चींटी NCERT Class 3rd Hindi Veena Chapter 2 Question Answer
चींटी Class 3 Question Answer
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
आपने अपने आस-पास, घर और विद्यालय में कौन-कौन से जीव-जंतु देखे हैं?
उत्तर-
घर और विद्यालय में मकड़ी, मच्छर, केंचुए चूहे, तितली आदि जीव-जंतु अकसर देखे जाते हैं। छात्र अपनी समझ से उत्तर दें।
प्रश्न 2.
आपने सबसे छोटा कौन-सा कीट देखा और कहाँ देखा है?
उत्तर-
छात्र अपने अनुभव बताएँ।
प्रश्न 3.
आपने चींटी के अतिरिक्त और कौन-कौन से श्रम करने वाले जीव देखे हैं?
उत्तर-
श्रम करने वाले अन्य जीवों के बारे में सोचकर बताएँ, जैसे- मधुमक्खी, चिड़िया, मकड़ी आदि।
प्रश्न 4.
नन्ही चींटी के बारे में अपना कोई अनुभव बताइए।
उत्तर-
छात्र अपने अनुभव कक्षा में साझा करें।
कविता से आगे
प्रश्न 1.
नीचे कुछ वस्तुओं के चित्र बने हैं। बताइए, चींटियाँ किसे खाना चाहेंगी? उस पर का चिह्न बनाइए-
उत्तर-
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों को पूरा कीजिए-
(क) घर को ___________________________
(ख) पर्वत पर ___________________________
(ग) दाना चुनकर ___________________________
(घ) श्रम का राग ___________________________
उत्तर-
(क) घर को खूब सजाती चींटी।
(ख) पर्वत पर चढ़ जाती चींटी।
(ग) दाना चुनकर लाती चींटी।
(घ) श्रम का राग सुनाती चींटी।
प्रश्न 3.
कविता के अनुसार चींटी हमको क्या-क्या करना सिखाती है? लिखकर बताइए-
उत्तर-
भाषा की बात
प्रश्न 1.
कविता में चींटी को क्या-क्या कहा गया है-
उत्तर-
प्रश्न 2.
कितनी बार आई चींटी?
‘चींटी’ कविता में ‘चींटी’ शब्द कितनी बार आया है? इन्हें गिनें और उतनी चींटियाँ बनाकर इस पंक्ति को पूरा करें-
उत्तर-
आठ बार
प्रश्न 3.
आइए, ‘चींटी’ कविता को आगे बढ़ाते हैं-
उत्तर
छात्र अपनी कल्पना से कविता को आगे बढ़ाएँ।
प्रश्न 4.
शब्दों की तुकबंदी-
उत्तर
प्रश्न 5.
चींटी से भेंट
आपके घर के कई कोनों में चींटी आती-जाती है। एक दिन वह आपको रोककर आपसे कुछ कहती है। आपके और उसके क्या-क्या बातें हुई होंगी, लिखिए-
आप – नमस्ते चींटी! आज आप अकेली आई हैं?
चींटी – ___________________________________________
आप – ___________________________________________
चींटी – ___________________________________________
उत्तर-
आप – नमस्ते चींटी! आज आप अकेली आई हैं?
चींटी – नहीं। सहेलियाँ भी पीछे-पीछे आ रही हैं।
आप – खाने में मैं आपको क्या दूँ?
चींटी – मुझे शहद बहुत पसंद है। क्या आप मुझे शहद देंगे?
इसी तरह अपनी कल्पना के अनुसार बातचीत लिखें।
चींटी और हाथी की छुपन छुपाई
उत्तर-
चींटी की चप्पल मंदिर के बाहर रखी देखकर।
Class 3 Hindi Chapter 2 चींटी काव्यांशों की व्याख्या
1. हर पल चलती जाती चींटी,
श्रम का राग सुनाती चींटी।
कड़ी धूप हो या हो वर्षा,
दाना चुनकर लाती चींटी।
सचमुच कैसी कलाकार है,
घर को खूब सजाती चींटी।
शब्दार्थ- पल – समय, श्रम मेहनत, राग गाना, चुनकर – इकट्ठा करके, दाना – भोजन।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वीणा-1 में संकलित कविता चींटी से ली गई हैं। इसके कवि हैं- प्रकाश मनु। प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि चींटी के परिश्रमी जीवन के बारे में बता रहे हैं।
व्याख्या- कवि कहते हैं कि चींटी हर पल अपने कार्य में लगी रहती है और हमें परिश्रम का पाठ पढ़ाती है। हमें जीवन – पथ पर हमेशा उत्साह और मेहनत के साथ अग्रसर रहना सिखाती है। चाहे कड़ी धूप हो या वर्षा हो, चींटी दाना चुनकर लाती है, मेहनत से अपना घर बनाती है और सजाती भी है। ठीक उसी प्रकार हमें विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर अपने कार्य में लगे रहना चाहिए, तभी हम सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
2. छोटा तन पर बड़े इरादे,
नहीं कभी घबराती चींटी।
नन्हे-नन्हे पैर बढ़ाकर,
पर्वत पर चढ़ जाती चींटी।
काम बड़े करके दिखलाती,
जहाँ कहीं अड़ जाती चींटी।
मेहनत ही पूजा है प्रभु की,
हमको यही सिखाती चींटी।
शब्दार्थ- तन – शरीर, पर्वत-पहाड़, अड़ जाती – ज़िद न छोड़ना।
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक वीणा-1 में संकलित कविता चींटी से ली गई हैं। इसके कवि हैं- प्रकाश मनु । प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि चींटी के जीवन से मेहनत, संघर्ष से न घबराने और बड़े काम करने की प्रेरणा लेने की बात कह रहे हैं।
व्याख्या- छोटा शरीर होने पर भी चींटी के इरादे बड़े हैं। वह छोटे-छोटे पैरों से पर्वत पर भी चढ़ जाती है और हमें सिखाती है कि मेहनत ही प्रभु की पूजा है। उसी प्रकार हमारा शरीर चाहे छोटा हो लेकिन हमारे इरादे बड़े होने चाहिए। हमें विषम परिस्थितियों में घबराना नहीं चाहिए। हमें कदम-दर-कदम आगे बढ़ते हुए मंजिल को पाना चाहिए। हमें अपने लक्ष्य के प्रति सदा जागरूक रहना चाहिए अर्थात लक्ष्य प्राप्ति तक हमें हार नहीं माननी चाहिए। मेहनत को ही ईश्वर की पूजा मानना चाहिए।
Class 3 Hindi Chapter 2 चींटी पाठ का सारांश
प्रकाश मनु द्वारा लिखी गई प्रस्तुत कविता में परिश्रमी चींटी के बारे में बताया गया है कि वह मौसम की परवाह न करते हुए मेहनत से दाना चुनती है। अपना घर किसी कलाकार की तरह सजाती है। छोटी-सी है पर हौसला बहुत है, जिससे वह बड़े-बड़े काम कर दिखाती है। चींटी हमको सदा मेहनत करने की सीख देती है।