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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 4 with Solutions
समय : 3 घंटा
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
(i) इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं– खंड ‘अ’ और ‘ब’। खंड अ में वस्तुपरक / बहुविकल्पीय और खँड-ब में वस्तुनिष्ठ वर्णनात्मक प्रश्न दिए यए हैं।
(ii) अश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
(iii) यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
(iv) खंड ‘अ’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपग्रश्नों की संख्या 44 हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपग्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य हैं।
(v) खंड “ब’ में कुल 7 प्रश्न हैं; सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों
खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक – प्रश्न (40 अंक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
बंगाल की शस्य-श्यामला धरती का सौंदर्य अविस्मरणीय है। इसके मनोहर और उन्मुक्त सौंदर्य को प्रतिभाशाली रचनाकार अपने गीतों, निबंधों और कविताओं में बाँधने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन इसके मायावी और लोकोत्तर आकर्षण का रंच मात्र ही बे रूपायित करने में सफ़ल हो पाए हैं। अविभाजित बंगाल का सौंदर्य किसी भी संवेदनशील मस्तिष्क के भीतर हलचल पैदा कर सकता है। चाँदी-सी चमकती मीलों लंबी नहरों और दियों के बीच पन्नों की तरह चमकते हरे-भरे खेतों के चित्र संवेदनशील मन को अपूर्व आनंद से भर देते हैं। हरे-भरे खेतों में पके दानों की लहलहाती सुनहरी फ़सल, हवा में फुसफुसाते लंबे ताड़ के वृक्ष और साल की पत्तियों की बहती हुई मंद-मंद हवा, कंचनजंघा के उत्तुंग शिखर, सुंदरवन के घने जंगल, दीघा के सुंदर रेतीले समुद्र तट और उत्तर बंगाल के हरे-भरे चाय के बागान आँखों में रचे बसे रहते हैं। प्राकृतिक छटाओं से भरी-पूरी यह धरती युगों से महान् लेखकों, कवियों और कलाकारों को प्रेरित करती रही है। इस अनोखे वरदान के केवल वही पात्र हैं जिन्हें इस धरती पर पैदा होने का सौभाग्य मिला है अथवा वे हैं जो अविभाजित बंगाल में रह चुके हैं।
(i) किसी संवेदनशील मन को अपूर्व आनंद से भर देते हैं –
(क) नदियों, नहरों और खेतों के चित्र
(ख) नदियों, समुद्रों और हीरे-पन्ने के दृश्य
(ग) चाँदी की चमक और पन्नों की हरियाली
(घ) फसलों और पेड़ों के मिले-जुले दृश्य
उत्तर:
(क) नदियों, नहरों और खेतों के चित्र
(ii) लेखक की दृष्टि में बंगाल की शस्य-श्यामला धरती का सौंदर्य कैसा नहीं है?
(क) अविस्मरणीय
(ख) मायावी
(ग) आकर्षक
(घ) असामान्य
उत्तर:
(घ) असामान्य
(iii) बंगाल की भूमि के विषय में कथन और कारण की सत्यता परखिए:
कथन (A) : यह धरती युगों से महान लेखकों, कवियों और कलाकारों को प्रेरित करती रही है।
कारण (R) : यह धरती युगों से प्राकृतिक छटाओं से भरपूर है।
(क) कथन (A) और कारण (R) दोनों असत्य हैं।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सत्य हैं।
(ग) कथन (A) सत्य पर कारण (R) असत्य है।
(घ) कथन (A) असत्य पर कारण (R) सत्य है।
उत्तर:
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों सत्य हैं।
(iv) “इस गद्यांश का केन्द्रीय विषय बंगाल है।
उपर्युक्त कथन के पक्ष में निम्नलिखित तरकों पर विचार कीजिए।
(i) बंगाल में बिताए दिनों के कारण
(ii) प्रकृति का मनुष्य के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों के कारण
(iii) अविभाजित बंगाल की धरती के सौन्दर्य के कारण
विकल्प
(क) (i) सही है।
(ख) (iii) सही है।
(ग) (ii) सही है।
(घ) (i) और (iii) सही हैं।
उत्तर:
(ख) (iii) सही है।
(v) निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म गद्यांश के आधार पर सही है?
(क) फ़सल : घनी
(ख) समुद्र तट : रेतीले
(ग) कंचनजंघा : मंद हवा
(घ) चाय बागान : सुनहरे
उत्तर:
(ख) समुद्र तट : रेतीले
व्याख्यात्मक हल:
समुद्र तट अत्यन्त रेतीले होते हैं। दीघा के सुन्दर रेतीले समुद्र तट और उत्तर बंगाल के हरे-भरे चाय के बागान आँखों में रचे बसे रहते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती,
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
अखंड आत्मभाव जो असीम विश्व में भरे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
क्षुधार्थ रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी।
उशीनर शिवि ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर-चर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्यों डरे?
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
(क) इस कविता का केंद्रीय भाव यह है कि ………….
(i) अपने स्वार्थ की पूत्ति हेतु कार्य करने चाहिए।
(ii) मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए।
(iii) जरूरतमंदों के लिए सहानुभूति का भाव नहीं रखना चाहिए।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) 2 और 4 सही हैं प्रस्तुत काव्यांश के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि मनुष्य को हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए। परोपकारी मनुष्य का यश हमेशा बना रहता है।
(ख) ‘वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे’ का अर्थ है कि
(i) वास्तविक मनुष्य वही है, जो अपने लिए जीता है
(ii) वास्तविक मनुष्य वही है, जो दूसरों के लिए जीता है
(iii) वास्तविक मनुष्य वही है, जो केवल अपने स्वार्थ सिद्ध करता है
(iv) वास्तविक मनुष्य वही है, जो भौतिक वस्तुओं की चाह रखता है
उत्तर :
(ii) वास्तविक मनुष्य वही है, जो दूसरों के लिए जीता है प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है कि वास्तविक मनुष्य वही होता है, जो दूसरों की चिंता करता है, उनके काम आता है तथा उनके लिए जीता है।
(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि कैसे व्यक्तियों की कथा स्वयं सरस्वती बखानती हैं?
