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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi A Set 1 with Solutions
निर्धारित समय: 3 घण्टे
पूर्णांक: 80
1. इस प्रश्नपत्र में दो खण्ड हैं- खण्ड ‘अ’ और ‘ब’ । खण्ड-अ में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खण्ड-ब में वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
2. प्रश्नपत्र के दोनों खण्डों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
3. यथासम्भव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए ।
4. खण्ड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
5. खण्ड ‘ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘अ’ (बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
अपठित गद्यांश व काव्यांश (10 अंक)
1. निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
श्रम से थके हारे मनुष्य ने जीवन में आई नीरसता से छुटकारा पाने हेतु अनेक साधन खोजे हैं। मानव ने थके मन को स्फूर्तिमय बनाने हेतु विभिन्न उत्सव व पर्वों का सहारा लिया। ये त्योहार चाहे प्रकृति की घटनाओं को आधार बनाकर मनाए जाते हों चाहे धर्म को आधार . बनाकर, सभी जनजागृति के प्रेरणा-स्रोत हैं। त्योहार उमंग और उत्साह भरकर हमारे अंदर स्फूर्ति जगाते हैं। महापुरुषों की मनाई जाने वाली जयंतियाँ मानवीय मूल्यों को प्रगाढ़ बनाती हैं। इन्हीं त्योहारों से भाईचारा, प्रेम, सद्भाव, धार्मिक एवं सांप्रदायिक सौहार्द्र बढ़ता है । इनसे सांस्कृतिक गरिमा की भी रक्षा होती है। सांस्कृतिक मूल्य एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आसानी से पहुँच जाते हैं। इन्हीं त्योहारों से ही हमारा अस्तित्व सुरक्षित है व सुरक्षित रहेगा। सामाजिक समरसता को बढ़ाने वाले त्योहारों को हमें शालीनता से मनाना चाहिए ताकि इनकी पवित्रता व गरिमा चिरस्थायी रहे।
(1) त्योहार किसके प्रेरणा स्त्रोत हैं:
(क) नीरसता के
(ख) जनजागृति के
(ग) घटनाओं के
(घ) श्रम – साधना के ।
उत्तर:
(ख) जनजागृति के
व्याख्या-त्योहार चाहे प्रकृति की घटनाओं को आधार बनाकर मनाए जाएँ या धर्म को आधार बनाकर, वह सभी जन जागृति के प्रेरणा-स्रोत हैं।
(2) त्योहारों से बढ़ता है:
(क) प्रेम
(ख) भाईचारा
(ग) प्रेम, भाईचारा व सद्भाव
(घ) सांप्रदायिकता ।
उत्तर:
(ग) प्रेम, भाईचारा व सद्भाव
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : मनुष्य ने जीवन में पर्वों का सहारा लिया ।
कारण (R) : त्योहार उमंग और उत्साह भरकर हमारे अंदर स्फूर्ति जगाते हैं।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(4) ‘त्योहारों को शालीनता से मनाना चाहिए’ – उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्कों पर विचार कीजिए-
1. इनकी पवित्रता और गरिमा बनी रहे ।
2. नीरसता से छुटकारा मिल सके।
3. सामाजिक एकता को बल मिले।
(क) 1 सही है।
(ख) 2 सही है।
(ग) 3 सही है।
(घ) ये सभी सही हैं ।
उत्तर:
(क) 1 सही है।
(5) साम्प्रदायिक शब्द में प्रत्यय है:
(क) ‘इक’ प्रत्यय
(ख) ‘साम्’ प्रत्यय
(ग) ‘यिक’ प्रत्यय
(घ) ‘सा’ प्रत्यय
उत्तर:
(क) ‘इक’ प्रत्यय
व्याख्या- ‘सांप्रदायिक ‘ शब्द ‘सम्प्रदाय’ में ‘इक’ प्रत्यय लगाकर बना है।
2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए । (1 × 5 = 5)
पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले।
पुस्तकों में है नहीं छापी गई इसकी कहानी
हाल इसका ज्ञात होता है न औरों की जुबानी।
अनगिनत राही गए इस राह से, उनका पता क्या
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी ।
यह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है,
खोल इसका अर्थ पंथी, पंथ का अनुमान कर ले।
यह बुरा है या कि अच्छा, व्यर्थ दिन इस पर बिताना
जब असंभव छोड़; यह पथ दूसरे पर पग बढ़ाना ।
तू इसे अच्छा समझ, यात्रा सरल इससे बनेगी,
सोच मत केवल तुझे ही यह पड़ा मन में बिठाना ।
हर सफल पंथी यही विश्वास ले इस पर खड़ा है,
तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले।
पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले।
(1) “बटोही” शब्द का अर्थ है-
(क) अध्यापक
(ख) विद्यार्थी
(ग) यात्री
(घ) व्यापारी ।
उत्तर:
(ग) यात्री
(2) ‘पैरों की निशानी’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
(क) पैर के निशान
(ख) ज़मीन में पड़े गड्ढे
(ग) मार्गदर्शन चिन्ह
(घ) यात्रा वृत्तान्त |
उत्तर:
(ग) मार्गदर्शन चिन्ह
व्याख्या-‘ पैरों की निशानी’ से कवि का अभिप्राय मार्गदर्शन करने वाले चिहनों से है।
(3) राही को क्या नहीं सोचना चाहिए?
