Understanding the question and answering patterns through Class 12 Geography Question Answer in Hindi Chapter 2 प्रवास: प्रकार, कारण और परिणाम will prepare you exam-ready.
Class 12 Geography Chapter 2 in Hindi Question Answer प्रवास: प्रकार, कारण और परिणाम
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रवास से सम्बन्धित पहला मुख्य संशोधन कौनसे जनगणना वर्ष में किया गया था?
(क) 1961
(ख) 1881
(ग) 1971
(घ) 1981
उत्तर:
(क) 1961
प्रश्न 2.
उपनिवेशिक काल में भारत से गये प्रवासी श्रमिक मॉरीशस व फिजी में क्या कार्य करते थे?
(क) उद्योग
(ख) व्यापार
(ग) रोपण कृषि
(घ) खनन।
उत्तर:
(ग) रोपण कृषि
प्रश्न 3.
स्त्रियों द्वारा सर्वाधिक प्रवास किस धारा के अन्तर्गत होता है?
(क) ग्रामीण से ग्रामीण
(ख) नगर से नगर
(ग) नगर से ग्रामीण
(घ) ग्रामीण से नगर।
उत्तर:
(क) ग्रामीण से ग्रामीण
प्रश्न 4.
देश में किस पड़ौसी देश से सर्वाधिक प्रवासी आये हैं?
(क) पाकिस्तान
(ख) बांग्लादेश
(ग) नेपाल
(घ) तिब्बत।
उत्तर:
(ख) बांग्लादेश
प्रश्न 5.
भारत में किस राज्य में सर्वाधिक आप्रवासी हैं?
(क) दिल्ली
(ख) बिहार
(ग) कर्नाटक
(घ) महाराष्ट्र।
उत्तर:
(घ) महाराष्ट्र।
प्रश्न 6.
देश में उत्प्रवासियों की सर्वाधिक संख्या वाला राज्य है-
(क) उत्तर प्रदेश
(ख) बिहार
(ग) केरल
(घ) छत्तीसगढ़।
उत्तर:
(क) उत्तर प्रदेश
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में स्त्रियों में सर्वाधिक प्रवास किस कारण से होता है?
उत्तर:
भारत में स्त्रियों में सर्वाधिक प्रवास विवाह के उपरांत अपने मायके से बाहर जाने के कारण होता है।
प्रश्न 2.
ग्रामीण से नगरीय प्रवास के कोई दो जनांकिकीय परिणाम लिखिए।
उत्तर:
- नगरों की जनसंख्या में वृद्धि हो जाती है।
- नगरों में लिंगानुपात घट जाता है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ जाता है।
प्रश्न 3.
भारत का कौनसा राज्य सर्वाधिक आप्रवासी को आकर्षित करता है?
उत्तर:
भारत का महाराष्ट्र राज्य सर्वाधिक आप्रवासियों को आकर्षित करता है।
प्रश्न 4.
दो केन्द्रशासित प्रदेशों के नाम बताइये, जिनमें आप्रवास (In migration) सर्वाधिक होता है?
उत्तर:
दिल्ली और चंडीगढ़।
प्रश्न 5.
प्रवास क्या है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थल से स्थायी गमन, प्रवास कहलाता है।
प्रश्न 6.
प्रवास के दो मुख्य कारक कौनसे हैं?
उत्तर:
प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक।
प्रश्न 7.
भारतीय उत्प्रवास अधिनियम को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
गिरमिट एक्ट।
प्रश्न 8.
ग्रामीण से नगरीय क्षेत्र में होने वाले प्रवास के दो मुख्य कारण बताइये।
उत्तर;
कृषि भूमि पर जनसंख्या का अधिक दबाव तथा निम्न स्वास्थ्य सेवायें।
प्रश्न 9.
सामयिक प्रवास (Periodical Migration) के प्रमुख प्रकार बताइये।
उत्तर:
अस्थायी प्रवास और स्थायी प्रवास।
प्रश्न 10.
बृहत् मुम्बई में सर्वाधिक प्रवासियों की संख्या क्यों पायी जाती है?
उत्तर;
बृहत् मुम्बई देश की वाणिज्यिक राजधानी तथा देश का सबसे बड़ा औद्योगिक नगर व बन्दरगाह है, इसलिए रोजगार की तलाश में श्रमिक यहाँ अधिक प्रवास करते हैं।
प्रश्न 11.