(i) आत्मसम्मानी व्यक्तियों की
(ii) उदार व्यक्तियों की
(iii) अहंकारी व्यक्तियों की
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) उदार व्यक्तियों की काव्यांश में बताया गया है कि जो व्यक्ति दूसरों के लिए परोपकार की भावना रखता है तथा समय पड़ने पर उनकी सहायता करता है, ऐसे उदार व्यक्तियों की क्था स्ययं सरस्वती बखानती हैं।
(घ) कवि ने दर्धीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों के उदाहरण से क्या संदेश दिया है?
(i) अहंकार और स्वार्थ मनुष्य के लिए आवश्यक हैं
(ii) वीरता और शक्ति का कोई पर्याय नहीं होता
(iii) त्याग और बलिदान सर्वश्रेष्ठ होता है
(iv) मनुष्य को यश की कामना करनी चाहिए
उत्तर :
(iii) त्याग और बलिदान सर्वश्रेष्ठ होता है कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर त्याग और बलिदान का संदेश दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया तथा अपना सर्वस्व उनकी सेवा में न्योछावर कर दिया।
(ङ) कथन (A) महापुरुषों को आज भी याद किया जाता है।
कारण (R) महान व्यक्तियों ने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही है, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या करता है महापुरुषों को आज भी याद किया जाता है, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए त्याग दिया।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
(i) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य का उदाहरण कौन-सा है?
(क) वेशभूषा या बाह्य अनुष्ठानों से कोई संन्यासी नहीं होता।
(ख) इस रेखाचित्र की एक विशेषता यह है कि बालगोबिन भगत के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सजीव झाँकी देखने को मिलती है।
(ग) यहाँ विशिष्ट शैलीकार हैं इसलिए उन्हें ‘कलम का मजदूर’ कहा जाता है।
(घ) बालगोबिन लंबी दाड़ी नहीं रखते थे परंतु हमेशा उनका चेहरा सफेद बालों से जगमग रहता।
उत्तर:
(ख) इस रेखाचित्र की एक विशेषता यह है कि बालगोबिन भगत के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सजीव झाँकी देखने को मिलती है।
व्याख्यात्मक हल:
मिश्र वाक्य में जब-तब, जैसा-वैसा, कि, यदि तो इत्यादि का प्रयोग किया जाता है।
(ii) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य का उदाहरण कौन-सा है?
(क) कार्तिक आया नहीं कि बालगोबिन की प्रभातियाँ शुरू हुईं।
(ख) अभी थोड़ी देर पहले मूसलाधार वर्षा खत्म हुई है।
(ग) जब जाड़ा आता, एक काली कमली ऊपर से ओढ़े रहते।
(घ) थोड़ी खेतीबाड़ी भी थी और एक अच्छा साफ्-सुथरा मकान भी था।
उत्तर:
(घ) थोड़ी खेतीबाड़ी भी थी और एक अच्छा साफ्-सुथरा मकान भी था।
(iii) निम्नलिखित वाक्य का सरल वाक्य क्या होगा? व
‘समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है और रोपनी कर रहा है।’
(क) जो समूचा गाँव है वह खेतों में उतरकर रोपनी कर रहा है।
(ख) समूचा गाँव खेतों में उतरकर रोपनी कर रहा है।
(ग) जहाँ समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है वहाँ रोपनी हो रही है।
(घ) समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है अत: रोपनी कर रहा है।
उत्तर:
(ख) समूचा गाँव खेतों में उतरकर रोपनी कर रहा है।
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक सही विकल्प चुनिए।
(1) हम घर चले गए।
(2) तुम वहाँ क्यों नहीं आए।
(3) मैं और तुम काफी हैं।
(4) मैं और रमेश शाम को बाजार चले गए।
विकल्प
(क) (1) सही है।
(ख) (3) और (4) सही हैं।
(ग) (2) सही है।
(घ) (4) सही है।
उत्तर:
(ख) (3) और (4) सही हैं।
(v) सूची को सूची 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए –
सूची (1) | सूची (2) |
(1) जब जाना ही था तब आए ही क्यों? | (i) मिश्र वाक्य |
(2) मैं कल घर चला गया था। | (ii) सरल वाक्य |
(3) मैंदौड़ मेंजीतगईपरन्तुइनाम नमिला। | (iii) संयुकतवाक्य |
विकल्प
(क) 1. (iii), 2. (ii), 3. (i)
(ख) 1. (i), 2. (iii), 3. (ii)
(ग) 1. (i), 2. (i), 3. (iii)
(घ) 1. (ii), 2. (ii), 3. (iii)
उत्तर:
(घ) 1. (ii), 2. (ii), 3. (iii)
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. मेरे द्वारा यह किताब नहीं पढ़ी जाती है। | 1. कर्तृवाच्य |
B. मैं यह किताब नहीं पढ़ सकूँगा। | 2. भाववाच्य |
C. मुझसे यह किताब नहीं पढ़ी जा सकेगी। | 3. कर्मवाच्य |
कूट
A B C
(i) 3 2 1
(ii) 2 3 1
(iii) 1 2 3
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iv) A-3, B-1, C-2
(ख) कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाया जाता है।
(ii) अध्यापक कक्षा में पढ़ाता था।
(iii) अध्यापक कक्षा में पढ़ा सकता है।
(iv) अध्यापक कक्षा में पढ़ाता है।
उत्तर :
(i) अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाया जाता है
(ग) कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) आइए, कहीं चला जाए।
(iii) उससे कहीं नहीं चला जाता।
(ii) मजदूरों द्वारा दो वर्ष में यह पुल तैयार किया गया।
(iv) दुकानदार द्वारा उचित मूल्य लिया गया।
उत्तर :
(ii) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया
(घ) ‘हम गा नहीं सकते।’ इसका भाववाच्य होगा
(i) हमसे गाया नहीं जा सकता।
(ii) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया।
(iii) हमारे द्वारा गाया गया।
(iv) हमने गाया।
उत्तर :
(i) हमसे गाया नहीं जा सकता
(ङ) ‘मजदूरों ने दो वर्ष में यह पुल तैयार किया।’ इसका कर्मवाच्य होगा
(i) मजदूरों से दो वर्ष में पुल तैयार हुआ।
(ii) हमने नहीं गाया।
