Students can access the CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions and marking scheme Set 4 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 4 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)
राजनैतिक पराधीनता बड़ी बुरी वस्तु है । वह मनुष्य को जीवन यात्रा में अग्रसर होने वाली सुविधाओं से वंचित कर देती है । हमने उस पराधीनता की जंजीरें तोड़ दी हैं लेकिन सुविधा को पा लेना ही बड़ी बात नहीं है। प्राप्त सुविधाओं को मनुष्य मात्र के मंगल के लिए नियोजित कर सकना ही बड़ी बात है। हमारी राजनीति, हमारी अर्थनीति और हमारी नव-निर्माण की योजनाएँ तभी सर्वमंगलमयी विधायिनी बन सकेंगी जब हमारा हृदय उदार और संवेदनशील होगा, बुद्धि सूक्ष्म और सारग्रहिणी होगी, संकल्प महान् और शुभ होगा। यह काम केवल उपयोगी और व्यावहारिक साहित्य के निर्माण से ही नहीं हो सकेगा। इसके लिए साहित्य के उन सुकुमार अंशों के व्यापक प्रचार की आवश्यकता होगी जो मनुष्य को मनुष्य के सुख – दुःख के प्रति संवेदनशील बनाते हैं। हमारा काव्य साहित्य, कथा, आख्यायिका और नाटक साहित्य ही हमें ऐसी सहृदयता दे सकता है। साहित्य का यह अंग केवल वाग्विलास का साधन नहीं होना चाहिए, उसे मनुष्यता का उन्नायक होना चाहिए।
(1) मनुष्य को जीवन यात्रा में अग्रसर होने वाली सुविधाओं से कौन वंचित कर देती है ?
(क) सामाजिक पराधीनता
(ख) वैयक्तिक पराधीनता
(ग) राजनैतिक पराधीनता
(घ) आर्थिक पराधीनता
उत्तर:
(ग) राजनैतिक पराधीनता
व्याख्या-राजनैतिक पराधीनता मनुष्य को जीवन यात्रा में अग्रसर होने वाली सुविधाओं से वंचित कर देती है।
(2) हमें साहित्य के किन अंशों का प्रचार करना चाहिए ?
(क) जो मनुष्य को उदारवादी बनाते हों ।
(ख) जो मानव को मानव के प्रति संवेदनशील बनाते हों ।
(ग) जो मानव को आदर्शवादी बनाते हों ।
(घ) जिनसे जनमानस का मनोरंजन हो ।
उत्तर:
(ख) जो मानव को मानव के प्रति संवेदनशील बनाते हों ।
व्याख्या-हमें साहित्य के उन सुकुमार अंशों का व्यापक प्रचार करना चाहिए जो मनुष्य को मनुष्य के सुख-दुःख के प्रति संवेदनशील बनाते हैं ।
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : राजनैतिक पराधीनता बड़ी अच्छी वस्तु है ।
कारण (R) : राजनैतिक पराधीनता की जंजीरों को तोड़कर सुविधा की पा लेना बड़ी बात है ।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(4) ‘मनुष्य की योजनाएँ सर्वमंगलमयी बन सकती हैं । ‘ -उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
1. जब मुनष्य का हृदय उदार और संवेदनशील होगा।
2. जब उसकी बुद्धि सूक्ष्म और सारग्रहिणी होगी ।
3. जब उनका संकल्प महान् और शुभ होगा।
(क) 1 सही है।
(ख) 2 सही है।
(ग) 3 सही है।
(घ) उपर्युक्त सभी सही है।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी सही है।
(5) श्रेष्ठ साहित्य की क्या पहचान होनी चाहिए?
(क) साहित्य को मनोरंजन का साधन होना चाहिए ।
(ख) साहित्य को मनुष्यता का उन्नायक होना चाहिए ।
(ग) साहित्य को लोगों को काव्य रचना के लिए प्रेरित करना चाहिए ।
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) साहित्य को मनुष्यता का उन्नायक होना चाहिए ।
व्याख्या-श्रेष्ठ साहित्य उस साहित्य को कहा जाता है जो मनुष्यता का उन्नायक हो ।
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
कोटि-कोटि नंगों भिखमंगों के जो साथ,
खड़े हुए हैं कंधा जोड़े, उन्नत माथ,
शोषित जन के, पीड़ित जन के कर को थाम,
बढ़े जा रहे उधर जिधर हैं मुक्ति प्रकाम ।
ज्ञात और अज्ञात मात्र ही जिनके नाम ।
वंदनीय उन सत्पुरुषों को सतत् प्रणाम ।
जिनके गीतों के पढ़ने से मिलती शांति,
जिनके तानों के सुनने से झिलती भ्रांति,
छा जाती मुखमंडल पर यौवन की कांति ।
जिनकी टेकों पर टिकने से टिकती क्रांति ।
मरण मधुर बन जाता है जैसे वरदान,
अधरों पर खिल जाती है, मादक मुस्कान ।
(1) काव्यांश में किन की वंदना और प्रशंसा की गई है ?
(क) दीन-दु:खियों और शोषितों के हितैषी लोक सेवकों की
(ख) दीन-दु:खियों का शोषण करने वाले लोगों की
(ग) दीन-दु:खियों और शोषितों की
(घ) इनमें से किसी की नहीं
उत्तर:
(क) दीन-दु:खियों और शोषितों के हितैषी लोक सेवकों की
व्याख्या-कवि ने उपर्युक्त काव्यांश में दीन-दु:खियों और शोषितों के हितैषी लोक सेवकों की वंदना और प्रशंसा की है।
(2) वे लोग पीड़ितों का हाथ थामे कहाँ बढ़े जा रहे हैं?
