Understanding the question and answering patterns through Class 11 Geography Question Answer in Hindi Chapter 12 विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन
Class 11 Geography Chapter 12 in Hindi Question Answer विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. निम्न में से कौनसा लक्षण शुष्क जलवायु से सम्बन्धित है-
(अ) वर्षण की तुलना में विभव वाष्पीकरण की अधिकता
(ब) सभी महीनों का औसत तापन 10° सेल्शियस से कम होना
(स) ऊँचाई के कारण शीत की अधिकता
(द) सभी महीनों का औसत तापमान 18° सेल्शियस से अधिक होना।
उत्तर:
(अ) वर्षण की तुलना में विभव वाष्पीकरण की अधिकता
2. निम्न में से कौनसा A उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु का प्रकार है-
(अ) उष्ण कटिबन्धीय मानसून जलवायु
(ब) भूमध्यसागरीय जलवायु
(स) उपोष्णकटिबन्धीय स्टैपी तुल्य जलवायु
(द) आर्द्र उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु।
उत्तर:
(अ) उष्ण कटिबन्धीय मानसून जलवायु
3. कर्क और मकर रेखा के मध्य पाई जाने वाली जलवायु है-
(अ) शुष्क जलवायु
(ब) उष्ण कटिबन्धीय जलवायु
(स) कोष्ण जलवायु
(द) शीतल हिम वन जलवायु।
उत्तर:
(ब) उष्ण कटिबन्धीय जलवायु
4. निम्न में से कौनसी जलवायु का नामांकरण काई, लाइकेन तथा पुष्पी पादपों के आधार पर किया गया है-
(अ) हिमटोप जलवायु
(ब) उच्च भूमि जलवायु
(स) टुण्ड्रा जलवायु
(द) समुद्री पश्चिमी तटीय जलवायु।
उत्तर:
(स) टुण्ड्रा जलवायु
5. राजस्थान के मरुस्थल की जलवायु किस समय आर्द्र एवं शीतल थी?
(अ) ईसा से 8000 वर्ष पूर्व
(ब) ईसा से 9000 वर्ष पूर्व
(स) ईसा से 11000 वर्ष पूर्व
(द) ईसा से 10000 वर्ष पूर्व।
उत्तर:
(अ) ईसा से 8000 वर्ष पूर्व
6. दक्षिणी-पूर्वी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड को कोपेन की पद्धति के अनुसार वर्गीकृत किया जायेगा-
(अ) ‘Cs’
(ब) ‘DF’
(स) ‘Dw’
(द) ‘Cfb’
उत्तर:
(द) ‘Cfb’
7. निम्न में से कौनसा लक्षण उच्च भूमि जलवायु से सम्बन्धित है-
(अ) हिमाच्छादित उच्च भूमियाँ
(स) जाड़ा शुष्क तथा अत्यन्त भीषण
(ब) जाड़े की शुष्क ऋतु
(द) अर्द्ध-शुष्क अथवा शुष्क।
उत्तर:
(अ) हिमाच्छादित उच्च भूमियाँ
8. ग्रीन हाउस गैस है-
(अ) कार्बन डाइ ऑक्साइड
(ब) मीथेन
(स) ओजोन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
9. अंटार्कटिक में 79° दक्षिण अक्षांश पर ‘प्लेट्यू स्टेशन’ पर कौनसी जलवायु पायी जाती है-
(अ) टुण्ड्रा जलवायु
(ब) हिमटोप. जलवायु
(स) आर्द्र उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु
(द) समुद्री पश्चिम तटीय जलवायु
उत्तर:
(ब) हिमटोप. जलवायु
10. मध्य केलिफोर्निया, मध्य चिली तथा आस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्वी तट किस जलवायु के उदाहरण हैं?
