Understanding the question and answering patterns through Geography Practical Book Class 11 Solutions Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography NCERT Solutions Chapter 8 in Hindi मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही विकल्प चुनें-
(i) प्रत्येक दिन के लिए भारत के मौसम मानचित्र का निर्माण कौन-सा विभाग करता है ?
(क) विश्व मौसम संगठन
(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग
(ख) भारतीय मौसम विभाग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) भारतीय मौसम विभाग
(ii) उच्च एवं निम्न तापमापी में कौन-से दो द्रवों का प्रयोग किया जाता है ?
(क) पारा एवं जल
(ख) जल एवं अल्कोहल
(ग) पारा एवं अल्कोहल
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) पारा एवं अल्कोहल
(iii) समान दाब वाले स्थानों को जोड़ने वाली रेखाओं को क्या कहा जाता है?
(क) समदाब रेखाएँ
(ख) समवर्षा रेखाएँ
(ग) समताप रेखाएँ
(घ) आइसोहेल रेखाएँ
उत्तर:
(क) समदाब रेखाएँ
(iv) मौसम पूर्वानुमान का प्राथमिक यंत्र है-
(क) तापमापी
(ख) दाबमापी
(ग) मानचित्र
(घ) मौसम चार्ट
उत्तर:
(घ) मौसम चार्ट
(v)अगर वायु में आर्द्रता अधिक है, तब आर्द्र एवं शुष्क बल्ब के बीच पाठ्यांक का अंतर होगा-
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) समान
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) कम
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें-
(i) मौसम के मूल तत्त्व क्या हैं?
उत्तर:
तापमान (अधिकतम एवं न्यूनतम), वायुदाब, आर्द्रता, मेघ, पवन एवं वर्षा आदि मौसम के मूल तत्व हैं।
(ii) मौसम चार्ट क्या है?
उत्तर:
विभिन्न मौसम वेधशालाओं से प्राप्त आंकड़ों को विभिन्न कोड के माध्यम से एक चार्ट पर दर्शाया जाता है यह चार्ट मौसम चार्ट कहलाता है। इसके माध्यम से कम स्थान में अनेक सूचनाएँ प्रदान की जाती हैं।
(iii) वर्ग I की वेधशालाओं में सामान्यतः कौन सा यंत्र मौसम परिघटनाओं को मापने के लिए होता है?
उत्तर:
वर्ग I की वेधशालाओं में जिन विशिष्ट यंत्रों की सुविधा है, वे निम्नलिखित हैं-
- अधिकतम एवं न्यूनतम तापमापी
- पवनवेगमापी तथा वात-दिग्दर्शी
- शुष्क एवं आर्द्र बल्ब तापमापी
- वर्षामापी
- वायुदाबमापी।
(iv) समताप रेखाएँ क्या हैं?
उत्तर:
समताप रेखाएँ समान तापमान वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ होती हैं।
(v) निम्नलिखित को मौसम मानचित्र पर चिह्नित करने के लिए किस प्रकार के मौसम प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
प्रश्न 3.
निम्न प्रश्न का उत्तर लगभग 125 शब्दों में दें-
(i) मौसम मानचित्रों एवं चार्टों को किस प्रकार तैयार किया जाता है तथा ये हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर:
मौसम मानचित्र: मौसम मानचित्र पृथ्वी या उसके किसी भाग के मौसमी परिघटनाओं का समतल धरातल पर प्रदर्शन है। एक निश्चित दिन में, ये विभिन्न मौसम तत्त्वों, जैसे – तापमान, वर्षा, सूर्य का प्रकाश, मेघमयता, वायु दिशा एवं वेग इत्यादि की अवस्थाओं के बारे में बताता है। सन् 1688 में एडमंड हिलेरी ने 30° उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशों के लिए एक मानचित्र का प्रकाशन किया, जिसमें व्यापारिक पवनों तथा प्रचलित मानसून पवनों की दिशाओं को प्रदर्शित किया गया था ।
निश्चित घंटों पर लिए गए प्रेक्षणों को कोड के द्वारा पूर्वानुमान केंद्रों पर प्रेषित किया जाता है। केंद्रीय कार्यालय, इन सूचनाओं का अभिलेख रखता है, जिसके आधार पर मौसम मानचित्र बनाए जाते हैं। ऊपरी वायु प्रेक्षणों को पहाड़ी स्टेशनों, वायुयानों, पायलट – गुब्बारों आदि के द्वारा प्राप्त करके अलग से अंकित किया जाता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना के बाद से ही मौसम मानचित्रों एवं चार्टों को नियमित रूप से तैयार किया जाता है।
