Understanding the question and answering patterns through Class 12 Geography Question Answer in Hindi Chapter 10 परिवहन तथा संचार will prepare you exam-ready.
Class 12 Geography Chapter 10 in Hindi Question Answer परिवहन तथा संचार
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में सड़कों की दशा सुधारने के लिए ‘बीस वर्षीय सड़क योजना ‘ कब आरम्भ की गई थी?
(क) 1943
(ख) 1961
(ग) 1972
(घ) 1981
उत्तर:
(ख) 1961
प्रश्न 2.
भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की शुरूआत कब हुई थी?
(क) 1961
(ख) 1976
(ग) 1985
(घ) 1995
उत्तर:
(घ) 1995
प्रश्न 3.
देश में सीमा सड़क संगठन कब बनाया गया था?
(क) 1960
(ख) 1970
(ग) 1980
(घ) 1990
उत्तर:
(क) 1960
प्रश्न 4.
देश में अंतःस्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना कब हुई थी?
(क) 1996
(ख) 1986
(ग) 1976
(घ) 1966
उत्तर:
(ख) 1986
प्रश्न 5.
भारत में वायु परिवहन की शुरूआत कब हुई थी?
(क) 1911
(ख) 1921
(ग) 1927
(घ) 1948
उत्तर:
(क) 1911
प्रश्न 6.
नार्थ वेस्टर्न रेल मण्डल का मुख्यालय कहाँ है?
(क) इलाहाबाद
(ख) दिल्ली
(ग) चेन्नई
(घ) जयपुर
उत्तर:
(घ) जयपुर
प्रश्न 7.
देश में सर्वप्रथम टी.वी. का प्रसारण कब हुआ था?
(क) 1923
(ख) 1936
(ग) 1959
(घ) 1972
उत्तर:
(ग) 1959
प्रश्न 8.
सड़क जाल के हिसाब से भारत का विश्व में कौनसा स्थान है?
(क) पहला
(ख) दूसरा
(ग) तीसरा
(घ) चौथा
उत्तर:
(ख) दूसरा
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पवन हंस क्या है? यह किन दो क्षेत्रों में सेवा प्रदान करती है?
उत्तर:
पवन हंस एक हेलीकॉप्टर सेवा है। यह पेट्रोलियम सेक्टर और उत्तर-पूर्व पर्वतीय क्षेत्र में पर्यटन के लिए हेलीक्रॉप्टर सेवाएँ प्रदान करती है।
प्रश्न 2.
भारतीय रेल के तीनों गेजों के नाम बताइए।
उत्तर:
ब्रॉड गेज (बड़ी लाइन), मीटर गेज (छोटी लाइन) और नैरो गेज (संकरी लाइन)।
प्रश्न 3.
पूर्व-पश्चिम गलियारा के निर्माण का क्या उद्धेश्य है?
उत्तर:
सिलचर (असम) से पोरबंदर (गुजरात) को जोड़ना।
प्रश्न 4.
उत्तर-दक्षिण गलियारा किन दो क्षेत्रों को जोड़ता है?
उत्तर:
श्रीनगर को कन्याकुमारी (तमिलनाडु) से।
प्रश्न 5.
भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-से हैं?
उत्तर:
सड़क, रेल, जल और वायु परिवहन।
प्रश्न 6.
भारत में निर्मित संसार की सबसे अधिक ऊँचाई वाला सड़क मार्ग कौनसा है?
उत्तर:
लेह (लद्याख)-मनाली (हिमाचल प्रदेश)चंडीगढ़ सड़क मार्ग।
प्रश्न 7.
इंडियन एयरलाइंस का विलय किसमें किया गया है?
उत्तर:
इंडियन एयरलाइंस का विलय एयर इण्डिया में किया ग्राया है?
प्रश्न 8.
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना किन शहरों को जोड़ती है?
उत्तर:
यह परियोजना दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई एवं कोलकाता को जोड़ती है।
प्रश्न 9.
भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या कितनी है?
उत्तर:
भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 5 है।
प्रश्न 10.
हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी (NRSA) का महत्वपूर्ण कार्य क्या है?
उत्तर:
आंकड़ों के अधिग्रहण एवं प्रक्रमण की सुविधा उपलब्ध कराना।
प्रश्न 11.
‘पवन हंस लिमिटेड’ का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर:
पेट्रोलियम सेक्टर के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपल्ब्ध कराना।
प्रश्न 12.
भारत एवं बांग्लादेश द्वारा साझा रूप में किस राष्ट्रीय जलमार्ग का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय जलमार्ग-2 का।
प्रश्न 13.
नेशनल रिमोट सेन्सिंग एजेंसी (NRSA) कहाँ स्थित है?
उत्तर:
हैदराबाद में।
प्रश्न 14.
स्यारत में पहली रेल लाईन किन क्षेत्रों के मध्य निरिंत की गई थी?
उत्तर:
भारत में पहली रेल लाईन 1853 में मुम्बई से थाणे के मध्य 34 किलोमीटर की लंबाई में निर्मित की गई थी।
प्रश्न 15.
भारत में वायु परिवहन की शुरूआत कब हुई थी?
उत्तर:
भारत में प्रथम वायु परिवहन सेवा 1911 में इलाहाबाद से नैनी के मध्य 10 किलोमीटर की दूरी हेतु प्रारंभ की गई थी।
प्रश्न 16.
भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (N.H.A.I.) क्या है?
उत्तर:
यह भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रख-रखाव तथा परिचालन को देखती है।
प्रश्न 17.
‘आयल इंडिया लिमिटेड’ के द्वारा क्या कार्य किए जाते हैं?
उत्तर:
‘आयल इंडिया लिमिटेड’ मुख्यतः कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहुन का कार्य करती है।
प्रश्न 18.
संचार के साधनों को कितने वर्गों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर:
संचार के साधनों को दो वर्गों-वैयक्तिक संचार तंत्र एवं जनसंचार तंत्र में विभाजित किया जा सकता है।
प्रश्न 19.
भारत में रेडियो का प्रसारण सबसे पहले किसके द्वारा शुरू किया गया था?
उत्तर:
भारत में रेडियो का प्रसारण 1923 में ‘रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे’ द्वारा प्रारम्भ किया गया था।
प्रश्न 20.
आई.आर.एस, तथा इनसैट का पूरा नाम बताइये।
उत्तर:
- आई.आर.एस.—इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सिस्टम।
- इनसैट-इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम।
प्रश्न 21.
