Students can access the CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi with Solutions and marking scheme Set 9 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 12 Hindi Set 9 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
(ii) इस प्रश्न पत्र में खंड “अ’ में वस्तुपरक तथा खंड “ब में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं।
(iii) खंड “अ’” में 40 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं, सभी 40 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
(iv) खंड “ब” में वर्णनात्मक ग्रएन पूछे गए हैं। प्रश्नों के उचित आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
(v) दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(vi) यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्त क्रमशः लिखिए।
खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न (अंक 40)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
महिलाओं की मर्यादा और उनसे दुर्व्यवहार के मामले भी अन्य मामलों की तरह न्यायालयों में ही जाते हैं किंतु पिछले कुछ समय से ऐसे आचरण के लिए स्वयं न्यायपालिका पर अँगुली उठाई जा रही है। काफ़ी हद तक यह समस्या न्यायपालिका की नहीं, बल्कि पूरे समाज की कही जा सकती है। जज भी समाज के ही अंग हैं, इसलिए यह समस्या न्यायपालिका में भी दिखाई देती है। हमारे समाज में क़ानून के पालन को लेकर बहुत शिथिलता है और अक्सर क़ानून का पालन न करने को सामाजिक हैसियत का मानक मान लिया जाता है। वी.आई.पी. संस्कृति का छद्म सिद्धांत ही यह बना लिया गया है कि उसे सामान्य नियम-कानून नहीं पालन करने होते, क्योंकि वह महत्त्वपूर्ण व्यक्ति है। छोटे शहरों, कस्बों में सरकारी अफ़सरों की हैसियत बहुत बड़ी होती है और जज भी उन्हीं हैसियत वाले लोगों में शामिल होते हैं। ऐसे में, अगर कुछ जज यह मान लें कि वे तमाम सामाजिक मर्यादाओं से ऊपर हैं तो यह हो सकता है। माना यह जाना चाहिए कि जितने ज़्यादा जिम्मेदार पद पर कोई व्यक्ति है, उस पर कानून के पालन की जिम्मेदारी भी उतनी ही ज्यादा है। खास तौर से जिन लोगों पर क़ानून की रक्षा करने और दूसरों से क़ानून का पालन कराने की ज़िम्मेदारी है, उन्हें तो इस मामले में बहुत ज़्यादा सतर्क होना चाहिए, लेकिन प्राय: ऐसा होता नहीं है। इस समस्या की ओर कई वरिष्ठ जज और न्यायविद ध्यान दिला चुके हैं कि न्यायपालिका में निचले स्तर पर अच्छे जज नहीं मिलते। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि अच्छे न्यायिक शिक्षा संस्थानों से निकले अच्छे छात्र न्यायपालिका में नौकरी करना पसंद नहीं करते, क्योंकि उन्हें कामकाज की परिस्थितियाँ और आमदनी, दोनों हीः आकर्षक नहीं लगतीं। नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट को तो बनाया ही इसलिए गया था कि अच्छे स्तर के जज और वकील वहाँ से निकल सकें, लेकिन देखा यह गया है कि वहाँ से निकले ज़्यादातर छात्र कॉर्पोरेट जगत में चले जाते हैं। अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र भी बजाए जज बनने के, प्रैक्टिस करना पसंद करते हैं। जजों की चुनाव प्रक्रिया में कई ख़ामियाँ हैं जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है, ताकि हर स्तर पर बेहतर गुणवत्ता के जज मिल सकें।
1. जजों को अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है क्योंकि-
(क) उन पर कानून की रक्षा का दायित्व है।
(ख) उन्हें समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करना है।
(गं) वे कानून का पालन न करने वालों को दण्डित करते हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या-जजों को अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है क्योंकि उन पर कानून की रक्षा का सम्पूर्ण दायित्व है और उन्हें समाज के सामने आदर्श भी प्रस्तुत करना है। वे क़ानून का पालन न करने वालों को दण्डित करते हैं।
2. वी.आई.पी. संस्कृति का छद॒म सिद्धांत से अभिप्राय है-
(क) सामान्य नियम-कानून का पालन नहीं करना।
(ख) कानून की नज़र में सब समान हैं।
(ग) संविधान उनके अधीन हैं।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) सामान्य नियम-कानून का पालन नहीं करना।
व्याख्या-वी.आई.पी. संस्कृति का छदम सिद्धान्त ही यह बना लिया गया है कि उसे सामान्य नियम कानूनों का पालन नहीं करना होता है क्योंकि वह महत्वपूर्ण व्यक्ति है।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी इंटैलीजेंट पर्सन है।
कथन (II) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी इंपोर्टटेंट पर्सन है।
कथन (III) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी एलीजेबल पर्सन है।
कथन (IV) वी. आई. पी. का अर्थ वैरी एक्सीलेन्ट पर्सन है।
गद्यांश के अनुसार कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(क) केवल कथन (I) सही है।
(ख) केवल कथन (II) सही है।
(मं) केवल कथन (III) सही है।
(घ) केवल कथन (IV) सही है।
उत्तर:
(ख) केवल कथन (II) सही है।
4. अच्छे स्तर के जज और वकील प्राप्त करने के लिए किस इंस्टिद्यूट की स्थापना की गई ?
(क) नेशनल क्राइम इंस्टिट्यूट।
(ख) नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट।
(ग) पर्सनल लॉ बोर्ड इंस्टिट्यूट।
(घ) स्टेट लॉ बोर्ड इंस्टिट्यूट।
उत्तर:
(ख) नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट।
व्याख्या-अच्छे स्तर के जज और वकील प्राप्त करने के लिए नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई।
5. हर स्तर पर बेहतर गुणवत्ता वाले जज प्राप्त करने का कया उपाय है?
(क) जजों की इज्जुत की जाए।
(ख) कानून पालन में छूट दी जाए।
(ग) जजों की चुनाव प्रक्रिया की कमियाँ दूर की जाएँ।
(घ) परीक्षा को आसान कर दिया जाए।
उत्तर:
(ग) जजों की चुनाव प्रक्रिया की कमियाँ दूर की जाएँ।
6. नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट के अच्छे छात्र वर्तमान समय में जज क्यों नहीं बनना चाहते हैं ?