(क) उन्हें कष्टों से मुक्ति दिला कर उनका उद्धार करने के लिए
(ख) उनको पढ़ाने के लिए
(ग) उनको एक नई मंज़िल दिखाने के लिए
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) उन्हें कष्टों से मुक्ति दिला कर उनका उद्धार करने के लिए
(3) परोपकारी व्यक्तियों का मरण भी किस रूप में बदल जाता है?
(क) जीवन के रूप में
(ख) उन्नति के रूप में
(ग) मरकर भी अमर होने के रूप में
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ग) मरकर भी अमर होने के रूप में
व्याख्या – परोपकारी व्यक्तियों का मरण भी अमर होने के रूप में बदल जाता है।
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : परोपकारी व्यक्ति सत्पुरुष और वंदनीय होते हैं।
कारण (R) : वे दीन-दु:खियों और शोषितों का उद्धार करते हैं ।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(5) जन हितैषी व्यक्तियों की प्रशंसा सुनने से क्या होता है ?
(क) मन को शांति मिलती है।
(ग) चित्त अशांत हो जाता है।
(ख) हृदय में वेदना उठती है।
(घ) मन में जिज्ञासा जाग उठती है ।
उत्तर:
(क) मन को शांति मिलती है।
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार ‘ उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘दुर्दिन’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है-
(क) दु
(ख) दुर
(ग) दुर्
(घ) दुः
उत्तर:
(ग) दुर्
(2) ‘अन’ उपसर्ग से बना शब्द नहीं है-
(क) अनजान
(ख) अनपेक्षित
(ग) अनादर
(घ) अनुमान
उत्तर:
(घ) अनुमान
व्याख्या-अनुमान शब्द में ‘अन’ की अपेक्षा ‘अनु’ उपसर्ग का प्रयोग किया गया है।
(3) ‘भुलक्कड़’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय व मूल शब्द है-
(क) भुल, अक्कड़
(ख) भूल, अक्कड़
(ग) भूला, अक्कड़
(घ) भुला, अक्कड़
उत्तर:
(ख) भूल, अक्कड़
व्याख्या- ‘भुलक्कड़’ शब्द मूल शब्द ‘भूल’ और प्रत्यय अक्कड़ से मिलकर बना है।
(4) ‘बचत’ में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) त
(ख) अत
(ग) चत
(घ) त्
उत्तर:
(क) त
(5) ‘प्रत्यक्ष’ में उपसर्ग है-
(क) प्र
(ख) प्रति
(ग) पर
(घ) परा
उत्तर:
(ख) प्रति
व्याख्या-‘प्रत्यक्ष’ शब्द में ‘प्रति’ उपसर्ग है और ‘अक्ष’ मूल शब्द है।
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘पाठशाला’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) पाठ के लिए शाला – तत्पुरुष समास
(ख) पाठ की शाला – तत्पुरुष समास
(ग) पाठ और शाला- द्वंद्व समास
(घ) पाठ है जो शाला – कर्मधारय समास
उत्तर:
(क) पाठ के लिए शाला – तत्पुरुष समास
व्याख्या-‘पाठशाला’ समस्त पद में पहला पद ‘पाठ’ गौण तथा दूसरा पद ‘शाला’ प्रधान है तथा इस समास का विग्रह करने पर कारक चिह्न का प्रयोग होता है; अत: यह तत्पुरुष समास है।
(2) ‘पंचानन’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) पंच हैं जो आनन – कर्मधारय समास
(ख) पाँच आनन हैं जिसके – बहुव्रीहि समास
(ग) पांच और आनन – द्वंद्व समास
(घ) पंच के लिए आनन – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(ख) पाँच आनन हैं जिसके – बहुव्रीहि समास
(3) ‘नीलकंठ’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) नील का कंठ – तत्पुरुष समास
(ख) नीले कंठ का समाहार – द्विगु समास
(ग) नीला है कंठ जिसका – बहुव्रीहि समास
(घ) नील और कंठ – द्वंद्व समास
उत्तर:
(ग) नीला है कंठ जिसका – बहुव्रीहि समास
व्याख्या-‘नीलकंठ’ समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं है अपितु यह समस्तपद किसी अन्य पद की विशेषता बताने के कारण बहुव्रीहि समास है।
(4) ‘तुलसीकृत’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) तुलसी है जो कृत-कर्मधारय समास
(ख) तुलसी से कृत – तत्पुरुष समास
(ग) तुलसी द्वारा कृत – तत्पुरुष समास
(घ) तुलसी और कृत- द्वंद्व समास
उत्तर:
(ग) तुलसी द्वारा कृत – तत्पुरुष समास
(5) ‘खट्टा-मीठा’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) खट्टा और मीठा – द्वंद्व समास
(ख) खट्टा के लिए मीठा – तत्पुरुष समास
(ग) खट्टा है जो मीठा – कर्मधारय समास
(घ) खट्टा से मीठा – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(क) खट्टा और मीठा – द्वंद्व समास
व्याख्या-खट्टा-मीठा समस्त पद में दोनों पद खट्टा और मीठा प्रधान हैं; अत: यह द्वंद्व समास है।
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘प्रातःकाल पूर्वी क्षितिज पर सूर्य की लाली बहुत सुंदर प्रतीत होती है ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) इच्छावाचक वाक्य
(ग) संकेतवाचक वाक्य
(घ) संदेहवाचक वाक्य
उत्तर:
(क) विधानवाचक वाक्य
व्याख्या-यह विधानवाचक वाक्य है। इस वाक्य में कार्य के होने का बोध हो रहा है।
(2) ‘यदि वह मुझसे मिलता तो उसका काम अवश्य हो जाता।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) निषेधवाचक वाक्य
(ख) संकेतवाचक वाक्य
(ग) विस्मयवाचक वाक्य
(घ) आज्ञावाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) संकेतवाचक वाक्य
(3) ‘छात्र शोर मचा रहे हैं । ‘ प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) छात्र क्या शोर मचा रहे हैं ?
