NCERT Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer पेड़ की बात
पेड़ की बात Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Questions अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
वन में जाने पर हम क्या देखते हैं?
उत्तर :
वन में जाने पर हम देखते हैं कि पेड़-पौधे इस होड़ में सचेष्ट हैं कि कौन जल्दी से सिर उठाकर पहले प्रकाश को झटकले |
प्रश्न 2.
पेड़-पौधों के रेशे – रेशे में क्या व्याप्त है?
उत्तर :
पेड़-पौधों के रेशे-रेशे में सूरज की किरणें व्याप्त हैं। प्र03. किसकी, किनके साथ चिरकाल से घनिष्ठता है? उत्तर – मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है।
प्रश्न 4.
पेड़-पौधे बीजों का पोषण कैसे करते हैं?
उत्तर :
अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करते हैं।
प्रश्न 5.
मधुमक्खी के आगमन से वृक्ष का क्या उपकार होता है?
उत्तर :
मधुमक्खी के आगमन से वृक्ष का भी उपकार होता है। मधुमक्खियाँ एक फूल से पराग कण दूसरे फूल पर ले जाती हैं। पराग कण के बिना बीज पक नहीं सकता।
प्रश्न 6.
वृक्ष अपनी संतान की खातिर क्या – क्या करता है?
उत्तर :
वृक्ष अपनी संतान की खातिर तिल-तिल कर अपना सब कुछ लुटा देता है।
पेड़ की बात Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अंकुर रूपि शिशु को बाहर से कोई मानो क्या कहकर पुकारता है?
उत्तर :
अंकुर रूपि शिशु को बाहर से कोई मानो यह कहकर पुकारता है- और सोए मत रहो, ऊपर उठ जाओ, सूरज की रोशनी देखो। ”
प्रश्न 2.
पेड़-पौधों के संबंध में एक आश्चर्यजनक बात कौन-सी है?
उत्तर :
पेड़-पौधों के संबंध में आश्चर्यजनक बात यह है कि पेड़-पौधों को जिस भी तरह से रखो, जड़ नीचे की ओर जाएगी और तना ऊपर की ओर उठेगा।
प्रश्न 3.
पेड़-पौधे कौन-से द्रव सोखते हैं?
उत्तर :
माटी में पानी डालने पर उसके बहुत से द्रव्य गल जाते हैं। पेड़-पौधे वे ही तमाम द्रव्य सोखते हैं।
प्रश्न 4.
‘अंगारक’ को यदि पेड़-पौधों द्वारा शुद्ध नहीं किया जाता, तो इसके क्या दुष्परिणाम हो जाते?
उत्तर :
यदि ज़हरीली हवा ‘अंगारक’ को पेड़-पौधों द्वारा शुद्ध नहीं किया जाता तो यह हवा पृथ्वी पर इकट्ठी हो जाती और तमाम जीव-जंतु कुछ ही दिनों में उसका सेवन करके नष्ट हो जाते।
प्रश्न 5.
सुंदर फूल कैसे खिलते हैं?
उत्तर :
पेड़-पौधे मटमैली माटी से आहार एवं विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं। फिर इस अपरूप से सुंदर फूल खिलते हैं।
प्रश्न 6.
पतंगों के लिए फूल सुगंध क्यों फैलाते हैं?