(क) चुनाव की प्रक्रिया में खामी है।
(ख) काम की परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं हैं।
(ग) आमदनी कम है।
(घ) उपर्युक्त सभी ।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी ।
7. वर्तमान में न्यायपालिका में किस स्तर पर अच्छे जज नहीं मिलते हैं?
(क) उच्च स्तर पर।
(ख) मध्यम स्तर पर।
(ग) निचले स्तर पर।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ग) निचले स्तर पर।
8. नेशनल लॉ इंस्टिद्यूट के अच्छे छात्र अधिकांश किस क्षेत्र में जाना पसंद करते हैं ?
(क) प्रशासनिक सेवाएँ।
(ख) कार्पोरेट जगत।
(ग) राजनीतिक क्षेत्र ।
(घ) कृषि क्षेत्र।
उत्तर:
(ख) कार्पोरेट जगत।
9. आजकल न्यायपालिका पर अँगुली क्यों उठाई जा रही है?
(क) गलत फैसलों के कारण।
(ख) कामचोरी की प्रवृत्ति के कारण।
(ग) महिलाओं की मर्यादा व उनसे दुर्व्यवहार के कारण।
(घ) घूसखोरी के कारण।
उत्तर:
(ग) महिलाओं की मर्यादा व उनसे दुर्व्यवहार के कारण।
10. “जजों की चुनाव प्रक्रिया में कई खामियाँ हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। ‘ यह वाक्य है-
(क) मिश्र
(ख) संयुक्त
(ग) सरल
(घ) अति सरल
उत्तर:
(क) मिश्र
प्रश्न 2.
दिए गए पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
क्या कूटिल व्यंग्य ! दीनता वेदना से अधीर, आशा से जिनका नाम रात-दिन जपती है,
दिल्ली के वे देवता रोज़ कहते जाते, ‘कुछ और धरो धीरज, किस्मत अब छपती है ।”
किस्मतें रोज छप रहीं, मगर जलधार कहाँ 2 प्यासी हरियाली सूख रही है खेतों में,
निर्धन का धन पी रहे लोभ के प्रेत छिपे, पानी विलीन होता जाता है रेतों में ।
हिल रहा देश कुत्सा के जिन आघातों से, वे नाद दुम्हें ही नहीं सुनाई पड़ते हैं.
निर्माणों के प्रहरियों / तुम्हें ही चोरों के काले चेहरे क्या नहीं दिखाई पड़ते हैं
तो होश करो, दिल्ली के देवो, होश करो, सब दिन तो यह मोहिनी न चलने वाली है,
होती जाती हैं गर्म दिशाओं की साँसें, मिट्टी फिर कोई आय उगलने वाली है।
1. कवि क्या चेतावनी दे रहा है ?
(क) जनता क्रांति करने वाली है।
(ख) बहुत गर्मी पड़ रही है।
(ग) जनता की मदद करो।
(घ) खेत सूख रहे हैं अत: फ़लल कम होगी।
उत्तर:
(क) जनता क्रांति करने वाली है।
व्याख्या-कवि चेतावनी दे रहा है कि जनता में रोष व्याप्त है, वह क्रान्ति करने वाली है।
2. शासक वर्ग को किसकी उपमा दी गई है? |
(क) मानवता के देवता।
(ख) मंदिर के देवता।
(ग) दिल्ली के देवता।
(घ) करुणा के देवता।
उत्तर:
(ग) दिल्ली के देवता।
3. दिल्ली के देवता द्वारा ग्रीबों से क्या कहा जाता है ?
(क) धैर्य धारण करने को
(ख) स्वयं प्रयास करने को
(ग) अभीरों से भिक्षा माँगने को
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) धैर्य धारण करने को
व्याख्या-दिल्ली के देवता अर्थात् शासक वर्ग गरीबों से धैर्य धारण करने को कहता है।
4. उपरोक्त काव्यांश में कवि ने गरीब व्यक्तियों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।]
कथन (I) गरीबों को किसी की मदद नहीं चाहिए।
कथन (II) गरीब लोग कार्य करना नहीं चाहते।
कथन (III) गरीबों की दशा में सुधार इसलिए नहीं हो रहा क्योंकि बिचौलिए योजना का लाभ हड़प जाते हैं।
कथन (IV) गरीब अब अमीर बन चुके हैं।
निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कीजिए तथा सही विकल्प चुनकर लिखिए-
(क) केवल कथन (I) सही है।
(ख) केवल कथन (III) सही है।
(ग) केवल कथन (IV) सही है।
(घ) केवल कथन (II) सही है।
उत्तर:
(ख) केवल कथन (III) सही है।
5. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | खेतों में | i | मिट्टी |
2 | होश करो विज | ii | प्यासी हरियाली |
3 | आग उगलने वाली | iii | दिल्ली के देवों |
विकल्प
(क) (1)-(iii), (2)-(i), (3)-(ii)
(ख) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
(ग) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
(घ) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
उत्तर:
(घ) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
अभिव्यक्ति और माध्यम अंक (5)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
1. समाचार माध्यमों के लिए पत्रकारों द्वारा किया गया लेखन कहलाता है-
(क) साहित्य लेखन
(ख) पत्रकारीय लेखन
(ग) विज्ञापन लेखन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) पत्रकारीय लेखन
व्याख्या-पत्रकार लेखन के विभिन्न रूपों के इस्तेमाल से, समाचार माध्यमों द्वारा पाठकों या श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाते हैं।
2. मुद्रित माध्यम की भाषा की विशेषता ह-
(क) बोलचाल की भाषा का प्रयोग
(ख) लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग
(ग) लिखित भाषा का विस्तार
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या- मुद्रित माध्यम को प्रिंट माध्यम भी कहते हैं। इसके अन्तर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ तथा पुस्तकें आदि आती हैं। इनमें उपर्युक्त सभी विकल्पों का प्रयोग होता है।
3. इंटरनेट की बढ़ती लोकप्रियता की क्या वजह है ?
