Students can access the CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A with Solutions and marking scheme Set 3 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 3 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)
यदि कथावस्तु रोचक नहीं है तो पाठक उसे पढ़ेंगे ही क्यों ? रोचकता ही तो लेखक को उपन्यास की ओर आकर्षित करती है। रोचकता लाने के लिए लेखक को कौतूहल और नवीनता की सृष्टि करनी चाहिए। पाठक कथा में अपने ही जीवन-जगत का प्रतिबिंब देखना चाहता है और इसलिए वह उसे पढ़ता है, क्योंकि लेखक की ही भाँति पाठकों का भी ‘अहम्’ से अनादि लगाव है । जग-जीवन में जो घटनाएँ घटित न हो सकें, उनका वर्णन इस लगाव के लिए घातक होता है, इसलिए लेखक को सदैव घटनाओं की संभाव्यता के प्रति सचेत रहना चाहिए। मौलिकता भी कथावस्तु का अनिवार्य तत्त्व है। जो बातें पाठक जानते हैं, उनके प्रति उनमें कोई आकर्षण नहीं हो सकता, अतः लेखक को चाहिए कि वह अपनी कल्पना- प्रतिभा के बल पर पाठकों की चिर-परिचित घटनाओं को भी उनके समक्ष जीवन रूप में मौलिकता के साथ प्रस्तुत करे। तब पाठक को ग्राह्य हो जाएँगी। कहने का भाव यह है कि किसी भी सफल कथा के कथानक में रोचकता, संभावना और मौलिकता का होना परम आवश्यक है।
(1) पाठक किसी रचना को कब पढ़ते हैं?
(क) कथावस्तु के नीरस होने पर
(ख) कथावस्तु के रोचक होने पर
(ग) कथावस्तु के विचित्र होने पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) कथावस्तु के रोचक होने पर
व्याख्या – कथावस्तु की रोचकता पाठक को रचना पढ़ने के लिए आकर्षित करती है।
(2) कथावस्तु का अनिवार्य तत्त्व किसे माना गया है?
(क) सरसता को
(ख) नीरसता को
(ग) मौलिकता को
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ग) मौलिकता को
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : पाठक कथा में अपने ही जीवन-जगत का प्रतिबिम्ब देखना चाहता है।
कारण (R) : पाठक का अहम् से अनादि लगाव होता है।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(4) ‘लेखक चिर-परिचित घटनाओं को अपनी कल्पना- प्रतिभा केवल पर मौलिकता के रूप में प्रकट करता है । ‘ – उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
1. वह पाठकों को ग्राह्य हो सकें ।
2. पाठक अपना जीवन- प्रतिबिम्ब देखना चाहते हैं ।
3. कथानक नवीनता ग्रहण कर सके ।
(क) 1 सही है।
(ख) 2 सही है।
(ग) 3 सही है।
(घ) कोई नहीं ।
उत्तर:
(क) 1 सही है।
(5) किसी भी सफल कथा के कथानक में किन तत्त्वों का होना परम आवश्यक है ?
(क) रोचकता
(ख) संभावना और मौलिकता
(ग) असंभाव्यता
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों
व्याख्या-किसी भी सफल कथा के कथानक में रोचकता, संभावना और मौलिकता जैसे तत्त्वों का होना परम आवश्यक है।
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए।
एक नहीं, दो नहीं, करो बीसों समझौते
पर स्वतन्त्र भारत का मस्तक नहीं झुकेगा
अगणित बलिदानों से अर्जित यह स्वतन्त्रता
अश्रु, स्वेद, शोणित से सिंचित यह स्वतन्त्रता।
त्याग, तेज़ तप बल से रक्षित यह स्वतन्त्रता
प्राणों से भी प्रियतर अपनी यह स्वतन्त्रता ।
इसे मिटाने की साजिश करने वालों से,
कह दो चिनगारी का खेल बुरा होता है।
औरों के घर आग लगाने का जो सपना
अपने ही घर में सदा खरा होता है।
अपने ही हाथों तुम अपनी कब्र न खोदो
अपने पैरों आप कुल्हाड़ी नहीं चलाओ।
ओ नादान पड़ोसी अपनी आँखें खोलो
आज़ादी अनमोल न उसका मोल लगाओ।
जब तक गंगा की धारा, सिंधु में तपन शेष,
स्वातंत्र्य समर की वेदी पर अर्पित होंगे
अगणित जीवन, यौवन अशेष ।
एक नहीं, दो नहीं, करो बीसों समझौते
पर स्वतन्त्र भारत का मस्तक नहीं झुकेगा ।
(1) स्वतंत्रता किस प्रकार प्राप्त या अर्जित की गई है?
(क) बहुत आसानी से
(ख) अनगिनत बलिदान देकर
(ग) युद्ध करके
(घ) बहुत समझौते करने के बाद
उत्तर:
(ख) अनगिनत बलिदान देकर
व्याख्या – स्वतंत्रता अनगिनत बलिदान देकर अर्जित की गई है।
(2) ‘जब तक गंगा की धारा सिंधु में तपन शेष….’ कहकर कवि क्या दर्शाना चाहता है ?
