Well-organized Class 12 Geography Notes in Hindi and Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप can aid in exam preparation and quick revision.
Geography Class 12 Chapter 7 Notes in Hindi तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप
→ तृतीयक क्रिया-कलाप:
तृतीयक क्रिया-कलाप सेवा सेक्टर से सम्बन्धित है। जन-शक्ति सेवा सेक्टर का एक महत्त्वपूर्ण कारक है; क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रिया-कलापों का निष्पादन कुशल श्रमिक व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और परामर्शदाताओं द्वारा होता है।
→ व्यावसायिक उत्पादन शामिल होना:
तृतीयक क्रिया-कलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल होते हैं। उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है। विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन और | संचार सुविधाएँ शामिल होती हैं। इसी कारण तृतीयक क्रिया-कलापों में मूर्त वस्तुओं के उत्पादन के बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन शामिल होता है।
→ द्वितीयक एवं तृतीयक क्रिया:
कलापों में मुख्य अन्तर- द्वितीयक और तृतीयक क्रिया-कलापों में मुख्य अन्तर यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता उत्पादन तकनीकों, मशीनरी और फैक्ट्री प्रक्रियाओं की अपेक्षा कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करती है।
→ ‘तृतीयक क्रिया-कलापों के प्रकार-व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ कुछ तृतीयक क्रिया-कलाप हैं।
→ व्यापारिक केन्द्र-व्यापार वस्तुतः अन्यत्र उत्पादित मदों का क्रय और विक्रय है। फुटकर और थोक व्यापार अथवा वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है। यह समस्त कार्य कस्बों और नगरों में होता है जिन्हें व्यापारिक केन्द्र कहा जाता है।
→ ग्रामीण विपणन केन्द्र:
ग्रामीण विपणन केन्द्र निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। ये अर्द्ध-नगरीय केन्द्र होते हैं। ये स्वयं में नगरीय केन्द्र नहीं हैं; किन्तु ग्रामीण लोगों की अधिक मॉंग वाली वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं।
→ ग्रामीण क्षेत्रों में आवधिक बाजार:
ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाजार नहीं होते वहाँ विभिन्न कालिक अन्तरालों पर स्थानीय बाजार लगाये जाते हैं। ये साप्ताहिक, पाक्षिक बाजार होते हैं जहाँ परिग्रामी क्षेत्रों से लोग आकर समय-समय पर अपनी आवश्यक जरूरतों को पूरा करते हैं।
→ नगरीय बाजार केन्द्र:
नगरीय बाजार केन्द्रों में अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ मिलती हैं। इनमें शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाएँ यथा अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक, दाँतों के डॉक्टर और पशु चिकित्सक आदि उपलब्ध होते हैं।
फुटकर व्यापार:
ये वह व्यापारिक क्रिया-कलाप हैं, जो कि उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित हैं। फेरी, रेहडी, द्वार से द्वार आदि फुटकर व्यापार के उदाहरण हैं।
→ थोक व्यापार:
थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिए सौदागरों और पूर्तिघरों द्वारा होता है। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भण्डारों को उधार देते हैं।
→ परिवहन:
परिवहन एक ऐसी सुविधा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा सम्पत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान | से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। परिवहन को किलोमीटर दूरी, समय दूरी और लागत दूरी के खर्च के रूप में मापा जाता है।
→ परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक:
परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केन्द्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके मध्य भू-दृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार और लम्बाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध मुद्रा पर मार्ग निर्भर करते हैं।