दिक् परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी नगर तथा उसके पृष्ठ प्रदेश में बसे गाँवों से लोगों के दैनिक स्थानान्तरण को दिक् परिवर्तन कहते हैं।
प्रश्न 12.
अनाकर्षक क्षेत्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वह क्षेत्र, जहाँ लोगों को जीविका प्राप्त करने हेतु रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होते, अनाकर्षक क्षेत्र कहलाता है।
प्रश्न 13.
वर्तमान में भारत की जनगणना में प्रवास की गणना किन आधारों पर की जाती है?
उत्तर:
- जन्म का स्थान, यदि जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न हो ।
- निवास का स्थान, यदि निवास का पिछला स्थान गणना के स्थान से भिन्न हो।
प्रश्न 14.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास दो प्रकार का होता है –
- अन्तर्महाद्वीपीय प्रवास
- अन्तः महाद्वीपीय प्रवास
प्रश्न 15.
देश में कौनसे राज्य आन्तरिक प्रवास के लिए प्रवासियों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं?
उत्तर:
देश में महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्य प्रवासियों को आन्तरिक प्रवास करने हेतु सर्वाधिक आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 16.
भारत में उत्प्रवासियों की सर्वाधिक संख्या रखने वाले दो राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में सर्वाधिक उत्प्रवासियों की संख्या पाई जाती है।
प्रश्न 17.
भारत में सबसे अधिक प्रवास किन देशों से हुआ है? किन्हीं तीन के नाम बताइये।
उत्तर:
भारत में सबसे अधिक प्रवास क्रमश: बांग्लादेश (51.2 प्रतिशत), पाकिस्तान ( 17.1 प्रतिशत) और नेपाल (15.1 प्रतिशत आप्रवासी) देशों से हुआ है।
प्रश्न 18.
प्रवास के प्रतिकर्ष कारकों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
वह कारक, जो लोगों को निवास अथवा उद्गम स्थल को छुड़वाने का कार्य करते हैं, प्रतिकर्ष कारक कहलाते हैं। जैसे—बाढ़, सूखा ।
प्रश्न 19.
प्रवास के अपकर्ष कारक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रवास के अपकर्ष कारक वे होते हैं, जो विभिन्न स्थानों से व्यक्तियों को अपनी ओर निवास हेतु आकर्षित करते हैं। जैसे-ऊँचा वेतन।
प्रश्न 20.
उपनिवेश काल में भारतीयों का प्रवास किस आधार पर हुआ था ?
उत्तर:
उपनिवेशिक काल में हुए सभी प्रवास गिरमिट एक्ट (भारतीय उत्प्रवास अधिनियम) नामक समयबद्ध अनुबन्ध के तहत हुए थे।
प्रश्न 21.
1970 के दशक में भारतीयों का पश्चिम एशिया में प्रवास करने का मुख्य कारण क्या था ?
उत्तर:
पश्चिम एशिया अथवा मध्य पूर्व देशों में 1970 के दशक में हुई तेल वृद्धि द्वारा उत्पन्न श्रमिकों की माँग भारतीयों के प्रवास का मुख्य कारण थी।
प्रश्न 22.
प्रवासियों की तीसरी तरंग में किनको समाविष्ट करते हैं?
उत्तर:
प्रवासियों की तीसरी तरंग में डॉक्टर, अभियन्ता, सॉफ्टवेयर अभियंता, प्रबन्ध एवं वित्तीय विशेषज्ञ, संचार माध्यम से जुड़े व्यक्तियों को समाविष्ट करते हैं।
प्रश्न 23.
प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली हुण्डियों का प्रयोग किन कार्यों में किया जाता है?
उत्तर:
प्रवासियों द्वारा भेजी हुण्डियों का प्रयोग मुख्यतः भोजन, उपचार, विवाह, ऋणों की अदायगी, कृषीय निवेश, बच्चों की शिक्षा आदि कार्यों में किया जाता है।
प्रश्न 24.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से सर्वाधिक राशि प्राप्त करने वाले तीन राज्यों के नाम बताइए।
उत्तर:
केरल, पंजाब और तमिलनाडु अपने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासियों से सर्वाधिक राशि प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 25.
