Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Course A Set 5 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 5 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
(i) इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं– खंड “अ” और “ब’। खंड अ में वस्तुपरक / बहुविकल्पीय और खंड-ब में वस्तुनिष्ठ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए. हैं।
(ii) प्रश्नपत्र के दोनों खांडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(iii) वधासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
(iv) खंड “अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपग्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपग्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
(v) खंड “ब! में कुल? प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए यए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों
रण्ड ‘अ’ वस्तुपरक-प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
“घर’ जैसा छोटा-सा शब्द भावात्मक दृष्टि से बहुत विशाल होता है। इस आधार पर मकान, भवन, फ्लैट, कमरा, कोठी, बंगला आदि इसके समानार्थी बिलकुल भी नहीं लगते हैं, क्योंकि इनका समान्य संबंध दीवारों, छतों और बाहरी व आंतरिक साज-सज्जा तक सीमित होता है, जबकि घर प्यार-भरोसे और रिश्तों की मिठास से बनता है। एक आदर्श घर वही है, जिसमें प्रेम व भरोसे की दीवारें, आपसी तालमेल की छतें, रिश्तों की मधुरता के खिले-खिले रंग, स्नेह, सम्मान व संवेदनाओं की सज्जा हो। घर में भावात्मकता है, वह भावात्मकता, जो संबंधों को महकाकर परिवार को जोड़े रखती है। यह बात हमें अच्छी तरह याद रखनी चाहिए. कि जब रिश्ते महकते हैं, तो घर महकता है, प्यार अठखेलियाँ करता है, तो घर अठखेलियाँ करता है, रिश्तों का उल्लास घर का उल्लास होता है, इसलिए रिश्ते हैं, तो घर है और रिश्तों के बीच बहता प्रेम घर की नींव है। यह नींव जितनी मजबूत होगी, घर उतना ही मजुबूत होगा। न जाने क्यों, आज का मनुष्य संवेदनाओं से दूर होता जा रहा है, उसके मन की कोमलता, कठोरता में बदल रही है; दिन-रात कार्य में व्यस्त रहने और धनोपार्जन की अति तीब्र लालसा से उसके अंदर मशीनियत बढ़ रही है, इसलिए उसके लिए घर के मायने बदल रहे हैं; उसकी अहमियत बदल रही है, इसी कारण आज परिवार में आपसी कलह, दंद्व आदि बढ़ रहे हैं। आज की पीढ़ी प्राइवेसी (वैयक्तिकता) के नाम पर एकाकीपन में सुख खोज रही है। उसकी सोच “मेरा कमरा, मेरी दुनिया’ तक सिमट गई है। एक छत के नीचे रहते हुए भी हम एकाकी होते जा रहे हैं। काश, सब घर की अहमियत समझें और अपना अहं हटाकर घर को घर बनाए रखने का प्रयास करें।
(i) सामान्य रूप में मकान, भवन, फ्लैट, कमरा, कोठी आदि शब्दों का संबंध किससे होता है?
(क) हृदय की भावनाओं से
(ख) वैभव और समृद्धि से
(ग) स्थानीय सुविधाओं से
(घ) बनावट व सजावट से
उत्तर:
(घ) बनावट व सजावट से
(ii) भावात्मक दृष्टि से घर जैसे छोटे-से शब्द की ‘विशालता’ में निहित हैं- ह।
(क) प्रेम, विश्वास, नातों का माधुर्य व संवेदनाएँ
(ख) आकर्षक बनावट, सुंदर लोग, वैभव व संपन्नता
(ग) सुंदर रंग संयोजन, आंतरिक सजावट एवं हरियाली
(घ) स्नेह, सम्मान, सरसता, संवेदनाएँ, संपन्नता व साज-सज्जा
उत्तर:
(क) प्रेम, विश्वास, नातों का माधुर्य व संवेदनाएँ
(iii) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) – आदमी के अंदर संवेदनाओं की जगह मशीनियत बढ़ती जा रही है।
कारण (R) – व्यस्तता और अर्थोपार्जन की अति महत्वाकांक्षा ने उसे यहाँ तक पहुँचा दिया है।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) ‘आज पीढ़ी का सुख एकांतिकता में दिखाईं दे रहा है।
उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तकों पर विचार कीजिए।
(i) निजी जीवन के कारण
(ii) बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाने के कारण
(ii) परिवार से अधिक जुड़ाव के कारण
विकल्प
(क) (i) सही है।
(ख) (ii) सही है।
(ग) (iii) सही है।
(घ) (ii) और (iii) सही हैं।
उत्तर:
(क) (i) सही है।
व्याख्या-‘ आज पीढ़ी का सुख एकांतिकता में दिखाई दे रहा है।’ अर्थात् यह एकांतिकता के निजी जीवन के कारण ही उत्पन्न हुई है।
(v) गद्यांश में प्रेम को घर का क्या बताया गया है ?
(क) आभूषण
(ख) आधार
(ग) भरोसा
(घ) उल्लास
उत्तर:
(ख) आधार
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज संघर्ष ही ॥
संघर्ष से हटकर जिए तो क्या जिए हम या कि तुम
जो नत हुआ, वह मृत हुआ, ज्यों वृंत से झरकर कुसुम
जो पंथ भूल रुका नहीं,
जो हार देख झुका नहीं,
जिसने मरण को भी लिया हो जीत, है जीवन वही॥ सच हम नहीं…
ऐसा करो जिससे न प्राणों में कहीं जड़ता रहे।
जो है जहाँ चुपचाप अपने आप से लड़ता रहे।
जो भी परिस्थितियाँ मिलें,
काँटे चुभें, कलियाँ खिलें,
टूटे नहीं इंसान, बस संदेश यौवन का यही ॥ सच हम नहीं…
अपने हृदय का सत्य अपने आप हमको खोजना।
अपने नयन का नीर अपने आप हमको पोंछना।
आकाश सुख देगा नहीं,
धरती पसीजी है कहीं!
