Understanding the question and answering patterns through Class 11 Geography Question Answer in Hindi Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में will prepare you exam-ready.
Class 11 Geography Chapter 1 in Hindi Question Answer भूगोल एक विषय के रूप में
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुचयनात्मक प्रश्न-
1. निम्न में से कौनसी भौतिक भूगोल की शाखा है-
(अ) भू-आकृति विज्ञान
(ब) सामाजिक व सांस्कृतिक भूगोल
(स) जीव भूगोल
(द) राजनीतिक भूगोल।
उत्तर:
(अ) भू-आकृति विज्ञान
2. निम्न में से कौनसी मानव भूगोल की शाखा है-
(अ) मृदा भूगोल
(ब) पर्यावरण भूगोल
(स) वनस्पति भूगोल
(द) आर्थिक भूगोल।
उत्तर:
(द) आर्थिक भूगोल।
3. स्तम्भ I एवं II के अन्तर्गत लिखे गये विषयों को पढ़िए।
स्तम्भ I
प्राकृतिक व सामाजिक विज्ञान |
स्तम्भ II
भूगोल की शाखाएँ |
1. वनस्पति विज्ञान | (अ) प्राणी भूगोल |
2. जनसंख्या विज्ञान | (ब) पर्यावरण भूगोल |
3. प्राणी विज्ञान | (स) मानव भूगोल |
4. पर्यावरण विज्ञान | (द) पादप भूगोल |
सही मेल को चिह्नांकित कीजिए-
(अ) 1. द, 2. स, 3. अ, 4. ब
(ब) 1. ब, 2. स, 3. अ, 4. द
(स) 1. स, 2. अ, 3. द, 4. ब
(द) 1. अ, 2. द, 3. ब, 4. स
उत्तर:
(अ) 1. द, 2. स, 3. अ, 4. ब
4. भूगोल की जिस शाखा में पशुओं एवं उनके निवास क्षेत्र के स्थानिक स्वरूप एवं भौगोलिक विशेषताओं का अध्ययन होता है, वह है-
(अ) आर्थिक भूगोल
(ब) जीव भूगोल
(स) वनस्पति भूगोल
(द) पर्यावरण भूगोल।
उत्तर:
(ब) जीव भूगोल
5. भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल के अन्तरापृष्ठ के फलस्वरूप जिस शाखा का अभ्युदय हुआ है, वह है-
(अ) जनसंख्या व अधिवास भूगोल
(ब) जीव भूगोल
(स) ऐतिहासिक भूगोल
(द) भू-आकृति विज्ञान।
उत्तर:
(ब) जीव भूगोल
6. निम्न में से किस लक्षण को सांस्कृतिक लक्षण कहा जा सकता है?
(अ) नगर
(ब) पठार
(स) समुद्र
(द) झील।
उत्तर:
(अ) नगर
7. भू-सूचना विज्ञान तकनीकी में वैश्विक स्थितीय तंत्र (G.P.S.) का उपयोग होता है-
(अ) सूचनाएँ एकत्रित करने में
(ब) मानचित्र बनाने में
(स) आँकड़ों को एकत्र करने में
(द) सही स्थिति ज्ञात करने में
उत्तर:
(द) सही स्थिति ज्ञात करने में
8. भौतिक भूगोल की शाखा है-
(अ) भू-आकृतिक विज्ञान
(ब) जलवायु विज्ञान
(स) जल विज्ञान
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
9. मानव भूगोल की शाखा है-
(अ) आर्थिक भूगोल
(ब) ऐतिहासिक भूगोल
(स) राजनीतिक भूगोल
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
10. भूगोल की किस शाखा में प्राकृतिक वनस्पति का उसके निवास क्षेत्र में स्थानिक
(अ) वनस्पति भूगोल
(ब) जीव भूगोल
(स) पारिस्थैतिक विज्ञान
(द) पर्यावरण भूगोल
उत्तर:
(अ) वनस्पति भूगोल
11. आर्थिक भूगोल में निम्न में से किस क्रिया का अध्ययन किया जाता है?
(अ) कृषि
(ब) उद्योग
(स) व्यापार
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
12. प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की शाखा है-
(अ) प्रादेशिक विकास
(स) प्रादेशिक योजना
(ब) प्रादेशिक विश्लेषण
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
रिक्त स्थान वाले प्रश्न
नीचे दिए गए प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
1. भूगोल, प्रकृति तथा _____ “के समग्र इकाई के रूप में अन्तर्प्रक्रिया के अध्ययन से सम्बन्धित हैं। (मानव / आवास)
2. विषय वस्तु भूगोल का उपागम एक जर्मन भूगोलवेत्ता _____ द्वारा प्रवर्तित किया गया। (कार्ल रिटर / अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट)
3. प्रादेशिक भूगोल का विकास जर्मन भूगोलवेत्ता” _____ द्वारा किया गया। (अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट / कार्ल रिटर)
4. _____ विज्ञान में वायुमण्डल की संख्या, मौसम एवं जलवायु प्रदेशों का अध्ययन किया जाता है। (जलवायु / भूआकृति)
5. भौगोलिक तत्त्वों में भी सामयिक परिवर्तन होते रहते हैं और इसी की व्याख्या _____ भूगोल का ध्येय है। (राजनीतिक / ऐतिहासिक)
6. _____ विज्ञान में प्रजातियों के निवास / स्थिति क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। (पारिस्थैतिक/पर्यावरण)
उत्तर:
1. भूगोल, प्रकृति तथा मानव मानव मानव “के समग्र इकाई के रूप में अन्तर्प्रक्रिया के अध्ययन से सम्बन्धित हैं।
2. विषय वस्तु भूगोल का उपागम एक जर्मन भूगोलवेत्ता अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट द्वारा प्रवर्तित किया गया।
3. प्रादेशिक भूगोल का विकास जर्मन भूगोलवेत्ता” कार्ल रिटर द्वारा किया गया।
4. जलवायु विज्ञान में वायुमण्डल की संख्या, मौसम एवं जलवायु प्रदेशों का अध्ययन किया जाता है।
5. भौगोलिक तत्त्वों में भी सामयिक परिवर्तन होते रहते हैं और इसी की व्याख्या ऐतिहासिक भूगोल का ध्येय है।
6. पारिस्थैतिक विज्ञान में प्रजातियों के निवास / स्थिति क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है।
सत्य / असत्य वाले प्रश्न
