Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 2 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Term 2 Set 2 with Solutions
समय: 2 घंटे
पूर्णांकः 40
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं, यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए।
- लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए।
- खण्ड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खण्ड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड – ‘क’
(पाठ्य पुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक) (अंक 20)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 से 30 शब्दों में दीजिए (2 x 2 = 4)
(क) सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों माना?
उत्तरः
सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का छोटा भाई था। उसे आशा थी कि नवाब आसिफउद्दौला की कोई औलाद नहीं होगी, तो उसे स्वतः ही अवध का तख्त मिल जाएगा। परन्तु उसकी आशा के विपरीत वज़ीर अली का जन्म होता है और उसकी आशा असफल जान पड़ती है। अतः उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत के समान माना।
(ख) ‘टी सेरेमनी’ में लेखक ने क्या देखा?
उत्तरः
लेखक अपने मित्र के साथ टी सेरेमनी में गए। जापान में चाय पीने की इस विधि को ‘चा-नो-यू’ कहते हैं। इसकी व्यवस्था एक छः मंजिली इमारत के ऊपर पर्णकुटी में की गई थी। पर्णकुटी के बाहर एक बेढ़ब-सा मिट्टी का बर्तन रखा हुआ था। उसके पानी से लेखक ने हाथ-पैर धोए। तौलिए से हाथ पोछकर वे अन्दर गए। चाजीन ने झुककर उनका स्वागत किया। अँगीठी सुलगाई गई। चायदानी में चाय बनने के लिए रखकर बरतनों को तौलिए से साफ़ किया गया। बड़े ही गरिमापूर्ण ढंग से चाय बनाकर उनके सामने परोसी गई। यह सभी क्रियाएँ लेखक के अन्दर उत्साह का संचार कर रही थीं।
(ग) ‘मनुष्यता’ कविता के आधार पर बताइए कि कवि ने कैसी मृत्यु को ‘सुमृत्यु’ कहा है।
उत्तरः
कवि ने उस मृत्यु को सुमृत्यु कहा है, जो मृत्यु परोपकार करते हुए हो तथा जिस मृत्यु को सभी याद करें। परोपकारी मनुष्य की कीर्ति समस्त संसार में गूंजती है। मृत्यु होने के बाद भी आदर तथा सम्मान के साथ उस परोपकारी मनुष्य को याद किया जाता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित दो प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 60-70 शब्दों में दीजिए (4 x 1 = 4)
(क) वैसे भी दिमाग की रफ्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे ‘स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है।….यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं। जापानी लोगों के मानसिक रोगी होने के क्या कारण हैं?
उत्तरः
जापानी लोगों के मानसिक रोगी होने के विभिन्न कारण हैं, जापान में आगे बढ़ने की होड़ लगी है। यद्यपि जापान ने तकनीकी क्षेत्र में कामयाबी पाई है परन्तु अन्य क्षेत्रों में वह अमेरिका से पीछे है, जिस कारण यहाँ के लोगों को मानसिक तनाव अधिक झेलना पड़ता है। वे महीने भर का काम एक दिन में निपटाना चाहते हैं और जरूरत से ज्यादा अपने दिमाग पर जोर लगाते हैं। यहाँ की दिनचर्या इतनी तेज है कि किसी को किसी से बात करने का समय नहीं है। लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। वे आपस में ही बात करते हैं। मानसिक संतुलन खो रहे हैं। वे लोग अकेले में बडबड़ाते हैं, अजीब हरकतें करते हैं एवं लोगों से अलग-थलग रहते हैं। जीवन की आपाधापी में एवं जरूरत से अधिक काम के बोझ के कारण वे जीवन को संतुलित रूप से चलाने में अक्षम हैं। अतः वे मानसिक संतुलन खोते जा रहे हैं।
अथवा
(ख) वज़ीर अली सच्चे अर्थों में जाँबाज सिपाही था-कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तरः
वज़ीर अली सही मायनों में जाँबाज सिपाही था। वह अत्यंत वीर, पराक्रमी एवं साहसी योद्धा था। वह अवध के नवाब आसिफउद्दौला का बेटा था। जब वह अवध के तख्त पर बैठा तो मात्र पाँच महीने में अवध को अंग्रेजों से मुक्त कर दिया। उसकी अंग्रेजों के विरुद्ध नीतियों से तंग आकर अंग्रेजों ने उसे हटाने का षड्यंत्र कर हराया और उसके पिता के भाई सआदत अली को नवाब घोषित कर दिया था। पर फिर भी वजीर अली ने इन विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी तथा हमेशा अंग्रजों के विरुद्ध लड़ता रहा। वह अंग्रेजी शासन को पसंद नहीं करता था। उसका एकमात्र लक्ष्य था, अंग्रेजों की गुलामी न करके उन्हें अपने देश से बाहर निकालना। उसकी इन विशेषताओं के कारण हम उसे सच्चा देशभक्त और जाँबाज सिपाही कह सकते हैं। साथ ही साहस, पराक्रम तथा बुद्धिमत्ता से भरपूर उसका व्यक्तित्व था तथा कुशल शासक की नीतियों अर्थात् साम, दाम, दंड, भेद आदि से भी वह भली-भाँति परिचित था।
प्रश्न 3.
