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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course B Set 3 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं- खंड ‘अ’ और ‘ब’।
- खंड ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडो के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमश: लिखिए।
खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक – प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
बड़ा बनने के लिए हमें विशाल काम करने की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि प्रत्येक काम में विशालता के चिन्ह खोजने पड़ते हैं। अपने अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा को जन्म देना होता है। दुनिया में ज्ञान का जो बोलबाला है, उसमें हमारे कौतूहल की केन्द्रीय भूमिका है। अल्बर्ट आईस्टीन ने एक बार अपने साक्षात्कार में कहा था कि हमारी जिज्ञासा ही हमारे अस्तित्व का आधार है। बिना प्रश्न के हमारे जीवन में न तो गति आएगी और न कोई रस होगा। जब हम चिंतन करते हैं, तब नई बातें सामने आती हैं। कार्य करने का ही परिणाम है कि नई तकनीक ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी चीज़ें आज दुनिया में आ रही हैं। जब हम कहते हैं क्यों, कैसे, क्या, तब हमारे अन्दर की स्नायु प्राण ऊर्जा और संकल्प एक नई गति और उत्साह के साथ नवीनता की यात्रा करने लगते हैं।
हमें इस दुनिया की इतनी आदत पड़ चुकी है कि लीक से हटकर सोचना नहीं चाहते। कोई विभिन्नता नहीं, न ही कोई नवीनता है। यह कैसा जीवन है, जिसमें कोई कौतूहल नहीं कोई आश्चर्य नहीं ? इस जगत में हमारी स्थिति एक कौटाणु या विषाणु की तरह है, जो अपनी सुखमयी व्यवस्था में पड़े रहते हैं लेकिन जो स्वतंत्र होते हैं, वे हदय की आवाज सुनते हैं। जो बड़ा होना चाहते हैं, इस दुनिया और इसकी प्रत्येक घटना, वस्तु एवं स्थिति पर अपना आश्चर्य प्रकट करते हैं। प्रत्येक घटना और वस्तु से परे हटकर सोचने और उसको देखने की कोशिश जो करते हैं, वही बड़ा बनते हैं। जिज्ञासु मन और बुद्धि ही दर्शन और विज्ञान की दुनिया बनाते हैं।
(i) प्रत्येक काम में विशालता के चिन्ह खोजने से लेखक का अभिप्राय है-
(क) बड़ी सोच व्यक्ति को बड़ा बनने की प्रेरणा देती है |
(ख) प्रत्येक काम को महत्त्व देकर गहराई से समझें
(ग) प्रत्येक काम को करने के लिए सदैव तत्पर रहें
(घ) प्रत्येक काम का आयोजन बड़े पैमाने पर करें।
उत्तर:
(ख) प्रत्येक काम को महत्त्व देकर गहराई से समझें
व्याख्यात्मक हल:
किसी भी काम को करने से पहले उसके महत्त्व को गहराई से समझा जाए, तभी कार्य पूर्ण रूप से सफ़ल होता है।
(ii) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कथन (A) : जिज्ञासा ही हमारे अस्तित्व के आधार की परिचायक है।
कारण (R) : क्योंकि यह शारीरिक व मानसिक रूप से क्रियाशील रखती है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
व्याख्यात्मक हल:
जिज्ञासा ही शारीरिक व मानसिक रूप से हमको क्रियाशील बनाती है, नवीन ऊर्जा एवं स्फूर्ति प्रदान करती है।
(iii) अस्तित्व शब्द का अर्थ है-
(क) विद्यमानता
(ख) जिज्ञासु प्रवृत्ति
(ग) गतिमान
(घ) नवीनता
उत्तर:
(क) विद्यमानता
व्याख्यात्मक हल:
गद्यांश में प्रयुक्त ‘अस्तित्व’ शब्द का अर्थ विद्यमानता या मौजूदगी से है जैसे-हमारे अन्दर किसी भी वस्तु को देखने की जिज्ञासा विद्यमान है।
(iv) नवीनता की यात्रा करने से हम परम्परागत प्रणालियों से विमुख हो रहे हैं। नवीनता के पक्षधर के रूप में इसकी आवश्यकता के लिए उपयुक्त तर्क है-
(क) हमारी मानसिक स्थिति एक कीटाणु या विषाणु की तरह है।
(ख) हमारे शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक व राष्ट्रीय विकास के लिए है।
(ग) जो स्वतंत्र मानसिकता वाले होते हैं, वे दूसरों की आवाज़ सुनते हैं।
(घ) जब हम चिंतन करते हैं, तब नई बातें सामने आती हैं।
उत्तर:
(ख) हमारे शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक व राष्ट्रीय विकास के लिए है।
व्याख्यात्मक हल:
किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए जब हमारे अन्दर क्या, क्यों, कैसे आदि तर्क उत्पन्न होते हैं, तो मन में एक नई गति प्राप्त होती है, जो हमारे शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक व राष्ट्रीय विकास के लिए है।
(v) लीक से हटकर सोच को विकसित करने के लिए आवश्यक है-
(क) सुखमय व्यवस्था
(ख) हृदय की आवाज़ सुनना
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
(घ) दर्शन और विज्ञान की दुनिया।
उत्तर:
(ग) अंतर्मन में सदैव जिज्ञासा
व्याख्यात्मक हल:
हमारे अंतर्मन में उठने वाली जिज्ञासा ही हमको लीक से हटकर बड़ी सोच को विकसित करने में सहायक होती है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
अनुभवी व्यक्तियों का कहना है, लक्ष्य चुनना ही काफ़ी नहीं होता, बल्कि उसे जितनी जल्दी चुना जाए, उतना ही बेहतर है। कई बड़े काबिल लोग लक्ष्य चुनने में इतनी देर कर देते हैं कि उसे हासिल करने के लिए जीवन में समय ही नही बचता। इसीलिए स्कूली स्तर पर ही भाषा, गणित, विज्ञान समेत सभी विषयों के साथ-साथ खेल-कूद, नृत्य-संगीत जैसी विधाओं को भी पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाता है, ताकि कच्ची उम्र से ही बच्चे अपनी रुचि के अनुरूप जीवन का लक्ष्य तय कर उस दिशा में आगे बढ़ सकें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अपने शौक को लक्ष्य और फिर पेशे के रूप में चुनने से सफ़लता सुनिश्चित हो जाती है, क्योंकि इन्हें हासिल करने में इंसान अपना दिल, दिमाग और ताकृत लगा देता है। लक्ष्य-निर्धारण में देरी का अर्थ ही दूसरों से पिछड़ना है। आमतौर पर बच्चे कहते हैं कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनियर या आई,ए.एस. बनूँगा, लेकिन इससे आगे बढ़ने का प्रयास नहीं करते। स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने तो किशोरावस्था में ही गायिका बनने का प्रयास शुरू कर दिया था और इतिहास रच दिया। तय है, लक्ष्य के साथ जीना सीखने वाले मुड़कर नहीं देखते। कई सारे उदाहरण हैं, जो बताते हैं कि सफ़लता का बड़ा हिस्सा लक्ष्य निर्धारण में जल्दी या देरी पर टिका है। महज आठ वर्ष की आयु में अमेरिकी तैराक माइकल फेलप्स ने तैराकी में ओलिम्पिक पदक जीतने का लक्ष्य साधा और आगे चलकर कुल अट्ठाईस पदक जीतकर ओलिम्पिक रिकॉर्ड कायम कर दिया। शिवाजी महाराज ने कहा था ‘एक छोटा कदम लक्ष्य-निर्धारण की ओर बाद में सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करा देता है।” इसलिए सोच-विचार में समय गँवाने के बजाए लक्ष्य चुनिए और उड़ान भरना शुरू कीजिए।
(i) अनुभवी व्यक्तियों का लक्ष्य-चयन के विषय में क्या मत है?