(ख) क्या शोर मचा रहे हैं छात्र ?
(ग) क्या छात्र शोर मचा रहे हैं ?
(घ) छात्र शोर क्या मचा रहे हैं ?
उत्तर:
(ग) क्या छात्र शोर मचा रहे हैं ?
(4) ‘वाह ! कितना सुंदर दृश्य है । ‘ विधानवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) कितना सुंदर दृश्य है ?
(ख) क्या सुन्दर दृश्य है ?
(ग) दृश्य बहुत सुन्दर है ।
(घ) दृश्य बहुत सुन्दर होगा ।
उत्तर:
(ग) दृश्य बहुत सुन्दर है ।
(5) ‘मैं आज नहीं पहूँगा ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) निषेधवाचक वाक्य
(ग) आज्ञावाचक वाक्य
(घ) इच्छावाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) निषेधवाचक वाक्य
व्याख्या-‘मैं आज नहीं पहूँगा । ‘ वाक्य में नहीं शब्द के कारण यह निषेधवाचक वाक्य है।
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल । ‘ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या-‘म’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।
(2) ‘मुख बाल रवि सम लाल होकर ज्वाला-सा बोधित हुआ । ‘ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(ख) यमक अलंकार
(3) ‘तीन बेर खातीं थीं वो तीन बेर खातीं हैं । ‘ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) यमक अलंकार
उत्तर:
(घ) यमक अलंकार
व्याख्या- यहाँ ‘तीन बेर’ शब्द की दो बार आवृत्ति है तथा तीन बेर के दो अर्थ हैं – तीन बार एवं तीन बेर के फल । अतः यहाँ यमक अलंकार है।
(4) रूपक अलंकार का उदाहरण है-
(क) दीपक-सा जलना होगा
(ख) सुरुचि सुवास सरस अनुरागा
(ग) कोलाहल बैठे सुस्ताने
(घ) आए महंत बसंत
उत्तर:
(घ) आए महंत बसंत
(5) ‘मखमल के झूले पड़े हाथी-सा टीला’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(ग) उपमा अलंकार
व्याख्या-यहाँ टीले की समानता या तुलना हाथी से की गई है, अत: यहाँ उपमा अलंकार है।
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
तिब्बत की ज़मीन बहुत अधिक छोटे-बड़े जागीरदारों में बटी है। इन जागीरों का बहुत बड़ा हिस्सा मठों ( विहारों) के हाथ में है । अपनी-अपनी जागीर में हरेक जागीरदार कुछ खेती खुद भी कराता है, जिसके लिए मज़दूर बेगार में मिल जाते हैं। खेती का इंतज़ाम देखने के लिए वहाँ कोई भिक्षु भेजा जाता है, जो जागीर के आदमियों के लिए राजा से कम नहीं होता । शेकर की खेती के मुखिया (नम्से) बड़े भद्र पुरुष थे। वह बहुत प्रेम से मिले हालाँकि उस वक्त भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी ख्याल करना चाहिए था । यहाँ एक अच्छा मंदिर था; जिस में कन्जुर (बुद्धवचन – अनुवाद) की हस्तलिखित 103 पोथियाँ रखीं हुईं थीं। मेरा आसन भी वहीं लगा। वह बड़े मोटे कागज़ पर अच्छे अक्षरों में लिखी हुईं थीं। एक-एक पोथी 15-15 सेर से कम नहीं रही होगी ।
(1) तिब्बत की जागीरों का एक बहुत बड़ा हिस्सा किस के हाथ में है ?
(क) वहाँ के किसानों के
(ख) वहाँ रहने वाली चीनी पलटन के
(ग) बौद्ध मठों या विहारों के
(घ) स्थानीय लागों के
उत्तर:
(ग) बौद्ध मठों या विहारों के
(2) तिब्बत के जागीरदार अपनी जागीरों में किससे खेती करवाते हैं?
(क) वहाँ के किसानों द्वारा
(ख) बेगार (मुफ़्त) में मिलने वाले मज़दूरों द्वारा
(ग) बाल मज़दूरों द्वारा
(घ) क़ैदियों द्वारा
उत्तर:
(ख) बेगार (मुफ़्त) में मिलने वाले मज़दूरों द्वारा
व्याख्या-अपनी-अपनी जागीरी में हर एक जागीरदार कुछ खेती खुद भी करता है जिसके लिए मज़दूर मुफ्त में मिल जाते हैं।
(3) वहाँ होने वाली खेती की व्यवस्था देखने वाले या मुखिया कौन होते हैं ?
(क) बौद्ध भिक्षु
(ख) मठाधीश
(ग) जागीरदार
(घ) पुलिस अधिकारी
उत्तर:
(क) बौद्ध भिक्षु
(4) लेखक को ‘कंजुर’ की हस्तलिखित पोथियाँ कहाँ मिलीं ?