उत्तर :
कुछ पतंगे दिन के समय पक्षियों के डर से बाहर नहीं निकल सकते। पक्षी उन्हें देखते ही खा जाते हैं, इसलिए रात का अँधेरा घिरने तक वे छिपे रहते हैं। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ सुगंध – ही – सुगंध फैला देते हैं।
पेड़ की बात Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Questions दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पेड़-पौधों के द्वारा भोजन करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :
हम जिस तरह भोजन करते हैं, पेड़-पौधे भी उसी तरह भोजन करते हैं। हमारे दाँत हैं, कठोर चीज़ खा सकते हैं। नन्हें बच्चों के दाँत नहीं होते, वे केवल दूध पी सकते हैं। पेड़-पौधों के भी दाँत नहीं होते, इसलिए वे कैवल तरल द्रव्य या वायु से भोजन ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधे जड़ के द्वारा माटी से रस-पान करते हैं। माटी में पानी डालने पर उसके भीतर बहुत-से द्रव्य गल जाते हैं। पेड़-पौधे वे ही तमाम द्रव्य सोखते हैं। जड़ों को पानी न मिलने पर पेड़ का भोजन बंद हो जाता है, फिर पेड़ मर जाता है। प्र02. पेड़-पौधों के लिए प्रकाश क्यों आवश्यक है? उत्तर – पेड़ के पत्तों पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तब पत्ते सूर्य-ऊर्जा के सहारे ‘ अंगारक’ निःशेष कर डालते हैं। और यही अंगार वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्धन करते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश चाहते हैं। प्रकाश न मिलने पर ये बच नहीं सकते। पेड़-पौधों की सर्वाधिक कोशिश यही रहती है कि किसी तरह उन्हें थोड़ा-सा प्रकाश मिल जाए । यदि खिड़की के पास गमले में पौधा रखो, तब देखोगे कि सारी पत्तियाँ व डालियाँ अंधकार से बचकर प्रकाश की ओर बढ़ रही हैं। वन अरण्य में जाने पर पता लगेगा कि तमाम पेड़-पौधे इस होड़ में सचेष्ट हैं कि कौन जल्दी से सिर उठाकर पहले प्रकाश को झपट ले। बेल-लताएँ छाया में पड़ी रहने से, प्रकाश के अभाव में मर जाएँगी । इसलिए वे पेड़ों से लिपटती हुई, निरंतर ऊपर की ओर अग्रसर होती रहती हैं।
प्रश्न 2.
पेड़-पौधे बंधु-बांधवों को कैसे आमंत्रित करते हैं?
उत्तर :
पेड़ों पर मुस्कराते फूल देखकर हमें कितनी खुशी होती है ! शायद पेड़ भी कम प्रफुल्लित नहीं होते ! खुशी के मौके पर हम अपने परिजनों को निमंत्रित करते हैं । उसी प्रकार फूलों की बहार छाने पर पेड़-पौधे भी अपने बंधु-बांधवों को बुलाते हैं। स्नेहसिक्त वाणी में मानो पुकारते हैं, “कहाँ हो मेरे बंधु, मेरे बांधव, आज मेरे घर आओ । यदि रास्ता भटक जाओ, कहीं घर पहचान नहीं सको, इसलिए रंग-बिरंगे फूलों के निशान लगा रखे हैं । ये रंगीन पंखुड़ियाँ दूर से देख सकोगे । ” मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है। वे दल-बल सहित फूल देखने आती हैं। कुछ पतंगे दिन के समय पक्षियों के डर से बाहर नहीं निकल सकते। पक्षी उन्हें देखते ही खा जाते हैं, इसलिए रात का अँधेरा घिरने तक वे छिपे रहते हैं। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ सुगंध – ही – सुगंध फैला देते हैं।
प्रश्न 3.
वृक्ष का अवसान कैसे होता है?
उत्तर :
अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी ज़िंदगी के लिए उसे मोह-माया का लोभ नहीं है। तिल-तिल कर संतान की खातिर सब कुछ लुटा देता है। जो शरीर कुछ दिन पहले हरा-भरा था, अब वह बिल्कुल सूख गया है। अपने ही शरीर का भार उठाने की शक्ति क्षीण हो चली है। पहले हवा वेग के साथ आगे बढ़ जाती थी। पत्ते हवा के संग क्रीड़ा करते थे। छोटी-छोटी डालियाँ ताल पर नाच उठती थीं। अब सूखा पेड़ हवा का आघात सहन नहीं कर सकता। हवा का बस एक थपेड़ा लगते ही वह थर-थर काँपने लगता है। एक-एक करके सभी डालियाँ टूट पड़ती हैं। अंत में एक दिन अकस्मात पेड़ जड़ सहित भूमि पर गिर पड़ता है।
पेड़ की बात Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Question Answer बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए विकल्पों में से चुनिए-
(क) बीज का प्रादुर्भाव अंकुर के रूप में किस ऋतु के बाद हुआ?
