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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 5 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडो के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक – प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
साहित्य की शाश्वता का प्रश्न एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है। क्या साहित्य शाश्वत होता है? यदि हाँ, तो किस मायने में ? क्या कोई साहित्य अपने रचनाकाल के सौ वर्ष बीत जाने पर भी उतना ही प्रासंगिक रहता है, जितना वह अपनी रचना के समय था? अपने समय या युग का निर्माता साहित्यकार क्या सौ वर्ष बाद की परिस्थितियों का भी युग-निर्माता हो सकता है। समय बदलता रहता है, परिस्थितियाँ और भावबोध बदलते हैं, साहित्य बदलता है और इसी के समानान्तर पाठक की मानसिकता और अभिरुचि भी बदलती है, अत: कोई भी कविता
अपने सामयिक परिवेश के बदल जाने पर ठीक वही उत्तेजना पैदा नहीं कर सकती, जो
सने अपने रचनाकाल के दौरान की होगी। कहने का तात्पर्य यह है कि एक विशेष प्रकार के साहित्य के श्रेष्ठ अस्तित्व मात्र से वह साहित्य हर युग के लिए उतना ही विशेष आकर्षण
रखे, यह आवश्यक नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान युग में इंगला, दें पिंगला, सुषुम्ना, अनहद नाद आदि पारिभाषिक शब्दावली मन में विशेष भावोत्तेजन नहीं करती। साहित्य की श्रेष्ठता मात्र ही उसके नित्य आकर्षण का आधार नहीं है। उसकी श्रेष्ठता का युगयुगीन
आधार हैं, वे जीवन मूल्य तथा उनकी अत्यंत कलात्मक अभिव्यक्तियाँ जो मनुष्य की स्वतन्त्रता तथा उच्च्तर मानव विकास के लिए पथ-प्रदर्शन का काम करती हैं। पुराने साहित्य का केवल वही श्री-सौन्दर्य हमारे लिए ग्राह्म होगा, जो नवीन जीवन मूल्यों के विकास
में सक्रिय सहयोग दे अथवा स्थिति रक्षा में सहायक हो। कुछ लोग साहित्य की सामाजिक प्रतिबद्धता को अस्वीकार करते हैं। वे मानते हैं कि साहित्यकार निरपेक्ष होता है और उस पर कोई भी दबाव आरोपित नहीं होना चाहिए। किन्तु वे भूल जाते हैं कि साहित्य के निर्माण
की मूल प्रेरणा मानव जीवन में ही विद्यमान रहती है। जीवन के लिए ही उसकी सृष्टि होती है। तुलसीदास जब स्वांत: सुखाय काव्य रचना करते हैं, तब अभिप्राय यह नहीं रहता कि मानव-समाज के लिए ही इस रचना का कोई उपयोग नहीं है, बल्कि उनके अंतःकरण में सम्पूर्ण संसार की सुख भावना एवं हित कामना सन्निहित रहती है। जो साहित्यकार अपने सम्पूर्ण व्यक्तित्व को व्यापक लोक जीवन में सन्निविष्ट कर देता है, उसी के हाथों स्थायी एवं प्रेरणाप्रद साहित्य का सृजन हो सकता है।
(i) साहित्य की श्रेष्ठता का निर्धारण सुनिश्चित करता है कि वह-
(क) व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाता है।
(ख) लोक व्यवहार की पराकाष्ठा पर प्रतिक्रिया देता है।
(ग) सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत को बाधित करता है।
(घ) पथ-प्रशस्त कर मूल्यों का समावेश करके कला भाव जगाता है।
उत्तर:
(घ) पथ-प्रशस्त कर मूल्यों का समावेश करके कला भाव जगाता है।
व्याख्यात्मक हल:
साहित्य की श्रेष्ठता मात्र ही उसके नित्य आकर्षण का आधार नहीं है बल्कि उसकी श्रेष्ठता का निर्धारण उनके जीवन मूल्य तथा कलात्मक अभिव्यक्तियाँ मानव विकास के लिए पथ-प्रदर्शक का काम करती है।
(ii) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए, उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: ह।
कथन (A) : नवीन जीवन मूल्यों के विकास में सक्रिय सहयोग।
कारण (R) : नवाचार व मूल्यों को आत्मसात् कर आगे बढ़ना।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं, तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
व्याख्यात्मक हल:
नवीन जीवन मूल्यों के विकास में सक्रिय सहयोग से तात्पर्य नवाचार व मूल्यों को आत्मसात कर आगे बढ़ने से है।
(iii) कौन-सा साहित्य होना प्रासंगिक रहता है?
(क) साहित्य की श्रेष्ठता व उसका आकर्षण
(ख) सम्पूर्ण साहित्य का स्थायी व स्पष्ट आधार
(ग) लोक कल्याणकारी स्थायी एवं प्रेरणादायक
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ग) लोक कल्याणकारी स्थायी एवं प्रेरणादायक
व्याख्यात्मक हल:
100 वर्ष बीत जाने पर भी साहित्य लोक कल्याणकारी, स्थायी एवं प्रेरणाप्रद रहता है। साहित्य के निर्माण की मूलप्रेरणा मानव जीवन में ही विद्यमान रहती है।
(iv) “साहित्यकार निरपेक्ष होता है और उस पर कोई भी दबाव आरोपित नहीं होना चाहिए।’ कथन किस मनोवृत्ति को प्रकट करता है-
(क) सामाजिक कार्यकर्ता की विचारधारा
(ख) साहित्य की शाश्वत क्रियाशील विचारधारा
(ग) समाज के प्रति वचनबद्धता का अभाव
(घ) निरपेक्ष व्यक्तियों की सकारात्मकता
उत्तर:
(ग) समाज के प्रति वचनबद्धता का अभाव
व्याख्यात्मक हल:
‘साहित्यकार निरपेक्ष होता है’ प्रस्तुत कथन समाज के प्रति बचनबद्धता का अभाव मनोवृत्ति को प्रकट करता है।
(v) गद्यांश में प्रयुक्त मानव जीवन समस्त पद का विग्रह एवं समास भेद होगा-
(क) मानव या जीवन-दूंद्ग समास
(ख) मानव का जीवन-तत्पुरुष समास
(ग) मानव रूपी जीवन-द्विगु समास
(घ) मानव जो जीवन जीता है- अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(ख) मानव का जीवन-तत्पुरुष समास
व्याख्यात्मक हल:
‘मानव जीवन’ सामासिक पद का समास विग्रह ‘मानव का जीवन’ तत्पुरुष समास उचित है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
