Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Course A Set 5 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 5 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं– खंड “अ” और “ब’। खंड अ में वस्तुपरक / बहुविकल्पीय और खंड-ब में वस्तुनिष्ठ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए. हैं।
(ii) प्रश्नपत्र के दोनों खांडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(iii) वधासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
(iv) खंड “अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपग्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपग्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
(v) खंड “ब! में कुल? प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए यए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों
रण्ड ‘अ’ वस्तुपरक-प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
“घर’ जैसा छोटा-सा शब्द भावात्मक दृष्टि से बहुत विशाल होता है। इस आधार पर मकान, भवन, फ्लैट, कमरा, कोठी, बंगला आदि इसके समानार्थी बिलकुल भी नहीं लगते हैं, क्योंकि इनका समान्य संबंध दीवारों, छतों और बाहरी व आंतरिक साज-सज्जा तक सीमित होता है, जबकि घर प्यार-भरोसे और रिश्तों की मिठास से बनता है। एक आदर्श घर वही है, जिसमें प्रेम व भरोसे की दीवारें, आपसी तालमेल की छतें, रिश्तों की मधुरता के खिले-खिले रंग, स्नेह, सम्मान व संवेदनाओं की सज्जा हो। घर में भावात्मकता है, वह भावात्मकता, जो संबंधों को महकाकर परिवार को जोड़े रखती है। यह बात हमें अच्छी तरह याद रखनी चाहिए. कि जब रिश्ते महकते हैं, तो घर महकता है, प्यार अठखेलियाँ करता है, तो घर अठखेलियाँ करता है, रिश्तों का उल्लास घर का उल्लास होता है, इसलिए रिश्ते हैं, तो घर है और रिश्तों के बीच बहता प्रेम घर की नींव है। यह नींव जितनी मजबूत होगी, घर उतना ही मजुबूत होगा। न जाने क्यों, आज का मनुष्य संवेदनाओं से दूर होता जा रहा है, उसके मन की कोमलता, कठोरता में बदल रही है; दिन-रात कार्य में व्यस्त रहने और धनोपार्जन की अति तीब्र लालसा से उसके अंदर मशीनियत बढ़ रही है, इसलिए उसके लिए घर के मायने बदल रहे हैं; उसकी अहमियत बदल रही है, इसी कारण आज परिवार में आपसी कलह, दंद्व आदि बढ़ रहे हैं। आज की पीढ़ी प्राइवेसी (वैयक्तिकता) के नाम पर एकाकीपन में सुख खोज रही है। उसकी सोच “मेरा कमरा, मेरी दुनिया’ तक सिमट गई है। एक छत के नीचे रहते हुए भी हम एकाकी होते जा रहे हैं। काश, सब घर की अहमियत समझें और अपना अहं हटाकर घर को घर बनाए रखने का प्रयास करें।
(i) सामान्य रूप में मकान, भवन, फ्लैट, कमरा, कोठी आदि शब्दों का संबंध किससे होता है?
(क) हृदय की भावनाओं से
(ख) वैभव और समृद्धि से
(ग) स्थानीय सुविधाओं से
(घ) बनावट व सजावट से
उत्तर:
(घ) बनावट व सजावट से
(ii) भावात्मक दृष्टि से घर जैसे छोटे-से शब्द की ‘विशालता’ में निहित हैं- ह।
(क) प्रेम, विश्वास, नातों का माधुर्य व संवेदनाएँ
(ख) आकर्षक बनावट, सुंदर लोग, वैभव व संपन्नता
(ग) सुंदर रंग संयोजन, आंतरिक सजावट एवं हरियाली
(घ) स्नेह, सम्मान, सरसता, संवेदनाएँ, संपन्नता व साज-सज्जा
उत्तर:
(क) प्रेम, विश्वास, नातों का माधुर्य व संवेदनाएँ
(iii) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) – आदमी के अंदर संवेदनाओं की जगह मशीनियत बढ़ती जा रही है।
कारण (R) – व्यस्तता और अर्थोपार्जन की अति महत्वाकांक्षा ने उसे यहाँ तक पहुँचा दिया है।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) ‘आज पीढ़ी का सुख एकांतिकता में दिखाईं दे रहा है।
उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तकों पर विचार कीजिए।
(i) निजी जीवन के कारण
(ii) बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाने के कारण
(ii) परिवार से अधिक जुड़ाव के कारण
विकल्प
(क) (i) सही है।
(ख) (ii) सही है।
(ग) (iii) सही है।
(घ) (ii) और (iii) सही हैं।
उत्तर:
(क) (i) सही है।
व्याख्या-‘ आज पीढ़ी का सुख एकांतिकता में दिखाई दे रहा है।’ अर्थात् यह एकांतिकता के निजी जीवन के कारण ही उत्पन्न हुई है।
(v) गद्यांश में प्रेम को घर का क्या बताया गया है ?