हर एक राही को भटककर ही दिशा मिलती रही ॥ सच हम नहीं…
(i) युवावस्था हमें सिखाती है कि-
(क) गतिशील, आत्म आलोचक व आशावादी
(ख) जीवन में कभी कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न ही न होने दें।
(ग) सुख-दुःख
(घ) उतार-चढ़ाव
उत्तर:
(क) गतिशील, आत्म आलोचक व आशावादी
(ii) मरण अर्थात् मृत्यु को जीतने का आशय है-
(क) साधुता व साधना से अमरत्व प्राप्त करना
(ख) योगाभ्यास व जिजीविषा से दीर्घायु हो जाना
(ग) अर्थ, बल व दृढ़ इच्छाशक्ति से जीवन को कष्टमुक्त करना
(घ) जीवन व जीवन के बाद भी आदर्श रूप में स्मरण किया जाना
उत्तर:
(घ) जीवन व जीवन के बाद भी आदर्श रूप में स्मरण किया जाना
(iii) ‘आकाश सुख देगा नहीं’, धरती पसीजी है कहीं…’ का अर्थ है कि-
(क) आकाश और धरती दोनों में संवेदनशीलता नहीं है
(ख) ईश्वर उदार है, अतः वही सुख देता है, वही पसीजता है
(ग) जुझारू बनकर स्वयं ही जीवन के दुःख दूर किए जा सकते हैं
(घ) सामूहिक प्रयत्नों से ही संकट की स्थिति से निकला जा सकता है
उत्तर:
(ग) जुझारू बनकर स्वयं ही जीवन के दुःख दूर किए जा सकते हैं
(iv) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए-
‘कथन (A): प्रतिकूलता के विरुद्ध जूझते हुए बढ़ना ही जीवन की सच्चाई है।
कारण (R): लक्ष्य-संधान हेतु मार्ग में भटक जाने का भय त्याग देना चाहिए।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
(ख) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
(घ) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
उत्तर:
(ग) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
व्याख्या-इस कविता के केन्द्रीय भाव हेतु कथन (A) और कारण (R) दोनों ही सही हैं। प्रतिकूलता के विरुद्ध जूझते हुए बढ़ना ही जीवन है तथा लक्ष्य-संधान हेतु मार्ग में भटक जाने का भय दूर कर देना चाहिए।
(v) अपने आपसे लड़ने का अर्थ है- ह।
(क) अपनी अच्छाइयों व बुराइयों से भलीभाँति परिचित होना
(ख) किसी मुद्दे पर दिल और दिमाग का अलग-अलग सोचना
(ग) अपने किसी गलत निर्णय के लिए स्वयं को संतुष्ट कर लेना
(घ) अपनी दुर्बलताओं की अनदेखी न करके उन्हें दृढ़ता से दूर करना
उत्तर:
(घ) अपनी दुर्बलताओं की अनदेखी न करके उन्हें दृढ़ता से दूर करना
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘ रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) “मूर्ति की आँखों पर एक चश्मा रखा था जो सरकंडे से बना था।” – रचना के आधार पर प्रस्तुत वाक्य का भेद होगा
(क) मिश्र वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) सरल वाक्य
(घ) कठिन वाक्य
उत्तर:
(क) मिश्र वाक्य
व्याख्या-यह मिश्र वाक्य है क्योंकि इसमें एक प्रधान वाक्य और एक विशेषण आश्रित उपवाक्य है।
(ii) निम्नलिखित में कौन-सा वाक्य सरल वाक्य नहीं है?
(क) अंतरा अपने विद्यालय नहीं जाने के बारे में बता रही थी।
(ख) अंतरा विद्यालय न जाने के कारण पर बात कर रही थी।
(ग) अंतरा विद्यालय नहीं गई पर क्यों यह पता नहीं।
(घ) अंतरा ने किसी को अपने विद्यालय न जाने के बारे में नहीं बताया।
उत्तर:
(ग) अंतरा विद्यालय नहीं गई पर क्यों यह पता नहीं।
व्याख्या-यह संयुक्त वाक्य का उदाहरण है।
(iii) ‘जब बालगोबिन भगत खेतों में रोपाई कर रहे थे, तब लोग उन्हें कनखियों से देख रहे थे-यहाँ रेखांकित आश्रित उपवाक्य का भेद होगा? है|
(क) संज्ञा आश्रित उपवाक्य
(ख) क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य
(ग) विशेषण आश्रित उपवाक्य
(घ) क्रिया आश्रित उपवाक्य
उत्तर:
(ख) क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य
व्याख्या-यह क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य है क्योंकि इसमें “देखना’ क्रिया की विशेषता (काल/समय) का बोध हो रहा है।
(iv) निम्नलिखित बाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक सही विकल्प चुनिए-
(1) उसने मुझे देखा और खिसक गया।
(2) मैंने दूध पीया और खाना खाया।
(3) जब उसने मुझे देखा, तो खिसक गया।
(4) जैसे ही मैंने दूध पिया, बैसे ही मैं सोने चला गया।
विकल्प
(क) (2) सही है।
(ख) (3) सही है।
(ग) (1) और (2) सही हैं।
(घ) (4) सही है।
उत्तर:
(ग) (1) और (2) सही हैं।
(v) सूची 1 को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
सूची (1) | सूची (2) |
1. मैंनेजो कार्ड छपवाए, वेशादी केथे। | (i) मिश्र वाक्य |
2. वह दौड़ा और मेरे पास आया। | (ii) संयुक्त वाक्य |
3. हम कल दिल्ली जाएँगे। | (iii) सरल वाक्य |
विकल्प
(क) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(ख) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(ग) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(घ) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
उत्तर:
(क) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) “हम इस खुले मैदान में दौड़ सकते हैं। -उपर्युक्त वाक्य को भाव वाच्य में बदलिए। व
(क) हम दौड़ सकते हैं, इस खुले मैदान में ।
(ख) हम इस खुले मैदान में दौड़ सकेंगे।
(ग) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जाएगा।
(घ) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है।
उत्तर:
(घ) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है।
व्याख्या-भाववाच्य में क्रिया एकवचन में बदलकर “जाना ‘ लगा होता है तथा काल अपरिवर्तित रहता है जबकि विकल्प (क) व (ख) में कर्त्ता की प्रधानता है।
(ii) इस वाक्य का वाच्य लिखिए-‘ अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया।’ व
(क) कर्मवाच्य।
(ख) भाववाच्य।