(क) पहले कौन-कौन यहाँ से गया
(ख) यह मार्ग अच्छा है या बुरा
(ग) मार्गदर्शक चित्र नहीं है
(घ) यह मार्ग कंटकों से भरा है।
उत्तर:
(ख) यह मार्ग अच्छा है या बुरा
(4) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उचित विकल्प चुनिए-
कथन (A) : सरल या कठिन का विचार छोड़कर सामने वाले मार्ग को अच्छा समझ उसी पर बढ़ जाना पंथी की यात्रा को सरल बना देता है।
कारण (R) : यह मार्ग फूलों से भरा है।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) व (R) सही हैं और कथन (A), कारण (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं और कथन (A), कारण (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(5) जीवन-पथ पर आगे बढ़ने से पहले हमें किसकी पहचान कर लेनी चाहिए ?
(क) मंज़िल
(ख) धन-दौलत
(ग) सुमार्ग
(घ) शक्ति
उत्तर:
(ग) सुमार्ग
व्याकरण (16 अंक)
3. निर्देशानुसार ‘उपसर्ग और प्रत्यय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘खोर’ प्रत्यय लगाकर बना शब्द है-
(क) रिश्वतखोर
(ख) मज़ेखोर
(ग) कामखोर
(घ) खखोर
उत्तर:
(क) रिश्वतखोर
व्याख्या- ‘रिश्वत’ मूल शब्द है जिसके साथ ‘ खोर’ प्रत्यय जोड़कर नया शब्द रिश्वतखोर बनाया गया है, अतः खोर प्रत्यय से बना सार्थक शब्द रिश्वतखोर है।
(2) ‘सु’ उपसर्ग से बना शब्द नहीं है-
(क) सुंदर
(ख) सुवर
(ग) सुयोग्य
(घ) सुयश
उत्तर:
(क) सुंदर
व्याख्या-सुंदर शब्द में से ‘सु’ उपसर्ग अलग करने पर ‘दर’ शब्द निरर्थक है, अतः ‘सुंदर ‘ सु’ उपसर्ग से बना शब्द नहीं है।
(3) ‘परिभ्रमण’ में प्रयुक्त उपसर्ग व मूल शब्द बताइए-
(क) पर्, भ्रमण
(ख) परि, भ्रमण
(ग) परा, भ्रमण
(घ) परी, भ्रमण
उत्तर:
(ख) परि, भ्रमण
(4) ‘उत्’ उपसर्ग से बना शब्द नहीं है-
(क) उत्कर्ष
(ख) उत्तर
(ग) उत्पात
(घ) उत्पन्न
उत्तर:
(ख) उत्तर
(5) ‘आवश्यकता’ में प्रत्यय है-
(क) ता
(ख) आ
(ग) अ
(घ) अता
उत्तर:
(क) ता
व्याख्या- ‘ आवश्यकता’ शब्द का मूल शब्द ‘आवश्यक’ तथा ‘ता’ प्रत्यय है।
4. निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)
(1) ‘रसोईघर’ का विग्रह कर समास का भेद बताइए-
(क) रसोई और घर- द्वंद्व समास
(ख) रसोई का घर – तत्पुरुष समास
(ग) रसोई है जिस घर में – कर्मधारय समास
(घ) रसोई के लिए घर – तत्पुरुष समास
उत्तर:
(घ) रसोई के लिए घर – तत्पुरुष समास
व्याख्या- ‘रसाईघर’ समस्त पद का विग्रह करते हुए कारक चिहन (के लिए) का प्रयोग किया गया है। तत्पुरुष समास में समस्त पद का विग्रह करने पर कारक चिह्न का प्रयोग होता है। इसलिए रसोईघर तत्पुरुष समास है।
(2) ‘नवरात्रि’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) नव और रात्रि – द्वंद्व समास
(ख) नव की रात्रि – तत्पुरुष समास
(ग) नव रात्रियों का समाहार – द्विगु समास
(घ) नव रात्रियों का समाहार – द्वंद्व समास
उत्तर:
(ग) नव रात्रियों का समाहार – द्विगु समास
(3) ‘शरणागत’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) शरण में आगत- तत्पुरुष समास
(ख) शरण से गत- तत्पुरुष समास
(ग) शरण और गत – द्विगु समास
(घ) शरण है जो गत- कर्मधारय समास
उत्तर:
(क) शरण में आगत- तत्पुरुष समास
(4) ‘स्वर्णकमल’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) स्वर्ण और कमल – द्वंद्व समास
(ख) स्वर्ण का है जो कमल – कर्मधारय समास
(ग) स्वर्ण रूपी कमल – कर्मधारय समास
(घ) स्वर्ण कमलों का समाहार- द्वंद्व समास
उत्तर:
(ख) स्वर्ण का है जो कमल – कर्मधारय समास
(5) ‘सत्याग्रह’ का विग्रह कर समास का नाम बताइए-
(क) सत्य के प्रति आग्रह – तत्पुरुष समास
(ख) सत्य में आग्रह – तत्पुरुष समास
(ग) सत्य है जो आग्रह – कर्मधारय समास
(घ) सत्य रूपी आग्रह – कर्मधारय समास
उत्तर:
(क) सत्य के प्रति आग्रह – तत्पुरुष समास
5. निर्देशानुसार ‘अर्थ के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘भगवान करे, तुम्हारी दीपावली शुभ हो।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) आज्ञावाचक वाक्य
(ख) विधानवाचक वाक्य
(ग) इच्छावाचक वाक्य
(घ) संदेहवाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) इच्छावाचक वाक्य
(2) ‘आज धूप निकली है।’ संकेतवाचक में बदलिए-
(क) काश, आज धूप निकले।
(ख) आज धूप अवश्य निकले।
(ग) आज धूप नहीं निकलेगी।
(घ) आज धूप निकली तो कपड़े सूख जाएँगे ।
उत्तर:
(घ) आज धूप निकली तो कपड़े सूख जाएँगे ।
व्याख्या-‘ धूप निकलने पर कपड़े सूख जाएँगे।’ इस वाक्य में एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर होने के कारण यह संकेतवाचक वाक्य है।
(3) ‘तुमने कमाल कर दिया।’ विस्मयवाचक वाक्य में बदलिए-
(क) अरे वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।
(ख) मैं चाहती हूँ कि तुम कमाल कर दो।
(ग) शायद तुमने कमाल कर दिया !