(क) पत्रकारिता का तीब्रगामी माध्यम
(ख) तत्काल अपडेशन की सुविधा
(ग) तकनीक के साथ सामंजस्य
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
व्याख्या-इंटरनेट पर समाचार पढ़ने, सुनने और देखने की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। इंटरनेट पत्रकारिता को ऑनलाइन पत्रकारिका, साइबर पत्रकारिता तथा बेब पत्रकारिता आदि नामों से भी जाना जाता है।
4. मुद्रिम माध्यम है-
(क) रेडियो
(ख) पत्र-पत्रिकाएँ
(ग) टी.वी.
(घ) स्टिंग ऑपरेशन
उत्तर:
(ख) पत्र-पत्रिकाएँ
5. समेकित माध्यम किसे कहते हैं ?
(क) इंटरनेट
(ख) टेलीविजन
(ग) रेडियो
(घ) ये सभी
उत्तर:
(क) इंटरनेट
व्याख्या-रेडियो श्रव्य माध्यम है। इसमें सब कुछ ध्वनि, स्वर और शब्दों का खेल है तथा टेलीविजन देखने व सुनने का माध्यम है जबकि इंटरनेट दृश्य- श्रव्य माध्यम के साथ-साथ दर्शकों को अंतःक्रिया करने का विकल्प भी देता है अत: इंटरनेट को समेकित माध्यम कहते हैं।
पाद्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
रक्षाबंधन की सुबह रस की पुतली
छाई है घटा गगन की हल्की-हल्की
बिजली की तरह चमक रहे हैं लच्छे
भाई के है बाँधती चमकती राखी
1. “चमकती” ‘राखी’ से क्या तात्पर्य है?
(क) राखी के चमकते धागे
(ख) सोने के धागे
(ग) चाँदी के धागे
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) राखी के चमकते धागे
व्याख्या-बहन द्वारा भाई के हाथ में बाँधी राखी ऐसी प्रतीत होती है मानो भाई की कलाई पर राखी के धागे बादलों में चमकती बिजली की तरह चमक रहे हैं। ये राखी के धागे भाई के प्रति बहन के प्रेम की चमक हैं।
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए पद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) “रस की पुतली’ का अर्थ काले बादल जो न बरसने को आत्ुर हैं।
(ख) “रस की पुतली’ का अर्थ चमकती लहर है।
(ग) “रस की पुतली’ का अर्थ काले बादल जो बरसने को आतुर हैं।
(घ) “रस की पुतली’ का अर्थ शहद है।
उत्तर:
(ग) “रस की पुतली’ का अर्थ काले बादल जो बरसने को आतुर हैं।
व्याख्या-रस की पुतली द्वारा रक्षाबंधन के दिन सावन के काले बादल जो बारिश होने का संदेश दे रहे हों और इस त्योहार का आनंद लेती हुई उमंग में प्रफुल्लित बालिका का चित्रण किया गया है।
3. काले बादलों की घटा कहाँ छाई है?
(क) नदी पर
(ख) पेड़ों पर
(ग) आसमान में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) आसमान में
व्याख्या-सावन के मौसम में आसमान में काले बादलों की घटा छा गई है।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): प्रस्तुत पद्यांश में प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया गया है।
कारण (R): सावन के समय आसमान में काली घटा छा जाती है।
विकल्प
(क) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दानों गलत हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-सावन के समय आसमान में छाई काली घटाओं/काले बादलों के सौन्दर्य को राखी के चमकते धागों के साथ चित्रित किया गया है।
5. निम्न में से ‘घटा’ का पर्याय नहीं है?
(क) वारिद
(ख) नीरज
(ग) धराधर
(घ) जलधर।
उत्तर:
(ख) नीरज
व्याख्या-नीरज कमल का पर्याय है, बादल का पर्याय नीरद होता है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश के प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (5 × 1 = 5)
रात्रि की विभीषिका को सिर्फ़ पहलवान की ढोलक ही ललकारकर चुनौती देती रहती थी। पहलवान संध्या से सुबह तक, चाहे जिस ख़्याल में ढोलक बजाता हो, किंतु गाँव के अर्धवृत, औषधि-उपचार-पथ्य-विहीन प्राणियों में वह संजीवनी शक्ति ही भरती थी। बूढ़े-बच्चे-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का दृश्य नाचने लगता था। स्पंदन-शक्ति-शून्य स्नायुओं में भी बिजली-सी दौड़ जाती थी। अवश्य ही ढोलक की आवाज में न तो बुखार हटाने का कोई गुण था और न महामारी की सर्वनाश शक्ति को रोकने की शक्ति थी, पर इसमें संदेह नहीं कि मरते हुए प्राणियों को आँख मूँदते समय कोई तकलीफ नहीं होती थी, मृत्यु से वे डरते नहीं थे।
1. गद्यांश में रात्रि की विभीषिका का कारण था-
(क) महामारी
(ख) निर्धनता
(ग) कुत्तों का रुदन
(घ) शीत ऋतु।
उत्तर:
(क) महामारी
व्याख्या-महामारी के कारण सूर्यास्त होते ही लोग अपनी झोपड़ियों में घुस जाते और चूँ भी न करते क्योंकि उनमें बोलने की शक्ति भी शेष न थी। चारों ओर लोग दम तोड़ रहे थे।
2. . बूढ़े-बच्चों-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे किसका दृश्य नाचने लगता?