नीचे दिए गए कथनों में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए-
1. जीव भूगोल में पशुओं एवं उनके निवास क्षेत्र के स्थानिक स्वरूप एवं भौगोलिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
2. कालावधि मिट्टियों को परिपक्वता प्रदान करती है तथा मृदा पार्श्विका के विकास में सहायक होती है।
3. सामाजिक/सांस्कृतिक भूगोल, जीव भूगोल की एक शाखा है।
4. समुद्र, नदी, झील आदि का अध्ययन भू-आकृति विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है।
5. प्रादेशिक भूगोल का विकास कार्ल रिटर (1775-1859) द्वारा किया गया।
6. सर्वप्रथम भूगोल शब्द का प्रयोग इरेटॉस्थेनीज नामक ग्रीक विज्ञान ने किया था।
उत्तर:
1. जीव भूगोल में पशुओं एवं उनके निवास क्षेत्र के स्थानिक स्वरूप एवं भौगोलिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। (सत्य)
2. कालावधि मिट्टियों को परिपक्वता प्रदान करती है तथा मृदा पार्श्विका के विकास में सहायक होती है। (सत्य)
3. सामाजिक/सांस्कृतिक भूगोल, जीव भूगोल की एक शाखा है। (असत्य)
4. समुद्र, नदी, झील आदि का अध्ययन भू-आकृति विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है। (असत्य)
5. प्रादेशिक भूगोल का विकास कार्ल रिटर (1775-1859) द्वारा किया गया। (सत्य)
6. सर्वप्रथम भूगोल शब्द का प्रयोग इरेटॉस्थेनीज नामक ग्रीक विज्ञान ने किया था। (सत्य)
मिलान करने वाले प्रश्न
निम्न को सुमेलित कीजिए
1. जनसंख्या | (अ) सामाजिक भूगोल |
2. समाजशास्त्र | (ब) पर्यावरण भूगोल |
3. प्राणी विज्ञान | (स) जनसंख्या भूगोल |
4. पर्यावरण विज्ञान | (द) प्राणी भूगोल |
5. मृदा विज्ञान | (य) मृदा भूगोल |
उत्तर:
1. जनसंख्या | (स) जनसंख्या भूगोल |
2. समाजशास्त्र | (अ) सामाजिक भूगोल |
3. प्राणी विज्ञान | (द) प्राणी भूगोल |
4. पर्यावरण विज्ञान | (ब) पर्यावरण भूगोल |
5. मृदा विज्ञान | (य) मृदा भूगोल |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1. भूगोल (Geography) शब्द किन दो शब्दों से मिलकर बना है?
‘उत्तर:
‘Geo’ (पृथ्वी) एवं ‘graphos’ (वर्णन) से।
प्रश्न 2.
भूगोल का शाब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर:
पृथ्वी का वर्णन ।
प्रश्न 3.
पृथ्वी का आकार कैसा है?
उत्तर:
भू-आभ (Geoid)।
प्रश्न 4.
सर्वप्रथम ‘भूगोल’ शब्द का प्रयोग किस विद्वान ने तथा किस अर्थ में किया था?
उत्तर:
सर्वप्रथम ग्रीक विद्वान इरेटॉस्थेनीज ने ‘भूगोल’ शब्द का प्रयोग ‘पृथ्वी का वर्णन’ के अर्थ में किया।
प्रश्न 5. प्रत्येक विषय का मूल आधार क्या होता है?
उत्तर:
प्रत्येक विषय का एक दर्शन होता है, जो उसके लिए मूल आधार होता है।
प्रश्न 6.
मानचित्र किस प्रकार तैयार किए जाते हैं?
उत्तर:
कलात्मक कल्पना के द्वारा।
प्रश्न 7.
18वीं – 19वीं शताब्दी के दो प्रसिद्ध जर्मन भूगोलवेत्ताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट तथा
- कार्ल रिटर।
प्रश्न 8.
सांस्कृतिक भूदृश्यों का अध्ययन भूगोल की किस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है?
उत्तर:
मानव भूगोल में।
प्रश्न 9.
भूगोल के अध्ययन के प्रमुख उपागमों के नाम लिखिये।
उत्तर:
- विषयवस्तुगत ( क्रमबद्ध ) उपागम
- प्रादेशिक उपागम।
प्रश्न 10.
रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार भूगोल का उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार भूगोल का उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक व क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्याख्या करना है।
प्रश्न 11.
पृथ्वी के भौतिक स्वरूप की भिन्नता के प्रकार बताइए।
उत्तर:
पर्वत, पहाड़ियाँ, घाटियाँ, मैदान, पठार, समुद्र, झील, रेगिस्तान, वन एवं उजाड़ तथा वीरान क्षेत्र पृथ्वी के भौतिक स्वरूप की भिन्नता के प्रकार हैं।
प्रश्न 12.
भूगोल एवं इतिहास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भूगोल एक संश्लेषणात्मक विषय है जो कि क्षेत्रीय संश्लेषण करता है जबकि इतिहास कालिक संश्लेषण करता है।
प्रश्न 13.
भूगोल के अध्ययन का विषय-वस्तुगत उपागम क्या है? बताइए।
उत्तर:
विषय-वस्तुगत उपागम में एक तथ्य का सम्पूर्ण विश्व स्तर पर अध्ययन किया जाता है। तत्पश्चात् क्षेत्रीय स्वरूप के वर्गीकृत प्रकारों की पहचान की जाती है।
प्रश्न 14.
भूगोल के अध्ययन का प्रादेशिक उपागम क्या है? बताइए।
उत्तर:
प्रादेशिक उपागम में विश्व को विभिन्न पदानुक्रमिक स्तर के प्रदेशों में विभक्त किया जाता है। उसके उपरान्त विशेष प्रदेश में सभी भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है
प्रश्न 15.
भू-आकृति विज्ञान क्या है?
उत्तर:
भू-आकृतियों, उनके क्रम विकास एवं सम्बन्धित प्रक्रियाओं का अध्ययन भौतिक भूगोल की जिस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है, भू-आकृति विज्ञान कहलाता है।
प्रश्न 16.
मृदा भूगोल क्या है?
उत्तर:
भौतिक भूगोल की यह शाखा मिट्टी के प्रकार, निर्माण की प्रक्रियाओं, उत्पादकता स्तर, वितरण एवं उपभोग आदि के अध्ययन से सम्बन्धित है।
प्रश्न 17.