(i) सर्दी
(ii) वसंत
(iii) वर्षा
(iv) उक्त तीनों ऋतुओं के बाद
उत्तर :
(iv) उक्त तीनों ऋतुओं के बाद
(ख) पेड़-पौधों के संबंध में कौन-सी बात सत्य है ?
(i) जड़ नीचे की ओर जाएगी
(ii) तना ऊपर की ओर बढ़ेगा।
(iii) (i) एवं (ii) दोनों
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) (i) एवं (ii) दोनों
(ग) पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे होते हैं।
(i) कण
(ii) मुँह
(iii) रेशा
(iv) डंठल
उत्तर :
(ii) मुँह
(घ) प्रकाश जीवन का है-
(i) अनमोल घटक
(ii) एक आवश्यक कारक
(iii) मूलमंत्र
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) मूलमंत्र
(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यापूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : कोई-कोई पेड़ एक वर्ष के बाद ही मर जाते हैं।
कारण (R) : सब पेड़ मरने से पहले संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र रहते हैं।
विकल्प-
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A), और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R),’कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
(iii) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है ।
उत्तर :
(ii) कथन (A), और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R),’कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है ।
पेड़ की बात Class 6 Hindi Chapter 13 Extra Questions अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
निम्नांकित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए या चुनिए-
प्रश्न 1.
बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे बीज पड़े रहे। इसी तरह महीना – दर – महीना बीतता गया । सर्दियों के बाद वसंत आया।
उसके बाद वर्षा की शुरुआत में दो-एक दिन पानी बरसा । अब और छिपे रहने की आवश्यकता नहीं थी मानों बाहर से कोई शिशु को पुकार रहा हो, ‘और सोए मत रहो, ऊपर उठ जाओ, सूरज की रोशनी देखो ।’ आहिस्ता-आहिस्ता बीज का ढक्कन दरक गया, दो सुकोमल पत्तियों के बीच अंकुर बाहर निकला। अंकुर का एक अंश नीचे माटी में मज़बूती से गड़ गया और दूसरा अंश माटी भेदकर ऊपर की ओर उठा । क्या तुमने अंकुर को उठते देखा है? जैसे कोई शिशु अपना नन्हा-सा सिर उठाकर आश्चर्य से नई दुनिया को देख रहा है।
(क) बहुत दिनों तक मिट्टी के नीचे कौन पड़ा रहा?
(i) पौधा
(ii) बीज
(iii) पत्थर
(iv) जानवर
उत्तर :
(ii) बीज
(ख) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन I : इसी तरह महीना – दर – महीना बीतता गया।
कथन II : सर्दियों के बाद वसंत आया।
कथन III : उसके बाद गरमी शुरू हो गई।
कथन IV : अभी और छिपे रहने की आवश्यकता है।
विकल्प-:
(i) केवल कथन I सही है।
(ii) कथन I और II सही हैं।
(iii) केवल कथन III सही है।
(iv) कथन III और IV सही हैं ।
उत्तर :
(ii) कथन I और II सही हैं।
(ग) ‘और सोए मत रहो, ऊपर उठ जाओ, सूरज की रोशनी देखो।’ यह किसके लिए कहा गया है ?
(i) बीज के लिए
(ii) पौधे के लिए
(iii) मिट्टी के लिए
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(i) बीज के लिए
(घ) ______ के बीच अंकुर बाहर निकला।
(i) मिट्टी
(ii) पानी
(iii) दो सुकोमल पत्तियों
(iv) जड़ों
उत्तर :
(iii) दो सुकोमल पत्तियों
(ङ) नीचे माटी में मज़बूती से क्या गड़ गया ?
(i) अंकुर का एक अंश
(ii) बीज का एक अंश
(iii) तना का एक अंश
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) अंकुर का एक अंश
प्रश्न 2.
