NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकिए are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकिए.
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 8 |
Subject | Hindi Vasant |
Chapter | Chapter 6 |
Chapter Name | भगवान के डाकिए |
Number of Questions Solved | 15 |
Category | NCERT Solutions |
Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 Bhagwan Ke Dakiye Questions and Answers
भगवान के डाकिए Question Answer
प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)
कविता से
प्रश्न 1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए बताया गया है क्योंकि
(क) पक्षी और बादल वह चिट्ठियाँ लाते हैं, जिसमें भगवान द्वारा भेजा गया संदेश होता है।
(ख) ये इंसानी डाकियों के विपरीत मनुष्य द्वारा बनाई सीमा में बँधकर काम नहीं करते हैं।
(ग) इनकी लाई चिट्ठियों को मनुष्य नहीं पढ़ पाता है। इन चिट्ठियाँ को पेड़, पर्वत, पौधे, पानी तथा पहाड़ पढ़ते हैं।
(घ) इनमें निहित संदेश किसी व्यक्ति विशेष के लिए न होकर सारे संसार के लिए होता है। दूसरे शब्दों में ये विश्वबंधुत्व को संदेश फैलाते हैं।
प्रश्न 2. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
उत्तर :
पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को मनुष्य नहीं पढ़ पाते हैं। इन चिट्ठियों को प्रकृति के विभिन्न अंग पेड़, पौधे, पहाड़, पानी आदि पढ़ पाते हैं।
प्रश्न 3. किन पंक्तियों का भाव है
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर :
(क)
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं।
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
(ख)
एक देश की धरती दूसरे
देश को सुंगध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
प्रश्न 4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर :
पक्षी और बादल की लाई चिट्ठियों में पौधे, पेड़, पानी और पहाड़ यह पढ़ पाते हैं कि प्रकृति में उनके आस-पास जो सौरभ उड़ रहा है तथा जल जो वाष्प रूप में चारों ओर विद्यमान है, उसे दूर-दूर तक पहुँचाना है। इस काम का प्रसार दूर-दूर तक अन्य देशों में भी चाहिए। इस कार्य को बिना किसी भेदभाव के स्वच्छंदतापूर्वक संपन्न करना है।
प्रश्न 5. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है”-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है’ पंक्ति का भाव यह है कि धरती के लिए इसे पृथ्वी के सभी मनुष्य एक समान हैं। वे कहीं के भी वासी क्यों न हो। प्रकृति (धरती) स्थान का भेदभाव किए बिना अपने-पराए की भावना से ऊपर उठकर सुगंध भेजती है। इस सुगंध में प्रेम, एकता, सद्भाव तथा समानता का संदेश छिपा होता है।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तर :
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, एकता, समानता और सद्भाव के आदान-प्रदान के रूप में देखते हैं। इन चिट्ठियों में भगवान द्वारा भेजा गया संदेश छिपा होता है, जिसे हम समझ पाने में असमर्थ होते हैं। भगवान का यह संदेश किसी जाति, धर्म, संप्रदाय, स्थान विशेष पर रहने वालों के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व के लोगों के लिए होता है।
प्रश्न 2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर :
पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों में भगवान द्वारा भेजा गया संदेश होता है, क्योंकि ये चिट्ठियाँ भगवान की होती हैं। इन चिट्ठियों को मनुष्य नहीं पढ़ पाता है। इनको प्रकृति के विभिन्न अंग पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं। इन चिट्ठियों में निहित संदेश किसी व्यक्ति या स्थान विशेष पर रहने वालों के लिए नहीं होता है। सामान्यतया इनमें विश्वबंधुत्व, प्रेम, सद्भाव तथा एकता का संदेश निहित होता है। इसके विपरीत इंटरनेट वर्तमान में प्रचलित संचार के साधनों में प्रमुख है। यह विज्ञान की अद्भुत खोज है। जिसकी मदद से संदेश भेजा तथा प्राप्त किया जा सकता है। इससे व्यक्ति अपने जान-पहचान वालों को जब चाहे, जहाँ चाहे संदेशों का आदान-प्रदान कर सकता है। ये संदेश नितांत निजी होते हैं, जिन्हें आसानी से पढ़ा जा सकता है। इससे संदेशों का आदान-प्रदान तुरंत हो जाता है।
प्रश्न 3. हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका’ क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर :
डाकिया वह सरकारी कर्मचारी होता है जिसका हमारे जीवन से घनिष्ठ संबंध होता है। वह पत्र, मनीऑर्डर आदि हम तक पहुँचाता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। डाकिए का महत्त्व आज के दौर में और भी बढ़ जाता है। जब संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, और लोग अपनी रोटी-रोजी के लिए दूरदराज शहरों में बस रहे हैं। वह हमारे प्रियजनों, निकट संबंधियों की सभी खबरें लाता है जो कभी तो मनुष्य को खुशी से भर देती हैं तो कभी गम के सागर में डुबो देती हैं हमारी अर्थव्यवस्था में मनीऑर्डर के महत्त्व को ग्रामीण लोगों से बेहतर भला कौन समझ सकता है। दूरदराज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मनीऑर्डर हेतु डाकिए की राह देखी जाती है कि कब वह ‘देवदूत’ आए और घरों का चूल्हा जले। इसके अलावा वे अपनी अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी डाकिए का इंतजार करते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि डाकिए का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. डाकिया इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू: www) तथा पक्षी और बादल-इस तीनों संदेश वाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। ‘चिट्ठियों की अनूठी दुनिया’ पाठ का सहयोग ले सकते
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।
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