Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 4 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Term 2 Set 4 with Solutions
समय: 2 घंटे
पूर्णांकः 40
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं, यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए।
- लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए।
- खण्ड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खण्ड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड – ‘क’
(पाठ्य पुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक) (अंक 20)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए (2 x 4 = 8)
(क) सेकंड क्लास के डिब्बे की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण लेखक और नवाब साहब, दोनों ने उसे यात्रा के लिए चुना।
उत्तर:
लेखक और नवाब साहब दोनों ने ही अपनी यात्रा के लिए सेकंड क्लास के डिब्बे को चुना। इस डिब्बे की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(अ) सेकंड क्लास का डिब्बा अन्य सुविधाओं से युक्त होता है।
(आ) इसका किराया अधिक होता है; अतः इसमें कम यात्री सफर करते हैं।
(इ) इसमें भीड़-भाड़ नहीं होती है।
(ई) यह डिब्बे अधिकांशतः खाली ही रहते हैं।
(ख) फादर कामिल बुल्के का जीवन किस लिए अनुकरणीय माना जाता है?
उत्तर:
फादर कामिल बुल्के का जीवन अनुकरणीय था, वे एक सच्चे इंसान थे। वे बड़े करुणा प्रिय, स्नेही, सहयोगी और आत्मीय थे। वे अपने संपर्क में आने वाले लोगों को जल्दी अपना बना लेते थे। उनमें छोटे-बड़े, अपने-पराए का मनोभाव नहीं था, किसी ऊँचे छायादार पेड़ के समान उनका व्यक्तित्व था, उनके शब्दों से शांति झरती थी और वे सबका दिल जीतना भी जानते थे।
(ग) नवाब साहब ने खीरे की एक फाँक को रेल के डिब्बे की खिड़की से बाहर फेंकने से पहले क्या-क्या क्रियाएँ सम्पन्न की?
उत्तर:
नवाब साहब ने तौलिए पर रखे दो ताजे-चिकने खीरों को उठाकर नीचे रखा और तौलिए को झाड़कर सामने बिछा लिया। सीट के नीचे लोटे में रखे हुए पानी से खिड़की के बाहर उन खीरों को धोया और उसी तौलिए से पोंछ लिया। जेब से चाकू निकालकर उन खीरों के सिरे काटकर उन्हें गोदकर उनका कड़वा झाग बाहर निकाल दिया। खीरों को बड़े ध्यान से फाँकों के रूप में काटकर तौलिए पर सजाकर रख दिया। उसके बाद उन फाँकों पर जीरा मिला नमक तथा लाल मिर्च पाउडर बुरक कर इस तरह रख दिया कि देखने वालों के मुँह में पानी आ जाए।
(घ) फादर की उपस्थिति देवदारू की छाया जैसी क्यों लगती थी?
उत्तर:
जिस प्रकार देवदारू वृक्ष की छाया के नीचे उनके छोटे-बड़े पौधों का विकास होता रहता है तथा उन्हें वात्सल्यमयी शरण मिलती है, उसी प्रकार फादर बुल्के का हृदय ममता, करुणा एवं अपनेपन से भरा था। उनकी छत्र-छाया में लेखक तथा उनके परिजन एवं मित्रों को स्नेह एवं वात्सल्य की प्राप्ति होती थी। इसीलिए फादर की उपस्थिति देवदारू की छाया जैसी लगती थी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए (2 x 3 = 6)
(क) कन्यादान कविता के आधार पर बताइए कि माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी?
उत्तर:
माँ ने बेटी को निम्नलिखित सीख दी-अपनी सुंदरता पर घमंड नहीं करना, कोमलता के पीछे अपने को कमजोर न समझना, और वस्त्र-आभूषण स्त्री जीवन का बंधन है, इस मोह से ऊपर उठना आदि।
(ख) माँ ने ऐसा क्यों कहा-“लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना”?