(क) हमारी स्वतंत्रता अनंत काल तक अक्षुण्ण रहेगी।
(ख) हमारी स्वतंत्रता स्थायी नहीं है ।
(ग) हम अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में अक्षम हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(क) हमारी स्वतंत्रता अनंत काल तक अक्षुण्ण रहेगी।
व्याख्या-कवि चाहता है कि हमारी स्वतंत्रता अथवा आज़ादी अनंतकाल (जिसका कोई अंत न हो) तक अक्षुण्ण रहेगी।
(3) हमारे जीवन में स्वतंत्रता का क्या महत्त्व है ?
(क) यह हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है।
(ख) हमारे जीवन में इसका कोई मोल नहीं है ।
(ग) हमें परतंत्र जीवन प्रिय है ।
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(क) यह हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है।
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : स्वतंत्र भारत का मस्तक कभी नहीं झुकेगा ।
कारण (R) : हम देश के दुश्मनों को मुँहतोड़ जवाब देंगे ।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं ।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(5) ‘त्याग तेज़ तपबल से रक्षित’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
(क) उपमा अलंकार
(ख) अनुप्रास अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) श्लेष अलंकार
उत्तर:
(ख) अनुप्रास अलंकार
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार उपसर्ग और प्रत्यय पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘आ’ उपसर्ग से बना शब्द है-
(क) आराम
(ख) आम
(ग) आवरण
(घ) आखेट
उत्तर:
(ग) आवरण
(2) ‘उद्घाटन’ शब्द में उपसर्ग है-
(क) उद्
(ख) उत्
(ग) उ
(घ) उत
उत्तर:
(ख) उत्
व्याख्या-उद्घाटन शब्द ‘उत्’ उपसर्ग से बना शब्द है ।
(3) ‘अनुभव’ शब्द में उपसर्ग है-
(क) अ
(ख) अन्
(ग) अनु
(घ) अन
उत्तर:
(ग) अनु
(4) ‘खिलाड़ी’ में प्रत्यय है-
(क) डी
(ख) ई
(ग) अड़ी
(घ) आड़ी
उत्तर:
(घ) आड़ी
व्याख्या-खिलाड़ी शब्द ‘ आड़ी’ प्रत्यय से बना शब्द है।
(5) ‘ता’ प्रत्यय से बना शब्द नहीं है-
(क) महानता
(ख) पता
(ग) लघुता
(घ) प्रभुता
उत्तर:
(ख) पता
व्याख्या-‘पता’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय से बना शब्द नहीं है। जबकि दिए गए बाकी सभी शब्द ‘ता’ प्रत्यय से बने हैं।
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘भवसागर’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) भव में सागर – तत्पुरुष समास
(ख) भव रूपी सागर – कर्मधारय समास
(ग) भव है जो सागर – कर्मधारय समास
(घ) भव और सागर – द्वंद्व समास
उत्तर:
(ख) भव रूपी सागर – कर्मधारय समास
(2) ‘यश-अपयश’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए –
(क) यश रूपी अपयश – कर्मधारय समास
(ख) यश के लिए अपयश – तत्पुरुष समास
(ग) यश और अपयश – द्वंद्व समास
(घ) यश है जो अपयश – कर्मधारय समास
उत्तर:
(ग) यश और अपयश – द्वंद्व समास
व्याख्या-यश-अपयश’ समस्त पद में दोनों पद प्रधान हैं; अत: यह द्वंद्व समास है ।
(3) ‘चौराहा’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) चार राहों का समाहार – द्विगु समास
(ख) चार और राहा – द्वंद्व समास
(ग) चार में राह – तत्पुरुष समास
(घ) चार रूपी राह – कर्मधारय समास
उत्तर:
(क) चार राहों का समाहार – द्विगु समास
(4) ‘लम्बोदर’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) लम्बे का उदर – तत्पुरुष समास
(ख) लम्बा और उदर – द्वंद्व समास
(ग) लम्बा उदर है जिसका – बहुव्रीहि समास
(घ) लम्बा रूपी उदर- कर्मधारय समास
उत्तर:
(ग) लम्बा उदर है जिसका – बहुव्रीहि समास
व्याख्या-‘लम्बोदर’ समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं है, अपितु कोई अन्य पद प्रधान है। इसलिए यह बहुव्रीहि समास है।
(5) ‘नीतिनिपुण’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) नीति है जो निपुण – कर्मधारय समास
(ख) नीति से निपुण – तत्पुरुष समास
(ग) नीति और निपुण – द्वंद्व समास
(घ) नीति में निपुण – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(घ) नीति में निपुण – तत्पुरुष समास
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘आपने पाठ याद कर लिया होगा ।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए-
(क) विधानवाचक वाक्य
(ख) संदेहवाचक वाक्य
(ग) इच्छावाचक वाक्य
(घ) आज्ञावाचक वाक्य
उत्तर:
(ख) संदेहवाचक वाक्य
(2) ‘यदि वह आता तो हम घूमने चलते।’ अर्थ के आधार पर वाक्य भेद बताइए-
(क) इच्छावाचक वाक्य
(ख) विस्मयवाचक वाक्य
(ग) संदेहवाचक वाक्य
(घ) संकेतवाचक वाक्य
उत्तर:
(घ) संकेतवाचक वाक्य
(3) ‘आज बाज़ार नहीं खुलेगा।’ विधानवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) आज बाज़ार खुलेगा ।
(ख) आज बाज़ार खोलो ।
(ग) हो सकता है आज बाज़ार खुले ।
(घ) काश! आज बाज़ार खुले ।
उत्तर:
(क) आज बाज़ार खुलेगा ।
व्याख्या-‘आज बाज़ार खुलेगा ।’ यह एक दम निश्चय है इसलिए विधानवाचक वाक्य है।
(4) ‘सूरज चमक रहा है। ‘ प्रश्नवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) सूरज नहीं चमक रहा है।
(ख) सूरज, क्या चमक रहा है ?