(अ) उपोष्ण कटिबंधीय स्टेपी
(ब) भूमध्यसागरीय जलवायु
(स) आर्द्र उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु
(द) समुद्री पश्चिम तटीय जलवायु
उत्तर:
(ब) भूमध्यसागरीय जलवायु
रिक्त स्थान वाले प्रश्न-
नीचे दिए गए प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. _____ जलवायु में सघन वितान तथा व्यापक जैव विविधता वाले उष्णकटिबंधीय सदाहरित वन पाए जाते है। (उष्णकटिबंधीय आर्द्र / उष्णकटिबंधीय मानसून )
2. _____ जलवायु भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी पूर्वी भाग तथा उत्तरी आस्ट्रेलिया में पायी जाती है। ( उष्णकटिबंधीय आर्द्र / उष्णकटिबंधीय मानसून )
3. _____ जलवायु 30° से 50° अक्षांशों के मध्य मुख्य रूप से महाद्वीपों के पूर्वी और पश्चिमी सीमान्तों पर विस्तृत है। (शुष्क / कोष्ण शीतोष्ण )
4. _____ जलवायु ग्रीनलैण्ड और अंटार्कटिका के आंतरिक भागों में पायी जाती है। (टुण्ड्रा / हिमटोप)
5. वायुमण्डल में उपस्थित ग्रीन हाउस गैसों में सबसे अधिक सांद्रण _____ का है। (कार्बन डाई ऑक्साइड / मीथेन )
उत्तर:
1. उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु में सघन वितान तथा व्यापक जैव विविधता वाले उष्णकटिबंधीय सदाहरित वन पाए जाते है।
2. उष्णकटिबंधीय मानसून जलवायु भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी पूर्वी भाग तथा उत्तरी आस्ट्रेलिया में पायी जाती है।
3. कोष्ण शीतोष्ण जलवायु 30° से 50° अक्षांशों के मध्य मुख्य रूप से महाद्वीपों के पूर्वी और पश्चिमी सीमान्तों पर विस्तृत है।
4. हिमटोप जलवायु ग्रीनलैण्ड और अंटार्कटिका के आंतरिक भागों में पायी जाती है।
5. वायुमण्डल में उपस्थित ग्रीन हाउस गैसों में सबसे अधिक सांद्रण कार्बन डाई आक्साइड का है।
सत्य/ असत्य वाले प्रश्न
नीचे दिए गए कथनों में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए-
1. ग्रीन हाउस गैसें विकिरण की दीर्घ तरंगों का अवशोषण करने वाली गैसें हैं।
2. कर्क और मकर रेखा के मध्य शुष्क जलवायु पायी जाती है।
3. शुष्क जलवायु को स्टेपी अथवा अर्ध शुष्क जलवायु और मरुस्थल जलवायु में विभाजित किया जाता है।
4. आर्द्र उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु में ग्रीष्म ऋतु में तड़ित झंझा और शीतऋतु में वाताग्री वर्षण सामान्य विशेषताएँ हैं।
5. शुष्क जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु मुख्यत: उत्तर पूर्वी एशिया में पायी जाती है।
उत्तर:
1. ग्रीन हाउस गैसें विकिरण की दीर्घ तरंगों का अवशोषण करने वाली गैसें हैं। (सत्य)
2. कर्क और मकर रेखा के मध्य शुष्क जलवायु पायी जाती है। (सत्य)
3. शुष्क जलवायु को स्टेपी अथवा अर्ध शुष्क जलवायु और मरुस्थल जलवायु में विभाजित किया जाता है। (सत्य)
4. आर्द्र उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु में ग्रीष्म ऋतु में तड़ित झंझा और शीतऋतु में वाताग्री वर्षण सामान्य विशेषताएँ हैं। (सत्य)
5. शुष्क जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु मुख्यत: उत्तर पूर्वी एशिया में पायी जाती है। (सत्य)
मिलान करने वाले प्रश्न
निम्न को सुमेलित कीजिए
1. Af | (अ) आर्द्र जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु |
2. Bsh | (ब) टुण्ड्रा जलवायु |
3. Cfa | (स) हिमटोप जलवायु |
4. Df | (द) उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु |
5. ET | (य) उपोष्ण कटिबंधीय स्टेपी जलवायु |
6. EF | (र) आर्द्र उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु |
उत्तर:
1. Af | (द) उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु |
2. Bsh | (य) उपोष्ण कटिबंधीय स्टेपी जलवायु |
3. Cfa | (र) आर्द्र उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु |
4. Df | (अ) आर्द्र जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु |
5. ET | (ब) टुण्ड्रा जलवायु |
6. EF | (स) हिमटोप जलवायु |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कोपेन ने आर्द्र जलवायु को कौन-कौन से संकेत अक्षरों से प्रदर्शित किया था?
उत्तर:
A, C, D और E।
प्रश्न 2.
कोपेन ने शुष्कता वाले मौसमों को प्रदर्शित करने के लिए किन अक्षरों का उपयोग किया था ?
उत्तर:
f, m, w और s का।
प्रश्न 3.
शुष्क जलवायु की प्रमुख विशेषता क्या है?
उत्तर:
अत्यन्त न्यून वर्षा।
प्रश्न 4.
शुष्क जलवायु को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
- स्टेपी अथवा अर्द्ध-शुष्क जलवायु (BS)
- मरुस्थल जलवायु (BW)।
प्रश्न 5.
हिमटोप जलवायु कहाँ पायी जाती है?
उत्तर:
ग्रीनलैंड एवं अंटार्कटिका के आंतरिक भागों में।
प्रश्न 6.
‘प्लेट्यू स्टेशन’ कहाँ स्थित है?
उत्तर:
अंटार्कटिका में 79° दक्षिण अक्षांश पर।
प्रश्न 7.
‘धूल का कटोरा’ किसे कहा जाता है?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका के वृहत् मैदान के दक्षिण-पश्चिमी भाग को ‘धूल का कटोरा’ कहा जाता है।
प्रश्न 8. विश्व में उच्चतम तापमान कब व कहाँ दर्ज किया गया था ?
उत्तर:
लीबिया के अल : अजीनिया में 13 सितम्बर, 1922 को उच्चतम तापमान 58°C दर्ज किया गया था। प्रश्न 9. उष्ण एवं शीत युगों के होने को उजागर करने वाले कोई दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- हिमानी निर्मित झीलों में अवसादों का निक्षेपण।
- वृक्षों के तनों में पाए जाने वाले वलय।
प्रश्न 10.
उष्ण कटिबन्धीय जलवायु के लक्षण बताइए।
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय जलवायु के अन्तर्गत सभी महीनों का औसत तापमान 18° सेल्शियस से अधिक रहता है।
प्रश्न 11.
उष्ण कटिबन्धीय जलवायु उष्ण एवं आर्द्र क्यों रहती है?