उत्तर:
लड़की के सभी गुणों से परिपूर्ण रहना, परंतु अपनी शिष्टता, सहनशीलता एवं मासूमियत का किसी को गलत लाभ मत उठाने देना, अन्याय के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाना, कोमलता के पीछे अपने को कमजोर न समझना, क्योंकि सामान्यतया मा. हलाओं को अबला समझा जाता है, जबकि स्त्री शक्ति की प्रतीक होती है।
(ग) कवि निराला जी बादल से बार-बार गरजने का आग्रह क्यों कर रहे हैं?
उत्तर:
कविवर निराला जी बादल से बार-बार गरजने का आग्रह करते हैं क्योंकि बादल का गरजना क्रांति का सूचक है। वे समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं, इसके लिए क्रांति की आवश्यकता है। बादल के गरजने के बाद वर्षा होती है, अतः क्रांति का परिणाम सुखद होगा और सभी लाभान्वित होंगे।
(घ) ‘पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है।’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
‘पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है।’ के माध्यम से कवि प्रकृति की मनमोहक छटा के विषय में बताना चाहता है। फाल्गुन में प्राकृतिक सौन्दर्य चारों ओर बिखरा पड़ा है। फूलों की मादक सुगन्ध जन-जन को मस्त कर रही है। जगह-जगह इतना सौन्दर्य फूटा पड़ रहा है, जो समा नहीं पा रहा है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में लिखिए (3 x 2 = 6)
(क) “आप चैन की नींद सो सकें इसीलिए तो हम यहाँ पहरा दे रहे हैं।” एक फौजी के इस कथन पर जीवन मूल्यों की दृष्टि से “साना साना हाथ जोड़ि” के आधार पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
इस कथन से फौजी के जीवन का देश के लिए त्याग और समर्पण दिखता है फौजी का जीवन अनेक कठिनाइयों से घिरा रहता है वह अपनी जान की बाजी लगाकर भी अपने देश की सेवा में सदैव तत्पर रहता है उसके लिए उसके परिवार उसके जीवन एवं उसकी खुशियों से पहले देश के नागरिकों की सुरक्षा आती है। वह देश एवं देश के नागरिकों की सेवा में 24 घंटे देश की सीमा पर विपरीत परिस्थितियों में खड़ा रहता है कभी शिकायत भी नहीं करता ताकि उसका देश एवं देश के नागरिक सुरक्षित रहें। देश के नागरिकों को भी उन सैनिकों के त्याग एवं बलिदान की सराहना करनी चाहिए और अपने अन्दर उसी प्रकार की राष्ट्र भक्ति लानी चाहिए।
(ख) झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?
उत्तर:
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका पर जादू कर रहा था। लेखिका ऐसा प्राकृतिक दृश्य देखकर एकदम स्तब्ध हो गई। अपनी सुध-बुध खो बैठी थी। ऐसा दृश्य लेखिका ने अपने जीवन में नहीं देखा था उनके बाहर भीतर सब कुछ जैसे शून्य हो गया था। यह खूबसूरती का अहसास उनकी ज्ञानेन्द्रियों से परे था।
(ग) जॉर्ज पंचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने क्या-क्या प्रयत्न किए? व्यायाम का महत्त्व
उत्तर:
जॉर्ज पंचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने सर्वप्रथम पत्थर की किस्म व स्थान पता करने की कोशिश की। पत्थर खोजने के लिए भारत के सभी पर्वतीय स्थानों पर जाकर खानों का दौरा किया। सफलता न मिलने पर भारत के सभी महापुरुषों व क्रांतिकारियों की मूर्तियों का निरीक्षण किया। यहाँ पर भी असफल होने पर बिहार में शहीद होने वाले बच्चों की नाक की नाप-खोज की। अंत में जॉर्ज पंचम की मूर्ति पर जिंदा व्यक्ति की नाक लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति प्राप्त की।