(क) लक्ष्य सोच-विचार कर शीघ्र निर्धारित करना चाहिए।
(ख) लक्ष्य-निर्धारण करने में बड़ों की सलाह लेनी चाहिए।
(ग) लक्ष्य-निर्धारण करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
(घ) लक्ष्य-निर्धारण आर्थिक लाभ को देखकर किया जाना चाहिए।
उत्तर:
(घ) लक्ष्य-निर्धारण आर्थिक लाभ को देखकर किया जाना चाहिए।
(ii) स्कूली स्तर पर विभिन्न विषयों के साथ अन्य विधाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा क्यों बनाया जाता है?
(क) बच्चों के दिमाग को कुछ समय आराम मिल सके।
(ख) बच्चे रुचि के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ सकें।
(ग) बच्चों को अन्य विधाओं की जानकारी मिल सके।
(घ) बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी हो सके।
उत्तर:
(ग) बच्चों को अन्य विधाओं की जानकारी मिल सके।
(iii) गद्यांश में लेखक ने प्रसिद्ध व्यक्तियों के उदाहरण क्यों दिए हैं?
(क) उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करने के लिए।
(ख) सही उम्र में लक्ष्य-निर्धारण की महत्ता समझाने के लिए।
(ग) उनकी तरह परिश्रम कर महान् बनने के लिए।
(घ) उनके जीवन के इतिहास से परिचित कराने के लिए।
उत्तर:
(ग) उनकी तरह परिश्रम कर महान् बनने के लिए।
(iv) गद्यांश में प्रयुक्त ‘उड़ान भरना ‘ का अर्थ है-
(क) सपने देखना
(ख) कल्पना करना
(ग) हवाई यात्रा करना
(घ) कोशिश करना
उत्तर:
(ग) हवाई यात्रा करना
(v) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए: ह॥
कथन (A) – अपने शौक को लक्ष्य और पेशा बनाने से सफ़लता सुनिश्चित हो जाती है।
कारण (R) – एक छोटा कदम लक्ष्य-निर्धारण की ओर बाद में सम्पूर्ण लक्ष्य हासिल करा देता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ग) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
व्याख्यात्मक हल:
अनुभवी व्यक्ति का कहना है कि लक्ष्य चुनना ही काफ़ी नहीं होता बल्कि उसे जितनी जल्दी चुना जाए, उतना ही बेहतर है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) “मैं तो खेलते-कूदते दर्ज में अव्वल आ गया।” – वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ख) क्रिया पदबंध
व्याख्यात्मक हल:
वह पदबंध जो अनेक क्रिया पदों से मिलकर बना हो, क्रिया पदबंध कहलाता है।
(ii) “बार-बार तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता।”- इस वाक्य में संज्ञा पदबंध है-
(क) तताँरा का याचना भरा
(ख) याचना भरा चेहरा
(गु) बार-बार तताँरा का
(घ) आँखों में तैर जाता
उत्तर:
(क) तताँरा का याचना भरा
(iii) “उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था।” – वाक्य में रेखांकित पदबंध का प्रकार है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) सर्वनाम पदबंध
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तर:
(ख) क्रिया पदबंध
(iv) “लकड़ी की बड़ी अलमारी से पुस्तक ले आओ।” – इस वाक्य में विशेषण पदबंध कौन-सा है?
(क) लकड़ी की बड़ी
(ख) बड़ी अलमारी से पुस्तक
(ग) अलमारी से पुस्तक ले आओ
(घ) बड़ी अलमारी से पुस्तक ले आओ
उत्तर:
(ख) बड़ी अलमारी से पुस्तक
(v) “सबकी सहयता करने वाले आप”! आज उदास क्यों हैं? – वाक्य में रेखांकित पदबंध है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(ख) सर्वनाम पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) “पढ़ाई और खेलकूद साथ-साथ चल सकते हैं” – वाक्य रचना की दृष्टि से है-
(क) मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर:
(ग) संयुक्त वाक्य
व्याख्यात्मक हल:
जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक स्वतन्त्र उपवाक्य किसी समुच्चय बोधक अतव्यय से जुड़े होते हैं उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
(ii) “उनकी नजर मेरी ओर उठते ही मेरे प्राण निकले।” – इसका संयुक्त वाक्य बनेगा-
(क) उनकी नजर मेरी ओर उठी नहीं कि मेरे प्राण निकले।
(ख) उनकी नजर मेरी ओर उठी और मेरे प्राण निकले।
(ग) जैसे ही उनकी नजर मेरी ओर उठी वैसे ही मेरे प्राण निकले।
(घ) जब उनकी नजर मेरी ओर उठी तब मेरे प्राण निकले।
उत्तर:
(ख) उनकी नजर मेरी ओर उठी और मेरे प्राण निकले।
(iii) कॉलम-1 को कॉलम-2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम-1 | कॉलम-2 | ||
1. | वह सफ़ल खिलाड़ी है इसलिए उसका कोई निशाना खाली नहीं जाता। | (i) | सरल वाक्य |
2. | सफ़ल खिलाड़ी वह है जिसका कोई निशाना खाली नहीं जाता। | (ii) | संयुक्त वाक्य |
3. | वह खिलाड़ी सफ़ल है और उसका कोई निशाना खाली नहीं जाता। | (iii) | मिश्र वाक्य |
विकल्प
(क) 1. (i), 2. (iii), 3. (ii)
(ख) 1. (ii), 2. (iii), 3. (i)
(ग) 1. (iii), 2. (ii), 3. (i)
(घ) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
उत्तर:
(क) 1. (i), 2. (iii), 3. (ii)
(iv) “तताँरा वामीरो की जो त्यागमयी मृत्यु थी वो इसी सुखद परिवर्तन के लिए थी” – रचना की दृष्टि से यह वाक्य है:
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) साधारण वाक्य
(घ) मिश्र वाक्य
उत्तर:
(घ) मिश्र वाक्य
(v) “मेरी माँ कहती थी कि सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे” – इसका सरल वाक्य बनेगा:
(क) मेरी माँ के अनुसार सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे।
(ख) मेरी माँ का ऐसा कहना था कि जब सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ोगे तब पेड़ रोएँगे।
(ग) मेरी माँ का कहना था कि सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते मत तोड़ो क्योंकि पेड़ रोएँगे।
(घ) सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे; माँ का कहना था।
उत्तर:
(क) मेरी माँ के अनुसार सूरज ढले आँगन के पेड़ों से पत्ते तोड़ने पर पेड़ रोएँगे।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘समास’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) ‘महावीर’ शब्द में कौन-सा समास है?