(गं) कर्तृवाच्य।
(घ) करणवाच्य।
उत्तर:
(गं) कर्तृवाच्य।
व्याख्या-इसमें क्रिया कर्त्ता के अनुसार है तथा कर्त्ता प्रधान है जबकि (ख) व (ग) में क्रमश: भाव व कर्म की प्रधानता होती है।
(iii) ‘सुमन जल्दी नहीं उठती। ‘-प्रस्तुत वाक्य को भाववाच्य में बदलिए।
(क) सुमन जल्दी नहीं उठ पाती।
(ख) सुमन जल्दी से नहीं उठ सकेगी।
(गु) सुमन जल्दी नहीं उठ पाएगी।
(घ) सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता।
उत्तर:
(घ) सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता।
व्याख्या- सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता’ यह भाव वाच्य की पहचान है। क्रिया सदैव पुल्लिंग एकबचन और अकर्मक क्रिया होती है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य का उदाहरण है– |
(1) मोहन से दौड़ा नहीं जाता।
(2) मुझसे यह देखा नहीं जाता।
(3) तुम घर चले जाओ।
(4) विमल पुस्तक पढ़ता है।
विकल्प
(क) (1) और (2) सही है।
(ख) (2) सही है।
(ग) (3) सही है।
(घ) (4) सही है।
उत्तर:
(क) (1) और (2) सही है।
(v) सूची । को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
सूची (1) | सूची (2) |
1. तुम्हें अअसोजानाचाहिए। | (i) भाव वाच्य |
2. मैंग्रतिदिननहाताहूँ। | (ii) कर्तवाच्य |
3. डाकिएद्वारा पत्रबॉटेगए। | (iii) कर्मवाच्य |
विकल्प
(क) 1. (i), 2. (ii), 3. (iii)
(ख) 1. (iii), 2. (ii), 3. (i)
(ग) 1. (ii), 2. (iii), 3. (i)
(घ) 1. (i), 2. (iii), 3. (ii)
उत्तर:
(क) (1) और (2) सही है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय ‘ पर आधारित पाँच बहुविकल्प्रीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) “चारों ओर छाई हरियाली मनमोहक लग रही थी।’ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्म कारक
(गे) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
(घ) व्यक्तिवाचक संत्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
उत्तर:
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ता कारक
व्याख्या-रेखांकित पद ‘हरियाली’ भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन और “लग रही थी? क्रिया का कर्त्ता है।
(ii) “ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे। ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा- हे व
(क) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
(ख) स्थानवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
(ग) कालवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
(घ) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
उत्तर:
(क) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया-मारे
व्याख्या-यहाँ ‘ ज़ोर से ‘ पद ‘ब्रेक मारे’ क्रिया पदों की रीति संबंधी विशेषता प्रकट करने के कारण रीतिवाचक क्रिया-विशेषण है।
(iii) ‘यह पुस्तक मैंने तब खरीदी थी, जब मैं पंद्रह वर्ष का था। ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) संकेतवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग
(ख) सार्वजनिक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
(गु) निपात, वाक्य के अर्थ को बल दे रहा है
(घ) परिमाणवाचक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
उत्तर:
(ख) सार्वजनिक विशेषण, विशेष्य-पुस्तक
व्याख्या-यहाँ ‘ यह ‘ सर्वनाम शब्द संज्ञा ‘ पुस्तक ‘ से पूर्व लगकर उसकी विशेषता प्रकट कर रहा है अत: यह सार्वनामिक विशेषण है और इसका विशेष्य “पुस्तक है।
(iv) ‘हालदार साहब ने पान खाया। ‘ रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा– ह।
(क) अकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ख) सकर्मक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(ग) प्रेरणार्थक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
(घ) द्विकर्मक क्रिया, कर्म-पान, हालदार साहब, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
उत्तर:
(ख) सकर्मक क्रिया, कर्म-पान, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य
व्याख्या-दिए गए वाक्य में ‘खाया’ पद सामान्य भूतकाल की सकर्मक क्रिया है। कर्त्ता के साथ ‘ने’ का प्रयोग होने और क्रिया का विधान कर्त्ता के अनुसार होने के कारण यह कर्तृवाच्य है।
(v) कुछ लड़के बाहर खेल रहे हैं। चाय में कुछ पड़ा है। दोनों वाक्यों के कुछ का सामान्य पद-परिचय होगा-
(क) पहला कुछ-सार्वनामिक विशेषण, दूसरा कुछ- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) पहला कुछ-अनिश्चयवाचक सर्वनाम, दूसरा कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ग) पहला कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कुछ-अनिश्चियवाचक सर्वनाम
(घ) पहला कुछ-अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, दूसरा कुछ-निश्चयवाचक सर्वनाम
उत्तर:
(ग) पहला कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, दूसरा कुछ-अनिश्चियवाचक सर्वनाम
व्याख्या-यहाँ पहला ‘कुछ’ लड़कों की (अनिश्चित) संख्या संबंधी विशेषता बताने के कारण अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण और दूसरा ‘कुछ’ अनिश्चय वाचक सर्वनाम है।
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(i) कहती हुई यों उत्तरा के, नेत्र जल से भर गए-
हिम के कणों से पूर्ण मानों , हो गए पंकज नए
(क) अनुप्रास
(ख) उपमा
(ग) उत्प्क्षा
(घ) मानवीकरण
उत्तर:
(क) अनुप्रास
व्याख्या-पद्यांश में मानों शब्द के आगमन से उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ii) ‘मानहु विधि तन-अच्छ छवि स्वच्छ राखिवैं काज’ में अलंकार है-