कभी-कभी सहज से तेज गति में परिवर्तित होते क्रोध को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो उसके परिणाम अत्यंत घातक और पश्चाताप के भाव जगाने वाले हो सकते हैं। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोविश्लेषक टॉम जी. स्टीवेन्स ने अपनी किताब “ओवरकम एंगर ऐंड एग्रेसन’ में स्पष्ट किया है कि क्रोध-नियंत्रण का एक प्रमुख तरीका यह है कि स्थिति को अपने नहीं, दूसरों के नज़रिए से देखें। दूसरों को उन स्थितियों पर प्रकाश डालने के लिए प्रोत्साहित करें, क्षमा करना सीखें, बीते को बिसारने की आदत विकसित करें और किसी को चोट पहुँचाने के बजाए प्रशंसा से उसका मूल्यांकन करें। याद रखें, क्रोध-नियंत्रण से आप स्वयं शक्तिशाली बनते हैं। इससे आपकी खुशहाली और स्मृतियों का विस्तार होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिनियाटी के वैज्ञानिकों ने अपनी किताब 50 साइंस ऑफ मेंटल इलनेस में इन कमजोरियों पर प्रकाश डालते हुए गुस्से को काबू में रखने के कारगर सूत्र दिए हैं। क्रोध-नियंत्रण से हम अपना ही नहीं, दूसरों के उजड़ते संसार को फिर से आबाद कर सकते हैं क्योंकि शांत मन सृजन में समर्थ होता है। हमारे सृजनात्मक होने से ही मानवता का हित सध सकता है। तो जब भी क्रोध आए, तो इन उपायों को आजमाएँ। जीवन में बिखरी हुई चीजों को सँवारने की ओर कदम खुद बढ़ चलेंगे।
(i) क्रोध-नियंत्रण से होने वाले लाभों के संबंध में अनुपयुक्त कथन है।
(क) इससे व्यक्ति स्वयं को शक्तिशाली बनाता है।
(ख) इससे व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है।
(ग) इससे व्यक्ति की विस्मृतियों का विस्तार होता है।
(घ) इससे व्यक्ति की रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
उत्तर:
(क) इससे व्यक्ति स्वयं को शक्तिशाली बनाता है।
(ii) किस तरह का क्रोध अंततः पश्चाताप का कारण बनता है?
(क) अत्यंत आवेग में किया गया क्रोध
(ख) सहज भाव से किया गया क्रोध
(ग) प्रायश्चित भाव से किया गया क्रोध
(घ) आत्मघात भाव से किया गया क्रोध
उत्तर:
(क) अत्यंत आवेग में किया गया क्रोध
व्याख्यात्मक हल:
आवेग में किए गए क्रोध के समय किसी भी क्रियाविधि पर नियंत्रण न होने से उसके घातक परिणाम अंततः पश्चाताप का कारण प्रस्तुत करते हैं।
(iii) मनोविश्लेषक स्टीवेन्स के अनुसार क्रोध पर काबू पाने पर सर्वोपयुक्त उपाय है।
(क) परिस्थितियों पर दूसरों के नियंत्रण को स्वीकार करना।
(ख) परिस्थितियों पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित करना।
(गं) परिस्थितियों को अपने नज॒रिए से और अच्छे से समझना।
(घ) परिस्थितियों को दूसरों के नज॒रिए से जानने का प्रयास करना।
उत्तर:
(घ) परिस्थितियों को दूसरों के नज॒रिए से जानने का प्रयास करना।
(iv) क्रोध आने पर क्या करना चाहिए? है ।
(क) उसकी असहज अभिव्यक्ति
(ख) उसकी सहज अभिव्यक्ति
(ग) संयमित रहने का प्रयत्न
(घ) घातक परिणाम का स्मरण
उत्तर:
(ग) संयमित रहने का प्रयत्न
व्याख्यात्मक हल:
क्रोध आने की स्थिति में वस्तुओं को स्वयं की अपेक्षा दूसरों के नज़रिए को देखते हुए क्रोध में संयमता लाई जा सकती है।
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए, उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: है।
कथन (A) : क्रोध नवसृजन का संहारक है।
कारण (R) : क्रोध अवस्था में क्षमाशीलता न्यून हो जाती है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) सही है, लेकिन कारण (R) गलत है।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी सही व्याख्या नहीं है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) ‘मैं हाँफते हुए धीरे-धीरे दौड़ रहा था।’ – वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) सर्वनाम पदबंध
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
व्याख्यात्मक हल:
यह पदबंध मूलतः क्रिया का विशेषण रूप होने के कारण प्राय: क्रिया से पहले आता है।
(ii) ‘उसकी कल्पना में वह अद्भुत साहसी युवक था। ‘ – इस वाक्य में संज्ञा पदबंध है-
(क) उसकी कल्पना में
(ख) वह अद्भुत साहसी
(ग) अद्भुत साहसी युवक
(घ) अद्भुत साहसी
उत्तर:
(ग) अद्भुत साहसी युवक
(iii) धीरे-धीरे सूरज डूबता जा रहा था।‘ – वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ग) क्रिया पदबंध
(iv) ‘समुद्र किनारे ठंडी और भीगी बयार चल रही थी।’ – इस वाक्य में विशेषण पदबंध है-
(क) समुद्र किनारे ठंडी
(ख) किनारे ठंडी
(ग) ठंडी और भीगी
(घ) ठंडी और भीगी बयार
उत्तर:
(क) समुद्र किनारे ठंडी
(v) ‘लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले आप आज खामोश क्यों हैं?” – वाक्य में रेखांकित पदबंध हैः
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(ख) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) ‘पारिवारिक संतापों से मुक्ति पाने के लिए मीरा ने घर-द्वार छोड़ दिया था।’ – रचना की दृष्टि से यह वाक्य है-
(क) मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(ख) सरल वाक्य
(ii) ‘मैं लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।’ – इसका संयुक्त वाक्य बनेगा-
(क) जैसे ही मैं लताड़ सुनता आँसू बहाने लगता।
(ख) मैं लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता।
(ग) मैं जब लताड़ सुनता तब आँसू बहाने लगता।
(घ) मेरे द्वारा लताड़ सुनकर आँसू बहाए जाने लगते।
उत्तर:
(ख) मैं लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता।
(iii) कॉलम-1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1. | अपने ऊपर पैदा हुआ विश्वास फिर से लुप्त हो गया। | (i) | संयुक्त वाक्य |
2. | अपने ऊपर विश्वास पैदा हुआ और फिर लुप्त हो गया। | (ii) | सरल वाक्य |
3. | अपने ऊपर जो विश्वास पैदा हुआ था वह फिर लुप्त हो गया। | (iii) | मिश्र वाक्य |
विकल्प
(क) 1. (ii), 2. (i), 3. (iii)
(ख) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(ग) 1. (iii), 2. (ii), 3. (i)
(घ) 1. (ii), 2. (iii), 3. (i)
उत्तर:
(क) 1. (ii), 2. (i), 3. (iii)
(iv) “जैसे ही वामीरो कुछ सचेत हुई , वह घर की तरफ़ दौड़ पड़ी।” – रचना की दृष्टि से यह वाक्य है-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) साधारण वाक्य
(घ) मिश्र वाक्य
उत्तर:
(घ) मिश्र वाक्य
व्याख्यात्मक हल:
जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
(v) “ग्वालियर में जो हमारा मकान था उसके दालान में दो रोशनदान थे।” – इसका संयुक्त वाक्य बनेगा-
(क) ग्वालियर में हमारा मकान था और उसके दालान में दो रोशनदान थे।
(ख) हमारे ग्वालियर वाले मकान में दो रोशनदान थे।
(ग) जब हम ग्वालियर थे हमारे मकान में दो रोशनदान थे।
(घ) ग्वालियर में हमारा एक मकान था जिसके दालान में दो रोशनदान थे।
उत्तर:
(क) ग्वालियर में हमारा मकान था और उसके दालान में दो रोशनदान थे।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) “राज्य व्यवस्था’ समस्त पद का सही समास-विग्रह और समास का नाम होगा- ह।
(क) राज्य की व्यवस्था – तत्पुरुष समास
(ख) राजा की व्यवस्था – तत्पुरुष समास
(ग) राजा के लिए व्यवस्था – कर्मधारय समास
(घ) राज्य में व्यवस्था – कर्मधारय समास
उत्तर:
(क) राज्य की व्यवस्था – तत्पुरुष समास
(ii) ‘निस्संदेह’ समस्त पद कौन-से समास का उदाहरण है?
(क) कर्मधारय समास
(ख) अव्ययीभाव समास
(ग) इंद्व समास
(घ) बहुब्रीहि समास
उत्तर:
(ख) अव्ययीभाव समास
व्याख्यात्मक हल:
जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त क्रिया पद विशेषण अव्यय हो उसे अव्ययी भाव समास कहते हैं।
(iii) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
समस्त पद | समास |
1. पीताम्बर | कर्मधारय समास |
2. घनश्याम | द्विगु समास |
3. त्रिकोण | अव्ययीभाव समास |
4. नवगीत | तत्पुरुष समास |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) (i) और (ii)
(ख) केवल (ii)
(ग) केवल (i)
(घ) (iii) और (iv)
उत्तर:
(ग) केवल (i)
(iv) ‘चार मासों का समूह’ विग्रह का समस्त पद है-
(क) चोमासा
(ख) चौमासा
(ग) चौमाँसा
(घ) चार मास
उत्तर:
(ख) चौमासा
(v) “यथानियम’ समस्त पद का विग्रह है-
(क) जितना नियम हो
(ख) जब नियम हो
(ग) नियम के अनुसार
(घ) नियम के समान
उत्तर:
(ग) नियम के अनुसार
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छ: बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए-
(क) लाज रखना-शर्म रखना
(ख) लाज रखना-सम्मान की रक्षा करना
(ग) लाज रखना-लज्जा रखना
(घ) लाज रखना-साहस की रक्षा करना
उत्तर:
(ख) लाज रखना-सम्मान की रक्षा करना
(ii) ‘व्यापार में नुकसान की मार झेल रहे हीरालाल से, उधार दी गई राशि माँगना, ……………. ‘के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) घाव पर नमक छिड़कना
(ख) सिर पर सवार होना
(ग) सिर पर चढ़ना
(घ) हाथ धोकर पीछे पड़ना
उत्तर:
(ख) सिर पर सवार होना
(iii) “अँधियारा मिटना’ मुहावरे का अर्थ है-
(क) उजाला होना
(ख) प्रकाश आना
(ग) अंधकार दूर होना
(घ) अज्ञान समाप्त होना
उत्तर:
(घ) अज्ञान समाप्त होना
(iv) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा?
मार्ग में चाहे कितनी भी मुसीबतें खड़ी हों कर्मयोगी मंजिल प्राप्त करके ही रहते हैं।
(क) काँटे बिछाना
(ख) फूल बिछाना
(ग) राह न सूझना
(घ) आसमान के तारे तोड़ना
उत्तर:
(क) काँटे बिछाना
(v) निम्नलिखित में दुःखी होना’ अर्थ को व्यंजित करने वाला मुहाबरा है-
(क) आँखों में तैरना
(ख) आँख भर आना
(ग) आँख आना
(घ) आँखें बचाना
उत्तर:
(ख) आँख भर आना
व्याख्यात्मक हल:
दुःखी होना ‘अर्थात्’ आँखें भर आना’ अर्थ को व्यंजित करने वाला मुहावरा है।
(vi) ‘घर के बाहर साँप को देखकर मेरे ………….. गए।’ रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे द्वारा कीजिए-
(क) बाल-बाल बचना
(ख) चेहरे की हवाइयाँ उड़ना
(ग) छठी का दूध याद आना
(घ) हाथ-पाँव फूलना
उत्तर:
(घ) हाथ-पाँव फूलना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफिले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
(i) ‘राह कुर्बानियों की न वीरान हो’ – से क्या तात्पर्य है?
(क) सैनिक सोच-समझकर आगे बढ़ें।
(ख) सैनिक देश के बारे में सोचते रहें।
(ग) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे।
(घ) बलिदानी सैनिक आगे बढ़ने की सोच में रहें।
उत्तर:
(ग) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे।
व्याख्यात्मक हल:
बलिदानी सैनिक अन्य सैनिक साथियों को कहता है-मेरे सैनिक साथियों ! हमने देश के लिए जो बलिदान दिए हैं, उसकी राह कभी सूनी नहीं होनी चाहिए।
(ii) सैनिक किसे सजाने के लिए कह रहे हैं?
(क) देश की कुर्बानियों को।
(ख) भारतमाता को।
(ग) जश्न मनाने वालों को।
(घ) बलिदानी सैनिकों के काफिलों को।
उत्तर:
(घ) बलिदानी सैनिकों के काफिलों को।
(iii) ‘सर पर कफन बाँधने’ के माध्यम से किस ओर संकेत किया गया है?