(क) कर्मधारय समास
(ख) द्विगु समास
(ग) तत्पुरुष समास
(घ) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(क) कर्मधारय समास
व्याख्यात्मक हल:
इसका समास विग्रह होगा-महान् है जो वीर अर्थात् कर्मधारय समास जिसमें उत्तर पद प्रधान होता है और दोनों पदों में उपमेय-उपमान का संबंध होता है।
(ii) ‘वनगमन’ समस्तपद का विग्रह होगा-
(क) वन का गमन
(ख) वन से गमन
(ग) वन को गमन
(घ) वन और गमन।
उत्तर:
(ग) वन को गमन
व्याख्यात्मक हल:
वनगमन का विग्रह-“वन को गमन’ होगा क्योंकि समस्त पद बनाते समय विभक्ति का लोप हो जाता है।
(iii) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
समस्त पद | समास |
1. विद्यालय | तत्पुरुष |
2. यथाशक्ति | द्विगु |
3. महावीर | कर्मधारय |
4. यथाक्रम | द्विगु |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) (ii) और (iv)
(ख) (i) और (ii)
(ग) (i) और (iii)
(घ) (ii) और (iii)
उत्तर:
(ग) (i) और (iii)
(iv) ‘गुरुदक्षिणा’ शब्द के सही समास-विग्रह का चयन कीजिए-
(क) गुरु से दक्षिणा-तत्पुरुष समास
(ख) गुरु का दक्षिणा-तत्पुरुष समास
(ग) गुरु की दक्षिणा-तत्पुरुष समास
(घ) गुरु के लिए दक्षिणा-तत्पुरुष समास।
उत्तर:
(घ) गुरु के लिए दक्षिणा-तत्पुरुष समास।
(v) “दिनचर्या” समस्त पद का विग्रह है-
(क) दिन की चर्या
(ख) दिन में आराम
(ग) दिन में चलना
(घ) दिन भर खाना।
उत्तर:
(क) दिन की चर्या
व्याख्यात्मक हल:
इसका सही विकल्प (क) होगा। समस्त पद का विग्रह करते समय लुप्त हुई विभक्ति पुन: लगा दी जाती हैं। यह तत्पुरुष समास है। दिन की चर्या अर्थात् दिन भर में किए जाने वाले कार्य ।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(i) ‘प्राण निकलना’ मुहावरे का सही अर्थ है-
(क) मर जाना
(ख) परलोक सिधार जाना
(ग) भयभीत हो जाना
(घ) जड़ हो जाना
उत्तर:
(ग) भयभीत हो जाना
(ii) ‘हिम्मत दूठना’ मुहावरे का सही अर्थ है-
(क) साहस समाप्त होना
(ख) धैर्य समाप्त होना
(ग) धन समाप्त होना
(घ) आशा समाप्त होना
उत्तर:
(क) साहस समाप्त होना
(iii) “नीरज चोपड़ा द्वारा ओलिम्पिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर देश की ………….।” रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए-
(क) आँखें नाम हो जाना
(ख) छाती फैल जाना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) लॉटरी लग जाना
उत्तर:
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(iv) “आई, ए.एस. की परीक्षा करने के लिए ……….. ‘पड़ती है, तब कही जाकर सफूलता मिलती है।”- रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए-
(क) आँखें फोड़ना
(ख) दिन-रात एक करना
(ग) खून जलाना
(घ) लोहे के चने चबाना
उत्तर:
(ख) दिन-रात एक करना
व्याख्यात्मक हल:
“आई.ए.एस. की परीक्षा पास करने के लिए दिन- रात एक करनी पड़ती है तब कहीं जाकर सफ़लता मिलती है।”
(v) रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए-
“शिकारी की एक ही गोली ने आदमखोर शेर का …………….. दिया।”
(क) खाक में मिलाना
(ख) धूल चटाना
(ग) धूल में मिलाना
(घ) काम तमाम करना
उत्तर:
(घ) काम तमाम करना
(vi) “असंभव काम कर दिखाना “- इस अर्थ के लिए सही मुहावरा है-
(क) छोटा मुँह बड़ी बात
(ख) आसमान के तारे तोड़ना
(ग) पहाड़ चढ़ना
(घ) हथेली पर सरसों उगाना
उत्तर:
(ख) आसमान के तारे तोड़ना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्मांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियों है
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले बतन साथियों
(i) पद्यांश में ‘साथियों’ किन्हें कहकर पुकारा गया है?
(क) नेताओं को
(ख) दुश्मनों को
(ग) देशवासियों को
(घ) सैनिकों को।
उत्तर:
(ग) देशवासियों को
(ii) ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ से क्या तात्पर्य है?
(क) देश के मान-सम्मान की रक्षा करना
(ख) देश की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर कर देना
(ग) हिमालय को झुकने न देना
(घ) (क) और (ख) दोनों।
उत्तर:
(घ) (क) और (ख) दोनों।
व्याख्यात्मक हल:
शत्रु से लड़ते-लड़ते सिर कट जाने पर भी जरा दुःख नहीं है, बल्कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमने हिमालय पर्वत के सिर को कभी झुकने नहीं दिया, हिमालय अर्थात् देश के मान-सम्मान को ठेस नहीं लगने दी।
(iii) ‘नब्ज जमती गई’ से क्या भाव है? ह।
(क) यातायात थम जाना
(ख) ठंड लगना
(ग) बहुत बर्फ़ पड़ना
(घ) मृत्यु के समीप होना।
उत्तर:
(घ) मृत्यु के समीप होना।
व्याख्यात्मक हल:
हमारी साँसें अब रुकने लगी हैं, ठंड के कारण नाड़ी भी जमने लगी है, फिर भी हमने अपने कदमों को आगे बढ़ने सेनहीं रोका है।
(iv) सैनिकों को किस बात का गम नहीं है?
(क) देश की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर करने का
(ख) हिमालय का सर झुक जाने का
(ग) शत्रुओं से हाथ मिलाने का
(घ) देश को दुश्मनों के हवाले करने का।
उत्तर:
(क) देश की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर करने का
व्याख्यात्मक हल:
सैनिकों को देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्न्योछावर करने का भय नहीं है।
(v) पद्मांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए-
(क) अब तुम्हारे हवाले – कवि के लिए
(ख) अब तुम्हारे हवाले – नेताओं के लिए
(ग) अब तुम्हारे हवाले – सैनिकों के लिए
(घ) अब तुम्हारे हवाले – देशवासियों के लिए
उत्तर:
(घ) अब तुम्हारे हवाले – देशवासियों के लिए
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) तोप कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर क्यों रखी गई है?
(क) बाग की सुंदरता बढ़ाने के लिए
(ख) ताकि लोग फोटो खिंचवा सकें
(ग) ताकि सबको याद रहे कि ईस्ट इंडिया कंपनी दोबारा देश में न आ सके
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) ताकि सबको याद रहे कि ईस्ट इंडिया कंपनी दोबारा देश में न आ सके
व्याख्यात्मक हल:
तोप कंपनी बाग के प्रवेश द्वार पर रखी गई है ताकि सबको याद रहे कि ईस्ट इंडिया कंपनी दोबारा देश में न आ सके।
(ii) देवताओं की गोद में किसको आश्रय प्राप्त होता है?