(क) मेले का
(ख) विवाह समारोह का
(ग) पकवानों का
(घ) दंगल का।
उत्तर:
(घ) दंगल का।
व्याख्या- भूख-महामारी के कारण और मलेरिया व हैजे के कारण अर्द्धमृत लोगों में उस समय एक संजीवनी शक्ति भर जाती थी जब पहलवान ढोलक बजाता। उस समय बूढ़े-बच्चे-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का दृश्य नाचने लगता।
3. निम्नलिखित कथनों पर विचार करते हुए गद्यांश के अनुसार सही कथन को चयनित कर लिखिए।
(क) रात्रि की विभीषिका को सियारों का क्रंदन चुनौती देता है।
(ख) रात्रि की विभीषिका को मंदिर के घंटे चुनौती देते हैं।
(ग) रात्रि की विभीषिका को पहलवान की ढोलक चुनौती देती है।
(घ). रात्रि की विभीषिका को बादलों की गर्जना चुनौती देती है।
उत्तर:
(ग) रात्रि की विभीषिका को पहलवान की ढोलक चुनौती देती है।
व्याख्या-लुट्टन शाम से सुबह तक अपना ढोल बजाकर मानो रात्रि की विभीषिका को चुनौती देता था ताकि लोगों में मृत्यु का भय कम हो जाए।
4. कॉलम (1) को कॉलम (2) से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1 | ललकार की चुनौती | i | पहलवान की ढोलक |
2 | बिजली-सी दौड़ जाती | ii | स््नायुओं में |
3 | आँख मूँदते समय कोई तकलीफ़ नहोती | iii | प्राणियों को |
विकल्प
(क) (1)-(ii), (2)-(iii), (3)-(i)
(ख) (1)-(iii), (2)-(ii), (3)-(i)
(ग) (1)-(i), (2)-(iii), (3)-(ii)
(घ) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
उत्तर:
(घ) (1)-(i), (2)-(ii), (3)-(iii)
5. गद्यांश के लेखक हैं-
(क) जैनेंद्र कुमार
(ख) फणीश्वर नाथ ‘रेणु’
(ग) हजारी प्रसाद
(घ) धर्मवीर भारती।
उत्तर:
(ख) फणीश्वर नाथ ‘रेणु’
व्याख्या-गद्यांश के लेखक का नाम फर्णश्वर नाथ ‘रेणु! है।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (10)
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनकर लिखिए- (10 × 1 = 10)
1. लेखक ने अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में किसकी सहायता लेने का सुझाव दिया ?
(क) दादा की
(ख) सौंदलगेकर की
(ग) ताऊ की
(घ) दत्ता जी राव की
उत्तर:
(घ) दत्ता जी राव की
व्याख्या-पूरे गाँव में दत्ता जी राव का अत्यधिक मान- सम्मान था। लेखक के पिता भी उनकी बात को ठुकरा नहीं सकते थे अत: लेखक ने अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में दत्ताजी राव की सहायता लेना उचित समझा।
2. लेखक का पिता अपना पूरा दिन कहाँ व्यतीत करता था ?
(क) खेतों में
(ख) घर पर
(ग) रखमाबाई के पास
(घ) पाठशाला में
उत्तर:
(ग) रखमाबाई के पास
व्याख्या-लेखक का पिता ऐशो-आराम और मस्ती से रहने वाला व्यक्ति था। वह खेतों में काम नहीं करना चाहता था और आज़ादी से घूमना चाहता था। इसी ऐशो-आराम और मस्ती के लिए वह अपना पूरा दिन रखमाबाई के पास व्यतीत करता था।
3. लेखक के पिता के लिए किसका बुलावा सम्मानीय बात थी?
(क) देसाई का
(ख) गणपा का
(ग) सौंदलगेकर का
(घ) बोरकर का
उत्तर:
(क) देसाई का
व्याख्या-लेखक के पिता दत्ता जी राव देसाई को बहुत मानते थे। वे उनकी प्रत्येक बात भी मानते थे। उसके लिए देसाई का बुलावा आना सम्मान की बात थी।
4. निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): चड्ढा ने यशोधर बाबू के साथ बद्तमीजी की थी।
कारण (R): यशोधर बाबू का चड्ढा के सम्बन्ध में समूहाउ इंप्रापर विचार था।
विकल्प
(क) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-चड॒ढ़ा ने यशोधर बाबू के साथ बद्तमीज़ी की थी और उसकी चौड़ी मोहरी वाली पतलून और ऊँची एड़ी वाले जूते देखकर भी चड॒ढ़ा उन्हें समहाउ इंप्रापप लग रहा था।
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (I) यशोधर बाबू की शादी 6 फरवरी 1947 में हुई थी।
कथन (II) यशोधर बाबू कौ शादी 8 फरवरी 1947 में हुई थी।
कथन (III) यशोधर बाबू की शादी 9 फरवरी 1947 में हुई थी।
कथन (IV) यशोधर बाबू की शादी 4 फरवरी 1947 में हुई थी।
सही कथन/कथनों वाले विकल्प को चयनित कर लिखिए-
(क) कथन और IV सही हैं।
(ख) केवल कथन I सही है।
(ग) केवल कथन II सही है।
(घ) केवल कथन III सही है।
उत्तर:
(ख) केवल कथन I सही है।
व्याख्या-यशोधर बाबू की शादी 6 फरवरी, 1947 में हुई थी।
6. किशन दा ने यशोधर बाबू को कितने रुपए उधार देकर मदद की थी ?
(क) ₹ 20
(ख) ₹ 50
(ग) ₹ 100
(घ) ₹ 50
उत्तर:
(ख) ₹ 50
व्याख्या-किशन दा ने यशोधर बाबू को ₹ 50 उधार देकर मदद की थी।
7. चड्ढा यशोधर बाबू की कलाई घड़ी का क्या कहकर मजाक उड़ाता था ?
(क)’चूनेदानी
(ख) चूहेदानी
(ग) माचिस की डिबिया
(घ) खटारा
उत्तर:
(ख) चूहेदानी
व्याख्या-यशोधर बाबू ने जब ऑफिस के लोगों को ऑफिस की घड़ी की तरह सुस्त बताया, तो चड॒ढ़ा ने भी यशोधर बाबू की घड़ी को ‘चूहेदानी’ कहकर उनकी घड़ी का मज़ाक उड़ाया।
8. कुंड की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है-
(क) इसका विशाल आकार
(ख) कुंड के नीचे उतरती सीढ़ियाँ
(ग) पक्की ईंटों का जमाव
(घ) तीन तरफ़ बने साधुओं के कक्ष
उत्तर:
(ग) पक्की ईंटों का जमाव
व्याख्या-महाकुंड को चूने और गारे का इस्तेमाल कर ईंटों से पक्का बनाया गया है जिससे अंदर का पानी बाहर और बाहर का अशुद्ध पानी अंदर न आ सके। इसके पानी को बाहर निकालने के लिए भी ईंटों से ढकी पक्की नालियाँ बनी हैं।
9. विशाल कोठार किस प्रयोग में लाया जाता था ?