खण्ड – ‘ख’
(रचनात्मक लेखन खंड) (अंक 20)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित अनुच्छेदों में से किसी एक विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)
(क) सत्संगति का महत्त्व
• भूमिका
• सत्संगति की आवश्यकता
• उपसंहार
उत्तर:
सत्संगति का महत्व
‘संसर्गजा दोषगुणाः भवन्ति’-संसर्ग से ही दोष और गुण उत्पन्न होते हैं। ‘सत्संगति’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है-‘सत्’ और संगति अर्थात् अच्छी संगति। सत्पुरुषों के साथ निवास। जिनके विचार अच्छी दिशा की ओर ले जायें सत्संगति कहलाती है। मनुष्य जिस वातावरण में अपना अधिक समय व्यतीत करता है उसका प्रभाव उस पर अनिवार्य रूप से पड़ता है। मनुष्य ही नहीं पशुओं एवं वनस्पतियों पर भी इसका असर होता है। माँसाहारी पशु को यदि शाकाहारी प्राणी के साथ रखा जाये तो उसकी आदतों में स्वयं ही परिवर्तन हो जायेगा। यही नहीं मनुष्य को भी यदि अधिक समय तक मानव से दूर पशु-संगति में रखा जाये तो वह भी शनैः-शनैः मनुष्य-स्वभाव छोड़कर पशु-प्रवृत्ति को ही अपना लेगा। सत्संगति के अनेक लाभ हैं।
सत्संगति मनुष्य को सन्मार्ग की ओर अग्रसर करती है। सत्संगति व्यक्ति को उच्च सामाजिक स्तर प्रदान करती है। विकास के लिए सुमार्ग की ओर प्रेरित करती है। बड़ी-से-बड़ी कठिनाइयों का सफलतापूर्वक सामना करने की शक्ति प्रदान करती है और सबसे बढ़कर व्यक्ति को स्वाभिमान प्रदान करती है। सत्संगति के प्रभाव से पापी पुण्यात्मा और दुराचारी सदाचारी हो जाते हैं। अंगुलिमाल ने महात्मा बुद्ध की संगति में आने से हत्या, लूटपाट के कार्य को छोड़कर सदाचार के मार्ग को अपनाया। संतों के प्रभाव से आत्मा के मलिन भाव दूर हो जाते हैं तथा वह निर्मल बन जाता है। सत्संगति एक प्राणवायु है जिसके संसर्ग मात्र से मनुष्य सदाचरण का पालक बन जाता है। ‘सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। पारस परस कुधातु सुहाई’-तुलसीदास की इस पंक्ति से सत्संगति का महत्व स्वतः सिद्ध हो जाता है।
(ख) व्यायाम का महत्त्व
• भूमिका
• व्यायाम का महत्त्व
• उपसंहार
उत्तर:
व्यायाम का महत्त्व
शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् अर्थात् शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का एकमात्र साधन है, अतः शरीर को स्वस्थ रखना अति आवश्यक है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास है। शरीर को चिकित्सा के बिना ही स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम सबसे उत्तम साधन है। मानव शरीर एक मशीन की तरह है। जिस प्रकार एक मशीन को काम में न लाने पर वह ठप्प पड़ जाती है, उसी तरह यदि शरीर का भी उचित संचालन न किया जाये तो उसमें कई तरह के विकार आने लगते हैं। व्यायाम शरीर के संचालन का एक अच्छा तरीका है। यह शरीर को उचित दशा और दिशा में रखने में सहायता करता है। व्यायाम के लिए अनेक प्रकार के आसनों की व्यवस्था की गई है। कुछ लोग दौड़ लगाते हैं तो कुछ दण्ड-बैठक करते हैं।
