बोलने वाली माँद NCERT Class 3rd Hindi Veena Chapter 17 Question Answer
बोलने वाली माँद Class 3 Question Answer
बातचीत के लिए
प्रश्न 1.
आपको भूख लगती है तो आप क्या-क्या खाने की कामना करते हैं?
उत्तर-
छात्र स्वयं सोचकर बताएँ।
प्रश्न 2.
क्या आपने किसी पशु के पैर के चिह्न देखे हैं? किस-किस पशु के देखे हैं?
उत्तर-
छात्र अपने आस-पास रहने वाले जानवर कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा, गाय आदि नाम बता सकते हैं।
प्रश्न 3.
सिंह माँद यानी गुफा में रहता है। माँद में कौन-कौन से जानवर रहते हैं?
उत्तर-
लोमड़ी, भालू, बाघ, भेड़िया आदि।
प्रश्न 4.
कठिन समय में बुद्धि अधिक काम आती है या शक्ति?
उत्तर-
छात्र सोचकर स्वयं उत्तर दें।
(किसी कहानी या घटना के माध्यम से संकेत दिया जा सकता है कि बुद्धि या शक्ति का उपयोग स्थिति पर निर्भर करता है। शक्ति का उपयोग बुद्धि के साथ करना अधिक श्रेयस्कर है। हालाँकि बुद्धि के सहारे बिना शक्ति का प्रयोग किए भी समस्या का हल निकाला जा सकता है।)
सोचिए और लिखिए
प्रश्न 1.
दधिपुच्छ ने कैसे जाना कि माँद में खरनखर बैठा है?
उत्तर-
माँद के द्वार पर सिंह के पैरों के निशान देखकर दधिपुच्छ ने जाना कि माँद में खरनखर बैठा है।
प्रश्न 2.
इस कहानी में सिंह का नाम खरनखर है और सियार का नाम दधिपुच्छ, आप इनके क्या नाम रखेंगे?
उत्तर-
छात्र अपनी समझ से उत्तर दें।
प्रश्न 3.
यदि आप सिंह के स्थान पर होते तो क्या करते?
उत्तर-
छात्र अपनी समझ से उत्तर दे सकते हैं कि वे बुद्धि का प्रयोग कर सियार की चाल में आने से बच सकते थे। उसकी बातों में आकर दहाड़ते नहीं और अपनी भूख मिटा लेते।
प्रश्न 4.
जब सियार ने पुकारा, “ऐ मेरी माँद, ऐ मेरी माँद”, तब सिंह ने उत्तर दिया। सिंह ने उत्तर में क्या कहा होगा?
उत्तर-
‘हाँ स्वामी, भीतर आ जाइए।’ या ‘तुम आ गए दधिपुच्छ’ ऐसा ही कुछ उत्तर सिंह ने दिया होगा।
शब्दों का खेल
प्रश्न 1.
कहानी में ‘माँद’ शब्द कितनी बार आया है?
उत्तर-
बार
प्रश्न 2.
कहानी में आए चंद्रबिंदु (ँ) वाले शब्द छाँटकर लिखिए-
उत्तर-
माँद – अँधेरा
आऊँगा – पुकारूँगा
प्रश्न 3.
समान अर्थ वाले शब्दों की जोड़ी बनाकर लिखिए-
उत्तर-
प्रश्न 4.
नीचे लिखे शब्दों की सहायता से वाक्य पूरा कीजिए-
उत्तर-
प्रश्न 5.
सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरिए-
उदाहरण- अँधेरा हो रहा था, उजाला हो रहा था।
(क) सिंह इस समय भी माँद के भीतर है या _____________________ निकल गया।
(ख) आज बोलती क्यों नहीं? _____________________ क्यों है?
(ग) मैं बूढ़ा हो गया हूँ। पहले तो मैं _____________________ था।
(घ) यह माँद झूठ-मूठ ही जवाब देती है या फिर _____________________ बोलती है।
उत्तर-
(क) सिंह इस समय भी माँद के भीतर है या बाहर निकल गया।
(ख) आज बोलती क्यों नहीं? चुप क्यों है?
(ग) मैं बूढ़ा हो गया हूँ। पहले तो मैं जवान था।
(घ) यह माँद झूठ-मूठ ही जवाब देती है या फिर सचमुच बोलती है।
प्रश्न 6.
सही अर्थ की जोड़ी बनाइए-
उत्तर-
प्रश्न 7.
अपने मन से वाक्य बनाइए-
उदाहरण- यदि चुप रहा तो हाथ आया शिकार भी चला जाएगा।
(क) यदि बोला तो ____________________________
(ख) यदि अधिक वर्षा हुई तो ____________________________
(ग) यदि कड़ी धूप हुई तो ____________________________
(घ) यदि अँधेरा हुआ तो ____________________________
उत्तर-
(क) यदि बोला तो मेरी पोल खुल जाएगी।
(ख) यदि अधिक वर्षा हुई तो सड़कों पर पानी भर जाएगा।
(ग) यदि कड़ी धूप हुई तो छाता लेकर जाना।
(घ) यदि अँधेरा हुआ तो दीया जला लेना।
नोट: ये वाक्य संकेत मात्र हैं। छात्र स्वयं अपने मन से वाक्य बनाएँ।
कला की कलाकारियाँ
प्रश्न 1.
यहाँ सिंह व सियार का मुखौटा दिया गया है। आप दोनों में से अपनी रुचि के अनुसार मुखौटा बनाइए-
उत्तर-
छात्र पाठ्यपुस्तक में दिए गए चित्रों का अनुसरण करते हुए सिंह और सियार के मुखौटे बनाएँ और आनंद लें।
प्रश्न 2.
क्या आपने किसी पशु के पदचिह्न देखे हैं? अपने आस-पास किसी पशु के पदचिह्न खोजिए और यहाँ उसका नाम लिखिए। दिए गए स्थान पर उसका चित्र बनाइए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
Class 3 Hindi Chapter 17 बोलने वाली माँद पाठ का सारांश
पंचतंत्र की हरेक कहानी जीवन के नैतिक एवं व्यावहारिक मूल्यों की सीख देती है। वे हमें जीवन को सही ढंग से जीने का पाठ पढ़ाती हैं। प्रस्तुत कहानी खरनखर नामक एक सिंह तथा दधिपुच्छ नामक एक सियार के इर्द-गिर्द घूमती है। भूख से बेहाल सिंह एक माँद को देखता है और यह सोचकर कि यह ज़रूर किसी अन्य जीव का निवास स्थान होगा, उसमें छिपकर बैठ जाता है। सियार को माँद के द्वार पर सिंह के पैरों के चिह्न दिखाई देते हैं। वह सतर्क होकर बुद्धिमत्ता का प्रयोग करते हुए माँद को पुकारता है। सिंह विश्वस्त हो जाता है कि ज़रूर माँद आवाज़ देती होगी और वह दहाड़ बैठता है। इससे सियार ने अपनी चतुराई से यह समझ लिया कि माँद में शेर है और वह अपनी जान बचाने में सफल होता है।
शब्दार्थ- सिंह – शेर, विश्राम – आराम, दबोच लूँगा – पकड़ लूँगा, द्वार – दरवाज़ा, चिह्न – निशान, उपाय – तरीका, चंपत – गायब।