→ संचार:
संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों तथ्यों और विचारों का प्रेषण शामिल है। लेखन के आविष्कार ने सन्देशों को संरक्षित किया और संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता प्रदान की। मोबाइल, दूरभाष और उपग्रहों जैसे कुछ विकासों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है।
→ दूरसंचार:
दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। सन्देशों को भेजे जाने की गति के कारण इसने संचार में क्रान्ति ला है। रेडियो और दूरदर्शन भी समाचारों, चित्रों व दूरभाष कालों का पूरे विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारण करते हैं। इसी कारण इनको जन-संचार माध्यम कहा जाता है।
→ सेवाएँ:
सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं। कुछ सेवाएँ उद्योगों को चलाती हैं। कुछ लोगों को और कुछ उद्योगों और लोगों दोनों को चलाती हैं यथा परिवहन तन्त्र पंसारी की दुकानें, लेखाकार, परामर्शदाता, अध्यापक, वकील, चिकित्सक, संगीतकार आदि सेवाएँ हैं। अनेक सेवायें वर्तमान में नियमित हो गई हैं। महामार्गों एवं सेतुओं का निर्माण और अनुरक्षण, अग्निशमन विभागों का अनुरक्षण और शिक्षा की पूर्ति अथवा पर्यवेक्षण और ग्राहक सेवा महत्त्वपूर्ण सेवाओं में से हैं जिनका पर्यवेक्षण एवं निष्पादन प्रायः सरकारों अथवा कम्पनियों के द्वारा किया जाता है।
→ तृतीयक क्रिया:
कलापों में संलग्न लोग आज अधिकांश लोग सेवाकर्मी हैं। सेवाएँ सभी समाजों में उपलब्ध होती हैं। अधिक विकसित देशों में कर्मियों का अधिकतर प्रतिशत इन सेवाओं में लगा है, जबकि अल्पविकसित देशों में 10 प्रतिशत से भी कम लोग इस सेवा क्षेत्र में लगे हैं।
→ पर्यटन:
पर्यटन एक यात्रा है जो कि व्यापार की अपेक्षा प्रमोद के उद्देश्यों के लिए की जाती हैं। कुल पंजीकृत रोजगारों तथा कुल राजस्व की दृष्टि से विश्व का अकेला सबसे बड़ा तृतीयक क्रिया-कलाप बन गया है। पर्यटन अवसंरचना उद्योगों, फुटकर व्यापार तथा शिल्प उद्योगों (स्मारिका) को पोषित करता है।
→ पर्यटक प्रदेश:
भूमध्य सागरीय तट के चारों तरफ कोष्ण स्थान तथा भारत का पश्चिमी तट विश्व के लोकप्रिय पर्यटन गंतव्य स्थानों में से एक है। स्मारकों, विरासत स्थलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण ऐतिहासिक नगर भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक –
- माँग विगत शताब्दी से अवकाश के लिए माँग तीव्रता से बढ़ी है। जीवन स्तर में सुधार तथा बढ़े हुए फुरसत के समय के कारण अधिक लोग विश्राम के लिए अवकाश पर जाते हैं।
- परिवहन परिवहन सुविधाओं में सुधार के साथ पर्यटन क्षेत्रों का आरम्भ हुआ है।
→ पर्यटन आकर्षण :
- जलवायु – ठण्डे प्रदेशों के अधिकांश व्यक्ति पुलिन विश्राम के लिए उष्ण व धूपदार मौसम की अपेक्षा करते हैं। दक्षिणी यूरोप एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में पर्यटन के महत्त्व का यह एक मुख्य कारण है।
- भू-दृश्य अनेक लोग आकर्षित करने वाले पर्यावरण में अवकाश बिताना पसन्द करते हैं जिसका प्रायः अर्थ होता है पर्वत, झीलें, दर्शनीय समुद्री तट और मनुष्य द्वारा पूर्ण रूप से अपरिवर्तित भू-दृश्य ।
- इतिहास एवं कला-किसी क्षेत्र के इतिहास और कला में सम्भावित आकर्षण होता है। लोग प्राचीन और सुन्दर नगरों व पुरातत्व के स्थानों पर जाते हैं तथा किलों, महलों और गिरजाघरों को देखकर आनन्द उठाते हैं।
- संस्कृति और अर्थव्यवस्था – मानव जातीय और स्थानीय रीतियों को पसन्द करने वालों को पर्यटन लुभाता | है। यदि कोई प्रदेश पर्यटकों की जरूरतों को सस्ते दाम में पूरा करता है तो वह अत्यन्त लोकप्रिय हो जाता है।
→ भारत में समुद्र पार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ:
भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन में अग्रणी देश बन कर उभरा है। महानगरों में अवस्थित विश्वस्तरीय अस्पताल सम्पूर्ण विश्व के रोगियों का उपचार करते हैं। भारत, थाईलैण्ड, सिंगापुर और मलेशिया जैसे विकासशील देशों को चिकित्सा पर्यटन से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