(क) जो कलंकित हो
(ख) जिसे देवत्व प्राप्त हो
(ग) जो कलंक रहित हो
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) जो कलंक रहित हो
व्याख्यात्मक हल:
कवि का मानना है कि कलंक रहित होकर मनुष्य देवताओं की गोद में आश्रय पाकर आगे बढ़ सकता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 5 = 5)
सदियों पूर्व, जब लिटिल अंदमान और कार-निकोबार आपस में जुड़े हुए थे तब वहाँ एक सुंदर-सा गाँव था। पास में एक सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। उसका नाम था तताँरा। निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। तताँग एक नेक और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। अपने गाँववालों को नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। उसके इस त्याग की वजह से वह चर्चित था। सभी उसका आदर करते। वक्त मुसीबत में उसे स्मरण करते और वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता। उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक था ही, साथ ही आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। पारंपरिक पोशाक के साथ वह अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। लोगों का मत था, बावजूद लकड़ी की होने पर, उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। तताँरा अपनी तलवार को कभी अलग न होने देता। उसका दूसरों के सामने उपयोग भी न करता। किंतु उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग-बाग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँग की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(i) गाँव के लोग तताँरा को क्यो पसंद करते थे?
(क) वह सुंदर और शक्तिशाली था।
(ख) वह नेक और मददगार व्यक्ति था।
(ग) वह बेहद शांत और सभ्य व्यक्ति था।
(घ) वह सुंदर, बलिष्ठ और भोला व्यक्ति था।
उत्तर:
(ख) वह नेक और मददगार व्यक्ति था।
व्याख्यात्मक हल:
निकोबार के लोग तताँरा को उसके आत्मीय स्वभाव के कारण पसन्द करते थे। वह नेक, ईमानदार और साहसी था। वह मुसीबत के समय भाग-भागकर सबकी मदद करता था।
(ii) दूसरे गाँव के लोग भी पर्व-त्योहारों के समय तताँरा को क्यों आमंत्रित करते थे?
(1) उसके आकर्षक व्यक्तित्व के कारण
(2) उसके साहसिक कारनामों के कारण
(3) उसके त्याग और सेवाभाव के कारण
(4) उसकी विलक्षण तलवार के कारण
विकल्प:
(क) केवल (1)
(ख) केवल (2)
(ग) केवल (3)
(घ) केवल (4)
उत्तर:
(ग) केवल (3)
व्याख्यात्मक हल:
वह सदैव दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। द्वीपवासियों की सेवा करना वह अपना कर्त्तव्य समझता था। अपने त्यागमयी स्वभाव के कारण वह सभी के आदर का पात्र था। इसी कारण उसे पर्व-त्योहारों में विशेष रूप से बुलाया जाता था।
(iii) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A) : तताँरा समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था।
कारण (R) : वह एक सुंदर और शक्तिशाली युवक था।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(iv) तताँरा की तलवार लोगों के बीच एक विलक्षण रहस्य क्यों थी?
(क) क्योंकि तताँरा उसे कभी अपने से अलग नहीं करता था।
(ख) क्योंकि तताँगा की तलवार लकड़ी की बनी हुई थी।
(ग) क्योंकि ततारा उसका प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था।
(घ) क्योंकि तताँरा ही अद्भुत, साहसिक कारनामें किया करता था।
उत्तर:
(ग) क्योंकि ततारा उसका प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था।
व्याख्यात्मक हल:
तताँर अपनी तलवार का दूसरों के सामने उपयोग नहीं करता था। उसके चर्चित साहसिक कारनामों के कारण लोग तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे। तताँगा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
(v) पारंपरिक पोशाक से क्या अभिप्राय है?
(क) गाँव के सभी लोगों द्वारा पहने जाने वाली पोशाक
(ख) गाँव के युवाओं द्वारा पहने जाने वाली पोशाक
(ग) वो पोशाक जो किसी प्रदेश विशेष में सदियों से पहनी जाती हो।
(घ) वो पोशाक जो किसी विशेष अवसर पर पहनी जाती हो।
उत्तर:
(ग) वो पोशाक जो किसी प्रदेश विशेष में सदियों से पहनी जाती हो।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(i) ‘ध्वजारोहण रोकने के लिए पुलिस ने प्रबंध किया था। ‘ उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) पुलिस अपनी पूरी ताकत से गश्त देकर प्रदर्शन नहीं कर रही थी।
(2) पुलिस अपनी पूरी ताक़त से गश्त देकर शहर में प्रदर्शन कर रही थी।
(3) ट्रेफिक पुलिस व घुड़सवारों का भी प्रबन्ध किया गया।
(4) सारजेन्ट प्रत्येक मोड़ पर तैनात थे।
विकल्प:
(क) केवल (1)
(ख) केवल (2)
(ग) (2), (3) और (4)
(घ) (2) और (4)
उत्तर:
(ग) (2), (3) और (4)
व्याख्यात्मक हल:
पुलिस भी अपनी पूरी ताकृत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी। ट्रैफिक पुलिस व घुड़सवारों का भी प्रबंध किया गया था। मोटर गाड़ियों में गोरखे तथा सारजेंट प्रत्येक मोड़ पर तैनात थे।
(ii) पक्षी बस्तियों से क्यों चले गए?
(क) वृक्षों के कटाव के कारण
(ख) अपना आश्रय छिन जाने के कारण
(ग) बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्यात्मक हल:
मानव ने स्वार्थवश पेड़ों को तेजी से काटना शुरू कर दिया जिसके कारण पंछियों का आश्रय छिन गया। बढ़ते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है।
खण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक प्रश्न
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) ‘बड़े भाई साहब’ के कुछ कथनों से तत्कालीन शिक्षा-व्यवस्था के कुछ विशेष पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है। उनका उल्लेख करते हुए लिखिए कि आज की शिक्षण-व्यवस्था में किस प्रकार के परिवर्तन आप पाते हैं ?
उत्तर:
छोटे भाई को उपदेश देने के क्रम में बड़े भाई साहब के कुछ कथरनों से तत्कालीन शिक्षा-व्यवस्था के अनेक पहलुओं पर प्रकाश पड़ता है। बड़े भाई साहब एक ही कक्षा में कई साल लगाते थे। वे तत्कालीन शिक्षा प्रणाली में केवल रटंत प्रणाली के घोर विरोधी थे। वे पढ़ाई के विस्तार और अंग्रेजी शिक्षा के पक्षधर नहीं थे। इतिहास को रटना और चार-चार पन्नों में निबन्ध लिखना उन्हें अच्छा नहीं लगता था। बच्चों को खेल-कूद से अलग कर हमेशा पढ़ने के लिए कहना उनके कथानुसार शिक्षा के प्रति लगाव कम करने वाला था। आज की शिक्षा पद्धति में इन सभी की उलट व्यवस्था देखने को मिलती है। इस प्रणाली में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग अधिकतर किया जा रहा है। आज की शिक्षा प्रणाली में खेलो-पढ़ो-बढ़ो पर सबसे अधिक बल दिया जाता है।
(ii) “कारतूस पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए कि वजीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था।
उत्तर:
- साहसिक कारनामों के कारण अंग्रेज़ों द्वारा रॉबिन हुंड कहा जाना।
- अवध पर अंग्रेजों की पकड़ को कमज़ोर करना।
- अंग्रेज वकील की हत्या करना।
- मुट्ठी भर आदमियों के साथ अंग्रेजी फौज से लड़ने की हिम्मत रखना।
- दुश्मन के खेमे में अकेले जाना और कारतूस हासिल करना।
व्याख्यात्मक हल:
वजीर अली एक साहसी सिपाही था जिसकी वजह से उसे रॉबिन हुड की संज्ञा दी गई। वह अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मन के खेमें में अकेले गया तथा कैंप में घुसकर कारतूस लेने में भी सफ़ल हुआ।
(iii) “तीसरी कसम’ में शैलेन्द्र ने राजकपूर को किस प्रकार हीरामन ही बना दिया था ?