(क) आभूषण
(ख) आधार
(ग) भरोसा
(घ) उल्लास
उत्तर:
(ख) आधार
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा सँभालो
चट्टानों की छाती से दूध निकालो।
है रुकी जहाँ भी धार शिलाएँ तोड़ो,
पीयूष चंद्रमाओं को पकड़ निचोड़ो
चढ़ तुंग शैल शिखरों पर सोम पियो रे।
योगियों नहीं, विजयी के सदृश जियो रे।
छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो, एक ही बार मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे।
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे।
स्वातंत्र्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं, भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है,
स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़ पर का मत चरण गहो रे।
(क) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए।
1. हमें अपने सम्मान की चिता करनी चाहिए।
2. हमें शत्रु के सामने कभी भी झुकना नही चाहिए।
3. देश की स्वाधीनता के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए।
4. हमें प्रकृति से छेड़छाड़ करने वालों को सबक सिखाना चाहिए। कूट
(i) केवल 3 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 1, 3 और 4 सही है
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) 2 और 3 सही हैं प्रस्तुत कविता का केंद्रीय भाव यह है कि हमें शत्रु के सामने कभी नहीं झुुकना चाहिए तथा देश की स्वाधीनता के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए।
(ख) कवि भारतीय युवकों को ऐसा जीवन जीने को कहता है, जो
(i) कायरों जैसा न हो
(ii) योगियों जैसा नहीं, पराक्रमी वीरों जैसा हो
(iii) केवल बात करने वाले बुद्धिजीवी जैसा न हो
(iv) व्यर्थ में समय नष्ट न करता हो
उत्तर :
(ii) योगियों जैसा नहीं पराक्रमी वीरों जैसा हो कवि भारतीय युवकों को योगियों जैसा नहीं, अपितु पराक्रमी वीरों जैसा जीवन जीने को कहता है। कवि का स्पष्ट कथन है कि योगियों नहीं, विजयी के सदृश जियो रे।
(ग) कवि द्वारा इस कविता को लिखने का कारण हो सकता है
(i) देश को स्वाधीन कराने के लिए स्वयं का बलिदान करने से भी न चूकना
(ii) देश की समस्याओं से युवाओं को रूबरू कराना
(iii) महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए गुहार लगाना
(iv) वृद्धों को समाज में उनका उचित स्थान दिलवाना
उत्तर :
(i) देश को स्वाधीन कराने के लिए स्वयं का बलिदान करने से भी न चूकना कवि द्वारा इस कविता को लिखने का कारण देश को स्वाधीन कराने के लिए स्वयं का बलिदान करने से भी न चूकना हो सकता है, क्योंकि कवि के कथन का मूल संदर्म स्वतंत्रता या स्वाधीनता ही है।
(घ) ‘नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है, स्वाधीन जगत् में वही जाति रहती है।’ का अर्थ है
(i) संसार में केवल वे ही जीत सकते हैं, जो आंदोलन करने को तैयार हों
(ii) संसार में केवल वही जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है, जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती
(iii) संसार में वे ही जीत सकते हैं, जो महिलाओं का सम्मान करने को तैयार हों
(iv) संसार में वे ही जौत सकते हैं, जो जीतने का साहस रखते हों
उत्तर :
(ii) संसार में केवल वही जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है, जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती नत होने का अर्थ झुकना है। कवि कहना चाहता है कि संसार में केवल वही जाति स्वाधीनतापूर्वक जीवित रह पाती है, जो तलवारों की चोट का सामना करने पर भी हार नहीं मानती अर्थात् झुकना नहीं जानती।
(ङ) मनुष्य को किन परिस्थितियों में मृत्यु की चिंता नहीं करनी चाहिए, जब
1. यदि कोई युद्ध करने पर आमादा है
2. यदि कोई निरीह पशुओं पर अत्याचार कर रहा हो
3. यदि कोई असामाजिक कार्य कर रहा हो
4. यदि मनुष्य की आन अर्थात् इज़्जत दाँव पर लगी हो कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) केवल 4 सही है
(iii) 2 और 3 सही हैं
(iv) 3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(ii) केवल 4 सही है कवि कहता है कि जब मनुष्य की आन अर्थात् उसकी इज़जत दाँव पर लगी हो, तो ऐसी परिस्थिति में उसे मृत्यु की चिता नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘ रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) “मूर्ति की आँखों पर एक चश्मा रखा था जो सरकंडे से बना था।” – रचना के आधार पर प्रस्तुत वाक्य का भेद होगा
(क) मिश्र वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) सरल वाक्य
(घ) कठिन वाक्य
उत्तर:
(क) मिश्र वाक्य
व्याख्या-यह मिश्र वाक्य है क्योंकि इसमें एक प्रधान वाक्य और एक विशेषण आश्रित उपवाक्य है।
(ii) निम्नलिखित में कौन-सा वाक्य सरल वाक्य नहीं है?
(क) अंतरा अपने विद्यालय नहीं जाने के बारे में बता रही थी।
(ख) अंतरा विद्यालय न जाने के कारण पर बात कर रही थी।
(ग) अंतरा विद्यालय नहीं गई पर क्यों यह पता नहीं।
(घ) अंतरा ने किसी को अपने विद्यालय न जाने के बारे में नहीं बताया।
उत्तर:
(ग) अंतरा विद्यालय नहीं गई पर क्यों यह पता नहीं।
व्याख्या-यह संयुक्त वाक्य का उदाहरण है।
(iii) ‘जब बालगोबिन भगत खेतों में रोपाई कर रहे थे, तब लोग उन्हें कनखियों से देख रहे थे-यहाँ रेखांकित आश्रित उपवाक्य का भेद होगा? है|
(क) संज्ञा आश्रित उपवाक्य
(ख) क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य
(ग) विशेषण आश्रित उपवाक्य
(घ) क्रिया आश्रित उपवाक्य
उत्तर:
(ख) क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य
व्याख्या-यह क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य है क्योंकि इसमें “देखना’ क्रिया की विशेषता (काल/समय) का बोध हो रहा है।
(iv) निम्नलिखित बाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक सही विकल्प चुनिए-
(1) उसने मुझे देखा और खिसक गया।
(2) मैंने दूध पीया और खाना खाया।
(3) जब उसने मुझे देखा, तो खिसक गया।
(4) जैसे ही मैंने दूध पिया, बैसे ही मैं सोने चला गया।
विकल्प
(क) (2) सही है।
(ख) (3) सही है।
(ग) (1) और (2) सही हैं।
(घ) (4) सही है।
उत्तर:
(ग) (1) और (2) सही हैं।
(v) सूची 1 को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
सूची (1) | सूची (2) |
1. मैंनेजो कार्ड छपवाए, वेशादी केथे। | (i) मिश्र वाक्य |
2. वह दौड़ा और मेरे पास आया। | (ii) संयुक्त वाक्य |
3. हम कल दिल्ली जाएँगे। | (iii) सरल वाक्य |
विकल्प
(क) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(ख) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(ग) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(घ) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
उत्तर:
(क) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची II | सूची II |
1. सरल वाक्य | 1. कर्तृवाच्य |
2. संयुक्त वाक्य | 2. कर्मवाच्य |
3. मिश्र वाक्य | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(iii) 2 3 1
उत्तर :
(iii) A-2, B-3, C-1
(ख) इनमें कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) माँ द्वारा भिखारी को भोजन दिया गया।
(ii) भाई साहब द्वारा मुझे पतंग दी गई।
(iii) फाख्ता गीतों को सुर देते हैं।
(iv) आइए, अब चला जाए।
उत्तर :
(iii) फाखा गीतों को सुर देते है।
(ग) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) सीमा पुस्तक पढ़ती है।
(ii) सीमा द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
(iii) सीमा पुस्तक पढ़ सकती है।
(iv) सीमा से पढ़ा जाता है।
उत्तर :
(ii) सीमा द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