उत्तर:
सम्पूर्ण वर्ष सूर्य की ऊर्ध्वस्थ स्थिति तथा अन्तर उष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र की उपस्थिति के कारण उष्ण कटिबन्धीय जलावयु उष्ण एवं आर्द्र रहती है।
प्रश्न 12.
उष्ण कटिबन्धीय जलवायु समूह के तीन प्रकारों को बताइए।
उत्तर:
- उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु (Af)
- उष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु (Am) तथा
- उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु (Awv)
प्रश्न 13.
उष्णकटिबन्धीय आर्द्र जलवायु (Af) के प्रमुख क्षेत्र बताइए।
उत्तर:
Af जलवायु प्रमुख रूप से दक्षिणी अमेरिका के अमेजन बेसिन, पश्चिमी भूमध्यरेखीय अफ्रीका तथा दक्षिणी-पूर्वी एशिया के द्वीपों पर पाई जाती है।
प्रश्न 14.
Af जलवायु की प्रमुख विशेषता लिखिए।
उत्तर:
दोपहर के उपरान्त प्रतिदिन गरज और बौछारों के साथ प्रचुर मात्रा में वर्षा होना इस प्रकार की जलवायु की प्रमुख विशेषता है।
प्रश्न 15.
भूमध्यसागरीय जलवायु ( Cs) की विशेषता बताइये।
उत्तर:
उष्ण व शुष्क गर्मियां तथा मृदु व वर्षायुक्त सर्दियां इस जलवायु की विशेषता है।
प्रश्न 16.
आर्द्र उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु (Cfa) के प्रमुख क्षेत्र बताइए। यह कौनसी जलवायु के समान है?
उत्तर:
Cfa जलवायु कर्क एवं मकर रेखा से ध्रुवों की तरफ मुख्य रूप से भारत के उत्तरी मैदान और दक्षिणी चीन के आन्तरिक मैदानों में पाई जाती है। यह जलवायु उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु के समान है।
प्रश्न 17.
भूमध्य सागरीय जलवायु के क्षेत्र बताइए।
उत्तर:
भूमध्य सागरीय जलवायु मध्य कैलीफोर्निया, मध्य चिली तथा आस्ट्रेलिया के दक्षिणी-पूर्वी और दक्षिणी- पश्चिमी तट पर पाई जाती है।
प्रश्न 18.
समुद्री पश्चिम तटीय जलवायु (Cfb) कहाँ-कहाँ पायी जाती है?
उत्तर:
Cfb जलवायु उत्तर-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट, उत्तरी कैलीफोर्निया, दक्षिणी चिली, दक्षिणी-पूर्वी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड में पायी जाती है।
प्रश्न 19.
ग्रीन हाउस प्रभाव से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
वायुमण्डल का तापन करने वाली प्रक्रियाओं को सामूहिक रूप से ग्रीन हाउस प्रभाव कहा जाता है।
प्रश्न 20.
ग्रीन हाउस गैसें किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे गैसें जो विकिरण की दीर्घ तरंगों का अवशोषण करती हैं, ग्रीन हाउस गैसें कहलाती हैं।
प्रश्न 21.
कोई चार ग्रीन हाउस गैसों के नाम बताइये।
उत्तर:
- कार्बन डाइऑक्साइड
- क्लोरो – फ्लोरो कार्बन्स
- मीथेन
- ओजोन।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जलवायु का वर्गीकरण कौन-कौन से उपगमनों द्वारा किया जा सकता है? लिखिए।
उत्तर:
जलवायु वर्गीकरण तीन वृहत् उपगमनों द्वारा किया जा सकता है। ये हैं-
- आनुभविक वर्गीकरण : यह प्रेक्षित किए गए विशेष रूप से तापमान एवं वर्षण से सम्बन्धित आँकड़ों पर आधारित होता है।
- जननिक वर्गीकरण : यह जलवायु को उनके कारणों के आधार पर संगठित करने का प्रयास है।
- अनुप्रयुक्त वर्गीकरण : यह किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जाता है।
प्रश्न 2.
उष्ण कटिबंधीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु (Avv) के लक्षण बताइये।
उत्तर:
- Aw जलवायु में आर्द्र ऋतु छोटी और शुष्क ऋतु भीषण व लम्बी होती है।
- इस जलवायु में तापमान वर्षभर ऊँचा रहता है और शुष्क ऋतु में दैनिक तापान्तर सर्वाधिक होते हैं।
- इस जलवायु में पर्णपाती वन तथा पेड़ों से ढकी घास भूमियाँ पायी जाती हैं।
प्रश्न 3.
जलवायु समूहों को तापमान व वर्षा की मौसमी विशेषताओं के आधार पर विभाजित उप-प्रकारों के लिए कोपेन द्वारा प्रयुक्त अक्षरों को समझाइय।
उत्तर:
कोपेन द्वारा जलवायु वर्गीकरण में शुष्कता वाले मौसमों को छोटे अक्षरों f. m, w तथा s द्वारा व्यक्त किया था, जिसमें f = शुष्क मौसम का न होना, m = मानसून जलवायु, W शुष्क शीत ऋतु, s = शुष्क ग्रीष्म ऋतु को इंगित करता है। छोटे अक्षर a. b. c तथा d तापमान की उग्रता वाले भाग को प्रदर्शित करते हैं
प्रश्न 4.