आर्थिक भूगोल क्या है?
उत्तर:
मानव की आर्थिक क्रियाओं, यथा कृषि, उद्योग, पर्यटन, व्यापार, परिवहन, अवस्थापना तत्त्व एवं सेवाओं आदि का अध्ययन मानव भूगोल की इस शाखा के अन्तर्गत करते हैं है।
प्रश्न 18.
जीव – भूगोल का अभ्युदय किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल के अन्तरापृष्ठ के फलस्वरूप जीव – भूगोल का अभ्युदय हुआ।
प्रश्न 19
पारिस्थैतिक विज्ञान क्या है ?
उत्तर:
जीव – भूगोल की इस शाखा के अन्तर्गत प्रजातियों के निवास / स्थिति क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता
प्रश्न 20.
अधिवास भूगोल की अध्ययन सामग्री बताइए।
उत्तर:
मानव भूगोल की इस शाखा के अन्तर्गत ग्रामीण तथा नगरीय अधिवासों के वितरण प्रारूप तथा अन्य विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 21.
अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार भूगोल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार, “भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है ।”
प्रश्न 22.
आदिम समाज अपने भरण-पोषण के लिए किन पर आधारित था?
उत्तर:
आदिम समाज अपने भरण-पोषण के लिए प्राकृतिक निर्वाह संसाधनों, यथा— पशुओं एवं खाद्य पौधों पर आश्रित था।
प्रश्न 23.
प्रकृति मानव जीवन के कौन-कौनसे पक्षों को प्रभावित करती है ?
उत्तर:
प्रकृति मानव जीवन के विभिन्न पक्षों को प्रभावित करती है। इसकी छाप उसके वस्त्र, आवास, व्यवसाय आदि पर दिखलाई देती है।
प्रश्न 24.
मानव ने प्रकृति के साथ समझौता किसके माध्यम से किया है?
उत्तर:
मानव ने प्रकृति के साथ समझौता अनुकूलन अथवा आपरिवर्तन के माध्यम से किया है।
प्रश्न 25.
भूगोल का क्रोड क्या है?
उत्तर:
एक विषय के रूप में भूगोल का क्रोड क्षेत्र से सम्बन्धित होता है तथा स्थानिक विशेषताओं एवं गुणों का विवेचन करता है।
प्रश्न 26.
भूगोल के आँकड़े किस प्रकार समृद्ध हो गये हैं?
उत्तर:
श्रव्य व दृश्य माध्यमों एवं सूचना तकनीकी के विकास ने भूगोल के आँकड़ों को बहुत समृद्ध बना दिया है।
प्रश्न 27.
भूगोल का संश्लेषणात्मक विषय के रूप में प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से किस प्रकार का सम्बन्ध है?
उत्तर:
भूगोल का एक संश्लेषणात्मक विषय के रूप में अनेक प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध है।
प्रश्न 28.
प्राकृतिक या सामाजिक विज्ञानों का मूल उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
प्राकृतिक या सामाजिक सभी विज्ञानों का मूल उद्देश्य यथार्थता को ज्ञात करना है।
प्रश्न 29.
विश्व के इतिहास की दिशा को परिवर्तित करने वाले प्रभावशाली कारक को बताइए।
उत्तर:
स्थानिक दूरी स्वयं विश्व के इतिहास की दिशा को परिवर्तित करने वाला प्रभावशाली कारक है।
प्रश्न 30.
भौतिक भूगोल कौन-कौनसे प्राकृतिक विज्ञानों से सम्बन्धित है?
उत्तर:
भौतिक भूगोल भौमिकी, मौसम विज्ञान, जल विज्ञान तथा मृदा विज्ञान आदि प्राकृतिक विज्ञानों से सम्बन्धित है।
प्रश्न 31.
जैव भूगोल कौन-कौनसे विज्ञानों से सम्बन्धित है?
उत्तर:
जैव भूगोल वनस्पतिशास्त्र, जीव विज्ञान तथा पारिस्थितिकी विज्ञान से अत्यधिक निकटता से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 32.
भू-आभ को द्विआयामी में परिवर्तित करने का समाधान किस प्रकार हो सकता है?
उत्तर:
भू-आभ को द्विआयामी में परिवर्तित करने का समाधान लेखाचित्रीय या गणितीय रीति से निर्मित प्रक्षेपण द्वारा प्राप्त हो सकता है।
प्रश्न 33.
सामाजिक यथार्थता का अध्ययन किसके द्वारा किया जाता है?
उत्तर:
सामाजिक विज्ञान के सभी विषय, यथा – समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनांकिकी आदि सामाजिक यथार्थता का अध्ययन करते हैं।
प्रश्न 34.
भौतिक भूगोल में किसका अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
भौतिक भूगोल में भू-मण्डल अर्थात् भू-आकृतियाँ, जल प्रवाह, जलवायु, मृदा, उच्चावच आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 35.
वायुमण्डल में किसका अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
वायुमण्डल में इसकी बनावट, वायुदाब, वायु, वर्षा, तापक्रम, जलवायु के प्रकार आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 36.
मानव सीमित क्षेत्र में जलवायु को आपरिवर्तित किस प्रकार करता है?
उत्तर:
मानव सीमित क्षेत्र में वातानुकूलक तथा वायुशीतक आदि उपकरणों के द्वारा जलवायु को आपरिवर्तित कर देता है।
प्रश्न 37.
विश्व में पारिस्थैतिक असन्तुलन किस कारण से उत्पन्न हुआ है?
उत्तर:
तकनीकी की सहायता से संसाधनों के बढ़ते उपभोग के फलस्वरूप विश्व में पारिस्थैतिक असन्तुलन उत्पन्न हो गया है।
प्रश्न 38.
सतत विकास के लिए किसका ज्ञान होना आवश्यक है?
उत्तर:
सतत विकास के लिए भौतिक वातावरण का ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक है जो कि भौतिक भूगोल के महत्त्व को दर्शाता है।
प्रश्न 39.
वनों के घनत्व एवं घास प्रदेशों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर:
- तापमान तथा
- वर्षा।
प्रश्न 40.
उपागम किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन विधियों के द्वारा किसी विषय का अध्ययन किया जाता है, उन्हें उपागम कहते हैं।
प्रश्न 41.