मौसम वेधशालाएँ आँकड़ों को पुणे स्थित केंद्रीय वेधशाला को दिन में दो बार भेजती हैं। भारतीय समुद्रों चलने वाले जहाजों पर भी आँकड़े एकत्रित किए जाते हैं। अंटार्कटिका में मौसम वेधशाला की स्थापना, अंतर्राष्ट्रीय, भारतीय महासागरीय अभियान चलाने तथा रॉकेट एवं मौसम उपग्रहों के छोड़े जाने से मौसम पूर्वानुमान एवं प्रेक्षण के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है।
मौसम चार्ट:
विभिन्न मौसम वेधशालाओं से प्राप्त आँकड़े पर्याप्त एवं विस्तृत होते हैं। अतः ये एक चार्ट पर बिना कोडिंग के नहीं दिखाए जा सकते। कोडिंग के द्वारा कम स्थान में सूचनाएँ देकर चार्ट की उपयोगिता बढ़ जाती है। इन्हें सिनाप्टिक मौसम चार्ट कहते हैं तथा जो कोड प्रयोग में लाए जाते हैं, उसे मौसम विज्ञान प्रतीक कहते हैं। मौसम पूर्वानुमान लिए मौसम चार्ट प्राथमिक यंत्र हैं। ये विभिन्न वायुराशियों, वायुदाब यंत्रों; वाताग्रों तथा वर्षण के क्षेत्रों की अवस्थिति जानने एवं पहचानने में सहयोग करते हैं।
मानचित्र पठन:
चित्र 1 एवं 2 को पढ़ें एवं निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें :
(ii) चित्र 1 में अधिकतम समदाब रेखा का मान क्या है तथा यह देश के किस भाग से गुजर रही है?
(iii) चित्र 2 में सबसे अधिक एवं सबसे न्यून समदाब रेखाओं का मान क्या है तथा ये कहाँ स्थित हैं?
(iv) दोनों मानचित्रों में तापमान वितरण का प्रतिरूप क्या है?
(v) चित्र 1 में किस भाग का अधिकतम औसत तापमान तथा न्यूनतम औसत तापमान आप देखते हैं?
(vi) दोनों मानचित्रों में आप तापमान वितरण एवं वायुदाब के बीच क्या संबंध देखते हैं?
उत्तर:
- मानचित्र 1 में शीत ऋतु तथा मानचित्र 2 में ग्रीष्म ऋतु को दर्शाया गया है।
- अधिकतम समदाब रेखा का मान 1020 मिलीबार है जो देश के जम्मू-कश्मीर राज्य से गुजर रही है।
- सर्वाधिक मान की समदाब रेखा = 1010
सबसे न्यून मान वाली समदाब रेखा = 996
सर्वाधिक मान की समदाब रेखा अरब सागर में स्थित है तथा सबसे कम मान की समदाब रेखा पाकिस्तान से गुजर रही है। - जनवरी के मानचित्र में तापमान उत्तर से दक्षिण की ओर जाने पर बढ़ता है। जबकि जुलाई के मानचित्र में तापमान का प्रतिरूप असमरूप है। उत्तरी भारत एवं दक्षिणी भारत में तापमान कम एवं मध्य भारत में तापमान अधिक है।
- अधिकतम औसत तापमान दक्षिणी भाग में तथा न्यूनतम औसत तापमान उत्तरी भाग में है।
- दोनों ही मानचित्रों में तापमान एवं वायुदाब में विपरीत संबंध है। जहाँ तापमान अधिक है वहाँ वायुदाब कम है। जहाँ तापमान कम है वहाँ वायुदाब अधिक है। जैसे चित्र 1 में देश के उत्तरी भाग में तापमान कम है, अतः वहाँ वायुदाब अधिक है। जबकि दक्षिणी भाग में तापमान अधिक होने से वायुदाब कम है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. भारतीय मौसम विभाग की स्थापना हुई—
(अ) 1873 में
(ब) 1876 में
(स) 1875 में
(द) 1975 में
उत्तर:
(स) 1875 में
2. वातदिग्दर्शी से मापा जाता है-
(अ) वायु का वेग
(ब) सूर्य की तेजी
(स) वायु की दिशा
(द) वायु की आर्द्रता
उत्तर:
(अ) वायु का वेग
3. वायुमण्डलीय दाब मापा जाता है-
(अ) किमी. में
(ब) मिलिबार में
(स) डिग्री में
(द) वायुमापी से
उत्तर:
(ब) मिलिबार में
4. प्रधान दिशाएँ किस यंत्र से दर्शाई जाती हैं-
(अ) वातदिग्दर्शी से
(ब) वर्षामापी से
(स) पवनवेगमापी से
(द) माइक्रोन में
उत्तर:
(स) पवनवेगमापी से
5. निर्द्रव वायुदाबमापी के डायल की सूई के दक्षिणावर्त घूमना दर्शायेगा-
(अ) दाब का घटना
(ब) दाब का स्थिर रहना
(स) दाब का बढ़ना
(द) इनमें से कुछ नहीं
उत्तर:
(स) दाब का बढ़ना
6. सामान्य अवस्था में समुद्रतल पर वायुदाब होता है—
(अ) 1.63 किलो प्रति वर्ग सेमी.