(क) उत्प्रेक्षा
(ख) उपमा
(ग) श्लेष
(घ) रूपक
उत्तर:
(क) उत्प्रेक्षा
(iii) ‘जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो ‘ में अलंकार है-
(के) उपमा
(ख) रूपक
(ग) उत्प्रेक्षा
(घ) श्लेष
उत्तर:
(ग) उत्प्रेक्षा
व्याख्या-यहाँ प्रात:कालीन नभ में लाल केसर से धुली हुई सिल की कल्पना (संभावना) की गई है, अत: यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(iv) “जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय। |
बारे उजियारो करे, बढ़ै अँधेरो होय।। ‘ में अलंकार है-
(क) उत्पेक्षा
(ख) श्लेष
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ख) श्लेष
व्याख्या-यहाँ ‘बारे’ के दो अर्थ (i) जलना (ii) जन्म लेना और बढ़ै के भी क्रमश: दो अर्थ-(i) बुझना और (ii) उम्र बढ़ने पर है, अतः यहाँ शब्द के एक बार ही आने, किन्तु उसके दो अर्थ होने के कारण श्लेष अलंकार है।
(v) “लो यह लतिका भी भर लाई है
मधु मुकुल नवल रस गागरी। ‘ में अलंकार है-
(क) उल्ेक्षा
(ख) श्लेष
(ग) मानवीकरण
(घ) अतिशयोक्ति
उत्तर:
(ग) मानवीकरण
व्याख्या-यहाँ जड़ पदार्थ लतिका में मानवीय क्रियाओं (रस की गागर भर कर लाना) का आरोप होने के कारण मानवीकरण अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
अब हालदार साहब को बात कुछ-कुछ समझ में आई। एक चश्मेवाला है, जिसका नाम कैप्टन है। उसे नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति बुरी लगती है। बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को असुविधा हो रही हो। इसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से एक नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है। लेकिन जब कोई ग्राहक आता है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है, जैसा मूर्ति पर लगा है तो कैप्टन चश्मेवाला मूर्ति पर लगा फ्रेम – संभवत: नेताजी से क्षमा माँगते हुए – लाकर ग्राहक को दे देता है और बाद में नेता जी को दूसरा फ्रेम लौटा देता है। वाह! भई खूब! क्या आइडिया है ?
(i) गद्यांश में हालदार साहब को किससे संबंधित बात समझ आने की बात की गई है.? ह॥
(क) नेताजी की मूर्ति की
(ख) नेताजी की मूर्ति पर रोज़ बदलते चश्मे की
(गं) पानवाले द्वारा कैप्टन का विवरण
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) नेताजी की मूर्ति पर रोज़ बदलते चश्मे की
व्याख्या-पान वाले द्वारा यह बताए जाने पर कि कैप्टन किस प्रकार रोज अपनी दुकान से नेताजी सुभाषचंद्र की मूर्ति पर एक चश्मा लगा देता है, हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति पर बदलते चश्मे का रहस्य समझ में आ गया।
(ii) चश्मे वाले को क्या चीज़ बुरी लगती थी ? है
(क) ग्राहक द्वारा नेताजी वाला चश्मा माँगना
(ख) पानवाले द्वारा उसका मजाक उड़ाना
(ग) नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति
व्याख्या-कस्बे के चौराहे पर लगी नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं था। देशप्रेमी कैप्टन चश्मे वाले को नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति आहत करती थी।
(iii) वह इस कमी को कैसे दूर करता था ?
(क) मूर्तिकार से चश्मा बनवाकर
(ख) अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध चश्मों में से एक मूर्ति पर लगाकर
(ग) उनकी मूर्ति पर अपना चश्मा लगाकर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ख) अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध चश्मों में से एक मूर्ति पर लगाकर
व्याख्या-वह रोज अपनी छोटी सी चलती-फिरती चश्मे की दुकान में उपलब्ध चश्मों में से एक मूर्ति की आँखों पर लगा कर इस कमी को दूर करने का सराहनीय प्रयास करता था।
(iv) ग्राहक के वैसा ही फ्रेम माँगने पर कैप्टन क्या करता था ?
(क) मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम फिट कर देता
(ख) उसको वैसा ही दूसरा फ्रेम लाकर दे देता था
(ग) वह ग्राहक को फ्रेम देने से मना कर देता था
(घ) इसमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम फिट कर देता
व्याख्या-यदि कोई ग्राहक उससे नेताजी की मूर्ति की आँखों पर लगे फ्रेम की ही माँग करता था तो वह मूर्ति पर लगा फ्रेम ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम लगा देता था।
(v) गद्यांश के आधार पर कैप्टन के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता स्पष्ट हुई है ?
(क) उसके देशप्रेम और राष्ट्र भक्तों के प्रति सम्मान भाव की
(ख) उसकी कमजोर आर्थिक दशा की
(ग) उसकी कंजूस प्रवृत्ति की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) उसके देशप्रेम और राष्ट्र भक्तों के प्रति सम्मान भाव की
व्याख्या-गद्यांश के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि कैप्टन के मन में देशभक्ति की भावना तथा राष्ट्रभक्तों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव था।
प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(i) “पतोहू से पुत्र की चिता को आग लगवाना’ बालगोबिन की किस मानसिकता का परिचायक है?
(क) सामाजिक रूढ़ियों का विरोध करना।
(ख) मृत्यु से भय।
(ग) संसार से अलगाव।
(घ) परम्परा का पालन।
उत्तर:
(क) सामाजिक रूढ़ियों का विरोध करना।
व्याख्या-बालगोबिन भगत रुढ़िविरोधी व नारी सम्मान के पक्षधर थे अत: औरतों से चिता में आग दिलाने की परम्परा न होते हुए भी उन्होंने पुत्र की चिता को अग्नि अपनी पतोहू से ही दिलवाई।
(ii) नमाज के बाद बिस्मिल्ला खाँ खुदा से क्या माँगते थे?