→ चतुर्थक क्रिया:
कलाप सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन अथवा सूचना का उत्पादन चतुर्थक क्रिया- कलाप हैं। ये अनुसन्धान और विकास पर केन्द्रित होते हैं। कार्यालय भवनों, प्रारम्भिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टरों के कार्यालयों, रंगमंचों, लेखा कार्य तथा दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी। इस वर्ग की सेवाओं से सम्बन्ध रखते हैं।
→ पंचम क्रिया-कलाप:
पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं, जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नवीन प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केन्द्रित होती हैं। प्राय: ‘स्वर्ण कॉलर’ कहे जाने वाले ये व्यवसाय तृतीय सेक्टर का एक और उप विभाग हैं।
→ अंकीय विभाजक:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का विवरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित है। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। विकसित देश सामान्य रूप से इस दिशा में आगे बढ़ गये हैं, जबकि विकासशील देश पिछड़ गये हैं। इसी को अंकीय विभाजक कहा जाता है।
→ भौगोलिक शब्दावली:
- सेवा क्षेत्र – इसके अन्तर्गत तृतीयक क्रिया-कलाप आते हैं। देश के आर्थिक विकास के लिए सेवा में महत्त्वपूर्ण हैं।
- सेवाएँ – वे क्रिया-कलाप जिनमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता; किन्तु वे वस्तुओं के उत्पादन एवं विपणन में सहायक हैं।
- सेवाओं के प्रकार – शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण, मनोरंजन तथा वाणिज्यिक आदि सेवाएँ हैं।
- उच्चस्तरीय सेवाएँ – वित्त, बीमा, परामर्श, बचत तथा सूचना सेवाएँ।
- सेवाओं के घटक – विज्ञापन, परामर्श, वित्त, बीमा, बचत, परिवहन, मनोरंजन, शिक्षा, वातावरण तथा ग्रामीण विकास।
- तृतीयक व्यवसाय यह सेवा सेक्टर से सम्बन्धित ऐसा क्षेत्र है, जिसमें मूर्त वस्तुओं के उत्पादन के बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन किया जाता है।
- वाणिज्यिक सेवाएँ वे सेवाएँ जो कि अत्यन्त उन्नत हों और जो सभी आर्थिक क्रियाओं का केन्द्र-बिन्दु होती हैं यथा- वित्त, बीमा, शोध, विकास तथा सूचना संग्रहण आदि।
- वैश्विक नगर – वे नगर जिनमें बड़ी-बड़ी वैश्विक कम्पनियों के मुख्यालय हैं, वैश्विक नगर कहलाते हैं।
- चतुर्थक क्रियाकलाप – वे उच्च बौद्धिक व्यवसाय जिनका दायित्व चिन्तन और शोध व विकास के लिए नवीन विचार देना है।
- फुटकर व्यवसाय वे व्यापारिक क्रियाकलाप जो उपभोक्ताओं के वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से सम्बन्धित हैं।
- योजक-प्रत्येक सड़क जो कि दो नोड़ों को जोड़ती है, योजक कहलाती है।
- पर्यटन-व्यापार की अपेक्षा आमोद-प्रमोद के उद्देश्यों के लिए की जाने वाली यात्रा।
- चिकित्सा पर्यटन जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से सम्बन्ध कर दिया जाता है। तो इसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।
- पंचम क्रियाकलाप-वे सेवाएँ जो कि नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नवीन प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केन्द्रित होती हैं, पंचम क्रियाकलाप कहलाती हैं।
- बाह्य स्रोतन-बाह्य स्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सुधारने और लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को काम सौंपना है।
- अपतरन-जब बाह्य स्रोतन में कार्य समुद्र पार के स्थानों पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है तो इसको अपतरन कहा जाता है।
- नोड-दो अथवा अधिक मार्गों का संधि स्थल, एक उद्गम बिन्दु, एक गंतव्य बिन्दु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड कहलाता है।
- समय दूरी-एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाला समय।
- लागत दूरी-किसी मार्ग यात्रा पर किया गया व्यय।