‘मिलैंकोविच दोलन’ क्या है?
उत्तर:
मिलैंकोविच दोलन’ एक खगोलीय सिद्धान्त है जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के कक्षीय लक्षणों में बदलाव के चक्रों, पृथ्वी की डगमगाहट तथा पृथ्वी के अक्षीय झुकाव में परिवर्तनों के बारे में अनुमान लगाता है। इन सभी कारकों से पृथ्वी की जलवायु पर प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 5.
शुष्क जलवायु के क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शुष्क जलवायु की विशेषता अत्यन्त न्यून वर्षा है। शुष्क जलवायु पृथ्वी के बहुत बड़े भाग पर पायी जाती है जो कि दोनों गोलार्द्ध में 15° से 60° अक्षांशों के बीच विस्तृत है। 15° से 30° के निम्न अक्षांशों में यह उपोष्ण कटिबन्धीय उच्च वायुदाब क्षेत्र में पाई जाती है। यहाँ तापमान का अवतलन और उत्क्रमण, वर्षा होने में अवरोध हैं। महाद्वीपों के पश्चिमी सीमान्तों, ठण्डी धाराओं के क्षेत्र विशेष रूप से दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तटं पर यह जलवायु भूमध्यरेखा की तरफ अधिक विस्तृत है। मध्य अक्षांशों में भूमध्यरेखा से 35° से 60° उत्तर व दक्षिण के बीच यह जलवायु महाद्वीपों के उन आन्तरिक भागों तक मिलती है जहाँ पर्वतों से घिरे होने के कारण प्राय: समुद्री आर्द्र पवनें नहीं पहुँच पाती हैं।
प्रश्न 6.
भूमध्य सागरीय जलवायु की दशाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दशाएँ : भूमध्य सागरीय जलवायु के क्षेत्र ग्रीष्म ऋतु में उपोष्ण कटिबन्धीय उच्च वायुदाब तथा शीत ऋतु में पछुवा पवनों के प्रभाव में आ जाते हैं। अत: उष्ण व शुष्क गर्मियाँ तथा मृदु एवं वर्षा युक्त सर्दियाँ इस प्रकार की जलवायु की विशेषताएँ हैं। इस जलवायु क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु में औसत मासिक तापमान 25°C के आसपास तथा शीतऋतु में 10°C से कम रहता है तथा वार्षिक वर्षा 35 से 90 सेमी. के मध्य होती है।
प्रश्न 7.
उन साक्ष्यों का उल्लेख कीजिए जो कि जलवायु परिवर्तन की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हैं।
उत्तर:
- ऊँचाइयों तथा उच्च अक्षांशों में हिमानियों के आगे बढ़ने व पीछे हटने के शेष चिह्न देखने को मिलते
- हिमानी निर्मित झीलों से अवसादों का जमाव उष्ण एवं शीत युगों के होने को उजागर करता है।
- वृक्षों के तनों में पाए जाने वाले वलय भी आर्द्र एवं शुष्क युगों की उपस्थिति का संकेत देते हैं। इन सभी साक्ष्यों से स्पष्ट होता है कि जलवायु परिवर्तन एक प्राकृतिक एवं सतत प्रक्रिया है।
प्रश्न 8.
आई जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु (Df) के विषय में लिखिए।
उत्तर:
यह जलवायु समुद्री पश्चिमी तटीय जलवायु तथा मध्य अक्षांशीय स्टैपी जलवायु से ध्रुवों की ओर पाई जाती है। इसमें शीतकाल ठंडा व बर्फीला होता है। तुषार मुक्त ऋतु छोटी होती है। वार्षिक तापांतर अधिक रहता है। मौसमी परिवर्तन आकस्मिक और अल्पकालिक होते हैं। ध्रुवों की तरफ सर्दियाँ अधिक कठोर होती हैं।
प्रश्न 9.
उच्च भूमि जलवायु (H) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यह जलवायु भौम्याकृति द्वारा नियंत्रित होती हैं। ऊँचे पर्वतों में थोड़ी-थोड़ी दूरियों पर मध्यमान तापमान में भारी परिवर्तन पाए जाते हैं। उच्च भूमियों में वर्षण के प्रकारों व उनकी गहनता में भी स्थानिक अंतर पाए जाते हैं। पर्वतीय वातावरण में ऊँचाई के साथ जलवायु प्रदेशों के स्तरित ऊर्ध्वाधर कटिबंध पाए जाते हैं।
प्रश्न 10.
