Understanding the question and answering patterns through Class 12 Geography Question Answer in Hindi Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ will prepare you exam-ready.
Class 12 Geography Chapter 12 in Hindi Question Answer भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
कौन-सी गैस ओजोन परत को नुकसान पहुँचाती है?
(क) नाइट्रोजन
(ख) क्लोरो-फ्लोरो कार्बन
(ग) ऑक्सीजन
(घ) सल्फर
उत्तर:
(ख) क्लोरो-फ्लोरो कार्बन
प्रश्न 2.
गंगा नदी में कानपुर के निकट प्रदूषण का साधन क्या है?
(क) चमड़ा उद्योग
(ख) कागज उद्योग
(ग) गैसें
(घ) वस्त्र उद्योग
उत्तर:
(क) चमड़ा उद्योग
प्रश्न 3.
ध्वनि के स्तर को मापने की इकाई कौनसी है?
(क) डेसीबल
(ख) डेसीमीटर
(ग) मिलीबार
(घ) सेंटीमीटर
उत्तर:
(क) डेसीबल
प्रश्न 4.
धारावी गंदी बस्ती किस राज्य में है?
(क) गुजरात
(ख) दिल्ली
(ग) महाराष्ट्र
(घ) कर्नाटक
उत्तर:
(ग) महाराष्ट्र
प्रश्न 5.
धरातलीय जल में उर्वरक किस तत्त्व की मात्रा को बढ़ा देते हैं?
(क) क्लोरीन
(ख) नाइट्रेट
(ग) अमोनिया
(घ) सल्फर
उत्तर:
(ख) नाइट्रेट
प्रश्न 6.
तलचेर क्या है?
(क) एक कीटनाशक पदार्थ
(ख) उड़ीसा का तटीय क्षेत्र
(ग) एक प्रकार का रोग
(घ) एक अपशिष्ट पदार्थ
उत्तर:
(ख) उड़ीसा का तटीय क्षेत्र
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ध्वनि प्रदूषण को किस इकाई में मापा जाता है?
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण को डेसीबल में मापा जाता है।
प्रश्न 2.
जल प्रदूषण के कोई दो कारण लिखिये।
उत्तर:
- औद्योगिक कचरे का नदी-नालों-झीलों में विसर्जन।
- नगरों का वाहित मल निपटान तथा नगरीय वाही जल।
प्रश्न 3.
पर्यावरण प्रदूषण किसका परिणाम है?
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अवशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव एवं ऊर्जा का परिणाम है।
प्रश्न 4.
भारत के किस भाग में मृदा का लवणीकरण सर्वाधिक है और क्यों?
उत्तर:
उत्तरी भारत में अत्यधिक जल सिंचाई के कारण।
प्रश्न 5.
बिहार तथा उत्तर प्रदेश राज्यों में गंगा नदी के प्रदूषित भाग कौनसे हैं?
उत्तर:
कानपुर से वाराणसी तथा वाराणसी से पटना।
प्रश्न 6.
वायु प्रदूषण के तीन प्राकृतिक स्रोत बताओ।
उत्तर:
ज्वालामुखी विस्फोट, धूल तथा अग्नि।
प्रश्न 7.
नगरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय बताओ।
उत्तर:
सीसा रहित पेट्रोल का उपयोग।
प्रश्न 8.
जल प्रदूषण के लिए उत्तरदायी किन्हीं तीन सांस्कृतिक स्रोतों के नाम बताओ।
उत्तर:
तीर्थ यात्राएं, धार्मिक मेले व पर्यटन।
प्रश्न 9.
उर्वरकों के अधिक प्रयोग से धरातलीय जल में किस तत्व की मात्रां बढ़ जाती है?
उत्तर:
नाइट्रेट।
प्रश्न 10.
वायु प्रदूषण मानव को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
इससे मानव में श्वसन तंत्रीय, तंत्रिका तंत्रीय तथा रक्त संचार तंत्र सम्बन्धी विभिन्न बीमारियाँ हो जाती हैं।
प्रश्न 11.
भू-निम्नीकरण क्या है?
उत्तर:
स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता में कमी होना।
प्रश्न 12.