उत्तर:
‘तीसरी कसम’ में शैलेन्द्र ने राजकपूर जैसे स्टार को ‘हीरामन’ बना दिया था। हीरामन पर राजकपूर हावी नहीं हो सका था क्योंकि वे पात्र के अनुरूप स्वयं को ढालना अच्छी तरह जानते थे। हीरामन के रूप में नायक (राजकपूर) अपनी मस्ती में डूबकर झूमते गाते गाड़ी वाले के रूप में गाड़ी चलाता हुआ दिखाई देता है। वह हीरामन के साथ एकाकार हो गया था जो सिर्फ़ दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं, जिसके लिए मोहब्बत के सिवा किसी दूसरी चीज का कोई अर्थ नहीं। ऐसा लग रहा था जैसे कि राजकपूर स्वयं ही हीरामन हों।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभंग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) ‘एके अषिर पीव का, पढ़े सु पंडित होय’ पंक्ति का आप क्या अर्थ समझते हैं ? प्रेम का एक अक्षर सभी ग्रन्थों से किस प्रकार भारी है, अपने जीवन के एक अनुभव के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- ‘प्रेम’ का एक अक्षर हृदय से पढ़ लेना सौ पुस्तकें पढ़ने के बराबर है।
- मानव जीवन का मूल मंत्र-मानव प्रेम |
- व्यक्तिगत अनुभव
व्याख्यात्मक हल:
“एके अषिर पीव का पढ़े सु पंडित होय’ पंक्ति का अर्थ है कि जिस व्यक्ति ने प्रेम के एक अक्षर को पढ़ लिया है, वह विद्वान हो जाता है। यह पूर्णत: सत्य है, क्योंकि संसार में लोग धार्मिक पुस्तकें पढ़ने में लगे रहते हैं परन्तु ईश्वर को प्राप्त नहीं कर पाते हैं और न ही सत्य को जान पाते हैं। कबीर दास जी का मानना है कि ईश्वर अनुभवगम्य है, अक्षरगम्य नहीं। वह केवल अपने अनुभव से ही जाना जा सकता है, दूसरों के अनुभवों से नहीं। मानव जीवन का मूल-मंत्र-मानव प्रेम है और प्रेम का अक्षर हृदय से पढ़ लेना सौ पुस्तकों को पढ़ने के बराबर होता है अतः स्पष्ट है कि प्रेम का एक अक्षर सभी ग्रन्थों पर भारी होता है। एक बार मैं अपने नानाजी के साथ ऑटो से जा रहा था। एक कॉलेज के पास हमारा एक्सीडेंट हो या। मैं और नानाजी दोनों घायल थे। नानाजी की स्थिति ज़्यादा खराब थी। चारों ओर कॉलेज के छात्र जमा हो गए लेकिन कोई सहायता को आगे न आया तब दो कचरा बीनने वालों ने किसी तरह हमें रिक्शे में बैठकर अस्पताल पहुँचाया। तब मुझे महसूस हुआ कि पुस्तकीय ज्ञान के स्थान पर प्रेम का अक्षर पढ़ने वाले ही असली ज्ञानी हैं।
(ii) कविता की पृष्ठभूमि में ‘तोप’ की अतीत में भूमिका और उसकी वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए। कवि को क्यों कहना पड़ा-
“कितनी ही बड़ी हो तोप एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।”
उत्तर:
- विवरण (अतीत)
- तोप ईस्ट इंडिया कंपनी की है।
- 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम को कुचलने में इसका प्रयोग किया गया था।
- अत्यन्त शक्तिशाली जिसने अनेक भारतीय सूरमाओं को मारा था।
(वर्तमान)
- कंपनी बाग के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित
- शक्तिहीन, निस्तेज़
- ऐतिहासिक धरोहर जिसे साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चमकाया जाता है।
- बच्चे उस पर घुड़सवारी करते हैं, चिड़ियाँ गपशप करती हैं।
व्याख्यात्मक हल:
कविता के अनुसार, कविता की पृष्ठभूमि में स्थित तोप ईस्ट इंडिया कंपनी की है। 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने में इसका प्रयोग किया गया था। ये तोप इतनी शक्तिशाली थी कि इसने स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने वाले अनेक भारतीय सूरमाओं की धज्जियाँ उड़ा दी थीं।
वर्तमान में, यह तोप कंपनी बाग के मुख्य द्वार पर प्रदर्शित की गई है। अपने अतीत में इतनी शक्तिशाली रहने वाली यह तोप अब ‘शक्तिहीन एवं निस्तेज़ है। अब यह केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है जिसे साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर चमकाया जाता है। अब बच्चे उस पर घुड़सवारी करते हैं, चिड़ियाँ उस पर गपशप करती हैं। गौरैया भी उस तोप के मुँह में ही घुस जाती है। इससे हमें पता चलता है कि शस्त्र-शक्ति और बलपूर्वक दमन करके जनता को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है परन्तु जब जनता विद्रोह करती है तो बड़े-बड़े अत्याचारियों को उखाड़ फेंकती है और हमारे पूर्वजों ने भी अत्याचारी अंग्रेजों की सत्ता को उखाड़ फेंका और उनकी बड़ी तोपों का मुँह भी बन्द-कर दिया अर्थात् वह तोप अब गोले फेंकने या फिर आग उगलने लायक ही नहीं रहीं है, केवल बच्चों के लिए एक खिलौना बन गई है। इसके अलावा इसकी उपयोगिता शून्य है इसलिए कवि को कहना पड़ा-
“कितनी ही बड़ी हो तोप
‘एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।”
(iii) “आत्मत्राण’ शीर्षक का अर्थ बताते हुए उसकी सार्थकता, कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- ‘आत्मत्राण’ का अर्थ है-स्वयं की रक्षा।
- यहाँ कवि ईश्वर से सामर्थ्यवान बनने की कामना करता है। ईश्वर में सब कुछ संभव करने का सामर्थ्य है, लेकिन कवि नहीं चाहता कि प्रभु उसकी रक्षा करें। कवि ईश्वर की कृपा से अपना संघर्ष स्वयं करना चाहता है।
- श्षिक में संक्षिप्तता, आकर्षण के गुण और कंविता के मूलभाव से संबद्धता है।
व्याख्यात्मक हल :
‘आतत्राण’ का अर्थ है-स्वयं अपनी सुरक्षा करना। इस कविता में कवि ईश्वर से सहायता नहीं माँगता। वह ईश्वर को हर दुःख से बचाने के लिए नहीं पुकारता। वह स्वयं अपने दुःख से बचने और उससे सामना करने योग्य बनना चाहता है इसके लिए वह केवल स्वयं को समर्थ बनाना चाहता है इसलिए यह शीर्षक विषय वस्तु के अनुरूप बिल्कुल सही और सटीक है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(i) रामदुलारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा ? “टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर:
- टोपी पिटता रहा लेकिन उसने रामदुलारी की इस बात को नहीं स्वीकारा कि वह इफ़्फ़न के घर फिर कभी नहीं जाएगा।
- टोपी बहुत उदास हो गया था।
- उसका सारा बदन दुःख रहा था।
- वह बस यही सोचता रहा था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।
[सी.बी.एस.ई. 5007 अंक योजना 2020-27]
व्याख्यात्मक हल :
टोपी के द्वारा ‘ अम्मी ‘ कहे जाने पर टोपी के घर में बवंडर पैदा हो गया। दादी के उकसाने पर माँ रामदुलारी ने टोपी की बहुत पिटाई लगाई तथा उसे इफ़्फून से न मिलने की हिदायत दी लेकिन पिटाई खाकर भी टोपी ने इफ़्फ़न से मिलना नहीं छोड़ा वबरन् इस पिटाई से टोपी बहुत उदास हो गया तथा उसका पूरा बदन दर्द करने लगा। उसे अपनी दादी से नफ़रत हो गई। वह सोचने लगा कि काश ! इफ़्फ़न की दादी से उसकी दादी को बदला जा सके। इफ्फ़न की दादी के मरने पर उसने इफ्फ़न से कहा भी कि तेरी दादी की जगह मेरी दादी मर जाती तो अच्छा रहता। वहीं वह मुन्नी बाबू से भी घृणा करने लगा। वह बस यही सोचता रहता था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।
(ii) “हरिहर काका’ कहानी के आधार पर लिखिए कि रिश्तों की नींव मज़बूत बनाने के लिए किन गुणों की आवश्यकता है और स्पष्ट कीजिए कि ऐसा क्यों ज़रूरी है?