(घ) तुमने कमाल नहीं किया है।
उत्तर:
(क) अरे वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।
व्याख्या-विस्मयवाचक वाक्य के आरम्भ में विस्मयवाचक शब्दों अरे, वाह, शाबाश, ओह, हाय आदि शब्दों के साथ विस्मय सूचक चिहन का प्रयोग किया जाता है।
(4) ‘शायद मीरा गाना गाएगी।’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) आज्ञावाचक
(ख) विधानवाचक
(ग) इच्छावाचक
(घ) संदेहवाचक
उत्तर:
(घ) संदेहवाचक
(5) ‘आपका क्या नाम है ?’ अर्थ के आधार पर वाक्य है-
(क) प्रश्नवाचक वाक्य
(ख) आज्ञावाचक वाक्य
(ग) इच्छावाचक वाक्य
(घ) संकेतवाचक वाक्य
उत्तर:
(क) प्रश्नवाचक वाक्य
6. निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(1) ‘तारावलि – सी मृदु मुस्कान । ‘ में अलंकार है-
(क) उपमा अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(क) उपमा अलंकार
(2) ‘एक राम घनस्याम हित चातक तुलसीदास’ में अलंकार है-
(क) यमक अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तर:
(ख) रूपक अलंकार
(3) ‘निपट निरंकुस अबुध असंकू’ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) यमक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(क) अनुप्रास अलंकार
व्याख्या-‘न’ वर्ण की बार-बार आवृत्ति के कारण यह अनुप्रास अलंकार है।
(4) ‘मजबूत शिला-सी दृढ़ छाती । ‘ में अलंकार है-
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर:
(ख) उपमा अलंकार
(5) रूपक अलंकार का उदाहरण है-
(क) मधुकर सरिस संत गुन ग्राही
(ख) हाय ! फूल सी कोमल बच्ची हुई राख की ढेरी
(ग) तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के
(घ) आए महंत बसंत
उत्तर:
(घ) आए महंत बसंत
व्याख्या-यहाँ वसंत पर महंत का आरोप होने से रूपक अलंकार है।
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 (14 अंक)
गद्य खण्ड (7 अंक)
7. निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
डाँड़े तिब्बत में सबसे खतरे की जगह है। सोलह-सत्रह हज़ार फीट की ऊँचाई होने के कारण उनके दोनों तरफ़ मीलों तक कोई गाँव-गिराँव नहीं थे। नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण बहुत दूर तक आदमी को देखा नहीं जा सकता। डाकुओं के लिए यही सबसे अच्छी जगह है। तिब्बत के गाँव में आकर खून हो जाए, तब तो खूनी को सज़ा भी मिल सकती है, लेकिन इन निर्जन स्थानों में मरे हुए आदमियों के लिए कोई परवाह नहीं करता। सरकार खुफिया विभाग और पुलिस पर उतना खर्च नहीं करती और वहाँ गवाह भी तो कोई नहीं मिल सकता। डकैत पहले आदमी को मार डालते हैं, उसके बाद देखते हैं कि कुछ पैसा है कि नहीं । हथियार का क़ानून न रहने के कारण यहाँ लाठी की तरह लोग पिस्तौल, बन्दूक लिए फिरते हैं । डाकू यदि जान से न मारे तो खुद उसे अपने प्राणों का खतरा है।
(1) डाँड़े की ऊँचाई लगभग कितनी है ?
(क) पंद्रह – सोलह हज़ार फीट
(ख) दस-बारह हज़ार फीट
(ग) सोलह-सत्रह हज़ार फीट
(घ) बारह – चौदह हज़ार फीट
उत्तर:
(ग) सोलह-सत्रह हज़ार फीट
(2) डाकुओं के लिए डाँड़े सबसे अच्छी जगह क्यों है?
(क) बहुत ऊँचाई के कारण दोनों तरफ़ मीलों तक कोई गाँव नहीं है ।
(ख) नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण
(ग) आदमियों के छिपने की अच्छी जगह है।
(घ) (क) और (ख ) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ख ) दोनों
व्याख्या-लगभग सोलह-सत्रह हज़ार फीट की ऊँचाई पर स्थित डाँड़े एक निर्जन स्थान है। नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण बहुत दूर तक आदमी को देखा नहीं जा सकता इसलिए यह डाकुओं के छिपने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
(3) तिब्बत में हथियार संबंधी कौन- – सा क़ानून है ?
(क) एक परिवार में एक हथियार रखने का क़ानून
(ख) हथियार न रखने का कानून
(ग) वहाँ हथियार संबंधी कोई कानून नहीं है।
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) वहाँ हथियार संबंधी कोई कानून नहीं है।
(4) लेखक के अनुसार ऐसे निर्जन स्थानों पर अपराध पनपने का क्या कारण है?