(क) यश, नाम, प्रतिष्ठा
(ख) धन-वैभव
(ग) मोक्ष-प्राप्ति
(घ) सच्चे सुर का वरदान।
उत्तर:
(घ) सच्चे सुर का वरदान।
व्याख्या-बिस्मिल्ला खाँ पाँचों वक्त की नमाज के बाद खुदा से सच्चे सुर की नेमत माँगते थे।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 5 = 5)
कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा। को नहि जान बिदित संसारा।।
माता पितहि उरिन भये नीकें। गुररिनु रहा सोचु बड़ जी कें।।
सो जनु हमरेहि मा्थे-काढ़ा। दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढ़ा।।
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली। तुरत देऊँ मैं थैली खोली।।
सुनि कटु वचन कुठार सुधारा। हाय-हाय सब सभा पुकारा।।
भूगुबर परसु देखाबहु मोही। बिप्र बिचारि बचौं नृपद्रोही।।
मिले न कब॒हूँ सुभट रन गाढ़े। द्विजदेवता घरहि के बाढ़े।।
अनुचित कहि सबु लोगु पुकारे। रघुपति सयनहि लखनु नेवारे।।
(i) काव्यांश के आधार पर परशुराम, लक्ष्मण और राम के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।
(क) परशुराम अत्यंत उग्र स्वभाव के क्रोधी तथा अहंकारी हैं।
(ख) लक्ष्मण अत्यंत निर्भीक, साहसी तथा वाकपदटु हैं।
(ग) राम अत्यंत शांत एवं सौम्य स्वभाव के हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(ii) परशुराम को लक्ष्मण ने गुरु ऋण चुकाने के लिए क्या कहा?
(क) किसी हिसाब-किताब करने वाले को बुला लीजिए।
(ख) किसी मुनीम को (हिसाब-किताब करने वाले को) बुला लीजिए।
(ग) किसी व्यापारी को (हिसाब-किताब करने वाले को) बुला लीजिए।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) किसी हिसाब-किताब करने वाले को बुला लीजिए।
(iii) लक्ष्मण के अनुसार परशुराम पर किस-का ऋण बाकी था?
(क) पुत्र का
(ख) गुरु का
(ग) साहूकार का
(घ) माता-पिता का
उत्तर:
(ख) गुरु का
व्याख्या-लक्ष्मण के अनुसार परशुराम पर उनके गुरु का ऋण बाकी था।
(iv) प्रस्तुत पद्मांश की रचना किस भाषा में हुई है? ह॥
(क) ब्रजभाषा में
(ख) अवधी भाषा में
(ग) मैथिली भाषा में
(घ) भोजपुरी भाषा में
उत्तर:
(ख) अवधी भाषा में
(v) “थैली खोलना’ मुहावरे का अर्थ लिखिए। ॥।
(क) धन समेटना
(ख) कपड़े बेचना
(ग) उदारता पूर्वक धन प्रदान करना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) उदारता पूर्वक धन प्रदान करना
प्रश्न 10.
पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- (1 × 2 = 2)
(i) “जलजात’ का पर्यायवाची है-
(क) जलद
(ख) जलज
(ग) वारिद
(घ) जलधि।
उत्तर:
(ख) जलज
(ii) संगतकार अपना स्वर धीमा क्यों रखता है? है।
(क) वह अभी नौसिखिया है
(ख) वह मुख्य गायक को सम्मान देने के लिए ऐसा करता है।
(ग) उसका गला बैठा हुआ है
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) वह मुख्य गायक को सम्मान देने के लिए ऐसा करता है।
व्याख्या-कई बार मुख्य गायक से अधिक योग्यता होते हुए भी संगतकार अपने स्वर को धीमा रखता है। उसकी आवाज में एक हिचक सुनाई देती है। मुख्य गायक को सम्मान या महत्त्व देने के लिए वह ऐसा करता है।
रखण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक-प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(i) लेखक को देखकर नवाब साहब असहज क्यों हो गए? ‘लखनवी अंदाज” पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
लेखक को डिब्बे में आया देखकर नवाब साहब ने असन्तोष, संकोच तथा बेरुखी दिखाई लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें अभिवादन ‘कर खीरा खाने के लिए आमन्त्रित किया। लेखक को उनका यही भाव परिवर्तन अच्छा न लगा, क्योंकि अभिवादन सदा मिलते ही होता है। लेखक उनके सामने वाली सीट पर बैठ गए और कल्पनाएँ करने की उनकी पुरानी आदत थी इसलिए वह उनके आने से नवाब साहब को होने वाली असुविधा का अनुमान लगाने लगे।
(ii) मननू भंडारी के लेखकीय व्यक्तित्व निर्माण में शीला अग्रवाल की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शीला अग्रवाल लेखिका के कॉलेज में हिंदी प्राध्यापिका थीं तथा खुले दिमाग वाली प्रबुद्ध महिला थीं । उनके सम्पर्क में आकर मन््नू जी की समझ का दायरा बढ़ा। वे उसे चुन-चुनकर अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए देतीं और उन पर लम्बी बहस भी करतीं। इससे लेखिका की सोच विकसित हुई । यही नहीं, वे देश-दुनिया की राजनीतिक स्थिति से भी उसे अवगत कराती और अपनी जोशीली बातों से स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की प्रेरणा भी देतीं। लेखिका के व्यक्तित्व निर्माण में निश्चय ही शीला अग्रवाल का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
(iii) बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से क्या माँगते रहे, और क्यों ? इससे उनकी किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से सच्चे सुर की नेमत माँगते रहे क्योंकि वे एक सच्चे कलाकार थे, हमेशा वे संगीत का अभ्यास करते रहते थे। उनकी दिली इच्छा रहती थी कि श्रोता उनके शहनाईवादन से आनंद प्राप्त करें| बिस्मिलला खाँ की ईश्वर की कृपा में दृढ़ आस्था थी। वे विनम्र स्वभाव के तथा सच्चे संगीत के साधक थे।
(iv) ‘“संस्कृति’ पाठ में लेखक ने आग और सुई-धागे के आविष्कारों से क्या स्पष्ट किया है?
उत्तर:
लेखक के अनुसार एक चीज है-किसी व्यक्ति विशेष द्वारा आग का आविष्कार कर सकने की शक्ति। दूसरी चीज है आग का आविष्कार। इसी प्रकार दूसरे उदाहरण में एक चीज है-सुई-धागे का आविष्कार कर सकने की शक्ति तथा दूसरी चीज है-सुई-धागे का आविष्कार। भदन्त आनन्द के अनुसार जिस योग्यता, प्रेरणा अथवा प्रकृति के बल पर आग तथा सुई-धागे का आविष्कार हुआ, वह है व्यक्ति विशेष की संस्कृति और उस संस्कृति द्वारा जो भी आविष्कार हुआ, जो चीज उसने दूसरों के लिए आविष्कृत की वह सभ्यता है।
प्रश्न 12.
पद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- (2 × 3 = 6)
(i) गोपषियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?
उत्तर:
जिनके मन आज किसी को भजते हैं और कल किसी और को अर्थात् जिनका मन चलायमान है। गोपियों ने तो श्रीकृष्ण को ही मजबूती से पकड़ रखा है, रात-दिन उन्हीं को भजती हैं। गोपियों ने उद्धव से कहा कि वह अपने योग की शिक्षा उन लोगों को जाकर दें जिनके मन चलायमान हैं और जो प्रेम में एकनिष्ठ नहीं हैं। भटकाव और अस्थिर मन वालों के लिए ही उनकी योग की शिक्षा हितकारी और लाभप्रद हो सकती है।
(ii) लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताईं ?
उत्तर:
लक्ष्मण ने परशुराम को वीर योद्धा के लक्षण बताते हुए कहा है कि वीर योद्धा कभी भी धैर्य को नहीं छोड़ता, वह युद्ध भूमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन शत्रु से युद्ध करके करता है। वीर योद्धा रणभूमि में शत्रु का वध करता है। वह कभी भी अपने मुख से अपनी बढ़ाई नहीं करता है और न ही अपशब्द बोलता है।
(iii) “तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे यह गागर रीती’ इस पंक्ति में समाज के लोगों की किस मानसिकता या प्रवृत्ति की ओर संकेत है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कवि जयशंकर प्रसाद अपने जीवन रूपी गागर के बारे में बताते हैं कि वह खाली है, जिसके बारे में सुनकर तुम क्या सुख पाओगे ? वह तो दुर्बलताओं से भरी हुई है। समाज में लोग प्यार से पूछते हैं किन्तु फिर मज़ाक उड़ाते हैं।
(iv) “नदियों के पानी का जादू” और “हाथों के स्पर्श की गरिमा” किसको कहा गया है और क्यों ?
उत्तर:
पानी के संपर्क में आते ही बीज में अकुंर फूटता है। वह अंकुरित होकर भूमि से बाहर आता है। पानी ही उसे बढ़ाता और पोषित करता है। पानी के सहारे ही हर पौधा भूमि से अपना भोजना प्राप्त करता है। पानी प्राप्त होने के मूल साधन नदियाँ ही हैं। इसी कारण कवि ने फसल को नदियों के पानी का जादू कहा है। इसी प्रकार किसान के परिश्रम के बिना फसल नहीं उग सकती इसलिए उसे हाथों के स्पर्श की गरिमा कहा गया है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्य-पुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- (4 × 2 = 8)
(i) “माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान समय में बच्चों की खेल-सामग्रियों में क्या परिवर्तन आए हैं? बच्चों के खेलों में हुए परिवर्तनों का उनके मूल्यों पर कितना प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:
“माता का अँचल ‘ पाठ में भोलानाथ और उसके साथियों के खेल सामूहिक रूप से मिल-जुलकर खेले जाते थे। उनके खेलने की सामग्री बच्चों द्वारा स्वयं निर्मित की जाती थी। घर की अनुपयोगी वस्तु ही उनके खेल की सामग्री बन जाती थी जबकि आज प्लास्टिक के खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों का प्रचलन है। खेल-सामग्री में आए अंतर ने बच्चों के नैतिक मूल्यों को भी प्रभावित किया है।
वर्तमान समय में बच्चों द्वारा जो खेल खेले जाते हैं, उन्होंने बच्चों को एकाकी बना दिया है। उनमें सहयोग, सहभागिता, सामाजिकता जैसे गुण धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।
(ii) हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम् दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है?
“मैं क्यों लिखता हूँ? ‘ पाठ को दृष्टि में रखते हुए उत्तर दीजिए।
उत्तर:
हिरोशिमा की घटना ने संसार की पूरी तरह हिला दिया। आज विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ नहीं है, हर क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। भीषणतम परमाणु अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण में इसका सबसे भयानक दुरुपयोग स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है। कम्प्यूटर जो मानव की सुविधा के लिए बनाया गया था, आज उसके ‘नेट” का न जाने कितने ही नकारात्मक रूप में प्रयोग किया जा रहा है। टी.वी., ए. सी. जैसी अन्य उपलब्धियों ने मानव जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। मनुष्य मशीन का गुलाम बन गया है तथा इन उपलब्धियों ने बच्चों का बचपन छीन लिया है तथा उन्हें घर की चारदीवारी में कैद कर दिया है। उनकी उन्मुक्तता, स्वच्छन्दता लुप्त हो गई है। मनुष्य-मनुष्य के बीच का भावनात्मक सम्बन्ध लुप्त प्राय: हो गया है। मानवीय संवेदनाएँ लुप्त होर्ती जा रहीं हैं तथा मनुष्य भी मशीनों की तरह “जड़ ‘ हो गया है।
(iii) जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के जन-जीवन के बारे में क्या-क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं ?