IRS उपग्रह प्रणाली कब प्रारम्भ हुई थी?
उत्तर:
IRS उपग्रह प्रणाली मार्च, 1988 में रूस के बैकानूर से आई.आर.एस.- वन ए (IRS-1A) के प्रक्षेपण के साथ प्रारम्भ हुई थी।
प्रश्न 22.
उपग्रह से प्राप्त चित्रों का कहाँ उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर:
उपग्रह से प्राप्त चित्रों का मौसम के पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, सीमा क्षेत्रों की चौकसी आदि के लिए उपयोग किया जा सकता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
परिवहन के साधनों को चित्र/आरेख द्वारा दर्शाइये।
उत्तर:
प्रश्न 2.
यदि आपको लम्बी दूरी कम समय में तय करनी है, आप किस परिवहन साधन का चयन करेंगे और क्यों?
उत्तर:
लम्बी दूरी कम समय में तय करने के लिए हम ‘वायु परिवहन’ का चयन करेंगे क्योंकि यह परिवहन का तीव्रतम साधन है। तीव्रगामी होने के कारण इसके द्वारा लम्बी दूरी को कुछ घण्टों और मिनटों में तय किया जा सकता है। इसलिए लम्बी दूरी तय करने के लिए हम भी वायु परिवहन का ही चयन करेंगे।
प्रश्न 3.
ग्रांड ट्रंक ( जी.टी.) रोड पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य को सिंधु घाटी (पाकिस्तान) से लेकर बंगाल की सोनार घाटी तक सुदृढ़ एवं संघटित रखने के लिए कोलकाता से पेशावर तक एक शाही राजमार्ग का निर्माण करवाया था। इस राजमार्ग को ही ब्रिटिश शासन के दौरान ग्रांड ट्रंक (जी.टी.) रोड के नाम से पुन: नामित किया गया था। वर्तमान में यह अमृतसर से कोलकाता के बीच विस्तृत है एवं इसे दो खंडों में विभाजित किया गया है –
(क) राष्ट्रीय राजमार्ग NH-दिल्ली से अमृतसर तक।
(ख) राष्ट्रीय राजमार्ग NH-दिल्ली से कोलकाता तक।
प्रश्न 4.
रेल उपकरणों के निर्माण से सम्बन्धित किन्हीं छः कारखानों के नाम बताइये।
उत्तर:
रेल उपकरणों के निर्माण से सम्बन्धित कारखाने हैं-
- चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स – पश्चिम बंगाल
- डीजल लोकोमोटिव वक्स – वाराणसी
- इंटीग्रल कोच फैक्ट्री – पेराम्बूर
- रेल कोच फैक्ट्री – कपूरथला और रायबरेली
- डीजल कंपोनेंट वर्क्स – पटियाला
- भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड – बंगलौर।
प्रश्न 5.
पवन हंस पर संक्षित्त लेख लिखिये।
अथवा
पवन हंस क्या है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
पवन हंस-पवन हंस वायु परिवहन का एक साधन है। यह एक हेलीकॉप्टर सेवा है जो पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा उपलब्ध कराता है। उत्तर-पूर्व सेक्टर में पर्यटकों द्वारा इसका व्यापक उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त पवन हंस लिमिटेड मुख्यत: पेट्रोलियम सेक्टर के लिए भी हेलीकॉफ्टर सेवाएँ उपलब्य कराता है।
प्रश्न 6.
परिवहन एवं संचार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन एवं संचार में अन्तर
परिवहन | संचार |
1. लोगों तथा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले जाने का साधन परिवहन कहलाता है। | एक स्थान से दूसरे स्थान या व्यक्ति तक विचार, दर्शन या सूचनाएँ भेजने का साधन संचार कहलाता है। |
2. देश के आर्थिक विकास को गतिशीलता प्रदान करने के लिए परिवहन आवश्यक है। | देश की सामाजिक प्रगति के लिए संचार साधन आवश्यक है। |
3. परिवहन मुख्यतः सड़क, रेल, जलमार्ग एवं वायुमार्ग द्वारा सम्पन्न होता है। | डाक, तार, टे लीफोन, इन्टरनेट, टेलीविजन आदि संचार के प्रमुख साधन हैं। |
प्रश्न 7.
कडल क्या है? लिखिए़ां
उत्तर:
कडल-केरल राज्य में स्थित पश्च जल, कडल कहलाता है। कडल का अंतःस्थलीय जलमार्गों में अपना एक विशिष्ट महत्त्व है। ये परिवहन का सस्ता साधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ केरल में भारी संख्या में पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं। यहाँ की प्रसिद्ध ‘नेहरू ट्रॉफी नौकादौड़’ (वल्लामकाली) भी पश्च जल में आयोजित की जाती है।
प्रश्न 8.
राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों में अन्तर –
राष्ट्रीय मार्ग | राज्य मार्ग |
(i) इन मार्गों का निर्माण एवं अनुरक्षण एवं अनुरक्षण जाता है। किया जाता है। | (i) इन मार्गों का निर्माण केन्द्र सरकार द्वारा किया राज्य सरकारों द्वारा |
(ii) इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का मात्र 2 प्रतिशत भाग आता है। | (ii) इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 4 प्रतिशत भाग आता है। |
प्रश्न 9.
मापदण्ड एवं गुणवत्ता के आधार पर संचार के साधनों को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
संचार के विभिन्न साधनों द्वारा विचार, दर्शन तथा संदेशों का विनिमय एक स्थान से दूसरे स्थान अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक किया जाता है। मापदण्ड एवं गुणवत्ता के आधार पर संचार साधनों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-
प्रश्न 10.
भारत में स्थित तेल एवं गैस पाइप लाइनों के विषय में लिखिए।
उत्तर:
तेल एवं गैस पाइप लाइन-पाइप लाइनें गैसों एवं तरल पदार्थों के लंबी दूरी तक परिवहन हेतु अत्यधिक सुविधाजनक एवं सक्षम परिवहन प्रणाली है। इनके द्वारा ठोस पदार्थों को भी घोल या गारा में बदलकर परिवहित किया जा सकता है।
वर्तमान में देश में स्थित महत्त्वपूर्ण पाइप लाइनें निम्नलिखित हैं –
- असम के नहरकटिया तेल क्षेत्र से बरौनी के तेल शोधन कारखाने तक (लंबाई 1,157 किमी.)।
- बरौनी से कानपुर तक।
- अंकलेश्वर से कोयली तक।
- मुंबई हाई से कोयली तक।
- हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HVJ) पाइप लाइन।
- सलाया (गुजरात) से मथुरा (उ. प्र.) तक (लंबाई 1,256 किमी.)।
- नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक (लंबाई 660 किमी.)।
प्रश्न 11.