(घ) “आपसे फूल तोड़े जाएँगे।” इसका कर्तृवाच्य होगा
(i) आपसे फूल तोड़े जा सकते हैं।
(ii) आप फूल तोड़ेंगे।
(iii) आपके द्वारा फूल तोड़े जाएंगे।
(iv) आपसे फूल टूटते हैं।
उत्तर :
(ii) आप फूल तोड़ेंगे।
(ङ) “वृद्ध व्यक्ति चल नहीं सकता।” इसका भाववाच्य होगा
(i) वृद्ध व्यक्ति से चला नहीं जाता।
(ii) वृद्ध व्यक्ति के द्वारा चला नहीं गया।
(iii) वृद्ध व्यक्ति चल नहीं पाएगा।
(iv) वृद्ध व्यक्ति को चलना नहीं चहिए।
उत्तर :
(i) वृद्ध व्यक्ति से चला नहीं जाता।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्प्रीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) “चारों ओर छाई हरियाली मनमोहक लग रही थी।’ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्म कारक
(गे) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
(घ) व्यक्तिवाचक संत्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
उत्तर:
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
व्याख्या-रेखांकित पद ‘हरियाली’ भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन और “लग रही थी? क्रिया का कर्त्ता है।
(ii) “ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा- हे व
(क) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
(ख) स्थानवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
(ग) कालवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
(घ) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
उत्तर:
(क) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
व्याख्या-यहाँ ‘ ज़ोर से ‘ पद ‘ब्रेक मारे’ क्रिया पदों की रीति संबंधी विशेषता प्रकट करने के कारण रीतिवाचक क्रिया-विशेषण है।
(iii) ‘यह पुस्तक मैंने तब खरीदी थी, जब मैं पंद्रह वर्ष का था। ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) संकेतवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग
(ख) सार्वजनिक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
(गु) निपात, वाक्य के अर्थ को बल दे रहा है
(घ) परिमाणवाचक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
उत्तर:
(ख) सार्वजनिक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
व्याख्या-यहाँ ‘ यह ‘ सर्वनाम शब्द संज्ञा ‘ पुस्तक ‘ से पूर्व लगकर उसकी विशेषता प्रकट कर रहा है अत: यह सार्वनामिक विशेषण है और इसका विशेष्य “पुस्तक है।
(iv) ‘हालदार साहब ने पान खाया। ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा– ह।
(क) अकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ख) सकर्मक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ग) प्रेरणार्थक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(घ) द्विकर्मक क्रिया, कर्म-पान, हालदार साहब, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
उत्तर:
(ख) सकर्मक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
व्याख्या-दिए गए वाक्य में ‘खाया’ पद सामान्य भूतकाल की सकर्मक क्रिया है। कर्त्ता के साथ ‘ने’ का प्रयोग होने और क्रिया का विधान कर्त्ता के अनुसार होने के कारण यह कर्तृवाच्य है।
(v) कुछ लड़के बाहर खेल रहे हैं। चाय में कुछ पड़ा है। दोनों वाक्यों के कुछ का सामान्य पद-परिचय होगा-
(क) पहला कुछ-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) पहला कुछ-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ग) पहला कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कुछ-अनिश्चियवाचक सर्वनाम
(घ) पहला कुछ-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा कुछ-निश्चयवाचक सर्वनाम
उत्तर:
(ग) पहला कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कुछ-अनिश्चियवाचक सर्वनाम
व्याख्या-यहाँ पहला ‘कुछ’ लड़कों की (अनिश्चित) संख्या संबंधी विशेषता बताने के कारण अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण और दूसरा ‘कुछ’ अनिश्चय वाचक सर्वनाम है।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) अंकार से तात्पर्य है
(i) अलंकृत रचना
(ii) भाव को प्रभावी अभिव्यक्त
(iii) काव्य को आकर्षक बनाना
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी अलंकार से तात्पर्य अलंकृत करना, भावों को प्रभावी बनाना तथा काब्य को आकर्षक रूप प्रदान करना है।
(ख) ‘कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर जाए।
हिम के कणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए।।
इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रेक्षा प्रस्तुत काव्य पंक्ति में उत्तरा के अश्रुपरित नेत्र उपमेय है तथा हिम-कण से परित पंकज उपमान है। उपमेय में उपमान की संभावना मानो वाचक द्वारा व्यक्त की गई है।
(ग) ‘फूले कास सकल महि छाई।
जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।।
इस काव्य पंक्ति में प्रयुक्त अंकारार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्र्रेक्षा इन काव्य पंक्ति में कास के फूल में वर्षा ऋतु के बुढ़ापे की संभावना प्रस्तुत की गई है। अतः यहीं उत्मेक्षा अलंकार है।
(घ) ‘उषा सुनहले तीन बरसती
जय लक्ष्मी सी उदित हुई।’
इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानबीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत काय्य पंक्ति में उषा को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ङ) मधुवन की छाती को देखो,
सूखी कितनी इसकी कलियाँ’
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में ‘कलियाँ’ का अर्थ फूल खिलने से पहले कली तथा दूसरा अर्थ यॉवन के पहले की अवस्था है। यहाँ एक ही शब्द के दो अर्थ निकल रहे है। अत: यहाँ श्लेष अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
अब हालदार साहब को बात कुछ-कुछ समझ में आई। एक चश्मेवाला है, जिसका नाम कैप्टन है। उसे नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति बुरी लगती है। बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को असुविधा हो रही हो। इसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से एक नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है। लेकिन जब कोई ग्राहक आता है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है, जैसा मूर्ति पर लगा है तो कैप्टन चश्मेवाला मूर्ति पर लगा फ्रेम – संभवत: नेताजी से क्षमा माँगते हुए – लाकर ग्राहक को दे देता है और बाद में नेता जी को दूसरा फ्रेम लौटा देता है। वाह! भई खूब! क्या आइडिया है ?
(i) गद्यांश में हालदार साहब को किससे संबंधित बात समझ आने की बात की गई है.? ह॥
(क) नेताजी की मूर्ति की
(ख) नेताजी की मूर्ति पर रोज़ बदलते चश्मे की
(गं) पानवाले द्वारा कैप्टन का विवरण
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) नेताजी की मूर्ति पर रोज़ बदलते चश्मे की
व्याख्या-पान वाले द्वारा यह बताए जाने पर कि कैप्टन किस प्रकार रोज अपनी दुकान से नेताजी सुभाषचंद्र की मूर्ति पर एक चश्मा लगा देता है, हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति पर बदलते चश्मे का रहस्य समझ में आ गया।
(ii) चश्मे वाले को क्या चीज़ बुरी लगती थी ? है
(क) ग्राहक द्वारा नेताजी वाला चश्मा माँगना
(ख) पानवाले द्वारा उसका मजाक उड़ाना
(ग) नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति
व्याख्या-कस्बे के चौराहे पर लगी नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं था। देशप्रेमी कैप्टन चश्मे वाले को नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति आहत करती थी।
(iii) वह इस कमी को कैसे दूर करता था ?
