Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 6 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Term 2 Set 6 with Solutions
समय: 2 घंटे
पूर्णांकः 40
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं, यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए।
- लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए।
- खण्ड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खण्ड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड – ‘क’
(पाठ्य पुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक) (अंक 20)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए (2 x 4 = 8)
(क) ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ में किस महापुरुष का वर्णन है? यह विशेषण उनके किन विशेषताओं को दर्शाता है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ पाठ में हिंदी के प्रसिद्ध विद्वान एवं महापुरुष फादर कामिल बुल्के का वर्णन है। फादर कामिल बुल्के के लिए यह विशेषण उनके करुणा भरे हृदय की विशालता को दर्शाता है। लेखक ने लिखा है कि ‘उनको देखना करुणा के निर्मल जल में स्नान करने जैसा था। वास्तव में, इस साधु में अपने प्रियजन के लिए अत्यधिक ममता और अपनत्व उमड़ता रहता था। वे स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों के दुःखों को दूर करते थे। प्रतिकूल एवं विषम परिस्थितियों में भी वे अपने दिल से जुड़े लोगों का साथ कभी नहीं छोड़ते थे। लेखक की पत्नी और पुत्र की मृत्यु पर फादर के मुख से सांत्वना के जादू भरे शब्द इस बात के प्रमाण हैं। उनके अंदर मानवीय करुणा की अपार भावनाओं के मौजूद रहने के कारण ही उनके लिए ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ विशेषण का प्रयोग किया गया है।
(ख) नवाब साहब के व्यवहार में अचानक कौन-सा बदलाव आया और क्यों?
उत्तर:
सेकंड क्लास डिब्बे में लेखक जैसे ही चढ़े, सामने एक सफेदपोश सज्जन को बैठे पाया। लेखक का यूँ आना उन्हें अच्छा न लगा और वह खिड़की से बाहर देखने लगे, पर अचानक ही उनके व्यवहार में बदलाव आ गया। उन्होंने लेखक से खीरा खाने के लिए कहा। ऐसा करके वे अपनी शराफत का नमूना प्रस्तुत करना चाहते थे।
(ग) फादर बुल्के एक संन्यासी थे, परंतु पारंपरिक अर्थ में हम उन्हें संन्यासी क्यों नहीं कह सकते?
उत्तर:
फादर बुल्के संकल्प से संन्यासी थे, मन से नहीं। सामान्यतः संन्यासी के मन में किसी के प्रति विशेष लगाव नहीं होता जबकि फादर बुल्के के मन में अपनी माँ तथा परिचितों के प्रति विशेष स्नेह था। वे बखूबी रिश्ते निभाते थे। अपने कार्य के प्रति भी वे पूर्णतः संकल्प से भरे थे। संकल्प के साथ ही उन्होंने भारत की सेवा की।
(घ) ‘नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गये।’ पंक्ति में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नवाबों के स्वभाव में बनावटीपन होता है। उन्हें परिश्रम करने की आदत नहीं होती। वे स्वयं को अत्यन्त नाजुक दर्शाते हैं। इसी कारण लेखक ने नवाब साहब पर इस पंक्ति के माध्यम से सटीक व्यंग्य करके उनकी कार्य पद्धति पर तीक्ष्ण प्रहार किया है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए (2 x 3 = 6)
(क) फागुन की आभा का प्रभाव कहाँ-कहाँ दिखाई देता है? और कैसे?
उत्तर:
फागुन की आभा का प्रभाव संपूर्ण प्रकृति में दिखाई देता है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और नए निकल आते हैं। पेड़-पौधों में फूल आ जाते हैं। फूलों की खुशबू से सारा वातावरण सुगंधित और मनमोहक लगता है। ऐसा लगता है कि प्रकृति ने अपने गले में रंग-बिरंगे एवं सुगंधित फूलों की माला पहन रखी है।
(ख) ‘कन्यादान’ कविता की माँ परंपरागत माँ से कैसे भिन्न है?