कोंकण रेलवे की विशेषता बताइये।
उत्तर:
भारत में कोंकण रेलवे का निर्माण 1998 में किया गया था। यह 760 किलोमीटर लंबा रेलमार्ग है, जो महाराष्ट्र के रोहा को कर्नाटक के मंगलौर से जोड़ता है। कोंकण रेलवे को अभियांत्रिकी का एक अनूठा चमत्कार माना जाता है। यह रेलमार्ग 146 नदियों व धाराओं तथा 2000 पुलों एवं 91 सुरंगों को पार करता है। इस रेलमार्ग पर एशिया की सबसे लंबी सुरंग भी है, जो 6.5 किलोमीटर लम्बी है। कोंकण रेलवे उद्यम में कर्नाटक, गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य भागीदार हैं।
प्रश्न 12.
ओ. आई. एल. क्या है?
उत्तर:
ओ. आई. एल.-पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासन के अधीन स्थापित ओ. आई. एल. अर्थात् ‘आयल इंडिया लिमिटेड’ कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन का कार्य करती है। इसे 1959 में एक कंपनी के रूप में निगमित किया गया था।
एशिया की पहली 1,157 किमी. लंबी देशपारीय पाइपलाइन का निर्माण ओ. आई. एल. द्वारा ही किया गया था। यह पाइपलाइन असम के नहरकटिया तेल क्षेत्र से बरौनी के तेल शोधन कारखाने तक थी। इसके अतिरिक्त ओ.आई.एल. द्वारा नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक 660 किमी. लंबी पाइप लाइन बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रश्न 13.
भारतमाला योजना के प्रमुख लक्ष्य/उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
- तटवर्ती भागों से लगे हुए राज्यों की सड़कों का विकास/सीमावर्ती भागों तथा छोटे बन्दरगाहों को जोड़ना।
- पिछड़े इलाकों, धार्मिक, पर्यटन स्थलों को जोड़ने की योजना।
- सेतू भारतम परियोजना के अन्तर्गत 1500 बड़े पुलों तथा 200 रेल ओवर ब्रिज/रेल अण्डर ब्रिज का निर्माण।
- लगभग 900 कि.मी. के नए घोषित किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए जिला मुख्यालय जोड़ने क़ी योजना।
प्रश्न 14.
महासागरीय मार्गों की उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
द्वीपों सहित भारतीय समुद्र तट की लम्बाई लगभग 7,517 किलोमीटर है। देश के 12 प्रमुख तथा 185 गौण पत्तन महासागरीय मार्गों को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं। महासागरीय मार्गों का देश की अर्थव्यवस्था के परिवहन सेक्टर में भी महत्वपूर्ण योगदान है। देश में भार के अनुसार लगभग 95 प्रतिशत तथा मूल्य के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत विदेशी व्यापार महासागरीय मार्गों द्वारा होता है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के साथ-साथ इन मार्गों का उपयोग देश की मुख्य भूमि तथा समीपस्थ द्वीपों के मध्य परिवहन के लिए भी होता है।
प्रश्न 15.
भारत के राष्ट्रीय जलमार्गों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलमार्ग | विस्तार | विशिष्टता |
रा.ज.मा. 1 | इलाहाबाद-हल्दिया विस्तार (1,620 कि.मी.) | यह यन्त्रीकृत नौकाओं द्वारा पटना तक साधारण नौकाओं द्वारा हरिद्वार तक नौकायन योग्य है। यह विकासात्मक उद्देश्यों के लिए तीन भागों में विभाजित है-(i) हल्द्या-फरक्का ( 560 कि.मी.), (ii) फरक्का-पटना (460 कि.मी.), (iii) पटना-इलाहाबाद ( 600 कि.मी.)। |
रा.ज.मा. 2 | सदिया-धुबरी विस्तार (891 कि.मी.) | ब्रह्मपुत्र नदी स्टीम द्वारा डिब्रूगढ़ (1384 कि.मी.) तक नौकायन योग्य है जिसका भारत व बांग्लादेश साझेदारी में प्रयोग करते हैं। |
रा.ज.मा. 3 | कोट्टापुरम-कोलम विस्तार (168 कि.मी.) | इसके अन्तर्गत पश्चिमी तट नहर ( 168 कि.मी.) के साथ चंपाकारा ( 14 कि.मी.) तथा उद्योग मण्डल ( 23 कि.मी.) नहरें आती हैं। |
रा.ज.मा. 4 | काकीनाडा तथा पुदुज्वेरी नहर स्ट्रेच के साथ-साथ गोदावरी और कृष्णा नदी का विशेष विस्तार (1078 कि.मी.)। | |
रा.ज.मा. 5 | मातई नदी, महानदी के डेल्टा चैनल, ब्राह्मणी नदी और पूर्वी तटीय नहर के साथ ब्राह्मणी नदी का विशेष विस्तार ( 588 कि.मी.)। |
प्रश्न 16.
राष्ट्रीय तथा राज्य महामार्ग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय तथां राज्य महामार्ग में निम्नलिखित अन्तर हैं –
राष्ट्रीय महामार्ग (N.H.) | राज्य महामार्ग (S.H.) |
1. यह समस्त देश की मुख्य सड़कें हैं। | यह विभिन्न राज्यों की मुख्य सड़कें हैं। |
2. यह महामार्ग प्रमुख व्यापारिक व औद्योगिक नगर, राजधानियों तथा प्रमुख पत्तनों को आपस में जोड़ते हैं। | यह महामार्ग विभिन्न राज्यों की राजधानियों को राज्यों के प्रमुख नगर एवं कार्यालयों से जोड़ते हैं। |
3. यह केन्द्रीय सरकार द्वारा निर्मित एवं अनुरक्षित किए जाते हैं। | इन मार्गों का निर्माण एवं अनुरक्षण राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। |
4. यह मार्ग आर्थिक एवं सैनिक दूष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं। | यह मार्ग प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। |
5. इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों का मात्र 2 प्रतिशत भाग आता है। | यह देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 4 प्रतिशत भाग रखते हैं। |
प्रश्न 17.