(क) मूर्तिकार से चश्मा बनवाकर
(ख) अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध चश्मों में से एक मूर्ति पर लगाकर
(ग) उनकी मूर्ति पर अपना चश्मा लगाकर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ख) अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध चश्मों में से एक मूर्ति पर लगाकर
व्याख्या-वह रोज अपनी छोटी सी चलती-फिरती चश्मे की दुकान में उपलब्ध चश्मों में से एक मूर्ति की आँखों पर लगा कर इस कमी को दूर करने का सराहनीय प्रयास करता था।
(iv) ग्राहक के वैसा ही फ्रेम माँगने पर कैप्टन क्या करता था ?
(क) मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम फिट कर देता
(ख) उसको वैसा ही दूसरा फ्रेम लाकर दे देता था
(ग) वह ग्राहक को फ्रेम देने से मना कर देता था
(घ) इसमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम फिट कर देता
व्याख्या-यदि कोई ग्राहक उससे नेताजी की मूर्ति की आँखों पर लगे फ्रेम की ही माँग करता था तो वह मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम लगा देता था।
(v) गद्यांश के आधार पर कैप्टन के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता स्पष्ट हुई है ?
(क) उसके देशप्रेम और राष्ट्र भक्तों के प्रति सम्मान भाव की
(ख) उसकी कमजोर आर्थिक दशा की
(ग) उसकी कंजूस प्रवृत्ति की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) उसके देशप्रेम और राष्ट्र भक्तों के प्रति सम्मान भाव की
व्याख्या-गद्यांश के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि कैप्टन के मन में देशभक्ति की भावना तथा राष्ट्रभक्तों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव था।
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘वालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि आषाद की रिमझिम बारिश में क्या होता है?
(i) सारे गाँव के लोग खेतों में चले जाते है
(ii) लोग झरनों में नहाते हैं
(iii) सभी ओर हरियाली होती है
(iv) सभी उत्सव मनाते हैं
उत्तर :
(i) सारे गाँव के लोग खेतों में चले जाते हैं ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर आषाढ़ की रिमझिम बारिश में सारे गाँव के लोग खेतों मेंचले जाते हैं। कहीं पर हल चलते हैं, कहीं रोपनी होती है तथा धान (चायल) के खेतों में पानी भरने के कारण बच्चे उछल-उछलकर खेलते हैं और महिलाएँ कलेवा (भोजन) लेकर खेत की मेड़ पर बैठी हैं।
(ख) लेखिका के पिता के स्वभाव को क्रोधी किसने बना दिया था?
(i) लंबी बीमारी ने
(ii) स्वयं लेखिका ने
(iii) आर्थिक तंगी ने
(iv) परिवार के सदस्यों ने
उत्तर :
(ii) आर्थिक तंगी ने लेखिका के पिता के स्वभाव को क्रोधी आर्थिक तंगी ने बना दिया। पाठ के आधार पर लेखिका के पिता आर्थिक रूप से कमजोर थे।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा। को नहि जान बिदित संसारा।।
माता पितहि उरिन भये नीकें। गुररिनु रहा सोचु बड़ जी कें।।
सो जनु हमरेहि मा्थे-काढ़ा। दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढ़ा।।
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली। तुरत देऊँ मैं थैली खोली।।
सुनि कटु वचन कुठार सुधारा। हाय-हाय सब सभा पुकारा।।
भूगुबर परसु देखाबहु मोही। बिप्र बिचारि बचौं नृपद्रोही।।
मिले न कब॒हूँ सुभट रन गाढ़े। द्विजदेवता घरहि के बाढ़े।।
अनुचित कहि सबु लोगु पुकारे। रघुपति सयनहि लखनु नेवारे।।
(i) काव्यांश के आधार पर परशुराम, लक्ष्मण और राम के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।
(क) परशुराम अत्यंत उग्र स्वभाव के क्रोधी तथा अहंकारी हैं।
(ख) लक्ष्मण अत्यंत निर्भीक, साहसी तथा वाकपदटु हैं।
(ग) राम अत्यंत शांत एवं सौम्य स्वभाव के हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(ii) परशुराम को लक्ष्मण ने गुरु ऋण चुकाने के लिए क्या कहा?
(क) किसी हिसाब-किताब करने वाले को बुला लीजिए।
(ख) किसी मुनीम को (हिसाब-किताब करने वाले को) बुला लीजिए।
(ग) किसी व्यापारी को (हिसाब-किताब करने वाले को) बुला लीजिए।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) किसी हिसाब-किताब करने वाले को बुला लीजिए।
(iii) लक्ष्मण के अनुसार परशुराम पर किस-का ऋण बाकी था?
(क) पुत्र का
(ख) गुरु का
(ग) साहूकार का
(घ) माता-पिता का
उत्तर:
(ख) गुरु का
व्याख्या-लक्ष्मण के अनुसार परशुराम पर उनके गुरु का ऋण बाकी था।
(iv) प्रस्तुत पद्मांश की रचना किस भाषा में हुई है? ह॥
(क) ब्रजभाषा में
(ख) अवधी भाषा में
(ग) मैथिली भाषा में
(घ) भोजपुरी भाषा में
उत्तर:
(ख) अवधी भाषा में
(v) “थैली खोलना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए। ॥।
(क) धन समेटना
(ख) कपड़े बेचना
(ग) उदारता पूर्वक धन प्रदान करना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) उदारता पूर्वक धन प्रदान करना
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) सूरदास रचित ‘पद’ पाठ के अनुसार बताइए कि गोपियों ने श्रीकृष्ण को प्रेम नदी क्यों बताया है?