वृक्ष का अंकुर निकलने पर जो अंश माटी के भीतर प्रवेश करता है, उसका नाम जड़ है और जो अंश ऊपर की ओर बढ़ता है, उसे तना कहते हैं। सभी पेड़-पौधों में जड़ व तना ये दो भाग मिलेंगे। यह एक आश्चर्य की बात है कि पेड़-पौधों को जिस तरह ही रखो, जड़ नीचे की ओर जाएगी व तना ऊपर की ओर उठेगा। एक गमले में पौधा था । परीक्षण करने के लिए कुछ दिन गमले को औंधा लटका रखा। पौधे का सिर नीचे की तरफ लटका रहा और जड़ ऊपर की ओर रही। दो-एक दिन बाद क्या देखता हूँ कि जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो। उसकी सब पत्तियाँ और डालियाँ टेढ़ी होकर ऊपर की तरफ उठ आई तथा जड़ घूमकर नीचे की ओर लटक गई। तुमने कई बार सर्दियों में मूली काटकर बोई होगी। देखा होगा, पहले पत्ते व फूल नीचे की ओर रहे। कुछ दिन बाद देखोगे कि पत्ते और फूल ऊपर की ओर उठ आए हैं।
(क) पौधे के अंकुर के निचले और ऊपरी हिस्से को क्या कहते हैं?
उत्तर :
पौधे के अंकुर के निचले हिस्से को जड़ और ऊपरी हिस्से को तना कहते हैं।
(ख) किसी भी स्थिति में पौधे का कौन-सा भाग ऊपर तथा कौन-सा भाग नीचे रहेगा?
उत्तर :
हर स्थिति में पौधे की जड़ नीचे तथा तना ऊपर की ओर रहेगा।
(ग) क्या पौधे की अवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है?
उत्तर :
नहीं, पौधे की प्राकृतिक अवस्था में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
(घ) परीक्षण के दौरान गमले को औंधा लटकाने पर क्या हुआ?
उत्तर :
परीक्षण के दौरान जब गमले को औंधा लटकाया गया, तो उसका तना और पत्तियाँ ऊपर की ओर तथा जड़ नीचे की तरफ मुड़ गई।
(ङ) दिए गए शब्दों की सहायता से वाक्य बनाइए ।
(i) मिट्टी
(ii) अंश
उत्तर :
(i) मिट्टी खेत में बीजारोपण करने के कुछ ही दिन बाद अंकुर निकल आया ।
(ii) अंश पौधे की जड़ उसका ही एक अंश है।
प्रश्न 3.
हम जिस तरह भोजन करते हैं, पेड़-पौधे भी उसी तरह भोजन करते हैं। हमारे दाँत हैं, कठोर चीज़ खा सकते हैं। नन्हें बच्चों के दाँत नहीं होते वे केवल दूध पी सकते हैं। पेड़-पौधों के भी दाँत नहीं होते, इसलिए वे केवल तरल द्रव्य या वायु से भोजन ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधे जड़ के द्वारा माटी से रस-पान करते हैं। चीनी में पानी डालने पर चीनी गल जाती है। माटी में पानी डालने पर उसके भीतर बहुत-से द्रव्य गल जाते हैं। पेड़-पौधे वे ही तमाम द्रव्य सोखते हैं। जड़ों को पानी न मिलने पर पेड़ का भोजन बंद हो जाता है, पेड़ मर जाता है।
(क) हमारी तरह पेड़-पौधे भी क्या करते हैं?
(i) भोजन
(iii) Tifa
(ii) काम
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(i) भोजन
(ख) पेड़-पौधे किस प्रकार भोजन ग्रहण करते हैं?
(i) तरल द्रव्य के द्वारा
(ii) वायु से
(iii) (i) एवं (ii)
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) (i) एवं (ii)
(ग) पेड़-पौधे किसके द्वारा रस-पान करते हैं?
(i) तने के द्वारा
(ii) पत्ते के द्वारा
(iii) जड़ के द्वारा
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(iii) जड़ के द्वारा
(घ) जड़ों को पानी न मिलने पर क्या होता है?