(iii) मजदूरों द्वारा यह पुल दो वर्ष में तैयार किया जा सकता है।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) मजदूरों द्वारा दो वर्ष में यह पुल तैयार किया गया
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 4 = 4)
“धान के खेतों में छोटे बच्चे उछल रहे हैं। वहाँ धूप का नाम नहीं लेकिन सब मस्ती कर रहे हैं।”
(i) धान
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंधकारक
(ख) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंधकारक
(ग) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्तावराक
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, कर््ताकारक
उत्तर:
(ख) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंधकारक
व्याख्यात्मक हल:
धान में जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, सम्बन्धकारक विद्यमान है।
(ii) छोटे
(क) परिमाणवाचक विशेषण, ‘बच्चे’ विशेष्य, बहुबचन, पुल्लिंग
(ख) संख्यावाचक विशेषण, ‘बच्चे’ विशेष्य, बहुवचन, पुल्लिंग
(ग) गुणवाचक विशेषण, ‘बच्चे! विशेष्य, बहुवचन, पुल्लिंग
(घ) परिमाणवाचक विशेषण, ‘बच्चे’ विशेष्य, एकवचन, पुल्लिंग
उत्तर:
(ग) गुणवाचक विशेषण, ‘बच्चे! विशेष्य, बहुवचन, पुल्लिंग
(iii) ड्छल
(क) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य
(ख) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्मवाच्य
(ग) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्मवाच्य
(घ) अकर्मक क्रिया, बहुबचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य
उत्तर:
(क) सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य
(iv) वहाँ
(क) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, ‘कर रहे हैं’ क्रिया का विशेषण
(ख) कालवाचक क्रिया-विशेषण, ‘कर रहे हैं’ क्रिया का विशेषण
(ग) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, ‘कर रहे हैं’ क्रिया का विशेषण
(घ) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण, ‘उछल रहे हैं’ क्रिया का विशेषण
उत्तर:
(ग) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, ‘कर रहे हैं’ क्रिया का विशेषण
(v) लेकिन
(क) समानाधिकरण समुच्चयबोधक योजक, दो वाक्यों को जोड़ रहा है
(ख) समानाधिकरण समुच्चयबोधक योजक, दो शब्दों को जोड़ रहा है
(ग) व्यधिकरण समुच्चयबोधक योजक, दो वाक्यों को जोड़ रहा है
(घ) व्यधिकरण समुच्चयबोधक योजक, दो शब्दों को जोड़ रहा है
उत्तर:
(क) समानाधिकरण समुच्चयबोधक योजक, दो वाक्यों को जोड़ रहा है
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
बारे उजियारो करै, बढ़े अँधेरो होय।।
इन काव्य-पंवित्तों में प्रयुक्त अलंकार है’
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष इन काव्य-पंक्तियों में ‘बारे’ और ‘बढ़े’ के दो अर्थ हैं। ‘बारे’ के दोनों अर्थ ‘जलने पर ‘ तथा ‘बचपन’ और ‘बदे’ के दोनों अर्थ ‘बड़ा होने पर’ तथा ‘बुझने पर’ है। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ख) ‘मंगन को देखि पटे देत बार-बार है।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष इस काव्य-पंक्ति में पट के दो अर्थ हैं, पहला अर्थ है-ब्यक्तिवाचक को देखकर बार-बार वस्त्र देता है तथा दूसरा अर्थ है कि याचक को देखते ही दरवाजा बंद कर लेता है।
(ग) ‘ले चला साथ मैं तुझ्शे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रेक्षा प्रस्तुत पंक्तियों में कनक का अर्थ धतूरा है। कवि कहता है कि वह धतूरे को ऐसे ले चला मानो कोई रिक्षुक सोना ले जा रहा हो। इसमें ज्यों शब्द का अर्थ प्रयोग हुआ है एवं कनक-उपमेय में तथा स्वर्ण उपमान के होने की कल्पना हो रही है। इसका कारण यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(घ) ‘देख लो साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति यहाँ साकेत नगरी का वर्णन बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
(ङ) फाग गाता मास फागुन हैं कई पतर किनारे पी रहे चुप-चाप पक्षी.प्यास जाने कब बुझेगी।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण यहाँ फागुन मास को फाग गाता हुआ तथा पत्थरों को पानी पीते दिखाया गया है। अतः जड़ वस्तुओं में मानवीय क्रियाओं के आरोप के कारण यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
इसने उन्हें मान और प्रतिष्ठा तो बहुत दी, पर अर्थ नहीं और शायद गिरती आर्थिक स्थिति ने ही उनके व्यक्तिव के सारे सकारात्मक पहलुओं को निचोड़ना शुरू कर दिया। सिकुड़ती आर्थिक स्थिति के कारण और अधिक विस्फ़ारित उनका अहं उन्हें इस बात तक की अनुमति नहीं देता था कि वे कम-से-कम अपने बच्चों को तो अपनी आर्थिक विवशताओं का भागीदार बनाएँ। नवाबी आदतें, अधूरी महत्त्वाकांक्षाएँ, हमेशा शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकते चले जाने की यातना क्रोध बनकर हमेशा माँ को कँपाती-थरथराती रही थी। अपनों के हाथों विश्वासघात की जाने कैसी गहरी चोटें होंगी वे जिन्होंने आँख मूँदकर सबका विश्वास करने वाले पिता को बाद के दिनों में इतना शक्की बना दिया था कि जब-तब हम लोग भी उसकी चपेट में आते ही रहते।
(i) मन्नू के पिता का स्वाभाव शक्की क्यों हो गया?
(क) अपनों के हाथों विश्वासघात के कारण
(ख) आर्थिक विवशताओं के कारण
(ग) अपने बच्चों से मिली उपेक्षा के कारण
(घ) उपरोक्त सभी कारणों से
उत्तर:
(क) अपनों के हाथों विश्वासघात के कारण
व्याख्यात्मक हल:
लेखिका के पिता अपने ही लोगों के विश्वासघात के शिकार हुए थे, इससे उनके स्वभाव में अत्यन्त परिवर्तन आ गया।
(ii) इससे पहले उनकी आर्थिक स्थिति इंदौर में कैसी थी ?