औद्योगिक क्षेत्रों में अनियन्त्रित प्रवास के नकारात्मक परिणाम कौनसे हैं ?
उत्तर:
अनियन्त्रित प्रवास से औद्योगिक दृष्टि से विकसित महानगरों में अनियोजित क्षुद्र कॉलोनियों व गंदी बस्तियों का निर्माण हो गया है।
प्रश्न 26.
हुंडी (Remittance) से आप क्या समझते ?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्देशीय प्रवासियों द्वारा अपने मूल स्थान अथवा निवास स्थान को भेजी जाने वाली धन- राशि हुंडी कहलाती है।
प्रश्न 27.
प्रवास प्रवाह से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक उद्गम तथा गन्तव्य स्थान के प्रवासियों का समूह प्रवास प्रवाह कहलाता है।
लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जनसंख्या प्रवास को प्रभावित करने वाले कोई चार अपकर्ष कारक लिखिये।
उत्तर:
अपकर्ष कारक – वे कारक जो विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं; अपकर्ष कारक कहलाते हैं। जनसंख्या प्रवास को प्रभावित करने वाले अपकर्ष कारक निम्न प्रकार से हैं –
- रोजगार के बेहतर अवसर
- उच्च शिक्षा प्राप्ति के अवसर
- बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ
- नियमित काम का मिलना।
प्रश्न 2.
ग्रामीण से नगरीय प्रवास के कोई दी पर्यावरणीय परिणाम लिखिये।
उत्तर:
ग्रामीण से नगरीय प्रवास के कारण निम्न प्रकार के पर्यावरणीय परिणाम दृष्टिगत होते हैं-
- ग्रामीण-नगरीय प्रवास के कारण नगरों की वर्तमान सामाजिक और भौतिक अवसंरचना पर दबाव पड़ता है, जिससे नगरीय बस्तियों की अनियोजित वृद्धि तथा गन्दी बस्तियों व क्षुद्र कॉलोनियों का निर्माण होता है।
- इसके अतिरिक्त प्राकृतिक संसाधनों के अतिदोहन के कारण नगर भौमजल स्तर में कमी, वायु प्रदूषण, वाहित मल के निपटान और ठोस कचरे के प्रबन्धन जैसी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
प्रश्न 3.
जनगणना में प्रवास पर क्या प्रश्न पूछे जाते हैं?
उत्तर;
जनगणना में प्रवास पर निम्नलिखित प्रश्न पूछे जाते हैं-
- क्या व्यक्ति इसी गाँव अथवा शहर में पैदा हुआ है? यदि नहीं, तब जन्म के स्थान की (ग्रामीण /नगरीय ) स्थिति, जिले और राज्य का नाम और यदि भारत से बाहर का है तो जन्म के देश के नाम की सूचना प्राप्त की जाती है।
- क्या व्यक्ति इस गाँव या शहर में कहीं और से आया है? यदि हाँ, तब निवास के पूर्व स्थान के स्तर (ग्रामीण / नगरीय) जिले और राज्य का नाम और यदि भारत से बाहर का है तो देश के नाम के बारे में आगे प्रश्न पूछे जाते हैं।
- पिछले निवास स्थान से प्रवास के कारण और गणना के स्थान पर निवास की अवधि भी पूछी जाती है।
प्रश्न 4.
पुरुषों और स्त्रियों के प्रवास के कारणों का परीक्षण कीजिये।
उत्तर:
पुरुषों और स्त्रियों के लिए प्रवास के कारण प्रायः अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के तौर पर 34 प्रतिशत के साथ काम और रोजगार पुरुष प्रवास के मुख्य कारण रहे हैं जबकि यही कारण केवल 14 प्रतिशत स्त्रियों के लिए हैं। इसके विपरीत 66 प्रतिशत स्त्रियाँ विवाह के उपरांत अपने मायके से बाहर जाती हैं। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारण हैं। केवल मेघालय इसका अपवाद है जहां स्थिति इसके विपरीत है। विवाह के आधार पर पुरुष प्रवास केवल 4 प्रतिशत है।
प्रश्न 5.