उत्तर:
‘हरिहर काका’ कहानी के आधार पर रिश्तों की नींव मज़बूत करने के लिए अनेक गुणों की आवश्यकता होती है। सामाजिक या पारिवारिक रिश्तों को मजबूती प्रदान करने के लिए आदमी को निज की भावना से ऊपर उठना होता है। आधुनिक परिवर्तित समाज तथा रिश्तों में बदलाव आ रहा है। उनमें स्वार्थ लोलुपता बढ़ती जा रही है। कथावस्तु के आधार पर हरिहर काका एक वृद्ध निःसंतान व्यक्ति हैं, परिवार के सदस्यों को जब लगता है कि काका कहीं अपनी ज़मीन महंत के नाम न कर दें तब वे उनकी सेवा करने लगते हैं। बाद में अपनी स्वार्थ सिद्धि न होती देखकर वे काका के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं। पारिवारिक संबंधों में भ्रातभाव को बेदखल कर पाँव पसारती जा रही स्वार्थ लिप्सा, हिंसावृत्ति को समाप्त करने के लिए परस्पर सहयोग, सद्भाव और सौहार्द जैसे गुणों कौ आवश्यकता है जिससे समाज में, रिश्तों में दूरियाँ और विघटन समाप्त हो जाए।
(iii) “सपनों के से दिन’ कहानी के आधार पर पी.टी. साहब के व्यक्तित्व की दो विशेषताएँ बताते हुए लिखिए कि स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्त्वपूर्ण आदमी, एक फौजी जवान क्यों समझता था?
उत्तर:
- व्यक्तित्व की विशेषताएँ
- कठोर अनुशासन प्रिय
- कोमल हृदय
- कुशल अध्यापक
- कुशल प्रशिक्षक
(किन्हीं दो बिंदुओं का उपयुक्त उदाहरणों सहित उल्लेख अपेक्षित)
फौजी समझने के कारण
- फुल बूट, शानदार वर्दी एवं लेफ्ट-राइट करते फौजी जवानों की परेड की छवि का मन में बसना
- मन में फौजी बनने की इच्छा जाग्रत होना
- पी.टी.सर द्वारा परेड में लेफ्ट-टर्न, राइट-टर्न एवं अबाउट-टर्न कहने पर पीछे मुड़ते हुए ठक-ठक की आवाज़ करते समय स्वयं को फौजी समझना।
व्याख्यात्मक हल:
‘पी.टी. साहब के व्यक्तित्व की विशेषताएँ निम्न हैं-
1. कठोर अनुशासन प्रिय-पी-टी-साहब मास्टर प्रीतमचन्द का व्यक्तित्व भयभीत करने वाला था। वे कठोर.अनुशासन प्रिय थे। वे छात्रों को अपने अनुशासन से भयभीत रखते थे। स्काउट परेड में एवं प्रार्थना के समय वे किसी की अनुशासनहीनता सहन नहीं करते थे व छात्रों को दंड दे देते थे।
2. कोमल हृदय-पी.टी. सर बाहर से कठोर किन्तु हृदय से कोमल थे। उन्होंने घर में तोते पाल रखे थे। जब उनको स्कूल से मुअत्तल कर दिया गया, तब वे अपने तोतों से बात करते व उन्हें भीगे हुए बादाम खिलाते थे। स्काउट परेड करते समय लेखक स्वयं को महत्त्वपूर्ण आदमी, एक फ़ौजी जवान इसलिए समझता था, क्योंकि जब वह स्काउट की वर्दी पहनकर, गले में रंगीन रूमाल डालकर झंडियाँ हिलाते हुए, परेड करता था तो उसे एक फौजी जवान की-सी शान अनुभव होती थी। उसके मन में परेड की छवि बस गई थी। उसे छोटे बूटों की एड़ियों पर लेफ़्ट-राइट, राइट टर्न या लेफ्ट टर्न या अबाउट टर्न करते हुए बूटों की ठक-ठक से आगे बढ़ना अच्छा लगता था।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) इंटरनेट की दुनिया
संकेत-बिन्दु-
- इंटरनेट का तात्पर्य
- सूचना का मुख्य साधन
- लाभ तथा हानि
उत्तर:
इंटरनेट की दुनिया
विज्ञान ने मनुष्य को अनेक शक्तियाँ, सुख-सुविधाएँ तथा क्रांतिकारी उपकरण दिए हैं, जिनमें इंटरनेट एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण, बलशाली एवं गतिशील सूचना का माध्यम है। यह अनेक कम्प्यूटरों का एक जाल है, जिसके सहयोग से आज का मनुष्य विश्व के किसी भी भाग से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकता है। सन् 1986 में इंटरनेट का आरम्भ हुआ था। इंटरनेट से ज्ञान के क्षेत्र में अद्भुत क्रांति आ गई है। ज्ञान, विज्ञान, खेल, शिक्षा, संगीत, कला, फ़िल्म, चिकित्सा आदि सबकी जानकारी इंटरनेट से उपलब्ध हो जाती है। इससे देश-विदेश के समाचार, मौसम, खेल संबंधी ताज़ा जानकारी प्राप्त होती है। आजकल इन्टरनेट के कार्यक्रमों की बहुत अधिक माँग है। इंटरनेट से विज्ञान, व्यवसाय व शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य होने लगे हैं, जिससे समाज में बेरोज़गारी समाप्त हो सकती है। इससे उद्योग, प्रोद्योगिकी शिक्षा, राजनीति, व्यापार, खेल-कूद, स्वास्थ्य, धर्म, योग, वास्तुकला प्रबन्धन, सूचना प्रोद्योगिकी आदि अनेक विषयों के बारे में सूचनाएँ और आँकड़े प्राप्त होते हैं। इससे मौसम विज्ञान और भूकंप विज्ञान से संबंधित पूर्वानुमान लगाने, तेल एवं प्राकृतिक गैस के भंडारों का पता लगाने, दूर-संवेदी आकलन करने में सहायता मिलती है। साथ ही अस्पतालों एवं चिकित्सा से संबंधित नवीनतम जानकारी और भौगोलिक सूचनाओं से संबंधित जानकारी भी मिलती है। इंटरनेट सभी के लिए उपयोगी है, लेकिन इसका प्रयोग करते समय सावधानी की आवश्यकता होती है जिससे हमारा डाटा सुरक्षित रह सकता है। इसका दुरुपयोग होने से भी बचाया जा सकता है। जल्दबाज़ी करने से हमारी सूचना व धन किसी दूसरे के पास पहुँच सकते हैं, अत: हमें इंटरनेट का प्रयोग करते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।
(ii) शिष्टाचार
संकेत-बिन्दु-
- शिष्टाचार कया है?