(क) सेना के अस्त्र-शस्त्र रखने के
(ख) कर के रूप में प्राप्त अनाज रखने के
(ग) तीर्थयात्रियों व साधुओं के ठहरने के
(घ) लगान के हिसाब-किताब के बहीखाते रखने के
उत्तर:
(ख) कर के रूप में प्राप्त अनाज रखने के
व्याख्या-महाकुंड के दूसरी तरफ़ बना नौ-नौ की तीन कतारें, हवादारी और चौकियों को देख प्रबंधकों ने इस विशाल कोठार का उपयोग कर के रूप में मिले अनाज का संग्रहण करना माना है।
10. फसलों की ढुलाई किसके द्वारा की जाती थी ?
(क) बैलगाड़ी के
(ख) हथठेला के
(ग) सिर पर रखकर
(घ) ऊँटों के
उत्तर:
(क) बैलगाड़ी के
व्याख्या-फ़सलों की ढुलाई बैलगाड़ी द्वारा की जाती थी।
‘ब’ वर्णनात्मक प्रश्न 40 अंक
जनसंचार और सृजनात्मक लेखन अंक (16)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित दिए गए तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए- (6 × 1 = 6)
(क) अनोखा पालतू जानवर – कुत्ता
उत्तर:
मुझे अपने अनुभव से ऐसा महसूस होता है कि कुत्ता सबसे अनोखा और प्यारा पालतू पशु है। घर में रहकर उसकी भूमिका एक सदस्य की तरह हो जाती है। प्रत्येक पशु की आदतें, स्वभाव, क्रिया-कलाप सब एक-दूसरे से अलग होते हैं। मेरे पास एक जर्मन स्पिट जाति का छोटा-सा कुत्ता था। हमने उसका नाम “ब्लैसिंग’ रखा था। काले रंग और घने बालों वाला वह कात्ता बहुत ज़्यादा सक्रिय (एक्टिव) था। घर के सदस्य जो खाते वही वह भी खाता। कहीं बाहर जाना होता तो आगे-आगे चलता, कार का दरवाज़ा खुलते ही उछलकर बैठ जाता, इसका तात्पर्य यह होता था कि मैं भी साथ चलूँगा। कितनी भी सर्दी या गर्मी होती, कोई भी गेट के बाहर जाता तो वह वहाँ तक छोड़ने ज़रूर जाता। बच्चों के साथ खेलता और पूरे घर की रखवाली के प्रति पूरी तरह जागरूक रहता। उसके कारण हमारा गार्डन पूरी तरह सुरक्षित था, कोई भी दूसरा जानवर वहाँ फटकने तक न पाता, यहाँ तक कि गिरगिट, गगिलहरी, तितली, बिल्ली, चूहों को देखते ही दौड़ लगाता। बंदरों की तो ऐसी शामत आई कि बंदरों ने हमारे घर की तरफ़ देखना तक बंद कर दिया था। नीचे से ऊपर (छत) तक बंदरों को खदेड़ने के दौरान उसने बंदरों की पूँछ पकड़ कर खींच लिया था फिर काट लिया किंतु कभी डरा नहीं और न ही कभी पीछे हटा।
दीपावली में प्राय: सभी कुत्ते पटाखों के शोर से डरकर दूर-दूर भागते हैं पर वह तो बम को आग लगाते ही उसको मुँह में लेकर भागने के लिए झपटता। इसी कारण एक बार एक बम उसके मुँह में ही फट गया, इलाज के बाद वह ठीक हुआ किंतु पटाखे से फिर भी वह डरता नहीं था। दीपावली में उसकी इस आदत के कारण हम उसे बाँधकर रखते थे।
घर में आए हुए मेहमानों, मित्रों को उसने कभी नहीं काटा और न ही परेशान किया। अगर साथ में कोई पड़ोसी अपना कूत्ता लेकर आता तो वह उससे प्रेमपूर्वक मिलता और प्यार से पूँछ हिलाता, किंतु सड़क के कात्तों से वह हमेशा लड़ने को तैयार रहता, जबकि सड़क के देशी कुत्ते उससे बड़े थे और डरावने भी।
एक बार एक सड़क का कात्ता गेट से अंदर आ गया और दरवाज़े के बाहर रखी हुई चप्पल लेकर भाग गया। उसका पीछा करते हुए ब्लैसिंग दौड़ा और गेट के बाहर तक दौड़ता चला गया। वहाँ सड़क के बड़े-बड़े कुत्तों ने उसे घेर लिया और सबने मिलकर आक्रमण कर दिया। जब तक हम लोग पहुँचे कुत्ते उसे लहूलुह्ान कर चुके थे। हम लोग तुरंत डॉक्टर के पास ले गए। काफ़ी दिन तक वह कष्ट में रहा किंतु पुन: ठीक न हो सका और उसकी मृत्यु हो गई। हम सब बहुत दुःखी हुए।
(ख) स्वण में प्रिय अभिनेता/अभिनेत्री से भेंट
उत्तर:
स्वप्न में मेरे प्रिय अभिनेता अमिताभ बच्चन से मेरी भेंट हुई। वह प्रत्येक भूमिका को सहज भाव से आत्मसात् करके निभाने वाले अभिनेता हैं। चाहे वह कॉमेडी हो, या एक्शन, सभी में अपने को परिस्थिति के अनुरूप ढाल लेते हैं। 80 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद भी आज भी उनकी आँखों की चमक और आवाज में दमखम बरकरार है। मैंने स्वप्न में देखा कि के.बी.सी. के सेट पर मुझे प्रतिभागी के तौर पर आमंत्रित किया गया है। अमिताभ जी बहुत ही सरलता से मुझसे प्रश्न कर रहे हैं और मैं उनके उत्तरों को बड़े ही धैर्य से दे रही हूँ। अन्त में मैं के.बी.सी प्रतियोगिता जीत जाती हूँ। मुझे अमिताभ जी के हाथों से एक करोड़ का चैक प्राप्त होता है। यह स्वप्न मैं कभी नहीं भूल सकती क्योंकि इस स्वप्न में मैं अपने प्रिय अभिनेता अमिताब बच्चन जी से मिली थी।
(ग) नदी में अचानक पानी का बढ़ना
उत्तर:
नदी में अचानक पानी का बढ़ना व्यक्ति को समस्या में डाल देता है। लेकिन यह समस्या भी व्यक्ति के द्वारा ही उत्पन्न हो रही है। आजकल मूर्ति विसर्जन की परम्परा अधिक बढ़ती जा रही है। लोग मूर्तियों को नदी में विसर्जित करते हैं जिसके कारण पानी ऊपरी सतह तक आ जाता है। दूसरा कारण प्राकृतिक आपदा भी हो सकती है। बाढ़ के कारण भी नदी में अचानक पानी का स्तर बढ़ जाता है। जिससे जन-धन को अधिक हानि पहुँचती है। फ़सल, सब्जी, कार, घर इत्यादि सभी जलमग्न हो जाते हैं। यह अत्यन्त ही भयावह स्थिति होती है। इससे किसानों को काफ़ी नुकसान पहुँचता है। कभी-कभी नदी का पानी इतने उफान पर होता है कि पुल तक टूट जाते हैं जिससे लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने में काफ़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर लगभग 40 शब्दों में निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) रेडियो माध्यम के विषय को स्पष्ट कौजिए।
उत्तर:
रेडियो श्रव्य माध्यम है। इसमें सब कुछ ध्वनि, स्वर और शब्दों का खेल है। इन सब वजहों से रेडियो को श्रोताओं से संचालित माध्यम माना जाता है। रेडियो पत्रकारों को अपने श्रोताओं का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसकी वजह यह है कि अख़बार के पाठकों को यह सुविधा उपलब्ध रहती है कि वे अपनी पसंद और इच्छा से कभी भी और कहीं से भी पढ़ सकते हैं।
अगर किसी समाचार/लेख या फ़ीचर को पढ़ते हुए कोई बात समझ में नहीं आई तो पाठक उसे फिर से पढ़ सकता है या शब्द कोश में उसका अर्थ देख सकता है या किसी से पूछ सकता है, लेकिन रेडियो के श्रोता को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती। वह अख़बार को तरह रेडियो समाचार बुलेटिन को कभी भी और कहीं से भी नहीं सुन सकता है। उसे बुलेटिन के प्रसारण समय का इंतज़ार करना होगा और फिर शुरू से लेकर अंत तक बारी-बारी से एक के बाद दूसरा समाचार सुनना होगा। इस बीच, वह इधर-उधर नहीं आ-जा सकता और न ही उसके पास किसी गूढ़ शब्द या वाक्यांश के आने पर शब्दकोश का सहारा लेने का समय होता है।
अथवा
सिनेमा रंगमंच और रेडियो नाटक में क्या-क्या असमानताएँ हैं ?
उत्तर:
सिनेमा रंगमंच और रेडियो नाटक में अनेक समानताएँ होते हुए भी कुछ असमानताएँ भी हैं जो इस प्रकार हैं-
सिनेमा और रंगमंच
- सिनेमा और रंगमंच दृश्य माध्यम हैं।
- इनमें दृश्य होते हैं।
- इनमें मंच सज्जा और वस्त्र सज्जा का बहुत महत्त्व है।
- इममें पात्रों की भावभंगिमाएँ विशेष महत्त्व रखती हैं।
रेडियो नाटक
- रेडियो नाटक एक श्रव्य माध्यम है।
- इसमें दृश्य नहीं होते।
- इसमें भाव भंगिमाओं की कोई आवश्यकता नहीं होती।
- इसमें कहानी को ध्वनि प्रभावों और संवादों के माध्यम से संप्रेषित किया जाता है।
(ii) रेडियो नाटक में ध्वनि प्रभावों और संवादों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
रेडियो नाटक में ध्वनि प्रभावों और संवादों का विशेष महत्त्व है जो इस प्रकार है-
- रेडियो नाटक में पात्रों से संबन्धित सभी जानकारियाँ संवादों के माध्यम से मिलती हैं।
- पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ संवादों के द्वारा ही उजागर होती हैं।
- नाटक का पूरा कथानक संवादों पर ही आधारित होता है।
- संवादों के द्वारा ही श्रोताओं को संदेश दिया जाता है।
- संवादों के माध्यम से ही रेडियो नाटक का उद्देश्य स्पष्ट होता है।
अथवा
समाचार पत्रों में विशेष लेखन की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी सामान्य विषय से हटकर विशेष विषय पर लिखे गए लेखों को विशेष लेखन कहते हैं। कृषि, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, मनोरंजन, प्रौद्योगिकी, क़ानून आदि विशेष लेखन के अंतर्गत माने जाते हैं। समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में इन विषयों पर विशेष लेखन लिखे जाते हैं। समाचार पत्रों में विशेष लेखन के लिए एक अलग-स्थान अथवा बॉक्स निश्चित होता है। विशेष लेखन विषय से संबंधित विशेषज्ञों द्वारा लिखे जाते हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) रेडियो के द्वारा प्रसारित समाचारों की तुलना मुद्रण माध्यमों से कीजिए।
उत्तर:
मुद्रित समाचारों की विशेषताएँ निम्न हैं-
- यह स्थाई होता है।
- इसमें क्रमिकता की आवश्यकता नहीं होती।
- इसके लिए पढ़ना आना चाहिए।
- इसमें व्याकरण और वर्तनी शुद्ध चाहिए।
- इसका माध्यम शब्द है।
- यह सुनते ही विलीन हो जाता है।
- यह अपने क्रम में ही सुना जा सकता है।
- यह सुनने से ही समझ आ सकता है।
- इसमें सुने जाने की स्पष्टता ही पर्याप्त है।
- इसका माध्यम शब्द और आवाज है इसलिए इसे श्रव्यमाध्यम कहा जाता है।
(ii) समाचार-माध्यमों में काम करने वाले पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
समाचार-माध्यमों के पत्रकार तीन प्रकार के होते हैं-
- पूर्णकालिक पत्रकार- ये पत्रकार किसी विशेष समाचार-संगठन के लिए नियमित काम करने वाले वेतनभोगी पत्रकार होते हैं।
- अंशकालिक पत्रकार-ये पत्रकार किसी समाचार-संगठन के लिए निश्चित मानदेय के आधार पर काम करते हैं।