उत्तर:
‘कन्यादान कविता की माँ परंपरागत माँ से पूरी तरह भिन्न दिखाई देती है। परंपरागत माँ के हृदय में भी अपनी लाड़ली बेटी के लिए ममता समाहित थी, किंतु उस समय के परिवेश के अनुसार माँ बेटी को जीवन से समझौता करते हुए स्वयं को ससुराल के अनुसार ढाल देने की सीख देती थी। माँ त्याग का जो पाठ पढ़ाती थी, उसमें शोषण के विरुद्ध आवाज न उठाकर सहनशील बने रहने की नसीहत तथा कठोर सच्चाइयाँ व चुनौतियों के आगे समर्पण कर देने का संदेश निहित होता था, किंतु अब परिवेश बदल गया है, और युग की माँग के अनुसार कविता की माँ बेटी को ससुराल में अपने व्यक्तित्व को न खोने से बचाने की सीख देती है। साथ ही उसे शोषण को न सहने, लुभावने शब्दों से सचेत रहने, पोशाकों-आभूषणों में ही मुग्ध न रहने तथा कभी जीवन से निराश ना होने का संदेश भी देती है।
(ग) ‘उत्साह’ कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर:
कविता में बादल हृदय में उत्साह के संचार और संघर्ष के लिए प्रेरित करता है। बादल मानव जीवन में नई कल्पना के लिए क्रांति ‘ चेतना को संभव करने वाला है। बादल पीड़ित-प्यासे जन की आकांक्षा को पूरा करता है। उनमें नवजीवन का संचार करता है।
(घ) वर्तमान समय के परिप्रेक्ष्य में ‘कन्यादान’ कविता की उपयुक्तता पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान समय में समाज में कई परिवर्तन आये हैं। स्वावलम्बी होते-होते समाज में स्वार्थी लोगों की संख्या बढ़ गई है। लोगों में सामाजिकता कम हो गई है। केवल अपने परिवार तक ही सिमटना लोगों का फैशन बन गया है। ऐसे में ‘कन्यादान’ कविता एकदम उपयुक्त है। समाज का दबाव कम हो जाने के कारण कन्या को स्वयं ही अपने स्वाभिमान, आत्मसम्मान व अस्तित्व की रक्षा हेतु आगे जाना पड़ेगा। वर्तमान समय की कन्या को सचेत होने की जरूरत है। उसमें उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय आदि समझने की परख होना आवश्यक है, अन्यथा उसका शोषण हो सकता है, उस पर अत्याचार किये जा सकते हैं। ऐसे में उसे अनुकरणीय साहस व सूझ-बूझ से काम लेना आवश्यक है। ‘कन्यादान’ कविता की माँ भी अपनी बेटी को यही सीख दे रही है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए (3 x 2 = 6)
(क) ‘माता का अँचल’ शीर्षक की सार्थकता बताते हुए कोई अन्य उपयुक्त शीर्षक बताइए।
उत्तर:
बालक भोलानाथ अपना अधिकतर समय अपने पिता के साथ ही बिताता था, जिससे लगता है कि वह अपने पिता के बहुत निकट है, किंतु एक बार जब भोलानाथ साँप से डरकर भागता है तो उसे छिपने के लिए माता का अँचल ही सबसे सुरक्षित स्थान दिखाई देता है। माँ भी बालक को अपने अंचल में छुपाकर, उससे सहानुभूति दिखाकर, उसकी चोटों का उपचार कर उसे भय से मुक्त करती है। अतः पाठ का शीर्षक ‘माता का अँचल’ उपयुक्त और सार्थक है। इसके अन्य शीर्षक हो सकते हैं-ममता का अँचल, बचपन के वे दिन या बचपन की स्मृतियाँ।
(ख) ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ में नाक शब्द के माध्यम से किस बात पर व्यंग्य किया गया है? इसके आधार पर हमारे जीवन मूल्यों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ में नाक शब्द सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक है। जॉर्ज की लाट पर नाक का न होना ब्रिटिश साम्राज्य के अत्याचार के खिलाफ किसी भारतीय के विरोध को दर्शाता है। किंतु फिर भी अतिथि देवो भव जैसे जीवन मूल्यों का पालन करने वाले भारतीय अपने अतिथि के सम्मान में कोई कमी नहीं रहने देना चाहते इसीलिए लाट की नाक को पुनः लगाने की कोशिश की गई।
(ग) देश की सीमा पर बैठे फौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए?