भूगोल की किस शाखा में सीमाओं, पड़ोसी भू-वैन्यासिक सम्बन्ध व चुनाव परिदृश्य का विश्लेषण किया जाता है?
उत्तर:
राजनीतिक भूगोल में।
प्रश्न 42.
भूगोल की दो प्रमुख शाखाएँ कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:
- भौतिक भूगोल
- मानव भूगोल।
प्रश्न 43.
GI. S. का पूरा नाम लिखिए ।
उत्तर;
भौगोलिक सूचना तंत्र (Geographical Information System)।
प्रश्न 44.
जी. पी. एस. (G.P.S.) का क्या उपयोग है?
उत्तर:
किसी वस्तु की बिल्कुल सही स्थिति ज्ञात करने के लिए जी.पी.एस. का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 45.
मानव भूगोल की चार शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- सामाजिक/सांस्कृतिक भूगोल
- जनसंख्या एवं अधिवास भूगोल
- आर्थिक भूगोल
- ऐतिहासिक भूगोल।
प्रश्न 46.
भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.) से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
यह वैश्विक स्थानिक आँकड़ों के प्रग्रहण, भण्डारण, इच्छानुसार पुन: प्राप्ति, रूपान्तरण एवं प्रदर्शन करने की सशक्त युक्तियों का एक कम्प्यूटर आधारित समूह है।
प्रश्न 47.
सामान्य भाषा में भूगोल का उद्देश्य क्या है? समझाइये।
उत्तर:
भूगोल का उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक अथवा क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्याख्या करना है।
प्रश्न 48.
भूगोल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
भूगोल मानव के निवास के रूप में पृथ्वी का वर्णन करता है।
प्रश्न 49.
भूगोल के अध्ययन के प्रादेशिक उपागम का विकास किस भूगोलवेत्ता द्वारा किया गया ?
उत्तर:
जर्मन भूगोलवेत्ता कार्ल रिटर द्वारा।
प्रश्न 50.
विषयवस्तु ( क्रमबद्ध) उपागम का प्रतिपादन किसने किया?
उत्तर:
जर्मन भूगोलवेत्ता अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट द्वारा।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न1.
भूगोल के अध्ययन के विषयवस्तुगत अर्थात् क्रमबद्ध एवं प्रादेशिक उपागम में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विषयवस्तुगत उपागम में एक तथ्य का पूरे विश्व स्तर पर अध्ययन किया जाता है। तत्पश्चात् क्षेत्रीय स्वरूप वर्गीकृत प्रकारों की पहचान की जाती है, जबकि प्रादेशिक उपागम में विश्व को विभिन्न पदानुक्रमिक स्तर के प्रदेशों में विभक्त करके, एक विशेष प्रदेश में सभी भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 2.
भूगोल के अध्ययन के प्रमुख उपागम कौनसे हैं? इनके प्रवर्तकों के नाम भी बताइये।
उत्तर:
भूगोल के अध्ययन के दो प्रमुख उपागम है:
- विषयवस्तुगत या क्रमबद्ध उपागम
- प्रादेशिक उपागम। विषयवस्तुगत या क्रमबद्ध उपागम का प्रवर्तक जर्मन भूगोलवेत्ता, अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट था जबकि प्रादेशिक उपगाम का विकास हम्बोल्ट के ही समकालीन एक दूसरे जर्मन भूगोलवेत्ता कार्ल रिटर द्वारा किया गया था।
प्रश्न 3.
भूगोल की कोई दो महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ लिखिए।
उत्तर:
- रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार, “भूगोल का उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक / क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्याख्या करना है। “
- अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार, “भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है ।”
प्रश्न 4.
स्पष्ट कीजिए कि “एक विषय के रूप में भूगोल का क्रोड क्षेत्र से संबन्धित होता है। ”
उत्तर:
भूगोल क्षेत्र विशेष की स्थानिक विशेषताओं एवं गुणों का विवेचन करता है। यह क्षेत्र में तथ्यों के वितरण, स्थिति एवं केंद्रीकरण के प्रतिरूप का अध्ययन करता है तथा इन प्रतिरूपों की व्याख्या करते हुए उनका स्पष्टीकरण देता है। यह मानव तथा उसके भौतिक वातावरण के मध्य गत्यात्मक अंतर्प्रक्रिया से उपजे तथ्यों के बीच साहचर्य एवं अंतर्सम्बन्ध का विश्लेषण करता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि ” एक विषय के रूप में भूगोल का क्रोड क्षेत्र से सम्बन्धित होता है।
प्रश्न 5.
‘दर्शन’ को प्रत्येक विषय का मूल आधार क्यों माना गया है? लिखिए।
उत्तर:
प्रत्येक विषय का एक दर्शन होता है, जो उस विषय विशेष को जड़ प्रदान कर उसके क्रमशः विकास प्रक्रिया में स्पष्ट ऐतिहासिक भूमिका प्रस्तुत करता है। भूगोल विषय में भी एक दर्शन होता है। इसलिए ‘ भौगोलिक चिंतन का इतिहास’ भूगोल की मातृशाखा के रूप में सर्वत्र पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस कारण दर्शन को विषय- विशेष के लिए मूल आधार माना जाता है।
प्रश्न 6.
जीव भूगोल का विकास कैसे हुआ है? इसकी प्रमुख शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
जीव भूगोल – भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल के अंतरापृष्ठ के फलस्वरूप जीव भूगोल का अभ्युदय हुआ है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित शाखाएँ आती हैं-
- प्राणी – भूगोल
- वनस्पति भूगोल
- पारिस्थैतिक भूगोल
- पर्यावरण भूगोल ।
प्रश्न 7.
प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की शाखाएँ बताइए।
उत्तर:
प्रादेशिक उपागम पर आधारित भूगोल की प्रमुख शाखाएँ निम्न हैं-
- विश्व को वृहद्, मध्यम एवं लघुस्तरीय स्तरों में बाँटकर प्रादेशिक या क्षेत्रीय अध्ययन करना।
- ग्रामीण या इलाका नियोजन तथा शहर एवं नगर नियोजन सहित प्रादेशिक नियोजन।
- प्रादेशिक विकास।
- प्रादेशिक विवेचना या विश्लेषण।
प्रश्न 8.