(क) सर्वत्र निर्जनता और हथियार संबंधी कानून न होना
(ख) सरकार की उदासीनता
(ग) अपराध होने पर गवाहों का न मिलना
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी
व्याख्या-सरकार की उदासीनता, क्षेत्र में हथियार का क़ानून न होना तथा अपराध होने पर भी गवाह का न मिल पाना ऐसे स्थानों पर अपराध पनपने का प्रमख कारण है।
(5) हथियार संबंधी क़ानून न होने के कारण लोग क्या करते हैं?
(क) यहाँ लोग लाठी की तरह पिस्तौल और बंदूक लिए घूमते हैं।
(ख) लोग एक-दूसरे को मारने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं ।
(ग) लोग बहुत मुश्किल से अपना जीवनयापन करते हैं।
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) यहाँ लोग लाठी की तरह पिस्तौल और बंदूक लिए घूमते हैं।
व्याख्या-उस समय तिब्बत में हथियार का क़ानून न होने के कारण वहाँ लोगों को हथियार आसानी से मिल जाते थे और लाइसेंस न होने से अपराधी की पहचान करना सम्भव नहीं होता था।
8. ‘क्षितिज भाग-I’ के गद्य पाठों पर आधारित निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(1) सालीम अली के अनुसार लोग पक्षियों को किस नज़र से देखना चाहते हैं?
(क) प्रकृति की नज़र से
(ख) आदमी की नज़र से
(ग) प्राकृतिक संसाधनों की नज़र से
(घ) सौन्दर्यवर्धक उपादानों की नज़र से
उत्तर:
(ख) आदमी की नज़र से
(2) जानवरों में सबसे अधिक बुद्धिहीन प्राणी किसे समझा जाता है?
(क) बैल को
(ख) सियार को
(ग) हाथी को
(घ) गधे को
उत्तर:
(घ) गधे को
व्याख्या-गधे को कभी क्रोध करते नहीं देखा जाता। उसे चाहे जितना मारो या खराब सड़ी हुई घास खाने को दो लेकिन उसके चेहरे पर कभी असंतोष दिखाई नहीं देता। शायद उसके इसी सीधेपन के कारण पशुओं में सबसे ज़्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है।
काव्य खण्ड (7 अंक)
9. निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
कोहरे से ढँकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं
सुबह-सुबह
बच्चे काम पर जा रहे हैं
हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह
भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना
लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह
काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे ?
(1) बच्चे काम पर कब जा रहे हैं ?
(क) दोपहर में
(ख) सुबह – सुबह
(ग) आधी रात में
(घ) शाम को
उत्तर:
(ख) सुबह – सुबह
व्याख्या-बच्चे सुबह-सुबह उठकर तेज़ ठंड में जब चारों ओर कोहरा छाया है, काम पर जा रहे हैं।
(2) ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ इस विवरण को लिखना कवि भयानक क्यों मानते हैं?
(क) क्योंकि लोग विशेष ध्यान नहीं देते
(ख) समाज का ध्यान इसकी गंभीरता की ओर दिलाना चाहता है
(ग) लोग समस्या पढ़ने में कठिनाई का अनुभव करते हैं
(घ) (क) और ( ख ) दोनों सही
उत्तर:
(घ) (क) और ( ख ) दोनों सही
(3) बच्चों की समस्या को कैसे लिखा जाना आवश्यक है ?
(क) सवाल की तरह
(ख) कथा की तरह
(ग) विवरण की तरह
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(क) सवाल की तरह
व्याख्या-सवाल की तरह लिखे जाने से आशय है कि समस्या की गहराई में जाना, उसके कारणों को जानना तथा समाधान के उपाय करना।
(4) इस कविता में कौन-सी समस्या पर प्रकाश डाला है?
(क) आर्थिक समस्या पर
(ख) राजनीतिक समस्या पर
(ग) पारिवारिक समस्या पर
(घ) बाल-मज़दूरी की समस्या पर
उत्तर:
(घ) बाल-मज़दूरी की समस्या पर
व्याख्या-बच्चे घने कोहरे में सड़कों पर काम करने के लिए निकले हैं यह बाल मज़दूरी की समस्या कवि राजेश जोशी जी ने इस कविता के द्वारा दर्शाई है।
(5) समाज किसके प्रति उदासीन है?
(क) लड़कियों के प्रति
(ख) उन्नति और विकास के प्रति
(ग) काम पर जाने वाले बच्चों के प्रति
(घ) देश के प्रति
उत्तर:
(ग) काम पर जाने वाले बच्चों के प्रति
व्याख्या-समाज में सभी सुविधाएँ होने के बावजूद बच्चों को काम पर जाना पड़ता है यह एक ज्वलंत समस्या है और कवि के अनुसार समाज, आज भी जो बच्चे काम पर जाते हैं उनके प्रति उदासीन है।
10. पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
(1) कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है ?
(क) कवि काल कोठरी में रहता है
(ख) कवि का संसार केवल 10 फुट बड़ा है
(ग) कवि को रोने की भी आज़ादी नहीं है
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या-चूँकि कोयल हरी डाल पर रहती है, खुले आसमान में उड़ती है व खुलकर गा सकती है। इसके विपरीत कवि 10 फुट की काल कोठरी में बंद है जहाँ हँसना तो दूर रोना भी गुनाह है।
(2) कबीर ने तीर्थ स्थलों को कैसा बताया है ?
(क) व्यर्थ
(ख) लाभदायक
(ग) विकल्प (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) व्यर्थ
खण्ड – ‘ब’ (40)
(वर्णनात्मक प्रश्न)
पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग-1 व पूरक पाठ्य पुस्तक कृतिका भाग-1 (20 अंक)
11. गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) दड़ियल व्यक्ति को देखकर किस अन्तर्ज्ञान से दोनों बैलों के दिल काँप गए ?