(i) पेड़ का श्वसन बंद हो जाता है।
(ii) पेड़ का भोजन बंद हो जाता है।
(iii) पेड़ का परिवहन बंद हो जाता है।
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर :
(ii) पेड़ का भोजन बंद हो जाता है।
(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : हम जिस तरह भोजन करते हैं, पेड़-पौधे भी उसी तरह भोजन करते हैं।
कारण (R) : जड़ों को पानी न मिलने पर पेड़ का भोजन बंद हो जाता है, पेड़ मर जाता है।
विकल्प-
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं और कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है। (iv) कथन (A) गलत है, परंतु कारण (R) सही है ।
उत्तर :
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
प्रश्न 4.
सूक्ष्मदर्शी से अत्यंत सूक्ष्म पदार्थ स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। पेड़ की डाल अथवा जड़ का इस यंत्र द्वारा परीक्षण करके देखा जा सकता है कि पेड़ में हज़ारों – हज़ार नल हैं। इन्हीं सब नलों के द्वारा माटी से पेड़ के शरीर में रस का संचार होता है।
इसके अलावा वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं। पत्तों में अनगिनत छोटे-छोटे मुँह होते हैं। सूक्ष्मदर्शी के जरिए अनगिनत मुँह पर अनगिनत होंठ देखे जा सकते हैं। जब आहार करने की ज़रूरत न हो तब दोनों होंठ बंद हो जाते हैं। जब हम श्वास-प्रश्वास ग्रहण करते हैं तब प्रश्वास के साथ एक प्रकार की विषाक्त वायु बाहर निकलती है, उसे ‘अंगारक’ वायु कहते हैं। अगर यह ज़हरीली हवा पृथ्वी पर इकट्ठी होती रहे तो तमाम जीव-जंतु कुछ ही दिनों में उसका सेवन करके नष्ट हो सकते हैं। ज़रा विधाता की करुणा का चमत्कार तो देखो, जो जीव-जंतुओं के लिए ज़हर है, पेड़-पौधे उसी का सेवन करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं।
(क) सूक्ष्मदर्शी से क्या स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं?
उत्तर :
सूक्ष्मदर्शी से सूक्ष्म पदार्थ स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।
(ख) नल कहाँ होते हैं तथा इनका क्या काम है?
उत्तर :
एक वृक्ष में हज़ारों-हज़ार नल होते हैं। इन्हीं सब नलों के द्वारा माटी से पेड़ के शरीर में रस का संचार होता है।
(ग) वृक्ष के पत्ते कहाँ से आहार ग्रहण करते हैं?
उत्तर :
वृक्ष के पत्ते हवा से आहार ग्रहण करते हैं।
(घ) श्वास-प्रश्वास के साथ निकलने वाली विषाक्त वायु को क्या कहते हैं?
उत्तर :
श्वास-प्रश्वास के साथ निकलने वाली विषाक्त वायु को ‘अंगारक ‘ वायु कहते हैं।.
(ङ) विषाक्त वायु को कौन शुद्ध करता है ?
पेड़-पौधे विषाक्त वायु ‘अंगारक’ का सेवन करके उसे पूर्णतया शुद्ध कर देते हैं।
प्रश्न 5.
पेड़ के पत्तों पर जब सूर्य का प्रकाश पड़ता है, तब पत्ते सूर्य – ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार निःशेष कर डालते हैं। और यही अंगार वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके उसका संवर्धन करते हैं। पेड़-पौधे प्रकाश चाहते हैं । प्रकाश न मिलने पर ये बच नहीं सकते। पेड़-पौधों की सर्वाधिक कोशिश यही रहती है कि किसी तरह उन्हें थोड़ा-सा प्रकाश मिल जाए। यदि खिड़की के पास गमले में पौधा रखो, तब देखोगे कि सारी पत्तियाँ व डालियाँ अंधकार से बचकर प्रकाश की ओर बढ़ रही हैं। वन अरण्य में जाने पर पता लगेगा कि तमाम पेड़-पौधे इस होड़ में सचेष्ट हैं कि कौन जल्दी से सिर उठाकर पहले प्रकाश को झपट ले। बेल – लताएँ छाया में पड़ी रहने से, प्रकाश के अभाव में मर जाएँगी। इसलिए वे पेड़ों से लिपटती हुई, निरंतर ऊपर की ओर अग्रसर होती रहती हैं।
(क) पत्ते सूर्य ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार को-
(i) निःशेष कर डालते हैं।
(ii) अवशोषित कर लेते हैं।
(iii) उसके प्रभाव को कम कर देते हैं।
(iv) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(i) निःशेष कर डालते हैं।
(ख) ‘अंगार’ वृक्ष के शरीर में प्रवेश करके क्या करते हैं?