भूगोल व इतिहास में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
भूगोल व इतिहास आपस में अन्तर्सम्बन्धित हैं। इतिहास भूतकालीन घटनाओं का अध्ययन करता है जबकि वर्तमान भौगोलिक घटनाएँ अतीत के गर्भ में इतिहास बन जाती हैं। भूगोल ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित भी करता है। स्थानिक दूरी स्वयं विश्व के इतिहास की दिशा को परिवर्तित करने के लिए एक प्रभावशाली कारक है। नये विश्व के देशों के चारों ओर विस्तृत. समुद्र द्वारा प्रदत्त रक्षा कवच उन्हें उनकी मिट्टी पर युद्ध होने से बचाता रहा है। इसी प्रकार भारत में हिमालय एक महान अवरोध के रूप में देश की रक्षा करता रहा परन्तु उसमें स्थित दर्रों ने मध्य एशिया के आक्रमणकर्ताओं तथा प्रव्रजकों को मार्ग प्रदान किया। इसी प्रकार समुद्री गम्यता ने यूरोपीय देशों को एशिया एवं अफ्रीका के कई राष्ट्रों पर उपनिवेशीकरण में सहायता दी। इस प्रकार भूगोल व इतिहास आपस में अन्तर्सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 9.
दर्शन, विधितंत्र एवं तकनीक को भूगोल में उभयनिष्ठ क्यों माना गया है? समझाइये।
उत्तर:
- दर्शन : इसके अन्तर्गत भौगोलिक चिन्तन एवं भूमि तथा मानव अन्तर्प्रक्रिया अर्थात् मानव पारिस्थितिकी का अध्ययन किया जाता है।
- विधितन्त्र एवं तकनीक : इसके अन्तर्गत सामान्य एवं संगणक आधारित मानचित्रण, परिमाणात्मक तकनीक व सांख्यिकी तकनीक, क्षेत्र सर्वेक्षण विधियाँ, भू-सूचना विज्ञान तकनीक यथा दूर संवेदन तकनीक, भौगोलिक सूचना तन्त्र व वैश्विक स्थितीय तन्त्र का अध्ययन किया जाता है। इस कारण उपर्युक्त दोनों पक्षों को भूगोल में उभयनिष्ठ / सर्वनिष्ठ माना गया है।
प्रश्न 10.
मानव भूगोल का विकास किस प्रकार हुआ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव भूगोल का विकास-भूगोल की एक प्रमुख विशेषता द्वैतवाद है। द्वैतवाद अध्ययन में महत्त्व दिए जाने वाले पक्ष पर निर्भर करता है। पूर्व में विद्वान भौतिक भूगोल पर जोर देते थे जिसमें भौतिक पर्यावरण का अध्ययन किया जाता था। लेकिन बाद में स्वीकार किया गया कि मानव धरातल का समाकलित भाग है तथा प्रकृति का अनिवार्य अंग है। मानव ने सांस्कृतिक विकास के माध्यम से भी योगदान दिया है। इस प्रकार मानवीय क्रियाओं पर आवश्यक बल देने के कारण मानव भूगोल का विकास हुआ।
प्रश्न 11.
विषयवस्तुगत उपागम के अनुसार भूगोल की विभिन्न शाखाएँ कौन – कौनसी हैं?
उत्तर:
प्रश्न 12.
वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल कौन-कौनसे प्रश्नों से सम्बन्धित है? बताइए।
उत्तर:
वैज्ञानिक विषय के रूप में भूगोल निम्न तीन प्रश्नों से सम्बन्धित है।
- कुछ प्रश्न धरातल पर पाए जाने वाले प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं के प्रतिरूप की पहचान से जुड़े होते हैं जो कि ‘क्या’ प्रश्न के उत्तर देते हैं।
- कुछ प्रश्न पृथ्वी पर भौतिक सांस्कृतिक तत्त्वों के वितरण से सम्बन्धित होते हैं जो कि ‘कहाँ’ प्रश्न के उत्तर देते हैं।
- तृतीय प्रश्न व्याख्या अथवा तत्त्वों एवं तथ्यों के मध्य कार्य-कारण सम्बन्ध से जुड़ा हुआ है। भूगोल का यह पक्ष ‘क्यों’ प्रश्न से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 13.
” एक भूगोलवेत्ता को मानचित्र रेखांकन में निपुण होना चाहिए।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चूंकि भूगोल खगोलीय स्थितियों के अध्ययन से भी जुड़ा हुआ है जो कि अक्षांश एवं देशान्तर का विवरण प्रस्तुत करता है। पृथ्वी का आकार भू-आभ है लेकिन भूगोलवेत्ता का मूल उपकरण मानचित्र है जो कि द्वि-आयामी प्रदर्शन होता है। भू-आभ को द्वि-आयामी में परिवर्तित करने का समाधान लेखाचित्रीय या गणितीय विधि से निर्मित प्रक्षेपण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। रेखात्मक तथा परिमाणात्मक तकनीक में गणित, सांख्यिकी एवं अर्थमिति में निपुणता की आवश्यकता होती है। मानचित्र कलात्मक कल्पना के माध्यम से तैयार किए जाते हैं। अतः खाका, मानस मानचित्र एवं मानचित्र कला हेतु कला में निपुण होना अत्यन्त आवश्यक है।
प्रश्न 14.
तकनीकी ने मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है? बताइए।
उत्तर:
मानव ने तकनीकी की खोज एवं प्रयोग द्वारा अपने अस्तित्व के लिए प्राकृतिक वातावरण में परिवर्तन करके प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए अपने कार्यक्षेत्र के क्षितिज में परिवर्द्धन कर लिया है। तकनीकी के क्रमश: विकास के साथ मानव अपने ऊपर भौतिक पर्यावरण के द्वारा कसे हुए बन्धन को ढीला करने में कामयाब हो गया है। तकनीकी ने मानव को उच्चतर आवश्यकताओं को पूरा करने का अवसर प्रदान किया। परिणामस्वरूप उत्पादन के पैमाने एवं श्रम की गतिशीलता में भी वृद्धि हुई।
प्रश्न 15.
स्पष्ट कीजिए कि भूगोल सामाजिक विज्ञानों से घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है।
उत्तर:
भूगोल एवं सामाजिक विज्ञानों का सम्बन्ध : सामाजिक विज्ञान के सभी विषय यथा समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनांकिकी आदि सामाजिक यथार्थता का अध्ययन करते हैं। भूगोल की सभी शाखाएँ यथा सामाजिक भूगोल, राजनीति भूगोल, आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, अधिवास भूगोल आदि में स्थानिक विशेषताएँ पाई जाती हैं और ये सभी अन्तर्क्रियात्मक रूप से जुड़े हैं। ये भी धरातल के संबन्ध में वास्तविकताओं के निरूपण की व्याख्या करते हैं इस प्रकार स्पष्ट है कि भूगोल सामाजिक विज्ञानों से घनिष्ठतापूर्वक जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 16.