- ‘फ्रीलांसर अथवा स्वतन्त्र पत्रकार-ये पत्रकार किसी विशेष समाचार-पत्र या संगठन के वेतनभोगी नहीं होते। ये भुगतान के आधार पर अलग-अलग समाचार-पत्रों के लिए काम करते हैं।
(iii) संचार कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
संचार एक जटिल प्रक्रिया है अत: इसके कई रूप या प्रकार हैं-
- सांकेतिक संचार-संकेतों द्वारा संदेश पहुँचाना जैसे हाथ जोड़ना, पाँव छूना, सिग्नल देना आदि सांकेतिक संचार है।
- मौखिक संचार-मुख द्वारा व्यक्ति ध्वनियों के माध्यम से संदेश पहुँचाना। आपसी बातचीत, टेलीफोन आदि मौखिक संचार हैं।
- अमौखिक संचार-मौखिक संचार के अतिरिक्त अन्य संचार साधन, जैसे सांकेतिक व लिखित संचार आदि अमौखिक संचार कहलाते हैं।
- अंतःवबैयक्तिक संचार- अकेले में स्वयं अपने साथ किसी विषय पर या मुद्दे पर विचार-मंथन करना, पूजा-इबादत-प्रार्थना करते वक्त ध्यान में रहना, आदि से स्वयं को व्यक्त करना इस संचार का बुनियादी रूप है।
- अंतर वैयक्तिक-जब दो व्यक्ति आपस में और आमने-सामने संचार करते हैं तो इसे अंतर वैयक्तिक संचार कहते हैं। इसमें फोडबैक भी तुरंत मिलता है।
- समूह संचार-संचार का तीसरा प्रकार है- समूह संचार । इसमें एक समूह आपस में विचार-विमर्श या चर्चा करता है। समूह संचार का उपयोग समाज और देश के सामने उपस्थित समस्याओं को बातचीत और वाद-विवाद के जरिए हल करने के लिए होता है।
- जनसंचार-जब हम व्यक्तियों के समूह के साथ प्रत्यक्ष संवाद की बजाए किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जुरिए समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद क़ायम करने की कोशिश करते हैं तो इसे जनसंचार कहते हैं।
पाठ्यपुस्तक आरोह भाग-2 अंक (20)
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।
अस मम जिवन बंधु तोही। जों जड़ दैव जिआवबै मोही ।। पंक्तियों की व्याख्या करें।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियाँ राम के विलाप से उद्धृत हैं। राम मूर्छित लक्ष्मण को गोद में लेकर विलाप कर रहे हैं कि तुम्हारे बिना मेरी दशा ऐसी हो गई है जैसे पंखों के बिना पक्षी की, मणि के बिना साँप की और सूँड़ के बिना हाथी की स्थिति दयनीय हो जाती है। ऐसी स्थिति में मैं अक्षम व असहाय हो गया हूँ । यदि भाग्य ने तुम्हारे बिना मुझे जीवित रखा तो मेरा जीवन इसी तरह शक्तिहीन रहेगा। दूसरे शब्दों में, मेरे तेज़ व पराक्रम के पीछे तुम्हारी ही शक्ति कार्य करती रही है।
(ii) फ़िराक गोरखपुरी की रुबाइयों में ग्रामीण अंचल के घरेलू रूप की स्वाभाविकता और सात्विकता के अनूठे चित्र चित्रित हुए हैं- समझाइए।
उत्तर:
फ़िराक की रूबाइयों में ग्रामीण अंचल के घरेलू रूप का स्वाभाविक चित्रण मिलता है। माँ अपने शिशु को आँगन में लिए खड़ी है। वह उसे झुलाती है। बच्चे को नहलाने का दृश्य दिल को छूने वाला है। दीवाली व रक्षाबंधन पर जिस माहौल को चित्रित किया गया है वह आम जीवन से जुड़ा हुआ है। बच्चे का किसी वस्तु के लिए जिद करना तथा उसे किसी तरह बहलाने के दृश्य सभी परिवारों में पाए जाते हैं।
(iii) कवि ने अपनी कविता “छोटा मेरा खेत’ में कर्म को किस रूप में उकेरा है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कवि ने कर्म को कृषक के कार्य के समान बताया है। किसान भी खेत में बीज बोता है, वह बीज अंकुरित होकर फ़सल बनता है और जनता का पेट भरता है। वह मनुष्य की दैहिक आवश्यकता को पूरी करता है। इसी तरह कवि भी कागज रूपी खेत पर अपने विचारों के बीज बोता है। कल्पना का आश्रय पाकर वह विचार विकसित होकर रचना का रूप धारण करता है। इस रचना के रस से मनुष्य की मानसिक जरूरत पूरी होती है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए- (2 × 2 = 4)
(i) पृथ्वी का प्रत्येक कोना बच्चों के पास अपने आप कैसे आ जाता है?
उत्तर:
बच्चे पतंग उड़ाते हुए चाहते हैं कि उनकी पतंग सबसे ऊँची जाए अर्थात् वे पतंग के माध्यम से सारे ब्रह्मांड में घूम लेना चाहते हैं। वे कल्पना की रंगीन दुनिया में खो जाते हैं इसलिए उनके लिए पृथ्वी का प्रत्येक कोना अपने आप चला आता है अर्थात् पतंग उड़ाने के लिए बच्चों को जमीन की कमी पड़ जाती है।
(ii) ‘बात’ के साथ जोर जबरदस्ती करने पर क्या हुआ ?
उत्तर:
कवि ने जब भावों को भाषा के दायरे में बाँधने की कोशिश की तो बात का प्रभाव समाप्त हो गया। वह शब्दों के चमत्कार में खो गई और असरहीन हो गई। जब हम किसी बात में जबरदस्ती शब्द ठूँसने का प्रयास करते हैं तब उस बात का प्रभाव अपने आप ही समाप्त हो जाता है। बात के उपेक्षित प्रभाव के लिए कवि ने अपनी कविता में पेंच और कील की उपमा दी है।
(iii) कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता में कवि ने कहाँ छुपी क्रूरता का जिक्र किया है?
