Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 5 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Term 2 Set 5 with Solutions
समय: 2 घंटे
पूर्णांकः 40
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं, यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए।
- लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए।
- खण्ड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खण्ड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड – ‘क’
(पाठ्य पुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक) (अंक 20)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए (2 x 4 = 8)
(क) रेम्सचैपल में फादर के साथ कौन-कौन था? उनके संबंध उनसे कैसे थे?
उत्तर:
रेम्सचैपल में फादर का भरा-पूरा परिवार था। परिवार में माता-पिता, दो भाई और एक बहन थी। पिता और भाइयों के प्रति उन्हें बहुत लगाव नहीं था। पिता व्यवसायी थे। एक भाई पादरी था और दूसरा भाई काम करता था। उनकी बहन सख्त एवं जिद्दी थी, जिसकी बहुत देर से शादी हुई थी। उन्हें अपने परिवार में केवल माँ की बहुत याद आती थी और अक्सर उनके पत्र उन्हें आते रहते थे।
(ख) नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक मिर्च बुरका, अंततः सूंघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?
उत्तर:
नवाब साहब अपनी नवाबी शान और अमीरी का झूठा दिखावा कर रहे थे। उन्होंने खीरे खाने के लिए ही खरीदे थे। पहले उन्होंने बड़े यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका और लेखक से खाने का आग्रह भी किया, किंतु लेखक के मना करने पर उन्हें भी खीरा खाने में तौहीन का अनुभव हुआ। इसलिए उन्होंने खीरे की फाँकों को एक-एक करके सूंघा और खिड़की से बाहर फेंक दिया। ऐसा करके मानो वे लेखक को यह बता देना चाहते थे कि खीरा खाकर पेट भरना तो साधारण लोगों का काम है, उनके द्वारा इन्हें सूंघना ही पर्याप्त है। इस प्रकार वे यह सब लेखक को नीचा दिखाने और अपनी अमीरी का झूठा प्रदर्शन करने के लिए कर रहे थे।
(ग) लेखक ने फादर को ‘मानवीय करुणा की दिव्य चमक’ क्यों कहा है?
उत्तर:
“फादर मानवीय गुणों से युक्त एक असाधारण व्यक्ति थे। उनके मन में सभी के प्रति कल्याण की भावना थी। उन्होंने भारत को अपनी कर्मभूमि बनाया और सभी भारतीयों को अपनत्व, वात्सल्य, ममता, करुणा, प्रेम, सांत्वना जैसे मानवीय गुणों से सींचा। उनके व्यक्तित्व में करुणा की दिव्य चमक झलकती थी। उनका जीवन अनुकरणीय और श्रद्धा के योग्य था। यही कारण था कि मृत्यु के उपरांत भी उनकी याद सबके दिल में बसी थी।
(घ) ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘लखनवी अंदाज’ नामक पाठ में लेखक यह संदेश देना चाहते हैं कि हमें अपना व्यावहारिक दृष्टिकोण विस्तृत करते हुए दिखावेपन से दूर रहना चाहिए। हमें वर्तमान के कठोर यथार्थ का सामना करना चाहिए तथा काल्पनिकता को छोड़कर वास्तविकता को अपनाना चाहिए जो हमारे आचरण और व्यवहार में भी दिखना चाहिए।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए (2 x 3 = 6)
(क) कवि बादल से क्या करने के लिए कह रहे हैं और क्यों?