- महत्त्व एवं लाभ
- बाधक तत्त्व एवं निगाकरण
उत्तर:
शिष्टाचार
शिष्टाचार कया है? शिष्ट या सभ्य पुरुषों का आचरण शिष्टाचार कहलाता है। दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार करना, घर आने वाले का आदर करना, आवोभगत करना, बिना द्वेष और निःस्वार्थ भाव से किया गया सम्मान शिष्टाचार कहलाता है। शिष्टाचार से जीवन महान् बनता है। शिष्टाचार का क्षेत्र उतना ही व्यापक है जितना हमारे जीवन-व्यवहार का। समाज में जहाँ-जहाँ भी हमारा दूसरे व्यक्ति से संपर्क होता है, वहीं शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है। घर में परिवार के छोटे से लेकर बड़े सदस्यों के साथ, सभी जगह तो हमें शिष्टाचार की आवश्यकता पड़ती है, हमारा सम्पूर्ण जीवन, कार्य, व्यापार, मिलना-जुलना सभी में शिष्ट व्यवहार की आवश्यकता पड़ती है। सद्व्यवहार, सदाचार आदि शिष्टाचार के ही अंग हैं। शिष्टाचारी मन, वचन, कर्म से किसी को हानि नहीं पहुँचाता। इसके विपरीत अशिष्ट व्यवहार दूसरों में घृणा, द्वेष पैदा करता है। अशिष्ट व्यक्ति को शायद ही कोई आत्मीय सहयोगी मिलता है। अशिष्टता का अभिशाप हमारे व्यक्तित्व के विकास को अवरुद्ध कर देता है साथ ही हमें समाज में अकेला छोड़ देता है तथा शिष्ट व्यवहार से सहज ही दूसरों की सदभावनाएँ अर्जित की जा सकती हैं जो जीवन पथ पर आगे बढ़ने के लिए बड़ी उपयोगी और आवश्यक हैं। शिष्टाचार आत्मा की अभिव्यक्ति है। जिस शिष्टाचार में हमारा हृदय नहीं उमड़ता, जिससे एक-दूसरे में प्रसन्नता, आनन्द, सुख की लहरें नहीं उठती वह शिष्टाचार व्यर्थ है। एक-दूसरे के लिए धोखा है और तथाकथित चालाकी, कूटनीति या छल का ही एक अंग है। इसे छोड़कर हमें जीवन में सच्चे, आत्म-प्रेरित शिष्टाचार को स्थान देना चाहिए।
(iii) मेरा मनपसंद रियल्टी शो
संकेत-बिन्दु-
- रियल्टी शो का अर्थ
- विविध प्रकार के शो के नाम
- मनपसंद शो का नाम।
उत्तर:
मेरा मनपसंद रियल्टी शो
रियलटी शो का तात्पर्य होता है दूरदर्शन पर प्रस्तुत होने वाले ऐसे कार्यक्रम जिनमें प्रतिभागी भाग लेते हैं और इस प्रक्रिया में वे बारी-बारी से हारने पर बाहर होते हैं अंत में मात्र विजेता ही शेष रहता है, अन्य सभी प्रतिभागी कार्यक्रम से बाहर होते जाते हैं। जब से रियल्टी शो का प्रचलन बढ़ा है दूरदर्शन की दुनिया में भूचाल-सा आ गया है। इसका व्यापारिक लाभ दोगुना हो गया है। आज लगभग प्रत्येक चैनल पर कोई-न-कोई रियल्टी शो आता ही रहता है। इसके द्वारा अनेक प्रकार की प्रतिभाओं को भी देखने का अवसर मिलता है। आजकल टेलीविज़न पर इस प्रकार के कार्यक्रमों की होड़-सी लगी हुई है। प्रत्येक चैनल पर कोई-न-कोई रियल्टी शो प्रदर्शित होता ही रहता है। इंडियन आइडल, डांस इंडिया डांस, बिग बॉस, झलक दिखला जा, मास्टर शेफ आदि अनेक रियल्टी शो हैं जो टेलीविज़न पर दिखाए जाते हैं और दर्शक भी उत्सुकता और उत्साहपूर्वक उन शो को देखते हैं। वे सभी अपने मनपसंद प्रतिभागी को जीतते हुए देखना चाहते हैं। इसी प्रकार “डांस इंडिया डांस’ मेरा मनपसंद रियल्टी शो है। इसमें प्रतिभागी अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। मुझे भी नृत्य करना पसंद है। मैं भी एक कलाकार बनना चाहती हूँ और इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को सभी के समक्ष प्रस्तुत करना चाहती हूँ, इसलिए यह मेरा मनपसंद र्यिल्टी शो है।
प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) कम्प्यूटर लैब में हिंदी में काम करने की सुविधा के लिए “हिंदी फॉन्ट’ की व्यवस्था करवाने का आग्रह करते हुए प्राचार्य/प्राचार्या को 100 शब्दों में आवेदन पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
श्रीमान् प्रधानाचार्य जी
एस. डी. वी. स्कूल
मेरठ
विषय-कंप्यूटर लैब में हिंदी फॉन्ट की व्यवस्था हेतु
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय की कम्प्यूटर लैब में अंग्रेज़ी में ही कार्य करने की सुविधा है, लेकिन राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए कंप्यूटर लैब में हिंदी फॉन्ट की आवश्यकता है। हम सभी हिन्दी फॉन्ट में कार्य करना चाहते हैं क्योंकि इसके अभ्यास से हमें हिन्दी टाइपिस्ट की परीक्षा में सहायता प्राप्त होगी।
अतः आपसे निवेदन है कि कंम्प्यूटर लैब में हिंदी में काम करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हिंदी फॉन्ट की व्यवस्था करें।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अ. ब. स.
कक्षा-10 (अ)
दिनांक-00/0/20xx
अथवा
(ii) आपकी हिन्दी शिक्षिका का स्थानान्तरण हुए दो मास हो गए हैं और कोई नियमित विकल्प न मिलने से पढ़ाई नहीं हो पा रही। पत्र में इस समस्या की चर्चा करते हुए प्रधानाचार्य से तुरन्त समाधान करने का आग्रह कीजिए।
उत्तर:
सेवा में,
महात्मा गाँधी विद्यालय
आगरा
दिनांक………..