ऐतिहासिक भूगोल एवं राजनीतिक भूगोल में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐतिहासिक भूगोल क्षेत्र को संगठित करने वाली ऐतिहासिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। प्रत्येक प्रदेश वर्तमान स्थिति में आने के पूर्व ऐतिहासिक अनुभवों से होकर गुजरता है। भौगोलिक तत्त्वों में भी सामयिक परिवर्तन होते रहते हैं और इसी की व्याख्या ऐतिहासिक भूगोल के अन्तर्गत की जाती है, जबकि राजनीतिक भूगोल एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य एवं इसकी सीमाओं, निकटवर्ती पड़ोसी देशों एवं प्रदेशों के मध्य भू-वैन्यासिक सम्बन्ध, निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन एवं चुनाव परिदृश्य का विश्लेषण तथा राज्य की जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है।
प्रश्न 17.
भौतिक भूगोल एवं प्राकृतिक विज्ञान के सम्बन्धों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भौतिक भूगोल की सभी शाखाएँ, प्राकृतिक विज्ञान की अंतरापृष्ठ हैं। परम्परागत भौतिक भूगोल, भौमिकी, मौसम विज्ञान, जल विज्ञान एवं मृदा विज्ञान से सम्बन्धित है। इसी प्रकार भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान, सामुद्रिक विज्ञान का प्राकृतिक विज्ञान से घनिष्ठ सम्बन्ध है, क्योंकि ये अपनी सूचनाएँ इन्हीं ( विज्ञानों) से प्राप्त करते हैं। जैव भूगोल, वनस्पति शास्त्र, जीव विज्ञान तथा पारिस्थितिकी विज्ञान से निकटता से जुड़ा है क्योंकि मानव विभिन्न स्थैतिक निकेत (Niche) में निवास करता है। इस प्रकार भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल परस्पर अन्तर्सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 18.
एक छात्र के रूप में भूगोल के अध्ययन से आपको क्या लाभ है?
अथवा
भूगोल का अध्ययन क्यों आवश्यक है? समझाइये।
उत्तर:
भूगोल हमको धरातल पर विद्यमान विविधता समझने तथा समय एवं स्थान के संदर्भ में ऐसी विभिन्नताओं को उत्पन्न करने वाले कारकों की खोज करने की क्षमता प्रदान करता है। इससे हममें मानचित्र में परिवर्तित गोलक (Globe) को समझने तथा धरातल के दृश्य ज्ञान की कुशलता विकसित होती है। आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक, यथा भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS). संगणक मानचित्र कला के रूप में प्राप्त ज्ञान एवं कुशलता हमको राष्ट्र स्तरीय विकास में योगदान करने की योग्यता प्रदान करती है। इस कारण भूगोल का अध्ययन आवश्यक है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विषय-वस्तुगत या क्रमबद्ध उपागम के आधार पर भूगोल की शाखाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विषय-वस्तुगत या क्रमबद्ध उपागम के आधार पर भूगोल की शाखाएँ – विषय-वस्तुगत या क्रमबद्ध उपागम के आधार पर भूगोल की शाखाएँ निम्नलिखित हैं-
- भौतिक भूगोल :
भौतिक भूगोल को अध्ययन की दृष्टि से निम्नलिखित शाखाओं के अन्तर्गत विभाजित किया गया है- भू-आकृति विज्ञान : इसके अन्तर्गत भू-आकृतियों, उनके क्रमिक विकास एवं सम्बन्धित प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
- जलवायु विज्ञान : इसके अन्तर्गत वायुमण्डल की संरचना, मौसम तथा जलवायु के तत्त्व, जलवायु के प्रकार तथा जलवायु प्रदेशों का अध्ययन किया जाता है।
- जल विज्ञान : इस शाखा में धरातल के जल परिमण्डल जिसमें समुद्र, नदी, झील तथा अन्य जलाशय शामिल हैं तथा इनका मानव सहित विभिन्न प्रकार के जीवों एवं उनके कार्यों पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है
- मृदा भूगोल : इसमें मिट्टी निर्माण की प्रक्रियाओं, मिट्टी के प्रकार, उनका उत्पादकता स्तर, वितरण एवं उपयोग आदि का अध्ययन किया जाता है।
- मानव भूगोल :
अध्ययन की दृष्टि से मानव भूगोल को निम्नलिखित शाखाओं के अन्तर्गत विभाजित किया गया है-- सामाजिक व सांस्कृतिक भूगोल : इसमें समाज तथा इसकी स्थानिक व प्रादेशिक गत्यात्मकता एवं समाज के योगदान से निर्मित सांस्कृतिक तत्त्वों का अध्ययन किया जाता है।
- जनसंख्या एवं अधिवास भूगोल : जनसंख्या भूगोल में ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि, उसका वितरण, घनत्व, लिंग अनुपात, प्रवास एवं व्यावसायिक संरचना आदि का अध्ययन किया जाता है जबकि अधिवास भूगोल में ग्रामीण तथा नगरीय अधिवासों के वितरण प्रारूप तथा अन्य विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
- आर्थिक भूगोल : इसमें मानव की आर्थिक क्रियाओं, यथा- कृषि, उद्योग, पर्यटन, व्यापार, परिवहन एवं सेवाओं तथा अवस्थापना तत्त्वों का अध्ययन किया जाता है।
- ऐतिहासिक भूगोल : इसमें क्षेत्र विशेष को संगठित करने वाली ऐतिहासिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। प्रत्येक प्रदेश अपनी वर्तमान स्थिति में आने से पूर्व ऐतिहासिक अनुभवों से गुजरता है। भौगोलिक तत्त्वों में भी समय के अनुरूप परिवर्तन होते रहते हैं । इसी की व्याख्या ऐतिहासिक भूगोल के अन्तर्गत की जाती है।
- राजनीतिक भूगोल : इसमें एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तथा उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
- जीव-भूगोल :
अध्ययन की दृष्टि से जीव भूगोल को निम्नलिखित शाखाओं के अन्तर्गत विभाजित किया गया है-- प्राणी : भूगोल – जीव – भूगोल की इस शाखा के अन्तर्गत पशुओं एवं उनके निवास क्षेत्र के स्थानिक स्वरूप तथा भौगोलिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है
- वनस्पति भूगोल : जीव – भूगोल इस शाखा के अन्तर्गत प्राकृतिक वनस्पति का उसके निवास क्षेत्र में स्थानिक प्रा रूप का अध्ययन किया जाता है।
- पारिस्थैतिक विज्ञान : जीव – भूगोल की इस शाखा के अन्तर्गत प्रजातियों के निवास व स्थिति क्षेत्र का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाता है।
- पर्यावरण भूगोल : इसमें सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरणीय प्रतिबोधन के फलस्वरूप उत्पन्न पर्यावरणीय समस्याओं, यथा भूमि हास, प्रदूषण, संरक्षण आदि का अध्ययन करते हैं।
प्रश्न 2.