उत्तर:
दड़ियल व्यक्ति को देखकर अपने अन्तर्ज्ञान से दोनों मित्रों के दिल काँप गए, वे समझ गए कि वह कसाई है और उन्हें खरीदकर उनकी चमड़ी बेचने के उद्देश्य से उन्हें टटोल रहा है। वह उन्हें काटने के लिए ले जा रहा है।
(2) डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे सुरक्षित स्थान कौन-सा था जहाँ उन्हें पकड़े जाने का डर नहीं था ?
उत्तर:
तिब्बत में डाँड़े डाकुओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है क्योंकि वहाँ ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण दूर तक आदमी दिखाई नहीं देता । यहाँ कानून का प्रभाव भी नगण्य है क्योंकि पुलिस नहीं है अतः डाकुओं को कोई डर नहीं है।
(3) ‘गंदे से गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है’ का आशय सप्रसंग स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है – इसका आशय यह है कि फ़ोटो में गंदे-से-गंदे आदमी की छवि भी सुन्दर बनाकर पेश की जाती है। सौंदर्य-प्रसाधनों से गंदगी छिपाने का प्रयत्न करते हैं। गंदे आदमी बुराई छिपाकर छवि अच्छी बनाए रखना चाहते हैं।
(4) “साँवले सपनों की याद” पाठ के नायक – सालिम अली प्रकृति की दुनिया में टापू बनने के बजाए अथाह सागर बनकर कैसे उभरे थे ?
उत्तर:
सालिम अली किसी विशेष सीमा में सीमित न रहकर पक्षियों की नित नई खोजों के द्वारा जानकारियाँ एकत्र करते रहे जो अथाह थीं। वे अद्भुत पक्षी-विज्ञानी थे । इस प्रकार वे टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे।
12. निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(1) ‘कोकिला और कवि को निवास के लिए क्या-क्या मिला है ? इसके साथ ही इन दोनों की दशाओं में क्या अन्तर था ? पठित कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
कोयल को हरी डाल तथा कवि को 10 फुट की काली कोठरी रहने को मिली है। इसके साथ ही कोयल स्वतंत्र है, कवि बंदी जीवन बिता रहा है। उसे रोने या अपनी बात कहने की स्वतन्त्रता भी नहीं है, जबकि कोयल को गीत गाने की स्वतन्त्रता प्राप्त है।
(2) कवयित्री द्वारा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ क्यों हो रहे हैं ?
उत्तर:
कवयित्री बाह्य साधनों द्वारा ईश्वर प्राप्ति का प्रयास कर रही है उसका जीवन घटता जा रहा है, लेकिन परमात्मा ने उनकी पुकार अब तक नहीं सुनी है। परमात्मा से मिलन की कोई आस उसे नज़र नहीं आ रही है, अत: उसे लगता है कि उसकी सारी भक्ति का कोई फल उसे प्राप्त नहीं हो पाया और मुक्ति के लिए किए जाने वाले सारे प्रयास व्यर्थ हो रहे हैं ।
(3) बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है ?
उत्तर:
बच्चों को काम पर भेजना उनके साथ घोर अन्याय है । बचपन भविष्य की नींव होती है । इस पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है। जिस समाज में बच्चों के विकास को कुचला जाता है वह समाज अन्यायी तथा अविकसित है तथा पिछड़ेपन का जीता-जागता उदाहरण है जो किसी बड़े हादसे के ही समान है।
(4) सामान्य मानव के लिए मन्दिर, मस्जिद, काबा, कैलाश तथा पूजा-पाठ का क्या महत्त्व है? कबीरदास जी इन सबका क्या कहकर तिरस्कार कर देते हैं ?
उत्तर:
सामान्य मानव के लिए मन्दिर, मस्ज़िद, काबा, कैलाश तथा पूजा-पाठ, ईश्वर एवं खुदा को पाने का साधन है किन्तु कबीर इन्हें बाह्याडम्बर एवं कर्मकाण्ड कहकर इनका तिरस्कार करते हैं ।
13. पूरक पाठ्यपुस्तक कृतिका भाग- I के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(1) ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका ने अपनी नानी और माँ का जो एक चित्र खींचा है, उसका वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
लेखिका की नानी अनपढ़ और पर्दे में रहने वालीं स्त्री थीं। वह शान्त स्वभाव, घरेलू पारम्परिक जीवन जीने वाली साधारण महिला थीं। यद्यपि वह प्रत्यक्ष रूप में आज़ादी के आन्दोलन में भागीदार नहीं हुईं, परन्तु अपने निजी जीवन में गाँधी जी के स्वदेशी विचारों का भलीभाँति पालन करतीं रहीं तथा अपनी बेटी का विवाह भी स्वतंत्रता सेनानी से ही करवाया।
लेखिका की माँ शान्त स्वभाव, गम्भीर, समझदार, देश-प्रेमी, सत्य बोलने वाली, नाजुक तथा पढ़ी-लिखी खूबसूरत महिला थीं।
(2) अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है ?