(क) सिर बचाने की ओर
(ख) देश पर बलिदान होने की ओर
(ग) जीवित रहने की ओर
(घ) सिर पर मुकुट बाँधने की ओर।
उत्तर:
(ख) देश पर बलिदान होने की ओर
व्याख्यात्मक हल:
‘सर पर कफ़न बाँधने’ के माध्यम से देश पर बलिदान होने की ओर संकेत किया गया है।
(iv) ‘फतह का जश्न’ से क्या तात्पय है?
(क) आगे बढ़ने की खुशी
(ख) मृत्यु की खुशी
(ग) जीत की खुशी
(घ) बलिदान की खुशी
उत्तर:
(ग) जीत की खुशी
(v) काफ़िलों से कवि का क्या तात्पर्य है?
(क) न्याय समिति का जत्था
(ख) यात्रियों का समूह
(ग) स्वयं सेवकों का दल
(घ) वीर वाहिनी
उत्तर:
(ख) यात्रियों का समूह
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) तोप के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?
(क) हमारे पूर्वज शक्तिशाली थे
(ख) हम तोपों से नहीं डरते
(ग) पूर्व की गलतियों को न दोहराने का
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ग) पूर्व की गलतियों को न दोहराने का
व्याख्यात्मक हल:
तोप के माध्यम से कवि ने यह संदेश दिया है कि हमें पूर्व की गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए बल्कि हमें किसी पर अत्याचार नहीं करना चाहिए।
(ii) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए कि कवि ने किसे बड़ा भाग्यहीन माना है ?
(क) कवि ने घैर्यवान व्यक्ति को भाग्यहीन माना है।
(ख) कवि ने अधीर व्यक्ति को भाग्यहीन माना है।
(ग) कविने गर्व से युक्त व्यक्ति को भाग्य हीन माना है।
(घ) कवि ने मदांध व्यक्ति को भाग्यहीन माना है।
उत्तर:
(ख) कवि ने अधीर व्यक्ति को भाग्यहीन माना है।
व्याख्यात्मक हल:
कवि कहता है कि ईश्वर के हाथ इतने विशाल हैं जो सब पर दया बरसाते हैं, लेकिन जो व्यक्ति उन पर विश्वास नहीं करता, अधीर रहता है, बेचैन रहता है वह बड़ा भाग्यहीन व्यक्ति होता है। ईश्वर के रहते घबराना नहीं चाहिए।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँग अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँग की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी। एक शाम तताँरा दिन भर के अथक् परिश्रम के बाद समुद्र किनारे टहलने निकल पड़ा। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले डूबने को था। समुद्र से ठंडी बयारें आ रही थीं। पक्षियों की सायंकालीन चहचहाटें शनै:-शनै: क्षीण होने को थीं। उसका मन शान्त था। विचार मग्न तताँरा समुद्री बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहारने लगा। तभी कहीं पास से उसे मधुर गीत गूँजता सुनाई दिया। गीत मानो बहता हुआ उसकी तरफ़ आ रहा हो।
(i) ततारा कैसी पोशाक पहनता था?
(क) आधुनिक
(ख) साधारण
(ग) पारंपरिक
(घ) ये सभी।
उत्तर:
(ग) पारंपरिक
व्याख्यात्मक हल:
ततारा पारम्परिक पोशाक पहनता था। वह हमेशा पारंपरिक पोशाक के साथ अपनी कमर में एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता था।
(ii) लोगों का तताँरा के साथ रहने के कारणों पर विचार कीजिए और उचित विकल्प का चयन कीजिए। है।
(1) आकर्षण व्यक्तित्व के कारण
(2) आत्मीय स्वभाव के कारण
(3) पारंपरिक पोशाक के कारण
(4) अपनी तलवार के कारण
विकल्प:
(क) (1) और (2)
(ख) केवल (1)
(ग) (3) और (4)
(घ) केवल (4)
उत्तर:
(क) (1) और (2)
(iii) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए, उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए:
कथन (A) : समुद्र से ठण्डी बालू निकल रही है।
कारण (R) : समुद्र से ठण्डी हवाएँ आ रही हैं।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं।
(ख) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(घ) कथन (A) सही तथा कारण (R) गलत है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) गलत तथा कारण (R) सही है।
(iv) समुद्र किनारे तताँरा को क्या सुनाई दिया?
(क) पक्षियों की चहचहाहट
(ख) लहरों का शोर
(ग) हवाओं की सरसराहट
(घ) मधुर गीत।
उत्तर:
(घ) मधुर गीत।
व्याख्यात्मक हल:
समुद्र किनारे तताँगा को मधुर गीत सुनाई दिया।
(v) तताँरा किसे अपने से कभी अलग नहीं करता था?
(क) पारंपरिक पोशाक को
(ख) संगीत को
(ग) तलवार को
(घ) द्वीप को।
उत्तर:
(ग) तलवार को
व्याख्यात्मक हल:
तताँरा तलवार को अपने से कभी अलग नहीं करता था। उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘डायरी का एक पन्ना’ से मेल खाते हैं-
(1) हरीशचंद्र सिंह ने ध्वज मोनुमैंट के नीचे फहराया।
(2) हरीशचंद्र सिंह ने ध्वज स्टागर सुंदरी पार्क में फहराया।
(3) हरीशचंद्र सिंह ने ध्वज श्री मंतानंद पार्क में फहटराया।
(4) कोई वाक्य मेल नहीं खाता
विकल्प:
(क) केवल (1)
(ख) (1) और (2)
(गे) (3) और (1)
(घ) केवल (4)
उत्तर:
(क) केवल (1)
व्याख्यात्मक हल:
मुख्य सभा शाम के समय मोनुमैंट के नीचे प्रस्तावित थी। हरीशचंद्र सिंह ने मोनुमैंट के नीचे ध्वज फहराया।
(ii) लेखक की माँ ने दिन भर रोजा क्यों रखा?
(क) कबूतर का अण्डा टूट जाने के कारण
(ख) रमजान होने के कारण
(ग) झूठ बोलने के कारण
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) कबूतर का अण्डा टूट जाने के कारण
व्याख्यात्मक हल:
ग्वालियर में लेखक के एक मकान के रोशनदान में कबूतर के जोड़े ने दो अण्डे दिए थे जिनमें से एक को बिल्ली ने तोड़ दिया। लेखक की माँ ने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अण्डे को बचाने की कोशिश की लेकिन दूसरा अण्डा उन्हीं के हाथ से टूट गया। माँ ने इसी गुनाह को खुदा से माफ़ कराने के लिए रोज़ा रखा। दिन भर कुछ खाया-पिया नहीं सिर्फ रोती रहीं।
खण्ड ब’ वर्णनात्मक – प्रश्न
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में आपने पढ़ा कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल दर्जे से पास हो रहा था और बड़े भाई साहब असफ़ल, फिर भी वह बड़े भाई की नजरों से बचकर अपने खेल संबंधी शौक पूरे करता था। इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे ?