(ग) क्या सूरज चमक रहा है ?
(घ) वाह ! सूरज चमक रहा है।
उत्तर:
(ग) क्या सूरज चमक रहा है ?
(5) अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद होते हैं-
(क) चार
(ख) आठ
(ग) तीन
(घ) छः
उत्तर:
(ख) आठ
व्याख्या-अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं ।
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘दृग-पग पोंछन को करे भूषन पायंदाज़’ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उत्प्रेक्षा अलंकार
(घ) अतिश्योक्ति अलंकार
उत्तर:
(ख) रूपक अलंकार
(2) ‘कनक – कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(ख) यमक अलंकार
व्याख्या-‘कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय ।’ काव्य – पंक्ति में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है तथा दोनों बार उनके अर्थ भी भिन्न होने के कारण यहाँ यमक अलंकार है ।
(3) ‘एक सुंदर सीप का मुँह था खुला’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) रूपक अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
(4) ‘निर्धन के धनी – सी तुम आईं ‘ में अलंकार है-
(क) श्लेष अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) उपमा अलंकार
उत्तर:
(घ) उपमा अलंकार
व्याख्या-‘निर्धन के धनी – सी तुम आईं ।’ पंक्ति में समानता सूचक शब्द ‘सी’ का प्रयोग होने के कारण उपमा अलंकार है ।
(5) ‘संसार की समर – स्थली में धीरता धारण करो’ में अलंकार है-
(क) उपमा व रूपक अलंकार
(ख) अनुप्रास व रूपक अलंकार
(ग) अनुप्रास व यमक अलंकार
(घ) यमक व रूपक अलंकार
उत्तर:
(ख) अनुप्रास व रूपक अलंकार
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
एक सप्ताह तक दोनों मित्र वहाँ बँधे पड़े रहे। किसी ने चारे का एक तृण भी न डाला। हाँ, एक बार पानी दिखा दिया जाता था । यही उनका आधार था। दोनों इतने दुर्बल हो गए थे कि उठा तक न जाता था, ठठरियाँ निकल आई थीं। एक दिन बाड़े के सामने डुग्गी बजने लगी और दोपहर होते-होते वहाँ पचास-साठ आदमी जमा हो गए। तब दोनों मित्र निकाले गए और उनकी देखभाल होने लगी। लोग आ-आ कर उनकी सूरत देखते और मन फीका करके चले जाते। ऐसे मृतक बैलों का कौन खरीददार होता ?
(1) दोनों मित्र एक सप्ताह तक कहाँ बँधे पड़े रहे ?
(क) गया के घर में
(ख) गाँव के बाहर एक पीपल के पेड़ के नीचे
(ग) काँजीहौस में
(घ) उपरोक्त सभी कथन सही हैं।
उत्तर:
(ग) काँजीहौस में
व्याख्या-मटर के खेत में चरते हुए हीरा, मोती को खेत के रखवालों ने पकड़ लिया। प्रातःकाल दोनों मित्र काँजी हौस में बंद कर दिए गए।
(2) बाड़े के सामने डुग्गी बजने का क्या कारण था ?
(क) वहाँ तमाशा होने वाला था ।
(ख) पशुओं की नीलामी शुरू होने की सूचना देने के लिए
(ग) पशुओं के मरने की सूचना देने के लिए
(घ) जानवरों के काँजीहौस से भागने के कारण
उत्तर:
(ख) पशुओं की नीलामी शुरू होने की सूचना देने के लिए
व्याख्या-डुग्गी बजने का यह कारण था कि वहाँ बंद पशुओं की नीलामी शुरू होने वाली थी।
(3) काँजीहौस में बंद पशुओं के जीवन का क्या आधार था ?
(क) उन्हें दिन में एक बार दिया जाने वाला पानी
(ख) उन्हें दिन में एक बार दिया जाने वाला चारा
(ग) उन्हें दिया जाने वाला स्वादिष्ट भोजन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) उन्हें दिन में एक बार दिया जाने वाला पानी
व्याख्या – काँजी हौस में बंद पशुओं को दिन में एक बार पानी दिया जाता था वही उनके जीने का आधार था ।
(4) काँजीहौस में बंद हीरा – मोती की क्या दशा हो गई थी ?
(क) दोनों बहुत दुर्बल हो गए थे।
(ख) उनकी ठठरियाँ निकल आई थीं।
(ग) उनसे उठा भी नहीं जाता था ।
(घ) उपरोक्त सभी कथन सही हैं।
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी कथन सही हैं।
(5) दोनों बैलों को देखकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?
(क) लोग बहुत खुश होते थे ।
(ख) लोग उन्हें खरीदने के लिए बहुत उत्सुक थे ।
(ग) लोग उनकी ऊँची बोली लगा रहे थे ।
(घ) लोग उनकी बुरी हालत देखकर मन फीका करके चले जाते थे।
उत्तर:
(घ) लोग उनकी बुरी हालत देखकर मन फीका करके चले जाते थे।
व्याख्या – हीरा-मोती इतने कमज़ोर हो गए थे कि लोग उनकी सूरत देखकर मन फीका करके चले जाते थे। ऐसे मृतक बैलों को कौन खरीदता ?