(i) कृष्ण का प्रेम यमुना नदी के समान है
(ii) कृष्ण की भक्ति रूपी प्रेम नदी में डूबकर व्यक्ति असीम आनंद को प्राप्त करता है
(iii) कृष्ण के प्रेम में फँसकर गोपियों ने स्वय को विरह के कष्ट में फँसा लिया है
(iv) उद्धव ने कृष्ण की प्रेम रूपी नदी को अभी समझा नहीं है
उत्तर :
(ii) कृष्ण की भक्ति रूपी प्रेम नदी में डूबकर व्यक्ति असीम आनंद को प्राप्त करता है गोपियों के अनुसार, श्रीकृष्ण रूपी प्रेम नदी में डूबने वाला व्यक्ति जिस आनंद को प्राप्त करता है, उसकी कोई सीमा नहीं है। इस नदी में उत्तरने से ही व्यक्ति का जीवन सार्थक हो जाता है। जो व्यकित कृष्ण की भक्ति रूपी प्रेम नदी में नहीं डूबा है, उसका जीवन व्यर्थ है, क्योंकि वह व्यक्ति प्रेम के अलौकिक आनंद से वंचित रह गया है।
(ख) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ तुलसीदास पाठ के आधार पर बताइए कि ‘अयमय खाँड न ऊखमय’ से विश्वामित्र जी का क्या आशय था?
(i) लक्ष्मण जी परशुराम जी को पहचान नहीं पा रहे हैं
(ii) परशुराम जी को इतना क्रोध नहीं करना चाहिए
(iii) परशुराम जी राम-लक्ष्मण को पहचानने में भूल कर रहे हैं
(iv) परशुराम जी को अब शांत हो जाना चाहिए
उत्तर :
(iii) परथुराम जी राम-लक्ष्मण को पहचानने में भूल कर रहे हैं ‘अयमय खाँड न ऊखमय’ से विश्वामित्र जी का यह आशय था कि परशुराम जी राम-लक्ष्मण को पहचानने में भूल कर रहे हैं। ये दोनों बालक लोहे की बनी हुई तलवारें हैं न कि गन्ने के रस से बनी खाँड, जो मुंह में जाते ही घुल जाएगी अर्थात् ये दोनों बालक पराक्रमी योद्धा हैं।
रखण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक-प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(i) लेखक को देखकर नवाब साहब असहज क्यों हो गए? ‘लखनवी अंदाज” पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
लेखक को डिब्बे में आया देखकर नवाब साहब ने असन्तोष, संकोच तथा बेरुखी दिखाई लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें अभिवादन ‘कर खीरा खाने के लिए आमन्त्रित किया। लेखक को उनका यही भाव परिवर्तन अच्छा न लगा, क्योंकि अभिवादन सदा मिलते ही होता है। लेखक उनके सामने वाली सीट पर बैठ गए और कल्पनाएँ करने की उनकी पुरानी आदत थी इसलिए वह उनके आने से नवाब साहब को होने वाली असुविधा का अनुमान लगाने लगे।
(ii) मननू भंडारी के लेखकीय व्यक्तित्व निर्माण में शीला अग्रवाल की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शीला अग्रवाल लेखिका के कॉलेज में हिंदी प्राध्यापिका थीं तथा खुले दिमाग वाली प्रबुद्ध महिला थीं । उनके सम्पर्क में आकर मन््नू जी की समझ का दायरा बढ़ा। वे उसे चुन-चुनकर अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए देतीं और उन पर लम्बी बहस भी करतीं। इससे लेखिका की सोच विकसित हुई । यही नहीं, वे देश-दुनिया की राजनीतिक स्थिति से भी उसे अवगत कराती और अपनी जोशीली बातों से स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की प्रेरणा भी देतीं। लेखिका के व्यक्तित्व निर्माण में निश्चय ही शीला अग्रवाल का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
(iii) बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से क्या माँगते रहे, और क्यों ? इससे उनकी किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से सच्चे सुर की नेमत माँगते रहे क्योंकि वे एक सच्चे कलाकार थे, हमेशा वे संगीत का अभ्यास करते रहते थे। उनकी दिली इच्छा रहती थी कि श्रोता उनके शहनाईवादन से आनंद प्राप्त करें| बिस्मिलला खाँ की ईश्वर की कृपा में दृढ़ आस्था थी। वे विनम्र स्वभाव के तथा सच्चे संगीत के साधक थे।
(iv) ‘“संस्कृति’ पाठ में लेखक ने आग और सुई-धागे के आविष्कारों से क्या स्पष्ट किया है?
उत्तर:
लेखक के अनुसार एक चीज है-किसी व्यक्ति विशेष द्वारा आग का आविष्कार कर सकने की शक्ति। दूसरी चीज है आग का आविष्कार। इसी प्रकार दूसरे उदाहरण में एक चीज है-सुई-धागे का आविष्कार कर सकने की शक्ति तथा दूसरी चीज है-सुई-धागे का आविष्कार। भदन्त आनन्द के अनुसार जिस योग्यता, प्रेरणा अथवा प्रकृति के बल पर आग तथा सुई-धागे का आविष्कार हुआ, वह है व्यक्ति विशेष की संस्कृति और उस संस्कृति द्वारा जो भी आविष्कार हुआ, जो चीज उसने दूसरों के लिए आविष्कृत की वह सभ्यता है।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 – 30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है? ‘सूर के पदों’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
(क) गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा ऐसे लोगों को देने की बात कही है, जिनका मन चकरी के समान चंचल है। गोपियों का मन तो सदैव श्रीकृष्ण के प्रेम में ही रमा रहता है, इसलिए उन्हें योग की आवश्यक्ता नहीं है। यहाँ श्रीकृष्ण पर व्यंग्य किया गया है कि वे मथुरा जाकर उन्हें भूल गए हैं, परंतु गोपियों मे श्रीकृष्ण को ही अपने हृदय में बसाया हुआ है। अन्य किसी का उनके हृदय में स्थान नहीं है।
(ख) फागुन में ऐसा क्या होता है, जो शेष ऋतुओं से भिन्न होता है? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
फागुन में मौसम बहुत सुहावना हो जाता है। इस समय न अधिक सर्दी होती है, न अधिक गर्मी। प्रकृति इस समय धरती को हरा-भरा कर देती है। चारों ओर फूल खिल उठते हैं, जो सारी दिशाओं को सुगंध से भर देते हैं। प्रकृति की सुंदरता को देखकर मनुष्य, पशु-पक्षी आदि सभी का मन प्रसन्न हो जाता है। अतः जगह-जगह पर फागुन की शोभा बिखरी हुई रहती है।
(ग) राम के वचन सुनकर परशुराम ने क्रोधित होकर क्या कहा? ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
राम के वचन सुनकर परशुराम ने क्रोधित होकर कहा कि “सेवक वही होता है जो सेवा का कार्य करता है। शत्रुता का कार्य करने वाले से तो युद्ध करना चाहिए और जिसने भी यह शिव का धनुष तोड़ा है, वह सहसबाहु के समान मेरा शत्रु है।”
(घ) ‘उत्साह’ कविता में ‘धाराधर’ कौन है? कवि उससे क्या चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने ‘धाराधर’ के रूप में बादलों को संबोधित किया है। वे बादलों से घिर-धिर कर खूब गरजने के लिए कह रहे हैं। कवि कह रहा है कि हे बादलों। तुम वर्षा करके समस्त पीड़ित-प्यासे जन की इच्छा पूरी कर दो तथा संसार को नव-जीवन से भर दो। तुम गर्मी से तपती धरती तथा बैचेन व दुखखी लोगों को गरज-बरस कर सुखी कर दो।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्य-पुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(i) “माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान समय में बच्चों की खेल-सामग्रियों में क्या परिवर्तन आए हैं? बच्चों के खेलों में हुए परिवर्तनों का उनके मूल्यों पर कितना प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:
“माता का अँचल ‘ पाठ में भोलानाथ और उसके साथियों के खेल सामूहिक रूप से मिल-जुलकर खेले जाते थे। उनके खेलने की सामग्री बच्चों द्वारा स्वयं निर्मित की जाती थी। घर की अनुपयोगी वस्तु ही उनके खेल की सामग्री बन जाती थी जबकि आज प्लास्टिक के खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों का प्रचलन है। खेल-सामग्री में आए अंतर ने बच्चों के नैतिक मूल्यों को भी प्रभावित किया है।
वर्तमान समय में बच्चों द्वारा जो खेल खेले जाते हैं, उन्होंने बच्चों को एकाकी बना दिया है। उनमें सहयोग, सहभागिता, सामाजिकता जैसे गुण धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।
(ii) हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम् दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है?