(i) परिवहन
(ii) उत्सर्जन
(iii) संवर्धन
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(iii) संवर्धन
(ग) पेड़-पौधों की क्या कोशिश होती है?
(i) प्रकाश प्राप्त करने की
(ii) अच्छे परिवेश की
(iii) हवा प्राप्त करने की
(iv) जल प्राप्त करने की
उत्तर :
(i) प्रकाश प्राप्त करने की
(घ) कॉलम – 1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए ।
कॉलम-1 | कॉलम-2 |
1. अंगार का निःशेष | (a) ऊपर की ओर उठना |
2. पेड़-पौधों की कोशिश | (b) सूर्य ऊर्जा के सहारे पत्ते |
3. पेड़-पौधों की होड़ | (c) प्रकाश की प्राप्ति |
विकल्प-
(i) 1–(c), 2-(a), 3-(b)
(ii) 1- (a), 2- (c), 3-(b)
(iii) 1−(b), 2-(c), 3-(a)
(iv) 1-(a), 2-(b), 3-(c)
उत्तर :
(iii) 1−(b), 2-(c), 3-(a)
(ङ) पौधे की पत्तियाँ और तने किससे बचना चाहते हैं?
(i) प्रकाश से
(ii) अंधकार से
(iii) पानी से
(iv) हवा से
उत्तर :
(ii) अंधकार से
प्रश्न 6.
कोई-कोई पेड़ एक वर्ष के बाद ही मर जाते हैं। सब पेड़ मरने से पहले संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र हैं। बीज ही उनकी संतान है। बीज की सुरक्षा व सार – सँभाल के लिए पेड़ फूल की पंखुड़ियों से घिरा एक छोटा-सा घर तैयार करता है। फूलों से आच्छादित होने पर पेड़ कितना सुंदर दिखलाई पड़ता है। जैसे फूल फूल के बहाने स्वयं हँस रहा हो। फूल की तरह सुंदर चीज़ और क्या है ? ज़रा सोचो तो, पेड़-पौधे तो मटमैली माटी से आहार व विषाक्त वायु से अंगारक ग्रहण करते हैं, फिर इस अपरूप उपादान से किस तरह ऐसे सुंदर फूल खिलते हैं। तुमने कथा तो सुनी होगी – स्पर्शमणि की अर्थात पारस पत्थर की, जिसके स्पर्श से लोहा सोना हो जाता है। मेरे विचार से माँ की ममता ही वह मणि है। संतान पर स्नेह न्योछावर होते ही फूल खिलखिला उठते हैं। ममता का स्पर्श पाते ही मानो माटी व अंगार के फूल बन जाते हैं।
(क) मरने के पूर्व पेड़ किस बात के लिए व्यग्र रहते हैं?
उत्तर :
मरने के पूर्व पेड़ संतान छोड़ जाने के लिए व्यग्र रहते हैं।
(ख) बीज की सुरक्षा के लिए पेड़ क्या करता है?
उत्तर :
बीज की सुरक्षा के लिए पेड़ फूल की पंखुड़ियों से घिरा एक छोटा-सा घर तैयार करता है।
(ग) पेड़-पौधे मटमैली माटी से क्या ग्रहण करते हैं?
उत्तर :
पेड़-पौधे मटमैली माटी से अपना आहार ग्रहण करते हैं।
(घ) लोहा सोना कैसे हो जाता है?
उत्तर :
पारस पत्थर के स्पर्श से लोहा सोना हो जाता है।
(ङ) दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
(i) माटी
(ii) स्नेह
उत्तर :
(i) मिट्टी
(ii) प्रेम
प्रश्न 7.
पेड़ों पर मुस्कराते फूल देखकर हमें कितनी खुशी होती है !
