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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 3 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडो के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक – प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
बड़ा बनने के लिए हमें विशाल काम करने की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि प्रत्येक काम में विशालता के चिन्ह खोजने पड़ते हैं। अपने अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा को जन्म देना होता है। दुनिया में ज्ञान का जो बोलबाला है, उसमें हमारे कौतूहल की केन्द्रीय भूमिका है। अल्बर्ट आईस्टीन ने एक बार अपने साक्षात्कार में कहा था कि हमारी जिज्ञासा ही हमारे अस्तित्व का आधार है। बिना प्रश्न के हमारे जीवन में न तो गति आएगी और न कोई रस होगा। जब हम चिंतन करते हैं, तब नई बातें सामने आती हैं। कार्य करने का ही परिणाम है कि नई तकनीक ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी चीज़ें आज दुनिया में आ रही हैं। जब हम कहते हैं क्यों, कैसे, क्या, तब हमारे अन्दर की स्नायु प्राण ऊर्जा और संकल्प एक नई गति और उत्साह के साथ नवीनता की यात्रा करने लगते हैं।
हमें इस दुनिया की इतनी आदत पड़ चुकी है कि लीक से हटकर सोचना नहीं चाहते। कोई विभिन्नता नहीं, न ही कोई नवीनता है। यह कैसा जीवन है, जिसमें कोई कौतूहल नहीं कोई आश्चर्य नहीं ? इस जगत में हमारी स्थिति एक कौटाणु या विषाणु की तरह है, जो अपनी सुखमयी व्यवस्था में पड़े रहते हैं लेकिन जो स्वतंत्र होते हैं, वे हदय की आवाज सुनते हैं। जो बड़ा होना चाहते हैं, इस दुनिया और इसकी प्रत्येक घटना, वस्तु एवं स्थिति पर अपना आश्चर्य प्रकट करते हैं। प्रत्येक घटना और वस्तु से परे हटकर सोचने और उसको देखने की कोशिश जो करते हैं, वही बड़ा बनते हैं। जिज्ञासु मन और बुद्धि ही दर्शन और विज्ञान की दुनिया बनाते हैं।
(i) प्रत्येक काम में विशालता के चिन्ह खोजने से लेखक का अभिप्राय है-
(क) बड़ी सोच व्यक्ति को बड़ा बनने की प्रेरणा देती है |
(ख) प्रत्येक काम को महत्त्व देकर गहराई से समझें
(ग) प्रत्येक काम को करने के लिए सदैव तत्पर रहें
(घ) प्रत्येक काम का आयोजन बड़े पैमाने पर करें।
उत्तर:
(ख) प्रत्येक काम को महत्त्व देकर गहराई से समझें
व्याख्यात्मक हल:
किसी भी काम को करने से पहले उसके महत्त्व को गहराई से समझा जाए, तभी कार्य पूर्ण रूप से सफ़ल होता है।
(ii) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : जिज्ञासा ही हमारे अस्तित्व के आधार की परिचायक है।
कारण (R) : क्योंकि यह शारीरिक व मानसिक रूप से क्रियाशील रखती है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
व्याख्यात्मक हल:
जिज्ञासा ही शारीरिक व मानसिक रूप से हमको क्रियाशील बनाती है, नवीन ऊर्जा एवं स्फूर्ति प्रदान करती है।
(iii) अस्तित्व शब्द का अर्थ है-
(क) विद्यमानता
(ख) जिज्ञासु प्रवृत्ति
(ग) गतिमान
(घ) नवीनता
उत्तर:
(क) विद्यमानता
व्याख्यात्मक हल:
गद्यांश में प्रयुक्त ‘अस्तित्व’ शब्द का अर्थ विद्यमानता या मौजूदगी से है जैसे-हमारे अन्दर किसी भी वस्तु को देखने की जिज्ञासा विद्यमान है।
(iv) नवीनता की यात्रा करने से हम परम्परागत प्रणालियों से विमुख हो रहे हैं। नवीनता के पक्षधर के रूप में इसकी आवश्यकता के लिए उपयुक्त तर्क है-
(क) हमारी मानसिक स्थिति एक कीटाणु या विषाणु की तरह है।
(ख) हमारे शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक व राष्ट्रीय विकास के लिए है।
(ग) जो स्वतंत्र मानसिकता वाले होते हैं, वे दूसरों की आवाज़ सुनते हैं।
(घ) जब हम चिंतन करते हैं, तब नई बातें सामने आती हैं।
उत्तर:
(ख) हमारे शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक व राष्ट्रीय विकास के लिए है।
व्याख्यात्मक हल:
किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए जब हमारे अन्दर क्या, क्यों, कैसे आदि तर्क उत्पन्न होते हैं, तो मन में एक नई गति प्राप्त होती है, जो हमारे शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक व राष्ट्रीय विकास के लिए है।
(v) लीक से हटकर सोच को विकसित करने के लिए आवश्यक है-
(क) सुखमय व्यवस्था
(ख) हृदय की आवाज़ सुनना
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
(घ) दर्शन और विज्ञान की दुनिया।
उत्तर:
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
व्याख्यात्मक हल:
हमारे अंतर्मन में उठने वाली जिज्ञासा ही हमको लीक से हटकर बड़ी सोच को विकसित करने में सहायक होती है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए। (1 x 5=5)
तुलसी जैसा कवि काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साही नहीं हो सकता। उनका संत-हृदय परम कारुणिक राम के प्रति ही उन्मुख हो सकता है, जो जीवन के धर्ममय सौंदर्य, मर्यादापूर्ण, शील और आत्मिक शौर्य के प्रतीक हैं। विजय-रथ के रूपक में उन्होंने संत जीवन की रूपरेखा उभारी है और अपनी रामकथा को इसी संतत्व की चरितार्थता बना दिया है।
उनका काव्य भारतीय जीवन की सबसे बड़ी आकांक्षा मर्यादित जीवन-चर्या अथवा ‘संत-जीवन’ को वाणी देता है। धर्ममय जीवन की आकांक्षा भारतीय संस्कृति का वैशिष्टय है। तुलसी के काव्य में धर्म का अनाविल, अनावरण और अक्षुण्ण रूप ही प्रकट हुआ है। मध्य युग की आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका काव्य भारतीय आत्मा के चिरंतन सौदर्य का प्रतिनिधि है, जो सत्य, तप, करुणा और मैत्री में ही आरोहण के देवधर्मी मूल्यों को अनावृत करता है।
उनके काव्य में हमें श्रेष्ठ कवित्व ही नहीं मिलता, उसके आधार पर हम संत-कवित्व की रूपरेखा भी निर्धारित कर सकते हैं। भक्ति उनके जीवन की आंतरिक भाव-साधना है। इस भाव-साधना की वाणी की अप्रतिम क्षमता देकर उन्होंने निष्कंप दीपशिखा की भाँति अपनी काव्य-कला को नि:संग और निवैंयक्तिक दीप्ति से भरा है।
(क) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. तुलसी मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा शृंगारात्मक कवियों में अग्रणी हैं।
2. तुलसी जी एक सच्चे संत हैं।
3. तुलसी जी का काव्य भारतीय आत्मा के चिरंतन सौददर्य का प्रतीक है।
4. तुलसी जी ने श्रीराम का मर्यादित रूप प्रस्तुत किया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(i) 1 और 2
(ii) 2,3 और 4
(iii) 1 और 3
(iv) केवल 4
उत्तर :
(ii) 2,3 और 4 दिए गए कथनों में से सही कथन है-तुलसी जैसा कवि काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साही नहीं हो सकता। उनका सन्त-हृद्यय परम कारुणिक राम के प्रति ही उन्मुख हो सकता है, जो जीवन के धर्ममय सौंदर्य, मर्यादापूर्ण, शील और आत्मिक शौर्य के प्रतीक हैं।
(ख) गद्यांश के आधार पर बताइए कि कवि तुलसी में किसके प्रति उत्साह नहीं है?