प्रवास के कारण स्रोत प्रदेश के वर्तमान अल्पविकास को बल मिलता है। स्पष्ट कीजिये।
उत्तर;
प्रवास के कारण स्रोत प्रदेश से कुशल लोग बेहतर अवसर के लिए बाहर चले जाते हैं। उन्नत कुशलता का बाजार आज वैश्विक बाजार बन गया है और सर्वाधिक गत्यात्मक औद्योगिक अर्थव्यवस्थाएँ गरीब प्रदेशों से उच्च प्रशिक्षित व्यावसायिकों को अपनी ओर आकर्षित कर उन्हें प्रवेश दे रही हैं तथा भर्ती कर रही हैं। इससे स्रोत प्रदेश के वर्तमान अल्पविकास को बल मिलता है।
प्रश्न 6.
अन्तर्राज्यीय और अन्तः राज्यीय प्रवास में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अन्तः राज्यीय और अन्तर्राज्यीय प्रवास में अन्तर अग्र प्रकार से हैं –
अन्तःराज्यीय प्रवास | अन्तर्राज्यीय प्रवास |
1. यदि प्रवास एक ही राज्य के अन्दर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में हो, तो वह अन्तःराज्यीय प्रवास कहलाता है। | 1. यदि व्यक्ति का स्थानान्तरण अथवा प्रवास एक राज्य से दूसरे राज्य को हो तो उसे अन्तर्राज्यीय प्रवास कहते हैं। |
2. उदाहरणस्वरूप राजस्थान में जयपुर जिले व जोधपुर जिले के मध्य प्रवास। | 2. उदाहरणस्वरूप राजस्थान के जयपुर जिले व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मध्य प्रवास। |
प्रश्न 7.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास से आप क्या समझते है?
उत्तर:
व्यक्तियों द्वारा किसी एक देश से दूसरे देश में, अपने उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अर्थात् रहने, रोजगार तलाश करने, बसने अथवा जीवन व्यतीत करने के लिए किया जाने वाला प्रवास अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास कहलाता है।
अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास मुख्यतः दो प्रकार का होता है –
- अन्तर्महाद्वीपीय प्रवास यह प्रवास एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप के मध्य होता है। जैसे – एशिया महाद्वीप से आस्ट्रेलिया महाद्वीप को प्रवास।
- अन्तः महाद्वीपीय प्रवास यह प्रवास मुख्यतः एक ही महाद्वीप के देशों के मध्य होते हैं, जैसे यूरोप महाद्वीप के भीतर ही जर्मनी व फ्रांस के मध्य प्रवास।
प्रश्न 8.
अन्तर्देशीय प्रवास कितने प्रकार का होता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अन्तर्देशीय प्रवास व्यक्ति द्वारा रोजगार की तलाश में, साधन-सम्पन्न जीवन व्यतीत करने अथवा किसी अन्य विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति करने हेतु, देश के भीतर ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जाने वाला प्रवास, अन्तर्देशीय प्रवास कहलाता है।
अन्तर्देशीय अथवा आन्तरिक प्रवास मुख्यतः चार प्रकार का होता है –
- नगर से नगर की ओर प्रवास।
- ग्राम से नगर की ओर प्रवास।
- नगर से ग्राम की ओर प्रवास।
- ग्राम से ग्राम की ओर प्रवास।
प्रश्न 9.
वर्ष 1960 के बाद भारतीय प्रवासियों के प्रमुख प्रसार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वर्ष 1960 के बाद भारत से बड़ी संख्या में पश्चिम एशियाई देशों में हुई तेल वृद्धि द्वारा जनित श्रमिकों । की मांग के कारण अर्धकुशल व कुशल श्रमिकों का प्रवास हुआ। इसके अलावा कुछ उद्यमियों, भंडार मालिकों, व्यवसायियों का भी पश्चिमी देशों में प्रवास हुआ। वर्ष 1980 के बाद भारत से डॉक्टरों, सॉफ्टवेयर अभियंताओं, प्रबंधन एवं वित्तीय विशेषज्ञों तथा संचार माध्यमों से जुड़े व्यक्तियों का संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यू. के., आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा जर्मनी जैसे देशों में प्रवास हुआ।
प्रश्न 10.