प्रदूषण कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
प्रदूषण मुख्यतः चार प्रकार का होता है-जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और मृदा प्रदूषण।
प्रश्न 13.
धूम्र कोहरा (Smog) किसे कहते हैं?
उत्तर:
औद्योगिक नगरों में जब प्रदूषित गैसें व प्रदूषक तत्त्व सामान्य रूप से पड़ने वाले कोहरे से मिल जाते हैं, तो उसे धूम्र कोहरा कहते हैं।
प्रश्न 14.
भारत की दो सर्वाधिक प्रदूषित नदियों के नाम बताइये।
उत्तर:
भारत में गंगा तथा यमुना सर्वाधिक प्रदूषित नदियाँ हैं।
प्रश्न 15.
वायु को प्रदूषित करने वाली किन्हीं चार विषैली गैसों के नाम बताइये।
उत्तर:
वायु को प्रदूषित करने वाली विषैली गैसेंकार्बन मोनोक्साइड, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड हैं।
प्रश्न 16.
अम्लीय वर्षा का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
कारखानों एवं उद्योगों से निकलने वाली गंधक अम्लीय वर्षा के लिए उत्तरदायी होती है।
प्रश्न 17.
रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग के क्या दुष्परिणाम होते हैं?
उत्तर:
इनके अत्यधिक प्रयोग से भूमि में सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की पुनः उर्वरकता प्राप्त करने की प्राकृतिक प्रक्रिया अवरुद्ध हो जाती है।
प्रश्न 18.
सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग कौनसे हैं?
उत्तर;
सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग चमड़ा, लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन उद्योग हैं।
प्रश्न 19.
जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के नाम बताइये।
उत्तर:
प्रदूषित जल के उपयोग से प्रायः दस्त (डायरिया), आंतों के कृमि, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां हो जाती हैं।
प्रश्न 20.
गंदी बस्तियों के निवासियों के बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित क्यों रह जाते हैं?
उत्तर;
क्योंकि गंदी बस्ती के निवासी अपने कम वेतन के कारण अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं होते हैं।
प्रश्न 21.
प्राकृतिक कारकों के कारण व्यर्थ हुई भूमि कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
इसमें मुख्यतः प्राकृतिक खड्ड, मरुस्थलीय या तटीय रेतीली भूमि, बंजर चट्टानी क्षेत्र, तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र को शामिल करते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नगरीय गन्दी बस्तियों की कोई चार समस्याएँ लिखिए।
उत्तर:
नगरीय गन्दी बस्तियों की कोई चार समस्याएँ निम्न हैं-
- जीर्ण-शीर्ण मकानों की उपस्थिति।
- स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ पायी जाती हैं।
- खुली हवा का अभाव पाया जाता है।
- पेयजल का अभाव इसके अतिरिक्त प्रकाश का अभाव और शौच सुविधाओं का भी अभाव पाया जाता है।
प्रश्न 2.
आधुनिक जीवन शैली ध्वनि प्रदूषण हेतु उत्तरदायी है। समझाइये।
उत्तर:
आधुनिक जीवन शैली में ध्वनि प्रदूषण के अनेक स्रोत हैं जिनसे ध्वनि प्रदूषण को उत्तरोत्तर बढ़ावा मिलता है। जैसे-
- विविध उद्योगों से ध्वनि का उत्सर्जन।
- मशीनीकृत निर्माण तथा तोड़फोड़ के कार्यों से उत्पन्न ध्वनि।
- तीव्र चालित मोटर वाहन और वायुयानों से ध्वनि का उत्सर्जन। इसके अतिरिक्त सायरन, लाउडस्पीकर, फेरी वालों के अलावा
- सामुदायिक गतिविधियों से जुड़े विभिन्न उत्सवों आदि से प्रतिदिन ध्वनि का उत्सर्जन होता रहता है।
प्रश्न 3.
