हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Class 6th Hindi Malhar Chapter 12 Question Answer
हिंद महासागर में छोटा-सा हिंदुस्तान Class 6 Question Answer
पाठ से
आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए –
(1) हिरन समूह में क्यों खड़े थे?
- भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।
- वे भाग चुके हिरणों के लौटने की प्रतीक्षा में थे।
- वे बीच खड़े असावधान जिराफ़ की रक्षा कर रहे थे।
- सिंह उनसे उदासीन थे, अतः उन्हें कोई खतरा नहीं था।
उत्तर :
भागने पर उन्हें सिंह के आक्रमण का डर था।
(2) मॉरिशस छोटे पैमाने पर भारतवर्ष ही है। कैसे?
- गन्ने की खेती अधिकतर भारतीयों द्वारा की जाती है।
- अधिकतर जनसंख्या भारत से जाने वालों की है।
- सभी भारतवासी परी तालाब पर एकत्रित होते हैं।
- भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।
उत्तर :
भारत की बहुत-सी विशेषताएँ वहाँ दिखाई देती हैं।
(ख) अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
‘भारत में बैठे-बैठे हम यह नहीं समझ पाते कि भारतीय संस्कृति कितनी प्राणवती और चिरायु है। किंतु, मॉरिशस जाकर हम अपनी संस्कृति की प्राणवत्ता का ज्ञान आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। ”
उत्तर :
कुशल नाविक प्रतिकूल परिस्थितियों में ही पहचाना जाता है।
धारा की दिशा में तो साधारण नाविक भी नाव की संचालन कर लेता है। ठीक इसी प्रकार से भारत में रहते हुए भारतीय संस्कृति का अनुपालन करना आसान है। यहाँ इसके लिए उपर्युक्त वातावरण उपलब्ध है। अतः यहाँ अपनी संस्कृति के प्रति निष्ठा बनाए रखना सहज है। किंतु मॉरिशस जैसे दूरस्थ देश में अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण रखना आसान नहीं था। वहाँ भारतीय मान्यताओं पर प्रहार निरंतर किया जा रहा था। प्रलोभन भी दिए जा रहे थे। ऐसे में भारतीय संस्कृति के प्रति भारतीयों का समर्पण सराहनीय था। भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विशेषताओं के सामने सारे प्रलोभन तुच्छ नज़र आते थे। यही भारतीय संस्कृति की प्राणवत्ता ( जीवित रखने की इच्छा) की पहचान है। अंततः इन पंक्तियों के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया गया है कि भारतीय संस्कृति मॉरिशस की धरती पर पुष्पित और पल्लवित होने में सफल रही।
सोच-विचार के लिए
इस यात्रा – वृत्तांत को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन- पुस्तिका में लिखिए- (क) “ नैरोबी का नेशनल पार्क चिड़ियाघर नहीं है । ” नेशनल पार्क और चिड़ियाघर में क्या अंतर है?
उत्तर :
नेशनल पार्क वह स्थान होता है, जहाँ पशु-पक्षियों को रहने और विचरण करने के लिए प्राकृतिक स्थान उपलब्ध होता है जबकि चिड़ियाघर में पशु-पक्षियों के रहने के लिए कृत्रिम आवास बनाए गए होते हैं।
(ख) “हम लोग पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझे गए।”
वे कौन थे जिन्होंने लेखक और अन्य लोगों को पेड़-पौधों और खरपात से भी बदतर समझ लिया था? उन्होंने ऐसा क्यों समझ लिया था ?
उत्तर :
नैरोबी नेशनल पार्क के सिंहों ने लेखक और उसके पर्यटक साथियों को पेड़-पौधे और खरपात से भी बदतर समझ लिया था। मानव जाति के प्रति उनकी उपेक्षा का भाव स्वाभाविक भी था। हम मानव प्रति क्षण अपने आनंद के लिए उनकी सरहद और शांति दोनों को भंग करते हैं। जबकि पेड़-पौधे . और खरपात उनकी दिनचर्या को सुखद बनाते हैं।
(ग) “ मॉरिशस की असली ताकत भारतीय लोग ही हैं। ”
पाठ में इस कथन के समर्थन में कौन-सा तर्क दिया गया है?