पूरक पाठ्य-पुस्तक संचयन के किन्हीं तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर दीजिए (3 x 2 = 6)
(क) “टोपी और इफ़्फ़न की दादी का एक अटूट रिश्ता था”- टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तरः
टोपी और इफ्फन की दादी का आपस में रिश्ता मजहब और जाति की दीवारों से काफी ऊँचा था। दोनों में अलग-सा लगाव, अपनापन एवं प्यार था। उनके रिश्ते को धर्म के सौदागर नहीं समझ सकते। टोपी शुद्ध हिंदू ब्राह्मण था और दादी पाँच वक्तों की नमाज़ अदा करने वाली मुस्लिम स्त्री। साधारणत: लोग समान आयु और समान धर्म मानने वालों के बीच ही रिश्ता जोड़ना चाहते हैं परन्तु टोपी और दादी के बीच दादी-पोते का एक ऐसा मानवीय रिश्ता था जो धर्म-सम्प्रदाय, उम्र से भी बड़ा था। इफ़्फ़न की दादी को हिंदुस्तान की मिट्टी से लगाव था, उन्हें पूरबी बोली, दूध, दही, घी का खान-पान, नाच-गान आदि काफी पसंद था। टोपी हिंदू बालक था, उसे दादी से कहानियाँ सुनना, समझना, बातें करना अच्छा लगता था। वह अपनी माता से मार खाकर भी दादी से रिश्ता नहीं तोड़ना चाहता था। दोनों ही एक-दूसरे के सुख-दुःख को बाँटते और दादी उसे समझाती। इंसानियत से बढ़कर कोई और रिश्ता नहीं हो सकता है, यह टोपी और इफ्फ़न की दादी के बीच की आत्मीयता से पता चलता है।
(ख) सुमित एक मेधावी छात्र था परंतु परीक्षा के समय से कुछ दिन पहले ही तबियत बिगड़ जाने के कारण वह परीक्षा में पास ना हो सका। साथी छात्र-छात्राओं के द्वारा मज़ाक बनाये जाने के कारण अब वह पहले जितने आत्मविश्वास के साथ पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा है।
क्या आपको लगता है कि टोपी को भी समान भावात्मक स्थितियों का सामना करना पड़ा?