शायद पेड़ भी कम प्रफुल्लित नहीं होते! खुशी के मौके पर हम अपने परिजनों को निमंत्रित करते हैं। उसी प्रकार फूलों की बहार छाने पर पेड़-पौधे भी अपने बंधु-बांधवों को बुलाते हैं। स्नेहसिक्त वाणी में पुकार सकते हैं, “कहाँ हो मेरे बंधु, मेरे बांधव, आज मेरे घर आओ। यदि रास्ता भटक जाओ, कहीं घर पहचान नहीं सको, इसलिए रंग-बिरंगे फूलों के निशान लगा रखे हैं। ये रंगीन पंखुड़ियाँ दूर से देख सकोगे । ” मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है। वे दल-बल सहित फूल देखने आती हैं। कुछ पतंगे दिन के समय पक्षियों के डर से बाहर नहीं निकल सकते। पक्षी उन्हें देखते ही खा जाते हैं, इसलिए रात का अँधेरा घिरने तक वे छिपे रहते हैं। शाम होते ही उन्हें बुलाने की खातिर फूल चारों तरफ सुगंध-ही-सुगंध फैला देते हैं।
(क) किसे देखकर हमें अत्यधिक खुशी होती है?
(i) पेड़ों पर मुस्कराते फूलों को देखकर
(ii) फूलों की पंखुड़ियों को देखकर
(iii) पेड़ों की टहनियों को देखकर
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर :
(i) पेड़ों पर मुस्कराते फूलों को देखकर
(ख) फूलों की बहार आने पर पेड़-पौधे किसे पुकारते है?
(i) – राहगीरों को
(ii) चिड़ियों को
(iii) बंधु-बांधवों को
(iv) जानवरों को
उत्तर :
(iii) बंधु-बांधवों को
(ग) वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता किससे है?
(i) मुधमक्खी से
(ii) तितली से
(iii) (i) एवं (ii)
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) (i) एवं (ii)
(घ) कुछ पतंगे दिन के समय किसके डर से बाहर नहीं निकलते हैं?
(i) जानवरों के डर से
(ii) पक्षियों के डर से
(iii) मनुष्य के डर से
(iv) इनमें सभी
उत्तर :
(ii) पक्षियों के डर से
(ङ) ‘स्नेहसिक्त’ का अर्थ है-
(i) प्रेम से सिंचित
(ii) वर्षा से सिंचित
(iii) प्रेम से वंचित
(iv) प्रेम में लिपटी
उत्तर :
(i) प्रेम से सिंचित
प्रश्न 8.
वृक्ष अपने फूलों में शहद का संचय करके रखते हैं। मधुमक्खी व तितली बड़े चाव से मधुपान करती हैं। मधुमक्खी के आगमन से वृक्ष का भी उपकार होता है। तुम लोगों ने फूल में पराग कण देखे होंगे। मधुमक्खियाँ क फूल के पराग-कण दूसरे फूल पर ले जाती हैं। पराग कण के बिना बीज पक नहीं सकता।
इस प्रकार फूल में बीज फलता है। अपने शरीर का रस पिलाकर वृक्ष बीजों का पोषण करता है। अब अपनी जिंदगी के लिए उसे मोह-माया का लोभ नहीं है। तिल-तिल कर संतान की खातिर सब-कुछ लुटा देता है।
(क) वृक्ष फूलों में क्या संचय करके रखते हैं?
उत्तर :
वृक्ष फूलों में शहद का संचय करके रखते हैं।
(ख) मधुपान कौन-कौन करती हैं?
उत्तर :
मधुमक्खी व तितली बड़े चाव से मधुपान करती हैं।
(ग) मधुमक्खियाँ एक फूल से दूसरे फूल पर क्या ले जाती हैं?
उत्तर :
मधुमक्खियाँ एक फूल के पराग-कण दूसरे फूल पर ले जाती हैं।
(घ) बीज कहाँ फलता है?
उत्तर :
फूल में बीज फलता है।
(ङ) ‘तिल-तिल करके मरना’ का अर्थ क्या है?
उत्तर :
‘धीरे-धीरे मृत्यु के मुँह में जाना । ‘