(क) आर्थिक अभाव के कारण जीवनयापन कठिनता से
(ख) नवाबी ठाठ, प्रतिष्ठा, अच्छी आर्थिक स्थिति
(ग) मध्यमवर्गीय परिवार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) नवाबी ठाठ, प्रतिष्ठा, अच्छी आर्थिक स्थिति
व्याख्यात्मक हल:
लेखिका के पिताजी की इंदौर में बहुत प्रतिष्ठा और नाम था। वे आठ-दस विद्यार्थियों को अपने घर में रखकर पढ़ाया करते थे।
(iii) किस कार्य ने उन्हें बहुत यश और प्रतिष्ठा दी किन्तु अर्थ नहीं?
(क) उनके द्वारा किए गए समाज-सुधार के कार्यों ने
(ख) उनके द्वारा किए गए धार्मिक कार्यों ने
(ग) उनके द्वारा लिखे गए अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश (विषयवार) ने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) उनके द्वारा लिखे गए अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश (विषयवार) ने
व्याख्यात्मक हल:
उनके द्वारा लिखा गया अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश ( विषयवार ) अपनी तरह का पहला और अकेला शब्दकोश था। इससे उनको प्रसिद्धि तो बहुत मिली किन्तु धन नहीं मिला।
(iv) गिरती आर्थिक स्थिति का लेखिका के पिता पर क्या प्रभाव पड़ा?
(क) उन्हें अधिक क्रोधी और अहंकारी बना दिया
(ख) उन्हें बहुत डरपोक बना दिया
(गे) उनके व्यक्तित्व के सकारात्मक पक्षों को नष्ट कर दिया
(घ) विकल्प (क) और (ग) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(घ) विकल्प (क) और (ग) दोनों सही हैं।
व्याख्यात्मक हल:
गिरती आर्थिक स्थिति के कारण मन्नू भंडारी के पिता बहुत चिड़चिड़े हो गए थे। उनके व्यक्तित्व के सकारात्मक गुण समाप्त हो गए, जिसके कारण वे बहुत शक्की और क्रोधी स्वभाव के हो गए।
(v) उनके चिड़चिड़े स्वभाव और कोप का भाजन किसे बनना पड़ता था?
(क) लेखिका की सहनशील माँ को
(ख) लेखिका को
(ग) लेखिका की बड़ी बहन को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) लेखिका की सहनशील माँ को
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) निम्नलिखित रचनाओं को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. नेताजी का चश्मा | 1. यशपाल |
B. बालगोबिन भगत | 2. स्वयं प्रकाश |
C. लखनवी अंदाज | 3. मन्नू भण्डारी |
D. एक कहानी यह भी | 4. रामवृक्ष बेनीपुरी |
कूट
A B B C
(i) 1 2 3 4
(ii) 2 4 1 3
(iii) 4 3 2 1
(iv) 2 4 3 1
उत्तर :
(ii) A-2, B-4, C-1, D-3 सही उत्तर है ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी हैं। इसी प्रकार ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के लेखक स्वयं प्रकाश, ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के लेखक यशपाल तथा ‘एक कहानी यह भी पाठ’ की लेखिका मन्नू भंडारी हैं।
(ख) नवाब साहब को खीरा काटते हुए देखकर लेखक क्या सोच रहे थे?
(i) खीरा देखने में तो लजीज लग रहा है
(ii) मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों से बचने के विचार में असलियत पर उत्तर आए हैं
(iii) खीरे में नमक-मिर्च डालने से खीरा पनिया गया है
(iv) नवाबों के शौक भी अजीब होते हैं
उत्तर :
(ii) मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों से बचने के विचार में असलियत पर उतर आए हैं नवाब साहब को खीरा काटते हुए देखकर लेखक यह सोच रहे थे कि मियाँ रईस बनते हैं, लेकिन लोगों से बचने के विचार में असलियत पर उतर आए हैं।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए – (1 × 5 = 5)
(i) लक्ष्मण के लिए क्या-क्या कहा गया है ?
(क) मंदबुद्धि व टेढ़े स्वभाव वाला।
(ख) काल के वशीभूत तथा अपने वंश को नष्ट करने वाला।
(ग) सूर्यवंश के चन्द्रमा के कलंक के समान, स्वच्छंद, मूर्ख और निडर।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्यात्मक हल:
परशुराम लक्ष्मण की बातें सुनकर उन पर नाराज होते हुए कहते हैं कि लक्ष्मण मूर्ख, निडर, वाचाल है जो काल के वशीभूत होकर ऐसी बात कर रहा है। वह सूर्यवंशी कुल में चन्द्रमा के कलंक के समान है।
(ii) परशुराम के क्रोधित होने का क्या कारण था?
(क) लक्ष्मण के व्यंग्यपूर्ण वचनों और उपहास उड़ाने के कारण।
(ख) लक्ष्मण के आनंदपूर्ण व व्यंग्यपूर्ण आचरण के कारण।
(ग) लक्ष्मण के कायर व विनोदपूर्ण आचरण के कारण।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ग) लक्ष्मण के कायर व विनोदपूर्ण आचरण के कारण।
व्याख्यात्मक हल:
शिवधनुष के टूटने से परशुराम पहले से ही क्रोधित थे। लक्ष्मण की व्यंग्यपूर्ण बातों व परशुराम का मजाक उड़ाए जाने ने उसकी क्रोधाग्नि में घी डालने का काम किया।
(iii) लक्ष्मण ने कायर पुरुषों का क्या लक्षण बताया है?
(क) वे शत्रु के सामने वीरता का प्रदर्शन नहीं करते हैं।
(ख) वे अपनी वीरता की डींगें हाँका करते हैं।
(ग) वे युद्ध में कायरता दिखाकर भाग जाते हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(iv) ‘कुटिल कालबस’ में कौन-सा अलंकार है?