व्यक्तिगत संचार और जन संचार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यक्तिगत संचार और जनसंचार में निम्नलिखित अंतर हैं-
व्यक्तिगत संचार | जन संचार |
1. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना भेजने के साधन को व्यक्तिगत संचार कहते हैं। | जब जनसाधारण तक संदेश या सूचनाएँ भेजनी हों, तो उसे जन संचार कहा जाता है। |
2. इसके अन्तर्गत टेलीफोन, तार, ई-मेल, इंटरनेट, फैक्स आदि को सम्मिलित करते हैं। | जनसंचार के प्रमुख साधन रेडियो, टेलीविजन, उपग्रह, समाचार पत्र, पुस्तकें आदि होते हैं। |
3. इसके द्वारा उपयोगकर्त्ता ज्ञान एवं सूचना की दुनिया में सीधे पहुँच बनाने में सहायक होता है। | जनसं चार तंत्र विभिन्न साधनों के माध्यम से सूचना और शिक्षा प्रदान करके लोगों में राष्ट्रीय नीति और कार्यक्रमों के विषय में जागरूकता पैदा करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। |
प्रश्न 18.
सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ. ) के विषय में लिखिए।
उत्तर:
सीमा सड़क संगठन-मई 1960 में सीमा सड़क संगठन (बी. आर. ओ.) को देश की उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी सीमा से सटी सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सड़कों के तीव्र और समन्वित सुधार के माध्यम से आर्थिक विकास को गति देने एवं रक्षा तैयारियों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। यह एक अग्रणी बहुमुखी निर्माण अभिकरण है। इसने अति ऊँचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में चंडीगढ़ को मनाली तथा लेह (लद्दाख) से जोड़ने वाली सड़क बनाई है। सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कें बनाने व अनुरक्षण करने के साथ-साथ यह अति ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों में बर्फ हटाने का कार्य भी करता है।
प्रश्न 19.
भारत में सड़कों का वितरण असमान है, सकारण वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में सड़कों का वितरण असमान हैभारत में सभी स्थानों पर सड़कों का वितरण समरूप नहीं है। अधिकतर उत्तरी राज्यों तथा प्रमुख दक्षिण भारतीय राज्यों में सड़कों का घनत्व ऊंचा है जबकि हिमालयी पर्वतीय क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में निम्न है। कारण-धरातलीय प्रकृति तथा आर्थिक विकास के स्तर में भित्रता के कारण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों का असमान वितरण पाया जाता है। मैदानी भागों में सड़कों का निर्माण आसान तथा सस्ता होता है जबकि पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्रों में यह कठिन एवं महंगा होता है।
प्रश्न 20.
रेलवे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्गों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में धरातल की विभिन्नता के कारण विभिन्न प्रकार के रेलमार्ग बनाए गए हैं। सामान्यतः रेल पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग पाए जाते हैं-
- बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज )-इसमें रेल पटरियों के बीच की दूरी 1.616 मीटर है। इनकी कुल लम्बाई सन् 2016 में. 60,510 किलोमीटर थी।
- मीटर लाइन (मीटर गेज )-इसमें रेल पटरियों के मध्य एक मीटर की दूरी होती है। इसकी कुल लम्बाई 2016 में 3,880 किलोमीटर थी।
- छोटी लाइन (नैरो गेज )-इसमें रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मीटर होती है। इसकी कुल लम्बाई 2016 में 2,297 किलोमीटर थी। यह लाइन मुख्यतः पर्वतीय क्षेत्रों तक ही सीमित है।
प्रश्न 21.
भारत में रेलमार्गों के प्रारूप को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों के विकास को निम्न कारकों ने प्रभावित किया है-
(1) भौतिक कारक-विशेषतः भूभाग की प्रकृति रेलमार्गों के निर्माण को सर्वाधिक प्रभावित करती है। इस कारण देश में समतल मैदानी भागों में रेलमार्गों का अधिक विकास हुआ है, जैसे-उत्तरी भारत में। परन्तु अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में रेलमार्गों का विकास दुर्गम प्रदेश होने के कारण कम हुआ है।
(2) आर्थिक कारक-बड़े-बड़े औद्योगिक व व्यापारिक नगर तथा प्रमुख पत्तनों के समीप रेलमार्गों का विकास अपेक्षाकृत कम विकसित क्षेत्र जैसे राजस्थान की तुलना में अधिक हुआ है।
(3) राजनीतिक कारक-ब्रिटिश प्रशासन ने देश के संशोधनों के शोषण की नीति के कारण प्रमुख पत्तनों को देश के आंतरिक भागों से रेलमार्गों द्वारा जोड़ दिया था। स्वतंत्रता प्रासि के बाद इन रेलमार्गों का विस्तार अन्य क्षेत्रों में भी किया गया। इसमें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कोंकण रेलवे का विकास है, जो भारत के पश्चिमी समुद्री तट के साथ मुंबई और मंगलौर के बीच सीधा संपर्क उपलब्ध कराता है।.
प्रश्न 22.
ग्रामीण सड़कों का घनत्व पर्वतीय, पठारी एवं वनीय क्षेत्रों में बहुत कम क्यों होता है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने वाली सड़कें सामान्यत: ग्रामीण सड़कें कहलाती हैं। देश की कुल सड़कों की लम्बाई का लगभग 80 प्रतिशत भाग ग्रामीण सड़कों के अन्तर्गत आता है। ग्रामीण सड़कों का निर्माण मुख्यतः भूभाग की प्रकृति पर निर्भर करता है। इस कारण ग्रामीण सड़कों के घनत्व में प्रादेशिक विषमता पाई जाती है।
पर्वतीय, पठारी एवं वनीय क्षेत्रों की धरातलीय दशाएँ सड़क निर्माण के अनुकूल नहीं होती हैं, इसलिए समतल मैदानी भागों की तुलना में इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण कठिन एवं महंगा होता है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में सामान्यतः जन घनत्व कम पाया जाता है, जिस कारण सड़कों की आवश्यकता भी कम होती है। इस कारण इन क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों का घनत्व बहुत कम पाया जाता है।
प्रश्न 23.