(क) थोङ्ला के मार्ग में
(ख) लङ्कोर जाते समय
(ग) शेकर विहार में स्थित एक मंदिर में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) शेकर विहार में स्थित एक मंदिर में
व्याख्या-लेखक को कंजुर की हस्तलिखित 103 पोथियाँ शेकर विहार में स्थित एक मंदिर में रखी हुई मिलीं।
(5) इस गद्यांश में लेखक ने कंजुर की पोथियों की क्या विशेषताएँ बताई हैं?
(क) वे हस्तलिखित थीं ।
(ख) एक – एक पोथी लगभग 15 सेर की थी।
(ग) वह बड़े मोटे कागज़ पर अच्छे अक्षरों में लिखीं हुईं थीं ।
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी
व्याख्या-पोथियाँ बड़े मोटे कागज़ पर अच्छे अक्षरों में लिखी हुई थीं। एक-एक पोथी 15-15 सेर से कम नहीं होगी ।
8. ‘क्षितिज भाग-I’ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) ‘प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ से समाज को क्या संदेश मिलता है ?
(क) फटे जूते नहीं पहनने चाहिए
(ख) जूते सम्मान का प्रतीक हैं
(ग) दिखावा छोड़कर सादा जीवन जीना चाहिए
(घ) समाज में अमीर लोगों को जीने का अधिकार है
उत्तर:
(ग) दिखावा छोड़कर सादा जीवन जीना चाहिए
व्याख्या-दिखावे की संस्कृति समाज को खोखला बनाती है जबकि सादगी समाज को स्थिरता और मज़बूती प्रदान करती है।
(2) काँजीहौस में बंद पशुओं के जीवन का क्या आधार था ?
(क) उन्हें दिन में एक बार दिया जाने वाला पानी
(ख) उन्हें दिन में एक बार दिया जाने वाला चारा
(ग) उन्हें दिया जाने वाला स्वादिष्ट भोजन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) उन्हें दिन में एक बार दिया जाने वाला पानी
व्याख्या- कांजी हाउस में बंद पशुओं को दिन में एक बार पानी दिखा दिया जाता था वही उनके जीने का आधार था।
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
क्या गाती हो ? क्यों रह रह जाती हो ? कोकिल बोलो तो !
क्या लाती हो ? संदेशा किसका है? कोकिल बोलो तो !
ऊँची काली दीवारों के घेरे में,
डाकू, चोरों, बटमारों के डेरे में,
जीने को देते नहीं पेट भर खाना,
मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना !
जीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है,
शासन है, या तम का प्रभाव गहरा है ?
हिमकर निराश कर चला रात भी काली,
इस समय कालिमामयी जगी क्यूँ आली ?
(1) कवि को कारागृह में किन लोगों के बीच रहना पड़ा ?
(क) चोर डाकुओं के बीच
(ख) अंग्रेज़ों के बीच
(ग) दोस्तों के बीच
(घ) दुश्मनों के बीच
उत्तर:
(क) चोर डाकुओं के बीच
(2) कवि पर कौन क्षुब्ध है ?
(क) कोयल
(ख) तकदीर
(ग) प्रकृति
(घ) शासन
उत्तर:
(ग) प्रकृति
व्याख्या – रात काली थी, चाँद भी डूब गया था इसलिए कवि को लग रहा है कि उस पर प्रकृति क्षुब्ध है।
(3) कोयल गीत क्यों गा रही है ?
(क) कवि के कहने पर
(ख) अपने मन के लिए
(ग) अंग्रेज़ी शासन के लिए
(घ) कैदियों के अत्याचारों को देखकर
उत्तर:
(घ) कैदियों के अत्याचारों को देखकर
व्याख्या-कवि के अनुसार कोयल अंग्रेज़ सरकार के अत्याचारों से दुःखी है। कैदियों पर होने वाले अत्यचारों को देखकर पिघल गई है इसलिए गा रही है।
(4) कारागृह में कष्ट सहते हुए कवि के मन में क्या ख्याल आया ?
(क) वहाँ से भाग जाने का
(ख) मरने का
(ग) रोने का
(घ) गुस्सा व्यक्त करने का
उत्तर:
(ख) मरने का
(5) किसे तम के प्रभाव के समान बताया है ?
(क) ब्रिटिश शासन
(ख) कोयल
(ग) कारागृह
(घ) अपने विचारों
उत्तर:
(क) ब्रिटिश शासन
व्याख्या-कवि ने ब्रिटिश शासन के अत्याचारों को देखकर उसकी तुलना तम यानी काले अँधेरे से की है।
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) ‘हंस’ अन्यत्र क्यों नहीं जाना चाहते ?
(क) उनका वही घर बन गया है
(ख) हंस स्वच्छ जल में मोती चुग रहें हैं जो अन्यत्र नहीं मिलते
(ग) जीवात्मा प्रभु भक्ति के आनंद में लीन होकर मुक्ति का प्रयास कर रही है
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही हैं
उत्तर:
(घ) (ख) और (ग) दोनों कथन सही हैं
व्याख्या-हंस क्रीड़ा करते हुए मान सरोवर के स्वच्छ जल में मोतियों को चुग रहे हैं अर्थात् जीवात्मा प्रभु भक्ति में लीन होकर परमानंद का अनुभव कर रही है वह मुक्ति के सुख को छोड़कर कहीं और नहीं जाना चाहती।
(2) ‘समभावी’ का क्या अर्थ है ?