विषय-हिन्दी शिक्षक उपलब्ध करवाने हेतु
महोदय,
सविनय निवेदन है कि विगत दो मास से, जब से हमारी हिन्दी शिक्षिका का स्थानांतरण हुआ है, हमारी कक्षा में हिन्दी विषय की नियमित पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इससे हमें बहुत हानि हो रही है। आगामी मास में हमारी वार्षिक परीक्षा होने वाली है। पढ़ाई न हो पाने के कारण हम लोग परीक्षा में पूछे गए प्रश्न पत्र को हल करने में असमर्थ होंगे।
अतः: आपसे निवेदन है कि आप शीघ्र हमारे लिए किसी योग्य हिन्दी अध्यापक की व्यवस्था करने की कृपा करें।
आशा है आप हमारी इस प्रार्थना पर विशेष ध्यान देकर उसे पूरी करने की कृपा करेंगे।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अ. ब. स.
कक्षा-10
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए- (4 × 1 = 4)
(i) एक सूचना तैयार कीजिए जिसमें सभी विद्यार्थियों से निर्धन बच्चों के लिए ‘पुस्तक-कोष’ में अपनी पुरानी पाठ्य-पुस्तकों का उदारतापूर्वक योगदान देने हेतु अनुरोध किया गया हो।
उत्तर:
आवश्यक सूचना
विद्यालय में पुस्तक-कोष की स्थापना
दिनांक ……….
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि निर्धन बच्चों के लिए विद्यालय में “पुस्तक कोष’ की स्थापना की गई है ताकि शिक्षा प्राप्ति में उन्हें सहायता दी जा सके, अतः सभी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि वे अपनी पुरानी पाठ्यपुस्तकें पुस्तक-कोष में जमा कर इस नेक कार्य में भागीदार बनें। इच्छुक विद्यार्थी पुस्तकालयाध्यक्ष से संपर्क करें।
धन्यवाद
आज्ञा से
अ. ब. स. (हेड ब्वॉय)
अथवा
(ii) आप विद्यालय के छात्र संघ के सचिव हैं। विद्यालय में मोबाइल निषेध है। इससे संबंधित सूचना जारी करते हुए 60 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तर:
आवश्यक सूचना
मोबाइल के संदर्भ में
दिनांक …………
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में छात्रों को मोबाइल लाना सख्त मना है। जो भी-छात्र-छात्रा अगर विद्यालय में मोबाइल लाएँगे, तो उनके खिलाफ़ कड़ी-से-कड़ी कार्यवाही की जाएगी व जुर्माना भी लगेगा।
आज्ञा से
अ. ब. स.
छात्र संघ (सचिव)
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- (3 × 1 = 3)
(i) आपके संसदीय क्षेत्र में प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में स्वास्थ्य-शिविर का आयोजन होने जा रहा है। इसे जनता तक पहुँचाने के लिए 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
विज्ञापन
स्वास्थ्य शिविर
लगने जा रहा है अब आपके क्षेत्र में
जहाँ होगी सभी रोगों की निःशुल्क जाँच देश के विख्यात डॉक्टरों द्वारा।
पहले आएँ पहले पाएँ।
दिन-्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह
समय-प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक
रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें-
अ. ब. स.
कामायनी अस्पताल
अ. ब. स. नगर
फ़ोन न. 9494000000
जनहित में जारी
अथवा
(ii) दिल्ली पुस्तक मेले में भाग ले रहे ‘क.ख.ग प्रकाशन’ की ओर से लगभग 40 शब्दों में एक विज्ञापन का आलेख तैयार कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 18.
संकेत के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लघुकथा लिखिए- (5 × 1 = 5)
(i) संकेत-मदन एक कार ड्राइवर ………. अनुशासन व नियमों का पालन करने वाला ………. सेठ के पास नौकरी ………. लाल बत्ती पर गाड़ी रोकना ………. सेठ का गाड़ी (कार) चलाने को कहना ……… मीटिंग के लिए लेट होना ……… सेठ की बात न मानना ……. सेठ का दूसरा ड्राइवर …….. लाल बत्ती पार करना ……… ट्रक की चपेट में आना ………. सेठ का सकते में आ जाना …….. अनुशासन व नियमों का महत्त्व जानना।
उत्तर:
कहानी-(अनुशासन का महत्त्व) मदन पिछले छह महीनों से सेठजी के यहाँ ड्राइवर की नौकरी कर रहा था। वह बहुत अनुशासनप्रिय तथा नियमों का पालन करने वाला व्यक्ति था। अपनी इसी अनुशासन प्रियता के कारण वह प्राय: सिग्नल पर लाल बत्ती होने के कारण गाड़ी रोक देता था, जिससे उसका सेठ कई बार मीटिंग के लिए लेट हो जाता। मदन का सोचना था कि अगर समय पर पहुँचना है तो उसके सेठ को घर से जल्दी निकलना चाहिए। लेकिन वह सेठजी से यह नहीं कह सकता था।
मदन की नौकरी खतरे में थी। सेठ जी दूसरा ड्राइवर तलाश कर रहे थे, मगर मदन को इसका कोई अफ़सोस नहीं था। नौकरी के आखिरी दिन थे। एक दिन वह सेठ जी को लेकर मीटिंग के लिए निकला। सड़क पर चौराहे पर लगे सिग्नल पर लाल बत्ती जलते ही मदन ने कार रोक दी।
“मदन मैं मीटिंग के लिए लेट हो जाऊँगा। गाड़ी चलाओ।” मदन के सेठ ने घड़ी देखते हुए मदन से कहा।
“लेकिन सेठ जी अभी रेड लाइट है।”
“रेड लाइट है तो क्या हुआ”
अभी सेठजी ने इतना ही कहा था कि उनके बगल से निकलकर एक कार जैसे ही लालबत्ती के उस पार गई, दूसरी तरफ़ से आते ट्रक से उसकी जोरदार भिड़ंत हो गई। अगर मदन ने कार आगे बढ़ाई होती तो उस ट्रक की चपेट में उनकी ही कार आती। अपनी आँखों के सामने यह घटना देखकर सेठजी सदमे में आ गए।
उसके बाद पूरे रास्ते मदन ने “कहाँ गाड़ी रोकी, कैसे चलाई ?” सेठजी ने कुछ नहीं कहा। अब उन्हें नियमों व अनुशासन का महत्त्व समझ आ गया था।
मीटिंग से वापिस लौटते समय उन्होंने मदन का आभार व्यक्त किया और उसे नौकरी से भी न हटने का फैसला किया।
अथवा
(ii) ट्यूशन टीचर की आवश्यकता हेतु एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
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विषय : द्यूशन टीचर की आवश्यकता हेतु जानकारी
महोदय,
मैं सपना कुमारी बारहवीं कक्षा की विद्यार्थी हूँ। मैं सेन्ट कॉलमबस इंटर कॉलेज में बारहवीं कक्षा में अध्ययन कर रही हूँ। मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि आप विभिन्न विषयों की ट्यूशन की जानकारी उपलब्ध कराते हैं। मुझे अपने लिए एक गणित विषय की ट्यूशन तथा अंग्रेज़ी विषय के ट्यूशन शिक्षिका की आवश्यकता है।
आपसे अनुरोध है कि मुझे गणित विषय तथा अंग्रेजी विषय के ट्यूशन उपलब्ध कराने में सहायता करें। मैं आपकी सदा इस सहायता के लिए आभारी रहूँगी।
धन्यवाद
सपना कुमारी
कक्षा-12th
मो. xxxx