“मैं क्यों लिखता हूँ? ‘ पाठ को दृष्टि में रखते हुए उत्तर दीजिए।
उत्तर:
हिरोशिमा की घटना ने संसार की पूरी तरह हिला दिया। आज विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ नहीं है, हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। भीषणतम परमाणु अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण में इसका सबसे भयानक दुरुपयोग स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है। कम्प्यूटर जो मानव की सुविधा के लिए बनाया गया था, आज उसके ‘नेट” का न जाने कितने ही नकारात्मक रूप में प्रयोग किया जा रहा है। टी.वी., ए. सी. जैसी अन्य उपलब्धियों ने मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। मनुष्य मशीन का गुलाम बन गया है तथा इन उपलब्धियों ने बच्चों का बचपन छीन लिया है तथा उन्हें घर की चारदीवारी में कैद कर दिया है। उनकी उन्मुक्तता, स्वच्छन्दता लुप्त हो गई है। मनुष्य-मनुष्य के बीच का भावनात्मक सम्बन्ध लुप्त प्राय: हो गया है। मानवीय संवेदनाएँ लुप्त होर्ती जा रहीं हैं तथा मनुष्य भी मशीनों की तरह “जड़ ‘ हो गया है।
(iii) जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के जन-जीवन के बारे में क्या-क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं ?
उत्तर:
नारे ने बताया कि यहाँ के लोग बहुत परिश्रमी हैं। यहाँ के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ शाम को अपनी माँ के साथ मवेशी चराने, पानी भरने, लकड़ियों के गट्ठर ढोने का काम भी करते हैं। वहाँ के लोग बौद्ध धर्म में आस्था रखते हैं। जब कोई अप्रिय घटना या मृत्यु हो जाती है तो किसी धार्मिक स्थान पर 108 श्वेत पताकाएँ फहराते हैं तथा किसी शुभ कार्य के अवसर पर 108 रंगीन पताकाएँ फहराते हैं। जितेन ने यह भी बताया कि प्रेयर व्हील से सारे पाप धुल जाते हैं।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6)
(क) वर्तमान शिक्षा पद्धति
संकेत बिंदु –
- भूमिका
- माध्यमिक शिक्षा की आवश्यकता
- शिक्षा की उपयोगिता
- शिक्षा हमारी अच्छी मित्र
उत्तर :
वर्तमान शिक्षा पद्धति
शिक्षा मानव जीवन की आधारशिला होती है। शिक्षा व्यक्ति के स्वय के विकास एवं देश के विकास दोनों के लिए महत्त्यपूर्ण होती है। शिक्षा मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर तथा अज्ञान सो ज्ञान की ओर ले जाती है। हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति गुरुकुल पद्धति पर आधारित थी, जिसमें बच्चों को विद्यार्जन के लिए गुरु के पास भेज दिया जाता था और वे अपनी संपूर्ण शिक्षा अर्जित करने के उपरांत अपने घर वापस आते थे। वर्तमान शिक्षा पद्धति पाश्चाल्य शिक्षण पद्धति पर आधारित है। शिक्षा का कार्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना होता है। वर्तमान शिक्षा पद्धति तीन श्रेणियों में विभक्त हैं-प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च या विश्वविद्यालयी शिक्षा। इन तीनों श्रेणियों में माध्यमिक शिक्षा अति महत्वपूर्ण मानी जाती है अथवा कह सकते हैं कि माध्यमिक शिक्षा ही राष्ट्र की रीढ़ होती है।
माध्यमिक शिक्षा के उपरांत ही विश्ववियालयी शिक्षा ग्रहण की जा सकती है, इसलिए माध्यमिक शिक्षा की उपयोगिता को देखते हुए ही अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विद्यार्थियों को उच्व व अच्छी आधुनिक माध्यमिक शिक्षा उपलब्य कराने के लिए सरकार द्वारा नवोदय तथा केंट्रीय विद्यालय जैसी शैक्षिक संस्थाओं को स्थापित करने का प्रशंसनीय कार्य किया गया है। जो शिक्षा हमारे जीवन का निर्माण कर सके, विचारों में सामंजस्य स्थापित कर सके, वही वास्तव में शिक्षा है। शिक्षा सबसे शक्तिशाली अस्त्र है, जिससे दुनिया को बदला जा सकता है। हमारी शिक्षा प्रणाली में कुछ कमियाँ हैं; जैसे-छात्रों में अनुशासनहीनता की भावना का होना, वर्तमान शिक्षा का व्यावसायिक योग्यता न दे पाना आदि। शिक्षा संबंधी इन कमियों को दूर करके हम बेरोज़गारी की समस्या पर भी नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। चाणक्य के अनुसार, “शिक्षा सबसे अच्छी मित्र होती है। शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है। शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौदर्य शक्ति दोनों ही कमज़ोर हैं।
(ख) आधुनिक युग में कंप्यूटर का महत्त्व
संकेत बिंदु –
- भूमिका
- सूचना प्रौद्योगिकी में योगदान
उत्तर :
आधुनिक युग में कंप्यूटर का महत्त्व