उत्तर:
देश की सीमा पर बैठे फौजी अपना जीवन कड़कड़ाती ठंड, बर्फ, गर्म रेगिस्तान, वर्षा, दलदल जैसी उन सभी विषमताओं के बीच बिताते हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्हीं के कारण हम अपने घरों में चैन की नींद सो पाते हैं। देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए सैनिकों द्वारा अपने सुख-चैन और जीवन का बलिदान देना सचमुच सराहनीय है। हमारा कर्त्तव्य है कि हम उनका सम्मान करें। उनके परिवार के प्रति सम्माननीय भाव तथा आत्मीय संबंध बनाए रखें। सैनिकों के दूर रहते हुए उनके परिवार को हर प्रकार से सहयोग दें। उन्हें अकेलेपन का एहसास न होने दें तथा विषम परिस्थितियों में उन्हें निराशा से बचाएँ।
खण्ड – ‘ख’
(रचनात्मक लेखन खंड)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित अनुच्छेदों में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)
(क) महानगरीय जीवन : वरदान या अभिशाप
- महानगर की परिभाषा
- निष्कर्ष
- महानगरों की सुविधाएँ
उत्तर:
महानगरीय जीवन : वरदान या अभिशाप
महानगरों से तात्पर्य लाखों की आबादी वाले नगरों से है। हमारे भारतवर्ष में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता तथा चेन्नई को महानगरों की संज्ञा दी गई है। यहाँ के गतिशील जीवन, भौतिक-सुख-सुविधाओं और चकाचौंध से आकर्षित होकर आजीविका प्राप्ति हेतु ग्रामीण अंचलों से प्रतिवर्ष हजारों लोग शहरों और महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। शिक्षा, व्यवसाय, रोज़गार, खेलकूद, मनोरंजन और चिकित्सा की दृष्टि से भी यहाँ उत्तम साधन उपलब्ध हैं। जनसंख्या से अब महानगरों का जीवन संघर्षमय हो गया है। जीवन की भागदौड़ में लोग अपने पड़ोसी को भी नहीं जानते। आवास की समस्या के साथ ही जल एवं वायु प्रदूषण तथा अपराधों में भी वृद्धि हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को गाँवों में रोज़गार उपलब्ध करवा के लोगों का शहरों की ओर पलायन रोकना होगा।
(ख) अनुच्छेद 370 और 35 ए पर भारत की वर्तमान स्थिति
- अनुच्छेद 370 और 35 ए का प्रारूप
- निष्कर्ष
- लागू करने का उद्देश्य
उत्तर:
अनुच्छेद 370 और 35 ए पर भारत की वर्तमान स्थिति
17 अक्टूबर, 1949 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार तो था, लेकिन सभी अन्य विषय से सम्बन्धित कानून को लागू करवाने के लिए केन्द्र को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए थी। 35 ए राज्य विधान मण्डल को स्थायी निवासी परिभाषित करने का अधिकार देता था। जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान करने के लिए जोड़ा गया यह विधेयक अपने उद्देश्य में विफल रहा। इसी के कारण भारत को कुछ पड़ोसी राष्ट्रों से सुरक्षा सम्बन्धी जटिल चुनौतियों और कश्मीर को उग्रवाद, आतंकवाद और हिंसा का बहुत लम्बे समय तक सामना करना पड़ा। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केन्द्रशासित प्रदेश बना दिये गये हैं। अब अनुच्छेद 370 का केवल खण्ड-1 लागू रहेगा जिसके अनुसार राष्ट्रपति किसी भी बदलाव का आदेश जारी कर सकते हैं।
(ग) एक नजर : नागरिकता संशोधन बिल
- नागरिकता संशोधन बिल का प्रारूप
- निष्कर्ष
- अधिनियम का उद्देश्य
उत्तर:
एक नजर : नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन बिल भारतीय राष्ट्रपति द्वारा 12 दिसम्बर, 2019 को मंजूरी दिए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों से पारित होकर 10 जनवरी, 2020 से पूरे देश में प्रभावी हो गया। इस अधिनियम द्वारा मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्रों के हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के उन उत्पीड़ित अप्रवासियों को लाभ मिलने की आशा है जिन्हें नागरिकता के लिए आवेदन करने से पूर्व ग्यारह वर्ष तक भारत में रहना अनिवार्य था। अब इस अवधि को पाँच वर्ष कर दिया गया है। इस अधिनियम के उद्देश्यों में यह स्पष्ट लिखा है कि 1 दिसम्बर, 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर लेने वाले शरणार्थियों के लिए विशेष वैधानिक व्यवस्था की आवश्यकता है। यह अधिनियम संविधान की छठी सूची में शामिल त्रिपुरा, असम, मेघालय और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों तथा अरुणाचल प्रदेश और नागालैण्ड पर लागू नहीं होगा। इस अधिनियम का विरोध प्रकट किया गया किन्तु उच्चतम न्यायालय ने सीएए पर अंतरिम रोक सम्बन्धी कोई आदेश जारी नहीं किया है।
प्रश्न 5.
विदेश यात्रा पर जाने वाले मित्र को उसकी मंगलमय यात्रा की कामना करते हुए लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए। (5)
अथवा
किसी प्रसिद्ध समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लिखिए जिसमें खाद्य वस्तुओं में मिलावट के बारे में जनता और प्रशासन को अपने दायित्व का निर्वाह करने के लिए प्रेरित किया गया हो।
उत्तर:
36 प्रेरणा बिहार,
लाजपत नगर,
दिल्ली।
दिनांक 07-12-20XX
प्रिय मित्र सुरेश,
सप्रेम नमस्कार,
आज ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर अत्यंत खुशी हुई कि तुम राष्ट्रीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजयी रहे हो। अब तुम इस प्रतियोगिता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने के लिए अमेरिका जा रहे हो।
अपनी इस अभूतपूर्व सफलता पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकार करो। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस प्रतियोगिता में अवश्य विजयी रहोगे। दृढ़ निश्चय, लगन व परिश्रम के द्वारा तुम निरंतर अपने लक्ष्य को प्राप्त करते रहोगे।
मैं तुम्हारी इस महत्वपूर्ण यात्रा के लिए तुम्हें अग्रिम शुभकामनाएँ भेज रहा हूँ। ईश्वर तुम्हारी यात्रा को मंगलमय बनाएँ और तुम इस प्रतियोगिता में विजयी होकर लौटो। ईश्वर से प्रार्थना है कि तुम अपना और अपने परिवार तथा देश का नाम ऊँचा करोगे। हमें तुम पर गर्व है।
सद्भावनाओं सहित
तुम्हारा मित्र
अ ब स
अथवा
लक्ष्मी नगर,
नई दिल्ली- 1100092
दिनांक : 08-10-20xx
मुख्य संपादक,
नवभारत टाइम्स,
जी 22, नोएडा,
उत्तर प्रदेश
विषय : खाद्य वस्तुओं में मिलावट के प्रति जागरूक करने हेतु।
निवेदन है कि मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के माध्यम से खाद्य वस्तुओं में मिलावट के प्रति जनता और प्रशासन को सचेत करना चाहती
अत्यंत खेद का विषय है कि आज बाजार में कोई भी ऐसा खाद्य पदार्थ नहीं है जिसमें मिलावट न हो। देसी घी में पशुओं की चर्बी मिलाई जा रही है तो धनिया में लकड़ी का बुरादा, इसी प्रकार अन्य मसालों यहाँ तक कि दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों में भी अत्यधिक मिलावट की जा रही है। इस प्रकार अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए लोग धड़ल्ले से खाद्य पदार्थों में मिलावट कर नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह सब सरकार और प्रशासन की जानकारी में है, किंतु वे भी अपने दायित्व के प्रति लापरवाह हैं। उन्हें जनता के स्वास्थ्य से कुछ लेना-देना नहीं है।
अतः आपसे निवेदन है कि मेरे इस पत्र को अपने सम्मानित समाचार-पत्र में स्थान देने की कृपा करें, जिससे प्रशासन को अपने दायित्व का बोध हो सके और वे जनता की भलाई के लिए खाद्य वस्तुओं में मिलावट रोकने के संदर्भ में आवश्यक कदम उठाएँ। साथ ही सामान्य जनता भी इसके प्रति जागरूक हो सके।
सधन्यवाद!