भारत में प्रवास की गणना के आधार पर प्रवास का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
भारत में 1881 ई. में प्रथम संचालित जनगणना से ही प्रवास को दर्ज करना प्रारम्भ कर दिया गया था। वर्तमान में भारत की जनगणना में प्रवास की गणना दो आधारों पर की जाती है –
1. जन्म का स्थान, यदि जन्म का स्थान गणना के स्थान से भिन्न है (इसे जीवनपर्यन्त प्रवासी के नाम से जाना जाता है);
2. निवास का स्थान, यदि निवास का पिछला स्थान गणना के स्थान से भिन्न है (इसे निवास के पिछले स्थान से प्रवासी के रूप में जाना जाता है)। 2011 की जनगणना के अनुसार देश के 121 करोड़ लोगों में से 45.6 करोड़ (37 प्रतिशत) की रिपोर्ट प्रवासियों के रूप में की गई थी जो अपने जन्म के स्थान से अलग रहे थे। जबकि निवास के पिछले स्थान के संदर्भ में प्रवासियों की संख्या 31.5 करोड़ (31 प्रतिशत ) थी।
प्रश्न 11.
भारत में आन्तरिक प्रवास की धाराओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में आन्तरिक प्रवास के अन्तर्गत चार धाराएँ पाई जाती हैं –
(1) ग्रामीण से ग्रामीण
(2) ग्रामीण से नगरीय
(3) नगरीय से नगरीय और
(4) नगरीय से ग्रामीण भारत में 2011 के दौरान पिछले निवास के आधार पर परिकलित 45.6 करोड़ प्रवासियों में से 14.2 करोड़ ने पिछले दस वर्षों में अपने निवास का स्थान बदला है। इनमें से 11.9 करोड़ अंतः राज्यीय प्रवासी थे। इस धारा में स्त्री प्रवासी प्रमुख थी। इनमें से अधिकांश विवाहोपरांत प्रवासी थीं।
अंतः राज्यीय और अन्तरराज्यीय प्रवास की विभिन्न धाराओं में स्त्री और पुरुष प्रवासियों के वितरण को नीचे दिये चित्रों में देखा जा सकता है। दोनों प्रकार के प्रवासों में थोड़ी दूरी के ग्रामीण से ग्रामीण प्रवास की धाराओं में स्त्रियों की संख्या सर्वाधिक है। इसके विपरीत आर्थिक कारणों की वजह से अंतर- राज्यीय प्रवास ग्रामीण से नगरीय में पुरुष सर्वाधिक हैं।
चित्र: क व ख निवास के अन्तिम स्थान के अनुसार अन्तर्राज्यीय प्रवास दर्शाती प्रवास की धाराएँ ( अवधि 0-9 वर्ष ) भारत, 2011
स्रोत: प्रवास सारणी, भारत की जनगणना 2011
प्रश्न 12.
शरणार्थी एवं निवल प्रवास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
1. शरणार्थी जो लोग अपने देश में जीवन घातक स्थिति, असुरक्षा, युद्ध अथवा मानव अधिकारों के अतिक्रमण के कारणों से दूसरे देश में शरण लेने के लिए बाध्य हो जाते हैं, उन्हें शरणार्थी कहा जाता है।
2. निवल प्रवास – किसी स्थान पर आने वाले व्यक्तियों (प्रवासी) और उस स्थान से बाहर जाने वाले व्यक्तियों (उत्प्रवासी) की कुल संख्या का अंतर निवल प्रवास अथवा ‘प्रवास का संतुलन’ कहलाता है। अतः प्रवासियों और आप्रवासियों की कुल संख्या में से बाहर जाने वाले प्रवासियों तथा उत्प्रवासियों की संख्या निकालकर, जो संख्या प्राप्त होती है, वह निवल प्रवास होता है। अर्थात् –
प्रश्न 13.