उत्तर:
रामस्वरूप चाहते थे कि उनकी बेटी उमा पाउडर वगैरह लगाकर सज-धज कर लड़के वालों के सामने दिखावटी सामान की तरह प्रस्तुत हो जाए। उमा को यह सब पसंद नहीं था । वे उमा की पढ़ाई-लिखाई भी छिपा रहे थे। रामस्वरूप ये सब गलत कर रहे थे, क्योंकि इस तरह झूठ के आधार पर रिश्तों को बनाना उचित नहीं । इससे लड़की का सारा जीवन बर्बाद होने का डर रहता है। यदि हमें समाज में बदलाव या सुधार लाना है, तो नारी शिक्षा और स्वतन्त्रता को महत्त्व देना चाहिए। दहेज जैसी बुरी प्रथा का विरोध करना चाहिए।
(3) ‘पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीज़ों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’ मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तर:
हमारे पुरखों (पूर्वजों) द्वारा दी गई चीजें एक विरासत के रूप में होती हैं। ये पीढ़ियों से चली आ रही एक धरोहर होती हैं। मालकिन को विरासत के रूप में पीतल के बर्तन मिले थे और वह उन्हें बहुत संभालकर रखती थीं क्योंकि उसके मन में अपनी धरोहर या विरासत के लिए प्रेम, आदर व सम्मान की भावना थी । वह जानती थी कि उसके पूर्वजों ने कड़ी मेहनत करके और अभाव में भी इन्हें (पीतल के बर्तनों को ) खरीदा होगा । विरासत की ये चीजें उसके लिए अमूल्य थीं । उसने उन बर्तनों को किसी भी दाम पर बेचा नहीं अत: अपने पूर्वजों की विरासत को, उनकी यादों को नष्ट न करके, उनको सहेजकर रखना चाहिए।
लेखन (20 अंक)
14. निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (6 × 1 = 6)
(1) कमर तोड़ महँगाई
[ संकेत बिन्दु – महँगाई का कारण, माँग और आपूर्ति में अन्तर सरकारी नीति, बढ़ती महँगाई के दुष्परिणाम ।]
उत्तर:
महँगाई का कारण – वर्तमान समय में निम्न – मध्यम वर्ग महँगाई की समस्या से त्रस्त है । महँगाई भी ऐसी, जो रुकने का नाम ही नहीं लेती, यह तो सुरसा के मुख की तरह बढ़ती ही चली जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का महँगाई पर कोई नियन्त्रण रह ही नहीं गया है । महँगाई बढ़ने के कई कारण हैं ।
माँ और आपूर्ति में अन्तर – उत्पादन में कमी तथा माँग में वृद्धि होना महँगाई का प्रमुख कारण है। कभी-कभी सूखा, बाढ़ तथा अतिवृष्टि जैसे प्राकृतिक प्रकोप भी उत्पादन को प्रभावित करते हैं । वस्तुओं की जमाखोरी भी महँगाई बढ़ने का प्रमुख कारण है। जमाखोरी से शुरू होती है कालाबाज़ारी, दोषपूर्ण वितरण प्रणाली तथा अंधाधुन्ध मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति ।
सरकारी नीति-सरकारी अंकुश का अप्रभावी होना भी महँगाई तथा जमाखोरी को बढ़ावा देता है। सरकार अखबारों में तो महँगाई कम करने की बात करती है पर वह भी महँगाई बढ़ाने में किसी से कम नहीं है। सरकारी उपक्रम भी अपने उत्पादों के दाम बढ़ाते रहते हैं।
बढ़ती महँगाई के दुष्परिणाम – इस जानलेवा महँगाई ने आम नागरिकों की कमर तोड़कर रख दी है। अब उसे दो दिन की रोटी जुटाना तक कठिन हो गया है। पौष्टिक आहार का मिलना तो और भी कठिन हो गया है। महँगाई बढ़ने का एक कारण यह भी है कि हमारी आवश्यकताएँ तेज़ी से बढ़ती चली जा रहीं हैं, अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हम किसी भी दाम पर वस्तु खरीद लेते हैं इससे जमाखोरी और महँगाई को बढ़ावा मिलता है। महँगाई को सामान्य व्यक्ति की आय के सन्दर्भ में देखा जाना चाहिए। महँगाई के लिए अंधाधुन्ध बढ़ती जनसंख्या भी उत्तरदायी है। इस पर भी नियन्त्रण करना होगा ।
(2) देश पर पड़ता विदेशी प्रभाव
[संकेत बिन्दु-हमारा देश और संस्कृति, विदेशी प्रभाव, परिणाम और सुझाव]
उत्तर:
हमारा देश और संस्कृति- अत्यधिक विविधताओं से भरा होने के बावजूद हमारा देश भारत एक है और इसकी एकता का कारण है – यहाँ की समेकित संस्कृति। भारत एक सांस्कृतिक विविधता वाला देश है, जहाँ विभिन्न धर्मों, भाषाओं, वर्णों, खान-पान, वेशभूषा आदि के विविध् ाताओं वाले लोग एक साथ रहते हैं । भारतीय संस्कृति सभी भारतीयों की आत्मा मानी जाती है। हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि हम सभी अपने-अपने धर्म का पालन करें फिर चाहे कोई सा भी धर्म हो । सभी धर्मों के प्रति प्रेम व सौहार्द्र की भावना ही भारतीय संस्कृति की अद्वि तीय विशेषता है।
विदेशी प्रभाव – विदेशी संस्कृति के प्रभाव में आकर आज भारतीय अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। जहाँ वे विदेशी संस्कृति व सभ्यता को अपनाकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। वहीं भारतीय संस्कृति को वे उनसे कम मानने लगे हैं। विदेशी संस्कृति के प्रभाव में आकर वे अंग्रेज़ी भाषा बोलने में अपनी शान समझते हैं।