उत्तर:
कवि बादल से गरजने के लिए कह रहे हैं क्योंकि ‘गरजना’ शब्द विप्लव और विरोध का सूचक है। परिवर्तन के लिए कवि बादलों का आह्वान कर रहे हैं क्योंकि उनको विश्वास है कि बादलों के गरजने से प्राणी जगत् में नई स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा तथा वे उत्साहित होकर नवजीवन निर्माण करेंगे।
(ख) ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर फागुन के सौंदर्य का चित्रण कीजिए।
उत्तर:
फागुन मास में प्रकृति की शोभा का चरमोत्कर्ष देखा जा सकता है। यह मास वसंत ऋतु का स्वागत-माह होता है। प्रकृति अपने पूरे यौवन पर होती है। यह समय शीत व ग्रीष्म ऋतु का संधिकाल होता है। फूलों से लदी वृक्षों की डालियाँ कोयल का कुहकना, शीतल मंद सुगंधित पवन का प्रवाहित होना, पक्षियों का कलरव, पतझड़ में ढूँठ हुए पेड़ों पर फिर से नव पल्लवों का आगमन और चारों ओर फैली फूलों की खुशबू मन को आनंद से भर देती है। प्रकृति में चारों ओर उन्माद छा जाता है। उस सुंदर वातावरण को देख कवि की कल्पनाएँ भी ऊँची उड़ान भरने लगती हैं, चाहकर भी प्रकृति की सुंदरता से आँख हटाने की इच्छा नहीं होती। सुंदरता प्रकृति के कण-कण में समा जाती है।
(ग) ‘कन्यादान’ कविता में माँ ने अपनी बेटी को जो सीख दी है क्या वह आज के युग के अनुकूल है? कथन के पक्ष या विपक्ष में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘कन्यादान’ कविता में वर्णित माँ एक सजग, अनुभवशील नारी है। वह अपनी पुत्री को नारी जागृति एवं सशक्तीकरण से संबंधित शिक्षा देती है। माँ अपने जीवन अनुभवों के आधार पर अपनी बेटी को सचेत करती है। वह समाज में फैली कुरीतियों के प्रति उसे जागरूक करती है। माँ चाहती है कि बेटी केवल शारीरिक सुंदरता, सुंदर कपड़ों और गहनों से भ्रमित न हो बल्कि समाज में आए परिवर्तनों को देखे। उसके हृदय में साहस और अधिकारों के प्रति जागरूकता हो। प्रायः लोग लड़की की सरलता को देखकर उसका शोषण करते हैं। माँ नहीं चाहती कि उसकी बेटी के साथ ऐसा कुछ हो। इस प्रकार प्रस्तुत कविता में माँ ने बेटी को जो सीख दी है वह आज के युगानुकूल है।
(घ) हर माँ की चाहत अपनी बेटी को दुल्हन के रूप में देखने व उसके सुखी भविष्य के सपने संजोने की होती है। आप इस विचार से कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर:
हाँ! यह बिल्कुल सत्य है कि हर माँ की चाहत अपनी बेटी को दुल्हन के रूप में देखने तथा उसके सुखी भविष्य के सपने संजोने की होती है। आज पढ़े-लिखे समाज में रोजगार के लिए भागमभाग होने के बावजूद भी एक बेटी की माँ उसे आत्मनिर्भर बनाने के साथ उसे दुनिया की सबसे खूबसूरत दुल्हन के रूप में देखने के लिए लालायित रहती है। उसका पूरा दिन इन्हीं खुशियों के पलों के लिए ताने-बाने बुनते हुए निकल जाता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए (3 x 2 = 6)
(क) ‘माता का अँचल’ पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है ?
उत्तर:
‘माता का अँचल ‘पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है उसकी पृष्ठभूमि पूर्णतः ग्रामीण परिवेश पर आधारित है। पाठ में तीस या चालीस के दशक के आसपास का वर्णन है। बच्चों का पेड़ों पर चढ़ना, साँप पकड़ना, चूहे के बिल में पानी उलीचना, चिड़िया पकड़ना, वर्षा में भीगना आदि खेल ग्रामीण परिवेश में ही संभव हैं। उस समय बच्चों का प्रकृति से बहुत जुड़ाव था। हमारा बचपन नगरीय परिवेश में बीता है, जो इस संस्कृति से पूर्णतया भिन्न है। आज तीन वर्ष की उम्र होते-होते बच्चों को नर्सरी स्कूल में दाखिल करा दिया जाता है। उनके खेल की सामग्री बाजार से खरीदे गए खिलौने होते हैं। बच्चों पर पढ़ाई का जोर होता है जो समय पढ़ाई से बचता है उसके लिए क्रिकेट, वॉलीबॉल, कंप्यूटर गेम, वीडियो गेम आदि खेल होते हैं। ऐसे में बच्चे प्रकृति से जुड़ नहीं पाते। हमारी दुनिया इस दुनिया से बिल्कुल अलग है।
(ख) समाचार पत्रों की जन जागरण में क्या भूमिका होती है? ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
समाचार-पत्रों की जन जागरण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जनतंत्र में तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। इनके माध्यम से सरकार की आवाज़ जनता तथा जनता की आवाज़ सरकार तक पहुंचती है। देश समाज अथवा विश्व में घटित होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं का विस्तृत व निष्पक्ष ब्यौरा प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी समाचार पत्रों की है। यदि समाचार पत्र अपनी भूमिका का उचित प्रकार से निर्वहन नहीं करते, घटना का सत्य जनता तक नहीं पहुँचाते तो देश के लिए उचित नहीं होता। जिस प्रकार ‘जॉर्ज पंचम की नाक’ पाठ में समाचार.पत्रों ने पूरा सत्य लोगों तक नहीं पहुँचाया। समाचार पत्रों को राष्ट्रीय हित में अपने कर्तव्य का उचित प्रकार से पालन करना चाहिए।
(ग) कवी लोंगस्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?