भारत में भीतरी जलमार्गों का अधिक विकास नहीं होने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
यद्यपि भारत में नदियों की लम्बाई अधिक है, फिर भी परिवहन हेतु इनका पूरा उपयोग नहीं किया जाता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-
- भारत की अधिकांश नदियों में बाढ़ आने के कारण वर्षा ऋतु में नौ- संचालन संभव नहीं हो पाता।
- शुष्क ॠतु में पानी की कमी के कारण नदियों का प्रयोग जलमार्गों के रूप में नहीं होता।
- दक्षिणी भारत की नदियाँ तेज गति व ऊँचे-नीचे धरातल के कारण जल प्रपात बनाती हैं, जिस कारण वे जहाजरानी के लिए अयोग्य हैं।
- नदियों के मुहानों पर रेत के जमाव एवं छ़छले डेल्टा के निर्माण के कारण सामान्यतः छोटी-छोटी नावों का ही प्रयोग किया जा सकता है।
- अधिकतर नदियों का जल सिंचाई के लिए प्रयोग कर लिया जाता है।
उपर्युक्त के अतिरिक्त अन्य कई कारणों के कारण भारत में नदियों का भीतरी जलमार्गों के रूप में बहुत कम विकास हुआ है।
प्रश्न 24.
भारत में रेडियो के विकास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
रेडियो जनसंचार का एक लोकप्रिय एवं आसानी से सुलभ होने वाला साधन है। भारत में रेडियो का प्रसारण वर्ष 1923 में ‘रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे’ द्वारा प्रारम्भ किया गया था। तब से रेडियो ने देश में असीमित लोकप्रियता पाई है। इसके पश्चात् सरकार ने 1930 में ‘इंडियन ब्राडकास्टिंग सिस्टम’ के अन्तर्गत इस लोकप्रिय संचार माध्यम को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके बाद 1936 में इसे ‘ऑल इंडिया रेडियो’ और 1957 में ‘आकाशवाणी’ में बदल दिया गया। आकाशवाणी सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन से जुड़े विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को प्रसारित करता है। विशिष्ट अवसरों जैसे संसद तथा राज्य विधानसभाओं के सत्रों के दौरान विशेष समाचार बुलेटिनों को भी प्रसारित किया जाता है।
प्रश्न 25.
जनसंचार तंत्र टेलीविजन (टी.वी.) पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
टेलीविजन (टी.वी. )-सूचना के प्रसार और आम लोगों को शिक्षित करने में टेलीविजन प्रसारण एक अत्यधिक प्रभावी दृश्य-श्रव्य माध्यम के रूप में उभरा है। प्रारंभिक दौर में टी.वी. सेवाएँ केवल राष्ट्रीय राजधानी तक सीमित थीं, जहाँ इसे 1959 में प्रारंभ किया गया था। 1972 के बाद देश में अन्य कई केन्द्र चालू हुए। वर्ष 1976 में टी.वी. को आल इंडिया रेडियो से पृथक् कर दूरदर्शन के रूप में एक अलग पहचान दी गई थी। उपग्रह प्रौद्योगिकी विकसित होने पर भारत में राष्ट्रीय टेलीविजन डी.डी.-1 (इनसैट 1 ए) के प्रारम्भ होने से सम्पूर्ण नेटवर्क के लिए साझा राष्ट्रीय कार्यक्रमों की शुरुआत की गई एवं इन्हें देश के पिछड़े और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया।
प्रश्न 26.
यदि विश्व के सभी परिवहन के साधन एक माह के लिए ठप्प हो जाएं, तो वाणिज्य एवं व्यापार की विभिन्न सेवाओं पर क्या-क्या प्रभाव पड़ेंगे?
उत्तर:
यदि विश्व के सभी परिवहन के साधन एक माह के लिए ठप्प हो जायेंगे, तो इससे वाणिज्य एवं व्यापार की विभिन्न सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था एवं विकास में परिवहन के. साधनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। इन्हीं के माध्यम से सभी विदेशी एवं देशी व्यापार सम्पन्न होते हैं, जिससे क्षेत्र विशेष की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। अतः जब परिवहन के साधन ही ठप्प हो जायेंगे तो व्यापार एवं वाणिज्य की सेवाएँ भी स्वतः ही ठप्प हो जायेंगी, जिससे जन-जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रश्न 27.
भारतीय रेल को कितने मंडलों में बाँटा गया है? उनके एवं उनके मुख्यालयों के नाम दीजिये।
उत्तर:
भारतीय रेल मण्डल एवं इनके मुख्यालय निम्न प्रकार से हैं-
भारतीय रेल मंडल | मुख्यालय |
(1) सेन्ट्रल (मध्य रेलवे) | मुम्बई (सी.एस.टी. |
(2) ईस्टर्न (पूर्वी रेलवे) | कोलकाता |
(3) ईस्ट सेन्ट्रल (मध्य-पूर्वी रेलवे) | हाजीपुर |
(4) ईस्ट कोस्ट (पूर्वी तटीय रेलवे) | भुवनेश्वर |
(5) नार्दन (उत्तरी रेलवे) | नई दिल्ली |
(6) नार्थ सेन्ट्रल (उत्तर-मध्य रेलवे) | इलाहाबाद |
(7) नार्थ ईस्टर्न (उत्तर-पूर्वी रेलवे) | गोरखपुर |
(8) नार्थ ईस्ट फ्रंटियर (उत्तर-पूर्वी – सीमान्त रेलवे) | मालीगांवn (गुवाहाटी) |
(9) नार्थ वेस्टर्न (उत्तर-पश्चिम रेलवे) | जयपुर |
(10) सदर्न (दक्षिण रेलवे) | चेन्नई |
(11) साउथ सेन्ट्रल (दक्षिण-मध्य रेलवे ) | सिकन्दराबाद |
(12) साउथ ईस्टर्न (दक्षिण-पूर्वी रेलवे) | कोलकाता |
(13) साउथ ईस्ट सेन्ट्रल (दक्षिणपूर्वी मध्य रेलवे) | बिलासपुर |
(14) साउथ वेस्टर्न | (दक्षिण-पश्चिम – हुबली रेलवे) |
(15) वेस्टर्न (पश्चिमी रेलवे) | मुम्बई (चर्च गेट) |
(16) वेस्ट सेन्ट्रल | (पश्चिमी-मध्य – जबलपुर रेलवे) |
(नोट-वर्तमान में रेल मण्डलों की संख्या 18 हो गई है। 17 वाँ मैट्रो रेलवे कोलकाता एवं 18 वाँ मण्डल साउथर्न कोस्ट रेलवे है जिसका मुख्यालय विशाखापंट्टनम है।)
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
संचार से क्या आशय है? जनसंचार तन्त्र के साधनों का वर्णन कीजिए।
अथवा
संचार के प्रमुख साधनों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