विज्ञान ने मनुष्य को सुख-सुविधा के अनेक साधन प्रदान किए हैं, जिनमें कंप्यूटर सबसे अधिक महत्त्यपूर्ण है। विज्ञान द्वारा विकसित यह यंत्र मनुष्य के मस्तिष्क की भांति कार्य करता है। इसने हमारे जीवन को अनेक सुख-सुविधाओं से भर दिया है। कंप्यूटर के कारण ही सूचनाओं की प्राप्ति और इनके संवहन में क्रांतिकारी वृद्धि हुई है। आज कंप्यूटर का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है। कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहाँ इसे प्रयोग में न लाया जाता हो। प्रारंभ में इसके प्रयोग को लेकर विरोध अवश्य हुआ था, परंतु वर्तमान समय में वेतन, बिजली-बिल, अस्पताल, अनुसंधान, विद्यालय, ई-टिकट, मौसम की जानकारी, व्यापार संबंधी जानकारी आदि क्षेत्रों में कप्यूटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके उपयोग से न केवल कार्य करने के तरीकों में बदलाव आया है, बल्कि इसने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। क्यू्यूटर ने सूचना प्रौद्योगिकी में योगदान देकर क्रांति ला दी है।
ई-मेल जैसी सुविधाओं ने ऑकड़ों एवं सूचनाओं के परस्पर आदान-प्रदान को सुलभ बनाया है। वहीं उपग्रहों से संपर्क बनाना, एनीमेशन से चलचित्रों का निर्माण करना आदि कार्य भी किए हैं। कंप्यूटर से एक स्थान से दूसरे स्थान पर संदेश भेजने, बात करने एवं सूचना प्राप्त करने में सहायता प्राप्त हुई है। कंप्यूटर, रेडियो तथा टेलीविजन के कार्यक्रमों के प्रसारण तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में मी अपना अभूतपूर्व योगदान दे रहा है। कंत्यूटर की उपलब्धियों अनगिनत हैं। यह अभी भी बहुत संभावनाओं से भरा क्षेत्र है। इसका उपयोग वैज्ञानिक और व्यापारिक प्रक्रियाओं में कितना ही क्यों न बढ़ जाए, परंतु यह मानव मस्तिष्क का स्थान नहीं ले सकता। मनुष्य ने कंव्यूटर बनाया है, कंप्यूटर ने मनुष्य को नहीं। इसके अतिरिक्त कप्यूटर के नकारात्मक परिणाम भी देखे जाते हैं। कप्यूटर के प्रयोगों के कारण बेरोजगारी में बढ़ोत्तरी हुई है तथा मानव ने अपने शरीर को अत्यधिक आराम देने की शुरुआत कर दी है जिससे मानवों में अनेक बिमारियों का वास होने लगा है। अतः विज्ञान के इस चमत्कार का उचित ढंग से प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे मानव-जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
(ग) आधुनिक जीवन-शैली और स्वास्थ्य
संकेत बिंदु –
- भूमिका
- आधुनिक जीवन-शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- कंप्यूटर का महत्च एवं उपयोगिता
- केप्यूटर के नकारात्मक परिणाम
- आधुनिक जीवन-शैली
- आधुनिक जीवन-शैली को बदलने की आवश्यकता
उत्तर :
आधुनिक जीवन-शैली और स्वास्थ्य
हमारी जीवन-शैली कितनी बुरी तरह असंतुलित हो रही है, इस बात का हमें अनुमान भी नहीं है। इस जीवन-शैली की हमें कितनी बड़ी कीमत चुकानी होगी, इसे समझने में हमें सदियाँ लगेंगी। मनुष्य जीवन हमारे पास प्रकृति की एक अभूल्य धरोहर और उपहार है, इसलिए हमें सुसभ्य ढंग से जीने की कला को सीखना चाहिए, किंतु आज मनुष्य आधुनिक जीवन-शैली को अपनाकर जीवन जीने की कला को भूलता जा रहा है। आज हम आधुनिक जीवन-शैली में इस तरह खोते जा रहे हैं कि हमें हमारी संस्कृति की भी कोई परवाह नहीं है। नई जीवन-शैली ने मनुष्य को आलसी और कमजोर बना दिया है। आज के नए युवा आधुनिक जीवन-शैली अपनाने के लिए हर प्रकार का दिखावा करने में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
आधुनिक जीवन-शैली का स्वारथ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। बदलती जीवन-शैली में लोग आलसी होते जा रहे है। आज के युवा किताबें पढ़ने के स्थान पर मोबाइल में गेम खेलकर, फिल्में देखकर, गाना सुनकर अपना समय व्यतीत करते है। इससे न केवल हम अपना समय ही खोते हैं अपितु अपनी आँखों व कानों पर भी बुरा असर डालते हैं। पहले मनुष्य अपना ज्यादा-से-ज्यादा समय ज्ञान प्राप्त करने में लगाता था, इसके बाद जो समय बचता था वह उसमें खेला-कूदा करता था, जिससे हमारा शरीर स्वस्थ और दिमाग भी तंदुरुस्त रहता था किंतु आज ऐसा नहीं है। आधुनिक जीवन-शैली व्यक्ति को पूर्ण रूप से तंदुरुस्त रहने नहीं देती।
आज लोग मदिरा सेवन करने में गर्व महसूस करते हैं, किंतु वे यह नहीं जानते कि मदिरा का सेवन करने वालों का कोई सम्मान नहीं होता। वर्तमान में अनेक युवा अपना पूरा दिन सोने में ही गुजार देते हैं, जिसके कारण उनके शरीर का विकास नहीं हो पाता और उनके शरीर में तरह-तरह की बीमारियाँ लग जाती हैं। कुछ युवा टीवी देखने में समय व्यतीत करते हैं, जिससे उनकी आँखें खराब हो जाती हैं और वे पढ़ाई में पीछे रह जाते है। अंततः यही कहा जा सकता है कि आधुनिक जीवन-शैली मनुष्य के स्वास्थ्य पर पूर्ण रूप से प्रभाव डाल रही है। यदि हमने अपनी आधुनिक जीवन-शैली को नहीं बदला, तो भविष्य में हमें बहुत चिंताजनक स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। हमें सही समय पर सोने, सही समय पर खेल-कूद करने की आवश्यकता है। तभी हम अपना स्वास्थ्य ठीक रखकर अपने सुंदर भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों मे पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
आपका नाम सना/सोहम है। आपके छोटे भाई/बहन को लगातार मोबाइल पर खेलते रहने की लत पड़ चुकी है। खाने, पढ़ने की जगह वह बस मोबाइल में लगा रहता/रहती है। इसके नुकसान समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
21, कमला नगर,
नई दिल्ली,
दिनांक : 20/10/xx
प्रिय सिद्धार्थ,