उत्तरः
दो-दो बार फेल होने के कारण टोपी शुक्ला को भी समान भावात्मक स्थितियों का सामना करना पड़ा। जैसे उसके मास्टर जी उसे कमजोर लड़का समझने लगे। अन्य बच्चों को उसी का ही उदाहरण दिया जाने लगा। बात-बात पर उसका मजाक बनाया जाता। अगले साल भी उसे उसी कक्षा में बैठना पड़ा, जिस कारण वह स्वयं को सबसे पीछे समझने लगा। उसका कोई मित्र नहीं था। उसके आठवीं कक्षा वाले मित्र दसवीं कक्षा में थे और सातवीं वाले बच्चे आठवीं में आ गए। मास्टरों ने उस पर ध्यान देना छोड़ दिया था। छात्रों के उलाहने सुनने पड़ते थे। परिवारीजनों से भी तीखे बाण सहने पड़ते थे।
(ग) रहस्य खत्म नहीं होता, आशंकायें बनी ही रहती हैं लेकिन लोग आशंकाओं को नज़रअंदाज कर अपनी पक्षधरता शुरु कर देते कि उत्तराधिकार ठाकुरबारी को मिलता तो ठीक रहता। दूसरी ओर के लोग कहते कि हरिहर के भाइयों को मिलता तो ज्यादा अच्छा रहता।
गाँव वाले हरिहर काका के विषय में क्या सोचते थे?
उत्तरः
हरिहर काका के विषय में गाँव वालों के बीच दो वर्ग बन गए थे। पहले वर्ग का मानना था कि उन्हें ठाकुर जी को ज़मीन दे देनी चाहिए क्योंकि वे लोग स्वयं ठाकुर जी के अनुयायी थे। वे अपनी अंधभक्ति के कारण उचित-अनुचित का फर्क नहीं समझ पा रहे थे। दूसरे वर्ग के लोगों की सोच यह थी कि भाई भी तो अपना है अतः ज़मीन भाइयों के नाम कर देनी चाहिए। अन्यथा वे लोग अन्याय करेंगे।
खण्ड – ‘ख’
(लेखन) (अंक 20)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (6 अंक)
(क) सद्वृत्ति
- सद्वृत्ति का अर्थ
- विद्यार्थी जीवन में उपयोगिता
- मानव कल्याण
उत्तरः
सद्वृत्ति सद्वृत्ति का अर्थ है अच्छी वृत्ति। मनुष्य अनेक वृत्तियों को लेकर जन्म लेता है जिसमें कुछ तो अच्छी वृत्तियाँ होती हैं जो उसके नैतिक आदर्शों को दर्शाती हैं तो कुछ दुष्वृत्तियाँ होती हैं जो उसके चरित्र के बुरे पक्ष को बताती हैं। सद्वृत्तियों द्वारा मनुष्य सत्यता, ईमानदारी, दया, सज्जनता एवं अपने विनम्र स्वभाव का प्रदर्शन करता है। ये वृत्तियाँ उसे श्रेष्ठ बनाने में सहायक होती हैं। यदि मनुष्य सद्वृत्तियाँ विकसित करे तो वह सभी के प्रति सज्जनता, शालीनता एवं नम्रता का व्यवहार करेगा। उसका चरित्र अनुकरणीय होगा और वह ख्याति प्राप्त करेगा। महात्मा गाँधी व सरदार पटेल अपनी इन्हीं सद्वृत्तियों के कारण ही अमर हैं। जीवन का प्रारम्भिक काल विद्यार्थी जीवन होता है विद्यार्थी एक कच्ची मिट्टी के समान होता है। उसमें शिक्षा द्वारा ही सही आकार व सही दिशा देकर सवृत्तियों का विकास करना प्रारम्भ किया जाता है। इस अवस्था में जो छात्र नैतिक दिशा में सही रूप से आगे बढ़ते हैं वह आगे चलकर सद्वृत्तियों को प्राप्त करते हैं। हमारे इतिहास में दोनों वृत्तियों के लोगों के नाम भरे पड़े हैं। आज भी कभी किसी का भी नाम स्मरण होता है तो उसके सआदर्शों की चर्चा जरूर की जाती है। महात्मा गाँधी, मदर टेरेसा आदि ऐसे ही सद्चरित्रवान लोग हैं वहीं हिटलर, जनरल डायर आदि दुश्चरित्र वाले लोग हैं। यदि मनुष्य जीवन भर सद्वृत्तियों का विकास करेगा तो वह मानव-कल्याण निश्चित रूप से करेगा और प्रत्येक मानव- कल्याण के साथ विश्व-कल्याण सुनिश्चित है।
(ख) इंटरनेट का प्रभाव
- इंटरनेट क्या है?