(i) भक्ति-भाव को अभिव्यक्त करने के प्रति
(ii) धर्ममय जीवन जीने के प्रति
(iii) विशुद्ध एवं कल्पनामय काव्य प्रणयन के प्रति
(iv) संत कवि के प्रणयन के प्रति
उत्तर :
(iii) विशुद्ध एवं कल्पनामय काव्य प्रणयन के प्रति कवि तुलसी में काव्य की विशुद्ध, मनोमयी, कल्पना-प्रवण तथा श्रृंगारात्मक भावभूमियों के प्रति उत्साह नहीं है।
(ग) गद्यांश के अनुसार, तुलसी के राम किसके प्रतीक हैं?
(i) करुणा, शील और संतत्व
(ii) मर्यादा, भक्ति और सौदर्य
(iii) धर्म, करुणा और शील
(iv) शील, शौर्य और सौंदर्य
उत्तर :
(iv) शील, शौर्य और सौंदर्य प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर तुलसी के राम जीवन के धर्ममय सौन्दर्य, मर्यादापूर्ण, शील और आत्मिक सौन्दर्य के प्रतीक हैं। विजय-रथ के रूपक में उन्होंने सन्त जीवन की रूपरेखा उभारी है और अपनी रामकथा को इसी संतत्व की चरितार्थता बना दिया है।
(घ) तुलसी के काव्य में भारतीय जीवन की कौन-सी सबसे बड़ी अभिलाषा व्यक्त हुई है?
(i) मर्यादित श्रृंगारिकता की
(ii) राम-रावण कथा की
(iii) संतों की-सी दिनचर्या की
(iv) राम के प्रति उन्मुखता की
उत्तर :
(iii) संतों की-सी दिनचर्या की तुलसी के काव्य में भारतीय जीवन की सबसे बड़ी आकांक्षा मर्यादित जीवन-चर्या अथवा ‘सन्त-जीवन’ को वाणी देना है। धर्ममय जीवन की आकांक्षा भारतीय संस्कृति का वैशिष्टय है।
(ङ) तुलसी के काव्य में धर्म का कैसा रूप प्रकट हुआ है?
(i) अनावरण
(ii) अक्षुण्ण
(iii) अनाविल
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी तुलसी के काव्य में धर्म का अनाविल, अनावरण और अक्षुण्ण रूप प्रकट हुआ है। मध्य युग की आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करते हुए भी उनका काव्य भारतीय आत्मा के चिरंतन सौन्दर्य का प्रतिनिधि है, जो सत्य, तप, करुणा और मैत्री में ही आरोहण के देवधर्मी मूल्यों को अनावृत्त करता है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) “मैं तो खेलते-कूदते दर्ज में अव्वल आ गया।” – वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ख) क्रिया पदबंध
व्याख्यात्मक हल:
वह पदबंध जो अनेक क्रिया पदों से मिलकर बना हो, क्रिया पदबंध कहलाता है।
(ii) “बार-बार तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता।”- इस वाक्य में संज्ञा पदबंध है-
(क) तताँरा का याचना भरा
(ख) याचना भरा चेहरा
(गु) बार-बार तताँरा का
(घ) आँखों में तैर जाता
उत्तर:
(क) तताँरा का याचना भरा
(iii) “उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था।” – वाक्य में रेखांकित पदबंध का प्रकार है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) सर्वनाम पदबंध
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ख) क्रिया पदबंध
(iv) “लकड़ी की बड़ी अलमारी से पुस्तक ले आओ।” – इस वाक्य में विशेषण पदबंध कौन-सा है?
(क) लकड़ी की बड़ी
(ख) बड़ी अलमारी से पुस्तक
(ग) अलमारी से पुस्तक ले आओ
(घ) बड़ी अलमारी से पुस्तक ले आओ
उत्तर:
(ख) बड़ी अलमारी से पुस्तक
(v) “सबकी सहयता करने वाले आप”! आज उदास क्यों हैं? – वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(ख) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4 =4)
(क) ‘रीति के अनुसार, दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था।’ इस वाक्य का मिश्र वाक्य होगा
(i) रीति के अनुसार, दोनों एक ही गाँव से थे।
(ii) रीति के अनुसार, यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
(iii) यह रीति थी, इसलिए दोनों एक गाँव से थे।
(iv) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) रीति के अनुसार, यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
(ख) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी। | 1. मिश्र वाक्य |
B. यदि पानी न बरसा तो सूखा पड़ जाएगा। | 2. सरल वाक्य |
C. वह अमीर है फिर भी सुखी नहीं है। | 3. संयुक्त वाक्य |
कूट —
A — B — C
(i) 3–2–1
(ii) 1–2–3
(iii) 2–1–3
(iv) 2–3–1
उत्तर:
(iii) 2 — 1– 3
(ग) ‘वह युवती वामीरो थी, जो ‘लपाती’ गाँव की रहने वाली थी।’ दिए गए वाक्य का सरल वाक्य होगा
(i) वह युवती वामीरो थी और लपाती गाँव में रहती थी।
(ii) वह युवती वामीरो लपाती गाँव में रहती थी।
(iii) वह जो लपाती गाँव में रहती थी वह वामीरो थी।
(iv) वह वामीरो थी इसलिए वह लपाती गाँव में रहती थी।
उत्तर:
(ii) वह युवती वामीरो लपाती गाँव में रहती थी।
(घ) निम्न में से संयुक्त वाक्य है
(i) राजकपूर एक संवेदनशील कलाकार थे।
(ii) दरिया पर जाओ, तो उसे सलाम करो।
(iii) ये वजीर अली आदमी है या भूत।
(iv) वह घुड़सवार एक जाँबाज सिपाही था।
उत्तर:
(iii) ये वजीर अली आदमी है या भूत।
(ङ) ‘हरिहर काका जब घर छोड़कर गए तो, उनके भाइयों को पता नहीं चला।’ रचना के आधार पर वाक्य का भेद है
(i) विधानवाचक वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) मिश्र वाक्य
उत्तर:
(iv) मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) ‘महावीर’ शब्द में कौन-सा समास है?