(क) ईश्वर की साधना करना
(ख) निरंतर कर्म करते रहना
(ग) ईश्वर के साथ समभाव रखना
(घ) सभी प्राणियों के साथ समभाव रखना
उत्तर:
(घ) सभी प्राणियों के साथ समभाव रखना
व्याख्या-समभावी होने का अर्थ है- सभी प्राणियों के प्रति समान भाव रखना अर्थात् उनमें सामाजिक और आर्थिक आधार पर भेदभाव न करना ।
खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(1) लेखक ने गधे में ऋषियों-मुनियों के किन गुणों की ओर संकेत किया है? “दो बैलों की कथा” पाठ के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
प्रेमचंद ने गधे के लिए सरलता एवं सहनशीलता के नए अर्थ में (स्वभावगत विशेषताएँ) सद्गुणों की ओर संकेत किया है। इनके आधार पर गधों को ऋषि-मुनियों की श्रेणी में रखा है। गधे मूर्ख नहीं सद्गुणों से युक्त हैं जिसकी कद्र नहीं की जाती है पर यह दुःखद बात है।
(2) जब झूरी की स्त्री ने बैलों को अपने यहाँ देखा तो उसकी क्या प्रतिक्रिया हुई ? झूरी ने उसका क्या प्रतिवाद किया ?
उत्तर:
जब झूरी की स्त्री ने बैलों को वापस अपने यहाँ देखा तो वह जल उठी और कहा कैसे नमक हराम बैल हैं कि एक दिन भी काम न किया। झूरी इस आक्षेप को सुन न सका और प्रतिवाद करते हुए बोला, “नमक हराम क्यों ? चारा – दाना नहीं दिया तो वे क्या करते”?
(3) सुमति गंडे कैसे बनाता था ?
उत्तर:
सुमति बोधगया से लाए गए कपड़ों से गड़े बनाता था, परन्तु उसके यजमान काफ़ी होने के कारण जब वे कपड़े समाप्त हो जाते तो वह किसी भी कपड़े की पतली-पतली चिरी बत्तियों से गड़े बना लेता था ।
(4) लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है ?” “साँवले सपनों की याद” के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
लॉरेंस प्रकृति-प्रेमी थे । उनका पूरा जीवन एक खुली किताब के समान था । उनके जीवन से सम्बन्धित कोई बात छिपी हुई नहीं है। छत पर बैठने वाली गौरेया के साथ भी वे काफ़ी समय बिताते थे । गोरैया का व्यवहार भी मित्रवत था। तभी उनकी पत्नी ने यह बात कही।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) कबीर ने ईश्वर-प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खण्डन किया है ?
उत्तर:
कबीर के अनुसार ईश्वर की प्राप्ति मन्दिर, मस्ज़िद से नहीं, धार्मिक यात्राओं से नहीं, आडम्बरों एवं क्रियाकर्म से नहीं होती ।
व्याख्यात्मक हल-
ईश्वर की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित प्रचलित विश्वासों का कबीर ने खण्डन किया है-
(i) ईश्वर की प्राप्ति मंदिर, मस्ज़िद में नहीं होती, वह सर्वव्यापक है।
(ii) कबीर ने ईश्वर की प्राप्ति के लिए तीर्थ स्थानों (काबा, काशी) की यात्रा करने को व्यर्थ बताया है।
(iii) विभिन्न कर्म-काण्डों को करने से ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती है। कबीर ने धार्मिक आडम्बरों का खण्डन किया है।
(iv) योग-साधना या वैराग्य धारण करने से ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती है, कबीर ऐसा मानते हैं ।
(2) बंद द्वार की साँकल खोलने के लिए ललद्यद ने क्या उपाय सुझाया है ?
उत्तर:
कवयित्री ने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति का या मोक्ष प्राप्ति का द्वार बंद है । इस द्वार को खोलने के लिए अर्थात् ईश्वर प्राप्ति के लिए अहंकार का त्याग करना होगा। सांसारिक विषय-वासनाओं से दूर रहना होगा और इन्द्रियों को वश में करना पड़ेगा। तभी मनुष्य को सांसारिक बंधनों से मुक्ति प्राप्त हो सकती है।
(3) कवयित्री ललद्यद किस रस्सी से कौन-सी नाव खींच रही हैं ? उनके इस कथन का भाव क्या है ?
उत्तर:
कवयित्री साँसों की (कच्चे धागे की ) रस्सी से जीवन रूपी नौका को खींच रही है। संसार उतार-चढ़ाव भरा सागर है और साँसों की निश्चितता संदिग्ध है। जीवन में अगले पल या साँस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है अतः जो लक्ष्य है उसके लिए तुरन्त तत्पर हो जाना चाहिए ।
(4) लकुटी, कामरिया, ब्रज के वन, बाग, तड़ाग, नंद की गायें तथा खेत के चने इन सभी का इतना महत्त्व कवि रसखान के हृदय में क्यों है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
ये सभी रूप कृष्ण-भक्ति के उपरूप हैं, घटक हैं तथा इन सबका परस्पर सम्बन्ध है। ये सब ब्रज संस्कृति के अनुपम उदाहरण हैं इसलिए रसखान के हृदय में इन सबके प्रति इतना आदर है ।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग- I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) लेखिका मृदुला गर्ग की नानी किस स्वभाव की थीं? उनके जीवन की कौन-सी बात बहुत चर्चित है ?
उत्तर:
लेखिका मृदुला गर्ग की नानी प्रगतिशील, स्वतंत्रता आन्दोलन की समर्थक तथा देशप्रेमी महिला थीं। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आज़ादी के आन्दोलन में भागीदारी दिखाई। उन्होंने अपने पति से उनके मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा को बुलाने का आग्रह किया। उन्होंने अपने पति से कभी खुलकर बात नहीं की, लेकिन प्यारेलाल से बेटी के लिए आज़ादी का सच्चा सिपाही वर के रूप में तलाश करने के लिए वचन लिया। वे नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी की शादी अंग्रेज़ों की नौकरी करने वाले भारतीय से हो।
(2) गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं ?