उत्तर:
नारे ने बताया कि यहाँ के लोग बहुत परिश्रमी हैं। यहाँ के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ शाम को अपनी माँ के साथ मवेशी चराने, पानी भरने, लकड़ियों के गट्ठर ढोने का काम भी करते हैं। वहाँ के लोग बौद्ध धर्म में आस्था रखते हैं। जब कोई अप्रिय घटना या मृत्यु हो जाती है तो किसी धार्मिक स्थान पर 108 श्वेत पताकाएँ फहराते हैं तथा किसी शुभ कार्य के अवसर पर 108 रंगीन पताकाएँ फहराते हैं। जितेन ने यह भी बताया कि प्रेयर व्हील से सारे पाप धुल जाते हैं।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- (1 × 6 = 6)
(i) आजाद देश के 75 साल और भविष्य की उम्मीदें
75 वर्ष के बाद देश का वर्तमान
भविष्य के लक्ष्य
लक्ष्य पाने के रास्ते
नागरिकों का दायित्व
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है जहाँ अनेक धर्मों के लोग निवास करते हैं। भौगोलिक दृष्टि से भी भारत विस्तृत है। भारत आज दुनिया की बड़ी आर्थिक महाशक्तियों में एक है। 947 से पहले भारत की आर्थिक स्थिति अंग्रेजों ने क्षीण कर दी थी। अंग्रेजों द्वारा किए गए विभिन्न हमलों और विमुद्रीकरण के कारण देश बुरी तरह से आर्थिक रूप से ध्वस्त हो गया था। ऐसी स्थिति को रोकने के लिए, भारत ने आर्थिक स्वतंत्रता को अपना और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पंचवर्षीय योजनाओं को तैयार किया गया। यह योजनाएँ राष्ट्रीय, आर्थिक और सामाजिक विकास की पहल थीं।
पंचवर्षीय योजना सन् 1951 में शुरू की गई जो मुख्य रूप से कृषि, बिजली और परिवहन पर केन्द्रित थी। नेहरू जी के बाद हरित क्रांति और श्वेत क्रांति को 1964 में लाल बहादुर शास्त्री जी ने प्रोत्साहन दिया। इसके बाद भारत दुनिया का सबसे बड़े क्ृषि उत्पादकों के रूप में उभर कर सामने आया। आम आदमी के लिए हवाई यात्रा को और अधिक किफ़ायती बनाने के लिए 2016 में “उड़ान योजना’ शुरू की गई। आज विश्व भारत को अग्रणी राष्ट्र एक सम्भावित महाशक्ति के रूप में देखता है। नागरिकों का कर्तव्य है कि वे अपने देश के विकास में पूर्ण सहयोग करें।
(ii) जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है
जीवन और संघर्ष क्या है?
संघर्ष : सफ़लता का मूलतंत्र
असफ़लता से उत्पन्न निराशा और उत्कट जिजीविषा
जीवन का मूलमंत्र
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन को व्यतीत करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। चाहे वे अमीर हों या गरीब, दोनों का जीवन संघर्षमय होता है। जन्म से मृत्यु के बीच की कालावधि को जीवन कहा जाता है। संघर्ष अर्थात् किसी भी चीज़ को पाने के लिए किया गया प्रतिकार होता है। संघर्ष जीवन को निखारता है, उसको सँवारता है। संघर्ष ही मूल रूप से हमें जीवन को जीने का सलीखा सिखाता है। दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति सफ़लता को पाना चाहता है। सफलता प्राप्त करने के लिए वह व्यक्ति अथक प्रयास भी करता रहता है। कुछ व्यक्तियों को सफ़लता आसानी से मिल जाती है, कुछ को आसानी से नहीं। जिनको सफलता आसानी से प्राप्त नहीं होती वह पूरे जीवन में संघर्ष करते ही रहते हैं। कुछ हार मानकर पीछे हट जाते हैं। सफलता तक पहुँचने के लिए हार न मानना ही जीवन का असली मूलमंत्र है। जीवन पथ पर सफ़लता और विफलता दोनों ही प्राप्त होतीं हैं लेकिन संघर्ष करने का संकल्प शिथिल नहीं पड़ना चाहिए। कवि ने अपने शब्दों में व्यक्त किया है-
“जब नाव जल में छोड़ दी, तूफ़ान में ही मोड़ दी,
दे दी चुनौती सिन्धु को, तो पार क्या, मझधार क्या ?”
(iii) समय होत सबसे बलवान
समय/काल का महत्त्व
सुख-दुःख का आवागमन
समय की बारीकी को समझना और उसके अनुसार कार्य करना
बुरे समय में भी हार न मानना
उत्तर:
समय सबसे अधिक बलवान होता है। वह राजा को रंक और रंक को राजा भी बना सकता है। इस तरह समय का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में पड़ता है। समय को हम पकड़ नहीं सकते। न ही उसको रोक सकते बल्कि उसका सदुपयोग ही कर सकते हैं। समय रूपी चक्र सदैव चलता रहता है। समय हमारे जीवन के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है तथा हमारे जीवन की सफलता की कुंजी भी है। जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सफ़लता के लिए समय का ऋणी होना चाहिए क्योंकि समय हमारे जीवन में सामाजिक जीवन व्यापारिक जीवन सभी को प्रदान करता है। प्रत्येक व्यक्ति को समय का महत्त्व समझकर
समय के साथ चलना चाहिए। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग नहीं करता, उसका जीवन निरर्थक हो जाता है।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों मे पत्र लिखिए- (5 × 1 = 5)
आपका नाम सना/सोहम है। आपके छोटे भाई/बहन को लगातार मोबाइल पर खेलते रहने की लत पड़ चुकी है। खाने, पढ़ने की जगह वह बस मोबाइल में लगा रहता/रहती है। इसके नुकसान समझाते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
21, कमला नगर,
नई दिल्ली,
दिनांक : 20/10/xx
प्रिय सिद्धार्थ,
विषय: छोटे भाई को मोबाइल का नुकसान समझाने हेतु।
प्रिय सिद्धार्थ,
सदा प्रसन्न रहो! आशा है कि तुम स्वस्थ व सकुशल होगे। मुझे माता जी के पत्र द्वारा ज्ञात हुआ है कि तुम्हें मोबाइल पर गेम खेलने की आदत पड़ गई है। यह बिल्कुल अच्छी आदत नहीं है। तुम मोबाइल चलाने की वजह से खाना-खाना और पढ़ना तो बिल्कुल भूल ही गए हो। तुम्हें पता है कि मोबाइल की रोशनी से हमारी आँखें जल्दी खराब हो जाती हैं और 6 महीने बाद ही तुम्हारी बोर्ड की परीक्षा आ रही है। माँ ने मेहनत करके तुम्हारी कोचिंग की फीस जमा की है। यदि तुम मोबाइल पर अधिक समय व्यतीत करोगे तो परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाओगे।
मुझे विश्वास है कि तुम अब से अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाओगे और माँ का नाम रोशन करोगे। तुम्हारे पत्र की आशा में …. तुम्हारी बड़ी बहन
सना
अथवा
आप अहमदाबाद के रहने वाले मनीष/मनीषा हैं। किसी कार्यवश रेल से मुम्बई जा रहे थे और बीच के एक छोटे स्टेशन पर आपका सामान चोरी हो गया। मुम्बई रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर को पूरी घटना की जानकारी देते हुए उचित शीघ्र कार्यवाही करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
स्टेशन मास्टर
छत्रपति शिवाजी टर्मिनल
मुम्बई
विषय: खोए हुए समान की जानकारी हेतु।
आदरणीय महोदय,
मेरा नाम मनीषा है और मैं अहमदाबाद की रहने वाली हूँ। अपनी माँ से मिलने के लिए मैं रेल से मुम्बई जा रही थी लेकिन इसी बीच मेरा सूटकेस चोरी हो गया। मेरा कम्पार्टमेन्ट नं. – एस-4, बर्थ नं. 8 और सीट नं. 62 था। मेरे सूटकेस के हैंडल पर ही मेरा नाम लिखा हुआ था। सूटकेस की किनारी लाल रंग की थी। उस सूटकेस के अन्दर कुछ कपड़े, सर्टिफिकेट, आध्प र कार्ड, पहचान पत्र थे। साथ ही उसमें 20,000 रुपए भी थे। कुछ बैंक के आवश्यक कागज भी थे।
आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप चोरों को जल्द से जल्द पकड़ लें ताकि मेरा चोरी हुआ सूटकेस मुझे प्राप्त हो सके।
धन्यवाद
मनीषा
साबरमती आश्रम,
अहमदाबाद
दूरभाषा-945775994 5
प्रश्न 16.