अभिनव पूर्व काल की जलवायु को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
बीसवीं शताब्दी में 90 के दशक में चरम मौसमी घटनाएँ घटित हुईं। इस दशक में शताब्दी के सबसे अधिक तापमान तथा सर्वाधिक बाढ़ें दर्ज की गयीं। 1967 से 1977 के दौरान सहारा मरुस्थल के दक्षिण भाग में स्थित साहेल क्षेत्र में विनाशकारी सूखे का प्रभाव रहा। 1930 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका के वृहत् मैदान के दक्षिण- पश्चिमी भाग में भीषण सूखा पड़ा था। वर्ष 1885 से 1940 तक विश्व के तापमान में वृद्धि की प्रवृत्ति पाई गई, जो वर्ष 1940 के बाद घटी है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
” भूमण्डलीय ऊष्मन को रोकना आज विश्व के सभी देशों की आवश्यकता है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में ग्रीन हाउस गैसों के सान्द्रण में वृद्धि की प्रवृत्ति आगे चलकर पृथ्वी को गर्म कर सकती है। एक बार भूमण्डलीय ऊष्मन के शुरू हो जाने पर इसे परिवर्तित करना कठिन कार्य होगा। भूमण्डलीय ऊष्मन का प्रभाव प्रत्येक जगह एकसमान नहीं हो सकता तथापि भूमण्डलीय ऊष्मन के दुष्प्रभाव जीवन पोषक तन्त्र को कुप्रभावित कर सकते हैं। हिमटोपियों व हिमनदियों के पिघलने से ऊँचा उठा समुद्री जल का स्तर और समुद्र का ऊष्मीय विस्तार तटीय क्षेत्र के विस्तृत भागों और द्वीपों को जल प्लावित कर सकता है।
इससे अनेक सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो जायेंगी। विश्व समुदाय के लिए यह गहरी चिन्ता का विषय है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियन्त्रित करने और भूमण्डलीय ऊष्मन की प्रवृत्ति को रोकने के प्रयास शुरू किये जा चुके हैं। आशा है कि आने वाले वर्षों में विश्व समुदाय इस चुनौती का प्रत्युत्तर देगा और एक ऐसी जीवन शैली को अपनाएगा जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए यह विश्व रहने के लायक रह सकेगा। अतः स्पष्ट है कि भूमण्डलीय ऊष्मन को रोकना आज विश्व के सभी देशों की आवश्यकता है।
प्रश्न 2.
उष्ण कटिबन्धीय जलवायु के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए। उष्ण कटिबन्धीय जलवायु
उत्तर:
यह जलवायु कर्क तथा मकर रेखाओं के बीच पायी जाती है। यहाँ वार्षिक तापान्तर बहुत कम तथा वर्षा अधिक होती है। उष्ण कटिबन्धीय जलवायु समूह को निम्नलिखित तीन प्रकारों के अन्तर्गत विभाजित किया गया है-
- उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु (Af):
- क्षेत्र : यह जलवायु भूमध्यरेखा के निकट पायी जाती है। दक्षिणी अमेरिका का अमेजन बेसिन, पश्चिमी भूमध्यरेखीय अफ्रीका तथा दक्षिणी-पूर्वी एशिया के द्वीप में इस प्रकार की जलवायु पायी जाती है।
- दशाएँ:
इस जलवायु समूह के क्षेत्रों में प्रतिदिन दोपहर के बाद गरज तथा बौछारों के साथ व्यापक मात्रा में वर्षा होती है। तापमान समान रूप से ऊँचा और वार्षिक तापान्तर नगण्य होता है। दिन के समय अधिकतम तापमान 30° सेल्शियस और न्यूनतम तापमान लगभग 200 सेल्शियस रहता है। इस प्रकार की जलवायु में सघन वितान तथा व्यापक जैव-विविधता वाले उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन पाए जाते हैं।
- उष्ण कटिबन्धीय मानसून जलवायु (Am):
- क्षेत्र : यह जलवायु भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणी अमेरिका -पूर्वी भाग तथा उत्तरी आस्ट्रेलिया में पायी जाती है।
- दशाएँ : इस जलवायु समूह के क्षेत्रों में व्यापक वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है तथा शीत ऋतु शुष्क होती है।
- उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु (Aw):
- क्षेत्र : यह जलवायु उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु के जलवायु क्षेत्रों के उत्तर तथा दक्षिण में पायी जाती है। विस्तृत उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क
जलवायु दक्षिणी अमेरिका में स्थित ब्राजील के वनों के उत्तर और दक्षिण में बोलीविया और पैराग्वे के निकटवर्ती भागों तथा सूडान और मध्य अफ्रीका के दक्षिण में पायी जाती है। - दशाएँ : इस जलवायु समूह के क्षेत्रों में आर्द्र ऋतु छोटी और शुष्क ऋतु भीषण व लम्बी होती है। तापमान वर्ष – भर ऊँचा रहता है और शुष्क ऋतु में दैनिक तापान्तर सबसे अधिक होते हैं। इस प्रकार की जलवायु में पर्णपाती वन तथा पेड़ों से ढकी घास भूमियाँ पाई जाती हैं।
- क्षेत्र : यह जलवायु उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु के जलवायु क्षेत्रों के उत्तर तथा दक्षिण में पायी जाती है। विस्तृत उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क
प्रश्न 3.