8. ‘क्षितिज भाग – I’ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) शेकर विहार में ‘कंजुर’ की कितनी हस्तलिखित पोथियाँ थीं?
(क) 105
(ख) 103
(ग) 101
(घ) 110
उत्तर:
(ख) 103
व्याख्या-शेकर विहार के एक मंदिर में कंजुर अर्थात् बुद्धवचन-अनुवाद की एक सौ तीन हस्तलिखित पोथियाँ रखी हुई थीं। लेखक उन्हें पढ़ने बैठ गए।
(2) ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ किस समय लिखा गया है?
(क) प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली की मृत्यु के तुरंत बाद
(ख) प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर
(ग) प्रसिद्ध लेखक जाबिर हुसैन के जन्मदिन पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली की मृत्यु के तुरंत बाद
व्याख्या – प्रसिद्ध लेखक जाबिर हुसैन ने यह संस्मरण जून 1987 में प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी सालिम अली की मृत्यु के तुरंत बाद लिखा था ।
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव ।
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार ।
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे ।
में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे ।
(1) इस काव्यांश की कवयित्री और कविता का नाम लिखिए ।
(क) मीराबाई – पद
(ख) मीराकांत – वाख
(ग) ललद्यद – वाख
(घ) महादेवी वर्मा – वाख
उत्तर:
(ग) ललद्यद – वाख
व्याख्या-इस काव्यांश की कवयित्री ललद्यद हैं और कविता है – वाख ।
(2) काव्यांश में ‘कच्चे धागों की रस्सी’ और ‘नाव’ का प्रतीकार्थ बताइए-
(क) रेशम की कच्ची डोर तथा जीवन रूपी नौका
(ख) मनुष्य की साँसें तथा मानव शरीर
(ग) मनुष्य की साँसें तथा लकड़ी की नाव
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) रेशम की कच्ची डोर तथा जीवन रूपी नौका
व्याख्या-कच्चे धागों की रस्सी से अभिप्राय है – मनुष्य की साँसें तथा ‘नाव’ मानव शरीर का प्रतीक है।
(3) कवयित्री के मन में बार-बार हूक क्यों उठ रही है ?
(क) अपने प्रभु की शरण में जाने अर्थात् मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा के कारण
(ख) कवयित्री अपने घर का रास्ता भूल जाने के कारण
(ग) उसे अपने परिवार की याद आने के कारण
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
उत्तर:
(क) अपने प्रभु की शरण में जाने अर्थात् मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा के कारण
(4) ‘कच्चे सकोरे’ का उदाहरण क्यों दिया गया है ?
(क) पानी के बह जाने के लिए
(ख) अपना काम पूरा न हो पाने के लिए
(ग) प्रभु प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों की विफलता के लिए
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
उत्तर:
(ग) प्रभु प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों की विफलता के लिए
व्याख्या-कवयित्री ने यह उदाहरण प्रभु प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों की विफलता को दर्शाने के लिए दिया है। जिस प्रकार कच्चे सकोरे से पानी बहकर व्यर्थ हो जाता है उसी प्रकार कवयित्री के ईश्वर प्राप्ति के प्रयास विफ़ल हो रहे हैं।
(5) ‘रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव’ का क्या अभिप्राय है?
(क) शरीर रूपी नाव को कच्चे धागों रूपी साँसों के सहारे चलाना
(ख) झूठी आस्था तथा विश्वासों के सहारे ईश्वर प्राप्ति का प्रयास करना
(ग) कच्ची रस्सी के सहारे भारी नाव को खींचना
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों कथन सही हैं
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) कबीर दास जी ज्ञान की तुलना किससे करते हैं?
(क) लकड़ी
(ख) आँधी
(ग) छत
(घ) संसार
उत्तर:
(ख) आँधी
व्याख्या-उन्होंने ज्ञान की तुलना आँधी से की है। जिस प्रकार आँधी जाती है तो कच्ची झोंपड़ी की सभी दीवारें अपने आप गिर जाती हैं और वह बन्धन मुक्त हो जाती है ।
(2) गोपी से क्या नहीं सँभाली जाती है ?
(क) अपने मन की व्याकुलता
(ख) अपनी पीड़ा
(ग) कृष्ण की दी हुई भेंट
(घ) कृष्ण के मुख की मुस्कान
उत्तर:
(घ) कृष्ण के मुख की मुस्कान
व्याख्या – गोपी कृष्ण के मुख की मुस्कान को नहीं सँभाल पातीं हैं और उसकी ओर खिंचीं चलीं आतीं हैं ।
खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(1) झूरी दोनों बैलों के साथ कैसा व्यवहार करता था ?