परिणाम और सुझाव – विदेशी संस्कृति के दुष्परिणाम स्वरूप समाज पतन की ओर अग्रसर है। नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। आज का युवा अपराधों और नशे का आदी हो रहा है। जिस संस्कृति को बचाने में हमारे पूर्वजों ने इतनी मेहनत की थी उसे आज हम भूलते जा रहे हैं। हमें बच्चों को बचपन से संस्कारित करना होगा ।
(3) मीडिया का सामाजिक उत्तरदायित्व
[संकेत बिन्दु-जागरूकता, निजीजीवन में दखल, वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना ।]
उत्तर:
जागरूकता – मीडिया समाज का महत्त्वपूर्ण स्तम्भ होता है। चाहे वह प्रिन्ट मीडिया हो या इलैक्ट्रॉनिक मीडिया । इसका उद्देश्य समाज में जागरूकता स्थापित कर लोगों को जागरूक बनाकर उनमें जन-जागरण का कार्य करना होता है। वर्तमान समय में समाज के अन्दर जन-साधारण में चेतना आ रही है। किसी भी समस्या के लिए समाचार-पत्रों को माध्यम बनाकर अपनी बात पहुँचाने के लिए धरना, प्रदर्शन, जाम आदि कार्य करते हैं। इन सबके पीछे मीडिया के द्वारा नागरिकों को जागरूकता प्रदान की गई है।
निजी जीवन में दखल – मीडिया की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है कि ये किसी के निजी जीवन में हस्तक्षेप न करे । इसका परिणाम आज यह दिखाई देता है कि मीडिया समाचार-पत्रों या खबर (समाचार) चैनलों व सोशल मीडिया में काल्पनिक नाम द्वारा पहचान को गुप्त रखकर समाचारों को प्रसारित करता है।
वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना – मीडिया का सामाजिक दायित्व यह है कि वह जन साधारण में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे । यह देखने में आता है कि इस दायित्व का भी निर्वाह करने में मीडिया सफ़ल रहा है।
15. किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
अपने नगर में व्याप्त बिजली कटौती से उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए किसी लोकप्रिय दैनिक समाचार के संपादक को पत्र लिखिए ।
अथवा
पशु-पक्षियों के प्रति क्रूर व्यवहार न करने की सलाह देते हुए मित्र / सखी को पत्र लिखिए ।
उत्तर:
सेवा में,
मुख्य संपादक महोदय,
अ.ब.स. समाचारपत्र
अ.ब. स. नगर ।
दिनांक : 03 अप्रैल, 20XX
विषय – बिजली की कटौती से उत्पन्न समस्याओं के सम्बन्ध में ।
मान्यवर,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने इलाके में बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों की ओर दिलाना चाहता हूँ। आजकल हमारी सी.बी.एस.ई. की दसवीं की परीक्षाएँ चल रही हैं । ऐसी स्थिति में बार-बार बिजली चले जाने से हम छात्रों को पढ़ाई करने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजली की इस आँख – मिचोली से हम छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान पड़ता है। इसका हमारे परीक्षा-परिणाम पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। बिजली जाने का कोई निश्चित समय भी नहीं है, जब भी हम छात्रों के पढ़ने का समय होता है तो बिजली चली जाती है।
आपसे अनुरोध है कि हम छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए इस समस्या को अपने लोकप्रिय समाचार पत्र के मुख्यपृष्ठ पर जगह देकर संबंधित अधिकारी का ध्यान आकृष्ट करने की कृपा करें। इससे हमारी समस्या शीघ्र दूर हो सकेगी।
इसके लिए हम सब आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
भवदीय,
अ.ब. स.
अ.ब.स. मोहल्ला,
अ.ब. स. नगर
अथवा
321, आर्यनगर
लेन नं. 12, कनाट प्लेस
नई दिल्ली
दिनांक : 10 जुलाई, 20…..
प्रिय सखी
नमस्कार।
मैं यहाँ पर कुशलता से हूँ और तुम्हारी भी कुशलता की आशा करती हूँ । मुझे तुम्हारी किसी सखी से पता चला है कि तुम पशु-पक्षियों के प्रति बहुत क्रूर होती जा रही हो । यह जानकर मुझे बहुत दुःख हुआ है। इसलिए मैं तुम्हें कुछ विशेष बातें बताना चाहती हूँ। ये भोले-भाले पशु-पक्षी तो हमारी प्रकृति की शान हैं, वातावरण का संगीत हैं। ये अपने सुरों से हमारा मानसिक तनाव दूर करते हैं। ये हमें हर पल एक सन्देश देते हैं। इसलिए हमें इनकी रक्षा हेतु सदा तत्पर रहना चाहिए। मुझे आशा है कि मेरा पत्र पढ़कर पशु-पक्षियों के प्रति अपना व्यवहार बदलने का अवश्य प्रयास करोगी। शेष बातें अगले पत्र में | अपने माता-पिता को मेरा सादर नमस्कार कहना । अपनी छोटी बहन को मेरा प्यार देना।
तुम्हारी सखी,
क. ख. ग.