(क) कर्मधारय समास
(ख) द्विगु समास
(ग) तत्पुरुष समास
(घ) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(क) कर्मधारय समास
व्याख्यात्मक हल:
इसका समास विग्रह होगा-महान् है जो वीर अर्थात् कर्मधारय समास जिसमें उत्तर पद प्रधान होता है और दोनों पदों में उपमेय-उपमान का संबंध होता है।
(ii) ‘वनगमन’ समस्तपद का विग्रह होगा-
(क) वन का गमन
(ख) वन से गमन
(ग) वन को गमन
(घ) वन और गमन।
उत्तर:
(ग) वन को गमन
व्याख्यात्मक हल:
वनगमन का विग्रह-“वन को गमन’ होगा क्योंकि समस्त पद बनाते समय विभक्ति का लोप हो जाता है।
(iii) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
समस्त पद | समास |
1. विद्यालय | तत्पुरुष |
2. यथाशक्ति | द्विगु |
3. महावीर | कर्मधारय |
4. यथाक्रम | द्विगु |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) (ii) और (iv)
(ख) (i) और (ii)
(ग) (i) और (iii)
(घ) (ii) और (iii)
उत्तर:
(ग) (i) और (iii)
(iv) ‘गुरुदक्षिणा’ शब्द के सही समास-विग्रह का चयन कीजिए-
(क) गुरु से दक्षिणा-तत्पुरुष समास
(ख) गुरु का दक्षिणा-तत्पुरुष समास
(ग) गुरु की दक्षिणा-तत्पुरुष समास
(घ) गुरु के लिए दक्षिणा-तत्पुरुष समास।
उत्तर:
(घ) गुरु के लिए दक्षिणा-तत्पुरुष समास।
(v) “दिनचर्या” समस्त पद का विग्रह है-
(क) दिन की चर्या
(ख) दिन में आराम
(ग) दिन में चलना
(घ) दिन भर खाना।
उत्तर:
(क) दिन की चर्या
व्याख्यात्मक हल:
इसका सही विकल्प (क) होगा। समस्त पद का विग्रह करते समय लुप्त हुई विभक्ति पुन: लगा दी जाती हैं। यह तत्पुरुष समास है। दिन की चर्या अर्थात् दिन भर में किए जाने वाले कार्य ।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 x 4 = 4)
(क) परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर पिताजी उस पर उपयुक्त मुहावरे से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
(i) बरस पड़े
(ii) जान के लाले पड़े
(iii) रो पड़े
(iv) टूट पड़े
उत्तर:
(i) बरस पड़े
(ख) निर्बल व्यक्ति शक्तिशाली आदमी की हर कड़वी बात को
जाता है। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए।
(i) तेली के बैल की तरह हो
(ii) जहर के घूँट की तरह पी
(iii) चूना लगाने की तरह
(iv) मधुर रस की तरह पी
उत्तर:
(ii) जहर के घूँट की तरह पी
(ग) आजकल पाकिस्तान की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत बड़े सब्र से काम ले रहा है। रिक्त स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए।
(i) चिराग तले अँधेरा
(ii) चूड़ियाँ पहनना
(iii) नाक में नकेल डालने
(iv) गड़े मुद्दे उखाड़ने
उत्तर:
(iv) गड़े मुर्दे उखाड़ने
(घ) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए।
(i) आँखें उठाना – गुस्सा करना
(ii) गिरह बाँधना – मन में बैठा लेना
(iii) दूध की मक्खी – खाने में मिलावट
(iv) शब्द चाटना – चापलूसी करना
उत्तर:
(ii) गिरह बाँधना-मन में बैठा लेना
(ङ) ‘अवसर का लाभ उठाना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है
(i) बहती गंगा में हाथ धोना
(ii) मुट्ठी गर्म करना
(iii) भांडा फोड़ना
(iv) पाँचों उँगलियाँ घी में होना
उत्तर:
(i) बहती गंगा में हाथ धोना
(च) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा?
रमेश हमेशा जानबूझकर मुसीबत मोल लेता है।
(i) औंधे मुँह गिरना
(ii) ओखली में सिर देना
(iii) एड़ी-चोटी का जोर लगाना
(iv) जान हथेली पर रखना
उत्तर:
(ii) ओखली में सिर देना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्मांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियों है
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले बतन साथियों
(i) पद्यांश में ‘साथियों’ किन्हें कहकर पुकारा गया है?
(क) नेताओं को
(ख) दुश्मनों को
(ग) देशवासियों को
(घ) सैनिकों को।
उत्तर:
(ग) देशवासियों को
(ii) ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ से क्या तात्पर्य है?
(क) देश के मान-सम्मान की रक्षा करना
(ख) देश की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर कर देना
(ग) हिमालय को झुकने न देना
(घ) (क) और (ख) दोनों।
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों।
व्याख्यात्मक हल:
शत्रु से लड़ते-लड़ते सिर कट जाने पर भी जरा दुःख नहीं है, बल्कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमने हिमालय पर्वत के सिर को कभी झुकने नहीं दिया, हिमालय अर्थात् देश के मान-सम्मान को ठेस नहीं लगने दी।
(iii) ‘नब्ज जमती गई’ से क्या भाव है? ह।
(क) यातायात थम जाना
(ख) ठंड लगना
(ग) बहुत बर्फ़ पड़ना
(घ) मृत्यु के समीप होना।
उत्तर:
(घ) मृत्यु के समीप होना।
व्याख्यात्मक हल:
हमारी साँसें अब रुकने लगी हैं, ठंड के कारण नाड़ी भी जमने लगी है, फिर भी हमने अपने कदमों को आगे बढ़ने सेनहीं रोका है।
(iv) सैनिकों को किस बात का गम नहीं है?