भूमि निम्नीकरण की दो प्रक्रियाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
भूमि निम्नीकरण दो प्रक्रियाओं द्वारा तीव्रता से होता है। ये प्रक्रियाएँ प्राकृतिक तथा मानवजनित हैं। इन प्रक्रियाओं से निम्नकोटि भूमियों में जलाक्रांत व दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारता से प्रभावित भूमियाँ, झाड़ी सहित एवं झाड़ियों रहित भूमियाँ आदि सम्मिलित हैं। प्राकृतिक प्रक्रियाओं की अपेक्षा मानवीय क्रियाओं द्वारा अधिक व्यर्थ भूमि का विस्तार हुआ है।
प्रश्न 4.
भारत में नगरीय अपशिष्ट का निपटान किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
नगरीय अपशिष्ट निपटान-नगरीय अपशिष्ट को कूड़ा-करकट, रद्दी, गंदगी एवं कबाड़ भी कहा जाता है। इसकी प्रास्ति दो स्रोतों से होती है-घरेलू प्रतिष्ठानों से एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से। घरेलू कचरे को या तो सार्वजनिक भूमि पर या निजी ठेकेदारों के स्थलों पर डाला जाता है जबकि औद्योगिक या व्यावसायिक इकाइयों के कचरे का संग्रहण एवं निपटान जन सुविधाओं (नगरपालिकाओं) के द्वारा निचली सतह की सार्वजनिक जमीन (गड्ढों) पर निस्तारित किया जाता है।
प्रश्न 5.
ध्वनि प्रदूषण के बारे में बताइये।
उत्तर;
- ध्वनि प्रदूषण-विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहनीय सीमा से अधिक तथा असहज होना ही ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। यह प्रदूषण स्थान विशिष्ट होता है तथा इसकी तीव्रता प्रदूषण के स्रोतों से दूर जाने पर कम होती जाती है। ध्वनि के स्तर को ‘डेसीबल’ में मापा जाता है।
- ध्वनि प्रदूषण के स्रोत-ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत विविध उद्योगों से निकलता शोर, मशीनीकृत निर्माण तथा तोड़-फोड़ कार्य, तीव्र चालित मोटर-वाहन और वायुयान से उत्पन्न शोर, सायरन, लाउडस्पीकर आदि होते हैं।
प्रश्न 6.
आधुनिक कृषि जल प्रदूषण हेतु किस प्रकार उत्तरदायी है? समझाइये।
उत्तर:
आधुनिक कृषि प्रणाली का वर्तमान समय में विश्व के अनेक भागों में उपयोग किया जा रहा है। इस कृषि में विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग होता है, जैसे कि अकार्बनिक उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक आदि। यह रासायनिक पदार्थ भी प्रदूषण उत्पादन करने वाले घटक होते हैं। इन रसायनों को नदियों, झीलों तथा तालाबों में बहा दिया जाता है। ये सभी रसायन जल के माध्यम से जमीन में स्रावित होते हुए भू-जल तक पहुंच जाते हैं जिससे वह प्रदूषित हो जाता है। उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट की मात्रा को बढ़ा देते हैं।
प्रश्न 7.
भारत में गंदी बस्तियों की समस्या के समाधान के कोई चार उपाय बताइये।
उत्तर:
भारत में गन्दी बस्तियों की समस्या के समाधान के उपाय निम्न प्रकार हैं-
- गन्दी बस्तियों को सुनियोजित प्रकार से हटाकर यहां रहने वालों को योजनाबद्ध कॉलोनी में अत्यधिक रियायती दर पर आवास उपलब्ध कराया जाये।
- गंदी बस्तियों में मूलभूत नागरिक सुविधाएँ जैसे पीने का पानी, बिजली, सड़कें, कचरे का निस्तारण आदि उपलब्ध करायी जायें।
- गंदी बस्तियों में शौचालयों की तथा मल निस्तारण की भी व्यवस्था उपलब्ध करायी जाये।
- गंदी बस्तियों में शिक्षा का प्रसार किया जाये ताकि लोग शिक्षित हों, साफ-सफाई का ध्यान रखें तथा सामाजिक बुराइयों में भागीदार न बनें।
प्रश्न 8.