उत्तर:
झूरी दोनों बैलों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार करता था, वह उन्हें जानवर नहीं वरन परिवार का सदस्य मानता था । उनके खाने-पीने व स्वास्थ्य के प्रति सचेत था । झूरी उनसे काम भी एक हद तक ही करवाता था।
(2) लेखक ने अपने यात्रा वृत्तांत में तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का जो शब्द चित्र प्रस्तुत किया है, उसका अपने शब्दों में वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
तिब्बत दुर्गम मार्गों तथा घाटियों से घिरा हुआ पर्वतीय क्षेत्र है। यहाँ अत्यधिक शीत पड़ती है । कहीं मीलों ऊँची चढ़ाई है तो कहीं गहरी घाटियाँ। यह एक ओर से हिमालय की हज़ारों श्वेत पर्वतमालाओं से घिरा है। चीन, नेपाल आदि देशों की सीमाओं के मिलने के कारण यहाँ फ़ौज का डेरा भी है, चौकियाँ भी हैं और दुर्ग भी ।
(3) सालिम अली के अनुसार लोगों का प्रकृति के प्रति क्या नज़रिया है, हमें प्रकृति को किस नज़रिए से देखना चाहिए ?
उत्तर:
लोगों का प्रकृति के प्रति उदासीन रवैया देखकर वे द्रवित हो गए । वे प्रकृति तथा पक्षी – विज्ञानी थे तथा सरल एवं सहृदय व्यक्ति थे। प्रकृति व हरियाली की रक्षा प्राणीमात्र के लिए आवश्यक है, अतः हमें अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रकृति का पूर्ण सकारात्मक ध्यान रखने का प्रयास करना ही होगा ।
(4) प्रेमचंद जैसे साहित्यकार की फ़ोटो में उनके फटे जूतों को देखकर परसाई जी की मनोदशा पर टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर:
प्रेमचंद जैसे महान् कथाकार, उपन्यास – सम्राट, युग प्रवर्तक की ऐसी बदहाल दशा की कल्पना परसाई जी ने नहीं की थी । परन्तु एक महान् साहित्यकार के इस दुःख को स्वयं महसूस करते हुए परसाई जी द्रवित होकर रोना चाहते थे।
व्याख्यात्मक हल –
प्रेमचंद जैसे साहित्यकार की फ़ोटो में उनके फटे जूते देखकर परसाई जी का मन रोने को करता है। उन्हें प्रेमचन्द जैसे महान् साहित्यकार की बदहाली से बहुत दुःख होता है। उनके पास विशेष अवसरों पर पहनने के लिए भी अच्छे कपड़े और जूते नहीं थे। उनकी आर्थिक दुरावस्था की कल्पना से लेखक बहुत अधिक दु:खी हो रहे थे।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) “बाल-श्रम असफलता सरकार की है या हमारी” ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ पाठ के आधार पर तर्क सहित विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
सरकारी योजनाएँ पूर्ण रूप से उचित एवं सुचारु ।
प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य, समाज के कदमों में कमी।
व्याख्यात्मक हल :
यह असफ़लता हमारी और सरकार दोनों की है। हालांकि सरकारी योजनाएँ पूर्ण रूप से उचित एवं सुचारु हैं, परंतु उन्हें सही ढंग से लागू ही नहीं किया जाता। बच्चों को बाल-श्रमिक बनने के लिए हम ही मज़बूर करते हैं । हमारी विपरीत आर्थिक परिस्थितियाँ और बच्चों के प्रति हमारी और समाज की संवेदनहीनता अथवा संवेदनशून्यता तथा लापरवाही उनसे उनका बचपन छीन कर उन्हें बाल-श्रमिक बना देती है।
(2) ‘मोहन के व्रत पर’ पंक्ति का आशय ‘कैदी और कोकिला’ कविता के आधार पर व्यक्त कीजिए तथा उन परिस्थितियों का भी उल्लेख कीजिए जिनमें यह व्रत धारण किया था ।
उत्तर:
‘मोहन के व्रत पर ‘ का आशय मोहनदास करमचंद गाँधी के द्वारा किए गए आह्वान तथा आज़ादी की लड़ाई से है। देश को अंग्रेज़ों से आजाद कराने के लिए उन्होंने असहयोग आन्दोलन का सूत्रपात किया और अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया । कवि भी उनके आह्वान पर नौकरी छोड़कर आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़ा।
(3) काननि दै अँगुरी रहिबो जबहीं मुरली धुनि मंद बजैहै । पंक्ति का अर्थ लिखिए तथा बताइए कि कानों में अँगुली लगाकर रहने का आशय क्या है ?
उत्तर:
जब मंद ध्वनि में कृष्ण की मुरली बजेगी तो कानों में अँगुली देकर रहना होगा । कान बंद कर लेना, ताकि मुरली की ध्वनि सुनाई न दे क्योंकि गोपियों को मुरली से सौतिया डाह है।
(4) गोपी श्रीकृष्ण का स्वांग क्यों रचना चाहती है ?