- मानव पर प्रभाव
- सदुपयोग
उत्तरः
इंटरनेट का प्रभाव आज का युग कम्प्यूटर व इंटरनेट का युग है। आज प्रत्येक क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। आज के समय में ‘इंटरनेट’ बहुत ही प्रभावी आवश्यकता के रूप में सामने आया है। हमारा सम्पूर्ण संसार ही इसके इर्द-गिर्द घूमता है। कहीं हम शिक्षा के क्षेत्र में इसका प्रयोग कर रहे हैं तो कहीं मनोरंजन के साधनों के रूप में। सूचना एवं अन्य इलेक्ट्रानिक संसाधनों को साझा करने के लिए विभिन्न संचार माध्यम आपस में कम्प्यूटरों एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों द्वारा जुड़े हैं। सभी कम्प्यूटरों को नेटवर्क के रूप में जोड़ने वाला विश्वस्तरीय नेटवर्क इंटरनेट है। वर्तमान में 4 अरब से भी अधिक लोग इंटरनेट से जुड़े हैं। विश्व में अमेरिका व चीन के बाद भारत में इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। इंटरनेट के माध्यम से हम अब विश्वस्तर पर जुड़ गए हैं। पूरे जन संचार माध्यम में सूचनाएँ इसी के द्वारा वितरित हो जाती हैं। जॉन पॉल्स ने भी कहा है- इंटरनेट दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय है जिसमें किताबें खुली पड़ी हैं। भारत में ‘जीओ’ ने आकर इसके क्षेत्र को और बढ़ा दिया है। इंटरनेट यदि ज्ञान का भंडार है तो इसके दुष्परिणामों की भी कमी नहीं है। यदि इसका सही रूप से इस्तेमाल किया जाए तो इस सागर से ज्ञान और प्रगति प्राप्त की जा सकती है। अब यह मानव के विवेक और बुद्धि पर निर्भर है कि वह इसका सदुपयोग करे या दुरुपयोग।
(ग) राष्ट्रीय एकता
- भारतीय एकता
- बाधक तत्त्व
- एकता संरक्षण
उत्तरः
राष्ट्रीय एकता हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ। आज स्वतंत्रता को मिले 73 वर्ष हो गए हैं, पर फिर भी यहाँ विघटनकारी शक्तियाँ कुछ-न-कुछ गलत कामों को अंजाम देती रहती हैं। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। अभी हाल ही की घटना है, 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाले सी.आर.पी.एफ. के वाहनों के काफिलों पर आत्मघाती हमला आतंकवादियों द्वारा किया गया, जिसमें 45 सुरक्षाकर्मियों की जान गई। इसके एवज़ में भारत ने भी 13 दिन बाद 26 जनवरी, 2019 को वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट इलाके पर एयर स्ट्राइक करके बदला लिया। पर क्या यह सही है?
इसके सुधार के लिए हमारे पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बँध जाना होगा। राष्ट्र शब्द का अर्थ एवं स्वरूप व्यापक है इसमें तीन तत्व शामिल हैं- भूमि, जन व उनकी संस्कृति। इन तीनों तत्वों के आपस में प्रेमपूर्वक निर्वाह द्वारा ही राष्ट्रीय एकता का जन्म होता है। संस्कृति भी किसी राष्ट्र की निर्माता होती है। जिस प्रकार यह शरीर को उत्साह प्रदान करती है उसी प्रकार जीवन और उत्साह राष्ट्र में भर। है। राष्ट्र की जनता में भी अपनी विभिन्नताओं के बावजूद एकता होनी आवश्यक है। इस भावना की सुदृढ़ता ही व्यक्ति को आत्मबलिदा के लिए प्रेरित करती है। आज देश में विभिन्न प्रांतों में, भाषा, संस्कृति और धर्म के लोग होते हुए भी गहरी राष्ट्रीय एकता है।
प्रश्न 5.