उत्तर :
जीवन की तीन मूलभूत आवश्यकताएँ होती हैं- रोटी, कपड़ा और मकान। इन तीनों के लिए अर्थ की आवश्यकता पड़ती है। अर्थ कृषि, व्यापार, उद्योग आदि से ही अर्जित किया जा सकता है। ऊख की खेती और चीनी के उद्योग को मॉरिशस का प्रमुख उद्योग बनाने में भारतीयों की अहम भूमिका बताई गई है। अतः पाठ में दिया गया तर्क सही और ‘स्वाभाविक है।
(घ) “उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला ।” भारत से गए लोगों ने मॉरिशस को हिंदुस्तान जैसा कैसे बना दिया है?
उत्तर :
भारतीयों ने मॉरिशस को सांस्कृतिक रूप से एक छोटा-सा हिंदुस्तान बना दिया है। इसका सर्वप्रथम कारण है, वहाँ की कुल जनसंख्या के 67 प्रतिशत लोगों का भारतीय खानदान का होना। दूसरा कारण है, यहाँ की पूजा पद्धति, मान्यताएँ, रहन-सहन, पहनावा आदि जो परंपरागत भारतीय सभ्यता-संस्कृति को प्रतिबिंवित करते हैं। स्वाभाविक है, इनकी सोच किसी-न-किसी गहरे तल में एक होती होगी । वह सोच भारतीय है। अतः लेखक का वहाँ की धरती पर जाकर एक छोटे-से हिंदुस्तान की तरह अनुभव करना स्वाभाविक है।
मिलकर करें मिलान
पाठ में से कुछ शब्द चुनकर स्तंभ 1 में दिए गए हैं। उनसे संबंधित वाक्य स्तंभ 2 में दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और रेखा खींचकर शब्दों का मिलान उपयुक्त वाक्यों से कीजिए ।
इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर :
स्तंभ- 1 | स्तंभ-2 |
1. अफ्रीका | 3. यह एशिया के बाद दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है। |
2. नैरोबी | 1. यह अफ्रीका महाद्वीप के एक देश ‘केन्या’ की राजधानी है। |
3. रक्तचाप | 4. यह रक्त वाहिनियों अर्थात नसों में बहते रक्त द्वारा उनकी दीवारों पर डाले गए दबाव का नाम है। |
4. बी. ओ. ए. सी. | 6. यह ‘ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेजे कॉरपोरेशन’ नाम का छोटा रूप है। यह एक बहुत पुरानी विदेशी विमान कंपनी थी। |
5. भूमध्य रेखा | 7. यह पृथ्वी के चारों ओर एक काल्पनिक वृत्त है जो पृथ्वी को दो भागों में बाँटता है- उत्तरी भाग और दक्षिणी भाग। |
6. देशांतर रेखा | 9. ये ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखाएँ हैं। ये उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाती हैं। |
7. तुलसीदास | 2. यह श्रीराम के जीवन पर आधारित अमर ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ लिखने वाले कवि का नाम है। |
8. क्रेयोल | 5. यह दो भाषाओं के मिलने से बनी नई भाषा का नाम है। |
9. काँवर | 8. यह बाँस का एक मज़बूत डंडा होता है जिसे काँवट या बहंगी भी कहा जाता है, जिसके दोनों सिरों पर बँधी हुई दो टोकरियों या छीकों में यात्री गंगाजल या अन्य वस्तुएँ भरकर ले जाते हैं। |
यात्रा – वृत्तांत की रचना
“इतने में कोई मील-भर की दूरी पर हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा। अब दो जवान सिंह उठे और दो ओर को चल दिए। एक तो थोड़ा-सा आगे बढ़कर एक जगह बैठ गया, लेकिन दूसरा घास के बीच छिपता हुआ मोर्चे पर आगे बढ़ने लगा । ” इन वाक्यों को पढ़कर ऐसा लगता है मानो हम लेखक की आँखों से स्वयं वह दृश्य देख रहे हैं। मानो हम स्वयं भी उस स्थान की यात्रा कर रहे हैं, जहाँ का वर्णन लेखक ने किया है। यह इस यात्रा – वृत्तांत की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। यदि आप इस यात्रा – वृत्तांत को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी ।
इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और इसकी रचना पर ध्यान दीजिए। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिख लीजिए। जैसे- लेखक ने बताया है कि वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे और कब पहुँचा ।
उत्तर :
इस पाठ की कुछ प्रमुख रचनात्मक विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(क) लेखक की सिंहों से मुलाकात का वर्णन ।
(ख) लेखक द्वारा सिंहों और हिरनों के झुंड की गतिविधियों का वर्णन ।
(ग) लेखक के द्वारा मॉरिशस की भौगोलिक स्थिति का वर्णन |
(घ) लेखक के द्वारा शिवरात्रि का वर्णन |
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “ मॉरिशस वह देश है, जहाँ बनारस भी है, गोकुल भी है और ब्रह्मस्थान भी।”
मॉरिशस में लोगों ने गली-मोहल्लों के नाम इस तरह के क्यों रखे होंगे?