धारावी गंदी बस्ती के कोई चार लक्षण लिखिये।
उत्तर:
एशिया की विशालतम गंदी बस्ती धारावी के मुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं –
- समुची बस्ती में अस्थायी निर्माण के भवन हैं, जो दो से तीन मंजिल तक ऊँचे हैं।
- यहाँ अनेक मूल्यवान एवं उपयोगी सामान बनाए जाते हैं, जैसे-मृत्तिका शिल्प (सेरेमिक्स), उत्कृष्ट आभूषण सेट, लकड़ी का फर्नीचर आदि।
- धारावी वस्तुतः सागर का एक हिस्सा है जो कि व्यापक रूप से कचरे से भरी गई जगह पर है।
- यहाँ नालीदार चादरों से बनी 20 मीटर ऊँची जगह/भवन इधर-उधर संबद्ध पड़ी है जिनमें खाल एवं चमड़ा शोधन के कार्य होते हैं।
प्रश्न 9.
वायु प्रदूषण से होने वाले हानिकारक प्रभाव बताइये।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव-वायु प्रदूषण, वायु में धूल, धुआँ, जहरीली गैस आदि प्रदूषकों के अधिक मात्रा में मिलने के कारण होता है। यह प्रदूषित वायु मानव स्वास्थ्य, पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं पर निम्न प्रकार से हानिकारक प्रभाव डालती है-
- वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों का संकेन्द्रण बढ़ने से वायुमंडल के तापमान में वृद्धि हो जाती है।
- इन गैसों के कारण नगरों में धूम्र कोहरा छा जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
- वायु प्रदूषण से अम्ल वर्षा भी हो सकती है।
- वाहनों एवं अन्य साधनों से निकली क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैस ओजोन परत को पतला कर देती है, जिससे सूर्य की पराबेंगनी किरणें सीधी पृथ्वी पर पहुँचकर तापमान को बढ़ा देती हैं।
प्रश्न 10.
उद्योगों से निकले कौन-कौनसे अपशिष्ट पदार्थ जल प्रदूषण को बढ़ाते हैं?
उत्तर:
जल प्रदूषण के स्रोतों में उद्योग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग-चमड़ा, लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन हैं। उत्पादन प्रक्रिया में, उद्योग अनेक अवांछित उत्पाद पैदा करते हैं, जिनमें औद्योगिक कचरा, प्रदूषित अपशिष्ट जल, जहरीली गैसें, रासायनिक अवशेष, अनेक भारी धातुएँ, धूल, धुआँ आदि शामिल होता है। अधिकांश औद्योगिक कचरे को बहते जल में अथवा झीलों आदि में विसर्जित कर दिया जाता है। परिणामस्वरूप इनमें विद्यमान विषैले तत्व जल के भंडार, नदियों तथा अन्य जलाशयों में पहुँचकर उसको प्रदूषित कर देते हैं, जिससे इन जलों में रहने वाली जैव प्रणाली भी नष्ट हो जाती है।
प्रश्न 11.
ग्रामीण-शहरी प्रवास का कारण बताते हुए स्पष्ट कीजिए कि ग्रामीण-शहरी प्रवास में पुरुषों का प्रभुत्व होता है।
उत्तर:
ग्रामीण-शहरी प्रवास-ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर प्रवास विशेषतः नगरीय क्षेत्रों में श्रमिकों की अधिक माँग, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के निम्न अवसर तथा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मध्य विकास का असंतुलित प्रारूप आदि अनेक कारकों के कारण होता है। ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब, अर्ध शिक्षित एवं अकुशल श्रमिक शहरी क्षेत्रों की ओर रोजगार की तलाश एवं अपने परिवार के भरण-पोषण के साधन जुटाने हेतु प्रवास करते हैं। चूँकि गंतव्य स्थान पर मजदूरी या वेतन कम होता है, इसलिए यह पतियों को गाँव में बच्चों एवं बड़ों की देखभाल के लिए छोड़ जाते हैं, जिस कारण ग्रामीण-शहरी प्रवास में पुरुषों की संख्या अधिक होती है।
प्रश्न 12.
धारावी क्षेत्र में मुख्यतः कौन-कौनसे निर्माण कार्य किए जाते हैं?