मध्य अक्षांशीय या कोष्ण शीतोष्ण जलवायु समूह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मध्य अक्षांशीय जलवायु (C):
यह जलवायु 30° से 50° अक्षांशों के मध्य मुख्यतः महाद्वीपों के पूर्वी और पश्चिमी सीमांतों पर विस्तृत है। इस जलवायु में सामान्यतः ग्रीष्म ऋतु कोष्ण और शीत ऋतु मृदुल होती है। इस जलवायु को निम्नलिखित चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है-
- आर्द्र उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु (Cwa):
यह जलवायु कर्क एवं मकर रेखा से ध्रुवों की तरफ मुख्य रूप से भारत के उत्तरी मैदान और दक्षिणी चीन के आन्तरिक मैदानों में पाई जाती है। यह जलवायु उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु (Aw) के समान है, अन्तर केवल इतना है कि इसमें शीत ऋतु का तापमान कोष्ण होता है। - भूमध्य सागरीय जलवायु ( Cs):
यह जलवायु भूमध्यसागर के चारों तरफ तथा उपोष्ण कटिबन्ध से 30°से 40° अक्षांशों के बीच महाद्वीपों के पश्चिमी तट के साथ-साथ पाई जाती है।- क्षेत्र :
मध्य कैलीफोर्निया, मध्य चिली तथा आस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्वी एवं दक्षिणी-पश्चिमी तट इस जलवायु क्षेत्र हैं। - दशाएँ:
इस जलवायु के क्षेत्र ग्रीष्म ऋतु में उपोष्ण कटिबन्धीय उच्च वायुदाब तथा शीत ऋतु में पछुवा पवनों के प्रभाव में आ जाते हैं। इस प्रकार उष्ण एवं शुष्क गर्मियाँ तथा मृदु एवं वर्षा युक्त सर्दियाँ इस जलवायु की विशेषताएँ हैं। इस जलवायु प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में औसत मासिक तापमान 25°C के आस-पास तथा शीत ऋतु में 10°C से कम रहता है। वार्षिक वर्षा 35 से 90 सेमी. के मध्य होती है।
- क्षेत्र :
- आर्द्र उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु (Cfa):
आर्द्र उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु उपोष्ण कटिबन्धीय अक्षांशों में महाद्वीपों के पूर्वी भागों में पायी जाती है।- क्षेत्र : यह जलवायु पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिणी-पूर्वी चीन, दक्षिणी जापान, उत्तर-पूर्वी अर्जेण्टाइना, तटीय दक्षिणी अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर पायी जाती है
- दशाएँ : इस जलवायु प्रदेश में वायुराशियाँ प्रायः अस्थिर रहती हैं और पूरे साल भर वर्षा करती हैं। यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 75 से 150 सेमी. के बीच रहती है। ग्रीष्म ऋतु में तड़ित झंझा और शीत ऋतु में वाताग्री वर्षा इस जलवायु की सामान्य विशेषताएँ हैं। यहाँ ग्रीष्म ऋतु में औसत मासिक तापमान लगभग 27°C तथा शीत ऋतु में 5° से 12°C के बीच रहता है तथा दैनिक तापान्तर बहुत कम होता है।
- समुद्री : पश्चिम तटीय जलवायु (Cfb ) :
यह जलवायु महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर भूमध्यसागरीय जलवायु से ध्रुवों की तरफ पाई जाती है।- क्षेत्र : उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पश्चिमी तट, उत्तरी कैलीफोर्निया, दक्षिणी चिली, दक्षिण-पूर्वी आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड प्रमुख क्षेत्र हैं।
- दशाएँ : इस जलवायु समूह में समुद्री प्रभाव के कारण तापमान मध्यम होते हैं और शीत ऋतु में अपने अक्षांशों की तुलना में कोष्ण होते हैं। ग्रीष्म ऋतु के महीनों में औसत तापमान 15° से 20°C तथा शीतकाल में 4° से 10°C के बीच रहता है। वार्षिक और दैनिक तापान्तर कम पाया जाता है। वर्षा वर्ष भर होती है लेकिन यह शीतकाल में अधिक होती है।
प्रश्न 4.
कोपेन द्वारा प्रस्तुत शुष्क जलवायु (B) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
शुष्क जलवायु (B)कोपेन ने शुष्क जलवायु के लिए ‘B’ अक्षर का उपयोग किया था। इस जलवायु की प्रमुख विशेषता अत्यंत न्यून वर्षा है, जो पादपों की वृद्धि के लिए पर्याप्त नहीं होती।
क्षेत्र:
यह जलवायु धरातल के बहुत बड़े भाग पर पायी जाती है, जो दोनों गोलार्द्ध में 15° से 60° के मध्य विस्तृत है। 15°C से 30° के निम्न अक्षांशों में यह उपोष्ण कटिबंधीय उच्च वायुदाब क्षेत्र में पायी जाती है। जहाँ तापमान का अवतलन और उत्क्रमण वर्षा नहीं होने देते। महाद्वीपों के पश्चिमी सीमांतों पर, ठंडी धाराओं के आसन्न क्षेत्र, विशेषत: दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर यह जलवायु विषुवत् वृत की तरफ अधिक विस्तृत है और तटीय भाग में पाई जाती है। मध्य अक्षांशों में दोनों गोलार्द्धां में 35° से 60° अक्षांशों के बीच यह जलवायु महाद्वीपों के उन आंतरिक भागों तक विस्तृत है, जहाँ पर्वतों से घिरे होने के कारण प्राय: समुद्री आर्द्र पवनें नहीं पहुँच पातीं।
प्रकार :
इस जलवायु को कोपेन ने दो जलवायु प्रकारों में विभक्त किया स्टेपी अथवा अर्द्ध-शुष्क जलवायु (BS) तथा (2) मरुस्थल जलवायु (BW)
इसे आगे पुन:
15° से 35° अक्षांशों के बीच उपोष्ण कटिबंधीय स्टेपी (BSh) और उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल (BWh) में बाँटा गया है। 35° से 60° अक्षांशों के बीच इसे मध्य अक्षांशीय स्टेपी (BSK) तथा मध्य अक्षांशीय मरुस्थल (BWk) में बाँटा गया है।
उपोष्ण कटिबंधीय स्टेपी (BSh) और उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल (BWh) जलवायु:
इन दोनों जलवायु प्रदेशों में वर्षण और तापमान के लक्षण एकसमान होते हैं। आर्द्र एवं शुष्क जलवायु के संक्रमण क्षेत्र में अवस्थित होने के कारण उपोष्ण कटिबंधीय स्टेपी जलवायु में मरुस्थल जलवायु की अपेक्षा वर्षा थोड़ी ज्यादा होती है, जो विरल घास भूमियों के लिए पर्याप्त होती है।
दोनों ही जलवायु प्रदेशों में वर्षा में परिवर्तनशीलता पायी जाती है। वर्षा की परिवर्तनशीलता मरुस्थल की अपेक्षा स्टेपी में जीवन को अधिक प्रभावित करती है। इससे कई बार अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। मरुस्थलों में वर्षा थोड़ी किन्तु गरज के साथ तीव्र बौछारों के रूप में होती है, जो मृदा में नमी पैदा करने में अप्रभावी सिद्ध होती है। तटीय मरुस्थलों में कोहरा पड़ना एक आम बात है। ग्रीष्म ऋतु में अधिकतम तापमान बहुत ऊँचा रहता है। लीबिया के अल- अजीजिया में 13 सितम्बर, 1922 को उच्चतम तापमान 58°C दर्ज किया गया था। इस जलवायु में वार्षिक और दैनिक तापांतर भी अधिक पाए जाते हैं।
प्रश्न 5.
कोपेन के अनुसार जलवायु को सारणीबद्ध कर वर्गीकृत कीजिए तथा कूट अक्षर एवं लक्षण भी संक्षिप्त में लिखिए।
उत्तर:
कोपेन का जलवायु वर्गीकरण- कोपेन ने वर्षा एवं तापमान के मध्यमान वार्षिक एवं मध्यमान मासिक आँकड़ों का उपयोग करते हुए विश्व जलवायु का एक आनुभविक वर्गीकरण प्रस्तुत किया। इसमें जलवायु के समूहों एवं प्रकारों की पहचान करने के लिए बड़े एवं छोटे अक्षरों का प्रयोग किया। कोपेन ने वस्तुतः पाँच प्रमुख जलवायु समूह निर्धारित किए जिनमें से चार तापमान पर और एक वर्षण पर आधारित था। कोपेन ने अपने जलवायु प्रकारों को निम्नलिखित प्रकार से प्रस्तुत किया – सारणी : कोपेन के अनुसार जलवायु प्रकार
प्रश्न 6.
कोपेन द्वारा वर्गीकृत जलवायु समूह में ध्रुवीय जलवायु (E) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
समूह E ध्रुवीय जलवायु :
यह जलवायु 70° अक्षांश से परे ध्रुवों की ओर पायी जाती है। ध्रुवीय जलवायु निम्नलिखित दो प्रकार की होती है-
(i) टुण्ड्रा जलवायु (ET):
इस जलवायु का नाम काई, लाइकेन तथा पुष्पी पादप जैसे छोटे वनस्पति प्रकारों के आधार पर रखा गया है। यह स्थायी तुषार का प्रदेश है, जिसमें अधोभूमि स्थायी रूप से जमी रहती है। लघुवर्धन काल और जलाक्रांति छोटे वनस्पति का ही पोषण कर पाते हैं। ग्रीष्म ऋतु में टुण्ड्रा प्रदेशों में दिन के प्रकाश की अवधि लंबी होती है।
(ii) हिमटोप जलवायु (Ef):
यह जलवायु ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका के आंतरिक भागों में पायी जाती है। इसमें गर्मियों में भी तापमान हिमांक से नीचे रहता है। इस क्षेत्र में वर्षा थोड़ी मात्रा में होती है। तुषार एवं हिम एकत्रित होती जाती है, जिनका बढ़ता हुआ दबाव हिम परतों को विकृत कर देता है। हिम परतों के ये टुकड़े आर्कटिक एवं अंटार्कटिक जल में खिसक कर प्लावी हिम शैलों के रूप में तैरते रहते हैं। अंटार्कटिक में 79° दक्षिणी अक्षांश पर ‘प्लेट्यू स्टेशन’ पर भी यही जलवायु पायी जाती है
प्रश्न 7.