(क) देश की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर करने का
(ख) हिमालय का सर झुक जाने का
(ग) शत्रुओं से हाथ मिलाने का
(घ) देश को दुश्मनों के हवाले करने का।
उत्तर:
(क) देश की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर करने का
व्याख्यात्मक हल:
सैनिकों को देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्न्योछावर करने का भय नहीं है।
(v) पद्मांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए-
(क) अब तुम्हारे हवाले – कवि के लिए
(ख) अब तुम्हारे हवाले – नेताओं के लिए
(ग) अब तुम्हारे हवाले – सैनिकों के लिए
(घ) अब तुम्हारे हवाले – देशवासियों के लिए
उत्तर:
(घ) अब तुम्हारे हवाले – देशवासियों के लिए
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 2=2)
(क) कबीरदास जी के अनुसार निंदक व्यक्तियों को सदैव अपने पास रखना चाहिए, क्योंकि
(i) उनसे हमें प्रसन्नता मिलती है
(ii) वे हमारे मित्र होते हैं
(iii) वे हमारे स्वभाव को स्वच्छ एवं पवित्र बना देते हैं
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(iii) वे हमारे स्वभाव को स्वच्छ और पवित्र बना देते हैं कबीरदास जी के अनुसार निंदक व्यक्तियों को सदैव अपने पास रखना चाहिए, क्योंकि वे हमारे स्वभाव को स्वच्छ व पवित्र बना देते हैं। कबीर ने अपने दोहे में निंदक को समीप रखने की सलाह दी है, क्योंकि यदि कोई मनुष्य अपनी निन्दा को सहन कर उससे सीख ले, तो वह स्वयं में बहुत से सुधार लाकर सदाचारी और निर्मल बन सकता है।
(ख) ‘गिरिवर के डर से उठ-उठकर उच्चाकांक्षाओं से तरुवर।’ पंक्ति का भाव है
(i) पहाड़ों पर ऊँचे-ऊँचे पेड़ खड़े हैं
(ii) पहाड़ों के ऊँचे-ऊँचे पेड़ वर्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं
(iii) पहाड़ों पर उगे विशाल वृक्षों के मन में ऊँची-ऊँची आकांक्षाएँ छिपी हैं
(iv) ये आकाश के रहस्यों को जानना चाहते हैं
उत्तर:
(iii) पहाड़ों पर उगे विशाल वृक्षों के मन में ऊँची-ऊँची आकांक्षाएँ छिपी हैं प्रस्तुत पंक्ति में कवि पहाड़ों के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहता है कि वहाँ उगे हुए विशाल एवं ऊँचे पेड़ों के मन में ऊँची-ऊँची आकांक्षाएँ छिपी हुई हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
सदियों पूर्व, जब लिटिल अंदमान और कार-निकोबार आपस में जुड़े हुए थे तब वहाँ एक सुंदर-सा गाँव था। पास में एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। उसका नाम था तताँरा। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। तताँग एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँववालों को नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँग की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(i) गाँव के लोग तताँरा को क्यो पसंद करते थे?
(क) वह सुंदर और शक्तिशाली था।
(ख) वह नेक और मददगार व्यक्ति था।
(ग) वह बेहद शांत और सभ्य व्यक्ति था।
(घ) वह सुंदर, बलिष्ठ और भोला व्यक्ति था।
उत्तर:
(ख) वह नेक और मददगार व्यक्ति था।
व्याख्यात्मक हल:
निकोबार के लोग तताँरा को उसके आत्मीय स्वभाव के कारण पसन्द करते थे। वह नेक, ईमानदार और साहसी था। वह मुसीबत के समय भाग-भागकर सबकी मदद करता था।
(ii) दूसरे गाँव के लोग भी पर्व-त्योहारों के समय तताँरा को क्यों आमंत्रित करते थे?
(1) उसके आकर्षक व्यक्तित्व के कारण
(2) उसके साहसिक कारनामों के कारण
(3) उसके त्याग और सेवाभाव के कारण
(4) उसकी विलक्षण तलवार के कारण
विकल्प:
(क) केवल (1)
(ख) केवल (2)
(ग) केवल (3)
(घ) केवल (4)
उत्तर:
(ग) केवल (3)
व्याख्यात्मक हल:
वह सदैव दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। द्वीपवासियों की सेवा करना वह अपना कर्त्तव्य समझता था। अपने त्यागमयी स्वभाव के कारण वह सभी के आदर का पात्र था। इसी कारण उसे पर्व-त्योहारों में विशेष रूप से बुलाया जाता था।
(iii) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A) : तताँरा समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था।
कारण (R) : वह एक सुंदर और शक्तिशाली युवक था।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(iv) तताँरा की तलवार लोगों के बीच एक विलक्षण रहस्य क्यों थी?
(क) क्योंकि तताँरा उसे कभी अपने से अलग नहीं करता था।
(ख) क्योंकि तताँगा की तलवार लकड़ी की बनी हुई थी।
(ग) क्योंकि ततारा उसका प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था।
(घ) क्योंकि तताँरा ही अद्भुत, साहसिक कारनामें किया करता था।
उत्तर:
(ग) क्योंकि ततारा उसका प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था।
व्याख्यात्मक हल:
तताँर अपनी तलवार का दूसरों के सामने उपयोग नहीं करता था। उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँगा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(v) पारंपरिक पोशाक से क्या अभिप्राय है?
(क) गाँव के सभी लोगों द्वारा पहने जाने वाली पोशाक
(ख) गाँव के युवाओं द्वारा पहने जाने वाली पोशाक
(ग) वो पोशाक जो किसी प्रदेश विशेष में सदियों से पहनी जाती हो।
(घ) वो पोशाक जो किसी विशेष अवसर पर पहनी जाती हो।
उत्तर:
(ग) वो पोशाक जो किसी प्रदेश विशेष में सदियों से पहनी जाती हो।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। (1 x 2=2)
(क) 26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता में झंडा फहराने की क्या तैयारी हो रही थी?
(i) मकान सजाए जा रहे थे
(ii) पुलिस पूरी ताकत से प्रदर्शन कर रही थी
(iii) प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे
(iv) ये सभी
उत्तर:
(क) (iv) ये सभी 26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता के बड़े बाजार की साज-सज्जा सबको उत्साहित कर रही थी। कई मकान तो इस प्रकार सजाए गए थे मानो स्वतन्त्रता मिल गई हो। कलकत्ता में हर जगह झण्डे लगाए गए थे, जिन्हें देखकर लोग उत्साहित हो रहे थे। वस्तुतः लोग जिस रास्ते से भी जाते उसी रास्ते पर नवीनता तथा उत्साह दिखाई पड़ता था और पुलिस पूरी ताकत के साथ अपना प्रदर्शन कर रही थी।
(ख) निम्नलिखित में से कौन-से कथन ‘तताँरा-वामीरो की कथा’ के प्रभाव को दर्शाते हैं?
1. तताँरा ने तलवार से जो कार-निकोबार के टुकड़े किए थे, उसका दूसरा हिस्सा लिटिल अंडमान है।
2. तताँरा-वामीरो के बलिदान के पश्चात् लोग दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक संबंध बनाने लगे हैं।
3. वर्तमान में उनकी प्रेम-कथा घर-घर में सुनाई जाती है।
4. तताँरा से प्रभावित होकर लोग देशभक्ति करने लगे हैं। कूट
(i) 2 और 4
(ii) 1,2 और 3
(iii) 3 और 4
(iv) 1,3 और 4
उत्तर:
(ख) (ii) 1,2 और 3 दिए गए कथनों में से ‘तताँरा-वामीरो की कथा’ के प्रभाव को दर्शाने वाले कथन हैं-ताँतारा ने तलवार से जो कार-निकोबार के टुकड़े किए थे, उसका दूसरा हिस्सा लिटिल अण्डमान है। तताँरा-वामीरो के बलिदान के पश्चात् लोग दूसरे गाँवों में भी वैवाहिक सम्बन्ध बनाने लगे हैं। वर्तमान में उनकी प्रेम-कथा घर-घर में सुनाई जाती है।
खण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक प्रश्न
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) ‘बड़े भाई साहब’ के कुछ कथनों से तत्कालीन शिक्षा-व्यवस्था के कुछ विशेष पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है। उनका उल्लेख करते हुए लिखिए कि आज की शिक्षण-व्यवस्था में किस प्रकार के परिवर्तन आप पाते हैं ?