उत्तर:
बड़े भाईसाहब के असफल होने के बाद भी अव्वल दर्जा लाने वाले छोटे भाई को डाँटते-फटकारते उसके खेलने जाने पर रोक लगाते हुए वो उसे उम्र का तजुर्बा व घरवाले नसीहत देकर समझाते हैं कि खेल भविष्य के लिए लाभकारी नहीं है। इसे खेलकर उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। इन सभी कारणों से बचने के लिए छोटा भाई बड़े भाई की नजरों से छुषकर अपने खेल संबंधी शौक पूरे करता था।
(ii) लेफ्टीनेंट को कैसे पता चला कि हिन्दुस्तान में सभी अंग्रेज़ी शासन को नष्ट करने का निश्चय कर चुके हैं?
उत्तर:
जब लेफ्टीनेंट को कर्नल से यह पता चला कि कम्पनी के खिलाफ़ केवल वजीर अली ही नहीं, बल्कि दक्षिण में टीपू सुल्तान और बंगाल के नवाब का भाई शमसुददौला भी अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ़ हैं और इन तीनों ने ही अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज॒मा को हिन्दुस्तान पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया है। लेफ्टीनेंट को ऐसा लगा कि कम्पनी के खिलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है अवध से लेकर बंगाल तक सभी अंग्रेजी शासन को नष्ट करने का निश्चय कर चुके हैं।
(iii) शैलेन्द्र के गीतों की विशेषताओं के बारे में बताइए।
उत्तर:
शैलेन्द्र के गीतों की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-शैलेन्द्र एक कवि थे और गीतकार भी थे। वे लम्बे समय तक फ़िल्म इण्डस्ट्री से जुड़े रहे परन्तु उन्होंने कभी भी उसमें उलझकर अपनी अहमियत को नहीं खोया। वे दर्शकों की रुचि की आड़ में उधलेपन को उन पर नहीं थोपते थे। वह गीत-संगीत के माध्यम से उपभोक्ता की रुचियों का परिष्कार करने का प्रयत्ल करते थे। उन्होंने अच्छे गीत लिखे जो समाज में लोकप्रिय हुए। उनके गीत भाव-प्रवण थे-दुरुह नहीं उन्होंने सरल व सहज भाषा में गीत लिखे। मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी……’ जैसे गीत शैलेन्द्र ही लिख सकते थे। शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की गहराई लिए हुए।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) अपने अंदर का दीपक दिखाई देने पर कौन-सा अँधियारा कैसे मिट जाता है ? कबीर की साखी के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कबीरदास के अनुसार अहंकारी व्यक्ति को ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती क्योंकि अहंकारी व्यक्ति स्वयं को सर्वोपरि मानता है परन्तु जब उसके अन्दर ज्ञान रूपी दीपक का प्रकाश फैलता है, तब उसके अन्दर का अहंकार रूपी अंधकार समाप्त हो जाता है और मानव मन के सारे भ्रम, क्लेश, संदेह व परेशानियाँ समाप्त हो जाती हैं। ज्ञान रूपी दीपक का प्रकाश फैलने पर व्यक्ति ईश्वर-प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर हो जाता है।
(ii) कंपनी बाग और तोप को विरासत क्यों माना गया ?
उत्तर:
कंपनी बाग और तोप-ये दोनों अंग्रेजों की विरासत हैं। इन दोनों का उपयोग भारतीय जनता के लिए किया गया। एक ओर ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की जनता को खुशहाल बनाने के लिए हर नगर में कंपनी बाग बनवाएं। इससे जनता प्रसन्न हुई। दूसरी ओर, कंपनी ने जनता के विद्रोह को दबाने के लिए उन्हें अपना गुलाम बनाने के लिए उन पर तोपें दगवाईं। ये दोनों विरासतें भारतीय जनता को सावधान करती हैं। ये कहती हैं कि विदेशी कंपनियों द्वारा दिए गए आकर्षणों में न फँसो। एक दिन ये तुम्हें गुलाम बना डालेंगी। तुम्हें फिर से इनकी तोपों से दाग दिया जाएगा।
(iii) आत्तत्राण कविता के द्वारा कवि क्या कहना चाहता है? उसका संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विपदाओं से भयभीत न हों।
किसी सहायक के न मिलने पर भी बल-पौरुष बनाए रखें।
लोगों द्वारा छले जाने पर भी मन से हार न मानें।
सुख के दिनों में भी ईश्वर को याद रखें।
ईश्वर के प्रति मन में कभी भी संदेह न रखें।
व्याख्यात्मक हल :
आत्मत्राण’ कविता के द्वारा कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने हमें विपत्तियों से न घबराने का संदेश दिया है। भले ही कोई सहायक न मिले पर हम साहस बनाए रखें। यदि कोई हमें धोखा दे या छल-कपट करे तो भी मन से हमें हार नहीं माननी चाहिए। सुख के दिनों में भी सदैव ईश्वर को याद रखें और कभी ईश्वर के प्रति मन में अविश्वास और संदेह की भावना न लाएँ–यही संदेश इस कविता से हमें प्राप्त होता है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ़्फुन के घर और उसकी दादी से क्यों था? दोनों के अंजान, अटूट रिश्ते के बारे में मानवीय मूल्यों की दृष्टि से अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
टोपी के घर वालों ने जब टोपी के व्यवहार में इफ़्फ़न का प्रभाव देखा तो उन्होंने उसे इफ़्फन के घर जाने से मना कर दिया था परंतु टोपी का लगाव इफ्फून की दादी से था। वह जब भी इफ़्फ़न के घर जाता तो उसकी दादी के पास ही बैठने की कोशिश करता था। इफ़्फ़न की बाजी और अम्मी उसकी बोली पर हँसी तो दादी ही बीच-बचाव करते हुए टोपी की भाषा में उन्हें डाँटती थी। वह बड़े स्नेह और आत्मीयता से उससे बात करती थी। टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग जाति और मजृहब के थे मगर दोनों अटूट रिश्ते से बँधे थे। प्यार का बंधन किसी जाति और धर्म को नहीं मानता। जब दिल से दिल मिलता है तो जाति और धर्म बेमानी हो जाते हैं। दादी ने टोपी के दिल को पहचाना और टोपी ने दादी के प्यार को माना। इस प्रकार दोनों में एक ‘पाक-साफ़ रिश्ता बना। इफ्फ़न की दादी के आँचल में टोपी अपना अकेलापन भूल जाता था। दादी को भी टोपी के साथ अपनेपन