(क) उपमा।
(ख) अनुप्रास।
(ग) उत्प्रेक्षा।
(घ) यमक।
उत्तर:
(ख) अनुप्रास।
व्याख्यात्मक हल:
‘क’ वर्ण की आवृत्ति होने से अनुप्रास अलंकार है।
(v) उक्त पद्यांश में वीर पुरुष की क्या विशेषता बताई है?
(क) वीर योद्धा युद्ध के मैदान में बातें नही बनाते हैं।
(ख) वीर योद्धा युद्ध के मैदान में बीरता का प्रदर्शन करते हैं।
(गं) वीर योद्धा अपने मुँह से अपनी प्रशंसा करते हैं।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) वीर योद्धा युद्ध के मैदान में बीरता का प्रदर्शन करते हैं।
व्याख्यात्मक हल:
वीर योद्धा युद्ध क्षेत्र में शत्रु को सामने देख अपनी वीरता का बखान नहीं करते वरन् पराक्रम दिखाते हैं।
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निध्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को किस रूप में प्रस्तुत किया है?
(i) नवयुवा के रूप में
(ii) क्रांति के सूचक के रूप में
(iii) काले बालों के रूप में
(iv) खिलते फूल के रूप में
उत्तर :
(ii) क्रांति के सूचक के रूप में ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को क्रांति के सूचक के रूप में प्रस्तुत किया है।
(ख) श्रीराम शिव-द्वारा धनुष के टूटने के विषय में लक्ष्मण ने परशुराम को क्या सफाई पेश की?
(i) धनुष की डोरी छोटी होने के कारण प्रत्यंचा चढ़ाते हुए टूट गया
(ii) पुराना होने के कारण वह धनुष जर्जर हो गया था, इसलिए टूट गया
(iii) धनुष अधिक भारी था, इसलिए प्रत्यंचा चढ़ाते हुए टूट गया
(iv) श्रीराम ने तो इसे केवल हुआ था, पर यह छूते ही टूट गया फिर इसमें श्रीराम का क्या दोष
उत्तर :
(iv) श्रीराम ने तो इसे केवल छुआ था, पर यह छूते ही टूट गया फिर इसमें श्रीराम का क्या दोष लक्ष्मण ने शिव-धनुष के टूटने के विषय में परशुराम को सफाई दी कि शीराम ने तो इसे केवल छुआ था, पर यह छूते ही टूट गया फिर इसमें श्रीराम का क्या दोष।
खण्ड ‘ब’ वर्णनात्मक – प्रश्न
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – (2 × 3 = 6)
(i) लेखक की तुलना में नवाब साहब अधिक शिष्ट और सभ्य थे।’ ‘लखनवी अंदाज’ पाठ के आधार पर सोदाहरण बताइए।
उत्तर:
यद्यपि लेखक के डिब्बे में प्रवेश करने पर पहले नवाब साहब ने असहजता और बेरुखी का प्रदर्शन किया था। किन्तु बाद में उन्होंने लेखक को अभिवादन करते हुए उन्हें खीरा खाने के लिए आमंत्रित किया। इसके विपरीत लेखक ने नवाब साहब द्वारा उसके डिब्बे में प्रवेश करने पर किए गए व्यवहार से क्षुब्ध होकर उनके द्वारा दोनों बार किए गए खीरा खाने के आग्रह को ठुकरा दिया।
(ii) लेखिका मननू भंडारी की कहानियों के अधिकांश पात्र कहाँ के थे ? इससे किस तथ्य का बोध होता है ?
उत्तर:
लेखिका की कहानियों के अधिकांश पात्र उनके गली-मोहल्ले के थे। इससे बोध होता है कि लेखिका के अपने पड़ोस के लोगों से बहुत आत्मीय संबंध थे। उनके अनुसार मोहल्ले में खेलता बच्चा उसी प्रकार सुरक्षित रहता है, जैसे अपने घर में।
(iii) जीवन के आरंभिक दिनों में संगीत के प्रति बिस्मिल्ला खाँ की आसक्ति क्यों और कैसे हुई ? ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ के मन में संगीत के प्रति लगाव उत्पन्न करने और उनकी संगीत साधना को समृद्ध बनाने में अनेक लोगों का योगदान रहा। रसूलनबाई तथा बतूलनबाई की ठुमरी, टप्पे और दादरा सुन-सुनकर उनकी संगीत में रुचि जागी। वह अपने नाना ‘को शहनाई बजाते सुनते थे। मामू अलीबख्श के शहनाई बादन में सम आने वह जमीन पर पत्थर पटककर दाद देते थे। इस प्रकार संगीत के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता गया। संगीत आयोजनों में श्रोताओं द्वारा की गई प्रशंसा ने उनकी साधना को और समृद्ध बनाया। उनकी शहनाई का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगा और वे शहनाई की मंगल ध्वनि के नायक बन गए।
(iv) संस्कृति कब असंस्कृति बन जाती है ? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
मानव-कल्याण की भावना से प्रेरित तथ्यों का आविष्कार करना ही संस्कृति है और जब संस्कृति का नाता कल्याण की भावना से टूट जाता है तो जो योग्यता आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है वह असंस्कृति बन जाती है।
प्रश्न 12.