आपने हाल ही में एम.एस-सी. (गणित) की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है और साथ ही आप बी.एड. भी कर चुके हैं। गणित के पी.जी.टी. (परा-स्नातक अध्यापक) पद के लिए अपना स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। आपका नाम नेहा/निखिल है। आपको केंद्रीय विद्यालय, क.ख.ग. में गणित अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। (5 × 1 = 5)
उत्तर:
सेवा में,
शिक्षा अधिकारी
शिक्षा निदेशालय
केन्द्रीय विद्यालय
नई दिल्ली,
विषय: परा-स्नातक अध्यापक पद के लिए आवेदन।
महोदय,
नई दिल्ली शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट से ज्ञात हुआ है कि पी.जी.टी पद के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ है। इस पद हेतु मैं अपना आवेदन-पत्र सेवा में प्रेषित कर रहा हूँ। इसके साथ ही मेरा स्ववृत्त इस प्रकार है-
नाम-रिहान
पिता का नाम- श्री जगदीश
माता का नाम- श्रीमती अंशु
जन्मतिथि-1/03/1983
वर्तमान पता-61/2 त्रिवेणी नगर, दिल्ली
दूरभाष संख्या 26835xxx
मोबाइल संख्या 9843xxxxx
शैक्षणिक योग्यताएँ:
अन्य सम्बन्धित योग्यताएँ-
(i) कम्प्यूटर का व्यावहारिक ज्ञान हिन्दी भाषा और अंग्रेजी भाषा में टाइपिंग।
(ii) दो वर्ष का शिक्षण अनुभव
उपलब्धियाँ-
(i) कविता, लेखन में अनेक पुरस्कार प्राप्त
उद्वोषणा-
(i) मैं प्रमाणित करता हूँ कि उपर्युक्त सभी सूचनाएँ सही हैं।
दिनांक: 23 अगस्त xxxx
स्थान: नई दिल्ली
हस्ताक्षर:
अथवा
आपके घर मेहमान आने वाले हैं तो आपने ‘तुरत-फुरत ‘ नामक वेबसाइट से कुछ खाने-पीने की वस्तुएँ मँगवाई हैं। बीस मिनट में सामान पहुँचाने वाली इस साइट से 50 मिनट में भी सामान नहीं आया है। इसकी शिकायत करते हुए उपभोक्ता सम्पर्क विभाग को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए। आपका नाम साधना/सोमेश है।
उत्तर:
From: [email protected]
To: [email protected]
CC: ………..
BCC: ………
विषय: समय से सामान न पहुँचाने के सन्दर्भ में।
महोदय,
इस समय होली का त्योहार है और घर में बहुत से मेहमान आए हुए हैं इसलिए मैंने Romato से दस डोसा और 15 छोले भददूरे की प्लेट ऑर्डर की थीं। Romato में समान पहुँचाने का समय केवल 20 मिनट ही दिखा रहा था लेकिन इस साइट ने 50 मिनट में भी सामान नहीं पहुँचाया है। आपसे निवेदन है कि ऐसी साइट को बन्द कर देना चाहिए जो लोगों को भ्रमित करती हैं और उनके समय को बर्बाद करती हैं।
साधना
प्रश्न 17.
जल-प्रदूषण की भयावहता के प्रति सब को सचेत करने वाला एक जनहितकारी विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में बनाइए। (4 × 1 = 4)
उत्तर:
व्याख्यात्मक हल– जल है- तो कल है
सौजन्य से:
मिल्टन पब्लिक स्कूल, आगरा दूरभाष: xxx22xxx
अथवा
आप मोहिनी/महेन्द्र हैं। आपके बड़े भाई को विदेश जाकर पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति मिली है जिसके अंतर्गत वे अमेरिका उच्च अध्ययन के लिए जाने बाले हैं। उन्हें बधाई एवं शुभकामना प्रेषित करता एक संदेश लगभग 40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बधाई सन्देश
दिनांक: 10/10/xxxx
समय; 7:00 a.m.
प्रिय भईया, मुझे पता चला है कि आपको विदेश जाकर पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिली है। विदेश जाकर उच्च अध्ययन करने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ हैं। आप अपने जीवन में इसी प्रकार निरन्तर उन्नति करते रहो और माँ का नाम भी रोशन करो। भगवान आपको दीर्घ आयु प्रदान करे।
आपकी छोटी प्रिय बहन
मोहिनी