उत्तर :
इस विषय पर अपने मित्रों के साथ चर्चा करते समय निम्नलिखितं बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं-
- भारतीयों की जनसंख्या अधिक होने के कारण।
- भारतीयों के धार्मिक होने के कारण।
- देश-प्रेम की भावना ।
- अपनी आस्था और परंपरा के प्रति अटूट विश्वास ।
(ख) “कोई सात – आठ सिंह लेटे या सोए हुए थे और उन्हें घेरकर आठ-दस मोटरें खड़ी थीं। ”
उत्तर :
आपने पढ़ा कि केन्या का राष्ट्रीय पार्क पर्यटकों से भरा रहता है। पर्यटक जंगली जानवरों को घेरे रहते हैं। क्या इसका उन पशुओं पर कोई प्रभाव पड़ता होगा ? अपने उत्तर के कारण भी बताइए ।
(संकेत- राष्ट्रीय पार्क के बंदरों, सिंहों का व्यवहार भी बदल गया है।)
संकेत के आधार पर विद्यार्थी स्वयं करें।
(ग) “ हिरनों का एक झुंड दिखाई पड़ा, जिनके बीच एक जिराफ़ बिल्कुल बेवकूफ़ की तरह खड़ा था।”
सिंहों के आस-पास होने के बाद भी जिराफ़ क्यों खड़ा रहा होगा?
उत्तर :
चर्चा- संकेत-
- हिरन के झुंड के बीच सुरक्षित महसूस करने के कारण।
- जिराफ़ को स्वयं पर विश्वास होने के कारण।
- जिराफ़ सिंह से भागकर दूर नहीं जा सकता, इस कारण ।
- आमतौर पर शेर, हिरन और जिराफ़ में से शिकार के लिए पहले हिरन का चुनाव करते हैं।
(घ) “ मॉरिशस के मध्य में एक झील है, जिसका संबंध हिंदुओं ने परियों से बिठा दिया है और उस झील का नाम अब परी – तालाब हो गया है।”
उत्तर :
उस झील का नाम ‘परी- तालाब’ क्यों पड़ा होगा? चर्चा-संकेत-
- उस झील का नाम परी – तालाब इसलिए पड़ा होगा क्योंकि यह स्थान इतना सुंदर है कि ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ परियाँ वास करती हैं।
- हिंदू मान्यताओं से संबंध जोड़ने की मानसिकता के कारण।
(ङ) आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि लगभग 50 साल
उत्तर :
पहले ‘परी – तालाब’ का नाम बदलकर ‘गंगा – तालाब’ कर दिया गया है। मॉरिशस के लोगों ने यह नाम क्यों रखा होगा ?
चर्चा-संकेत-
- भारत की सबसे पवित्र गंगा नदी से संबंध जोड़ने के लिए।
- भारतीयों की गंगा नदी में आस्था होने के कारण।
शब्दों की बात
नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, पुस्तकालय, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
संज्ञा के स्थान पर
(क) “हिरनों ने ताड़ लिया कि उन पर सिंहों की नज़र पड़ रही है। अतएव वे चरना भूलकर चौकन्ने हो उठे । ”
उत्तर :
इन पंक्तियों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। इन वाक्यों में ये शब्द किनके लिए उपयोग किए गए हैं? ये शब्द ‘हिरनों’ के लिए उपयोग में लाए गए हैं। आप जानते ही हैं कि ‘हिरन’ यहाँ एक संज्ञा शब्द है। जो शब्द संज्ञा शब्दों के स्थान पर उपयोग में लाए जाते हैं, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं।
अब नीचे दिए गए वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को पहचानिए और उनके नीचे रेखा खींचिए-
1. “हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गांधी टोपी उस दिन उन्हें भी पहननी पड़ती है । ”
2. “ भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन प्रलोभनों को ठुकरा दिया। वे अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने उन्हें भेज दिया था, उस द्वीप को उन्होंने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला ।”
(ख) ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों को सर्वनाम की जगह संज्ञा शब्द लगाकर लिखिए।
उत्तर :
- “ हाँ, बच्चे हाफ पैंट पहन सकते हैं, लेकिन गांधी टोपी उस दिन बच्चों को भी पहननी पड़ती है । “
- “ भारतीयों ने अत्याचार तो सहे, लेकिन प्रलोभनों को ठुकरा दिया। भारतीय अपने धर्म पर डटे रहे और जिस द्वीप में भगवान ने भारतीयों को भेज दिया था, उस द्वीप को भारतीयों ने छोटा-सा हिंदुस्तान बना डाला।”