उत्तर:
महाराष्ट्र राज्य में अवस्थित धारावी एशिया की सबसे बड़ी गंदी बस्ती है। धारावी वस्तुतः सागर का ही एक हिस्सा है, जो कि व्यापक रूप से कचरे से भरी गई जगह पर है। धारावी में मुख्यतः मृत्तिका शिल्प (सेरेमिक्स), मिट्टी के बर्तन, कसीदाकारी एवं जरी का काम, परिष्कृत चमड़े का काम; उच्च फैशन, वस्त्रादि, महीन पिरवां (रॉट), धातु (रॉट मैंटल) का कार्य, उत्कृष्ट आभूषण निर्माण, लकड़ी का पच्चीकारी तथा फर्नीचर आदि का निर्माण कार्य किया जाता है।
प्रश्न 13.
झाबुआ जिले में ‘जल संभरण प्रबंधन कार्यक्रम.’ को प्रारंभ किये जाने का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
झाबुआ जिला मध्यप्रदेश के अति पश्चिमी कृषि जलवायु क्षेत्र में स्थित है। मुख्यतः भील जनजाति की उच्च सांद्रता रखने वाला यह क्षेत्र देश के सर्वाधिक पांच पिछड़े जिलों में से एक है। झाबुआ में भारत सरकार के ‘ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्रालय’ के सहयोग से ‘जल संभरण प्रबंधन कार्यक्रम’ प्रारंभ किया गया है।
जल संभरण प्रबंधन कार्यक्रम मुख्यतः भूमि, जल तथा वनस्पतियों के बीच संबद्धता को पहचान कर एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से भूमि निम्नीकरण को रोकने तथा भूमि की गुणवत्ता को सुधारने हेतु क्रियान्वित किया गया है। यह कार्यक्रम सामुदायिक सहभागिता से लोगों की आजीविका को सुधारने का प्रयास भी करता है।
प्रश्न 14.
प्रदूषण के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं? किसी एक प्रकार के प्रदूषण के प्रमुख स्रोत लिखिए।
उत्तर:
(1) प्रदूषण-पर्यावरण का वह कोई भी परिवर्तन, जो पर्यावरण की गिरावट में योगदान देता है, प्रदूषण कहलाता है।
प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर पर्यावरण प्रदूषण निम्न चार प्रकार का होता है –
- जल प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- भूमि-प्रदूषण।
(2) वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत-वायु प्रदूषण मुख्यतः वायु में अवांछित तत्त्वों के अधिक मात्रा में मिल जाने के कारण होता है। वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन और उद्योग हैं। इन प्रक्रियाओं से वायु में सल्फर व नाइट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, सीसा तथा एस्बेस्टास आदि निर्मुक्त होते हैं, जिससे वायु प्रदूषित होती है।
प्रश्न 15.
भारत में भूमि प्रदूषण कम करने के उपाय बताइये।
उत्तर:
भूमि प्रदूषण-भूमि प्रदूषण मुख्यतः औद्योगिक और नगरीय अपशिष्टों के द्वारा होता है। इन अपशिष्टों को सही तरीके से नष्ट करके कुछ हद तक भूमि प्रदूषण को कम किया जा सकता है। साधारणतः निम्न उपाय अपनाकर भूमि प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है-
- उद्योगों द्वारा निकले अवशिष्ट जल का प्रयोग सिंचाई में नहीं करके मृदा के ह्रास को रोका जा सकता है।
- उद्योगों एवं नगरों से निकले अपशिष्टों एवं विषैले पदार्थों को उपयोगी भूमि में नहीं मिलने देना चाहिए वरन् इनको निर्धारित स्थानों पर ही डालना चाहिए।
- रासायनिक खाद एवं उर्वरकों के स्थान पर कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया जाना चाहिए।
- कारखानों से निकलने वाली हानिकारक गैसों, मुख्यतः गंधक के कारण अम्लीय वर्षा होती है, जिससे मृदा में अम्लता बढ़ जाती है। अतः इसको रोकने के प्रयास करने चाहिए।
प्रश्न 16.