संचार के साधन-एक स्थान से दूसरे स्थान तक सूचनाएँ, विचार एवं दर्शन आदि भेजने के साधनों को संचार के साधन कहते हैं। मापदंड एवं गुणवत्ता के आधार पर संचार के साधनों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है –
(i) वैयक्तिक संचार-एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना भेजने के साधन को वैयक्तिक संचार कहते हैं। यह मुख्यतः पत्र, तार, टेलीफोन, फैक्स, ई-मेल, इंटरनेट आदि के द्वारा सम्पन्न होता है। वैयक्तिक संचार साधनों में इंटरनेट सबसे नवीन एवं प्रभावी साधन है। यह उपयोगकर्ता को ई-मेल के माध्यम से ज्ञान और सूचना की दुनिया में सीधे पहुँच बनाने में सहायक होता है। इसका उपयोग ई-कामर्स तथा मौद्रिक लेनदेन के लिए अधिक किया जाता है। इंटरनेट विभिन्न क्षेत्रों में विस्तृत जानकारी सहित आँकड़ों का विशाल केंद्रीय भंडारगृह जैसा होता है, इस कारण नगरीय क्षेत्रों में इसका उपयोग व्यापक स्तर पर किया जाने लगा है।
(ii) जनसंचार तंत्र-जब जन-साधारण तक संदेश या सूचनाएँ भेजनी हों तो उसे जनसंचार कहते हैं। इसके अन्तर्गत रेडियो, टेलीविंजन, सिनेमा, उपग्रह, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, पुस्तकें, सम्मेलन, सभाएँ आदि को शामिल करते हैं। प्रमुख जनसंचार साधनों का वर्णन निम्न प्रकार से है –
(क) रेडियो-भारत में रेडिथो का प्रसारण 1923 में ‘रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे’ द्वारा प्रारम्भ किया गया था। रेडियों ने लोगों के सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में सहयोग किया है। इसकी लोकप्रियता के कारण भारत सरकार ने 1930 में ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम’ के अन्तर्गत इंसे अपने अधीन कर लिया। इसके बाद 1936 में इसे ‘ऑल इंडिया रेडियो’ और 1957 में आकाशवाणी में बदल दिया गया। आकाशवाणी सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन से जुड़े विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का प्रसारण करता है।
(ख) टेलीविजन-सूचना के प्रसार और जनसाधारण को शिक्षित करने में टेलीविजन एक महत्वपूर्ण श्रव्य-दृश्य साधन है। भारत में टी.वी. का सर्वप्रथम प्रसारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 1959 में हुआ था। इसके पश्चत् 1972 के उपरान्त देश में अन्य कई केन्द्र शुरू हो गये। वर्ष 1976 में टी.वी. को ‘आल इंडिया रेडियो’ से अलग कर दूरदर्शन (डी.डी.) के रूप में विकसित किया गया।
(ग) उपग्रह संचार-उपग्रह संचार का एक नवीन साधन है। उपग्रह के उपयोग से एक विस्तृत क्षेत्र का सतत एवं सामरिक दृश्य प्राप्त होने के कारण, उपग्रह संचार आर्थिक एवं सामरिक कारणों से वर्तमान में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। उपग्रह से प्राप्त चित्रों का मौसम के पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, सीमा क्षेत्रों की चौकसी आदि के लिए उपयोग किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
भारत में सड़क परिवहन के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में निर्माण एवं रख-रखाव के उद्देश्य से सड़कों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है-
(1) राष्ट्रीय महामार्ग NH-यह सड़कें केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित एवं अनुरक्षित होती हैं। यह सड़कें राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगर, रेलवे जंक्शन तथा महत्वपूर्ण पत्तनों को जोड़ती हैं। इनका उपयोग अन्तर्राज्यीय परिवहन तथा सामरिक क्षेत्रों तक रक्षा सामग्री एवं सेना के आवागमन के लिए भी होता है। 2016 में इनकी लंबाई $1,01,011$ किलोमीटर हो गई थी, जो देश की कुल सड़कों की लम्बाई की मात्र 2 प्रतिशत था। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना तथा उत्तर-दक्षिण एवं पूर्वपश्चिम गलियारा भारत की महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनाएँ हैं।
(2) राज्य महामार्ग (SH)-इनका निर्माण एवं रखरखाव राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। यह सड़कें राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों तथा अन्य महत्वपूर्ण नगरों व कार्यालयों को जोड़ती हैं। यह मार्ग राष्ट्रीय महामार्गों से जुड़े होते हैं। इन सड़कों के अन्तर्गत देश की. कुल सड़कों की लम्बाई का 4 प्रतिशत भाग आता है।
(3) जिला सड़कें-यह सड़कें जिला मुख्यालयों तथा जिले के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के बीच सम्पर्क स्थापित करती हैं। इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 14 प्रतिशत भाग आता है।
(4) ग्रामीण सड़कें-यह सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनके
अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का लगभग 80 प्रतिशत भाग आता है। इन सड़कों के घनत्व में प्रादेशिक विषमता पाई जाती है, क्योंकि यह सड़कें भू-भाग की प्रकृति से प्रभावित होती हैं।
(5) अन्य सड़कें-इनके अन्तर्गत सीमान्त सड़कें एवं अन्तर्राष्ट्रीय महामार्गों को सम्मिलित करते हैं। सीमान्त सड़कों का निर्माण मुख्यतः 1960 में गठित ‘ सीमा सड़क संगठन’ द्वारा किया जाता है। सीमान्त सड़कें सामरिक एवं आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण होती हैं।
प्रश्न 3.
