Well-organized Class 12 Geography Notes in Hindi and Class 12 Geography Chapter 2 Notes in Hindi विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि can aid in exam preparation and quick revision.
Geography Class 12 Chapter 2 Notes in Hindi विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि
→ किसी देश के निवासी ही उसके वास्तविक धन होते हैं। यही लोग देश के संसाधनों का उपयोग करते हैं और उसकी नीतियाँ निर्धारित करते हैं। अन्ततः एक देश की पहचान उसके लोगों से ही होती है।
→ 21वीं शताब्दी के प्रारम्भ में विश्व की जनसंख्या 600 करोड़ से अधिक दर्ज की गई। विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है।
→ विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप- जनसंख्या के वितरण और घनत्व के प्रारूप से किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझा जा सकता है। मीटे तौर पर विश्व की जनसंख्या का 90 प्रतिशत इसके 10 प्रतिशत स्थल भाग में निवास करता है।
→ जनसंख्या का घनत्व – १ -भूमि की प्रत्येक इकाई में उस पर रह रहे लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इसे प्रति किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है। अत:
→ जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक –
(1) भौगोलिक कारक:
- जल की उपलब्धता – जल जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। अतः लोग जल की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं। यही कारण है कि नदी घाटियाँ विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं।
- भू-आकृति – लोग पर्वतीय, पहाड़ी क्षेत्रों की तुलना में समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं। इसी कारण गंगा का मैदान विश्व के सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है।
- जलवायु – सुविधाजनक जलवायु क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमी परिवर्तन नहीं होते, अधिक लोगों को बसने के लिए आकर्षित करते हैं।
- मृदाएँ- दोमट मिट्टी वाले प्रदेश में अधिक व्यक्ति निवास करते हैं क्योंकि ये मृदाएँ गहन कृषि का आधार बन सकती हैं।
(2) आर्थिक कारक:
- खनिज – खनिज निक्षेपों से युक्त क्षेत्र उद्योगों को आकृष्ट करते हैं। यहाँ खनन एवं औद्योगिक गतिविधियाँ रोजगार उत्पन्न करती हैं। अतः कुशल एवं अर्ध कुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुँचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं।
- नगरीकरण – नगर रोजगार के बेहतर अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएँ तथा परिवहन और संचार के बेहतर साधन प्रस्तुत करते हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में प्रवास होता है तथा नगर आकार में बढ़ जाते हैं।
- औद्योगीकरण – औद्योगिक पेटियाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाती हैं तथा बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती हैं। इसी कारण जापान का कोबे ओसाका प्रदेश अनेक उद्योगों की उपस्थिति के कारण सघन बसा हुआ है।
(3) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक – धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व वाले स्थानों पर अधिक जनसंख्या का जमाव पाया जाता हैं।
→ जनसंख्या वृद्धि – समय के दो अन्तरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाले जनसंख्या में परिवर्तन को जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता है।
→ जनसंख्या परिवर्तन के घटक – जन्म, मृत्यु और प्रवास जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं।
→ आप्रवास – प्रवासी जो किसी नये स्थान पर जाते हैं आप्रवासी कहलाते हैं।
→ उत्प्रवास – प्रवासी जो कि एक स्थान से बाहर चले जाते हैं, उत्प्रवासी कहलाते हैं।
→ प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक
- प्रतिकर्षक कारक, यथा – बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएँ, राजनीतिक उपद्रव आदि।
- अपकर्षक कारक, यथा – काम के बेहतर अवसर और रहन-सहन की अच्छी दशाएँ आदि।
→ जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियाँ – पृथ्वी पर जनसंख्या 600 करोड़ से भी अधिक है। इस आकार तक पहुँचने में जनसंख्या को शताब्दियाँ लगी हैं। 1750 ई. के आसपास औद्योगिक क्रान्ति के उदय के समय विश्व की जनसंख्या 55 करोड़ थी। 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रान्ति के उपरान्त विश्व जनसंख्या में विस्फोटक वृद्धि हुई। विगत 500 वर्षों में जनसंख्या 10 गुणा से अधिक बढ़ी है।
→ विश्व जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि – मानव जनसंख्या को प्रारम्भिक एक करोड़ होने में 10 लाख से
भी अधिक वर्ष लग गये किन्तु इसे 5 अरब से 6 अरब होने में केवल 12 वर्ष लगे। विश्व जनसंख्या के दो गुने ‘ होने की अवधि तेजी से घट रही है। विकासशील देशों में जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि विकसित देशों की तुलना में कम है।
→ जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रारूप – विश्व के विकसित देशों में विकासशील देशों की तुलना में जनसंख्या वृद्धि कम है। जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास में ऋणात्मक सह-सम्बन्ध पाया जाता है।
→ जनसंख्या परिवर्तन का प्रभाव – एक विकासशील अर्थव्यवस्था में जनसंख्या की अल्पवृद्धि अपेक्षित है। एड्स / एच. आई. वी. जैसी घातक बीमारियों ने विश्व के कुछ भागों तथा एशिया में मृत्यु दर बढ़ा दी है तथा औसत जीवन प्रत्याशा दर कम की है। इससे जनसंख्या वृद्धि धीमी हुई है।
→ जनांकिकीय संक्रमण – जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जा सकता है। जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाएँ होती हैं।
→ जनसंख्या नियन्त्रण के उपाय – परिवार नियोजन का काम बच्चों के जन्म को रोकना अथवा उसमें अन्तराल रखना है। परिवार नियोजन सुविधाओं का प्रचार, गर्भ निरोधक की सुगम उपलब्धता आदि कुछ ऐसे उपाय हैं। जो कि जनसंख्या नियन्त्रण में सहायक हो सकते हैं।
→ भौगोलिक शब्दावली :
- मानव मानव को भूतल पर केन्द्रीय स्थान प्राप्त है।
- जनसंख्या घनत्व – मानव व भूमि का अनुपात जनसंख्या घनत्व है। यह प्राय: प्रति वर्ग किलोमीटर में रहने वाले व्यक्तियों के रूप में मापा जाता है।
- जनसंख्या वृद्धि के निर्धारक – जन्म – दर, मृत्यु – दर तथा जनसंख्या की गतिशीलता।
- जनसंख्या वृद्धि – किसी क्षेत्र में समय की किसी निश्चित अवधि के दौरान बसे हुए लोगों की संख्या में परिवर्तन, जनसंख्या वृद्धि कहलाता है।.
- जनसंख्या की वृद्धि दर – यह जनसंख्या में परिवर्तन है, जो कि प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।
- जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि – किसी क्षेत्र विशेष में दो समय अन्तरालों में जन्म और मृत्यु के अन्तर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की प्राकृतिक वृद्धि कहा जाता है।
- जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि – यह तब होती है जब दो समय अन्तरालों के बीच जन्म-दर, मृत्यु दर से अधिक होती है 1
- जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि – यह तब होती है जब दो समय अन्तरालों के बीच जन्म-दर, मृत्यु दर से कम हो जाती है।
- जनसंख्या परिवर्तन के घटक – जन्म, मृत्यु और प्रवास जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं।
- उद्गम स्थान – जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं, उद्गम स्थान कहलाता है।
- गंतव्य स्थान -लोग जिस स्थान में आगमन करते हैं वह गंतव्य स्थान कहलाता है।
- आप्रवास प्रवासी जो किसी नए स्थान पर जाते हैं, आप्रवासी कहलाते हैं।
- उत्प्रवास – प्रवासी जो कि एक स्थान से बाहर चले जाते हैं, उत्प्रवासी कहलाते हैं।
- जनांकिकीय संक्रमण – किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त का उपयोग किया जाता है।.
- जनगणना- निश्चित आर्थिक और सामाजिक आँकड़ों सहित किसी दिए गए क्षेत्र की किसी समय अंतराल पर की गई जनसंख्या की अधिकाधिक गणना।
- प्रवास किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थान का स्थायी परिवर्तन प्रवास कहलाता है।