बच्चे खेल-कूद कर अपना व्यायाम करते हैं। बुजुर्ग सुबह-शाम तेज़ चाल से टहलकर अपना व्यायाम करते हैं। नवयुवकों में व्यायाम-शालाओं में जाकर व्यायाम करने की प्रवृत्ति पाई जाती है। व्यायाम चाहे किसी भी प्रकार का हो, इससे बहुत लाभ होता है। शरीर में ताज़गी आती है तथा यह सुगठित बन जाता है। व्यायाम करने के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम होता है। प्रात:काल में सूर्योदय से पूर्व जगकर व्यायाम करने से तन तथा मन दोनों स्वस्थ तथा नियन्त्रित रहते हैं। सुबह की वायु स्वच्छ व स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। अतः प्रत्येक को व्यायाम के प्रति कटिबद्ध होकर बीमारियों से शरीर को दूर रखना चाहिए।
(ग) कोरोना वायरस
• कोरोना संक्रमण
• लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव
• उपसंहार
उत्तर:
कोरोना वायरस
दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से शुरू हुआ कोविड-19 या कोरोना वायरस अत्यंत सूक्ष्म किन्तु घातक वायरस है। इस वायरस ने विश्व के अनेक देशों में लाखों लोगों को अकाल मृत्यु का शिकार बना दिया है। कोरोना के प्रारम्भिक लक्षण हैं-सर्दी, जुकाम, बुखार, नाक बहना, गले में खराश और बाद में साँस लेने में तकलीफ होना। गंभीर स्थिति में इससे किडनी फेल तथा मृत्यु भी हो जाती है। इससे बचाव के लिए आवश्यक है कि हम बार-बार साबुन से हाथ धोएँ, अनावश्यक रूप से घर से न निकलें, सामाजिक दूरी का पालन और मास्क का उपयोग करें तथा स्वयं संक्रमित होने पर अन्य लोगों से दूरी बनाकर रखें।
कोरोना के संक्रमण को तेजी से फैलने से रोकने हेतु सरकार द्वारा समय-समय पर लॉकडाउन घोषित किया गया। सभी सार्वजनिक स्थल; होटल, सिनेमाघर आदि बंद कर दिए गए। सभी शिक्षण संस्थाएँ बंद करके विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण सुविधा प्रदान की जा रही है। वर्तमान समय में भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों ने भी कोरोना वायरस के लिए टीका (वैक्सीन) बना लिया है तथा समस्त नागरिकों को उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वैक्सीन की निर्देशानुसार खुराक लेना आवश्यक है; साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों का पालन करें, स्वस्थ आहार लें, व्यायाम करें तथा अफवाहों से बचें।
प्रश्न 5.
आपसे अपने बचत खाते की चैक बुक खो गई है। इस संबंध में तत्काल उचित कार्यवाही करने के लिए निवेदन करते हुए बैंक प्रबंधक को लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए। (5)
अथवा
प्रधानाचार्य को लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय में विज्ञान की दो पत्रिकाएँ मँगाने की प्रार्थना की गई हो।
उत्तर:
सेवा में,
शाखा प्रबंधक
दिल्ली को-आपरेटिव बैंक,
शाखा लाजपत नगर,
नई दिल्ली
दिनांक 8 जून, 20XX
विषय : चैक बुक खोने की सूचना हेतु।
महोदय,
निवेदन है कि आपके बैंक में मेरा एक बचत खाता 0059018XXX2 है। इसका संचालन करने के लिए मुझे 10 चैकों की एक बुक (37XX01-37XX10) मिली थी। दो दिन पहले वह चैक बुक कहीं पर खो गई है। इससे मुझे बड़ी असुविधा हो रही है। इस संबंध में जो भी आवश्यक समझें, वैसी उचित कार्यवाही करें। शेष उसका दुरुपयोग न हो, अत: उन पर भुगतान रोक दिया जाए। मुझे नई चैक बुक जारी करने की कृपा करें, ताकि मैं बैंक खाते का आगे से सुचारु संचालन कर सकूँ।
धन्यवाद!