भारत में विकसित की जा रही ‘राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनाओं ‘ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित एवं अनुरक्षित होते हैं। यह सड़कें राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तन तथा रेलवे स्टेशनों को आपस में जोड़ने के साथ सामारिक क्षेत्रों में रक्षा सामग्री एवं सेना के आवागमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रख-रखाव तथा प्रचालन के लिए 1995 में ‘भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण’ की स्थापना की गई थी। यह प्राधिकरण भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय है। यह प्राधिकरण राष्ट्रीय महामार्गों के रूप में निर्दिष्ट सड़कों की गुणवत्ता सुधार के लिए एक शीर्ष संस्था है। इस प्राधिकरण ने देश भर में विभिन्न चरणों में कई प्रमुख राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनायें प्रारम्भ की हैं।
इनमें से प्रमुख निम्न प्रकार से हैं –
(1) स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-इस परियोजना के अन्तर्गत 5,846 किलोमीटर लंबी चार या छः लेन वाली उच्च सघनता के यातायात गलियारों का निर्माण किया जा रहा है। यह परियोजना देश के चार विशाल महानगरोंदिल्ली-मुम्बई-चेन्नई और कोलकाता को आपस में जोड़ती है। स्वर्णिम चतुर्भुज के निर्माण के बाद भारत के इनं महानगरों के मध्य समय, दूरी तथा यातायात में आने वाली लागत महत्वपूर्ण रूप से कम हो जायेगी।
(2) उत्तर-दक्षिण गलियारा-इस गलियारे का मुख्य उद्देश्य जम्मू व कश्मीर के श्रीनगर से तमिलनाडु के कन्याकुमारी (कोच्ची-सेलम पर्वत स्कन्ध सहित) को जोड़ना है। यह गलियारा लगभग 4,016 किलोमीटर लम्बा है।
(3) पूर्व-पश्चिम गलियारा-यह गलियारा लगभग 3,640 किलोमीटर लंबा है। इसके माध्यम से असम के सिलचर को गुजरात के पोरबंदर से जोड़ा जा रहा है, जिससे इनके मध्य की दूरी को कम किया जा सके।
प्रश्न 4.
भारत में रेलों के वितरण प्रतिरूप का विवरण दीजिए।
अथवा
भारत में रेल परिवहन पर लेख लिखिए।
उत्तर:
रेल परिवहन-परिवहन के साधनों में रेलों का महत्व सबसे अधिक है। भारतीय रेल मार्ग एशिया में सबसे लम्बा एवं विश्व में चौथा सबसे लम्बा रेल मार्ग है। भारतीय रेल ने माल एवं यात्री परिवहन को सुगम बनाने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि में भी योगदान दिया है। इसी कारण महात्मा गांधी ने कहा था कि “भारतीय रेलवे ने विविध संस्कृति के लोगों को एक साथ लाकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।”
भारत में रेल परिवहन की शुरूआत 1853 में हुई थी तथा मुंबई से थाणे के बीच 34 किमी. लंबी रेल लाइन निर्मित की गई। भारतीय रेल केन्द्र सरकार का एक विशालतम उद्यम है, जिसकी देश में कुल लम्बाई 31 मार्च, 2015 तक 66,030 किलोमीटर थी। भारतीय रेल का इतना विशाल स्वरूप केन्द्रीकृत रेल प्रबंधन पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिस कारण भारतीय रेल को 16 मंडलों में विभाजित किया गया है 1
रेलमार्ग-भारत में रेल पटरी की चौड़ाई के आधार पर रेल मार्ग तीन प्रकार के हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-
- ब्राडगेज-इसमें पटरियों के मध्य की दूरी 1.616 मीटर।
- मीटरगेज-इसमें पटरियों के बीच की चौड़ाई 1 मीटर।
(iii) नैरो गेज-इसमें पटरियों के मध्य की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मीटर।
वर्तमान में देश में मीटर गेज एवं नैरोगेज को ब्राडगेज में बदलने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त मेट्रो रेल एवं सी.एन.जी. वाहनों के प्रयोग तथा विद्युत इंजनों के प्रयोग से वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में सहयोग मिला है।
इस प्रकार स्पष्ट है कि भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के दौरान से ही शहरी क्षेत्र, कच्ची सामग्री उत्पादन क्षेत्र, बागान तथा अन्य व्यावसायिक फसल क्षेत्र, पहाड़ी स्थल तथा छावनी क्षेत्र मुख्यतः संसाधनों के शोषण हेतु रेलमार्गों से अच्छी तरह जुड़े हुए थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इन रेलमार्गों का विस्तार अन्य क्षेत्रों में भी किया गया, जिसके परिणामस्वरूप ही भारतीय रेलवे एशिया में सबसे लम्बा रेलमार्ग है।
प्रश्न 5.
भारत में जल परिवहन के साधनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जल परिवहन-भारत में जलमार्ग यात्री तथा माल वहन, दोनों के लिए परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। जल परिवहन सामान्यतः दो प्रकार का होता हैअन्तःस्थलीय जलमार्ग और महासागरीय जलमार्ग।
(1) अन्तःस्थलीय जलमार्ग-इसके अन्तर्गत नदियाँ, नहरें, झीलें, पश्च जल तथा संकरी खाड़ियाँ आदि आते हैं। वर्तमान में देश में 14,500 किलोमीटर लंबा जलमार्ग नौकायन हेतु उपलब्ध है, जो देश के परिवहन में लगभग 1 प्रतिशत का योगदान देता है। भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास, अनुरक्षण एवं नियमन हेतु 1986 में ‘अंतःस्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण’ की स्थापना की गई थी।
इस प्राधिकरण द्वारा निम्न अंतःस्थलीय जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है –
I. राष्ट्रीय जलमार्ग-1-1986 में घोषित इस जलमार्ग की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
(1) यह भारत का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय जलमार्ग है, जो गंगा व भागीरथी नदियों में स्थित है।
(2) इसका विस्तार इलाहाबाद से हल्दिया तक 1,620 किमी. में है।
(3) यह जलमार्ग यंत्रीकृत नौकाओं द्वारा पटना तक तथा साधारण नौकाओं द्वारा हरिद्वार तक नौगम्य है।
(4) विकास की दृष्टि से इसे तीन भागों में विभाजित किया गया है –
- हल्दिया से फरका तक 560 किलोमीटर लंबा मार्ग।
- फरका से पटना तक 460 किलोमीटर लंबा मार्ग।
- पटना से इलाहाबाद तक 600 किलोमीटर की लंबाई वाला मार्ग।
II. राष्ट्रीय जलमार्ग-2-1988 में घोषित इस जलमार्ग की मुख्य विशेषताएँ अग्र प्रकार से हैं –
- यह ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली का एक भाग है।
- यह जलमार्ग 891 किमी. की लम्बाई में सदिया से धुबरी तक विस्तृत है।
- इस जलमार्ग का उपयोग भारत व बांग्लादेश साझेदारी में करते हैं।
III. राष्ट्रीय जलमार्ग-3-इस जलमार्ग की घोषणा 1991 में की गई थी। इस जलमार्ग की मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार से हैं-
- यह जलमार्ग कोट्टापुरम् से कोलम तक, लगभग 168 किमी. लंबा है।
- इसके अंतर्गत पश्चिमी तट नहर (168 किमी.) के साथ चंपाकारा (23 किमी.) तथा उद्योग मंडल (14 किमी.) नहरें आती हैं।
IV. राष्ट्रीय जलमार्ग-4-इस जलमार्ग का विस्तार काकीनाडा तथा पुदुच्चेरी नहर स्ट्रैच के साथ-साथ गोदावरी और कृष्णा नदी का विशेष विस्तार 1078 किलोमीटर में है।
V. राष्ट्रीय जलमार्ग-5-भातई नदी, महानदी का डेल्टा चैनल, ब्राह्मणी नदी और पूर्वी तटीय नहर के साथ ब्राह्मणी नदी का विशेष विस्तार 588 किलोमीटर में है। उपर्युक्त राष्ट्रीय जलमार्गों के अतिरिक्त अंतःस्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण ने 10 अन्य जलमार्गों को भी चिन्हित किया है।
(2) महासागरीय मार्ग-द्वीपों सहित भारतीय समुद्र तट की लम्बाई लगभग 7,517 किलोमीटर है। देश में मुख्यतः 12 प्रमुख तथा 185 गौण पत्तन स्थित हैं, जो इन मार्गों को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं। भारत की अर्थव्यवस्था के परिवहन सेक्टर में महासागरीय मार्गों की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रश्न 6.