उत्तर:
छोटे भाई को उपदेश देने के क्रम में बड़े भाई साहब के कुछ कथरनों से तत्कालीन शिक्षा-व्यवस्था के अनेक पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है। बड़े भाई साहब एक ही कक्षा में कई साल लगाते थे। वे तत्कालीन शिक्षा प्रणाली में केवल रटंत प्रणाली के घोर विरोधी थे। वे पढ़ाई के विस्तार और अंग्रेजी शिक्षा के पक्षधर नहीं थे। इतिहास को रटना और चार-चार पन्नों में निबन्ध लिखना उन्हें अच्छा नहीं लगता था। बच्चों को खेल-कूद से अलग कर हमेशा पढ़ने के लिए कहना उनके कथानुसार शिक्षा के प्रति लगाव कम करने वाला था। आज की शिक्षा पद्धति में इन सभी की उलट व्यवस्था देखने को मिलती है। इस प्रणाली में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग अधिकतर किया जा रहा है। आज की शिक्षा प्रणाली में खेलो-पढ़ो-बढ़ो पर सबसे अधिक बल दिया जाता है।
(ii) “कारतूस पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए कि वजीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था।
उत्तर:
- साहसिक कारनामों के कारण अंग्रेज़ों द्वारा रॉबिन हुंड कहा जाना।
- अवध पर अंग्रेजों की पकड़ को कमज़ोर करना।
- अंग्रेज वकील की हत्या करना।
- मुट्ठी भर आदमियों के साथ अंग्रेजी फौज से लड़ने की हिम्मत रखना।
- दुश्मन के खेमे में अकेले जाना और कारतूस हासिल करना।
व्याख्यात्मक हल:
वजीर अली एक साहसी सिपाही था जिसकी वजह से उसे रॉबिन हुड की संज्ञा दी गई। वह अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मन के खेमें में अकेले गया तथा कैंप में घुसकर कारतूस लेने में भी सफ़ल हुआ।
(iii) “तीसरी कसम’ में शैलेन्द्र ने राजकपूर को किस प्रकार हीरामन ही बना दिया था ?
उत्तर:
‘तीसरी कसम’ में शैलेन्द्र ने राजकपूर जैसे स्टार को ‘हीरामन’ बना दिया था। हीरामन पर राजकपूर हावी नहीं हो सका था क्योंकि वे पात्र के अनुरूप स्वयं को ढालना अच्छी तरह जानते थे। हीरामन के रूप में नायक (राजकपूर) अपनी मस्ती में डूबकर झूमते गाते गाड़ी वाले के रूप में गाड़ी चलाता हुआ दिखाई देता है। वह हीरामन के साथ एकाकार हो गया था जो सिर्फ़ दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं, जिसके लिए मोहब्बत के सिवा किसी दूसरी चीज का कोई अर्थ नहीं। ऐसा लग रहा था जैसे कि राजकपूर स्वयं ही हीरामन हों।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए। (3 x 2 = 6)
(क) विरुद्धवाद बुद्ध का दया प्रवाह में बहा। मनुष्यता पाठ की इस पंक्ति के आधार पर बताइए कि महात्मा बुद्ध ने समाज में अपना स्थान किस प्रकार बनाया?
(ख) वर्षा ऋतु में पर्वतों पर वहने वाले झसने पर्यटकों के आकर्वण का मुख्य केंद्र होते है। ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ पाठ के आधार पर पर्वत पर बहने वाले झरनों की सुंदरता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
(ग) “मीरा की रचनाओं में पूर्ण समर्पित भक्ति-भावना निहित है।” अपने शब्दों में इस कथन की पुष्टि ‘मीरा के पद’ के आधार पर लगभग 60-70 शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
(क) ‘विरुद्धवाद हुद्ध का दया प्रवाह में बत्त्प।’ मनुष्यता पाठ की इस पंक्ति के आधार पर महात्मा बुद्ध ने अपना स्थान गतत नीतियों का विरोध करने पर बनाया है। बुद्ध के विरुद्धवाद का अर्थ समाज में व्याप्त गलत नीतियों का विरोध करने से है। दुद्ध ने समाज में व्याप्त गलत धारणाओं का विरोध नहीं किया, परंतु जब बुद्ध की करुणा, दया का भाव सबके समक्ष प्रस्तुत हुआ, तो लोग बुद्ध के सामने नतमस्तक हो गए।
(ख) वर्गा ऋत्रु में पर्वतों पर बहने वाले झरने पर्यटकों के आकर्वण का मुख्य केंद्र होते है। पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु के आने से पहले बादलों के कारण पर्वत छिप जाते हैं। अचानक बादल ऐसे उठे, मानों एक पूरा पर्वत विशाल पक्षी के समान अत्यथिक सफेद और चमकीले पंखों को फड्रफड़ाता हुआ ऊपर आकाश में उड़ रहा है। हसका परिणाम यह हुआ कि चारों और दादल-ही-बादल छा गए और कुछ मी दिखाई देना बंद हो गया। झरनों की केखल आवाज सुनाई दे रही है। अतः वह ओझल हो गए।
इसके पश्चात् हन बादलों से इतनी तेज वर्षा हुई जैसे आकाश-चरती पर टूट पड़ा हो और उसने वर्षारूपी बाणों से धरती पर आक्रमण कर दिया हो। वर्षा के देवता इन्द्र बादलरूपी बिनान में घूम-घूमकर अपने जादुई करतब दिखा रहे हैं। जिसके करण पर्वतों पर क्षण-क्षण में विचित्र और अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहे है।
(ग) मीराबाई श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त है। उन्होंने श्रीकृष्ण की भक्ति करते हुए अपना सारा जीवन बिता दिया। वह् उनकी भकित में इतनी दीवानी बन गई कि उन्हें लोकलाज, कुल वंश, सामाजिक मर्यादा आदि का मी ध्यान नहीं रहा। मीरा ने अपने आराध्य देव के गुणों का भरपूर बखान किया है। उनकी भक्ति में समर्पण की भावना है। उनके काष्य में अनुभूति की गहराई है।
वह श्रीकृष्ण को अपना आराध्य भी मानती हैं तथा प्रियतम भी। वह उनसे प्रिया की भौति भी मिलना चाहत्वी है तथा एक सच्चे भक्त की भोंति भी। वह उनकी सेया में समर्षित है, वह उनके दर्शन की तीव्र अभिलाषा रखती हैं। उनके अनुसार, प्रभु का दर्शन, स्मरण और भक्ति ये तीनों ही भक्तों की सच्यी जागीर होती है। उन्होंने भगवान भीकृष्ण को ही अपना सर्वस्व मानकर अपने आपको उनके चरणों में समर्घित कर दिया। उनकी रचनाओं में भक्ति भावना की प्रधानता स्पष्ट रूप से द्रष्टव्य है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) रामदुलारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा ? “टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर:
- टोपी पिटता रहा लेकिन उसने रामदुलारी की इस बात को नहीं स्वीकारा कि वह इफ़्फ़न के घर फिर कभी नहीं जाएगा।
- टोपी बहुत उदास हो गया था।
- उसका सारा बदन दुःख रहा था।
- वह बस यही सोचता रहा था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।
[सी.बी.एस.ई. 5007 अंक योजना 2020-27]
व्याख्यात्मक हल :
टोपी के द्वारा ‘ अम्मी ‘ कहे जाने पर टोपी के घर में बवंडर पैदा हो गया। दादी के उकसाने पर माँ रामदुलारी ने टोपी की बहुत पिटाई लगाई तथा उसे इफ़्फून से न मिलने की हिदायत दी लेकिन पिटाई खाकर भी टोपी ने इफ़्फ़न से मिलना नहीं छोड़ा वबरन् इस पिटाई से टोपी बहुत उदास हो गया तथा उसका पूरा बदन दर्द करने लगा। उसे अपनी दादी से नफ़रत हो गई। वह सोचने लगा कि काश ! इफ़्फ़न की दादी से उसकी दादी को बदला जा सके। इफ्फ़न की दादी के मरने पर उसने इफ्फ़न से कहा भी कि तेरी दादी की जगह मेरी दादी मर जाती तो अच्छा रहता। वहीं वह मुन्नी बाबू से भी घृणा करने लगा। वह बस यही सोचता रहता था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।
(ii) “हरिहर काका’ कहानी के आधार पर लिखिए कि रिश्तों की नींव मज़बूत बनाने के लिए किन गुणों की आवश्यकता है और स्पष्ट कीजिए कि ऐसा क्यों ज़रूरी है?