उत्तर:
सखी के आग्रह पर गोपी श्रीकृष्ण का रूप धारण करने को तैयार है । श्रीकृष्ण के समान रूप धारण करके वह उनके प्रति अपना अनन्य प्रेम प्रकट करना चाहती है ।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग- I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) कहा जाता है कि महिलाएँ शक्तिशाली होंगी तो समाज भी शक्तिशाली बनेगा। समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए अपनी ओर से सुझाव दीजिए ।
उत्तर:
समाज में महिलाओं की स्थिति को दृढ़ करने के लिए सबसे पहले उनका शिक्षित होना अनिवार्य है। उसके बाद समाज को जागरूक किया जा सकता है। अपनी आत्मरक्षा के उपाय खुद करने हैं ऐसी हिम्मत व साहस की भावना भर कर उनका आत्मबल बढ़ाया जा सकता है। लिंगभेद को समाप्त करके भी महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
(2) एकांकी के आधार पर गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद पेशे से वकील हैं और शिक्षा के प्रति दोहरे मापदंड रखते हैं। वे शादी को भी बिजनेस मानते हैं। वे पुरुष प्रधान समाज के पक्षधर दिखाई देते हैं। वे लड़कों की उच्च शिक्षा के पक्षधर हैं पर लड़कियों की उच्च शिक्षा के नहीं । उनके लिए समाज में स्त्रियों के लिए कोई स्थान नहीं । वे अत्यंत लालची हैं और रूढ़िवादी विचारों के व्यक्ति हैं।
(3) आज माटीवाली बुड्ढे को कोरी रोटियाँ नहीं देगी – इस कथन के आधार पर माटीवाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर:
माटीवाली अभावग्रस्त जीवन जी रही थी । अपनी गरीबी के कारण वह अपने लिए व अपने पति के लिए अच्छा भोजन भी नहीं जुटा पाती थी, परन्तु उस दिन वह अपने पति के लिए केवल रोटियाँ ही नहीं ले जा रही थी बल्कि उसने अपनी आमदनी से उसके लिए प्याज भी खरीदा था। अब वह घर जाकर प्याज की सब्जी बनाकर उसके साथ अपने पति को खाना परोसेगी। आज उसके पति को रूखा-सूखा नहीं खाना पड़ेगा । प्रश्न में दिया हुआ कथन, माटीवाली के अपने पति के प्रति असीम स्नेह व कर्त्तव्य को दर्शाता है।
लेखन (20 अंक)
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) आतंकवाद के दुष्परिणाम
[ संकेत बिंदु – आतंक के प्रसार के कारण, भारत और विश्व में आतंकवाद, निदान के उपाय । ]
उत्तर:
आतंकवाद के दुष्परिणाम
जब कुछ लोग अपनी माँगों को मनवाने के लिए आतंकी गतिविधियों का सहारा लेते हैं तब उसे आतंकवाद कहा जाता है। आतंकवाद भय उत्पन्न करने की प्रक्रिया है ।
आतंक के प्रसार के कारण – यह एक प्रकार का उन्माद तो है ही साथ ही दूसरों की बर्बादी का प्रयास भी है। पाकिस्तान आतंकवाद का जनक है, पोषक है। वहीं से यह आतंकवाद विकसित होता है। ये लोग हिंसक होते हैं । आज़ादी के बाद देश में अनेक आतंकवादी संगठनों द्वारा आतंकवादी हिंसा का प्रचार-प्रसार किया गया है।
भारत और विश्व में आतंकवाद – आज हमारा देश ही नहीं वरन् सारा विश्व आतंकवाद की छाया में साँस ले रहा है। असम के बोडो आतंकवादी अनेक बार हिंसक घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियाँ जोरों पर हैं। 13 दिसम्बर 2001 में भारत के संसद भवन पर आतंकियों द्वारा हमला किया गया । 11 सितम्बर 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर भी हमला हुआ। इस तरह पूरा संसार आतंकवाद की चपेट में है।
निदान के उपाय – इस समस्या का वास्तविक हल ढूँढ़ने के लिए सर्वप्रथम सरकार को अपनी गुप्तचर एजेंसियों को सशक्त और विशेष सक्रिय बनाना चाहिए। सीमा पार से प्रशिक्षित आतंकवादियों व हथियारों के आने पर कड़ी चौकसी रखनी होगी। लोगों को गुमराह होने से रोकना होगा व विश्वास की भावना जगानी होगी। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मिलकर प्रयास करने होंगे । संविधान के तहत पारस्परिक विचार-विमर्श से सिखों, कश्मीरियों व असमियों की माँगों का न्यायोचित समाधान भी ढूँढ़ना होगा।
(2) ट्रैफिक जाम
[ संकेत बिंदु – ट्रैफिक की समस्या का आधार, लोगों की जल्दबाज़ी, सुधार के उपाय ।]
उत्तर:
ट्रैफिक जाम
ट्रैफिक की समस्या का आधार – विज्ञान ने आज हमारी जीवन-शैली को पूरी तरह बदल दिया है। विज्ञान के आविष्कारों में से एक महत्त्वपूर्ण आविष्कार है – यातायात के साधन, जिसके कारण हम मीलों की दूरी कुछ ही समय में सहजता से पूरी कर लेते हैं जिसे पूरा करने में प्राचीन समय में हमें महीनों लग जाते थे। वर्तमान समय में अधिकांश लोगों के पास अपने निजी वाहन कार, मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि हैं तथा सड़कों पर जाम की दिनों-दिन बढ़ती समस्या का सबसे बड़ा कारण हैं।