विषय: छोटे भाई को मोबाइल का नुकसान समझाने हेतु।
प्रिय सिद्धार्थ,
सदा प्रसन्न रहो! आशा है कि तुम स्वस्थ व सकुशल होगे। मुझे माता जी के पत्र द्वारा ज्ञात हुआ है कि तुम्हें मोबाइल पर गेम खेलने की आदत पड़ गई है। यह बिल्कुल अच्छी आदत नहीं है। तुम मोबाइल चलाने की वजह से खाना-खाना और पढ़ना तो बिल्कुल भूल ही गए हो। तुम्हें पता है कि मोबाइल की रोशनी से हमारी आँखें जल्दी खराब हो जाती हैं और 6 महीने बाद ही तुम्हारी बोर्ड की परीक्षा आ रही है। माँ ने मेहनत करके तुम्हारी कोचिंग की फीस जमा की है। यदि तुम मोबाइल पर अधिक समय व्यतीत करोगे तो परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाओगे।
मुझे विश्वास है कि तुम अब से अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाओगे और माँ का नाम रोशन करोगे। तुम्हारे पत्र की आशा में …. तुम्हारी बड़ी बहन
सना
अथवा
आप अहमदाबाद के रहने वाले मनीष/मनीषा हैं। किसी कार्यवश रेल से मुम्बई जा रहे थे और बीच के एक छोटे स्टेशन पर आपका सामान चोरी हो गया। मुम्बई रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर को पूरी घटना की जानकारी देते हुए उचित शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
स्टेशन मास्टर
छत्रपति शिवाजी टर्मिनल
मुम्बई
विषय: खोए हुए समान की जानकारी हेतु।
आदरणीय महोदय,
मेरा नाम मनीषा है और मैं अहमदाबाद की रहने वाली हूँ। अपनी माँ से मिलने के लिए मैं रेल से मुम्बई जा रही थी लेकिन इसी बीच मेरा सूटकेस चोरी हो गया। मेरा कम्पार्टमेन्ट नं. – एस-4, बर्थ नं. 8 और सीट नं. 62 था। मेरे सूटकेस के हैंडल पर ही मेरा नाम लिखा हुआ था। सूटकेस की किनारी लाल रंग की थी। उस सूटकेस के अन्दर कुछ कपड़े, सर्टिफिकेट, आध्प र कार्ड, पहचान पत्र थे। साथ ही उसमें 20,000 रुपए भी थे। कुछ बैंक के आवश्यक कागज भी थे।
आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप चोरों को जल्द से जल्द पकड़ लें ताकि मेरा चोरी हुआ सूटकेस मुझे प्राप्त हो सके।
धन्यवाद
मनीषा
साबरमती आश्रम,
अहमदाबाद
दूरभाषा-945775994 5
प्रश्न 16.
आप वैशाली शर्मा हैं। आपने रसायनशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर किया है तथा बी.एड. कर चुकी हैं। आपको सुबोध इंटरनेशनल अ ब स नगर में केमेस्ट्री की अध्यापिका के पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप शुभम वैश्य हैं। आप अपने आयकर से मुक्ति चाहते हैं। इसके लिए आयकर अधिकारी को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : वैशाली शर्मा
पिता का नाम : श्नी पराग शर्मा
माता का नाम : श्रीमती पिंकी शर्मा
जन्म तिथि : 2 अक्टूबर, 19XX
वर्तमान पता : ए-24, महेश नग्र, आगरा (उत्तर प्रदेश)
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 05629283XX
मोबाइल नंबर : 9823XXXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
स्मार्ट बोर्ड कक्षाओं का ज्ञान, कंप्यूटर का ज्ञान, विज़ान प्रदर्शनी का आयोजन करने में निपुणता
उपलब्धियाँ
- विज़ान किवज (जिला स्तर) प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार, वर्ष 2012
- विज्ञान क्विज (विश्वविद्यालय स्तर) प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, वर्ष 2015
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियों
- सेंटूल स्कूल, मालवीय नगर, आगरा में अककाश रिक्ति पर पीजीटी केमेस्ट्री पद पर छः माह का शिक्षण अनुभव
- विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन
- विज्ञान से संबधित पत्रिकाओं का नियमित पठन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्रीमती अमृता वर्मा, प्रोफेसर, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा
- श्रीमती अनुपमा राय, प्रिसिपल, सेंट्रल स्कूल, मालवौय नगर, आगरा
तिथि 6.10.20xx
स्थान आगरा
वैशाली शर्मा
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
जल-प्रदूषण की भयावहता के प्रति सब को सचेत करने वाला एक जनहितकारी विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में बनाइए। (4 × 1 = 4)
उत्तर:
व्याख्यात्मक हल– जल है- तो कल है
सौजन्य से:
मिल्टन पब्लिक स्कूल, आगरा दूरभाष: xxx22xxx
अथवा
आप मोहिनी/महेन्द्र हैं। आपके बड़े भाई को विदेश जाकर पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति मिली है जिसके अंतर्गत वे अमेरिका उच्च अध्ययन के लिए जाने बाले हैं। उन्हें बधाई एवं शुभकामना प्रेषित करता एक संदेश लगभग 40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बधाई सन्देश
दिनांक: 10/10/xxxx
समय; 7:00 a.m.
प्रिय भईया, मुझे पता चला है कि आपको विदेश जाकर पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिली है। विदेश जाकर उच्च अध्ययन करने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ हैं। आप अपने जीवन में इसी प्रकार निरन्तर उन्नति करते रहो और माँ का नाम भी रोशन करो। भगवान आपको दीर्घ आयु प्रदान करे।
आपकी छोटी प्रिय बहन
मोहिनी