उत्तर:
गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं । जिस प्रकार व्यक्ति लाभ-हानि का विचार कर व्यापार करता है, उसी प्रकार वे भी अपने लड़के की शादी किसी अच्छी हैसियत वाले व्यक्ति की कम पढ़ी-लिखी लड़की से करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी यह सोच है कि लड़की बिना किसी नाज़ – नखरे के उनके घरेलू कामों में लगी रहे। इस प्रकार वे नारी को सम्मान नहीं देना चाहते, अपराधी हैं।
रामस्वरूप द्वारा अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाने का कारण यह है कि अधिक पढ़ी-लिखी होने के कारण उसके विवाह में कठिनाई आ रही है। पुरुष प्रधान समाज नारी की गरिमापूर्ण स्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा है अतः रामस्वरूप विवश होकर ऐसा कदम उठाते हैं। इस कारण गोपाल प्रसाद की तुलना में उनका अपराध हल्का है।
(3) माटीवाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था ?
उत्तर:
जब जीवन पेट की समस्या से ग्रसित हो तथा रोटी की चिंता में रात-दिन एक समान लगे तब भाग्य की बात बहुत दूर चली जाती है। माटीवाली भी अपनी आर्थिक और पारिवारिक उलझनों में उलझी, निम्न स्तर का जीवन जीने वाली सामान्य – सी महिला थी । अपना तथा अपने पति का पेट पालना ही उसकी सबसे बड़ी समस्या थी । सुबह उठकर माटाखाना जाना और दिनभर उस मिट्टी को बेचना। इसी में उसका सारा समय बीत जाता था । अपनी इसी दिनचर्या को वह नियति मानकर चली जा रही थी । इस विषम परिस्थिति में माटीवाली के पास अच्छे और बुरे भाग्य के बारे में ज़्यादा सोचने का समय नहीं रहता था।
लेखन (20 अंक)
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) मेरा मनपसंद रियल्टी शो
[ संकेत बिन्दु – रियल्टी शोज़ का अर्थ, विविध प्रकार के शोज़ के नाम, मनपसंद शो का नाम । ]
उत्तर:
मेरा मनपसंद रियल्टी शो
रियल्टी शो का अर्थ – रियल्टी शो का तात्पर्य होता है – दूरदर्शन पर प्रस्तुत होने वाले ऐसे कार्यक्रम जिनमें प्रतिभागी भाग लेते हैं और इस प्रक्रिया में वे बारी-बारी से हारने पर बाहर होते हैं अंत में मात्र विजेता ही शेष रहता है, अन्य सभी प्रतिभागी कार्यक्रम से बाहर होते जाते हैं।
विविध प्रकार के शो के नाम – आजकल टेलीविज़न पर इस प्रकार के कार्यक्रमों की होड़ सी लगी हुई है। प्रत्येक चैनल पर कोई-न-कोई रियल्टी शो प्रदर्शित होता ही रहता है। इंडियन आइडल, डांस इंडिया डांस, बिग बॉस, झलक दिखला जा, मास्टर शेफ आदि अनेक रियल्टी शो हैं जो टेलीविज़न पर दिखाए जाते हैं और दर्शक भी उत्सुकता और उत्साहपूर्वक इन शो को देखते हैं। वे सभी अपने मनपसंद प्रतिभागी को जीतते हुए देखना चाहते हैं।
मनपसंद शो का नाम – इसी प्रकार ” डांस इंडिया डांस” मेरा मनपसंद रियल्टी शो है। इसमें प्रतिभागी अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। मुझे भी नृत्य करना पसंद है । मैं भी एक कलाकार बनना चाहती हूँ और इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहती हूँ । इसलिए यह मेरा मनपसंद रियल्टी शो है ।
(2) कृषि का महत्त्व
[ संकेत बिन्दु – मानव जीवन का आधार, उन्नतशील बनाना आवश्यक, शासकीय प्रयासों की आवश्यकता ।]
उत्तर:
कृषि का महत्त्व
मानव जीवन का आधार – कृषि मानव जीवन का आधार है । आज विकास की दौड़ में मानव कृषि की उपेक्षा कर रहा है जिससे कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है और खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो रहा है। भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में दूसरे स्थान पर है और अन्न के मामले में आत्म आत्मनिर्भर है। इसका श्रेय आधुनिक विज्ञान को जाता है।
उन्नतिशील बनाना आवश्यक – भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि ही है अतः उसे उन्नतशील बनाना अत्यन्त आवश्यक है। इसके लिए उर्वरकों, बुवाई – कटाई के आधुनिक उपकरणों, कीटनाशक दवाओं तथा सिंचाई के साधनों की व्यवस्था की जानी चाहिए। अनाज को सुरक्षित रखने के लिए गोदामों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