निंर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ में जब राम ने परशुराम से कहा कि धनुष तोड़ने वाला कोई आपका सेवक ही होगा, तब परशुराम ने व्यंग्यपूर्वक विरोध करते हुए कहा, शत्रुता का कार्य करने में सेवक-भाव नहीं होता। लक्ष्मण के यह कहने पर कि सभी धनुष तो एक जैसे ही होते हैं, आप तो अकारण ही क्रोधित हो रहे हैं, तब परशुराम ने लक्ष्मण के यचन सुनकर अपने फरसे (एक प्रकार की तेज धार की कुल्हाड़ी) को दिखाते हुए कहा कि यह बालक कौन है, यह तो मारे जाने योग्य है। राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद में ऐसे अनेक व्यग्यों का अनूठा सौंदर्य व्याप्त है।
(ख) “ऊथौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत थारण” पंक्ति के द्वारा गोपियाँ क्या बताना चाहती हैं? ‘सूरदास के पदों’ के आधार पर बताइए।
उत्तर :
गोपियाँ प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से उद्धव एवं कृष्ण को यह बताना चाहती हैं कि पहले के लोग अर्थात् प्राचीन राजा बहुत भले होते थे, जो दूसरों की भलाई करने के लिए इधर-उधर दौड़ा करते थे, परंतु उद्धव द्वारा लाए गए योग के संदेश को सुनकर न तो अब उद्ध्रव पर विश्वास रहा और न ही भीकृष्षण पर।
(ग) कवि बादल से फुहार या रिमझिम बरसने की जगह ‘गरजने’ के लिए क्यों कहता है? ‘उत्साह कविता के आथार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को क्रांति के सूचक के रूप में प्रस्तुत किया है। समाज में कभी-भी क्रांति बादलों की फुहार या रिमझिम बरसने अर्थात् कोमल या मृदु भावों से नहीं आती, अपितु उसके लिए गरजने अर्थात् विध्यंस की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि नव सृष्टि के निर्माण के लिए बादलों से गरजने के लिए कहता है।
(घ) ‘संगतकार’ कविता के आधार पर संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय उसे क्या-क्या याद दिलाता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय अप्रत्यक्ष रूप से उसे कुछ बाते याद दिलाता है। कई बार जब मुख्य गायक स्थायी या टेक को छोड़कर अंतरे का चरण पकड़ता है और तानों के जंगल में खो जाता है या अपने सरगम को लाँघकर एक अनहद में भटक जाता है, तब संगतकार ही गाने के स्थायी को पकड़े रहता है। ऐसा लगता है जैसे वह उसे उसका बचपन याद दिला रहा हो कि जब वह संगीत सीख रहा था और सरगम के स्वर से भटक जाया करता था।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्य-पुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए – (4 × 2 = 8)
(i) वात्सल्य और ममता की आधार-भूमि एक रहने पर भी माता-पिता और बच्चों के संबंधों में तब से अब तक बहुत बदलाव हुए हैं। ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर इसे सोदाहरण स्पष्ट कोजिए।
उत्तर:
प्रस्तुत पाठ में तत्कालीन समाज की जीवन शैली का वर्णन किया गया है। उस समय के परिवारों में बच्चे माँ के ममतामयी आँचल कौ छाँव में बड़े होते थे, घर के सदस्यों के मध्य आत्मीयता का सम्बन्ध होता था। पिता और पुत्र के मध्य प्रेम, माँ और पुत्र के प्रति प्रेम, धार्मिक वातावरण होता था, बच्चों को प्रात: जल्दी उठना, प्रकृति के नजदीक जाना, जीवों के प्रति प्रेम करना आदि सिखाया जाता था, किन्तु आज स्थिति बिल्कुल विपरीत है। बच्चा यदि माँ से गुस्सा हो जाता है, पिता के पास जाकर अपनी माँग पूरी कर लेता है। यदि पिता डाँटता है, तो माँ के पास आ जाता है, अपने अनुकूल व्यवहार न होने के कारण बच्चों का माता-पिता से सम्बन्ध अलग-अलग दिखाई देता है।
(ii) ‘मैं क्यों लिखता हूँ ?’ पाठ को आधार बनाकर बताइए कि लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस प्रकार महसूस किया ?
उत्तर:
एक दिन हिरोशिमा की सड़क पर घूमते हुए लेखक ने देखा कि एक जले हुए पत्थर पर एक लम्बी उजली छाया है, शायद विस्फोट के समय वहाँ कोई खड़ा रहा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियोधर्मी पदार्थ की किरणें उसमें फँस गई होंगी, जो आस-पास से आगे बढ़ गईं, उन्होंने पत्थर को झुलसा दिया, जो व्यक्ति वहाँ खड़ा होगा, वह भाप बनकर उड़ गया होगा, इस प्रकार समूची त्रासदी जैसे पत्थर पर अंकित हो गई है। उस छाया को देखकर लेखक भीतर तक हिल गया। उसे लगा कि इतिहास जैसे भीतर कहीं सहसा एक जलते हुए सूर्य के समान उग आया और डूब गया। इस क्षण लेखक को लगा कि अणु विस्फोट उनकी प्रत्यक्ष अनुभूति में आ गया है। वे स्वयं हिरोशिमा के विस्फोट के भुक्त भोगी बन गए हैं।
(iii) यात्राएँ विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होने का अच्छा माध्यम हैं। ‘साना-साना हाथ जोड़ि ‘ यात्रा वृत्तान्त के आधार पर इस कथन की समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
- यात्राओं से हम वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ भाषा, रीति-रिवाजु, परंपराओं , मान्यताओं से भी परिचित होते हैं।
- हम दूर बैठकर किसी स्थान की संस्कृति का अनुभव नहीं कर सकते।
उदाहरण –
- लेखिका ने प्रार्थना के बोल नेपाली युवती से सीखे।
- वहाँ के निवासियों की कड़ी मेहनत, अभाव और गरीबी को साक्षात् देखा।
- धर्म चक्र से जुड़ी आस्था और श्वेत बौद्ध पताकाओं की मान्यता को जाना।
- सिक्किमी परिधान (बोकु) के सौंदर्य से प्रभावित हुई।
- पहाड़ी बच्चों को स्कूल जाने के साथ-साथ माँ-बाप का हाथ बँटाते देखा।
- पहाड़ी लोगों की मान्यता के से युआाए –“यहाँ देवी- देवताओं का निवास है; यहाँ जो गंदगी फैलाएगा मर जाएगा।” इस तथ्य से लेखिका का परिचित होना । (कोई एक उदाहरण अपेक्षित)
प्रश्न 14.