भौतिक भूगोल एवं इसके महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भौतिक भूगोल एवं इसका महत्त्व भौतिक भूगोल एवं इसके महत्त्व का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-
(1) भौतिक भूगोल की अध्ययन सामग्री :
भौतिक भूगोल के अन्तर्गत भू-मण्डल, वायुमण्डल, जलमण्डल एवं जैवमण्डल का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।
(2) मृदा निर्माण की प्रक्रिया :
मिट्टियों का निर्माण मृदा निर्माण की एक निश्चित प्रक्रिया द्वारा होता है तथा वे मूल चट्टान, जलवायु, जैविक प्रक्रिया एवं कालावधि पर निर्भर करती हैं। कालावधि मिट्टियों को परिपक्वता प्रदान करती है तथा मृदा पारिवका के विकास में सहायक होती है।
(3) मानव के लिए प्रत्येक तत्त्व महत्त्वपूर्ण होना :
पृथ्वी पर विद्यमान प्रत्येक तत्त्व मानव के लिए महत्त्वपूर्ण है। यथा
- भू-आकृतियाँ आधार प्रस्तुत करती हैं जिस पर मानव द्वारा की जाने वाली क्रियाएँ सम्पन्न होती हैं।
- मैदानों का प्रयोग कृषि कार्य के लिए किया जाता है जबकि पठारों पर वन तथा खनिज सम्पदा विकसित की जाती है।
- पर्वत, अनेक चरागाहों, वनों, पर्यटन स्थलों के आधार तथा निम्न क्षेत्रों को जल प्रदान करने वाली नदियों के स्रोत होते हैं।
(4) जलवायु का प्रभाव :
मानव अधिवास, उनके रहन-सहन के स्तर, भोजन, वस्त्र एवं उनकी संस्कृति को जलवायु प्रभावित करती है। वनस्पति, कृषि, पशुपालन, उद्योग आदि भी बहुत कुछ जलवायु कारकों द्वारा प्रभावित होते हैं। अतः भौतिक भूगोल के तत्त्व के रूप में जलवायु का अध्ययन महत्त्वपूर्ण है।
(5) तापमान तथा वर्षा का प्रभाव :
तापमान तथा वर्षा वनों के घनत्व एवं घास प्रदेशों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं। भारत में मानसूनी वर्षा कृषि आवर्तन प्रणाली को गति प्रदान करती है। वर्षा भूमिगत जलधारक प्रस्तर को पुनरावेशित कर कृषि एवं घरेलू कार्यों के लिए जल की उपलब्धता सम्भव बनाती है।
(6) समुद्र खनिज संसाधनों के भण्डार होना :
समुद्र खनिज संसाधनों के भण्डार होते हैं। ये मछली एवं अन्य समुद्री भोजन के अलावा खनिजों की दृष्टि से भी सम्पन्न होते हैं। भारत में समुद्री तल से मैंगनीज पिण्ड एकत्रित करने की तकनीकी का विकास किया गया है।
(7) मृदा नवीकरणीय संसाधन होना :
मृदा एक नवीकरणीय अर्थात् पुनः स्थापनीय संसाधन है जो कि अनेक आर्थिक क्रियाओं यथा कृषि को प्रभावित करती है। मिट्टी की उर्वरता प्रकृति से निर्धारित तथा संस्कृति से प्रेरित होती है 1 मृदा पौधों, पशुओं एवं सूक्ष्म जीवाणुओं के धारक जीवमण्डल के लिए आधार प्रदान करती है।
(8) भौतिक वातावरण का ज्ञान आवश्यक होना :
वर्तमान समय में भौतिक भूगोल प्राकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन एवं प्रबन्धन से सम्बन्धित विषय के रूप में विकसित हो रहा है । इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए भौतिक पर्यावरण एवं मानव के बीच सम्बन्धों की जानकारी होना अति आवश्यक है। भौतिक पर्यावरण संसाधन प्रदान करता है एवं मानव इन संसाधनों का उपयोग करके अपना आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करता है। तकनीकी की सहायता से संसाधनों के बढ़ते उपयोग ने विश्व में पारिस्थैतिक असन्तुलन पैदा कर दिया है। अतः सतत विकास के लिए भौतिक वातावरण का ज्ञान होना अति आवश्यक है जो कि भौतिक भूगोल के महत्त्व को दर्शाता है।
प्रश्न 3.