भारत में वायु परिवहन के प्रमुख साधनों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(1) वायु परिवहन-यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन का एक तीव्रतम साधन है। भारत में वायु परिवहन की शुरूआत 1911 में हुई थी। जब इलाहाबाद से नैनी तक 10 किलोमीटर की दूरी हेतु वायुयान द्वारा डाक ले जाई गई थी। भारत में 1947 तक वायु परिवहन मुख्यत: 4 प्रमुख कंपनियों-इंडियन नेशनल एयरवेज, या संस लिमिटेड, एयर सर्विसेज ऑफु इंडिया तथा डकन एयरवेज द्वारा उपलब्ध कराई जाती थी। परन्तु 1951 में चार अन्य कम्पनियाँ-भारत एयरवेज, हिमालयन एवीएशन लिमिटेड, एयरवेज इंडिया तथा कलिंगा एयरलाइन्स इस सेवा में शामिल हो गई थीं।
1953 में वायु परिवहन के राष्ट्रीयकरण के बाद भारत में वायु परिवहन का प्रबंधन मुख्यतः दो निगमों-एयर इंडियन लिमिटेड तथा इंडियन एयरलाइंस द्वारा किया जाता था। अब इण्डियन एयरलाइन्स का एयर इण्डिया में विलय हो गया है। अब वायु परिवहन का प्रबन्धन एयर इण्डिया द्वारा किया जाता है। अब देश में अनेक निजी कम्पनियाँ भी यात्री सेवाएँ प्रदान कर रही हैं।
(2) भारतीय वायु प्राधिकरण (एयर अथॉरिटी ऑफ इंडिया )-यह प्राधिकरण भारतीय वायुक्षेत्र में सुरक्षित, सक्षम वायु यातायात एवं वैमानिकी संचार सेवाएँ प्रदान करता है।
(3) भारतीय वायु परिवहन सेवाएँ-भारत में अग्रलिखित प्रकार की वायु परिवहन उपलब्ध हैं-
- एयर इंडिया निगम-यह निगम यात्रियों एवं नौभार यातायात, दोनों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ उपलब्ध कराता है। अतः यह निगम अपनी सेवाओं द्वारा विश्व के सभी महाद्वीपों को जोड़ता है।
- इंडियन एयरलाइंस निगम-घरेलू वायु परिवहन का उत्तरदायित्व इसी निगम पर था। यह निगम देश के भीतरी भागों, पड़ौसी दक्षिण-पूर्वी तथा पश्चिमी एशियाई देशों के साथ आवागमन की व्यवस्था करता था। अब इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय हो गया है।
- पवन हंस-यह एक हेलीकॉप्टर सेवा है, जो पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा देती है और उत्तर-पूर्व सेक्टर में व्यापक रूप से पर्यटकों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। इसके अतिरिक्त यह पेट्रोलियम एवं खनिज तेल क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
प्रश्न 7.
भारत में उपग्रह संचार के विकास और उपयोग बताइये।
उत्तर:
उपग्रह-यह संचार का स्वयं में एक अलग माध्य हौने के साथ-साथ संचार के अन्य साधनों का भी नियमन करता है। वर्तमान में उपग्रह के उपयोग से एक विस्तृत क्षेत्र का सतत एवं सामरिक दृश्य प्राप्त होने के कारण, उपग्रह संचार आर्थिक एवं सामरिक कारणों से बहुत महत्वपूर्ण हो गये हैं।
आकृति और उद्देश्यों के आधार पर भारत की उपग्रह प्रणालियों को दो वर्गों में रखा जा सकता है –
(1) इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम (इनसैट)।
(2) इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सिस्टम (आई.आर.एस.)।
(1) इनसैट-इसकी स्थापना 1983 में हुई थी। यह दूरसंचार, मौसम विज्ञान संबंधी अवलोकनों तथा विभिन्न अन्य आँकड़ों एवं कार्यक्रमों के लिए एक उपयोगी बहुउद्देश्यीय उपग्रह प्रणाली है।
(2) भारतीय सुदूर संवेदन ( आई.आर.एस. )-इस उपग्रह प्रणाली का प्रारम्भ मार्च, 1988 में हुआ था, जब पहला आई.आर.एस. I ए उपग्रह रूस के बैकानूर से अंतरिक्ष में छोड़ा गया था। वर्तमान में भारत ने भी अपना स्वयं का प्रक्षेपण वाहन पी.एस.एल.वी. (पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल) विकसित कर लिया है।
उपग्रह के उपयोग – उपग्रहों के विकास और उपयोग के द्वारा संचार तंत्र में एक क्रांति आ गई है। उपग्रह अनेक वर्णक्रमीय समूह (स्पेक्ट्रल बैंड) को एकत्रित करके विभिन्न उपयोगों के लिए भू-स्टेशनों पर संप्रेषित करते हैं। देश में हैदराबाद स्थित ‘नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी’ (NRSA) आँकड़ों के अधिग्रहण एवं प्रक्रमण की सुविधा उपलब्ध कराती है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए भी यह बहुत उपयोगी होते हैं। इस प्रकार उपग्रह से प्राप्त चित्रों का मौसम के पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, सीमा क्षेत्रों की चौकसी आद् के लिए उपयोग किया जा सकता है।