भू-निम्नीकरण का अर्थ क्या है? यह किन प्रक्रियाओं द्वारा होता है? वर्णन कीजिये।
अथवा
भू-निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी प्रक्रियाओं के आधार पर भू- निम्नीकरण को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
भू-निम्नीकरण-स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता में कमी होना ही, भू- निम्नीकरण कहलाता है। भू-निम्नीकरण के लिए प्राकृतिक एवं मानवजनित प्रक्रियाएँ उत्तरदायी होती हैं। इनके आधार पर भूनिम्नीकरण को निम्न प्रकार से वर्गीकृत कर सकते हैं –
- प्राकृतिक कारकों द्वारा उत्पन्न भू-निम्नीकरण क्षेत्र-इसमें प्राकृतिक खड्ड, मरुस्थलीय या तटीय रेतीली भूमि, बंजर चट्टानी क्षेत्र, तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र सम्मिलित हैं।
- मानवीय क्रियाओं द्वारा उत्पन्न भू-निम्नीकरण क्षेत्र-इसमें स्थानांतरित कृषि जनित क्षेत्र, रोपण कृषि जनित क्षेत्र, क्षरित वन, क्षरित चरागाह तथा खनन व औद्योगिक व्यर्थ क्षेत्र को सम्मिलित किया जाता है।
- प्राकृतिक एवं मानवजनित प्रक्रियाओं से उत्पन्न भू-निम्नीकरण क्षेत्र-इसमें जलाक्रांत व दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारता से प्रभावित भूमियाँ, झाड़ी सहित व झाड़ी रहित भूमियां आदि सम्मिलित हैं।
प्रश्न 17.
गंगा और यमुना नदियों में प्रदूषण की तुलना कीजिए।
उत्तर:
गंगा और यमुना नदियों में प्रदूषण की तुलना –
गंगा नदी | यमुना नदी | |
(1) प्रदूषित भाग | (i) कानपुर के नीचे का भाग (ii) वाराणसी के नीचे का भाग(iii) फरक्का बैराज से इलाहाबाद तक। |
(i) दिल्ली से चम्बल तक का भाग। (ii) मथुरा और आगरा। |
(2) प्रदूषण का स्वरूप | (i) कानपुर जैसे औद्योगिक नगरों से औद्योगिक अवशिष्टों की प्रासि
(ii) नगरीय केन्द्रों से घरेलू अपशिष्ट का मिलना (iii) नदियों में लाशों का विसर्जन करने से। |
(i) हरियाणा और उत्तर प्रदेश द्वारा सिंचाई के लिए जल की निकासी।
(ii) कृषिगत उत्पादों के मिलने से यमुना में सूक्ष्म प्रदूषकों के स्तर में वृद्धि। |
(3) मुख्य प्रदूषक | कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी,पटना तथा कोलकाता जैसे नगर घरेलू कचरे को नदी में प्रवाहित करते हैं। | दिल्ली का अपने घरेलू अपशिष्ट को नदी में डलना। |
प्रश्न 18.