आप अमित अमिता हैं। किसी बस कंडक्टर की कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए परिवहन विभाग के अध्यक्ष को लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए। (5 अंक)
अथवा
विश्व पुस्तक मेले में ‘गाँधी दर्शन’ से संबंधित स्टॉल में गाँधी- साहित्य के प्रचार हेतु कुछ युवक-युवतियों की आवश्यकता है। आप अपनी योग्यताओं और रुचियों का विवरण देते हुए ‘गाँधी-स्मृति’ संस्था के अध्यक्ष को आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तरः
सेवा में,
महाप्रबंधक
दिल्ली परिवहन निगम
काले खाँ, नई दिल्ली
विषयः बस कंडक्टर की कर्त्तव्यनिष्ठा की सराहना हेतु।
माननीय महोदय,
मैं इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान आपके विभाग के एक साहसी एवं कर्त्तव्यनिष्ठ कर्मचारी (बस कंडक्टर) के व्यवहार की अ आकर्षित कराना चाहती/चाहता हूँ तथा आशा करती/करता हूँ कि आप उसे उचित पुरस्कार देकर सम्मानित करें। मैं दिनांक 18 जून का, विकासपुरी से 336 रूट की बस नं. DL – JP – 9762 से प्रातः काल 9 बजे चढ़ी/ चढ़ा । बस में बहुत भीड़ होने के कारण अंदर नहीं आ पाई/पाया। तभी दो-तीन लोग पीछे से चढ़े और एक महिला की चैन तोड़कर चलती गाड़ी से कूद गए। महिला ने शोर किया जिस। कंडक्टर श्री अमर शर्मा ने बस रुकवाई और उसके पीछे भागा, उसने उनमें से एक को पकड़ लिया एवं पुलिस के हवाले कर दिया। महिला की चैन भी मिल गई। उस महिला ने उसे पुरस्कार स्वरूप कुछ पैसे देने चाहे पर उसने मना कर दिया। ऐसे व्यक्ति बहुत कम : मिलते हैं। अतः आप से निवेदन है कि आप अमर शर्मा जी को इस साहसपूर्ण कार्य के लिये सम्मानित कर अन्य कर्मचारियों के समः उदाहरण प्रस्तुत करें।
भवदीय
अमित/अमिता
विकासपुरी, नई दिल्ली
दिनांक- ……….
अथवा
सेवा में,
अध्यक्ष
गाँधी स्मृति संस्था
नई दिल्ली
विषय : गाँधी साहित्य प्रचारक के पद हेतु आवेदन पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मुझे 5 फरवरी, 20XX के ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ समाचार-पत्र से पता चला है कि आपकी ‘गाँधी स्मृति’ संस्था । विश्व पुस्तक मेले में ‘गाँधी दर्शन’ से संबंधित स्टॉल में गाँधी साहित्य के प्रचार के लिए कुछ युवक-युवतियों की आवश्यकता है। इस पद के लिए अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रही हूँ। मेरी योग्यता, रुचि आदि का विवरण इस प्रकार है –
(i) नाम – पूजा कोहली
(ii) पिता का नाम – श्री चरण सिंह
(iii) जन्म तिथि – 7 अप्रैल, 20XX
(iv) पता – 38/5 अशोक नगर, नई दिल्ली।
(v) दूरभाष – XXXXXXXXXX
(vi) शैक्षिक योग्यता – बी.ए. (हिंदी ऑनर्स)
(vii) रुचि – साहित्य पढ़ना, समाजसेवा आदि।
मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं अपने कार्य को ईमानदारी, परिश्रम व कर्त्तव्यनिष्ठा से करूँगी। आशा है, आप मुझे यह अव. अवश्य देंगे। मैं आपकी सदा आभारी रहूँगी।
प्रार्थी
पूजा कोहली
38/5, अशोक नगर, नई
दिल्ली दूरभाष – XXXXXXXXXX
दिनांक – 6 फरवरी, 20XX
प्रश्न 6.