प्रवास के मुख्य कारणों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रवास मुख्यतः दो ही कारणों से होता है- अपकर्ष कारक और प्रतिकर्ष कारक।
(1) अपकर्ष कारक – यह कारक व्यक्ति को विभिन्न स्थानों से अपनी ओर प्रवास करने के लिए आकर्षित करते हैं। यह मुख्यतः गाँवों से नगरों को होता है। नगरों में बेहतर अवसर, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, ऊँचे वेतन, रोजगार की नियमितता, उच्च शिक्षा, मनोरंजन के साधन आदि सुविधाओं के कारण ग्रामीण जनसंख्या का नगरों की ओर अधिक प्रवास होता है।
(2) प्रतिकर्ष कारक-यह कारक व्यक्ति को अपना निवास स्थान छोड़ने को बाध्य करते हैं गरीबी, कृषि भूमि पर जनसंख्या का अत्यधिक दबाव, प्राकृतिक आपदायें (जैसे- बाढ़, सूखा, सुनामी, भूकम्प ), युद्ध, स्थानीय संघर्ष तथा स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव आदि कारणों को प्रतिकर्ष कारक के अन्तर्गत सम्मिलित करते हैं।
प्रश्न 14.
पड़ोसी देशों से भारत में हुए प्रवास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार भारत में अन्य देशों से लगभग 53.6 लाख व्यक्तियों का प्रवास हुआ है। इन प्रवासियों में से लगभग 89 प्रतिशत प्रवासी पड़ोसी देशों से सम्बन्धित हैं। इसमें सर्वाधिक संख्या बांग्लादेश से (51.2 प्रतिशत) आये प्रवासियों की है। इसके पश्चात् पाकिस्तान ( 17.1 प्रतिशत) और नेपाल ( 15.1 प्रतिशत ) से आये प्रवासियों का स्थान आता है तिब्बत, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश, ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान नामक देशों से लगभग 5.3 प्रतिशत लाख शरणार्थियों ने भारत में शरण ली।
प्रश्न 15.
प्रवास स्त्रियों के जीवन स्तर को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
प्रवास स्त्रियों के जीवन स्तर को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों द्वारा रोजगार की तलाश में किये बाह्य प्रवास के कारण स्त्रियाँ पीछे अकेली रह जाती हैं, जिससे उन पर अतिरिक्त मानसिक और शारीरिक दबाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त विवाहोपरान्त महिलाओं को अपना पैतृक स्थल छोड़कर अपने ससुराल में रहना पड़ता है। शिक्षा तथा रोजगार के लिए भी स्त्रियों को प्रवास करना पड़ता है, जो उनकी स्वायत्तता और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका को बढ़ा देता है।
प्रश्न 16.
उपनिवेश काल में अंग्रेजों ने भारतीय श्रमिकों को किन क्षेत्रों में भेजा था? इन्हें किस कार्य के लिए भेजा गया था ?
उत्तर:
उपनिवेश काल (ब्रिटिश काल ) के दौरान अंग्रेजों द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार से मॉरीशस, कैरेबियन द्वीपों (ट्रिनीडाड, टोबैगो और गुयाना), फिजी और दक्षिण अफ्रीका में करारबद्ध लाखों श्रमिकों को रोपण कृषि में काम करने के लिए भेजा था। ऐसे सभी प्रवास (भारतीय उत्प्रवास अधिनियम) गिरमिट एक्ट नामक समयबद्ध अनुबंध के तहत हुए थे।
प्रश्न 17.