उत्तर:
‘हरिहर काका’ कहानी के आधार पर रिश्तों की नींव मज़बूत करने के लिए अनेक गुणों की आवश्यकता होती है। सामाजिक या पारिवारिक रिश्तों को मजबूती प्रदान करने के लिए आदमी को निज की भावना से ऊपर उठना होता है। आधुनिक परिवर्तित समाज तथा रिश्तों में बदलाव आ रहा है। उनमें स्वार्थ लोलुपता बढ़ती जा रही है। कथावस्तु के आधार पर हरिहर काका एक वृद्ध निःसंतान व्यक्ति हैं, परिवार के सदस्यों को जब लगता है कि काका कहीं अपनी ज़मीन महंत के नाम न कर दें तब वे उनकी सेवा करने लगते हैं। बाद में अपनी स्वार्थ सिद्धि न होती देखकर वे काका के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं। पारिवारिक संबंधों में भ्रातभाव को बेदखल कर पाँव पसारती जा रही स्वार्थ लिप्सा, हिंसावृत्ति को समाप्त करने के लिए परस्पर सहयोग, सद्भाव और सौहार्द जैसे गुणों कौ आवश्यकता है जिससे समाज में, रिश्तों में दूरियाँ और विघटन समाप्त हो जाए।
(iii) “सपनों के से दिन’ कहानी के आधार पर पी.टी. साहब के व्यक्तित्व की दो विशेषताएँ बताते हुए लिखिए कि स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्त्वपूर्ण आदमी, एक फौजी जवान क्यों समझता था?
उत्तर:
- व्यक्तित्व की विशेषताएँ
- कठोर अनुशासन प्रिय
- कोमल हृदय
- कुशल अध्यापक
- कुशल प्रशिक्षक
(किन्हीं दो बिंदुओं का उपयुक्त उदाहरणों सहित उल्लेख अपेक्षित)
फौजी समझने के कारण
- फुल बूट, शानदार वर्दी एवं लेफ्ट-राइट करते फौजी जवानों की परेड की छवि का मन में बसना
- मन में फौजी बनने की इच्छा जाग्रत होना
- पी.टी.सर द्वारा परेड में लेफ्ट-टर्न, राइट-टर्न एवं अबाउट-टर्न कहने पर पीछे मुड़ते हुए ठक-ठक की आवाज़ करते समय स्वयं को फौजी समझना।
व्याख्यात्मक हल:
‘पी.टी. साहब के व्यक्तित्व की विशेषताएँ निम्न हैं-
1. कठोर अनुशासन प्रिय-पी-टी-साहब मास्टर प्रीतमचन्द का व्यक्तित्व भयभीत करने वाला था। वे कठोर.अनुशासन प्रिय थे। वे छात्रों को अपने अनुशासन से भयभीत रखते थे। स्काउट परेड में एवं प्रार्थना के समय वे किसी की अनुशासनहीनता सहन नहीं करते थे व छात्रों को दंड दे देते थे।
2. कोमल हृदय-पी.टी. सर बाहर से कठोर किन्तु हृदय से कोमल थे। उन्होंने घर में तोते पाल रखे थे। जब उनको स्कूल से मुअत्तल कर दिया गया, तब वे अपने तोतों से बात करते व उन्हें भीगे हुए बादाम खिलाते थे। स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्त्वपूर्ण आदमी, एक फ़ौजी जवान इसलिए समझता था, क्योंकि जब वह स्काउट की वर्दी पहनकर, गले में रंगीन रूमाल डालकर झंडियाँ हिलाते हुए, परेड करता था तो उसे एक फौजी जवान की-सी शान अनुभव होती थी। उसके मन में परेड की छवि बस गई थी। उसे छोटे बूटों की एड़ियों पर लेफ़्ट-राइट, राइट टर्न या लेफ्ट टर्न या अबाउट टर्न करते हुए बूटों की ठक-ठक से आगे बढ़ना अच्छा लगता था।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5 x 1=5)
(क) स्वास्थ्य की रक्षा
संकेत बिंदु –
- स्वस्थ रहने की आवश्यकता
- पोषक भोजन
- लामकारी सुझ़ाव
- उपसंहार
उत्तर:
वर्तमान समय में प्रत्येक मनुष्य की जीवन-शैली द्वतनी भागदौड़ से भर गई है कि वे अपने त्वास्थ्य की रक्षा कर पाने में असमर्थ हो चुके हैं। जहाँ पहले के समय में व्यक्ति की औसत आयु 75 वर्ष थी, वह आज घटकर 60 वर्ष हो गई है। स्वार्थ्य की रक्षा बहुत ही आवश्यक है। खराब स्वास्य के साथ व्यक्ति कोई मी कार्य उचित तौर-तरीके से नहीं कर पाता है। प्रत्येक व्यक्ति को आधारभूत वस्तुओं का संथय करने आवश्यक है। स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पोषक मोजन लेना अति आवश्यक है।
हरी सं्जियाँ, दूध, दही, फल आदि का सेवन हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ते हुए हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करता है। आजकल जंकपूड्ड और फास्टफूड का प्रचलन अपने चरम पर है। इसकी चपेट में लाखों लोग आ चुके है और इसी कारण वे अपना स्वास्थ्य खराद कर चुके हैं। आजकल के बच्चों को मोटापा, सुस्ती व भिन्न-भिन्न प्रकार की बीनारियों ने जकड़ लिया है। हमें जंक्कूल एवं फास्टफूड से दूरी बनाते हुए पौष्टिक आहार लेने चाहिए, जिससे हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए, अपने और दूसरों के जीवन को खुशियों प्रदान कर सकें।
(ख) एकता की शक्ति
संकेल बिंदु –
- एकता का अर्थ
- एकता की शक्ति के उदाहरण
- उपसंहार
- एकता की शक्ति का महत्व
- एकता के अभाव के दुष्परिणाम
उत्तर:
विचारों के मेल-जोल को एकता कहते है। जहाँ बहुत-से लोग किसी एक विचार या उद्देश्य को ध्यान में रखकर एकमत होकर तन्मन से काम करते हैं, वहाँ एकता होती है। ‘एकता’ एक होने की भावना है। यह मनुष्य के विचारों को उसके निश्यय और मनोबल को मजबूत बनाती है। ऐसी अवस्था में कोई भी कार्य कठिन एवं असम्भव नहीं लगता है। मनुष्य समाज में रहता है। इसके लिए वह एकता की कल्पना कर्रता है, क्योकि वह संसार में या समाज में अकेला जीवन नहीं दिता सकता। यह उसकी स्याभाविक कमजोरी है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए वह पहले अपने परिवार में, फिर पड़ोस में, फिर अपनी जाति या सम्पदाय में एकता की स्थापना करता है।