का अहसास होता था।
(ii) हरिहर काका अनपढ़ थे लेकिन अपने अनुभव और विवेक से दुनिया को बेहतर समझते थे, उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
अथवा
अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की अच्छी समझ रखते हैं।’ कहानी के आधार पर सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका, अपने अनुभव और विवेक से दुनिया की बेहतर समझ रखते थे। आरंभ में वे महंत की बातों और प्रलोभनों से प्रभावित हुए, शीघ्र ही उन्हें इस बात का आभास हो गया कि महंत की अपेक्षा उनके भाई-भतीजे बेहतर हैं। इस प्रकार उनका महंत के प्रति विश्वास कम होने लगा। कालांतर में वे यह भी समझ गए कि दोनों ही उनकी आवभगत ज़मीन अपने नाम कराने के लिए कर रहे हैं, जैसे ही जमीन अपने नाम लिखवा लेंगे वैसे ही बे उन्हें दूध में से मकखी की तरह निकाल फैंकेंगे। वे ज़मीन-ज़ायदाद के मुद्दे पर जागरूक हो गए थे क्योंकि उन्हें गाँव के कुछ उन लोगों की दुर्दशा का पता था जिन्होंने जीते जी अपनी ज़मीन दान में दी या किसी संबंधी के नाम पर लिखवा दी। वे सीधे-सादे और भोले किसान की अपेक्षा चतुर और ज्ञानी की तरह दुनिया को समझ गए थे। बाद में चतुर व्यक्ति की तरह उन्होंने निर्णय लिया कि वे अकेले रहेंगे, पर ज़मीन किसी के
नाम नहीं करेंगे।
(iii) “स्कूल हमारे लिए ऐसी जगह न थी जहाँ खुशी से भागे जाएँ” फिर भी लेखक और साथी स्कूल क्यों जाते थे? आज के स्कूलों के बारे में आपकी क्या राय है? क्यों ? विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
स्कूल जाने के कारण
- परेड में अच्छा करने पर पी. टी. सर से शाबाशी पाने की लालसा
- स्काउट की परेड करते समय नीली-पीली झंडियों को ऊपर-नीचे करते हुए आनंद की अनुभूति
- स्कूल के रास्ते पर खड़े अलियार की झाड़ियों से सौंधी महक आना
(शेष प्रश्न के लिए छात्रों के उपयुक्त मत पर अंक दें)
व्याख्यात्मक हल :
“स्कूल हमारे लिए ऐसी जगह न थी जहाँ खुशी से भागे जाएँ” ‘सपनों के से दिन’ पाठ में लेखक को बचपन में स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि उसे कक्षा कार्य व अध्यापक द्वारा सिखाए गए सबक कभी याद नहीं होते थे और न ही उसे गृह कार्य करने में रुचि थी। फिर भी स्काउटिंग का अभ्यास करते समय उन्हें स्कूल अच्छा लगने लगता था। जब वे नीली-पीली झंडियाँ लेकर पी. टी. सर की सीटी पर या वन-टू-प्री कहने पर झंडियाँ ऊपर-नीचे या दाएँ-बाएँ करते थे तो उन्हें बहुत अच्छा लगता था। खाकी वर्दी और गले में दोरंगा रूमाल लटकाना भी उन्हें अच्छा लगता था। विशेष रूप में जब पी.टी. मास्टर उन्हें शाबाशी देते थे तो उन्हें स्कूल बहुत अच्छा लगने लगता था। साथ ही स्कूल जाते समय रास्ते में खड़े अलियार की झाड़ियों से आती सौंधी महक बहुत अच्छी लगती। स्कूलों के बारे में मेरी राय है कि शारीरिक दंड पर रोक लगाना बहुत आवश्यक कृदम है। बच्चों को विद्यालय में शारीरिक दंड से नहीं अपितु मानसिक संस्कार द्वारा अनुशासित करना चाहिए। इसके लिए पुरस्कार, प्रशंसा, निंदा आदि उपाय अधिक ठीक रहते हैं क्योंकि डर से बच्चा कभी भी अपनी समस्या अपने शिक्षक के समक्ष नहीं रख पाता है। उसे सदैव यही भय सताता रहता है कि यदि वह अपने अध्यापक को अपनी समस्या बताएगा तो उसके अध्यापक कहीं उसकी पिटाई न कर दें जिसके कारण वह बच्चा दब्बू किस्म का बन जाता है। इसके स्थान पर यदि उसे स्नेह से समझाया जाएगा तो वह सदैव अनुशासित रहेगा और ठीक से पढ़ाई भी करेगा और वह नियम से रोज़ाना विद्यालय आएगा।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) स्वदेशी अपनाओ
क्या, आवश्यकता क्यों ?, देश की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव, सुझाव
उत्तर:
स्वदेशी अपनाओ
स्वदेशी का अर्थ है- “अपने देश का’ अथवा “अपने देश में निर्मित ‘। हमें स्वदेशी साधनों के उपयोग पर बल देना चाहिए। आज के दौर में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की जुरूरत फिर से महसूस होने लगी है, क्योंकि आज के समय में वही देश विकसित है, जिनके यहाँ जुरूरत के सामान खुद देश में बनते हैं, ऐसे में यदि हम सुई से लेकर जहाज तक जैसी वस्तुओं के लिए यदि दूसरे देशों पर निर्भर रहेंगे, तो स्वाभाविक-सी बात है, वे देश हमारी निर्भरता को कमजोरी मानकर जुरूर फ़ायदा उठाएँगे और मनमाने दाम पर इन वस्तुओं को बेचेंगे और हमें मजबूरी में इन वस्तुओं को ऊँचे दाम पर खरीदना भी पड़ेगा। ऐसा तभी संभव है जब सभी देशवासी इस बात पर बल दें कि सभी स्वदेशी साधनों की तरफ़ जागरूक हों और अपने देश में बनी हुई चीजें खरीदें, यदि यहाँ की बनी हुई चीज़ों की डिमांड बढ़ती है तो निश्चित ही यहाँ के लोगों को इन चीजों को बनाने में ज़्यादा से ज़्यादा रोज़गार भी मिलेगा, यानि डिमांड और सप्लाई के जरिए ‘स्वदेशी अपनाओ’ आन्दोलन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
(ii) सोशल मीडिया का मायाजाल और युवा
सोशल मीडिया क्या ?, युवाओं पर प्रभाव, मायाजाल कैसे, बचाव हेतु सुझाव
उत्तर:
सोशल मीडिया का मायाजाल और युवा