(ब) 1.11 किलो प्रति वर्ग सेमी.
(स) 1.03 किलो प्रति वर्ग सेमी.
(द) 2.03 किलो प्रति वर्ग सेमी.
उत्तर:
(स) 1.03 किलो प्रति वर्ग सेमी.
7. भारतीय मौसम विभाग का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
(अ) कोलकाता
(ब) दिल्ली
(स) मुम्बई
(द) चेन्नई
उत्तर:
(ब) दिल्ली
8. उन स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ, जहाँ प्रतिदिन माध्य सूर्य प्रकाश की अवधि समान हो, कहलाती है-
(अ) आइसोहेल
(स) सममेघ रेखाएँ
(ब) समदाब रेखाएँ
(द) समवर्षा रेखाएँ
उत्तर:
(अ) आइसोहेल
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
मौसम किसे कहते हैं?
उत्तर:
मौसम निर्दिष्ट स्थान एवं समय पर वायुमंडलीय दाब, तापमान, आर्द्रता, वर्षण, मेघमयता तथा पवन की दृष्टि से वायुमंडल की दशा मौसम कहलाती है। ये कारक मौसम तत्त्व कहे जाते हैं।
प्रश्न 2.
पवनवेगमापी क्या है?
उत्तर:
पवनवेगमापी वायु की दिशा निर्धारित करने वाला यंत्र है।
प्रश्न 3.
पानी का हिमांक एवं क्वथनांक कितना होता है?
उत्तर:
पानी का हिमांक 32°F (0°C) तथा क्वथनांक 212°F (100°C) होता है।
प्रश्न 4.
विश्व स्तर पर मौसम सम्बन्धी प्रेक्षणों को कितने स्तरों पर अभिलिखित किया जाता है?
उत्तर:
- धरातलीय वेधशाला
- उपरितन वायु वेधशालाएँ तथा
- अंतरिक्ष स्थित प्रेक्षण प्लेटफार्म।
प्रश्न 5.
भारत का कौनसा उपग्रह मौसम संबंधी परिघटनाओं का मूल्यवान प्रेक्षण उपलब्ध कराता है?
उत्तर:
इनसैट (INSAT)।
प्रश्न 6.
समदाब रेखाएँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
समान वायुदाब वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समदाब रेखाएँ कहलाती हैं।
प्रश्न 7.
समवर्षा रेखाएँ क्या हैं?
उत्तर:
दिए गये समय में समान औसत वार्षिक वर्षा वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समवर्षा रेखा कहलाती
प्रश्न 8.
आइसोहेल क्या है?
उत्तर:
आइसोहेल उन स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ हैं, जहाँ प्रतिदिन माध्य सूर्य प्रकाश की अवधि समान हो।
प्रश्न 9.
मौसम प्रतीक किनके द्वारा बनाए जाते हैं?
उत्तर:
मौसम प्रतीक विश्व मौसम विज्ञान संगठन एवं राष्ट्रीय मौसम ब्यूरो द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
मौसम पूर्वानुमान क्या है? यह किस प्रकार सहयोगी है?