यह एकत्ता ही समाज का निर्माण करती है। सामाजिक जीवन बिताने के लिए एकता जरूरी है। इसके बिना मनुष्य, पशु होता है सभी अपने में स्वतन्न और स्वछंद होते हैं ऐसी अवसथा में नए-नए विचारों का जन्म नहीं होता और मनुष्य सामाजिक प्राणी नहीं रह जाता। अतः एकता मनुष्य जीवन के लिए अनिवार्य है। परिबार को सुखी बनाने के लिए लोगों में एकता होनी चाहिए। समाज को खुशहाल क्रने के लिए सभी जातियों, सम्मदायों और वर्गों में एक्ता चाहिए व देश को आजाद बनाए रखने के लिए देशायासियों में एकता चाहिए।
किसी संस्था में भमिकों की एकता बहुत महत्त्वपूर्ण होती है यदि वे एक साथ हों, तो संगठन किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर सकता है। यदि उनमें मतमेद हो, तो समूचा संगतन भुगतता है। कोई सेना अपने दुश्मनो को तभी पराजित कर सकती है, जब उसके सभी सैनिक साथ लड़ते हैं। एक दल तभी मेच जीतता है, जब सभी खिलाड़ी अच्छा खेलते हैं। एक अकेला सैनिक व एक अकेला खिलाड़ी कुछ नहीं कर्र सकता। कहा भी गया है ‘एकता हमें खड़ा रखती है, अलगाव हमें गिराता है।’
अतः यह सत्य है कि एकता ही बल है। समी सदस्यों की एकता परिबार को शक्ति देती है मजदूत बनाती है, नागरिकों की एकता देश को, श्रमिकों की एकता संस्था को क्रियाहील रखती है, ब्विलाडियों की एकता दल को मजदूत बनाती है।
(ग) भारत में गणतंत्र दिवस
संकेत बिंदु —
- राष्ट्रीय पर्व ; 26 जनवरी
- गणतंत्र दिवस का महत्व
- समारोह का आयोजन
- उपर्संहार
उत्तर:
गणतन्न दिवस भारत में 26 जनवरी को मनाया जाता है और यह भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को प्रत्येक भारतीय के मन में देशभक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह मर उढता है। इस दिन भारतीय अधिनियम एक्ट को हटाकर भारतीय संविधान को लागू किया गया था द लोकतान्त्रिक प्रणाली के साथ भारतीय संविधान को जोड़ा गया था।
इस प्रकतर यह सरकार के संसदीय सूप के साथ एक सम्प्रभुत्वशाली समाजवादी लोकतान्त्रिक गणतन्त्र के रूप में भारत देश सामने आया। इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। स्कूल, कॉलेजों व सरकारी संस्थानों में भी तिरंगा फहराया जाता है। 26 जनवरी को भारत गणतन्त्र दिवस के रुप में भारी उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने आजादी के संघर्ष में अपने जीयन को बलिदान कर दिया और विदेशी आक़मणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीतीं।
आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त, 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संयिधान का प्रारूप तैयार करने को क्हा गया। देश की आजादी के बाद भारतीय संविधान सभा का गठन हुआ। संविधान सभा में कुल 379 सदस्य थे, जिसमें 15 महिलाएँ थी। संविधान की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डों. भीमराब अन्बेडकर थे। 4 नवम्बर, 1947 को डो. बी. आर अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारूप को सदन में रखा गया। 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान बनकर तैयार हुआ। अन्त में इन्तजार की घड़ी 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्ण स्वराज की प्रतिश्ञा का भी सम्मान हुआ।
भारत सरकार हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नहं दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसमें द्वि्डिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है। इसमें तीनों सेनाएँ बिजय चौक से अपनी परेड को शुरू करती हैं, जिसमें तरह-तरह अस्त्र-शस्त्रों का भी प्रदर्शान किया जाता है। आर्मी बेण्ड, एन.सी.सी. कैडेट्स और पुलिस बल मी विभिन्न संघों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते है। राज्यों में भी इस उत्सव को राज्यपाल की मौजूदरी में बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता है।
भारत में गणतन्त्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं; जैसे-समाधार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से सम्बन्धित किस्सी प्रतियोगिता में माग लेकर आदि। इस दिन सभी को ये वादा करना चाहिए कि वो अयने देश के संविधान की सुरक्षा करेंगे, देश की सम्भभुता और शान्ति को बनाए रखेंगे, साथ ही देश के बिकास में सहायोग करेंगे। 26 जनवरी, 2024 को भारत अपना 75 चां गणतन्त्र दिवस मनाएगा।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) कम्प्यूटर लैब में हिंदी में काम करने की सुविधा के लिए “हिंदी फॉन्ट’ की व्यवस्था करवाने का आग्रह करते हुए प्राचार्य/प्राचार्या को 100 शब्दों में आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
श्रीमान् प्रधानाचार्य जी
एस. डी. वी. स्कूल
मेरठ
विषय-कंप्यूटर लैब में हिंदी फॉन्ट की व्यवस्था हेतु
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय की कम्प्यूटर लैब में अंग्रेज़ी में ही कार्य करने की सुविधा है, लेकिन राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए कंप्यूटर लैब में हिंदी फॉन्ट की आवश्यकता है। हम सभी हिन्दी फॉन्ट में कार्य करना चाहते हैं क्योंकि इसके अभ्यास से हमें हिन्दी टाइपिस्ट की परीक्षा में सहायता प्राप्त होगी।
अतः आपसे निवेदन है कि कंम्प्यूटर लैब में हिंदी में काम करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हिंदी फॉन्ट की व्यवस्था करें।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अ. ब. स.