भवदीय
अब स
प्रश्न 6.
(क) ज्योति बल्ब एवं ट्यूबलाइट की बिक्री बढ़ाने हेतु एक विज्ञापन तैयार कीजिए। (2.5)
अथवा
आपके मोहल्ले में एक नया पब्लिक स्कूल खुला है उसके लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
अथवा
(ख) आपके क्षेत्र में एक नया वाटर पार्क खुला है। पर्यटकों को आकर्षित करते हुए एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
पर्यावरण विभाग की ओर से जल-संरक्षण का आग्रह करते हुए विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर:
अथवा
प्रश्न 7.
(क) दीपावली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए। (2.5)
अथवा
किसी प्रियजन के आकस्मिक निधन पर सांत्वना देते हुए अपने संबंधी को लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए।
उत्तर:
बधाई संदेश
दीपोत्सव मंगलमय हो
05 अगस्त, 20XX
प्रातः 9:00 बजे
आदरणीय चाचाजी,
जगमगाते दीपों से प्रकाशित इस मंगल बेला में विघ्नहर्ता गणेश एवं माँ लक्ष्मी की कृपा आप और आपके परिवार पर बरसे। आपका घर धन-धान्य, सुख-शांति और प्रसन्नता से भर उठे। इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ आपको सपरिवार दीपोत्सव की बहुत-बहुत बधाई।
अ.ब.स.
अथवा
सांत्वना संदेश
05 जुलाई, 20XX
प्रातः 9:45 बजे
आदरणीय मामाजी,
पूज्य नानाजी के निधन का दुखद समाचार मिला। प्रभु से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को मोक्ष एवं शांति तथा शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करें। इस दुखद घड़ी में हम सब आपके साथ हैं।
श्वेता
(ख) आपकी माताजी की अचानक तबियत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, इसकी सूचना देते हुए अपनी बहन को लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए।
अथवा
अपने परिवारीजनों को ईद के मौके पर बधाई संदेश लिखिये।
उत्तर:
संदेश
10 अगस्त, 20XX
प्रातः 8:00 बजे
प्रिय निवेदिता
आज प्रातः मम्मी की तबियत अचानक खराब हो गई थी। उन्हें साँस लेने में कठिनाई हो रही थी, इसलिए प्रातः 10:20 पर उन्हें लोटस नर्सिग होम में भर्ती किया है। डॉक्टर ने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है।
नवनीत
अथवा
संदेश
20 मई, 20XX
सुबहः 05:00 बजे
भाईजान/अम्मी ………………
ईद मुबारक हो।
अल्लाह आपको ईद के पवित्र मौके पर तमाम खुशियाँ अता फरमाएँ। आपकी हर दुआ कुबूल हो।
“ईद का त्यौहार आया है, खुशियाँ अपने संग लाया है।
सब तरफ फैले अल्लाह का नूर, आपकी हर दुआ हो कुबूल।”
आपको और आपके परिवार को भाईचारे, प्रेम और अमन का त्योहार ‘ईद-उल फितर’ बहुत मुबारक हो।
नाजिया