पहचान पाठ के आधार पर
आपने इस यात्रा – वृत्तांत में तीन देशों के नाम पढ़े हैं – भारत, केन्या और मॉरिशस | पुस्तकालय या कक्षा में उपलब्ध मानचित्र पर भारत को तो आप सरलता से पहचान ही लेंगे। पाठ में दी गई जानकारी के आधार पर बाकी दोनों देशों को पहचानिए ।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) “वहाँ जो कुछ देखा, वह जन्मभर कभी नहीं भूलेगा।” क्या आपने कभी ऐसा कुछ देखा, सुना या पढ़ा है जिसके बारे में आपको लगता है कि आप उसे कभी नहीं भूल सकेंगे? उसके बारे में अपने समूह में बताइए ।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
(ख) “हमें अफ्रीका के शेरों से मुलाकात कर लेनी चाहिए। ”
‘मुलाकात’ शब्द का अर्थ है- ‘मिलना’। लेकिन यहाँ ‘मुलाकात’ शब्द का भाव है- शेरों को पास से देखना । इसके लिए ‘अपनी आँखों से देखना’, ‘सजीव देखना’, ” भेंट करना ‘ आदि शब्दों का प्रयोग भी किया जाता है। अपनी बात को और अधिक सुंदर और अनोखा रूप देने के लिए शब्दों के इस प्रकार के प्रयोग किए जाते हैं। आपने अब तक किन-किन पशु-पक्षियों से ‘मुलाकात’ की है? वह मुलाकात कहाँ हुई थी? बताइए ।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
(ग) “यह ऐसी सफलता की बात है, जिस पर सभी भारतीयों को गर्व होना चाहिए।”
उत्तर :
आपको किन-किन बातों पर गर्व होता है? बताइए ।
(संकेत- ये बातें आपके बारे में हो सकती हैं, आपके परिवार के बारे में हो सकती हैं और किसी अन्य व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी आदि के बारे में भी हो सकती हैं।) विद्यार्थी स्वयं करें।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
कक्षा और घर की भाषाएँ
” प्रायः सभी भारतीय भोजपुरी बोलते अथवा उसे समझ लेते हैं। यहाँ तक कि भारतीयों के पड़ोस में रहने वाले चीनी भी भोजपुरी बखूबी बोल लेते हैं।”
भारत एक बहुभाषी देश है। भारत में लगभग सभी व्यक्ति एक से अधिक भाषाएँ बोल या समझ लेते हैं। आप कौन-कौन सी भाषाएँ बोल – समझ लेते हैं? आपके मित्र कौन-कौन सी भाषाएँ बोल – समझ लेते हैं? इसके बारे में यहाँ दी गई तालिका को पूरा कीजिए –
(संकेत- इस तालिका को पूरा करने के लिए आपको अपने मित्रों और परिजनों से पूछताछ करनी होगी। पहले भाषाओं के नाम लिखने हैं, बाद में उन नामों को गिनकर उनकी कुल संख्या लिखनी है | ) उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रशंसा या सराहना विभिन्न प्रकार से
“यह द्वीप हिंद महासागर का मोती है, भारत – समुद्र का सबसे खूबसूरत सितारा है।”
इस पाठ में लेखक ने मॉरिशस की सराहना में यह वाक्य लिखा है | सराहना करने के लिए ‘दिनकर’ ने द्वीप की तुलना मोती और तारे से की है।
किसी की सराहना अनेक प्रकार से की जा सकती है। आप आगे दी गई तालिका को पूरा कीजिए ।
पहले नाम लिखिए, फिर इनकी प्रशंसा में एक-एक वाक्य लिखिए। शर्त यह है कि प्रत्येक बार अलग तरह से प्रशंसा करनी है-
सराहना की तालिका
उत्तर :
सराहना की तालिका
नाम | प्रशंसा या सराहना का वाक्य | |
स्वयं | अ०ब०स० कुमार | मैं अपने परिवार का भविष्य हूँ। |
परिजन | चंद्रेश कुमार | ये हमारे लिए उपवन के फूल की तरह हैं। |
शिक्षकं | श्री सुकेश भट्टाचार्य | ये हमारे जीवन को आकार / प्रकार देने वाले चित्रकार हैं। |
मित्र | रमन सिंह | वे मेरे मित्र ही नहीं बल्कि अभिभावक तुल्य भी हैं। |
पशु | सुनहरी गाय | ये कामधेनु है । |
स्थान | संगम, प्रयागराज | गंगा, यमुना तथा सरस्वती ( लुप्त ) नदियों के संगम स्थल पर प्रयागराज अवस्थित है। |
सब्ज़ी | आलू | यह सब्ज़ियों का राजा है। |
पेड़ | आम | यह फलों का राजा है। |
चित्रात्मक सूचना ( इंफोग्राफिक्स)