सोशल मीडिया बहुत ही सशक्त माध्यम है और इसका प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ता है। आज सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव युवाओं के मध्य सबसे अधिक देखने को मिलता है। युवा अब शारीरिक खेलों और मनोरंजन के बजाय वीडियो गेम, यूट्यूब आदि का प्रयोग अधिक करते हैं, जिससे युवा वर्ग शारीरिक और मानसिक तौर पर कमजोर हो रहा है। सोशल मीडिया एक ऐसा मायाजाल है जो हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है। इसके माध्यम से हमारे देश के युवा इस देश के भविष्य की अर्थव्यवस्था को बना या बिगाड़ सकते हैं, वहीं सोशल नेटवर्किंग साइटस पर अधिक सक्रिय रहना भी उनके ऊपर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। युवाओं
‘को यह बात ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया की चकाचौं ध को खुद पर हावी ना होने दें , यहाँ हर पोस्ट पर मिलने वाले लाइक्स, कमेंट आपकी जान से ज़्यादा कीमती नहीं हैं, सोशल मीडिया उपयोग करते समय यह विशेष ध्यान रखें कि किसी भी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें और किसी से भी अपनी प्राइवेट जानकारी शेयर ना करें।
(iii) लड़का-लड़की एकसमान
इस सोच की आवश्यकता क्यों ?, लडकियों को बढ़ावा कैसे ?, देश-समाज पर प्रभाव, सुझाव
उत्तर:
लड़का-लड़की एकसमान
हम सभी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, हमारे समाज में लड़का और लड़की दोनों प्रजाति के लोग निवास करते हैं, हमारे समाज और देश को चलाने के लिए लड़का और लड़की दोनों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। पहले लोग लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक महत्त्व देते थे। इसका यह कारण था कि लड़कों को बाहर जाना पड़ता था और नौकरी करनी पड़ती थी इसलिए उन्हें अधिक देखभाल और अधिक शक्ति की आवश्यकता थी। लड़कियों को बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। उन्हें घरों के अंदर रहना पड़ता था और घरेलू काम करना पड़ता था लड़कों को शिक्षा दी जाती थी लेकिन लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। लड़कियों को समाज में लड़कों से कम माना जाता है तथा लड़कियों को केवल घर के कामों के योग्य समझा जाता है। यह बिल्कुल सही नहीं है, लोगों को ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए और लड़कियों को भी लड़कों के समान सभी क्षेत्र में अवसर प्रदान करने चाहिए। लड़कों को कहीं भी आने-जाने का अधिकार दिया जाता है उसी प्रकार लड़कियों को भी बिना रोक-टोक के अधिकार देने चाहिए ताकि लड़कियाँ भी देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
आज हमारे सम्मुख एक शिक्षित समाज है। लोगों के विचार बदल गए हैं। लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है। उन्हें लड़कों के समान महत्त्व दिया जाता है, क्योंकि यह समय की माँग है। लोग जानते हैं कि एक लड़की को शिक्षित करना पूरे देश को शिक्षित करने जैसा है। इसलिए लड़कियाँ शिक्षा लें। वे नौकरी करती हैं। वे हर तरह की परिस्थितियों को सँभालने में सक्षम हैं। भारत में साक्षरता दर बढ़ने के साथ ही, लड़कियों की स्थिति दिन-ब-दिन बदल रही है। सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई गई हैं जो बालिका शिक्षा को बढ़ावा देती हैं। इसी प्रकार के बदलाव से आने वाले भविष्य में लड़की और लड़के के बीच का अंतर कम हो जाएगा।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में औपचारिक पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) आप अर्णव/अरनी हैं और क.ख.ग. नगर के/की निवासी हैं। आपके क्षेत्र के बाजारों में प्रतिबंधित होने के बावजूद प्लास्टिक शैलियों का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए नगर निगम अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। |
उत्तर:
क-. ख. ग. नगर, आगरा
दिनांक xx/xx/xxxx
सेवा में,
नगर निगम अधिकारी महोदय,
विषय- प्रतिबंधित प्लास्टिक थैलियों के धड़ल्ले से हो रहे प्रयोग पर रोक लगवाने हेतु।
मान्यवर
निवेदन है कि मैं कमला नगर, आगरा शहर का एक सजग नागरिक हूँ। पर्यावरण के प्रति सचेत होने के नाते मैं आपको अपनी चिंताओं से अवगत कराना चाहता हूँ कि सरकार पिछले कुछ वर्षों से प्लास्टिक की थैलियाँ रोकने का प्रयास कर रही है। सरकार की ओर से सख्त निर्देश भी जारी किए गए हैं, कभी कभार छापे भी डाले गए, इससे छोटे-छोटे दुकानदारों में हड़कंप तो मचा, किन्तु कुछ हल नहीं निकल सका, समस्या ज्यों-की-त्यों है। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग करने वालों पर कड़ी-से-कड़ी कार्यवाही करें तथा जुर्माना भी लगाएँ।
आशा है आप इस पर विचार अवश्य करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
अर्णब
अथवा
(ii) आप भुवन गुलेरिया/भावना गुलेरिया हैं और अ.ब.स. नगर में रहते/रहती हैं। आपके क्षेत्र के पार्क को लोगों ने सार्वजनिक धरना-प्रदर्शन का केन्द्र बना दिया है जिससे वहाँ के निवासियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या की ओर संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘जागरूक ‘ समाचार-पत्र, मुंबई के संपादक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
अ. ब. स. नगर, मुम्बई
सेवा में
संपादक महोदय
जागरूक समाचार पत्र