भवदीय
रामकुमार चौधरी
WN-99/201ए वृंदा कालोनी,
नई दिल्ली
अथवा
सेवा में,
प्रधानाचार्य
सरस्वती बाल विद्यालय,
हरिनगर
विषय : पुस्तकालय में दो पत्रिकाएँ मँगाने का निवेदन।
श्रीमान जी,
विनयपूर्वक निवेदन है कि हमारे विद्यालय में विज्ञान संबंधी कोई श्रेष्ठ पत्रिका नहीं आती। मैं व मेरे साथी ‘विज्ञान-प्रगति’ नामक पत्रिका नियमित पढ़ना चाहते हैं। इससे हमारा ज्ञान बढ़ेगा। साहित्यिक दृष्टि से ‘आजकल’ पत्रिका भी पुस्तकालय में मँगाएँ ताकि हम नया और श्रेष्ठ साहित्य पढ़ सकें। इन्हें पढ़कर हमें निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा। आशा है, हमारा यह निवेदन स्वीकार होगा।
धन्यवाद!
आपकी आज्ञाकारिणी
पूजा
अनुक्रमांक- 175
दिनांक 27 मार्च, 20XX
प्रश्न 6.
(क) आपके विद्यालय में वार्षिक खेल दिवस पर समस्त पुराने विद्यार्थी व अभिभावकों को सहर्ष आमंत्रित कीजिए। (2.5)
अथवा
नटराज पेंसिल के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
अथवा
(ख) रीयल आइसक्रीम का एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में बनाइए। (2.5)
अथवा
हेलमेट बनाने वाली एक कंपनी के लिए एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
उत्तर:
अथवा
प्रश्न 7.
(क) अपने मित्र को जन्मदिन की शुभकामनाएँ देते हुए लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए। (2.5)
अथवा
अपने बड़े भाई को प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर लगभग 40 शब्दों में बधाई संदेश लिखिए।
उत्तर:
संदेश लेखन
बधाई संदेश
01-07-20xx
प्रात: 8:00 बजे
प्रिय अभिनय,
जन्मदिन की असंख्य शुभकामनाएँ।
“तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों पचास हजार”
ईश्वर तुम्हें स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि, यश एवं बुद्धि प्रदान करे। आने वाला प्रत्येक नया दिन तुम्हारे जीवन में अनेक खुशियाँ और अपार सफलताएँ लेकर आए। समस्त परिवार को बहुत बधाई।
अभिषेक
अथवा
बधाई संदेश
02-07-20XX
प्रातः 10:00 बजे
आदरणीय भाई,
प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्ति पर आपको हार्दिक बधाई। निश्चय ही यह आपके अथक परिश्रम और निरंतर अभ्यास का परिणाम है। हम सबको आपकी इस उपलब्धि पर बहुत गर्व है। ईश्वर आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करे।
गौरव
(ख) भगवद् गीता पाठ के आयोजन की सूचना देते हुए संबंधी को लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए। (2.5)
अथवा
मयंक को अपने पिताजी के मित्र श्री अग्रवाल जी का घर के दूरभाष पर संदेश प्राप्त होता है कि उन्होंने कुछ जरूरी फाइल पिताजी को ई-मेल पर भेजी हैं और उसके पिताजी फोन नहीं उठा रहे हैं। विद्यालय जाने से पूर्व मयंक द्वारा बाजार गई हुई माँ के नाम एक संदेश लिखिए।
उत्तर:
संदेश
10 अगस्त, 20XX
सायं 6:00 बजे
आदरणीय बुआजी,
दिनांक 12 अगस्त से हमारे यहाँ भगवद् गीता पाठ का आयोजन दोपहर 2 बजे से प्रतिदिन होगा। 18 को पाठ का समापन तथा 19 को महाभोज होगा। आप कार्यक्रमानुसार सपरिवार पधारें।
आदित्य
अथवा
संदेश
15-07-20XX
प्रातः 7:00 बजे
माताजी,
पिताजी के मित्र अग्रवाल अंकल का फोन आया था। उन्होंने पिताजी को ई-मेल द्वारा कुछ जरूरी फाइल भेजी हैं। आप पिताजी को सूचित कर दीजिएगा। वे अंकल का फोन नहीं उठा रहे हैं। मैं विद्यालय के लिए निकल रहा हूँ।
मंयक