नीचे दिए गए चित्र को देखिए। इसमें चित्रों के साथ-साथ बहुत कम शब्दों में कुछ जानकारी दी गई है। इसे ‘चित्रात्मक सूचना’ कहते हैं ।
(क) इस ‘चित्रात्मक सूचना’ के आधार पर मॉरिशस के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर :
जब मॉरिशस में गूँजा जय हिंद
मॉरिशस गणराज्य बनने से पूर्व हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप था। यह क्रमशः पुर्तगाली, फ्रांसीसी एवं ब्रिटिश शासन के अधीन रहा। यहाँ ब्रिटिश शासन 1810-1968 तक रहा। इस दौरान भारत में भी ब्रिटिश सत्ता कायम थी। भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने मॉरिशस के ऊख के खेतों में मज़दूर के रूप में काम करने के लिए भारतीयों को वहाँ ले जाने का निर्णय किया। फलत: पहली बार नवंबर 1834 को एटलस नाम का एक जहाज भारतीय मज़दूरों को लेकर मॉरिशस पहुँचा। इसलिए उस दिन को ‘इंडियन अराइवल डे’ के रूप में मनाया जाता है। इस प्रकार से धीरे-धीरे मॉरिशस में भारतीयों की संख्या बढ़कर कुल आबादी के 68 प्रतिशत हो गई। इनमें से अधिकतर लोग बिहार के थे। हालाँकि तमिल, तेलुगु और मराठियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी। इसी कारण वहाँ की संस्कृति में भोजपुरी – हिंदी गीतों और फ़िल्मों का काफी योगदान है। वहाँ की संस्कृति और परंपराओं में भारतीयता स्पष्ट रूप से नज़र आती है। हालाँकि सन् 1967 के आम चुनाव में जीतकर सर शिवसागर राम गुलाम वहाँ के पहले प्रधानमंत्री बने । वे भारतीय मूल के थे। अतः भारतीयों में इनको लेकर काफी उत्साह था। मॉरिशस के शीर्ष पद पर हिंद का सपूत प्रतिष्ठित हुआ। सही अर्थों में यही वह पल था जब मॉरिशस में गूँजा उठा जय हिंद !
(ख) अपनी पसंद के किसी विषय पर इसी प्रकार की ‘चित्रात्मक सूचना’ की रचना कीजिए, जैसे- आपका विद्यालय, कोई विशेष दिवस, आपके जीवन की कोई विशेष घटना आदि।
(संकेत – यह कार्य आप अपने समूह में मिलकर कर सकते हैं। इसके लिए आप किसी कागज़ पर चित्र चिपका सकते हैं और सूचना को कलात्मक रूप से कम शब्दों में लिख सकते हैं। चित्र बनाए भी जा सकते हैं। आप यह कार्य कंप्यूटर या मोबाइल फोन की सहायता से भी कर सकते हैं।)
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
हस्ताक्षर
आप जानते ही हैं कि यह पाठ हिंदी के प्रसिद्ध लेखक रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है। वे अपने नाम को कुछ इस प्रकार लिखते थे-
अपनी पहचान प्रकट करने के लिए अपने नाम को किसी विशेष प्रकार से लिखने को हस्ताक्षर कहते हैं। हस्ताक्षर का प्रयोग व्यक्ति को जीवनभर अनेक कार्यों के लिए करना होता है। आपके विद्यालय में भी आपसे हस्ताक्षर करवाए जाते होंगे। आप प्रार्थना-पत्रों के अंत में भी अपने हस्ताक्षर करते होंगे।
हो सकता है अभी आपने अपने हस्ताक्षर निर्धारित न किए हों। यदि नहीं भी किए हैं तो कोई बात नहीं। आप चाहें तो आज भी अपने हस्ताक्षर निर्धारित कर सकते हैं।
नीचे दिए गए स्थान पर अपने हस्ताक्षर पाँच बार कीजिए। ध्यान रखें कि आपके हस्ताक्षर एक जैसे हों, अलग-अलग न हों।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
पत्र
यहाँ ‘दिनकर’ का लिखा एक पत्र दिया जा रहा है। इसे पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
पत्र पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने समूह में मिल कर खोजिए-
नई दिल्ली
8-7-67
मान्यवर चतुर्वेदी जी,
आपका कृपा-पत्र मिला । मेरा स्वास्थ्य इधर बहुत गिर गया है और संयम के बावजूद तेज़ी से सुधर नहीं रहा है। मेरा चित्त अभी भी दबा हुआ है। ऐसी अवस्था में मैंने दो सप्ताह के लिए मॉरिशस जाना स्वीकार कर लिया है। 15 जुलाई को प्रस्थान करना है। लौटना शायद 5 अगस्त तक हो ।
आपके आशीर्वाद की कामना करता हूँ ।
आपका दिनकर
सफ़दरजंग लेन, नई दिल्ली
(क) पत्र किसने लिखा है?