भूगोल को परिभाषित कीजिए एवं समाकलन विषय के रूप में इसका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूगोल की परिभाषा – रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार, ” भूगोल का उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक व क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्याख्या करना है।”
अल्फ्रेड हैटनर के अनुसार: ” भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से सम्बन्धित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है।”
समाकलन विषय के रूप में भूगोल : समाकलन विषय के रूप में भूगोल का विवेचन अग्रलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है।
(1) भूगोल के उपागम की प्रकृति समग्रात्मक होना :
भूगोल एक संश्लेषणात्मक विषय है जो कि क्षेत्रीय संश्लेषण का प्रयास करता है। इसके उपागम की प्रकृति समग्रात्मक होती है।
(2) तकनीकी का विकास व भूगोल :
भूगोल इस तथ्य को स्वीकार करता है कि विश्व एक परस्पर निर्भर तन्त्र है। वर्तमान समय में विद्यमान विश्व से एक वैश्विक ग्राम का प्रतिबोधन होता है। परिवहन के विकसित एवं उच्च साधनों तथा बढ़ती हुई गम्यता के कारण भौगोलिक दूरियाँ कम हो गई हैं। श्रव्य व दृश्य माध्यमों एवं सूचना तकनीकी ने आँकड़ों को बहुत समृद्धशाली बना दिया है। तकनीकी ने प्राकृतिक तथ्यों तथा आर्थिक एवं सामाजिक पैरामीटर के निरीक्षण एवं परीक्षण के बेहतर अवसर प्रदान कर दिए हैं।
(3) प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से सम्बन्ध :
भूगोल का एक संश्लेषणात्मक विषय के रूप में अनेक प्राकृतिक तथा सामाजिक विज्ञानों से अन्तरापृष्ठ सम्बन्ध है। प्राकृतिक या सामाजिक सभी विज्ञानों का मूल उद्देश्य यथार्थता को ज्ञात करना है। भूगोल यथार्थता से सम्बन्धित तथ्यों के साहचर्य को बोधगम्य बनाता है। वस्तुतः विज्ञान से सम्बन्धित संभी विषय भूगोल से जुड़े हुए हैं क्योंकि उनके अनेक तत्त्व क्षेत्रीय सन्दर्भ में अलग-अलग होते हैं। भूगोल स्थानिक सन्दर्भ में यथार्थता को समग्रता से समझने में सहायक होता है। अतः भूगोल न केवल एक स्थान से दूसरे स्थान में तथ्यों की भिन्नता पर ध्यान देता है अपितु उनको समग्रता में समाकलित करता है।
(4) भूगोल ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित करता है :
भूगोलवेत्ता को सभी सम्बन्धित क्षेत्रों की व्यापक जानकारी रखना आवश्यक होता है। इससे वह उनको तार्किक रूप से संश्लेषित करने में सफल होता है। इस संश्लेषण को कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है, यथा भूगोल ऐतिहासिक घटनाओं को प्रभावित करता है एवं स्थानिक दूरी स्वयं विश्व के इतिहास की दिशा को परिवर्तित करने वाला प्रभावशाली कारक है। विगत शताब्दी में लड़ाई के दौरान क्षेत्रीय विस्तार अनेक देशों के लिए सुरक्षा का साधन बना।
(5) समय भौगोलिक अध्ययन का समाकल भाग होना :
पृथ्वी पर विद्यमान प्रत्येक भौगोलिक तथ्य समय के साथ परिवर्तित होता रहता है तथा समय के परिप्रेक्ष्य में उसकी व्याख्या की जा सकती है। भू-आकृति, जलवायु, वनस्पति, आर्थिक क्रियाएँ, व्यवसाय एवं सांस्कृतिक विकास ने एक निश्चित ऐतिहासिक पथ का अनुसरण किया है अनेक भौगोलिक तत्त्व विभिन्न संस्थानों द्वारा एक विशेष समय पर निर्णय लेने की प्रक्रिया के प्रतिफल होते हैं । इसी कारण समय भौगोलिक अध्ययन आयाम के रूप में एक समाकल भाग माना जाता है।
प्रश्न 4.
भूगोल के विषय क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भूगोल का विषय क्षेत्र: भूगोल के विषय क्षेत्र से अभिप्राय उस समस्त सामग्री से है, जिसका अध्ययन भूगोल में किया जाता है। वस्तुतः भूगोल ‘प्रकृति’ तथा ‘मानव’ के समग्र इकाई के रूप में अंतर्प्रक्रिया के अध्ययन से संबंधित है। सामान्यतया हम भूगोल के अन्तर्गत पृथ्वीतल के उस भाग का अध्ययन करते हैं, जिस पर मानव निवास करता है, अपनी क्रियाएँ सम्पन्न करता है और प्राकृतिक वातावरण को अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित करके सांस्कृतिक भूदृश्य का निर्माण करता है। भूगोल के अन्तर्गत उन विषयों को भी सम्मिलित किया जाता है, जो मानव क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। सामान्यतः भूगोल के विषय क्षेत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाता है-
- भू-मण्डल : इसके अन्तर्गत भू-आकृतियों, प्रवाह, उच्चावचों, प्राकृतिक घटनाओं तथा प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन करते हैं।
- वायुमंडल : इसके अन्तर्गत वायुमंडल की बनावट, संरचना, तत्त्व, मौसम, जलवायु, तापक्रम, वायुदाब, वर्षा आदि का अध्ययन करते हैं।
- जलमंडल : इसके अंतर्गत समुद्र, सागर, झीलें तथा जल परिमंडल से संबद्ध तत्त्वों का अध्ययन किया जाता है।
- जैवमंडल : इसमें भू-मंडल, वायुमंडल एवं जलमंडल की उस संक्रमण पेटी का अध्ययन करते हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के जीवों का अस्तित्व होता है।
- पृथ्वी की सूर्य के सापेक्ष स्थिति : इसमें पृथ्वी के ग्रहीय सम्बन्धों का अध्ययन करते हैं।
वर्तमान समय में भूगोल का विषय क्षेत्र परिवर्तित होता जा रहा है, क्योंकि मानव एवं प्रकृति का सम्बन्ध समय के साथ परिवर्तित होता जा रहा है। प्रकृति मानव जीवन के विभिन्न पक्षों को प्रभावित करती है। मानव ने भी प्रकृति के साथ समझौता अनुकूलन अथवा आपरिवर्तन के माध्यम से किया है। वर्तमान समय में तकनीकी की सहायता से मानव आवश्यकता की अवस्था से स्वतंत्रता की ओर अग्रसर हुआ है।
उसने सर्वत्र अपनी छाप छोड़ी है तथा प्रकृति के सहयोग से नयी संभावनाओं का सृजन किया है। इस प्रकार मानवीकृत प्रकृति तथा प्रकृति प्रभावित मानव के दर्शन होते हैं। भूगोल इसी अंतर्प्रक्रियात्मक सम्बन्ध का अध्ययन करता है। परन्तु तकनीकी के विकास के साथ ही अनेक पर्यावरणीय समस्याएँ भी उत्पन्न हो गयी हैं। अतएव पर्यावरणीय समस्याओं, संसाधनों के संरक्षण एवं सतत विकास की अवधारणा को भी भूगोल के विषय – क्षेत्र में सम्मिलित किया जाने लगा हैं।
प्रश्न 5.
विभिन्न प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से भूगोल के सम्बन्ध को चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर: