युवाओं को विदेशों की ओर ले जा रही है। उसकी सुख की परिभाषा आज अच्छा खाना पहनना नहीं है। वह आजादी भरा जीवन बिना रोक-टोक के जीना चाहता है। यह आकर्षण इतना अधिक है कि वह देश छोड़कर विदेशों की ओर रुख करता है। परन्तु सच तो यह है जो आत्मिक शान्ति, भाईचारा अपनों के बीच है वह विदेशों में कहाँ?
(ग) सांप्रदायिकताः एक अभिशाप
- साम्प्रदायिकता का अर्थ
- विश्वव्यापी समस्या
- हमारी भूमिका
उत्तरः
सांप्रदायिकताः एक अभिशाप:
सभी धर्म-संप्रदाय, मत और मजहब मानव-मात्र को ईश्वर-आस्था, समस्त प्राणियों के प्रति स्नेह-भाव, उपकार, स्वार्थ-त्याग और आपसी प्रेम-भाव की शिक्षा देते हैं। कोई भी धर्म या मजहब; घृणा, हिंसा, बैर-द्वेष को बढ़ावा नहीं देता। सभी मनुष्य परमात्मा की संतान हैं और इसी कारण वह धर्म-संप्रदाय से परे मानवता के एक सूत्र में बँधे हैं। इन मूलभूत बातों के होते हुए भी कुछ लोग बहकावे में आकर धर्म के मिथ्या उन्माद में बहक जाते हैं और द्वेषवश एक-दूसरे के धर्म या मजहब को नीचा दिखाने का प्रयत्न करते हैं। ऐसे लोगों को धर्म या मजहब के सच्चे स्वरूप का ज्ञान नहीं होता। वास्तव में व्यक्ति का अहंकार ही इस धार्मिक उन्माद का कारण है। हमारी उपासना और पूजा-पाठ के तरीके अलग हो सकते हैं, हम अपने आराध्य देवों को अलग-अलग नामों से पुकार सकते हैं, ये सभी उस परम तत्व परमात्मा तक पहुँचने के भिन्न-भिन्न मार्ग हैं, परन्तु मंजिल तो सबकी एक है। धर्म या मजहब तोड़ता नहीं, जोड़ता है।
संस्कृत में कथन इस प्रकार है –
‘धर्मः यो बाधते धर्म न स धर्मः कुधर्म तत्’- अर्थात् वह धर्म नहीं कुधर्म है, जो दूसरे धर्म को बाधित करता है। यही धर्म समभाव शायर इकबाल के इस शेर में ध्वनित होता है
मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा॥
प्रश्न 5.
आप अनुज/अनुजा हैं। छात्रवृत्ति के लिए प्रधानाचार्य को लगभग 120 शब्दों में प्रार्थना पत्र लिखिए। (5 अंक)
अथवा
आप महात्मा गाँधी कॉलोनी के निवासी राजन हैं। कॉलोनी का पार्क आज तक अविकसित है। अपने नगर निगम विकास प्राधिकरण के सचिव को अपनी कॉलोनी के पार्क के विकास के लिए पत्र लिखिए।
उत्तरः
परीक्षा भवन
खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
दिनांक- 7.10.20xx
सेवा में
प्रधानाचार्य महोदय,
अ.ब.स. विद्यालय
खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
विषयः छात्रवृत्ति हेतु आवेदन पत्र
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का दसवीं ‘ब’ का छात्र/ की छात्रा हूँ। कल प्रार्थना सभा में आपके द्वारा यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि विद्यालय के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाएँगी।
महोदय, मैं आठवीं कक्षा से ही नब्बे प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाला छात्र/वाली छात्रा हूँ एवं पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी प्रथम पुरस्कार मुझे मिले हैं। साथ ही अंतविद्यालय कविता वाचन में भी मुझे प्रथम पुरस्कार मिला है। विनम्र निवेदन हैं कि मैं छात्रवृत्ति के लिए सभी शर्तों में बेहतर हूँ और भविष्य में भी अच्छा ही करूँगा/करूँगी।
अतः आशा है कि आप मुझे छात्रवृत्ति की सुविधा प्रदान करके अनुग्रहीत करेंगे। मैं जीवन भर आभारी रहूँगा/रहूँगी।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी छात्र/छात्रा
अनुज/अनुजा
कक्षा दसवीं ‘ब’
अथवा
परीक्षा भवन
गुरूग्राम हरियाणा
दिनांक – 05.06.20XX
सचिव महोदय,
नगर विकास प्राधिकरण
गुरूग्राम, हरियाणा
विषय- कॉलोनी का पार्क विकसित करने हेतु पत्र
महोदय,
मैं महात्मा गाँधी कॉलोनी का निवासी हूँ। कॉलोनी के नक्शे में नगर विकास प्राधिकरण की ओर से पार्क दिखाया गया है। कॉलोनी में पार्क के लिए जगह भी छोड़ी गई है। लेकिन पाँच साल बीत जाने पर भी वहाँ कोई पार्क नहीं बना है। पार्क के लिए बनी जगह का बहुत बुरा हाल है, कुछ लोग तो उस जगह को कूड़ेदान की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं। उसमें आवारा कुत्ते ही घूमते रहते हैं। पिछले सप्ताह से तो वहाँ एक भिखारी झुग्गी बनाकर डेरा डाले हुए है। सारी कॉलोनी पार्क में फैली गंदगी के कारण परेशान है। आपसे अनुरोध है कि कृपा करके आप उस पार्क को विकसित कराएँ। पुलिस की सहायता से उस भिखारी को भी निकलवाएँ। पार्क के चारों ओर काँटों की बाड़ लगवाएँ तथा पेड़-पौधे भी लगवाएँ। हम सब आपको पूर्ण सहयोग देंगे। आशा है आप इस ओर शीघ्र ध्यान देंगे।
भवदीय
राजन
महात्मा गाँधी कॉलोनी।
प्रश्न 6.
(क) आप डी.ए.वी. विद्यालय के विद्यार्थी सचिव हरदीप कौर हैं। आपके विद्यालय के वार्षिक उत्सव में नाटक मंचन हेतु इच्छुक छात्रों को जानकारी देने हेतु एक सूचना लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए। (2.5)
उत्तरः
डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल
सूचना
नाटक मंचन का आयोजन
दिनांक: 20.08.20xx
इस विद्यालय के सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय के वार्षिक उत्सव में नाटक मंचन किया जाएगा। जो छात्र नाटक में अभिनय करने के इच्छुक हों, वे सितम्बर 20xx को अंतिम दो कालांश में स्क्रीन टेस्ट हेतु क्रियाकलाप कक्ष में उपस्थित रहें।
हरदीप कौर
विद्यार्थी सचिव
अथवा
आप मॉडर्न पब्लिक स्कूल के छात्र सचिव साहिब बक्शी हैं। स्कूल की ओर से प्रगति मैदान में होने वाले ट्रेड फेयर में छात्रों को ले जाया जाएगा, इसकी जानकारी सभी छात्रों को देते हेतु एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तरः
मॉडर्न पब्लिक स्कूल, दिल्ली
सूचना
ट्रेड फेयर
दिनांक: 20.09.20xx
इस विद्यालय के सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि प्रगति मैदान में होने वाले ट्रेड फेयर में छात्रों को कक्षानुसार ले जाया जाएगा। सभी छात्रों को अपने अभिभावक से सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाकर उसे 26.09.20XX तक अपने-अपने कक्षा अध्यापक को देना है। सहमति फॉर्म स्कूल डायरी के पृष्ठ संख्या 50 पर है।
साहिब बक्शी
छात्र सचिव
(ख) आलोक विद्या भारती विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से ग्रीष्मावकाश में पहाड़ी क्षेत्र पर यात्रा हेतु सूचना लगभग 40-50 शब्दों में तैयार कीजिए। (2.5)
उत्तरः
आलोक विद्या भारती स्कूल
सूचना
प्यारे छात्रों आप सभी को ग्रीष्मावकाश में हिमाचल प्रदेश की वादियों के प्राकृतिक नज़ारों के बीच ले जाने का निर्णय लिया गया है। परीक्षाओं की थकान को मिटाने तथा पर्यटन के महत्व को ध्यान में रखकर यह योजना बनाई गई है। यह आपके लिए शिक्षाप्रद तथा रोमांचक अनुभव सिद्ध होगा। जो भी छात्र-छात्रा इस यात्रा हेतु इच्छुक है, वे अपने हेड बॉय या हेड गर्ल से संपर्क करे। अध्यापकों का एक दल भी आपके साथ जाएगा।
कार्यक्रम
स्थान: मनाली
तिथि: 26 मई-30 मई, 20xx
क ख ग
(प्रधानाचार्य)
अथवा
तकनीकी खराबी के कारण द्वारका सेक्टर-21 से नोएडा सेक्टर-18 तक की मेट्रो सेवा दिनांक 5.08.XX को बाधित की जाएगी। इस विषय पर सूचना लिखिए।
उत्तरः
सूचना
मेट्रो स्टेशन, तिलक नगर
यात्रियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 05-08-XX प्रातः 6 बजे से किसी तकनीकी खराबी के कारण 204 द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सेक्टर 18 के बीच मेट्रो लाइन की मरम्मत का काम होगा। जिस कारण द्वारका से वैशाली जाने वाली मेट्रो रेल सेवा बाधित की जाएगी। यात्रियों की असुविधा के लिए खेद है।
स्टेशन अधीक्षक
दिनांक: 03-08-xx दिल्ली मेट्रो
प्रश्न 7.
(क) यात्रा एवं पर्यटन पर आधारित विज्ञापन तैयार कीजिए। (2.5)
अथवा
विवाहोपरांत नाम परिवर्तन एवं नए पते का विज्ञापन तैयार करें।
उत्तरः
अथवा
नाम परिवर्तन:
जन साधारण को सूचित किया जाता है कि मेरी शादी दिनांक 19-06-20xx को श्री सेंगर से हिंदू रीति रिवाज से हुई है। मेरा नाम सिमर देवी था। शादी के बाद मेरा नाम शारदा सेंगर हो गया है और अब से मैं शारदा सेंगर के नाम से जानी जाऊँगी। मैं 38/5ए ब्लॉक ‘ब’ शालीमार बाग, साहिबाबाद, जिला गाजियाबाद की स्थायी निवासी हूँ।
(ख) आप अपने घर को किराए पर देना चाहते हैं उससे सम्बन्धित लगभग 50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (2.5)
अथवा
‘लक्ष्य’ कोचिंग सेंटर हेतु विज्ञापन तैयार करें।
उत्तरः
विज्ञापन आवश्यकता है एक शादीशुदा किरायेदार की जो सरकारी नौकरी करता हो। सभी मूल जरूरतों के साथ दो कमरों का मकान किराए पर लेने वाले इच्छुक लोग निम्न मोबाइल नं. पर संपर्क करें। घर के सामने पार्क है। मेट्रो का स्टेशन निकट है। हरा-भरा स्वास्थ्य की दृष्टि से अति उत्तम स्थान किराए पर उपलब्ध है। किराए तथा अन्य जानकारी हेतु शीघ्र मिलें। रोहन शर्मा (प्रॉपर्टी डीलर)
मो. : 98xxxxxxxx
अथवा
प्रश्न 8.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में लघुकथा लिखिए। (5 अंक)
एक लकड़ी का सामान बनाने वाले व्यक्ति ने अपना हुनर अपने पुत्र को सिखाया। अब वह भी लकड़ी के टेबल-कुर्सियाँ बनाने लगा। पर उसके बनाए गए सामान उसके पिता से कम कीमत पर बिकते थे। इस विषय में उसने अपने पिता से बात की और अपनी कमियों को समझा। फिर भी उसके बनाए सामान पिता के द्वारा बनाए सामान के बराबर न हो सके। पिता ने फिर पुत्र को समझाने का प्रयास किया पर अब………… |
अथवा
‘परिश्रम का फल’ शीर्षक के आधार पर लघुकथा लिखो
उत्तरः
एक लकड़ी का सामान बनाने वाले व्यक्ति ने अपना हुनर अपने पुत्र को सिखाया। अब वह भी लकड़ी के टेबल-कुर्सियाँ बनाने लगा। पर उसके बनाए गए सामान उसके पिता से कम कीमत पर बिकते थे। इस विषय में उसने अपने पिता से बात की और अपनी कमियों को समझा। फिर भी उसके बनाए सामान पिता के द्वारा बनाए सामान के बराबर न हो सके। पिता ने फिर पुत्र को समझाने का प्रयास किया, पर अब वह पिता पर झुंझलाने लगा। वह पिता से कहता आप मेरी हमेशा कमियाँ ही बताते हो। धीरे-धीरे अब पुत्र के भी सामान बिकने लगे, जिससे उसमें अहंकार आने लगा। पिता यह सब समझता था इसलिए उसने पुत्र को समझाने का प्रयास नहीं छोड़ा। पुत्र ने पिता को कहा कि आप मेरी प्रगति से जलते हो इसलिए मुझे नीचा दिखाते हो और समझाते हो। यह सब सुनकर पिता को काफी बुरा
लगा फिर उन्होंने अपने जीवन की घटना बताई कि युवावस्था में मुझे भी अपने पिता द्वारा समझाना अच्छा नहीं लगता था, पर यदि वे मुझे नहीं समझाते तो मुझे अपने कार्य की बारीकियाँ समझ नहीं आतीं और मैं इतना सामान नहीं बना पाता। मेरे अंदर आने वाले अहंकार को मेरे पिता ने ही दूर किया। इस तरह पुत्र को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने अपने पिता को वचन दिया कि अब मैं हमेशा आपकी बात मानूँगा। शीर्षक-अहंकार प्रगति में बाधक है।
अथवा
‘परिश्रम का फल’
एक मेहनती किसान था। उसे अच्छी खेती से संबंधित बहुत से गुर आते थे, किंतु उसके चारों आलसी पुत्रों की सीखने में कोई रुचि नहीं थी। किसान बहुत चिंतित रहता था कि मेरी मृत्यु के बाद ये कैसे अपनी आजीविका चलायेंगे। एक बार वह बहुत बीमार हो गया तो उसने अपने चारों पुत्रों से कहा, मेरी जो कुछ संपत्ति थी, उसे खेतों में ढूँढ़ने जा सकोगे? किसान की मृत्यु के बाद चारों पुत्रों ने गुप्त धन के लालच में सभी खेतों को खोद दिया किंतु कठिन परिश्रम के साथ बहुत खोदने पर भी उन्हें खेतों के बीच कोई खजाना नहीं मिला। उन्होंने बहुत निराश होकर खोदे हुए खेतों में बीज डाल दिए। जमीन की बहुत अच्छी खुदाई हो जाने के कारण खेतों में इतनी अच्छी फसल हुई कि उन्हें अपने परिश्रम का फल मिल गया। साथ ही खेती संबंधी एक महत्वपूर्ण शिक्षा भी मिली।