नमामि गंगे कार्यक्रम पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
नमामि गंगे कार्यक्रम-एक नदी के रूप में गंगा का राष्ट्रीय महत्त्व है, लेकिन प्रदूषण को नियन्त्रित करके नदी के सम्पूर्ण मार्ग की सफाई की आवश्यकता है। केन्द्र सरकार ने निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम आरम्भ किया है –
- शहरों में सीवर ट्रीटमेंट की व्यवस्था कराना।
- औद्योगिक प्रवाह की निगरानी रखना।
- नदियों का विकास करना।
- नदी के किनारों पर वनीकरण जिससे जैवविविधता में वृद्धि हो।
- नदियों के तल की सफाई करना।
- उत्तराखण्ड, यू.पी., बिहार, झारखण्ड में ‘गंगा ग्राम’ का विकास करना।
- नदी में किसी भी प्रकार के पदार्थों को न डालना भले ही वे किसी अनुष्ठान से सम्बन्धित हों, इससे प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है।
- इसके सम्बन्ध में लोगों में जागरूकता पैदा करना।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों, सत्निहित प्रदूषण एवं प्रदूषण के स्रोतों को तालिकाबद्ध करके समझाइये।
उत्तर:
प्रदूषण के विभिन्न प्रकार, सत्निहित प्रदूषण एवं प्रदूषण के स्रोत –
प्रदूषण के प्रकार | सत्निहित प्रदूषण | प्रदूषण के स्रोत |
वायु प्रदूषण | सल्फर के ऑक्साइड (So2, So3) नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, अमोनिया, सीसा, एल्डिहाइड्स, एस्बेस्टोस एवं बेरिलियम। | कोयले, पेट्रोल व डीजल का दहन, औद्योगिक प्रक्रम, ठोस कचरा निपटान, वाहित मल (जलमल) निपटान आदि। |
जल प्रदूषण | बदबू, घुलित एवं निलंबित ठोस कण, अमोनिया तथा यूरिया, नाइट्रेट एव नाइट्राइट्स, क्लोराइड्स, फ्लोराइड्स, कार्बोनेट्स, तेल एवं ग्रीस (चिकनाई), कीटनाशकों एवं पीड़कनाशी के अवशेष, टैनिन, कोलीफार्म एम पी एम (जीवाणु गणना), सल्फेट्स एवं सल्फाइड्स, भारी धातुएँ जैसेकि सीसा, आर्सेनिक, पारा, मैंगनीज आदि रेडियोधर्मी पदार्थ तत्व। | वाहित मल निपयन, नगरीय वाही जल, उद्योगों के विषाक्त, कृषित भूमि के ऊपर से बहता जल, बहि: स्राव तथा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र। |
भूमि प्रदूषण | मानव एवं पशु मलादि, विषाणु तथा जीवाणु तथा रोगवाहक विरलन कीटनाशक एवं उर्वरक, अवशिष्ट क्षारीयता, फ्लोराइड्स, रेडियोधर्मी पदार्थ। | अनुचित मानव क्रियाकलाप, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट का निपटान, पीड़कनाशी एवं उर्वरकों का उपयोग। |
ध्वनि प्रदूषण | सहन क्षमता से अधिक ऊँची ध्वनि का स्तर। | वायुयान, मोटर-वाहन, रेलगाड़ियाँ, औद्योगिक प्रक्रम तथा विज्ञापन मीडिया। |
प्रश्न 2.
ध्वनि प्रदूषण से क्या आशय है? इसके स्रोत एवं दुष्प्रभावों का वर्णन कीजिए।
अथवा
ध्वनि प्रदूषण पर एक लेख लिखिये।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण – विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहनीय सीमा से अधिक तथा असहज होना ही ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। विभिन्न प्रकार के प्रौद्योगिकीय अन्वेषणों के चलते, हाल ही के वर्षों में यह एक गंभीर समस्या बनकर उभरा है।
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत-ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत निम्न प्रकार हैं –
- विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण तथा तोड़-फोड़ कार्य, तीव्रचालित मोटर-वाहन और वायुयान इत्यादि।
- सायरन, लाउडस्पीकर, फेरी वाले तथा सामुदायिक गतिविधियों से जुड़े विभिन्न उत्सव संबंधी कार्यों से होने वाला, आवधिक किंतु प्रदूषण करने वाला शोर।
ध्वनि प्रदूषण के सभी स्रोतों में से यातायात द्वारा पैदा किया गया शोर सबसे बड़ी समस्या है। ध्वनि प्रदूषण स्थान विशिष्ट होता है तथा इसकी तीव्रता प्रदूषण के स्रोत जैसे कि औद्योगिक क्षेत्र, परिवहन मार्ग, हवाई अड्डे इत्यादि मुख्य मार्ग से दूर कम होती जाती है। भारत के कई बड़े शहरों एवं महानगरों में ध्वनि प्रदूषण बहुत खतरनाक है।
- ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव-इसके निम्न दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं-
- इससे बहरापन हो सकता है।
- यह तनाव को जन्म देता है।
- ध्वनि प्रदूषण चिड़चिड़ापन उत्पन्न करता है।
- इससे नींद में खलल उत्पन्न होती है।
- व्यक्ति की एकाग्रता नहीं रह पाती है।