प्रवास में स्थानिक विभिन्नता से क्या अभिप्राय है? समझाइये।
उत्तर:
प्रवास में स्थानिक विभिन्नता- भारत में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से प्रवासियों को आकर्षित करते हैं। वर्ष 2011 के दशक में महाराष्ट्र देश में प्रवासियों को आकर्षित करने वाले राज्यों में प्रथम स्थान पर था। इसके बाद दिल्ली, गुजरात तथा हरियाणा राज्य आते हैं। इसी दशक में उत्तरप्रदेश तथा बिहार उत्प्रवासियों ने देश के विभिन्न भागों में प्रवास किया, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। भारत में नगरीय समूहनों में से वृहत् मुंबई में सर्वाधिक संख्या में प्रवासी आए। इसमें अंत : राज्यीय प्रवास का अनुपात सर्वाधिक है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विदेशों में भारतीय प्रसार ( Indian Diaspora ) का वर्णन कीजिये।
अथवा
भारत से प्रवास की तीन तरंगों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
उत्तर:
विदेशों में भारतीय प्रसार- विदेशों में भारतीय प्रसार की निम्न तीन तरंगें देखने को मिलती हैं –
(1) प्रथम तरंग – भारत से विदेशी प्रवास की प्रथम तरंग उपनिवेश काल में शुरू हुई। उपनिवेश काल में अंग्रेजों द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार से मॉरीशस, कैरेबियन द्वीपों (ट्रिनीडाड, टोबैगो और गुयाना), फिजी और दक्षिण अफ्रीका; फ्रांसीसियों और जर्मनों द्वारा रियूनियन द्वीप गुआडेलोप मार्टीनीक और सूरीनाम में, फ्रांसीसी तथा डच लोगों और पुर्तगालियों द्वारा गोवा, दमन और दीव से, अंगोला, मोजांबिक व अन्य देशों में लाखों श्रमिकों को अनुबन्ध के तहत रोपण कृषि में काम करने के लिए भेजा था। ऐसे सभी प्रवास ( भारतीय उत्प्रवास अधिनियम) गिरमिट एक्ट नामक समयबद्ध अनुबंध के तहत आते थे। लेकिन इन करारबद्ध मजदूरों के जीवन की दशाएँ बहुत खराब थीं।
(2) द्वितीय तरंग इस तरंग में भारतीय लोग व्यवसायियों, शिल्पियों, व्यापारियों और फैक्टरी मजदूरों के रूप में आर्थिक अवसरों की तलाश में निकटवर्ती देशों थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ब्रूनई इत्यादि में गए। हालांकि यह प्रवृत्ति अभी भी जारी है। 1970 के दशक में पश्चिम एशिया में हुई सहसा तेल वृद्धि द्वारा जनित श्रमिकों की माँग के कारण भारत से अर्ध कुशल और कुशल श्रमिकों का नियमित बाह्य प्रवास हुआ। कुछ बाह्य प्रवास उद्यमियों, भंडार मालिकों, व्यवसायियों का भी पश्चिमी देशों में प्रवास हुआ।
(3) तृतीय तरंग – इस तरंग में पेशेवर लोगों का बाह्य प्रवास हुआ। इसमें डॉक्टरों, अभियंताओं, सॉफ्टवेयर अभियंताओं, प्रबंधन परामर्शदाताओं, वित्तीय विशेषज्ञों, संचार माध्यम से जुड़े व्यक्तियों आदि का बाह्य प्रवास हुआ। इन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जर्मनी इत्यादि में प्रवास किया। उदारीकरण के पश्चात् 90 के दशक में शिक्षा और ज्ञान आधारित भारतीय उत्प्रवासियों ने भारतीय प्रसार को विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली प्रसार में से एक बना दिया। इन सभी देशों में भारतीय प्रसार अपने-अपने देशों विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रश्न 2.
प्रवास के विभिन्न परिणामों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्रवास के विभिन्न परिणाम प्रवास मुख्यतः किसी क्षेत्र पर अवसरों के असमान वितरण के कारण होता है। सामान्यतः लोगों में कम सुरक्षा और कम अवसरों वाले स्थान से बेहतर सुरक्षा और अधिक अवसरों वाले स्थान की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है। प्रवास उद्गम और गन्तव्य क्षेत्रों के लिए लाभ के साथ-साथ हानि भी उत्पन्न करता है। इन दोनों क्षेत्रों पर प्रवास के निम्न परिणाम प्राप्त होते हैं –
(1) आर्थिक परिणाम – प्रवास से उद्गम क्षेत्र को मुख्य लाभ प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली हुंडी होती है, जो विदेशी विनिमय के मुख्य स्रोतों में से एक है। देश में सर्वाधिक राशि पंजाब, केरल व तमिलनाडु राज्यों द्वारा प्राप्त की जाती है। उद्गम क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में सहायक होने के साथ-साथ इन हुण्डियों का प्रयोग मुख्यत: भोजन, ऋणों की अदायगी, उपचार, विवाह, बच्चों की शिक्षा, कृषि निवेश, गृह निर्माण आदि में किया जाता है। यह हुण्डियाँ गाँवों की अर्थव्यवस्था के लिए जीवनदायक रक्त के समान होती हैं।