16. ‘गुणवान पुत्र’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए | (5 × 1 = 5)
अथवा
अपने इस्तीफ़े की आधिकारिक सूचना हेतु लगभग 100 शब्दों में ई-मेल लिखिए ।
उत्तर:
गुणवान पुत्र
एक बार की बात है कि एक गाँव में चार औरतें कुँए से पानी भरकर लौट रही थीं। वे आपस में बातें करने लगीं। तब उनमें से एक औरत का पुत्र वहाँ से गुजरा तो वह औरत अपने पुत्र के गुणों का बखान करने लगी कि मेरे पुत्र के कंठ में माँ सरस्वती का निवास है। उसका स्वर बहुत मधुर है। उसकी मधुर आवाज़ की प्रशंसा दूर-दूर तक होती है। तभी दूसरी ने घोड़े पर सवार अपने पुत्र को जाते देखा। वह भी उसकी प्रशंसा करने लगी कि मेरा पुत्र बहुत विद्वान है । शास्त्रों व वेदों का ज्ञाता है।
तीसरी औरत ने जब अपने पुत्र को आते देखा तो वह भी उसके बाहुबल की प्रशंसा अन्य औरतों से करने लगी । उन तीनों की बात सुन चौथी औरत मन ही मन सोचने लगी कि ये तीनों औरतें कितनी सौभाग्यशाली हैं जिनके पुत्र इतने गुणवान हैं, लेकिन मेरा पुत्र तो साधारण व्यक्ति है उसमें ऐसा कोई गुण नहीं जिसकी मैं भी प्रशंसा करूँ । कुछ दूर आगे जाने पर चौथी औरत का पुत्र उसे सामने से आता दिखा। आते ही उसने माँ के हाथ से पानी का घड़ा लेकर अपने सिर पर रखा और एक हाथ से अपनी माँ का हाथ पकड़कर चलने लगा । उन चारों औरतों के पीछे एक वृद्ध महिला भी चल रही थी जो उन औरतों की बातें सुन रही थी और स देख भी रही थी। अब वह बोली कि गुणी तुम तीनों के पुत्र नहीं जो तुम्हें देखकर भी अनदेखा कर चले गए। गुणी इस चौथी औरत का बेटा है जो बुढ़ापे में इसकी लाठी बनेगा और इसे सहारा देगा । संसार में वही व्यक्ति वास्तव में गुणवान है जिनमें करुणा, दया व मानवता है।
अथवा
From : [email protected]
To : [email protected]
दिनांक : ……….
BCC : [email protected]
CC: ………
विषय : इस्तीफ़े की आधिकारिक सूचना देने हेतु ।
माननीय महोदय,
मैं आगामी शैक्षणिक वर्ष में अपने उच्च अध्ययन को आगे बढ़ाने की योजना बना रहा हूँ, इसलिए मैं आपको डी.यू. के क्लर्क के पद से इस्तीफ़े की सूचना देना चाहता हूँ ।
डी.यू. के साथ मेरे जुड़ाव के दौरान आपके द्वारा प्रदान किए गए विकास के अवसरों की सराहना करता हूँ। यहाँ काम करना वास्तव में मेरे लिए गर्व का अनुभव रहा है। विश्वविद्यालय में सभी प्रोफेसरों का सहयोग भी मुझे समय – समय पर प्राप्त हुआ है। सभी प्रोफेसरों ने समय-समय पर मेरा उचित मार्गदर्शन किया है इसलिए मैंने उच्च अध्ययन की योजना बनाई ।
अतः आपसे निवेदन है कि मेरे इस्तीफे को औपचारिक सूचना के रूप में स्वीकार करें ।
धन्यवाद
जीशान अंसारी
17. दो मित्रों के बीच ‘राजनीति का अपराधीकरण’ विषय पर लगभग 80 शब्दों में संवाद लिखिए । (4 × 1 = 4)
अथवा
आप अपने विद्यालय में सांस्कृतिक सचिव हैं। विद्यालय में होने वाली ‘कविता – प्रतियोगिता’ में भाग लेने के लिए आमन्त्रण हेतु लगभग 80 शब्दों में एक सूचना तैयार कीजिए ।
स्वतः मूल्यांकन प्रश्न-पत्र हल हेतु
उत्तर:
दो मित्रों के बीच ‘राजनीति के अपराधीकरण’ विषय पर संवाद
आनन्द : कहो मित्र, क्या हाल – चाल हैं ?
प्रताप : सब ठीक है बस मुझे आजकल के चुनावों में राजनीति के अपराधीकरण की चिन्ता सता रही है।
आनन्द : यह तो चिन्ता का विषय है। जब तक राजनीति अपराधियों से मुक्त नहीं होती तब तक चुनाव प्रजातंत्र के नाम पर कलंक है।
प्रताप : ठीक कहते हो मित्र! आज के चुनावों में धनबल, बाहुबल का इस्तेमाल करके अपराधी चुनाव जीत रहे हैं।
आनन्द : राजनीतिक पार्टियाँ भी ऐसे व्यक्ति को टिकट देतीं हैं जो धनबल, बाहुबल या किसी और तरीके से चुनावी सीट जीत सके।
प्रताप : यह स्थिति सभी राजनीतिक दलों की है। सरकार को इस पर अंकुश लगाना होगा अन्यथा चुनावों पर से लोगों का विश्वास उठ जाएगा ।
आनन्द : ठीक कहते हो मित्र! इस दिशा में सरकार को अवश्य सोचना चाहिए ।
अथवा
अ.ब. स. विद्यालय
अ.ब. स. नगर, उ. प्र.
सूचना
कविता वाचन प्रतियोगिता के संदर्भ में
दिनांक : ………
विद्यालय के समस्त छात्र व छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में होने वाली ‘कविता प्रतियोगिता’ में जो विद्यार्थी भाग लेना चाहते हैं वे एक सप्ताह के अंदर दिनांक – 30-03-20…. तक अपने कक्षाध्यापक के पास नामांकन करा दें । विद्यालय में होने वाली ‘कविता प्रतियोगिता’ में विषय देश की समसामयिक स्थिति पर आधारित होंगे। इसलिए आप सभी निरन्तर एक सप्ताह के समाचार पत्रों का गहनता से अध्ययन कीजिए। साथ ही पुरस्कार भी वितरित किए जाएँगे।
आज्ञा से,
सांस्कृतिक सचिव
डी.ए.वी. स्कूल
आगरा