कक्षा-10 (अ)
दिनांक-00/0/20xx
अथवा
(ii) आपकी हिन्दी शिक्षिका का स्थानान्तरण हुए दो मास हो गए हैं और कोई नियमित विकल्प न मिलने से पढ़ाई नहीं हो पा रही। पत्र में इस समस्या की चर्चा करते हुए प्रधानाचार्य से तुरन्त समाधान करने का आग्रह कीजिए।
उत्तर:
सेवा में,
महात्मा गाँधी विद्यालय
आगरा
दिनांक………..
विषय-हिन्दी शिक्षक उपलब्ध करवाने हेतु
महोदय,
सविनय निवेदन है कि विगत दो मास से, जब से हमारी हिन्दी शिक्षिका का स्थानांतरण हुआ है, हमारी कक्षा में हिन्दी विषय की नियमित पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इससे हमें बहुत हानि हो रही है। आगामी मास में हमारी वार्षिक परीक्षा होने वाली है। पढ़ाई न हो पाने के कारण हम लोग परीक्षा में पूछे गए प्रश्न पत्र को हल करने में असमर्थ होंगे।
अतः: आपसे निवेदन है कि आप शीघ्र हमारे लिए किसी योग्य हिन्दी अध्यापक की व्यवस्था करने की कृपा करें।
आशा है आप हमारी इस प्रार्थना पर विशेष ध्यान देकर उसे पूरी करने की कृपा करेंगे।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अ. ब. स.
कक्षा-10
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए। (4 x 1=4)
आपके विद्यालय में गाँधी जयंती के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में स्कूल कैप्टन की ओर से विद्यार्थियों को 60 शब्दों में सूचना लिखिए।
अथवा
आपको पार्क में एक बैग मिला है, जिसमें कुछ रुपये तथा जरूरी कागजात हैं। इस संबंध में 60 शब्दों में एक सूचना लिखिए।
उत्तर:
गौतमबुद्ध सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल दिनांक 23 मई, 20xx वृक्षारोपण कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि गाँधी जयंती के शुभ अवसर पर उनके सपनों को साकार करने के लिए विद्यालय के सामने वाली बस्ती में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य लोगों को वृक्षों के प्रति जागरूक करना है। यह कार्यक्रम प्रातः 9 बजे से अपराह्न 12 बजे तक चलेगा। इच्छुक छात्र-छात्राएँ अपना नामांकन अधोहस्ताक्षरी के पास 28 मई, 20xx तक अवश्य करा दें। सौरभ तँवर |
अथवा
कालिंदी कुंज, नई दिल्ली दिनांक 29 मई, 20xx खोया-पाया के संबंध में आप सभी को सूचित किया जाता है कि कालिंदी कुंज मार्ग के पास वाले पार्क की ओर से जब मैं गुजर रहा था तो वहाँ मुझे पार्क के मध्य भाग पर एक बैग मिला इस बैग में बहुत आवश्यक सामान पाया गया है। बैग में कुछ रुपये, मोबाइल फोन तथा अन्य कई महत्त्पपूर्ण दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं। जिस भी व्यक्ति का यह सामान है वह इस नंबर 93XXXXXXX पर संपर्क करके अपने बैग की निशानी बताकर अपना बैग ले जा सकता है। धन्यवाद |
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- (3 × 1 = 3)
(i) आपके संसदीय क्षेत्र में प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में स्वास्थ्य-शिविर का आयोजन होने जा रहा है। इसे जनता तक पहुँचाने के लिए 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
विज्ञापन
स्वास्थ्य शिविर
लगने जा रहा है अब आपके क्षेत्र में
जहाँ होगी सभी रोगों की निःशुल्क जाँच देश के विख्यात डॉक्टरों द्वारा।
पहले आएँ पहले पाएँ।
दिन-्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह
समय-प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक
रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें-
अ. ब. स.
कामायनी अस्पताल
अ. ब. स. नगर
फ़ोन न. 9494000000
जनहित में जारी
अथवा
(ii) दिल्ली पुस्तक मेले में भाग ले रहे ‘क.ख.ग प्रकाशन’ की ओर से लगभग 40 शब्दों में एक विज्ञापन का आलेख तैयार कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
“मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” उक्ति को आधार बनाकर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए। (5 x1=5)
अथवा
आप रोहित शर्मा/साक्षी शर्मा हैं। आप अपने बैंक प्रबंधक को एक ई-मेल लिखकर अपने खाते को आधार कार्ड से लिंक करवाकर उसमें अपना आधार नंबर अपडेट करवाइए।
उत्तर:
“मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना”
एक गाँव में राम और रहीम नाम के दो बच्चे रहते थे। दोनों आपस में अच्छे दोस्त थे। वे दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे और एक साथ ही खेलते थे। एक दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी जिसके कारण कोई खेलने न जा सका। राम ने माँ से कहा कि “माँ बारिश को रोको, इसके कारण में अपने दोस्त रहीम के साथ खेल नहीं पा रहा हूँ।” राम की बात सुनकर उसकी माँ को लगा कि उनके बेटे में यह शैतानी उस मुस्लिम लड़के रहीम की वजह से आ रही है। उन्हें रहीम बिल्कुल पसंद नहीं था। कुछ दिनों बाद बगल के गाँव में हिंदू व मुसलमानों में दंगा हो गया।
उसका प्रभाव इस गाँव पर भी पड़ा। दंगे के कारण स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस ने लोगों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी जारी कर दी। उस समय राम अपने मित्र रहीम के घर पढ़ने गया हुआ था। राम की माँ अपने बेटे को लेकर बहुत चिंतित हो रही थी। राम के पिताजी ने माँ को समझाया कि रहीम के माता-पिता बहुत भले लोग हैं। अतः चिंता मत करो। लेकिन माँ को रहीम के परिवार पर बिलकुल भरोसा नहीं था। वे उन्हें मुसलमान होने की वजह से शक की निगाह से देखती थीं, परंतु इस समय और कोई रास्ता भी नहीं था।
वह दंगा खत्म होने का इंतजार करने लगी। रात को दंगा खत्म होते ही रहीम के माता-पिता राम को सही सलामत उसके घर छोड़ने आए। उन्हें देख राम की माँ को स्वयं की गलत सोच पर पछतावा होने लगा। एकाएक ही उनके मुँह से निकला- “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।” सीख : धर्म के आधार पर भेदभाव करना गलत है। हमें सभी धर्मों का आदर करते हुए मिल-जुलकर रहना चाहिए।
अथवा