इसके अतिरिक्त पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास मुख्यतः कृषि से सम्बन्धित रोजगार प्राप्ति के लिए होता है। प्रवास के कुछ नकारात्मक पक्ष भी हैं, जैसे अनियन्त्रित प्रवास ने देश के महानगरों को अति संकुचित कर दिया है। जिस कारण महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों में कई गंदी बस्तियाँ विकसित हो गई हैं।
(2) जनांकिकीय परिणाम – प्रवास जनसंख्या के पुनर्वितरण में सहायक होता है। ग्रामीण-नगरीय प्रवास के. कारण नगरों की जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। प्रवास के कारण ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों के जनांकिकीय संघटन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से कुशल व युवा वर्ग के प्रवास के कारण वहाँ लिंगानुपात बढ़ गया है तथा श्रमिकों की कमी हो गई है। वहीं नगरों में श्रमिकों की संख्या में तो वृद्धि हो गयी है, लेकिन लिंगानुपात घटता जा रहा है।
(3) सामाजिक परिणाम – सामाजिक परिवर्तन में प्रवासियों की मुख्य भूमिका होती है। इनके माध्यम से नवीन प्रौद्योगिकी, परिवार कल्याण कार्यक्रम, बालिका शिक्षा आदि से सम्बन्धित नए विचारों का नगरीय क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से विसरण हो जाता है। प्रवास से विविध संस्कृतियों का अन्तर्मिश्रण भी होता है, जिससे रूढ़िवादी समाज के संकीर्ण विचारों में परिवर्तन होता है और लोगों का मानसिक स्तर बढ़ता है। इससे एक ओर मिश्रित संस्कृति का उद्विकास होता है, वहीं दूसरी ओर निम्न आर्थिक स्तर के कुछ लोग हीनता ग्रसित होकर अपराध तथा नशीले पदार्थों का सेवन जैसे असामाजिक कार्यों में लिप्स हो जाते हैं।
(4) पर्यावरणीय परिणाम – प्रवास के कारण कई प्रकार के पर्यावरणीय परिणाम भी दृष्टिगत होते हैं। ग्रामीण-नगरीय प्रवास की अधिकता के कारण नगरों की वर्तमान सामाजिक और भौतिक अवसंरचना पर दबाव पड़ता है, जिससे नगरीय बस्तियों की अनियोजित वृद्धि तथा गन्दी बस्तियों व क्षुद्र कॉलोनियों का निर्माण होता है। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक संसाधनों के अतिदोहन के कारण नगर भौमजल स्तर में कमी, वायु प्रदूषण, वाहित मल के निपटान और ठोस कचरे के प्रबन्धन जैसी गम्भीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
प्रश्न 3.
प्रवास के कुछ सकारात्मक एवं नकारात्मक परिणाम लिखिए।
उत्तर:
प्रवास के सकारात्मक परिणाम –
- प्रवास के कारण विविध संस्कृतियों का अंतर्मिश्रण होता है, जिससे संकीर्ण विचारधारायें टूटती हैं और मिश्र संस्कृति का उद्विकास होता है।
- प्रवासियों द्वारा भेजी गई हुंडियों से उद्गम क्षेत्र की अर्थव्यवस्था विशेषकर कृषि विकास को बल मिलता है।
- शिक्षा और रोजगार के लिए महिलाओं के प्रवास से उनकी स्वायत्तता तथा अर्थव्यवस्था में भूमिका बढ़ती है।
- नगरीय क्षेत्रों से नवीन प्रौद्योगिकी, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा आदि नवीन विचारों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसार होता है।
प्रवास के नकारात्मक परिणाम –
- अनियंत्रित प्रवास के कारण औद्योगिक दृष्टि से विकसित राज्यों में गंदी बस्तियों का विकास होता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों से युवा आयु वर्ग, कुशल व दक्ष लोगों का प्रवास ग्रामीण जनांकिकीय संघटन पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
- जिन राज्यों से बाह्य प्रवास होता है तथा जिन राज्यों में अन्तर्प्रवास होता है, उन राज्यों की आयु व लिंग संरचना में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष चचनात्मक बाह्य प्रवास होने से उनकी पत्नियों पर शारीरिक व मानसिक दबाव पड़ता है।
- अनियंत्रित प्रवास के कारण नगरों में भूमिगत जल स्तर का गिरना, वायु प्रदूषण, वाहित मल निपटान और ठोस कचरे के प्रबंधन जैसी समस्याएँ गंभीर रूप धारण कर लेती हैं।