उत्तर:
किसी निश्चित क्षेत्र में आगामी 12 से 48 घंटों के दौरान मौसम की दशाओं के विषय में तर्कसंगत निश्चितता का पूर्वानुमान, मौसम पूर्वानुमान कहलाता है। मौसम संबंधी पूर्वानुमान की मदद से खराब मौसम होने की संभावना होने पर पहले से ही सुरक्षा उपाय करने में सहायता मिलती है। कुछ दिन पहले मौसम का पूर्वानुमान किसानों, पोत के नाविक दल, पायलट, मछुआरों, सैनिकों आदि के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।
प्रश्न 2.
उच्चतम एवं न्यूनतम तापमापी एवं शुष्क एवं आर्द्र बल्ब तापमापी में क्या अंतर है?
उत्तर:
उच्चतम एवं न्यूनतम तापमापी का प्रयोग वायु के तापमान को मापने के लिए किया जाता है जबकि शुष्क एवं आर्द्र बल्ब तापमापी का उपयोग वायु की आर्द्रता मापने के लिए किया जाता है । यही इसका मुख्य अंतर है।.
प्रश्न 3.
स्टीवेंसन स्क्रीन का उपयोग बताइए।
उत्तर:
स्टीवेंसन स्क्रीन का उपयोग तापमापियों को वर्षण एवं सूर्य की सीधी किरणों से बचाने के लिए किया जाता है। वायु इसके चारों ओर सुगमता से घूम सकती है। यह लकड़ी का बना होता है, जिसके किनारे झरोखेदार होते हैं, जिससे वायु का सुगमता से प्रवेश हो सके। विकिरण को परावर्तित करने के लिए इसे श्वेत रंग से रंगा जाता है। इसके चार पैर होते हैं तथा सतह से इसकी ऊँचाई 3 फीट 6 इंच होती है। कंपन से बचाने के लिए इसके पैरों को काफी दृढ़ बनाकर इन्हें भूमि में गाड़ दिया जाता है। सामने वाले फ़लक को तल में लगाकर उससे एक दरवाजे का काम लिया जाता है, जिससे तापमापी का पठन एवं अनुरक्षण किया जाता है। स्टीवेंसन स्क्रीन का दरवाजा उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर की ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण की ओर होता है, क्योंकि सूर्य की सीधी किरणें पारे को भी परावर्तित करती हैं। स्टीवेंसन स्क्रीन का उद्देश्य एक समान तापमान वाला बाड़ा बनाना है, जो बाहर की वायु का तापमान दर्शाता है।
प्रश्न 4.
वर्षामापी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वर्षा की मात्रा को वर्षामापी यंत्र द्वारा मापा जाता है। वर्षामापी यंत्र में धातु का सिलिंडर होता है, जिस पर एक गोलाकार कीप लगा होता है। कीप का व्यास सामान्यतः 20 सेमी. होता है। वर्षा के पानी को इसमें इकट्ठा किया जाता है तथा मापक ग्लास के द्वारा इसे मापा जाता है। सामान्यतः वर्षा को मिलीमीटर या सेंटीमीटर की इकाई में मापा जाता है। बर्फ को भी इसी प्रकार द्रव के रूप में परिवर्तित करके मापा जाता है।
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
शुष्क एवं आर्द्र बल्ब तापमापी की सचित्र व्याख्या करो।
उत्तर:
वायु में उपस्थित आर्द्रता को मापने के लिए शुष्क बल्ब तापमापी एवं आर्द्र बल्ब तापमापी का उपयोग किया जाता है। शुष्क बल्ब तथा आर्द्र बल्ब तापमापी की ही तरह के होते हैं, जो एक लकड़ी के तख्ते पर स्थित होते हैं। शुष्क तापमापी का बल्ब वायु में खुला रहता है, जबकि आर्द्र तापमापी का बल्ब गीले मलमल के कपड़े से लिपटा होता है। इसके एक सिरे को आसुत जल से भरे छोटे बर्तन में डुबोए रखकर इसे लगातार गीला रखा जाता है। आर्द्र बल्ब से वाष्पीकरण होने पर इसका तापमान घट जाता है।
शुष्क बल्ब का पाठ्यांक वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा से प्रभावित नहीं होता है, लेकिन आर्द्र बल्ब के पाठ्यांक में भिन्नता आती है, क्योंकि वाष्पीकरण की दर वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा पर निर्भर करती है। वायु में जितनी अधिक आर्द्रता होगी, वाष्पीकरण की दर उतनी ही कम होगी, फलस्वरूप शुष्क एवं आर्द्र बल्बों के बीच के पाठ्यांकों का अंतर कम होगा। दूसरी तरफ, जब वायु शुष्क होती है, तब आर्द्र बल्ब की सतह से वाष्पीकरण तेजी से होगा, जो इसके तापमान को कम कर देगा तथा दोनों के पाठ्यांकों का अंतर अधिक होगा। इसलिए आर्द्र एवं शुष्क व आर्द्र शुष्क बल्ब के पाठ्यांक का अंतर आर्द्रता के सापेक्ष वायुमंडल की अवस्था को निर्धारित करता है। अंतर जितना ही अधिक होगा, वायु उतनी ही अधिक शुष्क होगी।
प्रश्न 2.