कोपेन द्वारा वर्गीकृत जलवायु समूहों को लिखिए तथा शीत- हिम वन जलवायु का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोपेन ने 1918 में जलवायु वर्गीकरण प्रस्तुत किया था, जिसमें समय के साथ कई संशोधन हुये। कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण में पाँच प्रमुख जलवायु समूह निर्धारित किए थे, जिनमें से चार तापमान पर और एक वर्षण पर आधारित था। कोपेन के जलवायु समूह एवं उनकी विशेषताओं को निम्नलिखित सारणी में दर्शाया गया है-
सारणी : कोपेन के अनुसार जलवायु समूह
समूह | लक्षण |
A. उष्णकटिबंधीय | सभी महीनों का औसत तापमान 18° सेल्सियस से अधिक। |
B. शुष्क जलवायु | वर्षण की तुलना में विभव वाष्पीकरण की अधिकता। |
C. कोष्ण शीतोष्ण | सर्वाधिक ठंडे महीने का औसत तापमान 3° सेल्सियस से अधिक किन्तु 180 सेल्शियस से कम मध्य अक्षांशीय जलवायु। |
D. शीतल हिम-वन जलवायु | वर्ष के सर्वाधिक ठंडे महीने का औसत तापमान शून्य अंश तापमान से 3° नीचे। |
E. शीत | सभी महीनों का औसत तापमान 10°सेल्सियस से कम। |
H. उच्चभूमि | ऊँचाई के कारण शीत। |
समूह D शीत हिम-वन जलवायु :
यह जलवायु उत्तरी गोलार्द्ध में 40° से 70° अक्षांशों के बीच यूरोप, एशिया और उत्तर अमेरिका के विस्तृत महाद्वीपीय क्षेत्रों में पायी जाती है। इस जलवायु को निम्न दो प्रकार में विभक्त किया जाता है।
(i) आई जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु (Df):
यह जलवायु समुद्री पश्चिम तटीय जलवायु और मध्य अक्षांशीय स्टैपी जलवायु से ध्रुवों की ओर पायी जाती है। इसमें शीतकाल ठंडा और बर्फीला होता है। तुषार – मुक्त ऋतु छोटी होती है। वार्षिक तापांतर अधिक होता है । मौसमी परिवर्तन आकस्मिक और अल्पकालिक होते हैं। ध्रुवों की ओर सर्दियाँ अधिक कठोर होती हैं।
(ii) शुष्क जाड़ों से युक्त ठंडी जलवायु ( Dw ):
यह जलवायु मुख्यतः उत्तर-पूर्वी एशिया में पायी जाती है। जाड़ों में प्रतिचक्रवात का स्पष्ट विकास तथा ग्रीष्म ऋतु में उसका कमजोर पड़ना, इस क्षेत्र में पवनों के प्रत्यावर्तन की मानसून जैसी दशाएँ उत्पन्न करते हैं। ध्रुवों की ओर गर्मियों में तापमान कम होते हैं और जाड़ों में तापमान अत्यन्त न्यून होते हैं। कुछ स्थान पर तो वर्ष के सात महीने तक तापमान हिमांक बिन्दु से कम रहता है। वार्षिक वर्षा कम होती है, जो 12 से 15 सेमी. के बीच होती है।
प्रश्न 8.
जलवायु परिवर्तन के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलवायु परिवर्तन के कारण :
जलवायु परिवर्तन के लिये अनेक कारण उत्तरदायी हैं। इनमें से कुछ खगोलीय होते हैं तथा कुछ पार्थिव। जलवायु परिवर्तन के लिये प्रमुख रूप से निम्न कारण उल्लेखनीय हैं-
- सौर कलंकों की घटती-बढ़ती संख्या,
- मिर्लेकोविच दोलन,
- ज्वालामुखी क्रिया,
- ग्रीन हाउस गैसों का बढ़ता सान्द्रण।
इनका विस्तृत वर्णन निम्न प्रकार है-
(1) सौर कलंकों की घटती-बढ़ती संख्या :
सौर कलंक सूर्य पर काले धब्बे होते हैं जो चक्रीय ढंग से घटते-बढ़ते रहते हैं। कुछ मौसम विज्ञानी यह मानते हैं कि सौर कलंकों की संख्या बढ़ने पर मौसम ठण्डा व आर्द्र हो जाता है तथा तूफानों की संख्या बढ़ जाती है। दूसरी ओर सौर कलंकों की संख्या घटने पर मौसम उष्ण एवं शुष्क हो जाता है।
(2) मिलैंकोविच दोलन :
यह एक खगोलीय सिद्धान्त है जिसके द्वारा सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के कक्षीय लक्षणों में बदलाव के चक्रों, पृथ्वी की डगमगाहट तथा पृथ्वी के अक्षीय झुकाव में हुए परिवर्तनों के बारे में अनुमान लगाया जाता है। इन परिवर्तनों का सीधा प्रभाव धरातल पर प्राप्त होने वाले सूर्यातप पर पड़ता है जिसके कारण जलवायु में परिवर्तन अनुभव किये जाते हैं।
(3) ज्वालामुखी क्रिया :
ज्वालामुखी उद्गार वायुमण्डल में वृहद् स्तर पर ऐरोसोल छोड़ता है। यह एैरोसोल लम्बे समय तक वायुदाब में विद्यमान रहते हैं तथा इससे धरातल पर कम सौर्यिक विकिरण पहुँच पाता है जो पृथ्वी के तापमान में कमी का कारण बनता है।
(4) ग्रीन हाउस गैसों का बढ़ता सान्द्रण:
वर्तमान में मानव द्वारा वायुमण्डल में प्रचुर मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों को उत्सर्जित किया जा रहा है जिसके कारण वायुमण्डल में इन गैसों का सान्द्रण क्रमशः बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन गैसों के बढ़ते सान्द्रण से भूमण्डलीय तापमान में धीमी गति से वृद्धि दर्ज की जा रही है। इस प्रकार उपर्युक्त सभी कारक जलवायु परिवर्तन के लिए उत्तरदायी हैं।