लोगों की जल्दबाज़ी – आज हर व्यक्ति जल्दी में नज़र आता है और इसी जल्दबाज़ी के कारण सड़क पर जाम लग जाता है। मोटर साइकिल, कार सवार अपनी लाइन में चलने के स्थान पर दूसरे को ओवरटेक करते हैं तथा ट्रैफिक पुलिस के द्वारा सख्ती से अपने कर्त्तव्य पालन न करने के कारण इसे बढ़ावा मिलता है।
सुधार के उपाय- ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्ति पाने के लिए सरकार को ट्रैफिक के कड़े नियम बनाने चाहिए तथा सख्ती से उन्हें लागू करना चाहिए। इसके साथ ट्रैफिक के नियमों के बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए। सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही इस समस्या से निजात मिल सकती है।
(3) मेरी प्रिय पुस्तक
[ संकेत बिंदु – पुस्तक का नाम, पुस्तक की विषय-वस्तु, पुस्तक की विशेषता ।]
उत्तर:
मेरी प्रिय पुस्तक
पुस्तक का नाम–पुस्तकें हमारे जीवन की मूल्यवान धरोहर हैं। ये हमें जीवन के मार्ग पर चलने की दिशा प्रदान करती हैं। ये एक अच्छे मित्र की भाँति सदा हमारे साथ रहकर मार्गदर्शन करती हैं। उन्हीं में से बहुमूल्य एवं ज्ञान वृद्धि में सहायक पुस्तक रामचरितमानस है जो स्वामी तुलसीदास जी की गरिमामयी कृति है। रामचरितमानस मेरी प्रिय पुस्तक है। यह ग्रन्थ अद्भुत और अद्वितीय है।
पुस्तक की विषय वस्तु – साधारण लोग इसे रामायण के नाम से जानते हैं। इस ग्रन्थ में स्थान-स्थान पर तुलसीदास जी के सहज नाटकीय रचना कौशल और सूझ-बूझ के दिग्दर्शन होते हैं ।
रामचरितमानस का आरम्भ और अन्त संवाद से होता है। इसके संवाद तीन हैं – (1) उमा – शंभु संवाद, (2) गरुण – काकभुशुण्डि संवाद तथा (3) याज्ञवल्क्य – भारद्वाज संवाद ।
पुस्तक की विशेषता – काव्यात्मक सौन्दर्य की दृष्टि से यह अनुपम ग्रन्थ है। रामचरितमानस में मुख्यत: शृंगार, वीर और शान्त रसों का समावेश है। इसमें ज्ञान, भक्ति, शैव, वैष्णव, गृहस्थ और संन्यास का पूर्ण समन्वय मिलता है। इसके अतिरिक्त साहित्यिक दृष्टि से यह कृति हिन्दी साहित्य उपवन का वह कुसुमित फूल है जिसे सूंघते तन-मन में एक अनोखी सुगन्ध का संचार हो जाता है। यह ग्रन्थ दोहा व चौपाई में लिखा महाकाव्य है। इस महाकाव्य का हर काण्ड भाषा, भाव आदि की दृष्टि से पुष्ट और उत्कृष्ट है और प्रत्येक काण्ड का आरम्भ और अंत संस्कृत के श्लोकों से होता है तत्पश्चात् कथा फलागम की ओर बढ़ती है।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
आप अपने मित्र/सखी के दुर्व्यवहार से बहुत दुःखी हैं। उसकी माताजी को पत्र लिखकर उसके अनुचित व्यवहार का वर्णन कीजिए तथा यह भी बताइए कि आप उसे इस प्रकार व्यवहार करने से कैसे रोकेंगे / रोकेंगीं।
अथवा
अपने प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय में कुछ और हिन्दी पत्रिकाएँ मँगाने के लिए निवेदन किया गया हो।
उत्तर:
एस. आर. पब्लिक स्कूल,
लखनऊ
दिनांक: ………
आदरणीया चाचीजी
सादर चरण स्पर्श,
चाचीजी, मैंने यह पत्र आपको अपनी प्रिय सखी और आपकी प्रिय पुत्री सुभद्रा के अनुचित व्यवहार से अवगत कराने के लिए लिखा है। सुभद्रा आजकल सभी शिक्षकों व छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करने लगी है। उसका अपने क्रोध पर नियन्त्रण नहीं रहता । वह सभी के साथ अभद्रता करती है । किसी को भी बुरा-भला बोलने लगती है। इतना ही नहीं पिछले दिनों तो उसने कक्षा की एक छात्रा के साथ मारपीट भी की।
आपसे निवेदन है कि आप उसे समझाएँ और ऐसा न करने की सलाह दें। मैं भी यहाँ उसे स्नेह से समझाऊँगी और उसे क्रोध पर नियंत्रण रखना सिखाऊँगी।
आपकी भतीजी,
शोभा
अथवा
सेवा में
प्रधानाचार्य,
सुमित राहुल पब्लिक स्कूल
विकासपुरी, नई दिल्ली।
विषय – पुस्तकालय में हिन्दी पत्रिकाएँ मँगाने हेतु
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में हिन्दी पत्रिकाओं का अभाव है । अंग्रेज़ी की तो अनेक पत्रिकाएँ आतीं हैं जबकि हिन्दी की केवल एक पत्रिका ही आती है। पुस्तकालयाध्यक्ष से इस विषय में पूछने पर उन्होंने कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दिया है। हम सभी छात्र अंग्रेज़ी के साथ हिन्दी पत्रिकाओं को भी पढ़ना चाहते हैं।
अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि पुस्तकालय में हिन्दी पत्रिकाओं को मँगवाने की समुचित व्यवस्था करने की कृपा करें। आशा है, आप हमारी प्रार्थना पर अवश्य ध्यान देंगे।
धन्यवाद सहित,
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अ. ब. स.