उत्तर:
कवि ने इस कविता के माध्यम से मानवीय क्रूरता का चित्रण किया है। वह क्रूरता जो करुणा के मुखौटे में छिपी है। यही मुखोटे ओढ़कर टी.वी. वाले अपाहिज तक का मज़ाक उड़ाते हैं। उससे झूठी सहानुभूति रखते हैं। उससे ऐसे-ऐसे प्रश्न पूछते हैं कि मानवीयता भी शर्मसार हो जाए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 60 शब्दों में उत्तर दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) बाज़ार का जादू चढ़ने और उतरने से मनुष्य कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर:
बाज़ार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं-
- बाज़ार में आकर्षक व्स्तुएँ देखकर मनुष्य उनके जादू में बँध जाता है।
- उसे उन वस्तुओं की कमी खलने लगती है।
- वह उन वस्तुओं को ज़रूरत न होने पर भी खरीदने के लिए विवश होता है।
- वस्तुएँ खरीदने पर उसका अहं संतुष्ट हो जाता है।
- खरीदने के बाद उसे पता चलता है कि जो चीजें आराम के लिए खरीदी थीं वे खलल डालती हैं।
- उसे खरीदी हुई वस्तुएँ अनावश्यक लगती हैं।
(ii) कहानीकार ने गाँव में फैली बीमारी से उत्पन्न हुई गाँव की दशा का चित्रण किस प्रकार किया है?
उत्तर:
गाँव में महामारी ने पाँव पसार लिए थे। चारों ओर मौत का भयानक तांडव फैला था। ‘रेणु’ लिखते हैं कि सियारों का क्रंदन और चेचक की डरावनी आवाज कभी-कभी निस्तब्धता को अवश्य भंग कर देती थी। गाँव की झोपड़ियों से कराहने और कै करने की आवाज “हरे राम’ हे भगवान ! की टेर अवश्य सुनाई पड़ती थी। बच्चे कभी-कभी निर्बल कंठों से माँ-माँ पुकारकर रो पड़ते थे।
(iii) ‘शिरीष के फूल’ पाठ में जीवन शक्ति का संदेश छिपा हुआ है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
द्विवेदी जी ने इस निबंध में फूलों के द्वारा जीवन शक्ति की ओर संकेत किया है। लेखक बताता है कि शिरीष का फूल हर हाल में स्वयं के अस्तित्व को बनाए रखता है। इस पर गर्मी-लू आदि का कोई प्रभाव नहीं होता क्योंकि इसमें जीवन जीने की लालसा है। इसमें आशा का संचार होता रहता है। यह फूल तो समय को जीतने की क्षमता रखता है। विपरीत पस्थितियों में जो जीना सीख ले उसी का जीवन सार्थक है। शिरीष के फूलों की जीवन शक्ति की ओर संकेत करते हुए निबंधकार ने लिखा है- “फूल है शिरीष। वसंत के आगमन के साथ लहक उठता है, आषाढ़ तक तो निश्चित रूप से मस्त बना रहता है। मन रम गयो तो भरे भादों में भी निर्यात फूलता रहता है। जब उमस से प्राण उबलते हैं और लू से हृदय सूखता है, एकमात्र शिरीष कालजयी अवधूत की भांति जीवन की अजेयता के मंत्र का प्रचार करता रहता है।” इस प्रकार निबंधकार ने शिरीष के फूल के माध्यम से जीवन को हर हाल में जीने की प्रेरणा दी है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) बारिश के लिए किए गए प्रयत्न किस कोटि के हैं?
उत्तर:
बच्चों द्वारा बारिश के लिए किए गए प्रयत्न विश्वास के अंतर्गत आते हैं। भोले बच्चे बारिश लाने के लिए हर तरह के प्रयत्न करते हैं। वे नहीं जानते कि वह विश्वास है या अंधविश्वास। वे तो चाहते हैं कि बारिश हो जाए। चाहे इंद्र को प्रसन्न करने के लिए कोई भी कार्य करना पड़े।
(ii) भकक््तिन का स्वभाव कैसा था?
उत्तर:
भक्तिन मेहनती स्त्री थी लेकिन उसमें चोरी करने की आदत थी। जब वह महादेवी वर्मा के घर का कार्य करने आई तो वह घर में रखे खुले पैसे और रुपए उठा लेती। वास्तव में उसमें कई दुर्गुण थे।
(iii) डॉ. भीमराव आंबेडकर ने मनुष्य की क्षमता के बारे में क्या बताया है?
उत्तर:
मनुष्य की क्षमता तीन बातों पर निर्भर करती है-
- शारीरिक वंश परंपरा
- सामाजिक उत्तराधिकार अर्थात् सामाजिक परंपरा के रूप में माता-पिता की कल्याण कामना शिक्षा तथा वैज्ञानिक ज्ञानार्जन आदि सभी उपलब्धियाँ जिसके कारण सभ्य समाज, जंगली लोगों की अपेक्षा विशिष्ट शिक्षा प्राप्त करता है।
- मनुष्य के अपने प्रयत्न।
पूरक पाठ्यपुस्तक वितान भाग-2 अंक (4)
प्रश्न 14.
निम्नलिखित प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए किन्हीं दो प्रश्नों के लगभग 40 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 × 2 = 4)
(i) दत्ता जी ने लेखक के पिता को किसकी उपमा दी ?
उत्तर:
दत्ता जी को जब मालूम हुआ कि लेखक के पिता पत्नी व बच्चों को खेत में काम पर जोतकर स्वयं गाँव भर में मस्ती से घूमता रहता है। इससे लेखक की पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाती और न ही वह अपने भविष्य के बारे में पूर्ण रूप से सोच पा रहा होता है तो उन्होंने लेखक के पिता को खुले साँड की उपमा दी।
(ii) महाकुंड की ओर जाने वाली गली का क्या नाम रखा गया ?
अथवा
यशोधर बाबू धार्मिक प्रवचन क्यों सुनते हैं?
उत्तर:
महाकुंड के विहार की दिशा में एक लम्बी गली दिखाई देती है इसके आगे एक महाकुंड है। पता नहीं यह सायास है या संयोग माना जाता है कि कुंड के पवित्र और अनुष्ठानिक होने के कारण धरोहर के प्रबन्धकों ने इस गली का नाम दैव मार्ग अर्थात् डिविनिटी स्ट्रीट रखा है।