त्रिम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) ई-कचरा
संकेत बिंदु
- तात्पर्य
- ई-कचरे से समस्याएँ
- ई-कचरे का निपटान
उत्तर :
ई-कचरा
ई-कचरा आधुनिक समय की एक गंभीर समस्या है। वर्तमान समय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी काम हो रहा है। इसके फलख्वरूप, आज नित नए-नए उन्नत तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का उत्पादन हो रहा है। जैसे ही बाजार में उन्नत तकनीक वाला उत्पाद आता है, वैसे ही पुराने यंत्र बेकार पड़ जाते हैं। इसी का नतीजा है कि आज कंप्यूटर, लैपटॉंप, मोबाइल फोन, टीवी, रेडियो, प्रिंटर, आई-पोड्स आदि के रूप में ई-कथरा बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार एक वर्ष में पूरे विश्व में लगभग 50 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न होता है। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि ई-कचरे का नियटान उस दर से नहीं हो पा रहा है, जितनी तेज़ी से यह उत्पन्न हो रहा है। ई-कचरे को खुले में डालने या जलाने से पर्यावरण के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में आर्सेनिक, कोबाल्ट, मरकरी, बेरियम, लिथियम, कॉपर, क्रोम, लेड आदि हानिकारक अवयव होते हैं।
इनसे कैससर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ गया है। ई-कचरे की बढ़ती मात्रा को देख भारत सरकार ने अक्टूबर, 2016 में ई-कचरा प्रबंधन नियम बनाया था। अब समय आ गया है कि ई-कचरे के उचित निपटान और पुनः चक्रण पर ध्यान दिया जाए अन्यथा पूरी दुनिया शीघ ही ई-कचरे का ढेर बन जाएगी। इसके लिए विकसित देशों को आगे आना होगा और विकासशील देशों के साथ अपनी तकनीकों को साझा करना होगा, क्योंकि विकसित देशों में ही ई-कचरे का उत्पादन अघिक होता है और वे जब्तब चोरी-छिपे विकासशील देशों में उसे भेजते रहते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व को एक्जुट होकर कार्य करना होगा।
(ख) आत्मविश्वास और सफलता
संकेत बिंदु
- भूमिका
- महत्तव
- आत्मविश्वास की पहचान
उत्तर :
आत्मविश्वास और सफलता
आत्मविश्वास एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है। आत्मविश्वास से ही विचारों की स्वाधीनता प्राप्त होती है और इसके कारण ही महान कार्यो के संपादन में सरलता और सफलता मिलती है। जो व्यक्ति आत्मविश्वास से ओत-प्रोत है, उसे अपने भविष्य के प्रति किसी प्रकार की चिंता नहीं रहती। दूसरे व्यक्ति जिन संदेह और शंकाओं से दबे रहते है, वे उनसे सदैव मुक्त रहते हैं, यह मनुष्य की आंतरिक भावना है। इसके बिना जीवन में सफल होना अनिश्चित है। छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रेरणा की आवश्यकता होती है और प्रेरणा से आत्मविश्वास बढ़ता है।
आत्मविश्वास सीधे हमारी सफलता से जुड़ा होता है। जितना अधिक छात्र प्रेरित होता है, उतने ही अधिक अंक वह प्राप्त कर सकता है। वर्तमान समय में यदि हमें कुछ पाना है, किसी भी क्षेत्र में कुछ करके दिखाना है, जीवन को खुशी से जीना है, तो इन सबके लिए आत्मविश्वास का होना परम आवश्यक है। आत्मविश्वास में वह शक्ति है, जिसके द्वारा हम कुछ भी कर सकते हैं। अपने ऊपर विश्वास रखकर ही हम बड़े से बड़ा कार्य कर सकते हैं और अपना जीवन सहज बना सकते हैं। मधुमक्खी कण-कण से ही शहद इकट्ठा करती है। उसे कहीं से इसका भंडार नहीं मिलता। उसके छते में भरा शहद उसके आत्मविश्वास और कठिन परिश्नम का ही परिणाम होता है।
दुनिया में ईश्वर ने सभी को अनत शक्तियाँ प्रदान की हैं। हर किसी में कोई-न-कोई विशेष गुण होता है। हमें केवल अपने अंदर के उस विशेष गुण को पहचानने तथा निखारने की आवश्यकता है। जो काम दूसरे कर सकते हैं वे काम आप क्यों नहीं कर सकते। यदि आपका अपने ऊपर विश्वास है, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। जरूरत है तो बस आत्मविश्वास बनाए रखने की तथा आत्मविश्यास जगाने की, क्योंकि आत्मविश्वास से ही मनुष्य जीवन के किसी भी मार्ग में सफलता प्राप्त कर सकता है। अंततः कहा जा सकता है कि आत्मविश्वास मनुष्य के अंदर ही समाहित होता है। आपको इसे कहीं से लाने की आवश्यकता नहीं होती। बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की।
(ग) प्लास्टिक मुक्त भारत
संकेत बिंदु
- भूमिका
- सरकार के फैसले
- प्लास्टिक मुक्त भारत में हमारा योगदान
उत्तर :
प्लास्टिक मुक्त भारत
आज के समय में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट बन गया है और आने वाले समय में यह और भी अधिक भयावह होने वाला है। आज प्लास्टिक का उपयोग इतना अधिक होने लगा है कि यह हमारे पर्यावरण और पृथ्वी के जनजीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रहा है। प्लास्टिक वस्तुओं की बढ्ती माँग के कारण विश्वभर में प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता जा रहा है। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार को अब किसी नई संस्था को प्लास्टिक उत्पाद्न की मंजूरी नहीं देनी वाहिए, ताकि प्लास्टिक के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके। भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार को कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। कुछ जरुरी कदम हैं, जिनका आवश्यक रूप से पालन किया जाना चाहिए
(i) कई देशों की सरकारों द्वारा प्लास्टिक बैग का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि इसके द्वारा ही सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण फेलता है, हालाँकि भारत जैसे कुछ देशों में इन प्रतिबंधों को सही ढंग से लागू नहीं किया गया है, विंतु यदि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना है, तो सरकार को प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने ही होंगे।
(ii) इसके साथ ही लोगों में प्लास्टिक कचरे के पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। यह कार्य टेलीविजन और रेडियो व विश्ञापनों आदि के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।