कक्षा-X ‘ब’
दिनांक …………..
16. ‘मन के हारे हार है मन के जीते जीत’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए । (5 × 1 = 5)
अथवा
ट्यूशन टीचर की आवश्यकता हेतु लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
मन के हारे हार है मन के जीते जीत
एक बार किसी संत के पास एक व्यक्ति गया। संत को प्रणाम कर वह बोला कि गुरुदेव मुझे जीवन के सत्य का पूर्ण ज्ञान हो गया है। मैंने शास्त्रों का भी अध्ययन कर लिया है लेकिन मेरा मन कभी स्थिर नहीं रहता। किसी काम को मैं पूरा नहीं कर पाता उसे बीच में ही छोड़ देता हूँ। मेरी इस समस्या का समाधान कीजिए। वह संत उसे रात के समय एक नदी के पास ले गया और नदी के पानी में चाँद का प्रतिबिम्ब दिखाते हुए कहा कि तुम्हारा मन इस नदी की तरह है । तुम अपने ज्ञान का प्रयोग व्यवहार में एकाग्रता व संयम के साथ अपनाने का प्रयास करो। उस नदी में बने चाँद के प्रतिबिम्ब के समान मत बनो क्योंकि नदी में पत्थर मारने से जिस प्रकार चाँद का प्रतिबिम्ब हिलता है वैसे ही ज़रा-ज़रा-सी बात पर तुम्हारा मन भी डोलता है अत: तुम आसमान के चाँद के समान बनो। अपने ज्ञान और विवेक के बल पर नियमों का पालन करते हुए लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ो। इस तरह जो व्यक्ति मन से किसी काम में हार नहीं मानता नियमपूर्वक कार्य करता है वही सफ़ल होता है।
अथवा
दिनांक : 23-04-XX
From : < [email protected]
To : < [email protected]>
Cc: < [email protected]>
BCC : …………….
विषय : ट्यूशन टीचर की आवश्यकता हेतु जानकारी
महोदय,
मैं सपना कुमारी बारहवीं कक्षा की विद्यार्थी हूँ। मुझे जानकारी प्राप्त हुई कि आप विभिन्न विषयों की ट्यूशन की जानकारी उपलब्ध कराते हैं। मुझे अपने लिए एक गणित विषय की ट्यूशन की आवश्यकता है। कुछ महीनों के पश्चात् ही मेरी बोर्ड की परीक्षा प्रारम्भ हो जाएगी। कम समय में अच्छा अध्यापन कराने वाले शिक्षक के विषय में मेरा मार्गदर्शन करने की कृपा कीजिए ।
आपसे अनुरोध है कि मुझे गणित विषय का ट्यूशन उपलब्ध कराने में सहायता करें।
धन्यवाद
सपना कुमारी
कक्षा-12th
मो. 8447070XX
17. आज आपकी अंतिम परीक्षा है। पढ़ाई से चिंता मुक्त होकर आप अपने मित्र के साथ मस्ती से छुट्टियाँ बिताना चाहते हैं । इस स्थिति पर लगभग 80 शब्दों में संवाद लिखिए । (4 × 1 = 4)
अथवा
विद्यालय के वार्षिकोत्सव समारोह के आयोजन के लिए आपको संयोजक बनाया गया है। विद्यालय की ओर से सभी विद्यार्थियों के लिए लगभग 80 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए ।
उत्तर:
मित्र से संवाद
अमित : मित्र ! आज हमारा आखिरी पेपर है।
सोहन : हाँ ! आज हम अपने आपको चिंता मुक्त महसूस कर रहे हैं।
अमित : हाँ मित्र! बिल्कुल सही कह रहे हो। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि मेरे सिर से बोझ हल्का हो गया हो ।
सोहन : सही कहा, कल से पूरे महीने की छुट्टी भी हो जाएगी। वैसे तुम्हारा क्या कार्यक्रम है ? मैं तो मम्मी के साथ मामाजी के यहाँ जाऊँगा।
अमित : अरे वाह! मैं भी छुट्टियों में अपनी मौसी के यहाँ जाऊँगा । खूब मज़ा आएगा हम दोनों साथ-साथ छुट्टियाँ बिताएँगे।
सोहन : अरे हाँ! मैं तो भूल ही गया था कि मेरी बड़ी मामी तुम्हारी मौसी लगती हैं । तब तो खूब मज़ा आएगा। हम लोग खूब मस्ती करेंगे।
अमित : अच्छा अब चल, आज का पेपर शुरू होने वाला है।
औपचारिकताएँ विषयवस्तु
अथवा
व्याख्यात्मक हल-
सूचना
दिनांक …………..
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय ऑडिटोरियम में दिनांक 18/11/20XX को सायं 4 बजे से वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन किया जाएगा। सभी विद्यार्थी विद्यालयी गणवेश में अपने अभिभावकों के साथ आएँ । दीप प्रज्वलन लघुनाटिका, नृत्य, गीत-संगीत, पुरस्कार वितरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है। इसके साथ-साथ आप सभी के लिए खाने की व्यवस्था सायं 4 बजे से विद्यालय के मुख्य हॉल में की जाएगी । लघुनाटिका, नृत्य, गीत-संगीत इत्यादि में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को मंच पर सम्मानित भी किया जाएगा। अतः आप सभी समय से अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित रहें ।
अमित शर्मा
(संयोजक)