उत्तर :
पत्र दिनकर जी ने लिखा है।
(ख) पत्र किसे लिखा गया है?
उत्तर :
पत्र चतुर्वेदी जी को लिखा गया है।
(ग) पत्र किस तिथि को लिखा गया है ?
उत्तर :
पत्र 8 जुलाई सन् 1967 को लिखा गया है।
(घ) पत्र किस स्थान से लिखा गया है ?
उत्तर :
पत्र ‘सफ़दरजंग लेन, नई दिल्ली से लिखा गया है।
(ङ) पत्र पाने वाले के नाम से पहले किस शब्द का प्रयोग किया गया है ?
उत्तर :
पत्र पाने वाले के लाम से पहले ‘मान्यवर’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
(च) पत्र – लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए क्या शब्द लिखा है?
उत्तर :
पत्र – लेखक ने अपने नाम से पहले अपने लिए ‘ आपका’ शब्द लिखा है।
उलझन सुलझाओ
(क) “जहाज़ नैरोबी से चार बजे शाम को उड़ा और पाँच घंटों की निरंतर उड़ान के बाद जब वह मॉरिशस पहुँचा, तब वहाँ रात के लगभग दस बज रहे थे। ” जहाज़ नैरोबी से शाम 4 बजे उड़ा तो उसे 5 घंटों की उड़ान के बाद रात 9 बजे मॉरिशस पहुँचना चाहिए था। लेकिन वह पहुँचा लगभग दस बजे । क्यों?
उत्तर:
आप इसका कारण पता करने के लिए अपने शिक्षकों या इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।
वस्तुतः नैरोबी और मॉरिशस के मानक समय में लगभग एक घंटे का अंतर है। जब नैरोबी में नौ बजते हैं तो मॉरिशस में 10 बजे होते हैं।
(ख) नीचे दो घड़ियों के चित्र दिए गए हैं। एक घड़ी भारत के समय को दिखा रही है। दूसरी घड़ी दिखा रही है कि उसी समय मॉरिशस में कितने घंटे और मिनट हुए हैं। इन घड़ियों के अनुसार नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
- भारत में क्या समय हुआ है?
- मॉरिशस में क्या समय हुआ है?
- मॉरिशस और भारत के समय में कितने घंटे और मिनट का अंतर है?
- सूर्योदय भारत में पहले होगा या मॉरिशस में?
- जिस समय भारत में दोपहर के 12 बजे होंगे, उस समय मॉरिशस की घड़ियाँ कितना समय दिखा रही होंगी?
उत्तर :
- भारत की घड़ी में 5:20 मिनट हुए हैं।
- मॉरिशस की घड़ी में 3:50 मिनट हुए हैं।
- मॉरिशस और भारत के समय में 1 घंटा 30 मिनट का अंतर है।
- भारत में पहले सूर्योदय होगा ।
- 10:30 मिनट ।
आज की पहेली
आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। यहाँ एक वाक्य दिया गया है। आपको पता करना है कि इसका क्या अर्थ है-
उत्तर :
मेरा भारत मेरा गौरव
खोजबीन के लिए
नीचे दी गई रचनाओं को पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें-
चाँद का कुर्ता
मिर्च का मज़ा
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की जीवनी
हिमालय के पर्वतीय प्रदेश की मनोरम यात्रा
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।