Class 2 Hindi Chapter 9 दुनिया रंग बिरंगी Question Answer
Duniya Rang Birangi Question Answer
Duniya Rang Birangi Class 2 Question Answer
सोचिए और लिखिए
प्रश्न 1.
अपनी पसंद के रंग पर कविता लिखिए, जैसे ‘दुनिया रंग-बिरंगी’ को लिखा गया है।
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उत्तर-
नीले रंग की मेरी कार,
दिन भर घूमें-फिरे बाज़ार।
नीला रंग मुझको भाता,
मैं नीले- नीले फूल उगाता।
नीली चिड़िया मुझको भाती,
मीठे-मीठे गीत सुनाती।
नीला मेरा बस्ता है,
मुझको सुंदर लगता है।
नीली है स्कूल की बिल्डिंग।
वायलिन बजता डिंग डिंग डिंग।।
प्रश्न 2.
कविता में नीले रंग के कुछ उदाहरण आए हैं, जैसे- खुला आकाश। कविता में आए उदाहरणों से अलग आप अपने अनुभव से नीले और पीले रंग के कुछ उदाहरण लिखिए।
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उत्तर-
नीला रंग- बहती नदी का पानी, झरना, नीलकंठ पक्षी, नीले कमल के फूल, मार्निंग ग्लोरी फूल, अपराजिता का फूल।
पीला रंग- सरसों का फूल, कैनरी, हल्दी, गुड़ आदि।
शब्दों का खेल
बेमेल शब्द को ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर-
दुनिया रंग-बिरंगी पाठ का सारांश
देविका रंगाचारी द्वारा लिखी यह आनंदमयी कविता रंग-बिरंगी दुनिया का बोध कराती है। इसमें आसपास की वस्तुओं पर बिखरे रंगों की पहचान कराई गई है, ताकि यह समझा जा सके कि दुनिया में बेरंग कुछ भी नहीं होता।
दुनिया रंग-बिरंगी काव्यांशों की व्याख्या
1. नीला! जैसे खुला आकाश है,
सागर का नीला पानी है,
मोर के सुंदर पंखे हैं,
और पेड़ पर बैठे पंछी हैं।
पीला! जैसे चमचमाता सूरज है,
पका आम और केला है,
सब्ज़ियों में नींबू है,
और सूरजमुखी का फूल है।
शब्दार्थ- आकाश – आसमान, पंछी – चिड़ियाँ।
प्रसंग- प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक सारंगी, भाग-2 में संकलित दुनिया रंग-बिरंगी से ली गई हैं। इस कविता की कवयित्री ‘देविका रंगाचारी’ हैं। वे बच्चों को आसपास बिखरे रंगों के माध्यम से रंग-बिरंगी दुनिया से परिचित करवाना चाहती हैं। प्राकृतिक तत्वों से विभिन्न रंगों को जोड़ना कविता को और अधिक रुचिकर और सार्थक बनाता है।
व्याख्या- प्रस्तुत कविता में कवयित्री बच्चों से कहती हैं- नीले रंग का तात्पर्य है- खुला साफ़ आसमान का रंग अर्थात नीला रंग। सागर का पानी भी नीला है, मोर के सुंदर पंख नीले हैं और पेड़ पर बैठे अनेक पक्षियों के पंखों और आँखों का रंग भी नीला ही है। पीला अर्थात चमचमाता सूरज का रंग। पका हुआ आम और केला भी पीला हैं। सब्ज़ियों में नींबू और सुंदर सूरजमुखी का फूल भी पीले रंग के होते हैं।
2. लाल! जैसे फलों में सेब है,
खुशबूदार फूल गुलाब है,
चेरी और लाल टमाटर है,
और मेरी नाक पर फुंसी है।
हरा! जैसे हरी-हरी ये घास है,
मीठे-मीठे .मटर हैं,
पालक और बंदगोभी है,
और पेड़ के हरे हरे पत्ते हैं।
शब्दार्थ- खुशबूदार – सुगंध वाला, चेरी – एक लाल रंग का फल, बंदगोभी – पत्तागोभी।
प्रसंग- पूर्ववत।
व्याख्या- प्रस्तुत कविता में कवयित्री बच्चों को लाल रंग से परिचित करवाती हैं और कहती हैं कि लाल रंग वह है जो फलों में सेब का रंग है, अर्थात सेब का रंग लाल होता है। चेरी और टमाटर, दोनों का रंग भी लाल है। कवयित्री हँसते हुए कहती हैं कि देखो मेरी नाक पर जो फुंसी निकली है उसका रंग भी लाल ही है। अर्थात लाल रंग आसपास इन सबमें है। ये घास हरे रंग वाली है। मटर के दाने खाने में मीठे हैं किंतु इनका रंग हरा है। पालक और बंदगोभी तथा पेड़ों के पत्तों का रंग भी हरा ही है। इस प्रकार ये सभी रंग विभिन्न प्राकृतिक तत्वों में समाए हुए हैं।
दुनिया रंग बिरंगी के प्रश्न उत्तर