तापमापी क्या है? उच्चतम तापमापी एवं न्यूनतम तापमापी का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तापमापी : वायु के तापमान को मापने के लिए जिस यंत्र का प्रयोग किया जाता है, उसे तापमापी कहते हैं। अधिकतर तापमापी संकीर्ण बंद शीशे की नली के रूप में होते हैं, जिनके एक सिरे पर प्रसारित बल्ब होता है। नली के निचले भाग तथा बल्ब में तरल पदार्थ, जैसे- अल्कोहल या पारा भरा होता है। दूसरे सिरे को बंद करने से पहले नली में उपस्थित वायु को गर्म करके निकाल दिया जाता है। तापमापी का बल्ब, जो वायु के संपर्क में रहता है, तात्कालिक अवस्था के अनुसार गर्म या ठंडा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप बल्ब का पारा ऊपर की ओर उठता है या नीचे की ओर गिरता है। शीशे की नली पर एक मापनी बनी होती है, जहाँ से पाठ्यांक लिए जाते हैं।
(1) अधिकतम तापमापी : अधिकतम तापमापी को दिन के उच्चतम तापमान को अंकित करने के लिए बनाया जाता है। जैसे ही तापमान बढ़ता है, नली का पारा ऊपर की ओर बढ़ने लगता है, किंतु जब पारा ठंडा होता है, तब यह नली में संकीर्णन के कारण नीचे की ओर नहीं जा पाता है। पारे को नीचे लाने के लिए इसे फिर से सैट किया जाता है।
(2) न्यूनतम तापमापी : न्यूनतम तापमापी के द्वारा दिन के न्यूनतम तापमान का प्रेक्षण किया जाता है। इस तापमापी में पारे के स्थान पर अल्कोहल का उपयोग किया जाता है। जब तापमान घटता है, तो नली में रखी धातु की पिन नीचे चली जाती है तथा न्यूनतम तापमान पर जाकर रुक जाती है।
प्रश्न 3.
वायुदाब मापने के विभिन्न यंत्र बताइए। निर्द्रव वायुदाबमापी की कार्य प्रणाली को सचित्र समझाइए।
उत्तर:
वायुदाब मापने के यंत्र : पारद वायुदाबमापी, निर्द्रव वायुदाबमापी, वायुदाब लेखी वायुदाब को मापने के प्रमुख यंत्र हैं।
निर्द्रव वायुदाबमापी : निर्द्रव वायुदाबमापी ग्रीक शब्द ‘ऐनेरास’ (aneros : a ‘not’, neros – ‘moisture’) से लिया गया है। यह सुसंहत एवं सुवाह्य यंत्र होता है। इसमें वलिमय धातु से निर्मित एक कोष्ठ होता है, जो पतले मिश्र धातु का बना होता है। इसे अच्छी तरह से बंद कर लगभग वायुरहित कर दिया जाता है। इसके अंदर एक लचीला ढक्कन होता है, जो दाब के परिवर्तनों से प्रभावित होता है।
जैसे ही दाब बढ़ता है, ढक्कन अंदर की ओर दब जाता है तथा ढक्कन से जुड़े अंशांकित डायल पर स्थित सूई दक्षिणावर्त घूमने लगती है तथा उच्च पाठ्यांक दर्शाती है। जब दाब घटता है, तब ढक्कन बाहर की ओर चला जाता है तथा सूई वामावर्त दिशा में घूमती है, जो कि कम दाब को दर्शाती है।