(iii) हम चाहे जितना भी प्रयास कर लें, परंतु प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग को पूर्ण रूप से बंद नहीं कर सकते। लेकिन हम चाहें तो इसके उपयोग को निश्चित रूप से कम जरूर कर सकते है। भारत को प्लास्टिक मुक्त करना मात्र सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है और सरकार अकेले इस विषय में कुछ भी नहीं कर सकती। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्त्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हम भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें।
अंततः यही कहा जा सकता है कि भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को इस समस्या के निवारण के लिए आगे आना होगा और अपना बहुमूल्य योगदान देना होगा।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए – (5 × 1 = 5)
आपके मित्र को ऑनलाइन शॉपिंग की लत लग गई है। इससे होने वाली हानियों से सावधान करते हुए उसे लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर:
पुष्पांजली नगर
आगरा
दिनांक xxxx
प्रिय मित्र
शशांक
सप्रेम नमस्कार।
मैं यहाँ सकुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी कुशलपूर्वक होंगे। आजकल आप ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीन हो रहे हो। आप नहीं जानते कि तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन शॉपिंग नकली उत्पादों की बिक्री के मौके भी बढ़ा रही है। ई-कामर्स कम्पनियों से ग्राहकों को ‘एक तिहाई उत्पाद नकली मिल रहे हैं। सर्वेक्षण से पता चला है कि पिछले छ: महीनों में ऑनलाइन खरीदारी करते समय तीन ऑनलाइन खरीदारों में से एक को नकली उत्पाद प्राप्त हुए हैं। ऑनलाइन उत्पाद खरीदने से पहले आप ब्रांड की अधिकाधिक वेबसाइड पर बिक रहे उत्पाद से तुलना करें, दूसरा आप बॉक्स के ऊपर छपे आईएमआई नम्बर को भी देखें और अधिकाधिक वेबसाइड पर मिलाएँ एवं अमेजॉन पर कुछ उत्पादों के खिलाफ़ इस उत्पाद को थर्ड पार्टी विक्रेताओं की तरफ़ से पेश किया जाता है, लेकिन इस आइटम को
आपको “ अमेजॉन पूर्ति केन्द्र ” से भेजा जाता है, इस प्रकार आप घटिया प्रोडक्ट, शिपिंग चार्ज रिटर्न पॉलिसी, डिलीवरी समस्या को ध्यान में रखकर ही ऑनलाइन शॉपिंग करें।
आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि तुम मेरे द्वारा बताई गई उपरोक्त बातों को अवश्य ध्यान में रखकर ही ऑनलाइन शॉपिंग का मन बनाओगे। पत्र का उत्तर शीघ्र देना। माता-पिता को प्रणाम।
तुम्हारा मित्र/शुभेच्छु
शेखर
‘फरीदाबाद
अथवा
अपने क्षेत्र की महिलाओं के लिए सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना हेतु मुख्यमंत्री को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री जी
लखनऊ।
दिनांक
विषय-महिलाओं के लिए सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना हेतु पत्र।
माननीय महोदय जी,
वर्तमान परिस्थितियों में महिलाओं को रोजगार प्रदान करना ही मेरा लक्ष्य है इसीलिए मैं अपने ग्रामीण क्षेत्र की बेरोजगार महिलाओं को रोजगार प्रदान करने हेतु स्थानीय स्तर पर इस प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना करना चाहता हूँ। सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण प्राप्त करके महिलाएँ घर बैठे लोगों के कपड़े सिलकर अच्छी आमदनी अर्जित कर सकें। इस प्रशिक्षण केन्द्र को खोलने का एक मात्र उद्देश्य यही है कि महिलाएँ आत्मनिर्भर बनकर पारिवारिक आय को बढ़ाने में सहयोग देंगी तथा अपने जीवन को बेहतर बनाकर बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर उन्हें एक श्रेष्ठ नागरिक बनाएँगी। वास्तव में महिलाएँ ही परिवार की धुरी हैं, उनकी सहायता करना ही हमारा पुनीत कार्य है। आपसे अनुरोध ही नहीं विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त कार्य योजना को आप शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्बित करने की कृपा करें।
सधन्यवाद
भवदीय
विनीत कुमार शर्मा
गाँव-तेहरा
जिला आगरा।
प्रश्न 16.
आप माही खंडेलवाल हैं। आप एम.ए.बी.एड. हैं। आपको महावीर इंटरनेशनल स्कूल अ.ब.स. नगर में अंग्रेजी अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप राजीव कुमार हैं। आपका बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता है। उसमें आपने एटीएम कार्ड के लिए आवेदन किया था, जो 1 माह के पश्चात् भी प्राप्त नहीं हुआ। अतः महाप्रबंधक महोदय को शिकायत करते हुए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : माही खंडेलवाल
पिता का नाम : श्री प्रकाश खंडेलवाल
माता का नाम : श्रीमती प्रतिभा खंडेलवाल
जन्म तिथि : 16 मार्च, 19XX
वर्तमान पता : D-91, जनता कॉलोनी, आदर्श नगर, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0141241XX X X
मोबाइल नंबर : 924599XXXX
ई-मेल : 23#[email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम,एस ऑफिस इंटरनेट)
हिंदी भाषा का ज्ञान
उपलब्धियाँ
सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य स्तरीय वर्ष 2014) में प्रथम पुरस्कार अनुभव
प्राची इंटरनेशनल स्कूल में 5 वर्ष का अनुभव
संदर्भित व्यक्ति का विवरण
श्री मदनलाल शर्मा प्रिसिपल राजकीय विद्यालय, जयपुर
तिथि 7.10 .2021
स्थान जयपुर
माही खंडेलवाल
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
आपके विद्यालय के बच्चों ने दीपावली के दीए, मोमबत्ती आदि तैयार किए हैं। उनकी बिक्री के लिए लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (4 × 1 = 4)
उत्तर:
अथवा
होली के अवसर पर अपने मित्र को लगभग 40 शब्दों में बधाई संदेश भेजिए।
उत्तर:
दिनांक; 8/3/20xx
समय; 7:00 a.m.
प्रिय पिंकी,
होली का गुलाल हो, रंगों की बहार हो, गुजिया की मिठास हो और एक बात खास हो, सब के दिल में प्यार हो। मेरी और मेरे परिवार की तरफ़ से तुम्हें होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। होली के रंगों की तरह तुम्हारे जीवन में सदैव रंग भरे रहें। गुजिया की मिठास की तरह हमारी मित्रता भी सदैव मीठी रहे।
तुम्हारी सहेली
पूनम बघेल।