शासकीय प्रयासों की आवश्यकता – सरकार द्वारा नवीन योजनाओं का शुभारम्भ किया जाना चाहिए। गाँवों में परिवहन, विद्युत, सिंचाई के साधन पेयजल, शिक्षा आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। कृषि यंत्र खरीदने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुदान दिए जाने चाहिए। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक से आर्थिक सहायता दिलाई जानी चाहिए। किसानों की दशा में सुधार किया जाना परमावश्यक है। इसके लिए उन्हें उन्नत बीज खाद कीटनाशक सस्ते दामों में उपलब्ध कराए जाएँ। उनके बच्चों को सस्ती शिक्षा दी जाए तथा फ़सलों को ऊँचे दामों पर बेचने का प्रबन्ध किया जाए। सौभाग्य का विषय है कि भारत सरकार ये कदम उठाने का प्रयास कर रही है।
(3) परीक्षा के कठिन दिन
[ संकेत बिन्दु – परीक्षा की उपयोगिता, परीक्षा – जीवन की कसौटी, परीक्षा में सफ़लता के उपाय ।]
उत्तर:
परीक्षा के कठिन दिन
परीक्षा की उपयोगिता – वास्तव में परीक्षा के दिन उन विद्यार्थियों के लिए कठिन होते हैं, जो परीक्षा से जूझने के लिए, परीक्षा में खरा उतरने के लिए, पहले से ही समय के साथ-साथ तैयारी नहीं करते ।
परीक्षा-जीवन की कसौटी – जो विद्यार्थी प्रतिदिन की कक्षाओं के साथ – साथ परीक्षा की तैयारी भी करते जाते हैं, उन्हें परीक्षा का सामना करने से डर नहीं लगता । वे तो परीक्षा का इंतज़ार करते हैं। उन्हें परीक्षा के दिन कठिन नहीं, सुखद लगते हैं । वे परीक्षा की कसौटी पर खरा उतरना चाहते हैं और खरा उतरना जानते भी हैं, क्योंकि जिस प्रकार सोने को कसौटी पर परखा जाता है, उसी प्रकार विद्यार्थी की योग्यता की परख परीक्षा की कसौटी पर होती है।
परीक्षा में सफ़लता के उपाय – यही एक प्रत्यक्ष प्रमाण या मापदण्ड होता है, जिससे परीक्षार्थी के योग्यता – स्तर की जाँच कर उसे अगली कक्षा में प्रवेश के लिए या नौकरी के योग्य समझा जाता है। परीक्षा तो विद्यार्थियों को गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करने के लिए कहती है। परीक्षा में अधिकाधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रतिभाशाली विद्यार्थी परीक्षा की डटकर तैयारी करते हैं, उन्हें परीक्षा से डर नहीं लगता। परीक्षा विद्यार्थियों में स्पर्द्धा की भावना भरती है तथा उनकी आलसी प्रवृत्ति को झकझोर कर परिश्रम करने में सहायक बनाती है। परीक्षा तो परीक्षा होती है, पर परीक्षा-पद्धति ऐसी होनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी की शिक्षा का मूल उद्देश्य पूरा हो, उसकी योग्यता की सही जाँच हो और उसे परीक्षा के दिन कठिन न लगें। इसके लिए सार्थक प्रयास करने होंगे और ये प्रयास तभी सफल होंगे, जब उन्हें सुनियोजित योजना के तहत लागू किया जाएगा।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
आपके क्षेत्र में अनाधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखिए ।
अथवा
अपने छोटे भाई को अध्ययनशील होने की सलाह देते हुए पत्र लिखिए ।
उत्तर:
सेवा में,
ज़िलाधिकारी महोदय,
अ.ब.स. ज़िला
अ.ब. स. नगर ।
दिनांक : …………
विषय – ज़िला अधिकारी को पत्र, अनाधिकृत मकान बनाए जाने के सम्बन्ध में ।
मान्यवर,
विवश होकर कहना पड़ रहा है कि इन दिनों महानगर की प्रमुख गलियों से होकर जाना असहज हो गया है। कारण यह है कि गलियों पर जहाँ-तहाँ लोगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है और उस पर अनाधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं।
कहीं सड़कों पर रेत की ढेरी पड़ी हुई हैं तो कहीं ईंट की पंक्तियाँ सजी हुई हैं। कई जगह सड़कों पर पान – तम्बाकू बेचने वालों ने ईंट की दीवारें उठाकर दुकानें बना रखी हैं। इन सब कारणों से सड़क से गुज़रने वाले यात्रियों को दुर्घटना का शिकार भी होना पड़ता है।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि नगर में अनाधिकृत बने मकानों को हटाने के लिए जल्द-से-जल्द आदेश दें ताकि सभी लोग अमन-चैन से जीवन व्यतीत कर सकें ।
इसके लिए हम सब आभारी रहेंगे ।
धन्यवाद ।
भवदीय
अ.ब. स.