(क) विद्यालय परिसर के बाहर अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा हानिकारक खाद्य सामग्रियाँ बेची जा रही हैं और छात्र उन वस्तुओं को खरीदते हैं। छात्रों को इन हानिकारक वस्तुओं से दूर रहने की सलाह देते हुए एक सूचना तैयार करें। (2.5)
अथवा
विद्यालय में वृक्षारोपण समारोह के आयोजन के लिए आपको संयोजक बनाया गया है। पूरे विद्यालय की सहभागिता के लिए एक सूचना लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तरः
सूचना
डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल
15 जनवरी, 20xx
सभी विद्यार्थियों को यह सूचित किया जा रहा है कि विद्यालय परिसर के बाहर अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा जो खाद्य वस्तुएँ बेची जा रही हैं, वे स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक हैं, इससे छात्रों को विभिन्न प्रकार की हानियाँ हुई हैं। अतः आप सभी से नम्र निवेदन है कि इन खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें।
आज्ञा से
प्रधानाचार्य
अथवा
सूचना
कैम्ब्रिज फाउंडेशन स्कूल
5 फरवरी, 20xx
सी. एफ. एस. के छात्र-छात्राओं को यह सूचित किया जा रहा है कि दिनांक 8 फरवरी को हमारे विद्यालय के प्रांगण में वृक्षारोपण का समारोह है, जिसमें हम सभी छात्र-छात्राओं को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना है। आप सभी से अनुरोध है कि प्रत्येक छात्र एक-एक पौधा अवश्य लगाए एवं इस कार्यक्रम को सफल बनाए। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रातः 8:30 से होगा अतः आप सभी से अनुरोध है कि इस ‘वृक्षारोपण कार्यक्रम’ में अपना सहयोग दें।
संयोजक
अश्मित सकूजा
(ख) आप अपने विद्यालय में एन.सी.सी. छात्र प्रतिनिधि हैं। विद्यालय में होने वाले स्वतंत्रता दिवस के समारोह में अन्य छात्रों से विद्यालय में समारोह के दौरान उचित अनुशासन का पालन हो, के लिए सूचना लिखिए।
अथवा
आप विद्यालय के विद्यार्थी परिषद् के सदस्य हैं। विद्यालय में मोबाइल निषेध है। इसके लिए सूचना जारी करें।
उत्तरः
सूचना
दिल्ली पब्लिक स्कूल, सिलीगुड़ी (प.ब.)
एन.सी.सी. व विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में मनाए जाने वाले स्वतंत्रता दिवस के समारोह में सभी विद्यार्थी विद्यालय की साफ व स्वच्छ पोशाक में रहें। विद्यालय के नियमों एवं अनुशासन का पालन करें। एन. सी.सी. के छात्र विद्यालय में उचित अनुशासन बनाए रखें। विद्यालय का समय 15 अगस्त को प्रातः 7:30 बजे से 11:30 तक है।
दिनांक …………………….
एन.सी.सी. प्रतिनिधि
गुरमीत रावत
अथवा
डी.ए.बी. पब्लिक स्कूल, खड़गपुर (प.ब.)
समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विशेषकर ग्यारहवीं व बारहवीं के छात्रों का विद्यालय परिसर में मोबाइल लाना निषेध है। यदि किसी भी कक्षा के छात्र के पास मोबाइल या स्मार्ट वॉच पाया गया तो वह दंडनीय होगा। समय-समय पर छात्र-परिषद् के सदस्य अथवा शिक्षक-छात्रों की जाँच करेंगे। अतः ध्यानपूर्वक इस नियम का सभी विद्यार्थी पालन करें।
दिनांक – 5.08.20xx
छात्र परिषद् अध्यक्ष
शशी बख्शी
प्रश्न 7.
(क) ‘दीपावली मेले’ के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा हस्तनिर्मित, टिकाऊ और उपयोगी सजावट की सामग्रियाँ बेची जाएंगी। इसके प्रचार हेतु विज्ञापन बनाएँ। (2.5)
अथवा
‘रोटरी क्लब’ द्वारा आयोजित केरल के बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए शिविर लगाया जा रहा है। इसके प्रचार हेतु विज्ञापन बनाएँ।
उत्तरः
अथवा
दान एक पुण्य!
आइए पुण्य कमाइए!