विषय – पार्क में हो रहे सार्वजनिक धरना-प्रदर्शन की समस्या से निवारण पाने हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं अ.ब.स. नगर की निवासी भावना गुलेरिया अपने क्षेत्र की तरफ़ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ कि हमरे क्षेत्र के पार्क में कुछ प्रमुख लोगों ने अपने अधिकारों का अनुचित प्रयोग कर उसे सार्वजनिक धरना-प्रदर्शन केंद्र बना दिया है, जिससे मोहल्ले वासियों को गुंडागर्दी, मार-पीट एवं शोर-शराबे जैसी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अतः आपके माध्यम से मैं यह चाहती हूँ कि आप अपने पत्र में इस समस्या को उजागर करते हुए संबंधित अधिकारियों तक इस समस्या को पहुँचाकर स्थानीय लोगों को सुविधा मुहैया कराने में मदद करें।
धन्यवाद
प्रार्थी
भावना गुलेरिया
दिनांक 20/xx/xxxx
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 × 1 = 4)
(i) आप मोहन चटर्जी/मोहिनी चटर्जी हैं और सर्व शिक्षा विद्यालय के विद्यार्थी परिषद् के/की अध्यक्ष/अध्यक्षा हैं। अपने विद्यालय में आयोजित होने वाली साइबर-सुरक्षा कार्यशाला संबंधी जानकारी विद्यार्थियों तक पहुँचाने के लिए एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
सर्व शिक्षा विद्यालय, ————-
xx/xx/xxxx
साइबर सुरक्षा कार्यशाला
सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य साइबर क्राइम से आपको जागरूक करना है। आज कल साइबर क्राइम अधिकतर बढ़ते जा रहे हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। साइबर क्राइम से बचने के लिए इस कार्यशाला में सुरक्षा विशेषज्ञ को आमंत्रित किया गया है।
समय एवं अन्य विवरण इस प्रकार है-
दिनांक एवं समय – xx/xx/xxxx
समय प्रात: x बजे से xx बजे तक
स्थान – विद्यालय प्रांगण
मुख्य आकर्षण – नृत्य नाटिका प्रदर्शन
मोहन चटर्जी
अध्यक्ष
विद्यार्थी परिषद
अथवा
(ii) आप निवासी कल्याण संघ के/की सचिव अरुण पटनायक/अरुणा पटनायक हैं। आपकी सोसायटी में शास्त्रीय नृत्य-संगीत की कक्षाएँ शुरू होने वाली हैं। इन कक्षाओं में भाग लेने के इच्छुक लोगों के लिए एक सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
कल्याण संघ, सोसाइटी
सूचना
xx/xx/xxxx
शास्त्रीय नृत्य संगीत कक्षा
सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि हमारी सोसाइटी में शास्त्रीय नृत्य संगीत कक्षाएँ शुरु की जा रही हैं जिसमें सभी उम्र के लोगों को नृत्य सिखाया जाएगा। आगामी दिनों में राज्य स्तर पर शास्त्रीय नृत्य संगीत की प्रतियोगिता होने वाली है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए शास्त्रीय नृत्य संगीत की कक्षाएँ शुरू की गई हैं।
इच्छुक व्यक्ति दिए गए पते पर संपर्क करें-
दिनांक एवं समय – xx/xx/xxxx से xx/xx/xxxx तक
समय प्रात: x बजे से xx बजे तक
स्थान – सोसाइटी हॉल
मुख्य आकर्षण – रविवार को मुफ़्त प्रदर्शन
सचिव
अरुण पटनायक
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- (3 × 1 = 3)
(i) डेंगू- मलेरिया के प्रकोप से बचाव हेतु लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कौजिए।
उत्तर:
अथवा
(ii) सोलर पंखे बनाने वाली संस्था सूर्य-शक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में लघुकथा/ई-मेल लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) ‘जहाँ चाह, वहाँ राह’ शीर्षक पर लगभर 100 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
उत्तर:
एक छात्र था जो हर परीक्षा में सिर्फ़ पास होने भर के नंबर हासिल कर पाता था। मगर औसत नंबर लाने के बावजूद, वह हमेशा एक डॉक्टर बनना चाहता था। उसके दोस्त उसकी आकांक्षा पर हमेशा हँसते हुए कहते थे कि केवल अच्छे छात्र ही डॉक्टर बन सकते हैं। हालाँकि उसे बुरा लगता था, लेकिन वो कभी इस बात की शिकायत नहीं करता और हर आलोचना को अच्छी भावना से लेता। एक-एक दिन करके वर्षों बीत गए, लेकिन वह डॉक्टर बनने की अपनी आकांक्षा को अपने मन से नहीं निकाल सका। एक बार कुछ ऐसा हुआ कि एक टीवी शो के दौरान उसने एक शिक्षक को यह कहते हुए सुना-“जहाँ चाह है वहाँ राह है’ उसने देखा कि यह कहावत आश्चर्यजनक रूप से प्रेरणादायक है और वह खुद इसे अपने जीवन से जोड़ सकता है। उस दिन लड़के ने महसूस किया कि उसके पास डॉक्टर बनने की इच्छाशक्ति है, लेकिन उसे थोड़ा और मुखर होने और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उसने दिन-रात अध्ययन करना शुरू किया जैसे कि उसकी एकमात्र इच्छा सिर्फ़ डॉक्टर बनने की ही थी इसलिए उसके पास कोई प्लान भी नहीं था। आखिरकार, उसकी कड़ी मेहनत और अनकही दृढ़ इच्छाशक्ति का फल मिला और वो डॉक्टर बन गया। वास्तव में “जहाँ चाह वहाँ राह”।
अथवा
(ii) आप धनुष सांगवान/धनुश्री सांगवान हैं। आपने ऑनलाइन लैपटॉप खरीदा है परंतु खरीदने के एक महीने के भीतर ही उसमें खराबी आ गई है। इस बात की जानकारी देते हुए तथा उत्पादन (लैपटॉप) को बदलने के आग्रह करते हुए कंपनी के ई-मेल पते पर ई-मेल लिखिए। [शब्द सीमा लगभग 100 शब्द]
उत्तर:
ई-मेल लेखन
From: [email protected]
To: [email protected]
CC…
BCC…
विषय- लैपटॉप में खराबी होने के कारण बदलवाने के सन्दर्भ में
महोदय,
मैं आपकी जानकारी में डालना चाहता हूँ कि चार दिन पहले आपकी कंपनी से मैंने ऑनलाइन लैपटॉप मँगवाया था जो कि कुछ तकनीकी खराबी के कारण उचित रूप से कार्य नहीं कर रहा है। उसमें आधी स्क्रीन नहीं चल रही है, उसका चालू करने वाला बटन भी सही रूप से कार्य नहीं कर रहा है। कई बार प्रयास करने पर बड़ी मुश्किल से लैपटॉप चालू किया। इस खराबी के कारण मेरा ऑफ़िस का कार्य रुका पड़ा हुआ है। अतः आप उसे बदल कर नया लैपटॉप भिजवाएँ जिससे मेरा काम सुचारू रूप से हो सके।