अ.ब.स. मोहल्ला
अ.ब.स. नगर
अथवा
7/37, रामबाग
आगरा ।
दिनांक :
प्रिय सुरेश,
सदा सुखी रहो।
तुम होनकार बालक हो, व्यक्ति का विकास अध्ययन से ही होता है । अध्ययन ही व्यक्ति को पूर्णता प्रदान करता है। आज का युग संघर्ष का युग है। इसमें वही सफ़लता प्राप्त कर सकता है जो श्रेष्ठतम होता है और श्रेष्ठतम बनने का साधन अध्ययन ही है।
अध्ययन में कभी भी आलस्य मत करना । सुचारु रूप से तुम्हारा अध्ययन चलता रहना चाहिए। साथ ही पढ़ते समय एकाग्रता भी आवश्यक है और लगन भी। आशा है इन संकेतों को समझकर तुम एकाग्रचित होकर अध्ययन में जुटे रहोगे, यही तुम्हारे लिए श्रेयस्कर है। इसी से तुम्हें परीक्षा में भी सफ़लता प्राप्त होगी ।
तुम्हारा अपना ही,
हरीश
16. ‘बचत का महत्त्व’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए । (5 × 1 = 5)
अथवा
पाठ्यक्रम विवरण के सम्बन्ध में जानकारी माँगने हेतु लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
बचत का महत्त्व
किसी गाँव में एक किसान अपने परिवार के साथ रहता था। इस वर्ष सूखा पड़ने के कारण फ़सल न हो पाई थी । अनाज की कमी होने की वजह से वह सदैव चिंतित रहता था। घर में राशन केवल इतना ही था कि वह ग्यारह महीने चल सके। अगली फ़सल होने तक उसे बाकी एक महीने के राशन की चिंता बार – बार सता रही थी । किसान की पत्नी ने उसे इस तरह परेशान देखकर पूछा, “आप आजकल किसी बात को लेकर चिंतित नज़र आ रहे हैं, क्या बात है ?” तब किसान ने अपनी चिंता का कारण अपनी पत्नी को बताया । किसान की बात सुनकर उसकी पत्नी ने उसे आश्वासन देते हुए कहा कि वह किसी बात की चिंता न करें। वह उस एक महीने के लिए भी राशन का इंतज़ाम कर लेगी ।
जब पूरा वर्ष आराम से निकल गया और अगली फसल भी अच्छी हुई तब किसान ने एक दिन अपनी पत्नी से पूछा कि आखिर ऐसा कैसे संभव हुआ ?
पत्नी ने कहा- जब से आपने राशन के बारे में बताया तभी से मैं जब भी रसोई के लिए राशन निकालती तो उसी में से दो मुट्ठी अनाज हर बार कोठी में वापस डाल देती। बस उसी की वजह से बारहवें महीने के राशन का इतंजाम भी आराम से हो गया और पूरा वर्ष आराम से गुजर गया। जीवन में बचत की आदत डालनी चाहिए ताकि बुरे वक्त में जमा पूँजी काम आ सके।
अथवा
From : [email protected]
To : [email protected]
CC : [email protected]
BCC : ……….
विषय : पाठ्यक्रम वितरण के सम्बन्ध में जानकारी माँगने हेतु
माननीय महोदय,
मैंने बी.एस-सी की परीक्षा एक सप्ताह पूर्व उत्तीर्ण की है। मुख्य विषय के रूप में न्यूरो साइंस का चयन किया। वर्तमान में मैं कम्प्यूटर विज्ञान में एक कोर्स करना चाहता हूँ । आज के समय में सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर की उपयोगिता अधिक बढ़ गई है। अधिकतर कार्य भी कम्प्यूटर के माध्यम से किए जाते हैं, इसलिए मैंने भी कम्प्यूटर विज्ञान के विषय में अपना रुझान किया । इसलिए मैं आपके संस्थान में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों के विवरण के सम्बन्ध में जानकारी चाहता हूँ। क्या आप मुझे अपने पाठ्यक्रम की विवरणिका की एक प्रति भेज सकते हैं।
आपसे सहयोग की अपेक्षा करता हूँ ।
धन्यवाद
अनीस अंसारी
फिरोज़ाबाद
17. क्रिकेट मैच के विषय में दो मित्रों के मध्य होने वाला संवाद लगभग 80 शब्दों में लिखिए। (4 × 1 = 4)
अथवा
एक सूचना तैयार कीजिए जिसमें सभी विद्यार्थियों से निर्धन बच्चों के लिए ‘पुस्तक कोष’ में अपनी पुरानी पाठ्य-पुस्तकों का उदारतापूर्वक योगदान देने हेतु अनुरोध किया गया हो ।
उत्तर:
कमल : तुम कैसे हो सोहन ?
सोहन : मैं तो बिल्कुल ठीक हूँ, तुम कैसे हो ?
कमल : ठीक हूँ, अच्छा क्या तुमने कल का क्रिकेट मैच देखा ?
सोहन : मैंने देखा था, लेकिन पूरा नहीं |
कमल : क्या तुमने विराट कोहली की बल्लेबाज़ी देखी ?
सोहन : हाँ, देखी थी। क्या बल्लेबाज़ी की थी उसने, मज़ा ही आ गया ।
कमल : उसने 110 रन बनाए। नॉट आउट के जरिए उसने मैन ऑफ द मैच का खिताब भी जीता।
सोहन : हाँ! और भारत का स्कोर 310 था ।
कमल : उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह हराया ।
सोहन : यह तो ऐतिहासिक जीत थी ।
कमल : मैच के चक्कर में मैंने खाना भी नहीं खाया । अच्छा चलता हूँ, बड़े जोरों की भूख लगी है।
सोहन : अच्छा ! मैं भी चलता हूँ ।
अथवा
अ.ब.स. विद्यालय
अ.ब. स. नगर, उ.प्र.
सूचना
विद्यालय में पुस्तक – कोष की स्थापना
दिनांक : ……………
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि निर्धन बच्चों के लिए विद्यालय में ‘पुस्तक कोष’ की स्थापना की गई है शिक्षा प्राप्ति में उन्हें सहायता दी जा सके, अतः सभी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि वे अपनी पुरानी पाठ्यपुस्तकें पुस्तक कोष में जमा कर इस नेक कार्य में भागीदार बनें। इसके अतिरिक्त यदि कोई छात्र नई पुस्तक जो ज्ञानवर्धक हो, यदि वे पुस्तक कोष में जमा करना चाहे तो कर सकता है, इससे निर्धन बच्चों को अधिक लाभ प्राप्त होगा । इच्छुक विद्यार्थी पुस्तकालयाध्यक्ष से संपर्क करें ।
आज्ञा से
अ. ब. स. (पुस्तकालयाध्यक्ष)