रोटरी क्लब की ओर से केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता।
आपकी सहायता किसी की जिंदगी को सुरक्षित कर सकती है,
तो देर किस बात की, गाँधी मैदान में आकर अपना सहयोग दें…………
(सहयोग राशि कुछ भी हो सकती है) शिविर – 7,8,9 अप्रैल, 20xx तक ही।
अन्य जानकारी हेतु संपर्क करें-xxxxxxxx, 011- 25xxxx
रोटरी क्लब ऑफिस
गाँधी मैदान, जनकपुरी
नई दिल्ली
(ख) चेहरे की क्रीम के लिए लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए। अपने उत्पाद के लिए कोई नाम सुझाइए। (2.5)
अथवा
आप एक पुरानी कार बेचना चाहते हैं। कार के विषय में सभी विवरण देते हुए लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन बनाइए।
उत्तरः
अथवा
प्रश्न 8.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में लघुकथा लिखिए। (5 अंक)
गाँव की बालिकाएँ – पढ़ाई में होशियार – गाँव में जल का अभाव – बालिकाओं का घर और पढ़ाई दोनों देखना – बहुत दूर से पानी लाना – पढ़ाई न कर पाना – समस्या का हल खोजना – गाँव वालों से सहायता लेना – सफलता पाना। (संकेत के आधार पर लघु कथा लिखिए।)
अथवा
‘धैर्य की आवश्यकता’ शीर्षक के आधार पर लघु कथा लिखो।
उत्तरः
एक छोटा-सा गाँव था। उस गाँव में कोई विद्यालय नहीं था। विद्यालय शहर में था। चूँकि गाँव की बालिकाएँ पढ़ने में होशियार थीं इसलिए सभी पढ़ने शहर ही जाती थीं। उस गाँव में पानी का बहुत अभाव था। गाँव में बहुत दूरी पर एक कुआँ था। गाँव के सभी लोग वहीं से ही पानी भरते थे। चूँकि कुआँ बहुत दूरी पर था इसलिए गाँव की बालिकाओं को पानी लाने में ही समय निकल जाता था। सभी ने इस विषय पर आपस में चर्चा की, फिर गाँव के बड़े-बुजुर्गों से इस समस्या के विषय में विचार किया कि गाँव में ही कुआँ खोदा जाएगा तो सभी के लिए सही रहेगा। यह बात सभी को पसंद आ गई। इससे गाँव वालों की परेशानियाँ दूर हो गईं। सभी ने मिलकर कुआँ खोदा और अपनी परेशानियों को दूर किया।
धैर्य की आवश्यकता:
एक समय की बात थी, किसी जंगल में काफी सूखा पड़ गया था जिस कारण सभी जानवर उस जंगल को छोड़ कर चले जा रहे थे। रंगा सियार भी भोजन की खोज में वहाँ से निकल पड़ा। काफी दूर तक चलने के बाद उसे भूख लग गई, उसने यहाँ-वहाँ देखा, काफी दूर उसे एक फल का पेड़ दिखाई दिया। वह वहाँ पहुँचा और फल तोड़ने की कोशिश करने लगा। काफी कोशिश करने पर भी वह फल न तोड़ सका, फिर उसने अपने साथियों को बुलाया, सभी ने बहुत कोशिश की पर तोड़ न सके। उन सभी सियारों में एक बूढ़ा सियार था, उसने उनसे कहा तुम लोग यदि एक-दूसरे पर चढ़ जाओ तो आसानी से फल तोड़ सकते हो। सियारों को उनकी युक्ति पसंद आई और उन्होंने एक-दूसरे पर चढ़ने का निश्चय किया। वे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। पर सबसे नीचे वाले सियार के मन में बार-बार यह बात आने लगी कि ऊपर वाले सियार कहीं मेरे लिए फल ही न बचाएँ। उसके । र्य का बाँध टूटने लगा और वह स्वयं वहाँ से हट गया। उसके हटते ही सभी सियार गिर गए और सभी को चोटें भी आईं। धैर्यहीनता के कारण वे भूखे ही रह गए।