उत्तर:
जितने नार्गे ने कवी लोंग स्टॉक में घूमते चक्र के विषय में लेखिका को बताया कि यह प्रेयर व्हील या धर्म चक्र है,जिसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। जितेन की यह बातें सुन लेखिका सोचने लगी कि भारत की आत्मा एक सी है। हम देश के किसी भी कोने में जाएँ, चाहे कितनी ही वैज्ञानिक प्रगति कर लें, किंतु हमारी आस्था, विश्वास, अंधविश्वास और पाप-पुण्य की अवधारणाएँ एक जैसी ही हैं।
खण्ड – ‘ख’
(रचनात्मक लेखन खंड) (अंक 20)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित अनुच्छेदों में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)
(क) युवाओं का विदेश के प्रति बढ़ता मोह/विदेशी आकर्षण और युवा/प्रतिभा पलायन
• प्रतिभा पलायन के कारण
• निष्कर्ष
• समस्या के समाधान के उपाय
उत्तर:
युवाओं का विदेश के प्रति बढ़ता मोह/विदेशी आकर्षण और युवा/प्रतिभा पलायन
किसी भी देश की युवा शक्ति देश के विकास और प्रगति का मुख्य आधार होती है। किन्तु समय परिवर्तन के साथ युवाओं की सोच बदल रही है। आत्मनिर्भर बनने के बाद एक सुविधा सम्पन्न जीवन जीने की अभिलाषा में आज युवक विदेशों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। विदेशों का स्वतन्त्र वातावरण और उच्चस्तरीय जीवन-शैली के कारण विदेश जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। भारत में बढ़ती बेरोज़गारी और विदेशों में रोजगार, शिक्षा और अनुसंधान के नए अवसर प्राप्त होना भी इसका एक प्रमुख कारण है। इस प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए हमें बचपन से ही शिशुओं में देशप्रेम की भावना और राष्ट्र की जड़ों से जोड़ने वाले नैतिक मूल्य विकसित करने होंगे। साथ ही अपने देश में रोजगार और शैक्षिक अनुसंधान के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। युवाओं को उचित वातावरण में काम करने के अवसर प्रदान करने होंगे। युवाओं को भी विदेश मोह को त्याग कर अपनी प्रतिभा का प्रयोग देशहित में करने का अपना नैतिक उत्तरदायित्व समझना होगा।
(ख) स्वास्थ्य और व्यायाम अथवा छात्र जीवन में योग का महत्त्व
• व्यायाम के प्रकार
• निष्कर्ष
• विद्यार्थियों के लिए महत्त्व
उत्तर:
स्वास्थ्य और व्यायाम अथवा छात्र जीवन में योग का महत्त्व
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। कहा भी गया है-‘पहला सुख नीरोगी काया।’ शरीर को स्वस्थ रखने का एकमात्र उपाय है, नियमित व्यायाम करना। व्यक्तिगत व्यायाम में योगासन और प्राणायाम प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त प्रातः भ्रमण, तैराकी, खेलकूद, दण्ड-बैठक, भागदौड़ आदि भी व्यायाम के अंतर्गत आते हैं। इससे शरीर में रक्त का संचार ठीक होता है, शक्ति और स्फूर्ति आती है, मुख पर कांति झलकने लगती है व शरीर सुडौल, सुगठित और सुंदर बन जाता है। योग विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्त्व रखता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है तथा मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आजकल विद्यालयों में योगाभ्यास को शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है। स्वस्थ रहने के लिए हमें उचित समय, उचित मात्रा में अपनी आयु और क्षमता के अनुरूप योगाभ्यास और व्यायाम को जीवन का अनिवार्य अंग बना लेना चाहिए।
(ग) आज की माँग-संयुक्त परिवार अथवा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संयुक्त परिवार की आवश्यकता
• संयुक्त परिवार का अर्थ
• निष्कर्ष
• एकल परिवार व्यवस्था की कमियाँ
उत्तर:
आज की माँग-संयुक्त परिवार अथवा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संयुक्त परिवार की आवश्यकता
एक अविभाजित परिवार जिसमें एक से अधिक पीढ़ियों के लोग एक ही घर में मिल-जुलकर साथ रहते हैं, संयुक्त परिवार कहलाता है। इस परिवार में घर का वयोवृद्ध व्यक्ति (सामान्यतः पुरुष) मुखिया के रूप में परिवार के सभी सदस्यों के कार्यों का विभाजन, उत्पादन और उपयोग की व्यवस्था करता है। संयुक्त परिवार के सदस्य आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हैं। कोई भी विपदा आने पर सब मिलकर उसका सामना करते हैं। आज औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप एकल परिवारों की स्थापना और संयुक्त परिवारों का तेजी से होता विघटन चिंता का विषय बन गया है। धनोपार्जन में व्यस्त माता-पिता के बच्चे अकेले रहकर बुरी आदतों और मानसिक रोगों का शिकार हो रहे हैं तथा पति-पत्नी अहं का टकराव होने से अवसादग्रस्त हो रहे हैं। दूसरी ओर वृद्धों को भी उचित संरक्षण प्राप्त नहीं हो रहा। इस स्थिति को सुधारने के लिए हमारी संस्कृति की अनमोल परम्परा, हमारे संयुक्त परिवार, आज की माँग हैं।
प्रश्न 5.
अपने छोटे भाई को पत्र लिखकर वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और सद्व्यवहार की सीख दीजिए। (5)
अथवा
आप अपने नगर में एक रक्तदान शिविर का आयोजन करना चाहते हैं नगर के स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर इस कार्य के लिए डॉक्टरों की समुचित व्यवस्था हेतु अनुरोध कीजिए।
उत्तर:
ए-417, सेक्टर-12
जागृति विहार
दिनांक 19-07-20XX
प्रिय अनुज मुकेश,
शुभाशीष।
कल ही मुझे माताजी का पत्र प्राप्त हुआ जिससे मुझे ज्ञात हुआ कि दादीजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मुझे कल से उनकी बहुत चिंता हो रही है। प्रिय भाई, मुझे लगता है कि उनकी बीमारी का मुख्य कारण उनका अकेलापन है। इस उम्र में बुजुर्ग लोग सभी का प्यार चाहते हैं, किंतु अपनी व्यस्त दिनचर्या में हमारा इस ओर ध्यान नहीं जाता। मैं चाहता हूँ कि तुम उनके साथ थोड़ा समय बिताओ ताकि उन्हें अकेलापन महसूस न हो । इससे उनकी आधी बीमारी स्वतः ही दूर हो जाएगी।
प्रिय भाई, बुजर्गों के पास पर्याप्त अनुभव होता है। हमें उनके अनुभवों से सीखना चाहिए। उन्हें समाज की प्रत्येक गतिविधि में शामिल करने का प्रयास करना चाहिए। हमें वरिष्ठ नागरिकों को यह एहसास दिलाना चाहिए कि हम हमेशा उनके साथ हैं। हमें उनकी बहुत आवश्यकता है, उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है ताकि उन्हें भी लगे कि वे जब तक जिएँ शान से जिएँ।
मुझे आशा ही नहीं विश्वास है कि तुम मेरी बात का मान रखोगे और दादीजी का पूर्ण सम्मान करोगे। साथ ही उनकी देखभाल में माता-पिता को सहयोग भी दोगे। मैं भी अपना काम पूरा करके परसों तक नोएडा पहुँच जाऊँगा। माता-पिता को मेरा प्रणाम तथा छोटी बहन रचना को ढेर सारा प्यारा कहना।
तुम्हारा बड़ा भाई
अ ब स
अथवा
सेवा में,
नगर स्वास्थ्य अधिकारी,
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश।
दिनांक: 15-08-20xx
विषय : रक्तदान शिविर के आयोजन हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हम क ख ग क्षेत्र के निवासी ‘नागरिक कल्याण समिति’ के तत्वावधान में अक्टूबर माह में एक रक्तदान शिविर का आयोजन करना चाहते हैं। इस शिविर के सुगम संचालन के लिए प्रशिक्षित डॉक्टरों की उपलब्धता को ध्यान में रखकर किसी एक तारीख का निश्चय कर हमें सूचित करने की कृपा करें, जिससे हम आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर सकें।
सधन्यवाद!
भवदीय
सुधांशु कुमार
संयोजक, रक्तदान शिविर
क ख ग क्षेत्र
लखनऊ
उत्तर प्रदेश
प्रश्न 6.
(क) आपके शहर में एक नया संगीत विद्यालय खुला है इसके प्रचार-प्रसार हेतु लगभग 50 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (2.5)
अथवा
गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को निःशुल्क नृत्य सिखाने के लिए ‘नटराज’ संस्थान की ओर से अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश लेने हेतु लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
संगीत सीखने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी। शीघ्र खुल रहा है आपके नगर में!
प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद द्वारा मान्यता प्राप्त संगीत विद्यालय
सरस्वती संगीत संस्थान
विशेषताएँ-
अपनी सुविधानुसार समय में शास्त्रीय संगीत सीखें।
अनुभवी एवं योग्य शिक्षकों द्वारा संगीत की शिक्षा,
कम शिक्षण शुल्क,
विभिन्न वाद्य यंत्रों का भी प्रशिक्षण।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।
मो. XXXXXXXXXX
अथवा
गर्मी की छुट्टियाँ नृत्य के संग
‘नटराज’ (भरतनाट्यम व कत्थक में पारंगत शिक्षक)
आइए और नृत्य सीखिए।
15 जून से पहले आएं और नि:शुल्क नृत्य सिखाएं
निःशुल्क निःशुल्क निःशुल्क
आयु सीमा-4 वर्ष से 15 वर्ष तक (लड़के-लड़की)
समय – शाम 4 से 5 बजे तक
संपर्क करें- XXXXXXXXXX
(ख) पर्यावरण विभाग की ओर से ‘जल संरक्षण’ का आग्रह करते हुए लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
रजिस्टर एवं कॉपियाँ बनाने वाली ‘रचना’ कंपनी के लिए उत्पाद प्रचार हेतु एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर:
अथवा
प्रश्न 7.
(क) अपने मित्र को परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर लगभग 40 शब्दों में एक ‘बधाई संदेश’ लिखिए। (2.5)
अथवा
अपनी सखी को लगभग 40 शब्दों में नववर्ष का शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर:
संदेश लेखन
बधाई संदेश
02-07-20XX
रात्रिः 10:00 बजे
प्रिय अनिकेत,
परीक्षा में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास था कि तुम परीक्षा में अवश्य सफल होंगे। आखिरकार तुम्हारी मेहनत आज रंग लाई। मुझे अपनी मित्रता पर गर्व है।
चरम सफलता पाई तुमने, हमको बड़ा अभिमान है।
माता-पिता का मान बढ़ाया, पाया लक्ष्य महान है।
तुम सदैव इसी प्रकार उन्नति करो। मिलने पर पार्टी होगी। |
अनुभव
अथवा
संदेश
02-07-20XX
रात्रिः 10:30 बजे
प्रिय रागिनी,
आपको सपरिवार नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ। ईश्वर करे आपका आने वाला वर्ष स्वास्थ्य, समृद्धि तथा उन्नति से भरा रहे।
सुस्वागतम्, अभिनंदनम् नव वर्ष हमारा तुम्हें नमन।
तुम आओ लेकर सुख-समृद्धि, तुम जाओ देकर हर्ष-शिवम्।
आपके सुखद भविष्य की मंगलकामना के साथ।
अ.ब.स.
अथवा
(ख) आपके चाचाजी का एक्सीडेंट हो गया है। उन्हें सांत्वना देते हुए एक संदेश लगभग 40 शब्दों में लिखिए।
अथवा
किसी प्रियजन के आकस्मिक निधन पर सांत्वना देते हुए अपने सम्बन्धी अथवा मित्र को लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए।
उत्तर:
अथवा
सांत्वना संदेश
18-08-20XX
दोपहर 12:00 बजे
चाचाजी
अभी-अभी मुझे पता चला कि आज प्रातः आपका एक्सीडेंट हो गया है। आप बिल्कुल चिंता न करिएगा। मैं दो बजे तक वहाँ पहुँच जाऊँगा।
शोभित
अथवा
सांत्वना संदेश
11-07-20XX
प्रातः 09:00 बजे
प्रिय अखिल,
यह संसार प्रकृति के नियमों के अधीन है। शरीर नश्वर है, जो इस संसार में आया है समय पूर्ण होने पर उसे जाना ही होता है। प्रभु से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को मोक्ष एवं शांति तथा शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करें। इस दुखद घड़ी में हम सब आपके साथ हैं।
मयंक